Samaveda-Derived from the Rigveda, the Samaveda emphasizes musical chants and melodies..pdf
ArvindKumar324142
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Derived from the Rigveda, the Samaveda emphasizes musical chants and melodies. Its hymns, called Samans, are largely derived from the Rigvedic verses but are set to music for religious chanting during rituals like the Soma sacrifice. The Samaveda focuses on the technical aspects of chanting and the ...
Derived from the Rigveda, the Samaveda emphasizes musical chants and melodies. Its hymns, called Samans, are largely derived from the Rigvedic verses but are set to music for religious chanting during rituals like the Soma sacrifice. The Samaveda focuses on the technical aspects of chanting and the musical meters used during rituals, preserving the Rigvedic hymns in a melodic form.
Size: 2.48 MB
Language: none
Added: Oct 20, 2024
Slides: 188 pages
Slide Content
डा. रेखा ास
एम. ए., पी-एच. डी.
सं?कृत सा5ह?य काशन
नई 4द?ली
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अपनी बात
आमतौर पर सामवेद को ऋ?वेद के मं? का संह माना जाता है. छांदो?य उप1नषद् म?
कहा भी गया है—‘या ऋक् तत् साम’ अथा?त् जो ऋक् है, वह साम है.
इस का यह अथ? कदा1प नह? है 1क सामवेद म? सम?त छंद ऋ?वेद से ही 3लए गए ह?.
सामवेद कa अनेक ऋचाएं ऋ?वेद से 4भ ह?. कुछ ?थल? पर सामवेद कa ऋचा? म? ऋ?वेद
कa ऋचा? से आं3शक सा?य 0दखाई देता है. इसे पाठभेद के ?प म? भी ?वीकार नह? 1कया
जा सकता है. य0द यह पाठभेद होता तो ऋचाएं उसी ?प और ?म म? ली गई होत?, 5जस
?प और ?म म? वे ऋ?वेद म? ली गई ह?.
?सरी बात यह है 1क य0द ऋ?वेद से केवल गायन के 3लए ऋचा? का सामवेद के ?प
म? संह 1कया गया होता तो केवल गेय मं? का ही संह होना चा1हए था, जब1क उपल?ध
सामवेद म? लगभग ४५० मं पूरी तरह गेय नह? ह?.
तीसरी बात यह है 1क अगर सामवेद के मं ऋ?वेद से उद् धृत माने जाएं, तो उन के
?प और ?वर 1नद?श ऋ?वेद से 4भ ह?. ऋ?वेद_य मं? म? उदा?, अनुदा? और ?व/रत ?वर
पाए जाते ह?, जब1क सामवेद_य मं? म? स?त ?वर 1वधान है.
इन ?1कोण? से देखने पर ?प तीत होता है 1क सामवेद के मं ऋ?वेद से ऋण
?व?प नह? 3लए गए ह?. उन कa अपनी ?वतं स?ा है. वे उतने ही ?वतं ह?, 5जतने ऋ?वेद
के मं.
हां, एक बात अव?य है 1क ऋ?वेद और सामवेद के मं? म? व?य? 1वषयगत अंतःसंबंध
है. ऋ?वेद के समान सामवेद म? भी अ7?न, इं, सोम, अ4नीकुमार? आ0द कa ?तु1त कa गई
है. इसी मा?यम से उन का ?व?प 1नधा?/रत करने का यास 1कया गया है.
ऋ?वेद के समान सामवेद से भी त?कालीन उत समाज का पता चलता है. चूं1क
सामवेद ऋ?वेद के बाद कa रचना है, इस3लए उ? संदभ? म? सामवेद का अ?ययन रोचक ही
नह?, ?ानव??क भी हो सकता है. इतना ही नह?, सामवेद का अ?ययन ऋ?वेद काल के
पात 1वक3सत लोककला और सं?कृ1त को भी रेखां1कत करता है.
इस कार सामवेद को ऋ?वेद का पूरक कहा जा सकता है. इस कa मह?ा ऋ?वेद से
1कसी भी ?प म? कम नह? मानी जा सकती है. इसी3लए यह वेदयी (ऋक्, यजु और
सामवेद) म? 1गना जाता है. गीता म? उपदेशक कृ?ण ने ‘वेदानां सामवेदो ऽ 9?म’ कह कर
सामवेद कa 1व3शता कa ओर ही संकेत 1कया है.
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यहां एक बात और ?यान देने यो?य है 1क आज ‘वेद’ श?द भले ही चार वेद?—ऋक्,
यजु, अथव? और साम के साथ जुड़ कर ंथवाची हो गया हो, =क^तु मूल ?प म? यह ?ान का
ही बोधक रहा है. आरंभ म? इन चार? को 2मला कर एक ही ‘वेद ंथ’ माना जाता था, जैसा
1क महाभारत म? कहा भी गया है—
एक एव पुरा वेदः णवः सव?वाङ् मयः.
बाद म? आकारगत 1वशालता को देखते ?ए इस के चार भाग 1कए गए—ऋ?वेद,
अथव?वेद, यजुव?द और सामवेद. इ?ह? ‘चतुव?द’ कहा जाता है. ु1त परंपरा से पीढ़_ दर पीढ़_
1नरंतर 1वक3सत होते रहने वाले इस ?ान के भंडार का संभवतया थम 1वभाजन ास ने
1कया था. यह 1वभाजन मुखतया सा1ह8?यक 1वधा? पर आधा/रत है—प, ग और
गान. सामा?यतया 1कसी भी भाषा का सा1ह?य इ?ह? तीन ?प? म? पाया जाता है. इस ?1 से
ऋ?वेद और अथव?वेद प धान, यजुव?द ग धान और सामवेद गान धान ह?.
सामवेद कa आचाय? परंपरा
सामवेद के आ0द आचाय? जै2म1न माने जाते ह?. वायु, भागवत, 1व?णु आ0द पुराण? से
भी इस कथन कa पु1 होती है. पुराण? के अनुसार, वेदास ने अपने 3श?य जै2म1न को
सामवेद कa 3श?ा द_ थी. जै2म1न के बाद सुमंतु, सु?वान, ?वकaय सूनु सुकमा? तक पीढ़_ दर
पीढ़_ यह अ?ययन परंपरा जारी रही. सुकमा? ने सामवेद सं1हता का ापक 1व?तार 1कया.
पौरा4णक उ?लेख? के अनुसार सामवेद कa एक हजार शाखाएं थ?. आचाय? पतंज3ल ने
भी इस कa पु1 कa है—‘सहव?मा? सामवेदः.’ आज इन म? से केवल तीन ही शाखाएं
2मलती ह?—कौथुमीय, राणायणी और जै2मनीय.
तीन? शाखा? म? उपल?ध सामवेद कa ऋचा? कa सं?या तो अलगअलग है ही, उन
म? पाठभेद भी 2मलता है. ाण तथा पुराण ंथ? के अनुसार, साम मं? (ऋचा?) के पद?
कa सं?या एक लाख से भी अ2धक है ले1कन सामवेद कa कुल उपल?ध ऋचा? कa सं?या
अ2धक नह? है.
सामवेद के मु?यतया दो भाग ह?—आJच^क और गान. आJच^क का अथ? है ऋचा? का
समूह. इस के दो भाग ह?—पूवा?Jच^क और उ?राJच^क.
पूवा?Jच^क म? छह अ?याय ह?. हर अ?याय म? कईकई खंड ह?. इ?ह? ‘दश1त’ भी कहा गया
है. ‘दश1त’ से दस (सं?या) का बोध होता है. =क^तु हर खंड म? ऋचा? कa सं?या १० नह?
है. 1कसी म? यह सं?या १० से कम है तो 1कसी म? ?यादा भी. इसी3लए इसे ‘दश1त’ न कह
कर खंड कहना अ2धक उ2चत तीत होता है.
सामवेद के पहले अ?याय म? अ7?न से संबं2धत ऋचाएं ह?. इस3लए इसे ‘आ?नेय पव?’
कहा गया है. ?सरे से चौथे अ?याय तक इं कa ?तु1त कa गई है. इस3लए यह ‘? पव?’
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कहलाया.
पांचवां अ?याय पवमान पव? कहलाता है. इस म? सोम 1वषयक ऋचाएं ह?, जो ऋ?वेद के
नवम मंडल से ली गई ह?. पहले से पांचव? अ?याय तक कa ऋचाएं ‘ाम गान’ कहलाती ह?.
छठे अ?याय का शीष?क है ‘आर?यक पव?’. इस म? य1प देवता? और छंद? कa
4भता है तथा1प इस म? गायन संबंधी एकता 0दखाई देती है. इस अ?याय कa ऋचाएं ‘अर?य
गान’ कही गई ह?, पूवा?Jच^क के छह अ?याय? म? कुल ६४० ऋचाएं ह?.
उ?राJच^क म? २१ अ?याय ह?. ऋचा? कa सं?या १२२५ है. इस कार सामवेद म? कुल
१८६५ ऋचाएं ह?.
यह अनुवाद
सामवेद कa इन ऋचा? का यह अनुवाद सायण भा?य पर आधा/रत है, ?य?1क
सायणाचाय? ने वै0दक ऋचा? (मं?) को समझने के 3लए या?काचाय? ?ारा 1नHद^ तीन?
साधन?—परंपरागत ?ान, तक? एवं मनन का पूरा सहारा 3लया था. इस से भी बड़ी बात यह
थी 1क उ?ह?ने अ?य आचाय? के समान वै0दक ऋचा? को 1कसी 1वशेष वाद का च?मा पहन
कर नह? देखा है.
सायणाचाय? ने वै0दक ऋचा? के संग के अनुसार मानव जीवन, य? और अ?या?म
संबंधी अथ? 0दए ह?. वैसे अ2धकतर अथ? मानव जीवन से संबं2धत ही ह?. य? और अ?या?म से
जुड़े अथ? ायः कम ?थान? पर ही 0दए गए ह?. इ?ह? कारण? से अनुवाद करते समय सायण
भा?य को आधार बनाया गया है.
अनुवाद के दौरान इस बात का 1वशेष ?यान रखा गया है 1क सायणाचाय? का आशय
पूरी तरह ?प हो जाए. अनुवाद कa भाषा यथासंभव सरल एवं सुबोध रखी गई है, ता1क
आम =ह^द_ पाठक भी आसानी से समझ सक? 1क वा?तव म? वेद? म? ?या है!
— काशक
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पूवा?Nचbक
आ?नेय पव?
अ?यायखंड1वषय मं
१. १. अ7?न कa ?तु1त १-१०
य? पुरो1हत २
धन के ?वामी ३
धनदाता अ7?न ४
सव?े अ7?न ९
२. अ7?न कa ?तु1त १-१०
अ7?न कa ेता १
?ान के ?वामी अ7?न २
य? र?क अ7?न ७
३. अ7?न कa ?तु1त १-१४
सूय? के ?प म? अ7?न ११
शुनाशक अ7?न १२
क?याणकारी जल १३
४. अ7?न कa ?तु1त १-१०
५. अ7?न के 3लए आमंण १-१०
अ7?न कa ?तु1त २-६
?वग? के 1नवासी ७
६. धनदाता अ7?न १-८
क?याणकारी यश २
अ7?न कa ?तु1त ३-८
७. उपासक? के 3लए संबोधन१-१०
बाल एवं त?ण अ7?न २
मृ?युधमा? मनु?य ३
अ7?न कa ?तु1त ४-१०
८. अ7?न कa ?तु1त १-८
क?याणकारी पूषा देव ३
९. अ7?न कa ?तु1त १-१०
१०. सोम, व?ण, अ7?न आ0द का आान१-६
अं1गरस २
अ7?न कa ?तु1त ३-६
११. अ7?न कa ?तु1त १-१०
अ0द1त देव ६
१२. अ7?न कa ?तु1त १-८
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सुखशां1त दाता ४
देव े ६
? पव?
२. १. उपासक? के 3लए उद् बोधन१-१०
इं कa ?तु1त २
गौ? कa ?तु1त ३
उपासक? को सलाह ४
इं कa ?तु1त ५-८
शूरवीर इं ९
अंतया?मी इं १०
२. े वीर इं १-१०
इं कa ?तु1त २-८
2चर युवा इं ९
इं कa ?तु1त १०
३. म?द् गण? का चाबुक १-१०
इं कa ?तु1त २-३
देवता? कa ?तु1त ४
ण?प1त कa ?तु1त ५
वृासुर हंता इं ६
सूय? कa ?तु1त ७
समथ? इं ८
बु5?मान इं ९
इं कa ?तु1त १०
४. इं कa ?तु1त १-१०
सूय? का 0द तेज ३
इं के सहायक पूषा ४
धन संप पृ?वी ५
इं कa ?तु1त ६-९
सोम और पूषा १०
५. उपासक? का आान १-१०
इं कa ?तु1त ३-९
उपासक? का आान १०
६. इं कa ?तु1त १-१०
गाय? के ?वामी इं ४
शुनाशक इं ५
७. इं कa माता १-१०
वेदानुसार आचरण २
अथव?वेद_ ाण ३
अपूव? उषा ४
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इं कa ?तु1त ५-९
वायु से 1नवेदन १०
८. व?ण, 2म और अय?मा१-९
इं कa ?तु1त २-४
1वा कa देवी सर?वती ५
मनु?य? म? ?मता ६
इं का आान ७
इं, अय?मा और व?ण ८
धनवान इं ९
९. इं कa ?तु1त १-१०
महान इं ३-४
बृह?साम ५
ऋभु देव ६
सव?ा इं ७
इं कa ?तु1त ८
इं और पूषा ९
वृासुर संहारक इं १०
१०. भयनाशक इं १-१०
इं कa ?तु1त २-१०
११. इं और सोमरस १-९
इं कa ?तु1त २
इं का ३
लोक कa र?ा ४
2म और व?ण ५
उषा ६
2म व व?ण ७
म?त् ८
वामन अवतार ९
१२. इं कa ?तु1त १-१०
३. १. इं कa ?तु1त १-१०
धनवान व ?ःखनाशक इं३-४
शुनाशक इं ५
तारनहार इं ६
इं कa ?तु1त ७-८
म?द् गण? कa ?तु1त ९
बलवान इं १०
२. उ1तशील इं १-१०
इं कa ?तु1त २-१०
३. इं कa ?तु1त १-१०
2म, व?ण और अय?मा३
इं कa ?तु1त ४
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यजमान? को संबोधन ५
बृह?साम ?तो ६
इं कa ?तु1त ७-१०
४. इं कa ?तु1त १-१०
यश?वी इं ३
सुखदायी मकान ४
आयदाता इं ५
इं कa ?तु1त ६-१०
५. इं कa ?तु1त १-१०
६. इं कa ?तु1त १-१०
वधारी इं ३
स?जन पालक इं ४
अ4नीकुमार? कa ?तु1त ५
पाप 1नवारक व?ण ६
इं कa ?तु1त ७-१०
७. इं कa ?तु1त १-१०
1व4भ देवीदेवता? कa ?तु1त७
काशमान इं ८
बलवान इं ९
वधारी इं १०
८. सूय? पुी उषा १-१०
अ4नीकुमार? कa ?तु1त २-४
पोषक इं ५
पुरो1हत को संबोधन ६
इं कa ?तु1त ७-१०
९. गाय के ?ध से सोमरस १-१०
इं कa ?तु1त २-७
सूय? कa ?तु1त ८
तेज ९
महावीर इं १०
१०. सव?1य इं १-९
म?द् गण? कa 2मता २
अ2मट म1हमाशाली इं३
अजातशु इं ४
1वजयदाता इं ५
क?याणकारी इं ६
अदाता इं ७
व3स कa ?तु1त ८
जलवष?क इं ९
११. देव?त ग?ड़ १-१०
र?क इं २
वेगशील इं ३
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श3?मान इं ४
इं कa ?तु1त ६-१०
१२. इं कa ?तु1त १-१०
४. १. य? संचालक इं १-८
पव?तवासी इं २
शु5जत् इं ३
देवपालक इं ४
आनंददायी म?द् गण ५
1हतकारी इं ६
द2ध?ाव ऋ1ष ७
1वपालक इं ८
२. वीर इं १-१०
सव?? इं २
शु5जत् इं ३
?मतावान इं ४
इं के 3लए आमंण ५
इं कa ?तु1त ६-७
उषा कa ?तु1त ८
देवता? से ९
य? सदन १०
३. सेनानायक इं १-११
जन क?याण के 3लए जलवषा?२
?वग? के ?वामी ३
इं कa ?तु1त ४-६
धन के भंडार ७
आ?म?ाता ८
?वग?लोक और पृ?वीलोक९
साट् १०
इं का आान ११
४. इं कa ?तु1त १-१०
उपासक? के 3लए उद् बोधन२
इं के ओज कa शंसा ३
इं ?ारा सोमपान ४
वीर इं ५
रसीला सोमरस ६
सखा? का आान ७
ाण? के 3लए उद् बोधन८
सब ा4णय? के ?वामी ९
सब के क?याण के 3लए १०
५. इं कa ?तु1त १-८
आ0द?य? कa ?तु1त ५
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1व?न 1नवारक इं ६
आ0द?य? कa ?तु1त ७
अवान ८
६. ातृ कलह से मु? १-१०
धनदाता इं २
म?द् गण? कa ?तु1त ३
गाय? के ?वामी ४
बैल के समान बलवान इं५
सम भाव वाले म?द् गण ६
इं कa ?तु1त ७-१०
७. सूय? ?पी इं कa 1करण?१-१०
?वरा?य कa ?थापना २
सता और उ?साह कa कामना३
इं कa ?तु1त ४-८
सूय? और चं ९
अ4नीकुमार? कa ?तु1त १०
८. अ7?न कa ?तु1त १-८
उषा कa ?तु1त ३
सोम कa ?तु1त ४
इं कa ?तु1त ५-६
अ7?न कa उपासना ७
अय?मा, 2म और व?ण ८
९. सोम कa ?तु1त १-१०
म?द् गण? से ? का संबंध७
ऊह ?तो ८
तेजोमय स1वता ९
काशमान सोम १०
१०. इं कa ?तु1त १-१०
देव कृपा से धन ा7?त ५
प1व गाएं ६
धनधा?य ७
इं/म?द् गण? कa उपासना९
ाण और गाथाएं १०
११. अ7?न कa ?तु1त १-१०
उषा कa बहन रात ५
इं कa ?तु1त ६-१०
१२. 0द गुण वाला सोमरस १-१०
काशमान सूय? २
इं कa ?तु1त ३-४
अ7?न कa उपासना ५
एवयाम?त् ऋ1ष ६
ह/रत सोम ७
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स1वता कa उपासना ८
अ7?न कa उपासना ९
े इं १०
पवमान पव?
