This PPT about perception and determinant of perception.
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Added: Sep 28, 2022
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PERCEPTION प्रत्यक्षीकरण Meaning and determination PRESENTED BY ROSHANI KASHYAP INSTRUCTOR - MANJARI SHARMA MA’AM
OVERVIEW INTRODUCTION DETERMINANT’S OF PERCEPTION Role of personal factors in perception Role of social factors in perception Role of cultural factors in perception Conclusion
संवेदना + अर्थ + सोच + स्मृति = प्रत्यक्षीकरण Stimuli + Meaning + Thought + Memory = Perception MEANING OF PERCEPTION
INTRODUCTION Perception is the organization, identification and interpretation of sensory information in order to represent and understand the presented information or environment. Perception means perceiving i.e. giving meaning to the environment around us. Perception is the process by which people select, organize and interpret information to from a meaningful picture of the world.
Perception की परिभाषा प्रत्यक्षीकरण का अर्थ संवेदनाओं के अर्थ की व्याख्या करना है। प्रत्यक्षीकरण परिस्थिति का अपरोक्ष ज्ञान कराने वाली मानसिक प्रक्रिया है। प्रत्यक्षीकरण की क्रिया में केवल किसी वस्तु का परिचय ही नही होता, बल्कि उसके विषय में ज्ञान भी होता है। किसी विशेष परिस्थिति में आप चीजों को कैसे देखते है, वह प्रत्यक्षीकरण हैं । आसगुड के शब्दों में – “प्रत्यक्ष शब्द का तात्पर्य परिवत्यों के एक ऐसे समूह से है जो ऐच्छिक संवेदनाओं और चेतना के मध्य हस्तक्षेप करता हैं
प्रत्यक्षण को निर्धारित करने वाले कारक FACTORS INFLUENCING PERCEPTION Role of personal factors in perception Role of social factors in perception Role of cultural factors in perception
Role of Personal factors in perception प्रत्यक्षीकरण के लिए perceiver का शारीरिक आवश्यकताओं ( Physiological need) and मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं (psychological need) perception का निर्धारण करता है। PHYSIOLOGICAL NEED Perceiver physiological need के अनुरूप stimuli ( उद्दीपक ) का प्रत्यक्षण करता है। Ex.- Famous Experimental psychologist Osgood ( Osgood, 1953) बताते हैं कि जब वे भोजन लिए जाते थे , तो रास्ते में एक दफ्तर मिलता था जिसका नाम “400D” था , और वह प्रायः उसे “FOOD” पढ़ा करते थे ।
PSYCHOLOGICAL NEED Perception पर Perceiver के मानसिक वृत्ति (Mental Set) का भी प्रभाव पड़ता है । मानसिक वृत्ति से तात्पर्य एक विशेष तरह की मानसिक तत्परता (Mental readiness) से होती है । प्रायोज्यों में विशेष शाब्दिक निर्देश देकर मानसिक तत्परता उत्पन्न की जाती है । Ex.- Leep ( Leep , 1935) ने सास बहू आकृति के सहारे इसका अध्ययन किया । Role of Personal factors in perception (contd.)
