उद्देश्य / OBJECTIVE इस अध्ययन के समाप्त होने के बाद आपको निम्न के बारे में जानकारी हो जाएगी।
1. खुले और बंद फ्रैक्चर एवं उनके लक्षण ।
2. डिसलोकेशन, मोच और खिंचाव ।
3. मस्कुलोस्केलेटल चोटों के लिए स्प्लिंटिंग की विधि सीखेंगे।
4. फ्रैक्चर, डिसलोकेशन, मोच और खिंचाव के लिए प्री-हॉस्पिटल उपचार ।
5. प्री-हॉस्पिटल देखभाल के दौरान संक्रमण को रोकने की तकनीकों को जानेंगे।
परिचय/ INTRODUCTION मानव शरीर विभिन्न प्रकार की हड्डियो एवं मांसपेशियों से मिलकर बना है। एक वयस्क व्यक्ति में 206 हड्डियाँ होती हैं, जो तीन प्रकार की मांसपेशियां पाई जाती है जिनकी सहायता से मानव शरीर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संभव हो पाती है। किसी दुर्घटना या आपदा के दौरान इन मांसपेशियों एवं हड्डियों में चोटों का लगना आम बात है जिसका उपचार सामान्य प्रकार से किया जा सकता है।
हड्डियां / BONES
मानव कंकाल Human skeleton
जोड़ हड्डियों के वे सिरे होते हैं जो एक दूसरे में फिट होते हैं । अचल जोड़ – खोपड़ी थोड़ा गतिशील जोड़- रीढ़ स्वतंत्र रूप से गतिशील जोड़- कंधा , टखना जोड़ /JOINT
लिगामेंट हड्डियों को जोड़ते हैं और जोड़ों पर उन्हें एक साथ रखते हैं । टेंडन कंकाल की मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ती हैं । 9 Ligaments and Tendons
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कंकाल / हड्डियों के कार्य शरीर के लिए एक ढांचा प्रदान करता है . महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा करता है . शरीर की गति के लिए सहायता प्रदान करता है । रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है . खनिजों का भंडारण .
फ्रैक्चर (हड्डी टूटना): फ्रैक्चर को हड्डी की निरंतरता में टूटन के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह सीधे आघात, तनाव, या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के कारण हो सकता है। फ्रैक्चर के प्रकार: 1. बंद फ्रैक्चर
2. खुला फ्रैक्चर 12 फ्रैक्चर / FRACTURES
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बंद फ्रैक्चर/ CLOSE FRACTURE ऐसा फ्रैक्चर जिसमें ऊपरी त्वचा ठीक हो एवं हड्डी की चोट त्वचा के अंदर हो। इसमें संक्रमण का जोखिम कम होता है।
खुला फ्रैक्चर/OPEN FRACTURE ऐसा फ्रैक्चर जिसमें ऊपरी त्वचा फट गई हो एवं हड्डी त्वचा के बाहर आ गई हो। इस प्रकार के फ्रैक्चर में रक्तस्राव होता है एवं संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए ड्रेसिंग एवं बैंडेजिंग करना आवश्यक है।
बंद और खुला फ्रैक्चर
फ्रैक्चर के प्रकार
मानव शरीर में एक हड्डी दूसरी हड्डी से जोड़ के माध्यम से जुड़ी होती है जिसमें एक या दोनों हड्डी का अपनी वास्तविक स्थिति से हट जाना अस्थि विस्थापन कहलाता है। अस्थि विस्थापन/ DISLOCATION
DISLOCATION
मोच और खिंचाव / Sprain & Strain
ऐसी चोट जिसमें हड्डी से हड्डी को जोड़ने वाली मांसपेशी(लिगामेंट) खिंच जाते है या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते है। मोच / SPRAIN
ऐसी चोट जिसमें हड्डी से मांसपेशी को जोड़ने वाली मांसपेशी (टेंडन) खिंच जाती है या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती है। STRAIN
Note हड्डी में विस्थापन, फ्रैक्चर, मोच या खिंचाव सभी एक साथ हो सकते है। इस अध्याय का उद्देश्य हड्डियो की चोट या टूटना और मांसपेशियों में मोच या तनाव का उपचार समान्य विधियों द्वारा करना है। हड्डियों का टूटना, मोच या तनाव में अंतर करना हो तो सामुदायिक उत्तरदाता को इसका उपचार हड्डियों का टूटना मानकर करना चाहिए।
Signs and Symptoms of Musculoskeletal Injuries सूजन . धड़कन या हरकत पर दर्द और कोमलता। विकृति या कोणीयता: विपरीत अंग से तुलना करें .