५. १. सोम कa ?तु1त १-१०
य? के समय ५
सोम कa ?तु1त ६-१०
२. सोम कa ?तु1त १-१०
३. शुनाशक सोम १-१०
बु5?वध?क सोम २
शु? सोमरस ३
वेगमान सोम ४-५
मदम?तकता? सोम ६
सोम कa ?तु1त ७-१०
४. सूय? के समान काशमान१-१४
बलदाता सोम २
1नचोड़ा गया सोम ३-४
सोम कa उ?प3? ६
सोम कa ?तु1त ७-१४
५. सोम कa ?तु1त १-१२
आनंददायी सोमरस ५
शुनाशक सोम ६
धनदाता सोम ७
आनंददायी सोमरस ८
प1व और े सोम ९
आनंददायी सोमरस १०
अदाता सोम ११
इं1य सोम १२
६. सोम का आान १-१०
काशमान सोमरस २
सोम ?तु1त ३-४
आनंदमय सोमरस ५
सव?दाता सोम ६
र?क सोम ७
प1व सोमरस ८
इं1य सोमरस ९
सोम ?तु1त १०
७. सोम कa ?तु1त १-१२
बलशाली सोम ६
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सूय? ?ारा स.?जत सोम ७
बलवध?क सोमरस ८
सोम कa ?तु1त ९
देवता? के पालक सोम१०
धन दाता सोम ११
?तु1तयां १२
८. यजमान? को संबोधन १-९
पालनहार सोमरस २
सोम का आनंददायी ?व?प३
आ?म?ाता सोम ४
सोम कa ?तु1त ५
इं1य सोमरस ६
शुहंता सोम ७
गुणागार सोमरस ८
यजमान? को संबोधन ९
९. 0द?1 सोम १-१२
सोम कa ?तु1त २-३
2मवत सोमरस ४
वेगवान सोमरस ५
श3?दाता सोम ६
क?याणकारी सोम ७
?तु1त सोम ८
काशमान सोमरस ९
मधुर सोमरस १०
आनंदमय सोमरस ११
साम?य?वान सोम १२
१०. सोम कa ?तु1त १-१२
जल पु सोम ५
सोम कa ?तु1त ६
प1व सोमरस ७
सोम कa ?तु1त ८-१२
११. सोम कa ?तु1त १-८
श3?वध?क सोमरस ४
संतानदाता सोम ५
पूजनीय सोम ६
आनंददायी सोम ७
शुनाशक सोम ८
आर?यक पव?
६. १. इं कa ?तु1त १-९
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धन देने वाले इं २
दानी इं ३
व?ण कa ?तु1त ४
सोम कa ?तु1त ५-८
अ देव ?ारा आ?मशंसा९
२. इं कa ?तु1त १-७
सूय? कa ?तु1त २
वधारी इं ३
इं कa ?तु1त ४
थ और सथ ५
वायु कa ?तु1त ६
इं कa ?तु1त ७
३. जाप1त कa ?तु1त १-१३
सोम कa ?तु1त २-३
अ7?न कa ?तु1त ४
?तु1तय? कa उ?प3? ५
आनंदकारी सोमरस ६
आरामदायी रा1 ७
काशमान अ7?न ८
देवगण? कa ?तु1त ९
यजमान? कa यशकामना१०
इं कa ?तु1त ११
सव??व?प आ?मा १२
र?क अ7?न १३
४. अ7?न कa ?तु1त १-१२
ऋतुएं २
पूण? पु?ष ३-७
?वग?लोक और पृ?वीलोक कa ?तु1त८
इं कa ?तु1त ९
तेज9?वता १०
इं कa ?तु1त ११-१२
५. अ7?न कa ?तु1त १-१४
अ देने व आयु बढ़ाने कa ाथ?ना१
सूय? कa ?तु1त २-१४
उ?राJच^क
१. १. यजमान? को संबोधन १-९
0द सोमरस २
सोम कa ?तु1त ३
उ??वल सोमरस ४
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सोम कa ?तु1त ५-९
२. अ7?न कa ?तु1त १-१२
2म और व?ण कa ?तु1त४-६
इं कa ?तु1त ७-९
अ7?न कa ?तु1त १०-१२
३. सोम कa ?तु1त १-८
उशना ऋ1ष ८
४. इं कa ?तु1त १-९
आदरणीय सोम ४
इं कa ?तु1त ५-७
सहायक इं ८
इं कa ?तु1त ९
५. इं हेतु सोमरस १-१४
रा?सनाशक सोम २
सोम कa ?तु1त ३-५
चमकaला सोमरस ६
से सोमरस ७-८
सोम कa ?तु1त ९
यजमान सहायक सोमरस१०
?नाशक सोम ११
क?याणकारी सोम १२
मधुर सोमरस १३
ापक सोमरस १४
६. यजमान? को संबोधन १-१०
क?याणकारी अ7?न २
अ7?न कa ?तु1त ३-५
इं कa ?तु1त ६-१०
२. १. यजमान? को संबोधन १-१२
इं कa ?तु1त ६-८
सोमय? ९
सोम कa ?तु1त १०
सोमय? ११-१२
२. इं कa ?तु1त १-१२
३. इं कa ?तु1त १-१२
यजमान? को संबोधन ४, ५, ७, ९, ११
४. अ7?न कa ?तु1त १-६
उषा ३
सूय? ४
अ4नीकुमार? का आान५-६
५. ?ानवध?क सोमरस १-९
वहमान सोम २
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1त2त सोम ३
0द सोमरस ४
सव?प/र सोम ५
प/र?कृत सोमरस ६
सोम कa ?तु1त ७
सोम का आान ८
यजमान? को संबोधन ९
६. घुलनशील सोमरस १-११
श3?मान सोमरस २
सभी देव? को ा?त सोम३
सोम कa ?तु1त ४
वेगवान सोम ५
यशदाता सोमरस ६
सोमरस ७
सोम कa ?तु1त ८
प1व सोम ९
हरा सोमरस १०
भृगु ११
३. १. सोम कa ?तु1त १-१५
?फूIत^दायी सोमरस ४
सोम कa ?तु1त ५-१५
२. य? संचालक अ7?न १-१३
अ7?न कa ?तु1त २-३
2म और व?ण का आान४-६
सामगान से इं कa ?तु1त७
आभूषणधारी इं ८
इं कa ?तु1त ९-१०
इं और अ7?न कa उपासना११-१३
३. सोम कa ?तु1त १-६
४. इं कa ?तु1त १-६
यजमान? को संबोधन ३
र?क इं ४
इं कa ?तु1त ५
श?धारी इं ६
५. सोम कa ?तु1त १-९
अपूव? सोम ८
1हतकारी सोम ९
६. इं कa ?तु1त १-६
४. १. सोम कa ?तु1त १-१४
२. अ7?न कa ?तु1त १-१२
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2म कa ?तु1त ४-६
म?द् गण? कa ?तु1त ७-८
इं कa ?तु1त ९-१२
३. सोम कa ?तु1त १-६
४. इं कa ?तु1त १-७
५. यजमान? कa वाणी १-९
सोम कa उपासना २
सोम कa ?तु1त ३-४
इं कa ?तु1त ५
इं के सखा ६
प1व सोम ?ान के ?वामी८
सूय? कa ?तु1त ९
६. यजमान? को संबोधन १-८
अ7?न कa ?तु1त २
इं कa ?तु1त ३-८
५. १. सोम कa ?तु1त १-१२
२. सोम कa ?तु1त १-९
३. अ7?न कa ?तु1त १-१२
2म और व?ण कa ?तु1त४-५
यजमान? को संबोधन ६
वैभववान इं ७
पव?तप1त इं ८
यजमान? को संबोधन ९
अ7?न कa ?तु1त १०-१२
४. सोम कa ?तु1त १-८
अ?ण आभा वाला सोमरस७
५. इं कa ?तु1त १-८
राजा इं ७
यजमान? को संबोधन ८
६. सोम कa ?तु1त १-११
सूय? कa ?तु1त ५
सोमरस का प/र?करण ७
सव?लोक जनक सोम ९
सव?ा?त सोम १०
७. यजमान? को संबोधन १-९
अ7?न कa ?तु1त ३
इं कa ?तु1त ४-५
यजमान? को संबोधन ६
इं कa ?तु1त ७-९
६. १. सोम कa ?तु1त १-१३
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इं कa ?तु1त ८, १०
२. सोम कa ?तु1त १-१४
३. अ7?न कa ?तु1त १-१२
सूय? कa ?तु1त ४-५
2म और व?ण कa ?तु1त६
इं कa ?तु1त ७-१२
४. सोम कa ?तु1त १-८
इं और सोम कa ?तु1त ८
५. इं कa ?तु1त १-६
६. सोम कa ?तु1त १-१४
७. अ7?न कa ?तु1त १-९
ाण? को संबोधन ४
७. १. सोम कa ?तु1त १-१६
शो2धत सोमरस ९
श3?दायी सोमरस १२
२. सोम कa ?तु1त १-१७
यजमान? को संबोधन ४
मददायी सोमरस १५
३. अ7?न कa ?तु1त १-१२
2म और व?ण कa ?तु1त४-६
इं कa ?तु1त ७-१२
४. सोम कa ?तु1त १-८
५. इं कa ?तु1त १-९
६. सोम कa ?तु1त १-१४
यजमान? को संबोधन ६
७. अ7?न कa ?तु1त १-९
इं कa ?तु1त ४-५
2च1क?सा ६
उपासक? को संबोधन ७
८. १. पोषक सोम १-१२
शुहंता सोम २
सोम कa ?तु1त ३-५
सोमरस का प/र?करण ६
मादक सोमरस ७
सोमरस का प/र?करण ८
सोम कa ?तु1त ९-१०
1व?ान् सोम ११
सव?1य सोमरस १२
२. सोम कa ?तु1त १-१२
हरी आभायु? सोमरस ६
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यजमान? को आासन ७
३. अ7?न कa ?तु1त १-१२
यजमान? को संबोधन ४-५
2म और व?ण को संबोधन६
इं कa ?तु1त ७-९
बलशाली अ7?न १०
इं कa ?तु1त ११-१२
४. प/र?कृत सोमरस १-५
सोम कa ?तु1त २-३
इं कa ?तु1त ४
इं कa अ?यथ?ना ५
५. यजमान? को संबोधन १-९
सोम कa ?तु1त ४-५
इं के 1न2म? सोमरस ६
सोम का प/र?करण ७
सोमरस कa उ?प3? ८
पोषक सोमरस ९
६. अ7?न कa ?तु1त ९
इं कa ?तु1त ४-९
९. १. सोम कa ?तु1त १-१२
२. वायु और इं के 1न2म? सोम१-९
ाण? को संबोधन २
सोम कa ?तु1त ३-९
३. सोम कa ?तु1त १-९
यजमान? को संबोधन २
प1व सोमरस ५
मधुमय सोमरस ६
४. सोम कa ?तु1त १-५
५. सोम कa ?तु1त १-९
1वकार र1हत सोमरस ४
इं सहायक सोम ९
६. देवगण? को संबोधन १-६
अ7?न २
अ7?न कa ?तु1त ३
समथ? इं ४
ब3ल इं ५
इं कa ?तु1त ६
७. पुरो1हत? को संबोधन १-१०
सोम कa ?तु1त २
यजमान? को संबोधन ३
शंसनीय सोमरस ४
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श?धारी सोम ५
सोम कa ?तु1त ६
इं कa ?तु1त ७-१०
८. सोम कa ?तु1त १-९
तेज?वी सोमरस ६
९. अ7?न कa ?तु1त १-९
1त2त अ7?न २
इं कa ?तु1त ३-९
१०. १. र?क सोम १-१३
उ?ेरक सोमरस २
गभ? ?व?प सोम ३
अमर सोम ४
0द सोम ५
ऐय?शाली सोम ६
प1व सोम ७
?व?छ सोम ८
शुहंता सोम ९
शु5जत् सोम १०
साम?य?वान सोम ११
हरी आभायु? सोम १२
पोषक सोम १३
२. शूरवीर सोम १-८
य? २
अ उ?पादक सोमरस ३
य? ह1व सोमरस ४
रसराज सोम ५
श3?शाली सोम ६
?मतावान सोम ७
मदकारी सोम ८
३. ग1तमान सोम १-६
इं के 1न2म? सोमरस २
mतगामी सोमरस ३
सव?ा सोम ४
सव?धारक सोम ५
इं हेतु सोम ६
४. सव?जनीन सोम १-६
अमर सोम २
देव1य सोम ३
श3?शाली सोम ४
आनंदमय सोम ५
बंधनमु? सोम ६
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५. ?फूIत^दायी सोम १-६
सुखदाता सोम २
सव??ाता सोम ३
?फूIत^दायी सोम ४
बलवान सोम ५
देव र?क सोम ६
६. 1व?नहता? सोम १-६
1वल?ण सोम २
?हंता सोम ३
काशमान सोम ४
धनदाता सोम ५
देव समथ?क सोम ६
७. भा?यवान यजमान १-६
सर?वती २
क?याणकारी मं ३
1हतकारी मं ४
प1व मं ५
यजमान ६
८. अ7?न कa ?तु1त १-६
महान इं देव ४
इं कa ?तु1त ५
इं सहायक अ7?न ६
९. सोम ?तु1त १-९
े ह1व सोमरस ४
1वल?ण सोमरस ६
दश?नीय सोमरस ७
सोम कa काया ८
१०. यजमान? को संबोधन १-४
दाता इं २
इं कa ?तु1त ३-४
११. सोम कa ?तु1त १-१५
आनंदकारी सोमरस ७
सव?1य सोमरस ८
इं1य सोमरस १४
१२. युवा इं १-९
यजमान 2म इं २
शुहंता इं ३
संसार के ईर इं ४
इं कa ?तु1त ५-७
य? म? त?पर इं ८
य? म? आने का आह ९
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११. १. अ7?न कa ?तु1त १-१०
धन कa इ?छा ५
देवता? कa ?तु1त ६
देवतागण ७
इं कa ?तु1त ८-१०
२. जात सोम १-१३
प1व सोम २
अभी साधक सोम ३
यजमान? को संबोधन ४
शुनाशक इं ५
इं कa अच?ना ६
1व ा?त इं ७
सोम कa ?तु1त ८-१३
३. सा/रत सोम १-९
ेरक सोम २
0द ?प सोम ३
नर? को संबोधन ४
अ7?न कa ?तु1त ५-७
सूय? कa ?तु1त ८
तेज?वी सूय? ९
१२. १. अ7?न उपासना १-१०
काशमान अ7?न २
क?याणकारी अ7?न ३
शु5जत् अ7?न ४
अ7?न ?तु1त ५-७
से सोमरस ८
ाता समान सोम ९
पोषक सोम १०
२. इं कa ?तु1त १-७
यजमान? को संबोधन ६
सुखकारी सोमरस ७
३. अ7?न कa ?तु1त १-९
काशमान सोम ४
सोम कa ?तु1त ५-६
इं कa ?तु1त ७-९
४. अ7?न कa ?तु1त १-१०
सोम कa ?तु1त ४-६
इं कa ?तु1त ७-८
५. अ7?न कa ?तु1त १-११
0द सोमरस ४
सव?े सोमरस ५
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बु5?मान सोम ६
इं कa ?तु1त ७-८
सोम उपासना ९
अमृत ाही सोमरस १०
अमर सोम ११
६. सोम कa ?तु1त १-९
इं कa ?तु1त ४-९
१३. १. सोम कa ?तु1त १-९
प1व सोम ५
यजमान? को संबोधन ६-८
पुरो1हत? को संबोधन ९
२. यजमान? को संबोधन १-९
सोम कa ?तु1त ४
मन के ?वामी इं ५
धन याचना ६
इं कa ?तु1त ७-९
३. जापालक सूय? १-७
?नाशक सूय? २
?मतावान सूय? ३
इं कa ?तु1त ४-७
४. सर?वती कa ?तु1त १-११
स1वता कa उपासना ३
ण?प1त कa ?तु1त ४
अ7?न कa ?तु1त ५
व?ण कa ?तु1त ६
स?यपालक व?ण ७
2म कa ?तु1त ८
अ7?न?व?प सूय? ९
इं कa ?तु1त १०
सूय? कa अ?यथ?ना ११
५. इं कa ?तु1त १-९
सोम कa ?तु1त ३
अ7?न कa ?तु1त ४-७
बलवान अ7?न ८
सव?ापक ९
६. देवता? को संबोधन १-९
सरल सोम २
इं और अ7?न ३
४
इं कa ?तु1त ५-६
इं हेतु सोम ७
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इं कa ?तु1त ८-९
१४. १. यजमान? को संबोधन १-१४
इं के अ २
इं का सोमरस पान ३
इं कa ?तु1त ४-५
अमृत तु?य सोमरस ६
ाता तु?य सोम ७
सोम कa ?तु1त ८
अ7?न कa ?तु1त ९-१२
क?व ऋ1ष १३
इं कa ?तु1त १४
२. अ7?न कa ?तु1त १-१०
सोम कa ?तु1त ४-६
यजमान? को संबोधन ७
इं कa ?तु1त ८-९
३. यजमान? को संबोधन १-११
होता अ7?न २
पथ दश?क अ7?न ३
य? कराने वाले अ7?न ५
अ7?न कa ?तु1त ६-११
४. अ7?न कa ?तु1त १-११
१५. १. अ7?न कa ?तु1त १-११
२. अ7?न कa ?तु1त १-१०
३. अ7?न कa ?तु1त १-८
४. अ7?न कa ?तु1त १-९
१६. १. इं कa ?तु1त १-१२
अ7?न कa ?तु1त ११-१२
२. व?ण कa ?तु1त १-८
इं कa ?तु1त २-५
सोम कa ?तु1त ६-८
३. पूषा देव १-१२
म?द् गण? कa ?तु1त २-३
?वग?लोक ४
देवी ५-६
इं कa ?तु1त ७-९
गौएं १०
सोमरस का 1वसज?न ११
यजमान? कa याचना १२
४. इं कa ?तु1त १-१२
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सोम कa ?तु1त ७-८
सुख याचना ९
सव?ा इं १०
यजमान? को संबोधन ११-१२
१७. १. अ7?न कa ?तु1त १-११
यजमान? को संबोधन ४
इं कa ?तु1त ५-६
1व?णु कa ?तु1त ९-११
२. वायु कa ?तु1त १-११
इं कa ?तु1त २-३
सोम कa ?तु1त ४
मददायी सोमरस ५
सोम कa उपासना ६
अ7?न कa ?तु1त ७-९
1व?नहारी व र?क इं १०-११
३. य? १-९
इं शंसा २
सूय? शंसा ३
इं कa ?तु1त ४-९
४. अ7?न का आान १-९
वृासुरहंता इं ५
ओजवान इं ६
इं ?तु1त ७-८
यजमान? को संबोधन ९
१८. १. यजमान? को संबोधन १-१२
इं कa ?तु1त २-७, ११-१२
अ7?न कa ?तु1त ८-९
२. 1व?णु शंसा १-१५
यजमान? को संबोधन ३
1व?णु ४
यजमान ५
1ता ?था1पत करना ६
इं कa ?तु1त ७-८, १०-११, १४-१५
यजमान? को संबोधन ९
परा?मी सोमरस १२
मनोहर सोमरस १३
३. यजमान? को संबोधन १-१५
इं कa ?तु1त २-३, १०-१५
ाण ५, ७
सोम कa ?तु1त ६
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४. सोम कa ?तु1त १-१२
इं कa ?तु1त ४-६
अ7?न कa ?तु1त ७-१२
१९. १. अ7?न कa ?तु1त १-१४
सोम कa ?तु1त ४-७
इं कa ?तु1त ८-१४
२. सूय? पुी उषा १-१२
उषा ?तु1त ४, ७-९
अ4नीकुमार? कa ?तु1त ५-६, १०-१२
३. अ7?न ?तु1त १-९
उषा ?तु1त ४-६
अ4नीकुमार? कa ?तु1त ७-९
४. अ7?न कa ?तु1त १-९
उषा कa ?तु1त ४-५
उषा और रा1 ६
अ7?न और उषा ७
अ4नीकुमार? कa ?तु1त ८-९
५. उषा कa ?तु1त १-१०
यजमान? को लोभन ३
अ7?न, सूय?, उषा ४
अ4नीकुमार ५
अ4नीकुमार? को संबोधन६
सोम कa ?तु1त ७-१०
२०. १. सोम कa ?तु1त १-१५
इं कa ?तु1त ४-९
अ7?न कa ?तु1त १०-१५
२. अ7?न कa ?तु1त १-१०
यजमान? को संबोधन ३
इं कa ?तु1त ४-५
सोम कa ?तु1त ६-७
सूय? कa ?तु1त ९, १०
३. इं कa ?तु1त १-११
४. यजमान? को संबोधन १-१२
इं कa ?तु1त २-८
सोम कa ?तु1त ९-१२
५. अ7?न कa ?तु1त १-९
६. अ7?न कa ?तु1त १-१२
जात? के 2म सोम ५
जात अ7?न ६
देवता? को नम?कार ७
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गेय ऋचाएं ८
अ7?न कa ?तु1त ९-१२
७. इं कa ?तु1त १-१५
जल कa ?तु1त ४-६
वायु कa ?तु1त ७-९
अ7?न कa ?तु1त १०-११
यजमान? को संबोधन १२
वेन कa ?तु1त १३-१५
२१. इं कa ?तु1त १-२७
पाप को संबोधन १३
मनु?य? को संबोधन १४
अ4भमं1त बाण १५
देवगण? को संबोधन २६
सव?देव उपासना २७
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पूवा?Nचbक
आ?नेय पव?
