फ़िराक गोरखपुरी
पूरा नाम –रघुपति सहाय ‘ फ़िराक ’।
जन्म –२८ अगस्ि, १८९६ (गोरखपुर, उत्तरपदेश)
शशक्षा –रामकृष्ण की कहातनयों से शु�आि। बाद की शशक्षा
अरबी, िारसी और अंग्रेज़ी में। १९१७ में डिप्टी कलेक्िर के
पद पर चयतनि, पर स्वराज्य आंदोलन के शलए १९१८में
पद त्याग। १९२० में स्वाधीनिा आंदोलन में हहस्सेदारी के
कारण िेढ़ वर्ष की ज़ेल। इलाहाबाद ववश्वववद्यालय के
अंग्रेज़ी ववभाग में प्राध्यापक रहे।
रचनाएाँ –गुले -नग्मा, बज़्मे-ज़ज़ंदगी : रंगे शायरी, उदूष
गज़लगोई।
सम्मान –गुले-नग्मा के शलए साहहत्य अकादमी पुरस्कार,
ज्ञानपीठ पुरस्कार और सोववयि लैण्ि नेह� अवािष।
तनधन –सन् १९८३।