60डॉ. िे. एल. मीना : पी.एच.िी. िे एन.एम.िी. तक
आशुतोष- और अंत में ह जानना चाहता हूं कि आप आज जिन बुलंदिों पर
हैं, हां तक पहुंचने में किन-किन लोगों, सहोगिों, दोस्तों का ोगदान रहा है?
डॉ. मीना- आपने बहुत ही जरूरी प्रश्न पूछा है। यह सच है कि हर किसी की
सक्सेस में जीवन के तमाम पड़ावों पर बहुत से लोगों का सहयोग, स्नेह एवं पर
शामिल होता है। मेरा भी जीवन इस लॉजिक से इतर नहीं रहा है। मु झे भी सबका
सहयोग, स्नेह एवं आशीर्वाद मिलता रहा है। जैसे कि बचपन से ही माता-पिता, भैया-
भाभी, बहन, भतीजे, भतीजी का और शादी के बाद सास-ससुर, साले-साली का और
स्कूल के आदरणीय गुरुजनों (श्री बाबू लाल जी, श्री घनशम जी, श्री महेंद्र कुमार
जी इत) और कॉलेज के आदरणीय गुरुजनों (डॉ. बनर्जी मैडम, डॉ. चतुर्वेदी सर,
डॉ. सचदेवा मैडम, बनारस वाले गुरुजी - मिश्रा जी, इत) का भरपूर सहयोग,
मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद मिला।
जब सर्विस में आया, तब तो मेरे सीनियर्स आर.जे. पटेल सर, मैडम रीता टियोटिया,
अमरजीत सिंह सर, प्रभाकर जी, दिनेश अरोड़ा सर आदि का खूब सहयोग एवं मार्गदर्शन
मिला। इस दौरान मुझे गुजरात एवं केन्द्र के तमाम राजनीतिज्ञों का भी मार्गदर्शन मिला।
उनके विजन एवं मार्गदर्शन के बिना भारत में क्वालिटी हेल्थ केयर में जितना काम हुआ
है, शायद नहीं हो पाता। ऐसे में तत्कालीन मुखमंत्री एवं वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी जी, स्वास्थ मंत्री भारत सरकार श्री जगत प्रकाश नड्डा जी, पूर्व स्वास्थ मंत्री
मनसुख एल. मांडविया जी का जहां केन्द्र में मार्गदर्शन मिला, वहीं राज में पूर्व मुखमंत्री
एवं वर्तमान गवर्नर आदरणीय आनं दी बेन पटेल जी, पूर्व स्वास्थ मंत्री श्री जय नारायण
वस जी, श्री राठौड़ जी, श्री मगा भाई धारजी एवं पूर्व स्वास्थ मंत्री श्री अशोक भट्ट जी
सहित तमाम लोगों का स्नेह-पर एवं मार्गदर्शन मुझे मिलता रहा।
इसके अलावा जहां भी मैंने काम किया, मेरे सभी सहयोगी कर्मियों का भरपूर
सहयोग मिला। इतना ही नहीं, यदि सर्विस में मैं खुल कर काम कर पाया, तो इसके पीछे
मेरी जीवन संगिनी नम्रता जी और बच्चों (ज, दीपक) की भी अहम् भूमिका रही है।
कहते हैं कि दोस्तों के बिना जीवन अधूरा होता है। प्रकाश, धर्मेंद्र, सुरेश, महेंद्र,
हेमंत, गुंजन, हंसा, नीरज, गिरधर ज्ञानी, पवन कपूर, भंडारी, संदीप, आशुतोष, विशेषतः
राकेश जी आदि दोस्तों का मेरे जीवन को रचनात्मक बनाने में बहुत सहयोग रहा। ऐसी
ही एक दोस्त, जो सिर्फ मेरी ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार के हर सुख-दुख की साथी हैं,
“परिवार की परी - स्वाति जी” और उनके परिवार का भी खूब सहयोग मिला।
कहते हैं, सर्वशक्तिमान की कृपा के बिना तो कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। मैं अपनी
अाराध उस ️शिवशक्ति माँ को बारम्बार प्रणाम करता हूं, जो मेरे जीवन के सभी कष्टों को
हरने वाली हैं।