पहला अ?याय
पहला खंड
अ?न आ या1ह वीतये गृणानो हदातये. 1न होता स9?स बIह^1ष.. (१)
हे अ7?न! हम सब आप कa ?तु1त (पूजा) करते ह?. य? म? आप को आमं1त करते ह?.
आप आ कर कुश (घास) के आसन पर बै0ठए. आप ह1व (अ7?न म? डाली जाने वाली प1व
चीज?) देवता? तक प?ंचाइए. (यह माना जाता है 1क हम अ7?न म? जो पदाथ? डालते ह?, वे
अ7?न के ?ारा मं से संबं2धत देवता तक प?ंचते ह?). (१)
?वम?ने य?ाना होता 1वेषा 1हतः. देवे4भमा?नुषे जने.. (२)
हे अ7?न! आप य?? के पुरो1हत ह?. आप सब का क?याण करने वाले ह?. देवता? ने ही
आप को मनु?य? (जन?) के बीच म? ?था1पत 1कया है. (२)
अ7?नं ?त वृणीमहे होतारं 1ववेदसम्. अ?य य??य सु?तुम्.. (३)
हे अ7?न! आप सब कुछ जानने वाले ह?. आप धन के ?वामी ह?. इस य? को अ?छ_
तरह करने के 3लए हम आप को ?त मान कर भेज रहे ह?. (ह1व अ7?न के मा?यम से संबं2धत
देवता तक प?ंचती है, इस3लए अ7?न को देवता का ?त माना जाता है). (३)
अ7?नवृ?ा4ण जङ्घनद् 1वण?युIव^प?यया. स2म?ः शु? आ?तः.. (४)
हे अ7?न! आप अपने पूजक? को धन देने वाले ह?. स2मधा (5जस से य? कa अ7?न
?व3लत कa जाती है) से आप को अ?छ_ तरह का3शत 1कया गया है. आप हमारी ?तु1त से
स होइए. य? म? 1व?न डालने वाल? (रा?स? एवं ? वृ3?य?) को न कa5जए. (४)
ें वो अ1त3थ ?तुषे 2म2मव 1यम्. अ?ने रथं न वेम्.. (५)
हे अ7?न! आप पूजक? को धन देने वाले ह?. उ?ह? 2म कa तरह ब?त 1य ह?. मेहमान
कa तरह पूजा करने यो?य ह?. आप हमारी पूजा से स होइए. (५)
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?वं नो अ?ने महो4भः पा1ह 1व?या अरातेः. उत 1?षो म?य??य.. (६)
हे अ7?न! आप ई?या??ेष करने वाले लोग? और ??मन? से हम? बचाइए. हे अ7?न! हम?
ब?त सुखसंपता दान कa5जए. (६)
ए? षु वा4ण ते ऽ ?न इ?थेतरा 1गरः. ए4भव?धा?स इ??4भः.. (७)
हे अ7?न! आप पधा/रए. हम आप के 3लए शु? वाणी से मं पढ़ रहे ह?. आप उ?ह?
सु1नए. सोमरस से आप समृ? ब1नए. (७)
आ ते व?सो मनो यम?परमा.?च?सध?थात्. अ?ने ?वां कामये 1गरा.. (८)
हे अ7?न! हम आप के पु ह?. मन से आप को आमं1त करना चाहते ह?. आप े
जगह से भी हमारे 3लए आइए. हम वाणी (मं पाठ) से आप को भजते ह?. (८)
?वाम?ने पु?कराद?यथवा? 1नरम?थत. मू?न? 1व?य वाघतः.. (९)
हे अ7?न! आप सव?े और सारे संसार के धारक ह?. अथवा? (ऋ1ष) ने कमल के प??
पर अर4ण (लकड़ी) मथ कर आप को उ?प (का3शत) 1कया. (९)
अ?ने 1वव?वदा भरा?म?यमूतये महे. देवो 3स नो ?शे.. (१०)
हे अ7?न! आप हमारी र?ा कa5जए. ?वग? देने वाले इस काम को 3स? क/रए (सा2धए).
आप ही हम? राह 0दखाने वाले ह?. (१०)
?सरा खंड
नम?ते अ?न ओजसे गृण7?त देव कृयः. अमैर2ममद?य.. (१)
हे अ7?न! बल चाहने वाले मनु?य आप को नम?कार करते ह?. म? भी आप को नम?कार
करता ?ं. आप अपने बल से ??मन? का नाश कa5जए. (१)
?तं वो 1ववेदस हवाहमम?य?म्. य5जमृ?से 1गरा.. (२)
हे अ7?न! आप ?ान के ?वामी ह?. आप ह1व को देवता? तक ले जाने वाले ह?. आप
देवता? के ?त ह?. म? आप कa कृपा पाने के 3लए ाथ?ना करता ?ं. (२)
उप ?वा जामयो 1गरो दे0दशतीह?1व?कृतः. वायोरनीके अ.?थरन्.. (३)
हे अ7?न! यजमान कa वाणी से कट होने वाली े ?तु1तयां आप का गुणगान कर
रही ह?. हम आप को वायु के पास ?था1पत करते ह?. (३)
उप ?वा?ने 0दवे0दवे दोषाव?तJध^या वयम्. नमो भर?त एम3स.. (४)
हे अ7?न! हम आप के स?चे भ? ह?. 0दनरात आप कa पूजा करते ह?. 0दनरात आप का
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गुणगान करते ह?. आप हम पर कृपा क/रए. (४)
जराबोध त1?1व2? 1वशे1वशे य3?याय. ?तोम ?ाय ?शीकम्.. (५)
हे अ7?न! हम ाथ?ना कर के आप को आमं1त करते ह?. आप हम सब पर कृपा करने
के 3लए य? मंडप म? आइए. ?? का नाश करने वाले आप को हम सुंदर ाथ?ना? से
बारबार आमं1त कर रहे ह?. (५)
1त ?यं चा?म?वरं गोपीथाय ?यसे. म?5?र?न आ ग1ह.. (६)
हे अ7?न! आप इस उ?म य? म? सोमपान के 3लए बुलाए जाते ह?. आप म?त?
(देवता?) के साथ आइए. (६)
अं न ?वा वारव?तं व?द?या अ7?नं नमो4भः. साज?तम?वराणाम्.. (७)
हे अ7?न! आप 3स? (य? के) पूंछ वाले घोड़े के समान ह?. आप य? के र?क ह?. हम
ाथ?ना? से आप कa पूजा व नम?कार कर रहे ह?. अथा?त् जैसे घोड़ा अपनी पूंछ से क देने
वाले म?छर आ0द हटा देता है, वैसे ही आप अपनी लपट? (?वाला?) से हमारे क ?र
कa5जए. (७)
औव?भृगुव?छु2चमवानवदा ?वे. अ7?न समुवाससम्.. (८)
हे अ7?न! आप समु म? रहने वाले ह?. भृगु और अवान जैसे ऋ1षय? ने 5जस तरह
स?चे मन से आप कa ाथ?ना कa, उसी तरह हम भी स?चे मन से आप कa ाथ?ना करते ह?.
(८)
अ7?न2म?धानो मनसा 2धय सचेत म?य?ः. अ7?न2म?धे 1वव?व4भः.. (९)
हे अ7?न! मनु?य मन लगा कर आप को तथा अपनी ?ा को जगाता है. सूय? कa
1करण? के साथ आप को का3शत करता है. (९)
आ0द??न?य रेतसो ?यो1तः प?य7?त वासरम्. परो य0द?यते 0द1व.. (१०)
हे अ7?न! ?वग?लोक से ऊपर सूय? ?प म? अ7?न का3शत होती है. तभी सब ाणी उस
काश वाले तेज का दश?न करते ह?. (१०)
तीसरा खंड
अ7?नं वो वृध?तम?वराणां पु?तमम्. अ?छा न?े सह?वते.. (१)
हे ऋ7?वजो (उपासको)! अ7?न तु?हारे अ=ह^सक य?? म? सहायक, े (उ?म), सब के
1हतकारी व बलशाली ह?. तुम ?वाला? (लपट?) से बढ़ते ?ए अ7?न कa सेवा म? जाओ. (१)
अ7?न9?त?मेन शो2चषा य स1?ं ?य ३ 1णम्. अ7?नन? व सते र1यम्.. (२)
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अ7?न अपनी तेज लपट? से रा?स? और अ?य 1व?न? को न कर?. अ7?न हम? सब कार
का धन (सुख) दान कर?. (२)
अ?ने मृड महाँ अ?यय आ देवयुं जनम्. इयेथ बIह^रासदम्.. (३)
हे अ7?न! आप हम? सुख द_5जए. आप महान व ग1तशील यानी साम?य?वान ह?. आप
देवता? के दश?न के इ?छुक यजमान के पास कुश (घास) के आसन पर 1वराजने के 3लए
यहां पधा/रए. (३)
अ?ने र?ा णो अ हसः 1त ?म देव रीषतः. त1पैरजरो दह.. (४)
हे अ7?न! आप पाप? से हमारी र?ा कa5जए. आप 0द तेज वाले ह?. आप अजर
(बुढ़ापे से र1हत) ह?. आप हमारा नुकसान करने कa इ?छा रखने वाले शु? को अपने
तेजताप से भ?म कर द_5जए. (४)
अ?ने युङ्?वा 1ह ये तवाासो देव साधवः. अरं वह??याशवः.. (५)
हे अ7?न! अपने तेज ग1त वाले े और कुशल घोड़? को (यहां पधारने के 3लए) रथ म?
जो1तए. (५)
1न ?वा न?य 1व?पते ुम?तं धीमहे वयम्. सुवीरम?न आ?त.. (६)
हे अ7?न! हम आप कa शरण म? ह?. यजमान आप को आमं1त करते ह?. आप कa पूजा
करते ह?. आप कa पूजा से सब कार के सुख ा?त होते ह?. हम ने ?दय से आप को यहां
?था1पत 1कया है. (६)
अ7?नमू?धा? 0दवः ककु?प1तः पृ3था अयम्. अपा रेता 3स 5ज?व1त.. (७)
हे अ7?न! आप सव??च (सब से ऊंचे) ह?. आप ?वग?लोक और पृ?वीलोक का पालन
करने वाले ह?. आप इन के ?वामी ह?. आप जल के सारे जीव? को जीवन देते ह? और काम म?
लगाते ह?. (७)
इममू षु ?वम?माक स=न^ गायं न सम्. अ?ने देवेषु वोचः.. (८)
हे अ7?न! आप हमारी इस ह1व को देवता? तक प?ंचाइए. हम गायी छंद म? आप कa
ाथ?ना कर रहे ह?. आप हमारी इन दोन? चीज? को देवता? तक प?ंचा द_5जए. (८)
तं ?वा गोपवनो 1गरा ज1नद?ने अ2?रः. स पावक ुधी हवम्.. (९)
हे अ7?न! गोपवन ऋ1ष ने आप को अपनी ?तु1त से उ?प 1कया है. आप अंग? म? रस
के ?प म? 1नवास करते ह?. आप प1व करने वाले ह?. आप हमारी ाथ?ना सु1नए. (९)
प/र वाजप1तः क1वर7?नह?ा?य?मीत्. दध?ना1न दाशुषे.. (१०)
हे अ7?न! आप सव?? व अ? के ?वामी ह?. आप ह1व के ?प म? 0दए गए पदाथ? को
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?वीकार करते ह?. उन ह1वय? को ा?त करते ह? यानी देवता? तक प?ंचाते ह?. आप
दानशील लोग? को धनधा?य दान करते ह?. (१०)
उ? ?यं जातवेदसं देवं वह7?त केतवः. ?शे 1वाय सूय?म्.. (११)
सारे भुवन? को देखने के 3लए सूय? कa 1करण? 5जस से उ?प ?ई ह?, ऐसे सूय? के ?प म?
वे अ7?न को भलीभां1त धारण 1कए रहती ह?. (११)
क1वम7?नमुप ?तु1ह स?यधमा?णम?वरे. देवममीवचातनम्.. (१२)
हे ऋ7?वजो (य? करने वालो)! इस य? म? आप सब ?ान वाले अ7?न कa ?तु1त
कa5जए. वे स?य धम? से यु? ह?. वे शु? का (रोग? का) नाश करने वाले ह?. (१२)
शं नो देवीर4भये शं नो भव?तु पीतये. शं योर4भ व?तु नः.. (१३)
हमारा क?याण हो. 0द जल हमारे पीने के 3लए क?याणकारी हो. जल रोग शांत
करने वाला हो. जल सुखशां1त देते ?ए अमृत ?प म? वा1हत हो. (१३)
क?य नूनं परीण3स 2धयो 5ज?व3स स?पते. गोषाता य?य ते 1गरः.. (१४)
हे अ7?न! आप स?य (स?जन) के पालनहार ह?. आप इस समय 1कस तरह के मानव के
कम? को स?य माग? (ज) तक प?ंचा रहे ह?. 1कस कम? से आप कa कृपा गौ? को ा?त
कराने वाली होगी. (१४)
चौथा खंड
य?ाय?ा वो अ?नये 1गरा1गरा व द?से.
वयममृतं जातवेदसं 1यं 2मं न श 3सषम्.. (१)
हे अ7?न! आप सब कुछ जानने वाले व अमर ह?. आप 2म कa तरह सहयोग करने
वाले ह?. हम आप कa ?तु1त करते ह?. हे ोताओ! आप भी ऐसे अ7?न कa ?तु1त कa5जए. (१)
पा1ह नो अ?न एकया पा? ३ त 1?तीयया.
पा1ह गीLभ^9?तसृ4भ?जा? पते पा1ह चतसृ4भव?सो.. (२)
हे अ7?न! आप पहली ?तु1त से हमारी र?ा कa5जए. ?सरी ?तु1त से हम? संर?ण दान
कa5जए. तीसरी ?तु1त से हमारी र?ा (पालनपोषण ?प) कa5जए. चौथी ?तु1त से आप
हमारी सब कार से र?ा कa5जए. हे अ7?न! आप सब को संर?ण देने वाले ह?. (२)
बृह5?र?ने अJच^4भः शु?ेण देव शो2चषा.
भर?ाजे स2मधानो य1व?? रेव?पावक द_0द1ह.. (३)
हे अ7?न! आप बड़ी ?वाला? वाले व युवा ह?. आप संपता व प1वता देने वाले ह?.
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आप अपने खर तेज से भर?ाज (ऋ1ष) के 3लए अ?यंत तेज?वी ?प म? ?व3लत होइए.
(३)
?वे अ?ने ?वा?त 1यासः स?तु सूरयः.
य?तारो ये मघवानो जनानामूव? दय?त गोनाम्.. (४)
हे अ7?न! यजमान भलीभां1त हवन करते ह?. वे आप को 1य ह?. जो धन देने वाले और
जा कa देखभाल करने वाले ह?, वे भी आप को 1य ह?. गौ? का पालन करने वाले आप
को 1य ह?. (४)
अ?ने ज/रतIव^?प1त?तपानो देव र?सः.
अो1षवान् गृहपते महाँ अ3स 0दव?पायु??रोणयुः.. (५)
हे अ7?न! आप ?ानी, जा का पालनपोषण करने वाले, रा?स? (क देने वाल?) का
नाश करने वाले, घर के ?वामी, उपासक? के घर को नह? छोड़ने वाले व ?वग?लोक के र?क
ह?. आप हमारे घर म? सदा 1नवास क/रए. (५)
अ?ने 1वव?व?षस4 राधो अम?य?.
आ दाशुषे जातवेदो वहा ?वमा देवाँ उषबु?धः.. (६)
हे अ7?न! आप अमर, ा4णमा को जानने वाले और उषा (उषाकाल) से ा?त होने
वाला 1वशेष धन दानदाता यजमान को द_5जए. आप सब कुछ जानने वाले ह?. आप
उषाकाल म? जागे ?ए देवता? को भी यहां आमं1त कa5जए. (६)
?वं न4 ऊ?या वसो राधा 3स चोदय.
अ?य राय??वम?ने रथीर3स 1वदा गाधं तुचे तु नः.. (७)
हे अ7?न! आप सव?ापक, अद् भुत श3? वाले, दश?नीय, अपार व ब?त ?मतावान ह?.
आप समृ5? (वैभव) लाने म? समथ? ह?. आप हम? समृ5? द_5जए. आप हमारी संतान? को भी
समृ5? एवं 1ता द_5जए. (७)
?व2म?सथा अ?य?ने ातऋ?तः क1वः.
?वां 1वासः स2मधान द_0दव आ 1ववास7?त वेधसः.. (८)
हे अ7?न! आप र?क ह?. आप (अपने गुण तथा धम? के 3लए) ब?त 3स? ह?. आप
स?यवान और ?ानी ह?. हे तेज?वी अ7?न! ?व3लत (का3शत) हो जाने पर ?ानी जन आप
कa उपासना व सेवा करते ह?. (८)
आ नो अ?ने वयोवृध र=य^ पावक श ?यम्.
रा?वा च न उपमाते पु??पृह सुनीती सुयश?तरम्.. (९)
हे अ7?न! आप प1व करने वाले व धनधा?य कa समृ5? करने वाले ह?. आप हम? यश
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बढ़ाने वाला धन द_5जए. आप हम? सही रा?ते से आने वाला धन दान कर?. आप हम? ऐसा
धन दान कर? 5जसे अनेक लोग चाहते ह?. (९)
यो 1वा दयते वसु होता म?ो जनानाम्.