Signs and Symptoms of Musculoskeletal Injuries क्रेपिटस (झंझरी) ) चोट या रंग परिवर्तन उजागर हड्डी के सिरे
Signs and Symptoms of Musculoskeletal Injuries किसी जोड़ या अंग को हिलाने में असमर्थता। सुन्नपन और झुनझुनी
SPLINTING किसी चोट या फ्रैक्चर, अस्थि विस्थापन, मोच आदि को अस्थाई तौर पर स्थिर करने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री को खपच्ची कहते है। इसका उपयोग फ्रैक्चर, अस्थि विस्थापन, मोच आदि को स्थिर करने के साथ साथ दर्द और तकलीफ को कम करना, अन्य ऊतकों को अधिक हानि होने से बचाना है।
स्प्लिंटिंग के कारण / Reasons for Splinting हड्डी के टुकड़ों या अव्यवस्थित जोड़ों की गति को रोकने के लिए दर्द और पीड़ा को कम करने के लिए कोमल ऊतकों को होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए (उदाहरण के लिए, तंत्रिकाएँ, धमनियाँ, शिराएँ और मांसपेशियाँ) .
Reasons For Splinting बंद फ्रैक्चर को खुला फ्रैक्चर बनने से रोकने के लिए। रक्त की हानि या आघात को न्यूनतम करना।
Types of Splinting Rigid splint Conforming splint Traction splint Sling and swathe Improvised splints
Pre-hospital Treatment आरंभिक आंकलन करना :- इसके अंतर्गत प्राणघातक समस्या का पता लगाकर पहले इसके उपचार प्रदान करे एवं सांस की समस्या हो तो वायुमार्ग खुला रखना एवं कृत्रिम सांस प्रदान करने की कार्यवाही करे । यदि रक्त स्राव हो रहा हो तो उसे नियंत्रित करे ।
Pre-hospital Treatment रोगी में चोटों के चिन्ह एवं लक्षण के द्वारा भौतिक परीक्षण किया जाए । जिसमें खुली चोटे , विकृति,कोमलता,सूजन,अस्तिविस्थापन और पेट की कठोरता की जांच करें । भौतिक परीक्षण करना
Pre-hospital Treatment भौतिक परीक्षण करना यदि रोगी में फ्रैक्चर के दौरान हड्डी बाहर आ गई हो तो उसे वापस अंदर डालने या हिलाने डुलाने का प्रयास न करें। उसे उसी स्थिति में स्थिर कर दें । यदि चोट की जगह पर कपड़े इत्यादि हो तो उन्हें हटा ले । यदि रोगी गहने,जूते इत्यादि पहना हो तो उन्हें भी उतार लिया जाए क्योंकि सूजन बढ़ने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है ।
Pre-hospital Treatment भौतिक परीक्षण करना यदि रोगी को फ्रैक्चर या मोच हो तो उसे खपच्ची के द्वारा स्थिर किया जाना चाहिए एवं खपच्ची लगाने के पहले एवं बाद में खपच्ची के आगे वाले भाग पर स्पर्श करके देखें कि रोगी आपके स्पर्श को महसूस कर रहा है या नहीं । यदि संभव हो तो सूजन एवं दर्द को कम करने के लिए ठंडा पैक या बर्फ का प्रयोग करें ।
PRECAUTION FROM INFECTION FOR OWN AND OTHERS 1. अपने हाथ धोना जब संभव हो,प्राथमिक उपचार देने से पहले अपने हाथ धो ले । प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद हमेशा अपने हाथों को धो ले एवं तुरंत कुल्ला कर लें । 2. यदि आपके हाथों पर किसी भी प्रकार का घाव या कट हो तो उसे कवर करें यदि संभव हो तो,दस्ताने पहने,लेकिन फिर भी अपना हाथ धो ले आप अपने हाथों को एक साफ प्लास्टिक बैग में डाल सकते है । प्रयास यह करना चाहिए की संक्रमण से पूर्ण बचाव हो ।
PRECAUTION FROM INFECTION FOR OWN AND OTHERS 3. रक्त के साथ संपर्क से बचें यदि कोई व्यक्ति का रक्त स्राव हो रहा हो,तो उन्हें स्वयं घावों पर दबाव डालने के लिए कहें । यदि व्यक्ति बहुत बीमार है तब,आपको बहुत साफ कपड़े या गौज का उपयोग करना चाहिए और खून या घाव पर एक अवरोधक ( शीर्ष पर एक प्लास्टिक की थैली ) का उपयोग किया जा सकता है । 4. रक्त को ध्यान से साफ करें खून से भीगी हुई पट्टियों को जलाएं,या प्लास्टिक की थैलियों में उन्हें डालकर जमीन के अंदर गहरा दफनाए । घरेलू सामग्री का उपयोग किया गया है तो उसे गरम पानी से धोएं एवं यदि कपड़ों में रक्त लगा हो तो उसे भी गरम पानी से धोया जाए ।