Leep ( Leep , 1935) सास बहू आकृति इस प्रयोग में प्रयोज्यो के 3 ग्रुप थे । एक नियंत्रित समूह ( Controled Group) तथा दूसरा पहला प्रयोगात्मक समूह (Experimental Group) तथा तीसरा दूसरा प्रयोगात्मक समूह पहला ग्रुप को आकृति दिखाकर उसका वर्णन करने के लिए कहा गया , जबकि पहला प्रयोगात्मक समूह को आकृति देखने से पहले शाब्दिक रूप से आकृति के बारे में बताया गया , आधे समूह को वृद्धा के आकृति के बारे में बताया गया तथा आधे को युवती की आकृति के बारे में बताया गया , जबकि दूसरे प्रयोगात्मक समूह को आकृति दिखाने से पहले अलग-अलग भी विधा और युवती की आकृति दिखाई गई
Result रिजल्ट में यह पाया गया कि नियंत्रित समूह के करीब 65% प्रायोज्यों ने मिश्रित सास बहू आकृति में युवती के आकृति को देखा । तथा प्रथम प्रयोगात्मक समूह के सदस्यों में जिन्हें युवती के बारे में बताया था उन्होंने अधिकतर समय युवती को देखा तथा जिन्हें वृद्धा के बारे में बताया गया था उन्होंने वृद्धा को देखा । इसी प्रकार तीसरे समूह अर्थात दूसरे प्रयोगात्मक समूह जिसमें perceptually निर्देश दिया गया था कुछ ने वृद्धा का तस्वीर का प्रत्यक्षण किया और कुछ ने युवती की आकृति का प्रत्यक्षण किया ।
Role of cultural factors in perception Cultural factors jaise की चीनी लोग कुत्ते बिल्लियों को खाते है, जबकि अमेरिका भारत में ऐसा नहीं हैं ।
Role of social factors in perception Social factors किसी भी मनुष्य का प्रत्यक्षीकरण में भूमिका होती है Social factors के अंतर्गत सामाजिक मनोवृत्ति (social attitude) , सामाजिक मानक (social norms), सामाजिक सुझाव (social suggestion), प्रचार (Advertisement) आता है।
Social attitude ( Zelling , 1952) 2 समूह में व्यायाम सिखाकर परीक्षण किया , जिसमें एक समूह के छात्र अपने सहपाठियों के प्रति मनोवृत्ति अनुकूल थे जबकि दूसरा समूह सहपाठियों के प्रति मनोवृत्ति प्रतिकूल थे । प्रतिकूल समूह को अच्छे से प्रशिक्षण दिया गया था जबकि अनुकूल समूह को जानबूझकर ऐसा प्रशिक्षण दिया गया जिससे इनसे गलतियां हो । सहपाठियों से यह अनुरोध किया गया कि दोनों समूह के छात्रों द्वारा व्यायाम करते समय होने वाली त्रुटियों को लिखते जाए, परिणाम में देखा गया कि जिस समूह के प्रति उनकी मनोवृत्ति अनुकूल थी उनके व्यायाम में उन्होंने कोई त्रुटि का प्रत्यक्षण नहीं किया तथा इस समूह की मनोवृति प्रतिकूल थी उनके व्यायाम में उन्हें काफी त्रुटि नजर आई हालांकि सच्चाई यह थी कि अनुकूल मनोवृति वाले समूह द्वारा प्रति कुलपति वाले समूह की अपेक्षा अधिक त्रुटि की जा रही थी इस प्रयोग के परिणाम से यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यक्ति की मनोवृति का प्रभाव उसका प्रत्यक्षण पर पड़ता है
सहपाठियों से यह अनुरोध किया गया कि दोनों समूह के छात्रों द्वारा व्यायाम करते समय होने वाली त्रुटियों को लिखते जाए , परिणाम में देखा गया कि जिस समूह के प्रति उनकी मनोवृत्ति अनुकूल थी उनके व्यायाम में उन्होंने कोई त्रुटि का प्रत्यक्षण नहीं किया तथा इस समूह की मनोवृति प्रतिकूल थी उनके व्यायाम में उन्हें काफी त्रुटि नजर आई हालांकि सच्चाई यह थी कि अनुकूल मनोवृति वाले समूह द्वारा प्रति कुलपति वाले समूह की अपेक्षा अधिक त्रुटि की जा रही थी इस प्रयोग के परिणाम से यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यक्ति की मनोवृति का प्रभाव उसका प्रत्यक्षण पर पड़ता है | Social norms( सामाजिक मानक ) जैसे हिंदू गाय को माता कहते हैं , जबकि मुसलमानों के लिए ऐसा नहीं हैं । 786 को lucky number मानना भी एक social norms हैं । Social suggestion
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CONCLUSION किसी भी चीज के लिए हम perception current situation को देखकर बनाते है। अपने environment को perception हम अपने sense के माध्यम से करते हैं । आसपास के चीजों को meaning देना ही प्रत्यक्षण है ।