मधोन? पाा थमा?य?मै ?तोमा य??व?नये.. (१०)
यजमान? को सब कार कa समृ5? दे कर आनं0दत करने वाले अ7?न कa हम पहले
?तु1त करते ह?, जैसे उ?ह? सब से पहले सोमरस का पा समIप^त 1कया जाता है. (१०)
पांचवां खंड
एना वो अ7?नं नमसोज? नपातमा ?वे.
1यं चे1तमर1त ?व?वरं 1व?य ?तममृतम्.. (१)
हे उपासको! अ से श3? देने वाले (बल के पु), पूण??ानी, ?नेह देने वाले, सुंदर य?
वाले देवता? के ?त अ7?न को म? नम?कारपूव?क ाथ?ना से आमं1त करता ?ं. (१)
शेषे वनेषु मातृषु सं ?वा मता?स इ?धते.
अत?ो हं वह3स ह1व?कृत आ0द?ेवेषु राज3स.. (२)
हे अ7?न! आप वन? म? ा?त ह?. आप माता? म? गभ? के ?प म? ा?त ह?. आप शेष
पदाथ? म? भी फैले ह?. हम मनु?य स2मधा? ?ारा आप को ?व3लत करते ह?. आप आल?य
र1हत ह?. आप यजमान कa ह1व देवता? तक प?ंचाते ह?. आप देवता? के म?य (बीच म?)
सुशो4भत होते ह?. (२)
अदKश^ गातु1व?मो य9?म?ता?यादधुः.
उपो षु जातमाय??य वध?नम7?नं न??तु नो 1गरः.. (३)
धम? के माग? को पूरी तरह जानने वाले अ7?न कट हो रहे ह?. इन के मा?यम से य? के
1नयम पूरे 1कए जाते ह?. अ7?न आय? को ग1त देने वाले ह?. वे वाणी ?प म? कa जा रही
हमारी ाथ?ना? को ?वीकार करने कa कृपा कर?. (३)
अ7?न??थे पुरो1हतो ावाणो बIह^र?वरे.
ऋचा या2म म?तो ण?पते देवा अवो वरे?यम्.. (४)
?तो वाले =ह^सा र1हत य? म? सब से पहले अ7?न देवता कa ?थापना कa जाती है.
सोमलता से रस 1नकालने वाले प?थर एवं आसन भी ?था1पत 1कए जाते ह?. हे म?तो! हे
ण?प1त! हे देव! हम वेदमं? ?ारा अपनी र?ा का अनुरोध करते ह?. (४)
अ7?नमी2ड?वावसे गाथा4भः शीरशो2चषम्.
अ7?न राये पु?मीढ ुतं नरो ऽ 7?नः सुद_तये छHद^ः.. (५)
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हे उपासको! अपनी र?ा के 3लए 1व?तृत तथा 1वकराल ?व?प वाले अ7?न कa ?तु1त
करो. धन ा7?त के 3लए अ7?न कa ?तु1त करो. (५)
ु2ध ु?कण? व24भद?वैर?ने सयाव4भः.
आ सीदतु बIह^1ष 2मो अय?मा ातया?व4भर?वरे.. (६)
हे अ7?न! आप समथ? कान? वाले ह?. आप हमारी ाथ?ना ?वीकार कa5जए. अ7?न के
साथ 2म और अय?मा आ0द देवता भी य? के कुशासन पर 1वराजमान ह?. (६)
दैवोदासो अ7?नद?व इ?ो न म?मना.
अनु मातरं पृ3थव? 1व वावृते त?थौ नाक?य शम?4ण.. (७)
अ7?न इं के समान श3?शाली ह?. अ7?न 0द (अ?छे) काय? करने वाल? के 3लए पृ?वी
पर कट ?ए. ह1व प?ंचाने के अपने े काम? से वे ?वग? म? रहने लगे. (७)
अध ?मो अध वा 0दवो बृहतो रोचनाद2ध.
अया वध??व त?वा 1गरा ममा जाता सु?तो पृण.. (८)
हे अ7?न! आप उ?म य? के आधार ह?. आप ?वग?लोक एवं पृ?वीलोक म? अपनी आभा
फैलाएं. आप हमारी तथा हमारे संबं2धय? कa मनोकामनाएं पूरी कa5जए. (८)
कायमानो वना ?वं य?मातृरजगपः.
न त?े अ?ने मृषे 1नवत?नं यद् ?रे स2हाभुवः.. (९)
हे अ7?न! आप वन कa इ?छा करने वाले हो कर भी माता के समान जल के पास गए.
आप का जाना हम से नह? सहा गया. आप अ??य हो कर भी हमारे आसपास कट हो जाते
ह?. (९)
1न ?वाम?ने मनुद?धे ?यो1तज?नाय शते.
द_देथ क?व ऋतजात उ4?तो यं नम?य7?त कृयः.. (१०)
हे अ7?न! मननशील मनु?य आप को धारण करते ह?. अनंत काल से मानव जा1त के
3लए आप का काश का3शत है. आप ?ानी ऋ1षय? के आम म? का3शत होते ह?.
जाप1त ने यजमान के 3लए आप को देव य? ?थान म? ?था1पत 1कया. हम सब आप को
नम?कार करते ह?. (१०)
छठा खंड
देवो वो 1वणोदाः पूणा? 1वव्वा3सचम्.
उ?ा 3स?वमुप वा पृण?वमा0द?ो देव ओहते.. (१)
अ7?न धन देने वाले ह?. इस3लए हे होताओ! य? म? अ?छ_ तरह भरे ?ए ुक (एक
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पा) से बारबार आ?1त दो. सोमरस से पा को स?चो. इस तरह अ7?न आ?1त प?ंचा कर
यजमान कa मनोकामनाएं पूरी करते ह?. (१)
ैतु ण?प1तः देेतु सूनृता.
अ?छा वीरं नय? पङ्3?राधसं देवा य?ं नय?तु नः.. (२)
हम? ण?प1त देवता ा?त ह? (यानी हमारे पास प?ंच?). स?य और 1य देवी एवं वाग्
देवता (वाणी के देवता) हम? ा?त ह?. सभी देवगण हमारे शु? का नाश कर?. क?याणकारी
यश देने वाले वीर को सब देवता े माग? से ले जाएं. (२)
ऊ?व? ऊ षु ण ऊतये 1ता देवो न स1वता.
ऊ?व? वाज?य स1नता यद.?4भवा?घ5?Iव^यामहे.. (३)
हे अ7?न! हमारे संर?ण के 3लए आप ऊंचे आसन पर 1वरा5जए. सूय? के समान उत
हो कर हम? अ आ0द दान कa5जए. हम इसी3लए अ?छे ?तो? से ?तु1त करते ?ए आप को
आमं1त करते ह?. (३)
यो राये 1ननीष1त मत? य?ते वसो दाशत्.
स वीरं ध?े अ?न उ?थश 3सनं ?मना सहपो1षणम् .. (४)
हे अ7?न! आप ापक ह?. हम आप के भ? धन के 3लए आप को स करना चाहते
ह?. जो मनु?य आप को ह1व दान करता है, वह ?तु1त करने वाले हजार? मनु?य? का
पालनपोषण करने वाले वीर पु को ा?त करता है. (४)
वो यं पु?णां 1वशां देवयतीनाम्.
अ7?न सू?े4भव?चो4भवृ?णीमहे य स2मद?य इ?धते.. (५)
हे अ7?न! आप मनु?य म? देव?व का 1वकास करने वाले ह?. हम अपनी ?तु1तय? से आप
कa महानता का वण?न करते ह?. हे अ7?न! आप को अ?य ऋ1षय? ने भी अ?छ_ तरह द_?त
(स) 1कया है. (५)
अयम7?नः सुवीय??येशे 1ह सौभाग?य.
राय ईशे ?वप?य?य गोमत ईशे वृहथानाम्.. (६)
अ7?न संप3? और सौभा?य के ईश ह?. वे गौ आ0द पशु? के ?वामी ह?. संतान और धन
के ?वामी ह?. शु? का नाश करने वाल? के भी ?वामी ह?. (६)
?वम?ने गृहप1त??व होता नो अ?वरे.
?वं पोता 1ववार चेता य4? या3स च वाय?म्.. (७)
हे अ7?न! आप घर के ?वामी ह?. हमारे =ह^सा र1हत य? के होता (पुरो1हत) ह?. आप कa
आराधना सभी कर सकते ह?. आप प1व करने वाले ह?. आप े ह1व का य? कa5जए. हम?
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धना0द (सुख) दान कa5जए. (७)
सखाय??वा ववृमहे देवं मता?स ऊतये.
अपां नपात सुभग सुद सम सुतूIत^मनेहसम्.. (८)
हे अ7?न! आप हमारे सखा ह?. आप े कम? करने वाले ह?. मनु?य कa शी इ?छा पूIत^
करते ह?. आप धन के ?वामी व जल को धारण करने वाले ह?. हम समान बु5? वाले सभी
साधक आप से अपने संर?ण कa ाथ?ना करते ह?. (८)
सातवां खंड
आ जुहोता ह1वषा मज?य?वं 1न होतारं गृहप=त^ द2ध?वम्.
इड?पदे नमसा रातह सपय?ता यजतं प??यानाम्.. (१)
हे ऋ7?वजो (यजमानो)! आप अ7?न देव को आमं1त कa5जए. आप सब ओर शु?ता
फैलाने वाली ह1व अ7?न देव को दान कa5जए. गृहप1त गृह कa र?ा करने वाली अ7?न कa
?थापना कर?. हवन कa चीज? के साथसाथ आप ?तु1त कर के उन का ?वागतस?कार कर?.
(१)
2च इ.?छशो?त?ण?य व?थो न यो मातराव?वे1त धातवे.
अनूधा यदजीजनदधा 2चदा वव??सो म1ह ??यां ३ चरन्.. (२)
हे अ7?न! बाल एवं त?ण (युवा) ?प आप का ह1व प?ंचाना ब?त आय? वाला है.
आप पैदा होने के बाद ?ध पीने के 3लए अपनी दोन? ही माता? (पृ?वी और अर4णय?) के
पास नह? जाते, ब.?क अ?छे ?त कa भू2मका 1नभाते ?ए देवता? के पास ह1व प?ंचाने
जाते ह?. (२)
इदं त एकं पर ऊ त एकं तृतीयेन ?यो1तषा सं 1वश?व.
संवेशन?त?वे ३ चा?रे2ध 1यो देवानां परमे ज1ने.. (३)
हे मृ?यु धम? वाले मनु?य! अ7?न तु?हारा एक भाग है. वायु तु?हारा ?सरा भाग (शरीर)
है. सूय? ?प तीसरे भाग (तेज) से तुम 2मलते हो. उन से मु? हो कर मुन?य तेज?वी ?प
ा?त करता है. अथा?त् मनु?य को पावन ?थान म? ज?म ले कर देव श3?य? के 3लए 1य तथा
े बनना चा1हए. (1पछले मं म? मृ?यु के बाद पुनः कृ1त म? 2मलने कa 1?या बताई है).
(३)
इम ?तोममह?ते जातवेदसे रथ2मव सं महेमा मनीषया.
भा 1ह नः म1तर?य स स?ने स?ये मा /रषामा वयं तव.. (४)
हे अ7?न! आप सब कुछ जानने वाले ह?. हम ?तो ?प को रथ के समान उ?म बु5? से
तैयार करते ह?. हे अ7?न! हम आप के 2म ह?. हम? 1कसी कार का कोई क न हो. (४)
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मूधा?नं 0दवो अर=त^ पृ3था वैानरमृत आ जातम7?नम्.
क1व साजम1त?थ^ जनानामासः पां जनय?त देवाः.. (५)
हे अ7?न! आप सब से ऊपर (सव?प/र) ह?. आप ?वग?लोक के वासी ह?. आप भूलोक के
?वामी ह?. आप य? म? उ?प ह?. आप ?ानी मनु?य? म? मेहमान कa तरह पूजनीय ह?. मुख कa
तरह मु?य ह?. आप को देवता? ने उ?प 1कया है. (५)
1व ?वदापो न पव?त?य पृा??थे4भर?ने जनय?त देवाः.
तं ?वा 1गरः सुुतयो वाजय??याAज^ न 1गव?वाहो 5ज?युराः.. (६)
हे अ7?न! जैसे पव?त के ऊपरी भाग से जल उ?प होता है, वैसे ही 1व?ान् यजमान
आप को अपनी ?तु1तय? से कट करते ह?. जैसे घोड़े यु? म? 1वजय पाते ह?, वैसे ही आप
हमारी ?तु1तय? से संचा3लत होते ह?. इस से हम? 1वजय (कामना 3स5?) 2मलती है. (६)
आ वो राजानम?वर?य ? होतार स?ययज रोद?योः.
अ7?नं पुरा तन1य?नोर2च?ा5?र?य?पमवसे कृणु?वम्.. (७)
हे अ7?न! आप य? के ?वामी ह?. आप देवता? को बुलाने वाले ह?. आप शु? को
?लाने वाले ह?. आप ?वग?लोक तथा पृ?वीलोक के अदाता ह?. आप आनंद एवं स?य ?प
को ा?त कराने वाले ह?. आप ?वण? के समान चमक वाले ह?. ऐसे ?व?प वाले अ7?न को
?वाभा1वक ?प से 1वुत् से पहले संर?ण के 3लए उ?प 1कया है. (७)
इ?धे राजा समय? नमो4भय??य तीकमा?तं घृतेन.
नरो हे4भरीडते सबाध आ7?नरमुषसामशो2च.. (८)
हे अ7?न! आप े ह?. आप राजा ह?. आप को अ? से ?व3लत 1कया जाता है. आप
को घी से बढ़ाया जाता है. सभी 2मल कर हवन से आप कa पूजा करते ह?. इस कार अ7?न
उषा काल के पूव? (यानी माता के गभ? से ही) उ?प ?ए ह?. (८)
केतुना बृहता या?य7?नरा रोदसी वृषभो रोरवी1त.
0दव4द?ता?पमामुदानडपामुप?थे म1हषो ववध?.. (९)
हे अ7?न! आप महान काश के साथ कट होते ह?. ?वग?लोक और पृ?वीलोक म?
बलवान हो कर गज?ना करते ह?. 1बजली के गज?न और जल मेघ? के बीच बढ़ते ह?. (९)
अ7?नं नरो द_2ध1त4भरर?योह??त?युतं जनयत श?तम्.
?रे?शं गृहप1तमथुम्.. (१०)
हे अ7?न! आप शंसा के यो?य ह?. आप ?र से 0दखाई देते ह?. आप घर के र?क ह?.
यजमान ने अ7?न को अर4ण मथ कर कट 1कया. (यानी अंगु3लय? म? अर4णय? को पकड़
कर, 2घस कर कट 1कया है). (१०)
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आठवां खंड
अबो?य7?नः स2मधा जनानां 1त धेनु2मवायतीमुषासम्.
या इव वयामु.?जहानाः भानवः सते नाकम?छ.. (१)
हे अ7?न! आप यजमान? कa ?ा से ?व3लत ह?. जैसे अ7?नहो (सुबह य? करने
वाले) के 3लए पाली ?ई गाय ातःकाल उठ जाती है, वैसे ही ातःकाल आप ?व3लत होते
ह? (1कए जाते ह?). पेड़ कa फैली ?ई शाखा? के समान आप कa 1करण? भी ?र?र तक
फैलती ह?. (१)
भूज?य?तं महां 1वपोधां मूरैरमूरं पुरां दमा?णम्.
नय?तं गीLभ^व?ना 2धयं धा ह/र?मुं न वम?णा धनJच^म्.. (२)
हे अ7?न! आप रा?स? को जीतने वाले ह?. आप 1व?ान? को धारण करने वाले ह?. मूख?
के आय (?थान) का नाश करने वाले ह?. आप ?तु1त करने वाले को ऐय? देने वाले ह?. आप
कवच के समान र?ा करने वाले ह?. आप सुनहरी ?वाला? वाले ह?. हे मनु?य! तुम ऐसे अ7?न
कa आराधना करो. (२)
शु?ं ते अ?यजतं ते अ?य1?षु?पे अहनी ौ/रवा3स.
1वा 1ह माया अव3स ?वधाव?भा ते पूष2ह रा1तर?तु.. (३)
हे पूषा! आप का तेज?वी रंग वाला 0दन अलग है. उसी तरह काले रंग वाली रा1
अलग है. आप कa म1हमा से ये अलगअलग रंग वाले भाग एक ही 0दनरात के ह?. आप
पोषण करने वाले ह?. आप सारे जग कa र?ा करने वाले ह?. आप क?याण करने वाले ह?. आप
हमारा क?याण कर?. (३)
इडाम?ने पु?द स स=न^ गोः श?म हवमानाय साध.
?याः सूनु?तनयो 1वजावा?ने सा ते सुम1तभू??व?मे.. (४)
हे अ7?न! आप अनेक काम? म? उपयोगी सुम1त हम? द_5जए. आप गाय? को देने वाली
?तु1त हम? द_5जए. आप हम? पुपौ दान कa5जए. आप उ?म बु5? वाले ह?. कृपया भली
कार आराधना करने वाले यजमान को ये सब दान कa5जए. (४)
होता जातो महाभो1वृषा सीददपां 1ववत?.
दधो धायी सुते वया 3स य?ता वसू1न 1वधते तनूपाः.. (५)
हे अ7?न! आप सभी घर? म? मौजूद रहते ह?. आप बादल? के बीच 1बजली के ?प म?
रहते ह?. इस समय आप य? म? मौजूद ह?. आप महान ह?. आप अंत/र? को जानने वाले ह?.
ह1व को धारण करने वाले ह?. आप हम? अ, धन व संर?ण दान कa5जए. (५)
साजमसुर?य श?तं पु सः कृीनामनुमा?य.
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इ??येव तवस?कृता1न व?द?ारा व?दमाना 1ववु.. (६)
हे अ7?न! आप बलवान और वीर मनु?य के ?तु1त यो?य ह?. आप बल म? इं के समान
ह?. आप के इस शंसनीय ?व?प कa ?तु1त करते ह?. हे यजमान! ?तु1त और आराधना से
अ7?न कa उपासना करो. (६)
अर?योIन^1हतो जातवेदा गभ? इवे?सुभृतो गLभ^णी4भः.
0दवे0दव ई?ो जागृव5?ह?1व?म5?म?नु?ये4भर7?नः.. (७)
हे अ7?न! आप सब कार के ?ान वाले ह?. आप अ?छ_ तरह गभ? धारण करने वाली
?ी के समान अर4णय? ?ारा धारण 1कए जाते ह?. य? के 3लए जाग?क रहने वाले यजमान?
?ारा 1त0दन आप वंदनीय ह?. (७)
सनाद?ने मृण3स यातुधाना ?वा र?ा 3स पृतनासु 5ज?युः.
