A.K. P.G. COLLEGE Shikohabad . Firozabad(U.P.) . Project. File Session (2021-2022)
Subject-Understanding Discipline and subject Topic –National Education Policy 1986 Supervised by:. Submitted by: Dr. Sanjay Yadav sir Name-Vinod Gautam Dr. Alok Pandey Sir Class- B.Ed. 1 st year Serial Number - 80
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 व इसके दस्तावेज ,मूल तत्व तथा गुण और दोष
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 परिचय :- भारतीय शिक्षा आयोग का गठन सन 1964 में किया गया था|इसने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को पूरे देश में समान शिक्षा संचार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण करने के लिए कहा|आयोग की इस बात पर चर्चा हुई और सन 1968 में भारत सरकार ने यह स्वीकार किया कि देश के लिए आर्थिक सामाजिक और राष्ट्रीय विकास के लिए राष्ट्र शिक्षा नीति का निर्माण करना अति आवश्यक है |इसी आधार भारत सरकार ने 24 जुलाई 1968 को स्वतंत्र भारत की पहली शिक्षा नीति की घोषणा की तथा इस पर अमल होना प्रारंभ किया| मार्च 1977 में केंद्र में जनता दल की सरकार बनी|इस सरकार के बनते हैं एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण हुआ तथा 1979 में उसे घोषित कर दिया गया|
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू भी नहीं किया गया था कि केंद्र में दोबारा 1981 में कांग्रेस सत्ता में आ गई|तथा श्रीमती इंदिरा गांधी जी दोबारा प्रधानमंत्री बनी| उन्होंने दोबारा से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 के अनुपालन पर जोर दिया| इसी समय इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई और उनके स्थान पर राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया| राजीव गांधी ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रयास किया| उन्होंने तत्कालीन शिक्षा का सर्वेक्षण कराया| इस सर्वेक्षण के आधार पर एक नई शिक्षा नीति तैयार की और इसे संसद में पेश किया गया| संसद में पास होने के बाद मई 1986 में इसे प्रकाशित भी किया गया तथा इसके साथ इसके कार्य योजना को भी प्रकाशित किया गया | भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986ऐसी नीति है जिसमें नीति के साथ-साथ उसको पूरा करने की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की गई|
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का दस्तावेज 12 भागों में विभाजित है_ प्रस्तावना| शिक्षा का सारांश एवं भूमिका| राष्ट्रीय प्रणाली (10+2+3)| समानता के लिए शिक्षा| विभिन्न स्तरों पर शैक्षिक पुनर्गठन| तकनीकी तथा प्रबंधन शिक्षा| शिक्षा व्यवस्था का कार्यान्वयन| शिक्षा की विषय वस्तु तथा प्रक्रिया को नया मोड़ देना|
9 . अध्यापक। 10. शिक्षा का प्रबंधन। 11. संसाधन और समीक्षा। 12. भविष्य।
1986 के दस्तावेजों की कार्य योजन इसके दस्तावेजों को 24 खंडों में विभाजित किय किया गया है। 1. पूर्व बाल्यावस्था एवं शिक्षा 2. प्राथमिक शिक्षा ``ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड`` 3 माध्यमिक शिक्षा का प्रसार 4 शिक्षा का व्यवसायीकरण 5 उच्च शिक्षा
6 दूरस्थ शिक्षा एवं खुला विश्वविद्यालय 7 ग्रामीण संस्थान एवं विश्वविद्यालय 8 प्रबंधन एवं तकनीकी शिक्षा 9 प्रणाली का कार्यान्वयन 10 रोजगार की उपलब्धता 11 शोध एवं विकास 12 स्त्री शिक्षा 13 अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के बच्चों की शिक्षा 14 अल्पसंख्यकों की शिक्षा व्यवस्था 15 विकलांगों या दिव्यांगों की शिक्षा 16 प्रोड शिक्षा (एडल्ट एजुकेशन)
17 स्कूली शिक्षा की विषय वस्तु 18 परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन 19 स्वास्थ्य शिक्षा एवं युवा 20 भाषा 21 सांस्कृतिक कार्यक्रम 22 दृश्य श्रव्य सामग्री 23 अध्यापक तथा अध्यापक प्रशिक्षण 24 शिक्षा की व्यवस्था