अनु दह सहमूरा?कयादो मा ते हे?या मु?त दैायाः.. (८)
हे अ7?न! आप हमेशा शु? को बाधा देने वाले ह?. आप को यु? म? रा?स नह? जीत
सकते. आप मांस खाने वाले रा?स? को अपने तेज से भ?म कर द_5जए. आप के इस
ह3थयार से कोई शु न बचे. (८)
नौवां खंड
अ?न ओ5जमा भर ु?नम?म?यम2गो.
नो राये पनीयसे र9?स वाजाय प?थाम्.. (१)
हे अ7?न! आप हम? खूब बल तथा धन द_5जए. आप बेरोकटोक ग1त वाले ह?. धन का
माग? हम? 0दखाइए. आप अ और बल वाला माग? हम? 0दखाइए. (१)
य0द वीरो अनु ?याद7?न2म?धीत म?य?ः.
आजु?मानुषक् शम? भ?ीत दैम्.. (२)
हे अ7?न! मनु?य वीर पु को पाने के 3लए आप को ?व3लत करे. हवन के पदाथ? से
सदा हवन करे. आप कa कृपा से सदा परम सुख ा?त करे. (२)
?वेष?ते धूम ऋ?व1त 0द1व स?छु? आततः.
सूरो न 1ह ुता ?वं कृपा पावक रोचसे.. (३)
हे अ7?न! ?व3लत होने के बाद आप का धुआं आकाश म? फैलता है. बादल ?प म?
बदल जाता है. आप प1व करने वाले ह?. ?तु1त के भाव से आप सूय? के समान का3शत
होते ह?. (३)
?व 1ह ?ैतवशो ऽ ?ने 2मो न प?यसे.
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?वं 1वचष?णे वो वसो पु=^ न पु?य3स.. (४)
हे अ7?न! 1नय ही आप सूखी स2मधा ?प म? अ को हण करते ह?. आप उसे (अ
को) ब?त ?यादा माा म? बढ़ाते ह? (पु करते ह?). आप सूय? के समान तेज?वी ह?. आप सभी
को शरण (आय) देने वाले व सब कुछ देखने वाले ह?. (४)
ातर7?नः पु?1यो 1वश ?तवेता1त3थः.
1वे य9?मम?य? हं मता?स इ?धते.. (५)
हे अ7?न! आप अनेक लोग? को 1य लगने वाले ह?. आप यजमान? के घर धन ?था1पत
करने वाले ह?. आप यजमान? के घर मेहमान के समान आने वाले ह?. आप ातःकाल ?तु1त
1कए जाने वाले ह?. आप अमर ह?. सभी मनु?य आप को प1व हवन सामी दान कर?. (५)
य?ा1हं तद?नये बृहदच? 1वभावसो.
म1हषीव ?व1य??व?ाजा उद_रते.. (६)
हे अ7?न! शी प?ंचने वाले ?तो से हम आप कa आराधना करते ह?. आप तेज?वी ह?.
हम? ब?त सा अ और धन दान कa5जए ?य?1क आप ही से ब?त सा धन और अ ा?त
होता है. (६)
1वशो1वशो वो अ1त?थ^ वाजय?तः पु?1यम्.
अ7?नं वो ?य? वचः ?तुषे शूष?य म?म4भः.. (७)
हे यजमानो! आप अ और बल कa इ?छा करते ?ए अ7?न कa ?तु1त करो. वे सब के
1य व पूजनीय ह?. हे अ7?न! हम गृहप1त आप कa सुखदायी ?तो? से आराधना करते ह?.
(७)
बृह?यो 1ह भानवे ऽ चा? देवाया?नये.
यं 2मं न श?तये मता?सो द2धरे पुरः.. (८)
हे अ7?न! आप तेज?वी ह?. आप के 3लए ब?त सा ह1व का अ 0दया जाता है. हम
काश वाले आप कa पूजा करते ह?. हम आप को 2म के समान मानते ह?. हम उ?म ?तु1त
करने के 3लए आप को आगे कर के ?था1पत करते ह?. (८)
अग?म वृह?तमं ?येम7?नमानवम्.
यः ?म ुतव?ा?? बृहदनीक इ?यते.. (९)
हे अ7?न! आप पाप? का नाश करने वाले व शंसनीय मनु?य? के 1हतकारी ह?. ऋ? पु
ुतवा? के 3लए हम बड़ीबड़ी ?वाला? के साथ आप को कट करते ह?. (९)
जातः परेण धम?णा य?सवृ5?ः सहाभुवः.
1पता य?क?यप?या7?नः ?ा माता मनुः क1वः.. (१०)
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हे अ7?न! क?यप आप के 1पता और ?ा माता ह?. मनु क1व ह?. आप े कम? ?ारा
शु? 1कए गए य? म? कट होते ह?. (१०)
दसवां खंड
सोम राजानं व?णम7?नम?वारभामहे.
आ0द?यं 1व?णु सूय? ाणं च बृह?प1तम्.. (१)
हम सोम, राजा, व?ण, अ7?न, अ0द1त के पु, 1व?णु, सूय? एवं ा को बारबार याद
करते ?ए आमं1त करते ह?. अथा?त् इन सभी देवता? को ?तु1तय? से आमं1त करते ह?. (१)
इत एत उदा?ह5?दवः पृा?या ?हन्.
भूज?यो यथा पथोद् ाम2?रसो ययुः.. (२)
य? करने वाले आं1गरस ऋ1ष ?वग?लोक को प?ंचे. उसी के भाव से और भी ऊपर
गए. (२)
राये अ?ने महे ?वा दानाय स2मधीम1ह.
ई2ड?वा 1ह महे वृषं ावा होाय पृ3थवी.. (३)
हे अ7?न! हम ब?त धन दान के 3लए आप को द_?त करते ह?. आप वरदान कa वषा?
करने वाले ह?. महान य? के 3लए ?वग?लोक और पृ?वीलोक कa ?तु1त करते ह?. (३)
दध?वे वा यद_मनु वोचद् े1त वे? तत्.
प/र 1वा1न काा ने2म?2मवाभुवत्.. (४)
हे अ7?न! आप को संबो2धत कर के अ?वयु? आ0द पुरो1हत ?तो उचारते ह?. आप सब
कुछ जानते ह?. आप सब कम? को वैसे ही वश म? रखते ह?, जैसे प1हए गाड़ी को. (४)
?य?ने हरसा हरः शृणा1ह 1वत?प/र.
यातुधान?य र?सो बलं ?यु?जवीय?म्.. (५)
हे अ7?न! आप अपने तेज से यातना देने वाले रा?स? को सब ओर (कार) से न कर
द_5जए. (५)
?वम?ने वसू /रह ?ाँ आ0द?याँ उत.
यजा ?व?वरं जनं मनुजातं घृतुषम्.. (६)
हे अ7?न! आप यहां वसु, ? एवं आ0द?य देवता के 3लए य? कa5जए. आप उ?म य?
करने वाले, घी से स?चने वाले, मनु से उ?प ?ए मनु?य का स?कार (मनोकामना 3स5?
?ारा) कa5जए. (६)
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?यारहवां खंड
पु? ?वा दा3शवाँ वोचे ऽ /रर?ने तव 9?वदा.
तोद?येव शरण आ मह?य.. (१)
हे अ7?न! आप को ब?त सी ह1व दान करते ?ए म? उसी तरह आप कa शरण म? आया
?ं, जैसे ब?त धनवान कa शरण म? सेवक आते ह?. (१)
होे पू? वचो ऽ ?नये भरता बृहत्.
1वपां ?योती 1ष 1बते न वेधसे.. (२)
हे ?तु1त करने वालो! अ7?न ?ा1नय? के तेज को धारण करने वाले ह?. 1वधाता आ0द देव?
को बुलाने वाले ह?. आप इन के 3लए महान और ाचीन ?तो का पाठ कa5जए. (२)
अ?ने वाज?य गोमत ईशानः सहसो यहो.
अ?मे दे1ह जातवेदो म1ह वः.. (३)
हे अ7?न! आप बल से उ?प ?ए ह?. आप अ के ?वामी व अंतया?मी ह?. आप हम? ब?त
सा अधन द_5जए. (३)
अ?ने य5जो अ?वरे देवां देवयते यज.
होता म?ो 1व राज?य1त 4धः.. (४)
हे अ7?न! आप य? म? पूजनीय ह?. यजमान के 3लए देवता? का यजन कa5जए. देव?
को बुलाने वाले आप शु? को हरा कर शोभायमान होते ह?. (४)
ज?ानः स?त मातृ4भम?धामाशासत 4ये.
अयं ुवो रयीणां 2चकेतदा.. (५)
हे अ7?न! आप सात माता? कa सहायता से उ?प होने वाले ह?. आप सोम को सेवा
काय? म? शो4भत करते ह? (े/रत करते ह?). सोम कम? का 1वधान करने वाले ह?. आप धनसंपदा
को अ?छ_ तरह जानने वाले ह?. (५)
उत ?या नो 0दवा म1तर0द1त??यागमत्. सा श?ताता मय?करदप 4धः.. (६)
हे अ0द1त! आप ?तु1त के यो?य ह?. आप अपने पूरे र?ा साधन? के साथ हमारे पास
पधार?. हम? सुखशां1त दान कर?. हमारे शु? को ?र कर?. (६)
ई2ड?वा 1ह तीां ३ यज?व जातवेदसम्. च/र?णुधूममगृभीतशो2चषम्.. (७)
हे ?तु1त करने वालो! शु? को भ?म करने (हराने) वाले अ7?न कa ?तु1त करो. इन का
धुआं सब ओर घूम सकता है. इन के काश को कोई नह? रोक सकता. ये सब कुछ जानने
वाले ह?. आप ह1व से इन कa आराधना कa5जए. (७)
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न त?य मायया च न /रपुरीशीत म?य?ः. यो अ?नये ददाश हदातये.. (८)
हे अ7?न! जो आप के 3लए ह1व पदाथ? देता है, उस पर कभी भी 1कसी ? (शु) के
छलकपट का असर नह? होता है. (८)
अप ?यं वृ5जन /रपु ?तेनम?ने ?रा?यम्. द1वम?य स?पते कृधी सुगम्.. (९)
हे अ7?न! आप छलीकपट_ शु को ब?त ?र फ?क द_5जए. आप स?य के पालनहार ह?.
हमारे 3लए सुखशां1त का माग? सुगम बनाइए. (९)
ु???ने नव?य मे ?तोम?य वीर 1व?पते. 1न मा1यन?तपसा र?सो दह.. (१०)
हे अ7?न! आप वीर ह?. हमारी इन नई ाथ?ना? को सुन कर छली, ? रा?स? को
अपने ताप से भ?म कa5जए. रा?स हमारे कम? म? 1व?न डालते ह?. (१०)
बारहवां खंड
म 1हाय गायत ऋता?ने बृहते शु?शो2चषे. उप?तुतासो अ?नये.. (१)
हे ?तु1त करने वालो! अ7?न य? व स?य के पालनहार ह?. वे महान तेज वाले ह?. आप
ऐसे महान र?क अ7?न कa ?तु1त कa5जए. (१)
सो अ?ने तवो1त4भः सुवीरा4भ?तर1त वाजकम?4भः.
य?य ?व स?यमा1वथ.. (२)
हे अ7?न! आप 5जन यजमान? के 2म हो जाते ह?, वे अबल कa र?ा करने वाली े
संतान ा?त करते ह?. (२)
तं गूध?या ?वण?रं देवासो देवमर=त^ दध7?वरे. देवा हमू1हषे.. (३)
हे ?तु1त करने वालो! ?वग? म? देवता? तक ह1व प?ंचाने वाले अ7?न कa ?तु1त करो.
आप 5जस देवता को इ मान कर पूजते ह?, आप कa ह1व अ7?न उस देवता तक प?ंचा देते
ह?. (३)
मा नो ?णीथा अ1त?थ^ वसुर7?नः पु?श?त एषः. यः सुहोता ?व?वरः.. (४)
अ7?न य? म? मेहमान कa तरह ह?. उ?ह? य? से ?र मत ले जाओ. वे देवता? को बुलाने
वाले ह?. वे सुखशां1त देने वाले ह?. वे अनेक लोग? ?ारा पू5जत व सब को बसाने वाले ह?. (४)
भो नो अ7?नरा?तो भा रा1तः सुभग भो अ?वरः. भा उत श?तयः.. (५)
हे अ7?न! आप को ह1वय? से तृ?त 1कया है. आप हमारा क?याण कa5जए. आप
ऐय?शाली ह?. हम? शुभ धन दान कa5जए. हम? क?याणकारी य? ा?त कराइए. हमारी
ाथ?नाएं हमारे 3लए मंगलमयी ह?. (५)
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य5जं ?वा ववृमहे देवं देवा होतारमम?य?म्. अ?य य??य सु?तुम्.. (६)
हे अ7?न! आप देव? म? े ह?. आप े य? कराने वाले ह?. आप अमर ह?. इस य? को
अ?छ_ तरह पूरा करने वाले ह?. हम आप कa ?तु1त करते ह?. (६)
तद?ने ु?नमा भर य?सासाह सदने कं 2चद1णम्. म?युं जन?य ??म्.. (७)
हे अ7?न! आप हम? तेज?वी बनाइए. आप हम? यश दान कa5जए. य? म? 1व?न प?ंचाने
वाले ?? को हम वश म? कर सक?. उन का 1तर?कार कर सक?. आप ?बु?5? वाले लोग? कa
बु5? ठ`क कa5जए. आप उन के ?ोध को ?र कa5जए. (७)
य?ा उ 1व?प1तः 3शतः सुीतो मनुषो 1वशे.
1वेद7?नः 1त र?ा 3स सेध1त.. (८)
हे अ7?न! आप यजमान? के पालनहार ह?. ह1वय? से तृ?त और स होने पर आप जब
तक मनु?य? के घर रहते ह? तब तक उन के सभी क ?र करते ह?. यह बात जग 3स? है.
(८)
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? पव?
?सरा अ?याय
पहला खंड
त?ो गाय सुते सचा पु??ताय स?वने. शं यद् गवे न शा1कने.. (१)
हे ?तु1त करने वालो! सोम तैयार करने के बाद ब?त से यजमान 5जन कa ?तु1त करते ह?
जो धन दाता ह?, तुम उन इं के 3लए ाथ?ना करो. वे ाथ?नाएं उ?ह? उसी कार सुख देती ह?,
5जस कार गाय? को घास. (१)
य?ते नून शत?त1व? ु7?नतमो मदः. तेन नूनं मदे मदेः.. (२)
हे इं! आप सैकड़? कम? करने वाले ह? अथवा आप सैकड़? कार का ?ान रखने वाले
ह?. वह सोमरस हम ने आप ही के 3लए 1नकाला था. आप उस रस को पी कर आनं0दत होइए
और हम? भी आनंद दान कa5जए. (२)
गाव उप वदावटे मही य??य र?सुदा. उभा कणा? 1हर?यया.. (३)
हे गौओ! आप य? ?थान कa ओर जाइए. आप धाJम^क य? 1वधा? के 3लए ?ध आ0द
दान कa5जए. आप के दोन? कान ?वण? से सुशो4भत ह?. (३)
अरमाय गायत ुतक?ारं गवे. अर2म??य धा?ने.. (४)
हे ?तु1त करने वालो! इं के घोड़े, गाय? व इं धाम के 3लए पूरी तरह वै0दक ?तु1तयां
गाइए. (४)
त2म?ं वाजयाम3स महे वृाय ह?तवे. स वृषा वृषभो भुवत्.. (५)
हे इं! आप उस बड़े रा?स (वृासुर) को मारने वाले ह?. आप व के समान बलवान
ह?. हम अपनी सहायता के 3लए आप को आमं1त करते ह?. आप धन दाता ह?. हम? धन दान
कa5जए. (५)
?व2म? बलाद2ध सहसो जात ओजसः. ?व स?वृष?वृषेद3स.. (६)
हे इं! आप शु? को हराने वाले ह?. आप बल और ?दय के धैय? के कारण 3स? ह?.
आप वरदान? तथा मनोवां2छत फल? को देने वाले ह?. (६)
य? इ?मवध?य??>म^ वत?यत्. च?ाण ओपशं 0द1व.. (७)
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हे इं! अंत/र? म? मेघ? को फैला कर आप ने बरसात आ0द से पृ?वी को बढ़ाया (समृ?
1कया). हम यजमान? के य?? ने आप का यश बढ़ाया है. (७)
य0द?ाहं यथा ?वमीशीय व?व एक इत्. ?तोता मे गोसखा ?यात्.. (८)
हे इं! जैसे आप अकेले सम?त वैभव के ?वामी ह?, य0द वैसे ही म? भी सारे वैभव का
?वामी हो जाऊं तो मेरी ?तु1त करने वाले गौ आ0द धनधा?य वाले हो जाएं. (८)
प?यंप?य2म?सोतार आ धावत माय. सोमं वीराय शूराय.. (९)
सोमरस 1नकालने वाले पुरो1हतो! आप शूरवीर इं के 3लए सोमरस अIप^त कa5जए.
यह सोमरस सव? शंसा के यो?य है. (९)
इदं वसो सुतम?धः 1पबा सुपूण?मुदरम्. अनाभ1य/रमा ते.. (१०)
हे इं! आप अंतया?मी ह?. यह सोमरस ली5जए. अपनी सता के 3लए इसे पी5जए,
5जस से आप का पेट पूरी तरह भर जाए. आप सब ओर से 1नभ?य ह?. (१०)
?सरा खंड
उद् घेद4भ ुतामघं वृषभं नया?पसम्. अ?तारमे1ष सूय?.. (१)
उद_यमान इं (सूय? ?प म?) े वीर, धन देने वाले व मनु?य? के 1हतकारी ह?. वे उदार
?वभाव के ह? और (शु? पर) श? हार करने वाले ह?. (१)
यद क?च वृहुदगा अ4भ सूय?. सव? त0द? ते वशे.. (२)
हे इं! आप जल रोकने वाले मेघ को न करते ह?. अभी उ0दत ?ए आप से सब कुछ
का3शत हो रहा है. सब कुछ आप के अधीन है. (२)
य आनय?परावतः सुनीती तुव?शं य?म्. इ?ः स नो युवा सखा.. (३)
हे इं! तुव?श और य? को शु? ने ?र फ?क 0दया था, आप अपनी े नी1त से उ?ह?
1फर पास लौटा लाए. आप युवा ह?. आप हमारे 2म हो जाइए. (३)
मा न इ?ा?या ३ 0दशः सूरो अ?ु?वा यमत्. ?वा युजा वनेम तत्.. (४)
हे इं! रा?स चार? ओर से श? बरसाने वाले व सब ओर 1वचरण करने वाले ह?. आप
कृपा कa5जए 5जस से ऐसे रा?स हमारी ओर न आ सक?. आप कa सहायता से हम ऐसे
रा?स? को न कर सक?. (४)
ए? सान3स र1य स5ज?वान सदासहम्. वIष^मूतये भर.. (५)
हे इं! आप हमारे संर?ण के 3लए, भोग के 3लए तथा शु? पर 1वजय पाने के 3लए
हम? ब?त सा धन द_5जए. (५)
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इ?ं वयं महाधन इ?मभ? हवामहे. युजं वृेषु व5णम्.. (६)
हे इं! हम थोड़ा धन होने पर भी ब?त धन वाले आप को बुलाते ह?. हम छोट_बड़ी
सभी 1वप3?य? से र?ा करने वाले तथा शु? का नाश करने म? सहायक आप को आमं1त
करते ह?. (६)
अ1पब?कmवः सुत2म?ः सहबाे. ताद0द पौ ?यम्.. (७)
हे इं! आप ने कm से 1नकाले ?ए सोमरस को पीया. आप ने हजार? भुजा? वाले शु
को मारा. आप कa वीरता उसी समय का3शत ?ई. (७)
वय2म? ?वायवो ऽ 4भ नोनुमो वृषन्. 1व?_ ?वा ३ ?य नो वसो.. (८)
हे इं! आप कामना? कa वषा? करने वाले ह?. हम आप कa कामना करते ह?. आप कa
ओर मुंह कर के बारबार णाम करते ह?. आप सव?ापक ह?. आप हमारे ?तो (कa भावना)
को समझ ली5जए. (८)
आ घा ये अ7?न2म?धते ?तृण7?त बIह^रानुषक्. येषा2म?ो युवा सखा.. (९)
2चर युवा इं े अ7?न को ?व3लत करने वाले यजमान? के 2म ह?. य? करने वाले
उन के 3लए कुश का आसन 1बछाते ह?. (९)
4भ9?ध 1वा अप 1?षः प/र बाधो जही मृधः. वसु ?पाह? तदा भर.. (१०)
हे इं! आप ?ेष करने वाले सारे शु? का नाश कa5जए. 1व?न डालने वाले शु?
को हराइए. हम? यश देने वाला भरपूर धन दान कa5जए. (१०)
तीसरा खंड
इहेव शृ?व एषां कशा ह?तेषु य?दान्. 1न यामं 2चमृ?ते.. (१)
म?द् गण? के हाथ? म? चाबुक है. उन चाबुक? से जो आवाज होती है, वह हम? सुनाई देती
है. ये आवाज? (?व1नयां) यु? म? अनेक कार कa वीरता दKश^त करती ह?. (१)
इम उ ?वा 1व च?ते सखाय इ? सो2मनः. पुाव?तो यथा पशुम्.. (२)
हे इं! यजमान हाथ? म? सोमरस ले कर आप कa ओर उसी तरह एका2च? हो कर
देख रहे ह?, जैसे पशु पालक घास हाथ म? ले कर ेम भाव से पशु कa ओर देखता है. (२)
सम?य म?यवे 1वशो 1वा नम?त कृयः. समुायेव 3स?धवः.. (३)
हे इं! सारी जा (जनता) नतापूव?क वैसे ही आकIष^त हो रही है, जैसे समु कa
ओर जाने वाली न0दयां. (३)
देवाना2मदवो मह?दा वृणीमहे वयम्. वृ?णाम?म?यमूतये.. (४)
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हे देवताओ! आप का संर?ण पूजनीय व महान है. आप सारी इ?छा? को पूरा करते
ह?. यह संर?ण हमारे 3लए धन ?प है. हम अपने संर?ण के 3लए आप से चार? ओर से (सब
ओर से) ाथ?ना करते ह?. (४)
सोमाना ?वरणं कृणु1ह ण?पते. क?ीव?तं य औ3शजः.. (५)
हे ण?प1त! आप सोम य? करने वाले उ3शज के पु क?ीवान को का3शत करने
कa कृपा कa5जए. (५)
बोध?मना इद?तु नो वृहा भूया?सु1तः. शृणोतु श? आ3शषम्.. (६)
हे इं! आप वृ नामक रा?स को मारने वाले ह?. आप के 3लए ब?त से लोग सोमरस
तैयार करते ह?. आप हमेशा हमारे मनोरथ? को जानने वाले ह?. आप यु? म? शु? का नाश
करने वाले ह?. आप साम?य?वान ह?. कृपया आप हमारी ?तु1त सु1नए. (६)
अा नो देव स1वतः जाव?सावीः सौभगम्. परा ?ः?व??य सुव.. (७)
हे सूय?! आप हम? पुपौ? स1हत धन दान कa5जए. गरीबी बुरे सपने कa तरह
?ःखदायी है. आप उसे ?र कa5जए. (७)
?व ३ ?य वृषभो युवा तु1वीवो अनानतः. ा क?त सपय?1त.. (८)
हे इं! आप समथ? व युवा ह?. आप इ?छाएं पूरी करने वाले ह?. आप बलवान ह?. आप
1कसी के सामने झुकने वाले नह? ह?. आप कहां ह?? इस समय कौन ?ानी आप कa पूजा कर
रहा है? (८)
उपरे 1गरीणा स?मे च नद_नाम्. 2धया 1वो अजायत.. (९)
पव?त? पर और न0दय? के संगम पर बु5? से कa ?ई ाथ?ना को सुनने के 3लए बु5?मान
इं कट होते ह?. (९)
संाजं चष?णीना2म? ?तोता नं गीLभ^ः. नरं नृषाहं म 1हम्.. (१०)
मनु?य? म? इं भली कार का3शत ह?. वे ?तु1त करने यो?य ह?. शु? को जीतने वाले
ह?. हम उन महान इं कa ?तु1त करते ह?. (१०)
चौथा खंड
अपा? 3श य?धसः सुद??य हो1षणः. इ?दो/र?ो यवा3शरः.. (१)
हे इं! आप सुंदर ठोड़ी वाले और सुंदर मुकुट धारण करने वाले ह?. यजमान ह1व देने म?
1वशेष कुशल ह?. आप ने ?ध और जौ से बनाए ?ए सोमरस को हण 1कया. (१)
इमा उ ?वा पु?वसो ऽ 4भ नोनुवुIग^रः. गावो व?सं न धेनवः.. (२)
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हे इं! आप अनेक कार के वैभव वाले ह?. हमारी ?तु1तयां बारबार आप के पास उसी
तरह आना चाहती ह?, जैसे ?ध वाली गाएं बारबार बछड़? कa ओर आती ह?. (२)
अाह गोरम?वत नाम ?वुरपी?यम्. इ?था च?मसो गृहे.. (३)
ग1तमान चं मंडल म? सूय? का 0द तेज है, ऐसा 1व?ान् मानते ह? अथा?त् सूय? के 2छप
जाने पर उ?ह? के काश से चंमा का3शत होता है. (३)
य0द?ो अनय0तो महीरपो वृष?तमः. त पूषाभुव?सचा.. (४)
हे इं! आप ब?त बरसात के ?प म? जल वा1हत करते ह?, इस लोक तक प?ंचाते ह?
तब पूषा देवता आप के सहायक होते ह?. वे पोषण करने म? समथ? देवता ह?. (४)
गौध?य1त म?ता व?युमा?ता मघोनाम्. यु?ा व_ रथानाम्.. (५)
पृ?वी माता धनसंप ह?. वे म?त? के रथ म? जुड़ी ?ई ह?. वे सब ओर पू5जत ह?. वे अ
आ0द उ?प कर के अपने पु? का पालनपोषण करती ह?. (५)
उप नो ह/र4भः सुतं या1ह मदानां पते. उप नो ह/र4भः सुतम्.. (६)
हे इं! आप सोम के ?वामी ह?. हम ने आप के 3लए सोमरस 1नचोड़ कर रखा है. आप
अपने हजार? घोड़? से (स1हत या मा?यम से) हमारे इस य? म? पधा/रए. आप ज?द_ और
बारबार पधा/रए. (६)
इा होा असृ?ते?ं वृध?तो अ?वरे. अ?छावभृथमोजसा.. (७)
हे इं! हम यजमान बारबार आप कa ?तु1त करते ह?. हम अपने तेज से य? ख?म होने
पर होने वाले ?नान तक बारबार आप के 3लए आ?1त दान करते ह?. (७)
अह2म5? 1पतु?प/र मेधामृत?य जह. अह सूय? इवाज1न.. (८)
हे इं! आप पालनकता? ह?. हम ने आप कa बु5? को अपनी ओर आकIष^त कर 3लया
है. यानी हम ने आप कa कृपा ा?त कर ली है. अब हम सूय? देव के समान का3शत हो गए
ह?. (८)
रेवतीन?ः सधमाद इ?े स?तु तु1ववाजाः. ?ुम?तो या4भम?देम.. (९)
हे इं! आप कa कृपा से हम धनधा?य संप हो कर स हो जाते ह?. हमारी गाय? पर
भी आप कa कृपा हो. वे भी अ2धक अ और ?ध देने वाली हो जाएं. (९)
सोमः पूषा च चेततुIव^ासा सु4?तीनाम्. देवा र?योIह^ता.. (१०)
सोम और पूषा देवता? के रथ म? 1वराजमान ह?. वे इसी रथ म? बैठने यो?य ह?. वे सभी
मनु?य? का उ?साह बढ़ाने वाले ह?. (१०)
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पांचवां खंड
पा?तमा वो अ?धस इ?म4भ गायत.
1वासाह शत?तुं म 1हं चष?णीनाम्.. (१)
हे याजको (य? करने वालो)! आप इं कa 1वशेष ?तु1त कर?. वे शु? का नाश करने
वाले ह?. सैकड़? कम? करने वाले ह?. वे धन दाता ह?. वे सोमरस का पान करने वाले ह?. (१)
व इ?ाय मादन हय?ाय गायत. सखायः सोमपा?ने.. (२)
हे साधको! इं ह/र नामक घोड़े वाले ह?. वे सोमरस पीने वाले ह?. आप इन इं को
स करने वाली ाथ?नाएं गाइए. (२)
वयमु ?वा त0ददथा? इ? ?वाय?तः सखायः. क?वा उ?थे4भज?र?ते.. (३)
हे इं! हम आप को अपना 2म बनाना चाहते ह?. हम आप के 2म होना चाहते ह?. हम
क?ववंशी ह?. हम आप कa ?तु1त करना अपना कत? मानते ह?. हम आप कa ?तु1त कर रहे
ह?. (३)
इ?ाय म?ने सुतं प/र ोभ?तु नो 1गरः. अक?मच??तु कारवः.. (४)
हे इं! आप स ?वभाव वाले ह?. हम आप के 3लए 1नचोड़े गए सोमरस कa ?तु1त
करते ह?. य? करने वाल? से 1नवेदन है 1क सोमरस कa ?तु1त कर?. सोमरस पूजा यो?य है. (४)
अयं त इ? सोमो 1नपूतो अ2ध बIह^1ष. एहीम?य वा 1पब.. (५)
हे इं! वेद_ के आसन पर आप के 3लए शु? कर के सोमरस रखा ?आ है. आप इस
?थान पर शी पधा/रए. आप इस सोमरस को हण कa5जए. (५)
सु?पकृ?नुमूतये सु?घा2मव गो?हे. जु?म3स 1व1व.. (६)
हे इं! आप सुंदर काय? करने वाले ह?. हम आप को अपने संर?ण के 3लए उसी कार
बुलाते ह?, 5जस कार अ?छा ?ध देने वाली गाय को पुकारा जाता है. (६)
अ4भ ?वा वृषभा सुते सुत सृजा2म पीतये. तृ?पा ुही मदम्.. (७)
हे इं! आप इ?छा पूरी करने वाले ह?. हम सोम य? म? पीने के 3लए आप को सोमरस
अIप^त कर रहे ह?. आप आनंददायी सोमरस हण कa5जए. (७)
य इ? चमसे?वा सोममूषु ते सुतः. 1पबेद?य ?वमी3शषे.. (८)
हे इं! आप के 3लए सोमरस ‘चमस’ और ‘ह’ नामक बरतन? म? रखा ?आ है. आप
इसे अव?य हण कa5जए. आप ब?त साम?य? वाले ह?. (८)
योगेयोगे तव?तरं वाजेवाजे हवामहे. सखाय इ?मूतये.. (९)
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हे इं! हम हर शुभ काम के शु? म? आप को आमं1त करते ह?. हर तरह के संाम
(यु?, क) म? आप को आमं1त करते ह?. हम अपने संर?ण के 3लए 2म कa तरह आप को
आमं1त करते ह?. (९)
आ ?वेता 1न षीदते?म4भ गायत. सखायः ?तोमवाहसः.. (१०)
हे य? करने वाले 2मो! आप ज?द_ज?द_ आओ. आ कर बैठ जाओ. आप हर कार
से इं कa ?तु1त करो. (१०)
छठा खंड
इद ?वोजसा सुत राधानां पते. 1पबा ?वा ३ ?य 1गव?णः.. (१)
हे इं! आप धन के ?वामी ह?. आप ाथ?ना करने यो?य ह?. हम ने ब?त मेहनत से आप
के 3लए सोमरस 1नचोड़ा है. आप ?2चपूव?क इसे हण कa5जए. (१)
महाँ इ?ः पुर नो म1ह?वम?तु व5णे. ौन? 3थना शवः.. (२)
हे इं! आप महान ह?. आप के गुण े ह?. आप वधारी ह?. आप कa कaIत^ ?वग?लोक
कa तरह फैले. आप के बल कa चार? ओर शंसा हो. (२)
आ तू न इ? ?ुम?तं 2चं ाभ सं गृभाय. महाह?ती द4?णेन.. (३)
हे इं! आप बड़ेबड़े हाथ? वाले ह?. आप हमारे 3लए यशदायी धन दाएं हाथ म? ली5जए.
वह धन ब?त शंसनीय हो. कई लोग? ?ारा लेने यो?य हो. (३)
अ4भ गोप=त^ 1गरे?मच? यथा 1वदे. सूनु स?य?य स?प1तम्.. (४)
हे याजको! य? वाले इं गौ? के ?वामी ह?. वे यजमान? के पालनहार ह?. वे य? के पु
व स?य के र?क ह?. आप मन से उन कa ?तु1त कa5जए. (४)
कया न4 आ भुव?ती सदावृधः सखा. कया श2चया वृता.. (५)
हे इं! आप सदा बढ़ने वाले ह?. आप 1वल?ण ह?. आप 1कस कम?, पूजा 1व2ध और भ?ट
से हम पर कृपा कर?गे? आप 1कन 0द तेज? से भर कर हमारे पास पधार?गे? (५)
?यमु वः सासाहं 1वासु गी?वा?यतम्. आ ?यावय?यूतये.. (६)
हे याजको! इं ब?त से शु? का नाश करने वाले ह?. सभी ?तु1तय? म? इं का वण?न
है. आप अपने संर?ण के 3लए उन का आान कa5जए. (६)
सदस?प1त??तं 1य2म??य का?यम्. स=न^ मेधामया3सषम्.. (७)
हे इं! आप अपूव?, इ.?छत धन देने वाले और े ह?. अपनी बु5? को बढ़ाने के 3लए
हम ने आप को ा?त 1कया. (७)
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ये ते प?था अधो 0दवो ये4भ?मैरयः. उत ोष?तु नो भुवः.. (८)
हे इं! ?वग?लोक म? नीचे जो रा?ता है, 5जस रा?ते से आप पृ?वी का संचालन करते ह?,
वह रा?ता हमारे य? ?थान तक प?ंचता है. आप उस रा?ते से हमारे य? म? पधार?. (८)
भंभं न आ भरेषमूज? शत?तो. य0द? मृडया3स नः.. (९)
हे इं! आप सैकड़? काम करने वाले ह?. आप हम? खूब सुखदायी धन व बलशाली
बनाने वाला अ द_5जए. आप हम? सुखी बनाने वाले ह?. हे इं! हम? सुख द_5जए. (९)
अ9?त सोमो अय सुतः 1पब??य?य म?तः.
उत ?वराजो अ4ना.. (१०)
हे इं! हम ने साफ, छान कर यह सोमरस तैयार 1कया है. तेज?वी म?द् गण और
अ4नी देवता इस सोमरस का पान करते ह?. (१०)
सातवां खंड
ईङ्खय?तीरप?युव इ?ं जातमुपासते. व?वानासः सुवीय?म्.. (१)
इं कa माता उ?म बल चाहने वाली ह?. वे े काय? करने कa इ?छुक ह?. वे इं से
वीरतापूण? धन चाहती ह?. वे कट ?ए इं कa सेवा करती ह?. (१)
न 1क देवा इनीम3स न ?या योपयाम3स. म?ु?यं चराम3स.. (२)
हे इं! हम वेद मं? के अनुसार आचरण करते ह?. हम 1कसी को नुकसान नह? प?ंचाते
ह?. हम धम? (1नयम) के 1व?? कोई काम नह? करते ह?. (२)
दोषो आगाद् बृहद् गाय ुमद् गामाथव?ण. ?तु1ह देव स1वतारम्.. (३)
हे बृह?साम का गायन करने वाले, काश वाले माग? से जाने वाले अथव?वेद_ ाण!
आप य? काय? से जाने अनजाने होने वाले दोष को ?र करने के 3लए स1वता देवता कa ?तु1त
कa5जए. (३)
एषो उषा अपूा? ु?छ1त 1या 0दवः. ?तुषे वाम4ना बृहत्.. (४)
यह उषा अपूव? और ब?त सता देने वाली है. यह ?वग?लोक से आ कर अंधकार का
नाश करती है. हे उषा के काय? सहयोगी अ4नीकुमारो! हम आप कa 1वशेष ?तु1त करते ह?.
(४)
इ?ो दधीचो अ?थ4भवृ?ा?य1त?कुतः. जघान नवतीन?व.. (५)
हे इं! आप को कोई नह? जीत सकता. आप ने दधी2च कa ह2ड्डय? से बने व से
1न?यानवे असुर? का नाश 1कया. (५)
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इ?े1ह म??य?धसो 1वे4भः सोमपव?4भः महाँ अ4भ1रोजसा.. (६)
हे इं! आप सोमरस के ?प म? अ हण कa5जए व स होइए. हमारे यहां पधा/रए.