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल तत्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के मूल तत्व निम्नलिखित हैं। पूरे देश में 10+2+3 शिक्षा से योजना लागू की जाएगी। प्राथमिक शिक्षा 14 बरस तक निशुल्क एवं अनिवार्य उपलब्ध कराई जाएगी। प्राथमिक शिक्षा में अपव्यय पर रोक लगाई जाएगी। स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए स्त्री निरक्षरता उन्मूलन एवं व्यवसाय व तकनीकी प्रशिक्षण पर बल दिया जाएगा। अल्पसंख्यक एमपी शिक्षा पर गुणात्मक और सामाजिकता की दृष्टि से विशेष ध्यान दिया जाएगा। देखना भी खोया दिव्यांगों की इच्छा पर विशेष प्रयास किया जाएगा। गति निर्धारक विद्यालय प्रतिभाशाली बच्चों के विकास के लिए खोले जाएंगे। उच्च प्राथमिक स्तर पर व्यवसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यानुभव को प्रीति के स्तर की शिक्षा पर अनिवार्य किया जाएगा। प्रौढ़ शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाएगी। ग्रामीण विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों का विकास किया जाएगा। तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा संस्थानों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। शिक्षा के द्वारा मूल्यों का विकास किया जाएगा। गणित व विज्ञान की शिक्षा के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी
पुस्तकों की गुणवत्ता में सुधार लेखन को प्रोत्साहन अस्पताल की उचित व्यवस्था की जाएगी। खेलकूद व शारीरिक शिक्षा के विकास के लिए छात्रों को N.S.S तथाN.C.C. मैं से 1 में भाग लेना अनिवार्य होगा। शिक्षक का चयन योगिता ,वस्तुनिष्ठता तथा व्यवहारिकता ई आधार पर किया जाएगा। शिक्षा पर राष्ट्रीय आय का 6 % खर्च किया जाएगा। शिक्षा का प्रशिक्षण में सुधार किया जाएगा। शैक्षिक अवसरों की समानता के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उच्च शिक्षा का प्रसार एवं उन्नयन किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का मूल्यांकन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 को लागू हुए बहुत लंबा समय हो गया है। इसी आधार पर इसका मूल्यांकन करेंगे। 1 .शिक्षा नीति 1986 के गुण। 2 . राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के दोष।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के गुण से चालू राष्ट्रीय महत्व का विषय माना गया और इस पर बजट का 6% खर्च करने की बात कही गई। लेकिन वर्तमान में शिक्षा पर कुल बजट का 4% खर्च किया जा रहा है यह पहली ऐसी शिक्षा निकेतन जिसमें इसको पूरी करने की योजना भी साथ में प्रस्तुत की गई थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में घोषित शिक्षा संरचना 10+2+3 को पूरे देश में लागू कर दिया गया।
4 प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए जो ब्लैक बोर्ड योजना बनाई गई उसके द्वारा 90% प्राथमिक स्कूलों मैं लागू की गई। 5 ग्रामीण क्षेत्रों में घटते निर्धारण विद्यालय खोलने के लिए कहा गया (2012 तक 586 नवोदय विद्यालय खोले जा चुके हैं)| 6इस नीति की घोषणा के बाद 1986 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। 7 शिक्षा मंत्री के बाद शिक्षकों के वेतन बढ़ाई गई तथा सेवाओं में सुधार भी किए गए।
8 शिक्षक प्रशिक्षण के लिए 2011 तक 555 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा 104 शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय को समन्वित किया जा चुका है। 9 राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परीक्षाओं को विश्वसनीय तथा वस्तुनिष्ट बनाने पर बल दिया गया। 10 इस शिक्षा नीति में शैक्षिक अवसरों की समानता पर बल दिया गया जिससे बिना किसी भेदभाव के शिक्षा सभी के लिए सर्व सुलभ हो गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के दोष शिक्षा की व्यवस्था के लिए व्यक्तिगत प्रयासों की प्रोत्साहन की बात कही गई एवं प्रवेश के समय शिक्षण संस्थानों में बड़ी धनराशि लेने को शोषण कहा गया। निजी संस्थानोंको प्रोत्साहन दिया गया जिससे उच्च शिक्षा में भी हो गई तथा उच्च शिक्षा का स्तर गिर गया।
4 ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्कूलों के भवन बनाए गए वह बहुत ही घटिया है तथा जो फर्नीचर एवं अन्य प्रशिक्षण सामग्री की व्यवस्था की गई वह भीबहुत निम्न किस्म की हैं। 5 नवोदय विद्यालय की स्थापना करने के पीछे योग्य बच्चों को विकास के अवसर प्रदान करना था परंतु ऐसा नहीं हो सका तथा शिक्षा विफल रही रही। 6 10+2 स्तर पर जो व्यवसाय कार्यक्रम शुरू किए गए थे उनमें संसाधनों तथा योग्यअध्यापकों की कमी रही।
7 ऐसा शिक्षा नीति में आंतरिक मूल्यांकन पर बल दिया गया । जिसके कारण छात्रों के शोषण को बढ़ावा मिला। अतः राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 जितने सकारात्मक परिणाम होने चाहिए थे उतने नहीं हुए। यहांअत्यंत दुख की बात रही। वर्तमान में (2020) देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। इसमें नीति के निर्धारण करता हूं पूर्व शिक्षा नीति से अनुभवों का लाभ उठाया है।
शिक्षा नीति ऐसी होनी चाहिए किस देश को ऐसी शिक्षा नीति का पूरा पूरा लाभ मिले और हमारी शैक्षिक व्यवस्था में सुधार हो सके।