अपनी श3? से हम? श3?मान बनाइए. शु? को जीतने कa श3? द_5जए. (६)
आ तू न इ? वृह?माकमध?मा ग1ह. महा?मही4भ?1त4भः.. (७)
हे इं! आप शुनाशक व ब?त महान ह?. आप हमारे पास ज?द_ आइए. आप अपने
र?ा साधन? के साथ शी हमारे यहां पधा/रए. (७)
ओज?तद?य 1त7?वष उभे य?समवत?यत्. इ?म?व रोदसी.. (८)
हे इं! आप का बल कट होने लगा है. आप ?वग?लोक और पृ?वी को चमड़े के समान
फैला रहे ह?. (८)
अयमु ते समत3स कपोत इव गभ?2धम्. वच?त.?च ओहसे.. (९)
हे इं! सोमरस के पास आप उसी तरह बराबर बने रहते ह?, 5जस तरह गभ?वती
कबूतरी के साथ कबूतर बना रहता है. आप से 1नवेदन है 1क आप भी हमारी ?तु1तय? के
साथ बने रह?. (९)
वात आ वातु भेषज श?भु मयोभु नो ?दे. न आयू 1ष ता/रषत्.. (१०)
वायु हमारे पास शां1त और सुखदायी ओष2धयां प?ंचाएं. ये ओष2धयां हमारी आयु
बढ़ाएं. (१०)
आठवां खंड
य र?7?त चेतसो व?णो 2मो अय?मा. न 1कः स द?यते जनः.. (१)
5जस यजमान कa र?ा े ?ान वाले व?ण, 2म तथा अय?मा देवता करते ह?, उस
यजमान का कोई बाल भी बांका नह? कर सकता. (१)
गो षु णो यथा पुरायोत रथया. व/रव?या महोनाम्.. (२)
हे इं! आप हमेशा कa तरह गौ? का समूह, घोड़? का समूह और यशदायी धन वैभव
देने के 3लए पधा/रए. (२)
इमा?त इ? पृयो घृतं ?हत आ3शरम्. एनामृत?य 1प?युषीः.. (३)
हे इं! आप कa गौएं ब?त सुंदर रंग वाली ह?. ये स?य और य? को बढ़ाने वाली ह?. ये
हमारे 3लए घी देने वाले ?ध को टपकाती ह? (देती ह?). (३)
अया 2धया च गया पु?णाम?पु?ुत. य?सोमेसोम आभुवः.. (४)
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हे इं! आप अनेक नाम? वाले ह?. अनेक लोग आप कa ?तु1त करते ह?. आप जहां
पधारते ह?, वहां हम गौ? कa इ?छा से आप कa ाथ?ना करते ह?. (४)
पावकाः नः सर?वती वाजे4भवा?5जनीवती. य?ं वु 2धयावसुः.. (५)
सर?वती प1व करने वाली, पोषण देने वाली व बु5? से धन देने वाली ह?. 1वा कa वे
देवी हमारे य? को सफल बनाएं. (५)
क इमं ना?षी?वा इ? सोम?य तप?यात्. स नो वसू?या भरात्.. (६)
मनु?य? म? ऐसी ?मता कहां, जो इं को तृ?त कर सक?? वे हमारे य? म? तृ?त ह? तथा
हम? धन दान कर?. (६)
आ या1ह सुषुमा 1ह त इ? सोमं 1पबा इमम्. एदं बIह^ः सदो मम.. (७)
हे इं! आप आइए. हम ने आप के 3लए सोमरस 1नकाला है. आप उसे पी5जए. हम ने
आप के 3लए कुश का आसन 1बछाया है. आप उस पर 1वराजमान होइए. (७)
म1ह ीणामवर?तु ु?ं 2म?याय??णः. ?राधष? व?ण?य.. (८)
इं, अय?मा और व?ण—इन तीन? देवता? का तेज?वी संर?ण हम? 2मले ता1क हम
शु? को हरा सक?. (८)
?वावतः पु?वसो वय2म? णेतः. ?म3स ?थातह?रीणाम्.. (९)
हे इं! आप ब?त धनवान, े कम? करने वाले व ह/र नामक घोड़े वाले ह?. हमारी र?ा
क/रए. हम आप के अपने ह?. (९)
नौवां खंड
उ?वा म?द?तु सोमाः कृणु?व राधो अ0वः. अव 1?षो ज1ह.. (१)
हे इं! सोमरस आप को आनंद दे. हे वधारी इं! आप हम पर धन बरसाइए. आप
ाण? के ?े1षय? का नाश कa5जए. (१)
1गव?णः पा1ह नः सुतं मधोधा?रा4भर?यसे. इ? ?वादात2मशः.. (२)
हे इं! आप ?तु1त करने यो?य ह?. आप हमारे छाने ?ए इस सोमरस को पी5जए. आप
को सोम कa धारा से स?चा जाता है. हम? आप कa कृपा से शु? 1कया ?आ अ (धन) ा?त
होता है. (२)
सदा व इ?कृ?षदा उपो नु स सपय?न्. न देवो वृतः शूर इ?ः.. (३)
हे यजमानो! इं हमेशा आप के पास ह?. वे पूजा 1कए जाने पर आप के य? कa ओर
आते ह?. हम ने महान इं का वरण 1कया है. (३)
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आ ?वा 1वश.??व?दवः समु2मव 3स?धवः. न ?वा2म?ा1त /र?यते.. (४)
हे इं! जैसे न0दयां समु म? 2मलती ह?, वैसे ही सोमरस आप म? 2मलता है. आप से बढ़
कर कोई महान नह? है. (४)
इ?2मद् गा3थनो बृह0द?मक?4भरIक^णः. इ?ं वाणीरनूषत.. (५)
सामगान गाते ?ए उद् गाता (साम गाने वाले पुरो1हत) बृह?साम गा कर इं को स
करते ह?. पूजा करने वाले मनु?य ?तो? से और हम यजमान मं? के ?ारा उ?ह? स करते
ह?. (५)
इ? इषे ददातु न ऋभु?णमृभु र1यम्. वाजी ददातु वा5जनम्.. (६)
हम 5जस इं कa ?तु1त कर रहे ह?, वे हम? े धन दान कर?. इं हम? उन ऋभु देवता
को दान कर?, जो सोमरस पीने से अमर हो गए. बलवान इं! हम? बलवान छोटे भाई द?
ता1क हम अ ा?त कर सक?. (६)
इ?ो अ? मह?यमभी षदप चु?यवत्. स 1ह .?थरो 1वचष?4णः.. (७)
हे इं! आप .?थर ह?. आप सारे संसार को देखने वाले व ?ानी ह?. आप शी ही भय
को ?र करने वाले तो ह? ही, साथ ही भय को हमेशा के 3लए हटा देते ह?. (७)
इमा उ ?वा सुतेसुते न??ते 1गव?णो 1गरः. गावो व?सं न धेनवः.. (८)
हे इं! आप ऋचा (मं?) से ?तु1त करने यो?य ह?. ?येक य? म? हमारी ाथ?नाएं आप
के पास वैसे ही ज?द_ प?ंचती ह?, जैसे ?धा? गाएं अपने बछड़? के पास प?ंचती ह?. (८)
इ?ा नु पूषणा वय स?याय ?व?तये. ?वेम वाजसातये.. (९)
इं और पूषा देवता को अपने क?याण के 3लए बुलाते ह?. हम 2मता के 3लए उ?ह?
बुलाते ह?. हम अ व जल कa ा7?त के 3लए इन दोन? देवता? को बुलाते ह?. (९)
न 1क इ? ?व??रं न ?यायो अ9?त वृहन्. न ?येवं यथा ?वम्.. (१०)
हे इं! आप वृ नामक असुर को मारने वाले ह?. इंलोक म? भी आप से े कोई नह?
है. आप जैसा महान कोई ?सरा नह? है. (१०)
दसवां खंड
तर@ण^ वो जनानां दं वाज?य गोमतः. समानमु श 3सषम्.. (१)
हे यजमानो! इं हमारा बेड़ा पार लगाने वाले ह?. वे हमारे शु? को भय 0दखाने वाले
ह?. वे पशु धन देने वाले ह?. वे अधन देने वाले ह?. म? उन कa सदा ?तु1त करता ?ं. (१)
असृ2म?द ते 1गरः 1त ?वामुदहासत. सजोषा वृषभं प1तम्.. (२)
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हे इं! आप के 3लए हम ने ?तु1तयां रची ह?. आप बलशाली ह?. सब का पालनपोषण
करने वाले ह?. वे ?तु1तयां आप तक प?ंच?. सोम पीने वाले इं ने उन का भी सेवन 1कया.
(२)
सुनीथो घा स म?य? यं म?तो यमय?मा. 2मा?पा??यmहः.. (३)
हे इं! ोह (?ेष) न करने वाले म?त्, अय?मा और 2म देवता 5जस कa र?ा करते ह?,
वह यजमान 1नय ही अ?छ_ राह पर चलने वाला होता है. (३)
य?_डा1व? य.??थरे य?पशा?ने पराभृतम्. वसु ?पाह? तदा भर.. (४)
हे इं! आप के पास जो अचंचल और .?थर धन है, ऐसा ही पु?षाथ? वाला धन हम?
दान कa5जए. (४)
ुतं वो वृह?तमं शध? चष?णीनाम्. आ3शषे राधसे महे.. (५)
वृासुर को मारने वाले बल कa म1हमा सब ने सुनी है. मनु?य को अ?छा धन ा?त
कराने कa इ?छा से वह बल आप को देता ?ं. (५)
अरं त इ? वसे गमेम शूर ?वावतः. अरं श? परेम4ण.. (६)
हे इं! आप वीर ह?. आप कa 3स5? हम ने कई बार सुनी है. आप जैसे े ?सरे
देवता कa 3स5? भी हम? ा?त हो. (६)
धानाव?तं कर.?भणमपूपव?तमु.?थनम्. इ? ातजु?ष?व नः.. (७)
हे इं! दही और भुजे ?ए स?ु? वाले य? के पुरोडाश (साद) कa ह1व हम मं के
साथ समIप^त कर रहे ह?. आप इस सोम को ातःकाल हण कa5जए. (७)
अपां फेनेन नमुचेः 3शर इ?ोदवत?यः. 1वा यदजय ?पृधः.. (८)
जब डाह करने वाली रा?स? कa सारी सेना को इं ने हरा 0दया तब आप ने जल के
झाग से नमु2च रा?स का 3सर तोड़ (काट) 0दया. (८)
इमे त इ? सोमाः सुतासो ये च सो?वाः. तेषां म??व भूवसो.. (९)
हे इं! आप के 3लए यह सोमरस 1नचोड़ व छान कर तैयार 1कया है. आप ब?त
धनवान ह?. आप सोमरस से स होने कa कृपा कर?. (९)
तु?य सुतासः सोमाः ?तीण? बIह^Iव^भावसो. ?तोतृ?य इ? मृडय.. (१०)
हे इं! आप तेज?वी व धनवान ह?. आसन पर शु? सोमरस रखा ?आ है. आप
कुशासन पर बै0ठए. सोमरस पी5जए. ?तु1त करने वाल? को सुख (अपनी कृपा) द_5जए.
(१०)
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?यारहवां खंड
आ व इ?ं कृ=व^ यथा वाजय?तः शत?तुम्. म 1ह 3स?च इ??4भः.. (१)
हे यजमानो! जैसे अ चाहने वाले खेत को जल से स?चते ह?, वैसे ही बल (परा?म)
चाहने वाले हम पूजनीय इं को सोमरस से स?चते ह?. (१)
अत40द? न उपा या1ह शतवाजया. इषा सहवाजया.. (२)
हे इं! आप सैकड़? कार के बल से पूण? हो कर हमारे य? म? पधा/रए. आप हजार?
कार के अ से यु? हो कर हमारे य? म? पधा/रए. आप अनेक रस ले कर हमारे य? म?
पधा/रए. (२)
आ बु?दं वृहा ददे जातः पृ?छा1?मातरम्. क उाः के ह शृ.?वरे.. (३)
हे यजमानो! ज?म लेते ही हाथ म? बाण ले कर वृासुर को मारने वाले इं ने अपनी मां
से पूछा 1क अ?य 3स? वीर कौनकौन से ह?. (३)
बृब??थ हवामहे सृकर?नमूतये. साधः कृ?व?तमवसे.. (४)
लोक कa र?ा और पालन के 3लए हम साधन स1हत इं को आमं1त करते ह?. इं कa
ब?त ?तु1त कa जाती है. (४)
ऋजुनीती नो व?णो 2मो नय1त 1व?ान्. अय?मा देवैः सजोषाः.. (५)
2म और व?ण देवता हम? सरल ग1त से ?याय के उ?म पथ पर ले जाते ह?. अ?य
देवता? के साथ अय?मा देवता भी सरल ग1त से हम? उस ?थान पर प?ंचाएं. (५)
?रा0दहेव य?सतो ऽ ?ण?सुर3श4तत्. 1व भानुं 1वथातनत्.. (६)
?र आकाश से पास आती उषा काश फैलाने वाली है, 5जस से सारा जग का3शत हो
जाता है. (६)
आ नो 2माव?णा घृतैग?ू1तमु?तम्. म?वा रजा 3स सु?तू.. (७)
2म और व?ण देवता अ?छे काम करने वाले ह?. ये देवता हमारी गाय? के समूह को घी,
?ध से स?च?. ये देवता परलोक? को भी मधुर रस (अमृत) से स?च?. (७)
उ? ?ये सूनवो 1गरः काा य?े?व?नत. वाा अ4भ?ु यातवे.. (८)
3स? गज?ना करते ?ए म?त् देवता य? म? जल के समान फैलते ह?. जल का 1व?तार
करते ह?. उस जल को पीने के 3लए रंभाती ?ई गाय? के समूह को घुटन? तक के पानी से
जाना पड़ता है. (८)
इदं 1व?णुIव^ च?मे ेधा 1न दधे पदम्. समूढम?य पा सुले.. (९)
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1व?णु के वामन अवतार ने तीन पैर? से 1व को नाप 3लया. उन के धूल से भरे चरण?
के नापे गए ?थान म? सारा जग समाया. (९)
बारहवां खंड
अती1ह म?युषा1वण सुषुवा समुपेरय. अ?य रातौ सुतं 1पब.. (१)
हे इं! जो यजमान ?ो2धत हो कर सोमरस 1नचोड़े, आप उसे ?वीकार मत कa5जए.
जो अ?छे 1व2ध1वधान से सोमरस 1नचोड़े, आप उसी के य? म? सोमरस हण कa5जए. (१)
क? चेतसे महे वचो देवाय श?यते. त0दद् ?य?य वध?नम्.. (२)
हे इं! आप महान ह?. आप कa कृपा से हमारी मामूली ाथ?ना भी शंसा पाती है.
हमारी ये ाथ?नाएं भी आप का गुणगान करती ह?. अतः यजमान पर आप कa कृपा होती है.
(२)
उ?थं च न श?यमानं नागो र1यरा 2चकेत. न गायं गीयमानम्.. (३)
?तु1त न करने वाले इं के शु ह?. इं यजमान? ?ारा पढ़े गए ?तो? को अ?छ_ तरह
जानते ह?. इं पुरो1हत के गाए गए साम को भी जानते व समझते ह?. हम इं कa ?तु1त करते
ह?. (३)
इ? उ?थे4भम?5?दो वाजानां च वाजप1तः. ह/रवां?सुताना सखा.. (४)
हे इं! आप श3?शा3लय? म? सब से ?यादा श3?शाली ह?. आप ह/र नामक घोड़े वाले
ह?. आप ाथ?ना? से ब?त स होते ह?. आप सोमरस से 2म के समान ?नेह रखने कa
कृपा कर?. (४)
आ या?प नः सुतं वाजे4भमा? ?णीयथाः. महाँ इव युवजा1नः.. (५)
हे इं! 5जस कार युवा ?ी (प?नी) वाला पु?ष 1कसी ?सरी ?ी पर नजर नह?
डालता, उसी कार आप भी और? कa ह1व पर नजर मत डा3लए (मत ललचाइए). आप
हमारे ही सोम य? म? पधार कर ह1व हण करने कa कृपा कर?. (५)
कदा वसो ?तो हय?त आ अव ?मशा ?ध?ाः. द_घ? सुतं वाता?याय.. (६)
हे इं! आप सब ओर ापक ह?. बनाई गई नहर म? जल रोकने कa तरह हम सोमरस
तैयार कर के आप को भ?ट करने के 3लए कब रोक?. (६)
ाणा0द? राधसः 1पबा सोममृतू रनु. तवेद स?यम?तृतम्.. (७)
हे इं! ाण यजमान से सोमरस पी5जए. आप मौसम के अनुसार सोमरस पी5जए.
आप का और हमारा अटूट नाता है. (७)
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वयं घा ते अ1प ?म3स ?तोतार इ? 1गव?णः. ?वं नो 5ज?व सोमपाः.. (८)
हे इं! हम आप के शंसक व पूजक ह?. आप सोम पान करने वाले ह?. आप हम? संतु1
(तृ7?त) दान कa5जए. (८)
ए? पृ?ु कासु 2चृ?णं तनूषु धे1ह नः. सा5ज? पौ ?यम्.. (९)
हे इं! आप ब?त श3?मान ह?. आप हमारे अंग? म? श3? द_5जए, हम? ऐसी श3?
द_5जए 5जस से हम अपने सारे शु? को एक साथ जीत सक?. (९)
एवा 3स वीरयुरेवा शूर उत .?थरः. एवा ते रा?यं मनः.. (१०)
हे इं! आप वीर व अ2डग ह?. आप वीर शु? का भी नाश कर सकते ह?. आप
धैय?वान ह?. आप का मन ?तु1तय? से आराधना करने यो?य है. (१०)
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तीसरा अ?याय
पहला खंड
अ4भ ?वा शूर नोनुमो ऽ ??धा इव धेनवः.
ईशानम?य जगतः ?व??शमीशान2म? त?थुषः.. (१)
हे इं! आप इस जग के व जड़चेतन के ?वामी ह?. आप सब कुछ देख सकते ह?. जैसे
थन? म? ?ध 3लए गाएं बछड़? के पास जाने के 3लए उतावली रहती ह?, वैसे ही हम उतावले हो
कर आप को णाम करते ह?. (१)
?वा2म5? हवामहे सातौ वाज?य कारवः.
?वां वृे8?व? स?प=त^ नर??वां काा?वव?तः.. (२)
हे इं! ?तु1त करने वाले यजमान ह1व दान के 3लए आप को आमं1त करते ह?. आप
स?य (या स?जन?) के पालनहार ह?. हम तथा ?सरे सभी शु या घोड़? से संबं2धत यु?? म?
मदद के 3लए आप को ही पुकारते ह?. (२)
अ4भ वः सुराधस2म?मच? यथा 1वदे.
यो ज/रतृ?यो मघवा पु?वसुः सहेणेव 3श?1त.. (३)
हे यजमानो! इं पशु आ0द ब?त कार के धन वाले ह?. वे अपनी ?तु1त करने वाले को
ब?1वध धन देते ह?. आप े धन देने वाले इं कa हर कार से पूजाअच?ना कर?. (३)
तं वो द?ममृतीषहं वसोम??दानम?धसः.
अ4भ व?सं न ?वसरेषु धेनव इ?ं गीLभ^न?वामहे.. (४)
हे यजमानो! जैसे गाएं बछड़? को देख कर खुशी से रंभाती ह?, वैसे ही आप भी सोमरस
पीने से स इं के 3लए ?तु1त गाइए. वे शु? (?ःख?) का नाश करने वाले ह?. (४)
तरो4भव? 1वद?सु2म? सबाध ऊतये.
बृहद् गाय?तः सुतसोमे अ?वरे ?वे भरं न का/रणम्.. (५)
हे यजमानो! इं के ब?त तेज ग1त वाले घोड़े ह?. वे इं ब?त धनदाता ह?. वे बाधा? से
हमारी र?ा करते ह?. हम बृह?साम गाते ?ए उन को उसी कार र?ा के 3लए बुलाते ह?, जैसे
ब?चे अपनी र?ा के 3लए अपने माता1पता को बुलाते ह?. (५)
तर4ण/र9?सषास1त वाजं पुर??या युजा.
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आ व इ?ं पु??तं नमे 1गरा ने>म^ तेव सुmवम्.. (६)
इं तारनहार ह?. हम बु5? से अ ा?त करना चाहते ह?. जैसे बढ़ई अपनी कारीगरी से
लकड़ी को न कर के प1हए को गाड़ी के अनुकूल कर लेता है, वैसे ही हम इं देव को
अपनी ?तु1तय? से अपने अनुकूल करना चाहते ह?. (६)
1पबा सुत?य र3सनो म??वा न इ? गोमतः.
आ1पन? बो2ध सधमाे वृधे ३ ऽ ?मां अव?तु ते 2धयः.. (७)
हे इं! आप गाय का ?ध 2मला कर तैयार 1कए ?ए रसीले सोमरस को पी5जए. उसे पी
कर आप स होइए. आप हम? धन देने वाले बंधु ब1नए. आप हम? ग1त कa राह 0दखाइए.
आप कa बु5? हम यजमान? कa र?ा करे. (७)
?व े1ह चेरवे 1वदा भगं वसु?ये.
उ?ावृष?व मघवन् ग1वय उ0द?ा2मये.. (८)
हे इं! आप मुझे धन देने के 3लए आइए. अ?छे आचार1वचार वाले हम लोग? को राह
0दखाइए व धन द_5जए. हम गाय? के इ?छुक ह?. हम? गोधन द_5जए. हम घोड़? के इ?छुक ह?.
हम? अधन द_5जए. (८)
न 1ह वरमं च न व3सः प/रम सते.
अ?माकम म?तः सुते सचा 1वे 1पब?तु का2मनः.. (९)
हे म?द् गणो! व3स ऋ1ष आप म? से छोट? को भी छोड़ कर ?तु1त नह? करते ह? अथा?त्
छोट? कa भी ?तु1त करते ह?. आज हमारे इस सोम य? म? आप सभी इकट् ठे हो कर सोमरस
पी5जए. (९)
मा 2चद?य1? श सत सखायो मा /रष?यत.
इ?2म??तोता वृषण सचा सुते मु???था च श सत.. (१०)
हे यजमानो! आप इं के अलावा 1कसी अ?य देव कa ?तु1त मत करो. बेकार मेहनत
मत करो. एक साथ सोम य? म? बलवान इं कa ही ?तु1त करो. उ?ह? के बारे म? ाथ?ना?
को बारबार उचारो. (१०)
?सरा खंड
न1कं कम?णा नशकार सदावृधम्.
इ?ं न य?ैIव^गूत?मृ?वसमधृं धृ?णुमोजसा.. (१)
हे यजमानो! इं सदा उ1तशील व समृ? ह?. वे सब से पू5जत और महान बलशाली ह?.
1कसी से नह? दबने वाले व शुनाशक ह?. जो य? से इं को अपने अनुकूल बना लेता है, उसे
कोई भी नह? दबा सकता है. (१)
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य ऋते 2चद4भ4षः पुरा जु?य आतृदः.
स?धाता स9?धं मघवा पु?वसुIन^?कता? 1व?त पुनः.. (२)
हे इं! आप गले कa ना2ड़य? को खून 1नकलने पर भी 1बना जोड़ने कa सामी के ही
जोड़ सकते ह?. इं ब?त वैभव वाले ह?. वे कटे ?ए भाग? को 1फर से जोड़ सकते ह?. (२)
आ ?वा सहमा शतं यु?ा रथे 1हर?यये.
युजो हरय इ? के3शनो वह?तु सोमपीतये.. (३)
हे इं! आप के घोड़े मं के भाव से रथ म? जुत जाते ह?. आप के घोड़? कa गरदन पर
लंबेलंबे बाल ह?. वे सैकड़? घोड़े आप के सुनहरे रथ म? जुत जाएं और सोमपान के 3लए आप
को य? म? ले आएं, यह अनुरोध है. (३)
आ म?ै/र? ह/र4भया?1ह मयूररोम4भः.
मा ?वा के 2च2 येमु/र पा3शनो ऽ 1त ध?वेव तां इ1ह.. (४)
हे इं! जैसे राहगीर शी ही रे1ग?तान को पार कर लेता है, वैसे ही आप भी मोर जैसे
रोम वाले घोड़? से यहां आइए. जाल फैलाने वाले 3शकारी आप कa राह म? रोड़ा न अटका
सक?. (४)
?वम? श 3सषो देवः श1व म?य?म्.
न ?वद?यो मघव9?त मJड^ते? वी2म ते वचः.. (५)
हे इं! आप बलवान व काश वाले ह?. आप अपने पूजक? कa शंसा करते ह?. आप
धनवान ह?. आप के अलावा कोई सुख देने वाला नह? है. इसी कारण म? आप कa ?तु1त करता
?ं. (५)
?व2म? यशा अ?यृजीषी शवस?प1तः.
?वं वृा4ण ह ?यती?येक इ?पुव?नु?ष?णीधृ1तः.. (६)
हे इं! आप श3?शाली ह?. आप सोमरस पीने वाले और यशवान ह?. आप यजमान? के
1हत के 3लए बड़े से बड़े शु को भी अकेले ही न कर सकते ह?. (६)
इ?2म?ेवतातय इ?ं य?य?वरे.
इ? समीके व1ननो हवामह इ?ं धन?य सातये.. (७)
देव? के 3लए 1कए जाने वाले य? म? हम इं को ही आमं1त करते ह?. य? के शु? और
समापन दोन? ही समय हम इं को आमं1त करते ह?. धन लाभ के 3लए हम इं को ही
आमं1त करते ह?. आप शी पधा/रए. (७)
इमा उ ?वा पु?वसो 1गरो वध??तु या मम.
पावकवणा?ः शुचयो 1वप4तो ऽ 4भ?तोमैरनूषत.. (८)
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हे इं! आप धनवान ह?. हमारी ाथ?नाएं आप का यश बढ़ाएं. यजमान अ7?न के समान
प1व, तेज?वी व 1व?ान् ह?. वे ाथ?ना? से बारबार आप कa ?तु1त करते ह?. (८)
उ? ?ये मधुम?मा 1गर ?तोमास ईरते.
सा5जतो धनसा अ4?तोतयो वाजय?तो रथा इव.. (९)
हे इं! आप हमेशा शु? को जीतने वाले व धन देने वाले ह?. आप का 0दया संर?ण
कभी ख?म नह? होता. बलशाली रथ के समान ये ाथ?नाएं आप कa ओर बढ़ रही ह?. ये
ाथ?नाएं मधुर और े वचन? से भरी ?ई ह?. (९)
यथा गौरो अपा कृतं तृ?ये?यवे/रणम्.
आ1प?वे नः 1प?वे तूयमा ग1ह क?वेषु सु सचा 1पब.. (१०)
हे इं! जैसे ?यासे गौर 1हरण पानी से भरे ?ए तालाब के पास जाते ह?, उसी कार आप
हमारी ाथ?ना? से भरेपूरे य? म? पधा/रए. क?व के य? म? ज?द_ से ज?द_ आइए. सोमरस
पी कर स होइए. (१०)
तीसरा खंड
श??यू ३ षु शचीपत इ? 1वा4भ?1त4भः.
भगं न 1ह ?वा यशसं वसु1वदमनु शूर चराम3स.. (१)
हे इं! आप शची के प1त ह?. आप परा?मी ह?. आप हम? संर?ण के साथसाथ चाहे गए
वरदान द_5जए तथा सौभा?य जैसा यश?वी धन द_5जए. हम आप कa आराधना करते ह?. (१)
या इ? भुज आभरः ?ववा? असुरे?यः.
?तोतार2म?मघव?य वध?य ये च ?वे वृ?बIह^षः.. (२)
हे इं! आप आ?म श3? वाले ह?. आप ने बलवान रा?स? से भोग के साधन जीते ह?.
इस धन से आप अपने पूजक? को संर?ण द_5जए. जो आप को बारबार आमं1त या याद
करते ह?, आप उ?ह? धनवान बनाइए. (२)
2माय ाय??णे सच?यमृतावसो.
व??ये ३ व?णे छ?ं वचः ?तो राजसु गायत.. (३)
हे य? करने वालो! आप का धन आप के य? ह?. आप 2म, व?ण और अय?मा देवता
के 3लए छंदब? ाथ?नाएं उन के य?शाला म? 1वराजमान हो जाने पर गाइए. (३)
अ4भ ?वा पूव?पीतय इ? ?तोमे4भरायवः.
समीचीनास ऋभवः सम?वरुदा गृण?त पू?म्.. (४)
हे इं! ाथ?ना करने वाले यजमान सब से पहले आप सभी देवता? से ?तो के
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मा?यम से सोमरस पीने का 1नवेदन करते ह?. सब ने इकट् ठे हो कर आप कa आराधना कa.
? के पु म?त् ने भी आ0द पु?ष (पहले पु?ष) के ?प म? आप कa ?तु1त कa. (४)
व इ?ाय बृहते म?तो ाच?त.
वृ हन1त वृहा शत?तुव?ेण शतपव?णा.. (५)
हे यजमानो! आप अपने इं के 3लए ?तु1त करो. इं वृासुर के नाशक ह?. वे सौ धार?
वाले व से रा?स? (क?) का नाश कर?. (५)
बृह0द?ाय गायत म?तो वृह?तमम्.
येन ?यो1तरजनयृतावृधो देवं देवाय जागृ1व.. (६)
हे याजको! इं के 3लए बृह?साम ?तो का पाठ कa5जए. य? को बढ़ाने वाले ऋ1षय?
ने उस के सहयोग से इं के 3लए 0द ?यो1त पैदा कa है. (६)
इ? ?तुं न आ भर 1पता पुे?यो यथा.
3श?ा णो अ9?म?पु??त याम1न जीवा ?यो1तरशीम1ह.. (७)
हे इं! हम? य? काय? करने कa 3श?ा द_5जए, जैसे 1पता अपने पु को 3श?ा देता है.
यानी हम? 3श?ा ?पी धन द_5जए. हम 1त0दन सुबह सूय? के दश?न कर?. (७)
मा न इ? परा वृण?भवा नः सधमाे.
?वं न ऊती ?व2म आ?यं मा न इ? परावृणक्.. (८)
हे इं! आप हम य? करने वाल? को कभी मत छो2ड़ए. आप हमारे संर?क ह?. आप
हमारे बंधु ह?. आप हम? अपनी शरण म? र6खए. आप कभी अपनेआप से हम? ?र मत क/रए.
(८)
वयं घ ?वा सुताव?त आपो न वृ?बIह^षः.
प1व?य वणेषु वृह?प/र ?तोतार आसते.. (९)
हे इं! आप वृासुर के नाशक ह?. जैसे जल नीचे कa ओर बहता है, वैसे ही सोमरस के
साथ हम आप को नीचे झुक कर नम?कार करते ह?. प1व य? म? सभी यजमान कुश के
आसन पर बैठ कर आप कa आराधना करते ह?. (९)
य0द? ना?षी?वा ओजो नृ?णं च कृ1षु.
य?ा प?च4?तीनां ु?नमा भर सा 1वा1न पौ ?या.. (१०)
हे इं! मनु?य? म? जो धन व पांच भू2मय? का चमकता ?आ अ है, वह सब हम?
द_5जए. हम? आप सब कार के बल (श3?) भी द_5जए. (१०)
चौथा खंड
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स?य2म?था वृषेद3स वृषजू1तन? ऽ 1वता.
वृषा ? शृ.?वषे पराव1त वृषो अवा?व1त ुतः.. (१)
हे इं! 1नय ही आप वीर व मनोकामना पूरी करने वाले ह?. सोम य? करने वाले
यजमान? ने अपनी र?ा के 3लए आप को बुलाया है. आप हमारी र?ा कa5जए. आप कa
3स5? पास भी है और ब?त ?र?र तक भी फैली ?ई है. (१)
य?छ?ा3स पराव1त यदवा?व1त वृहन्.
अत??वा गीLभ^ु?ग0द? के3श4भः सुतावाँ आ 1ववास1त.. (२)
हे इं! आप वृासुर नाशक ह?. आप हमारे पास ह? चाहे ?र, पर हम सोम य? करने
वाले यजमान आप को आमं1त करते ह?. हम गरदन पर सुंदर बाल वाले घोड़? के समान
अपनी े ?तु1तय? से आप को बुलाते ह?. (२)
अ4भ वो वीरम?धसो मदेषु गाय 1गरा महा 1वचेतसम्.
इ?ं नाम ु?य शा1कनं वचो यथा.. (३)
हे यजमानो! आप अपने 1हत के 3लए इं कa ?तु1त करो. वे रा?स? को जीतने वाले ह?.
वे सोमरस से खुश होने वाले ह?. वे यश?वी, वीर व बु5?मान ह?. आप ऐसे इं कa जैसे भी हो
1वशेष ?तु1त करो. (३)
इ? 1धातु शरणं 1व?थ ?व?तये.
छHद^य??छ मघव? य मं च यावया 0दुमे?यः.. (४)
हे इं! आप धनवान यजमान? को और मुझे तीन? ऋतु? म? सुखदायी क?याणकारी
तीन मं5जला घर द_5जए. इ?ह? पाने के 3लए हम? श?? का योग न करना पड़े. (४)
ाय?त इव सूय? 1वे0द??य भ?तः.
वसू1न जातो ज1नमा?योजसा 1त भागं न द_2धमः.. (५)
हे यजमानो! जैसे सारी 1करण? सूय? के सहारे रहती ह?, वैसे ही सारा संसार इं के सहारे
है. हम भी उ?ह? के सहारे ह?. जैसे 1पता के धन म? संतान कa भागीदारी होती है, वैसे ही इं
के धन म? हमारी भागीदारी हो. इं उ?प ?ए और उ?प होने वाल? को बल से भाग दान
करते ह?. (५)
न सीमदेव आप त0दषं द_घा?यो म?य?ः.
एत?वा 2च एतशो युयोजत इ?ो हरी युयोजते.. (६)
हे इं! आप 2चरायु ह?. आप के 1त ?ा के 1बना मनु?य उस े अ को नह? पा
सकता है. जो इं को पाने के 3लए अपनी ?तु1तय? के घोड़े नह? जोड़ता है, इं भी उस के
य? म? जाने के 3लए ह/र तथा अ?य घोड़? को नह? जोड़ते ह?. (६)
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आ नो 1वासु ह2म? सम?सु भूषत.
उप ा4ण सवना1न वृह?परम?या ऋचीषम.. (७)
हे इं! यु?? म? सहायता के 3लए आप को बुलाया जाता है. आप हमारी शंसा,
ाथ?ना? से सुशो4भत होते ह?. आप वृासुर नाशक ह?. आप के धनुष कa ?यंचा अ1वनाशी
है. आप तीन? समय कa सं?या? कa ाथ?ना? को शो4भत कa5जए. (७)
तवे0द?ावमं वसु ?वं पु?य3स म?यमम्.
सा 1व?य परम?य राज3स न 1क्वा गोषु वृ?वते.. (८)
हे इं! आप 1न?न, म?यम और उ?म सभी तरह के धन? के अकेले ?वामी ह?. आप जब
गाय आ0द अपने यजमान? को दान करना चाहते ह? तो आप को कोई भी नह? रोक सकता है.
(८)
?वेयथ ?वेद3स पु?ा 2च5? ते मनः.
अलIष^ यु?म खजकृ?पुरंदर गाया अगा3सषुः.. (९)
हे इं! आप पहले कहां चले गए थे? आप इस समय कहां ह?? आप ब?त जगह रमते
(घूमते) रहते ह?. आप रा?स? का नाश करने वाले ह?. हमारे यजमान ाथ?ना गाने म? कुशल ह?.
वे आप कa ?तु1त करते ह?. (९)
वयमेन2मदा ो ऽ पीपेमेह व5णम्.
त?मा उ अ सवने सुतं भरा नूनं भूषत ुते.. (१०)
हे इं! हम ने कल भी आप को सोमरस भ?ट 1कया था. हम आज भी य? म? आप को
सोमरस भ?ट करते ह?. हे यजमानो! आप ?तो गा कर इं कa शोभा बढ़ाइए. (१०)
पांचवां खंड
यो राजा चष?णीनां याता रथे4भर2गुः.
1वासां त?ता पृतनानां ?यें यो वृहा गृणे.. (१)
हे इं! आप मनु?य? के राजा ह?. आप के रथ कa ग1त कa कोई भी बराबरी नह? कर
सकता है. आप शु? कa सेना और वृासुर को मारने वाले ह?. हम सव?े इं कa ?तु1त
करते ह?. (१)
यत इ? भयामहे ततो नो अभयं कृ2ध.
मघव?छ8?ध तव त ऊतये 1व 1?षो 1व मृधो ज1ह.. (२)
हे इं! 5जस से हम डर? आप उसी से हम? 1नडर बनाइए. हम? अभय दान द_5जए. हमारे
शु? को और हम? मारने वाल? को आप न कa5जए. (२)
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वा?तो?पते ुवा ?थूणा स सो?यानाम्.
?सः पुरां भे?ा शतीना2म?ो मुनीना सखा.. (३)
हे इं! आप घर के ?वामी ह?. हमारे घर के खंभे व सोम य? करने वाल? का शरीर
मजबूत हो. सोम पीने वाले रा?स? कa ब?त सी नग/रयां उजाड़ने वाले इं हम ऋ1षय? के
2म ह?. (३)
व?महाँ अ3स सूय? बडा0द?य महाँ अ3स.
मह?ते सतो म1हमा प1नम मा देव महाँ अ3स.. (४)
हे इं! आप ेरणा देने वाले, ब?त तेज?वी, अ0द1त के पु व ब?त बलशाली ह?. हम
सच कहते ह? 1क आप ब?त महान ह?. (४)
अी रथी सु?प इद् गोमान् य0द? ते सखा.
ाभाजा वयसा सचते सदा च?ैया?1त सभामुप.. (५)
हे इं! जो आप को अपना 2म बना लेता है, वह ब?त सुंदर ?प वाला हो जाता है.
वह ब?त घोड़? वाला हो जाता है. वह ब?त रथ? वाला हो जाता है. वह ब?त गाय? वाला हो
जाता है. वह ब?त अ, धन वाला हो जाता है. वह सदा अ?छे व?? और आभूषण? से तैयार
हो कर सभा म? जाता है. (५)
यद् ाव इ? ते शत शतं भूमी?त ?युः.
न ?वा व5??सह सूया? अनु न जातम रोदसी.. (६)
हे इं! ?वग?लोक सौ गुना हो जाए तो भी आप कa बराबरी नह? कर सकता. भू2मलोक
(पृ?वीलोक) सौ गुना हो जाए तो भी आप के समान नह? हो सकता. हे वधारी इं! सौ सूय?
भी आप को का3शत नह? कर सकते. बाद म? होने वाले भी आप कa बराबरी नह? कर
सकते यानी आप के सामने कोई कुछ नह? है. आप ही सब से बड़े ह?. (६)
य0द? ागपागुदङ्?य?वा ?यसे नृ4भः.
3समा पु? नृषूतो अ?यानवे ऽ 3स शध? तुव?शे.. (७)
हे इं! पूव?, प4म, उ?र और द4?ण सभी 0दशा? से मनु?य आप को सहायता के
3लए बुलाते ह?. आप शु? का नाश करने वाले ह?. अनु और तुव?श के 3लए ?तु1तय? से
आप को बुलाया जाता है. (७)
क?त2म? ?वा वसवा म?य? दधष?1त.
?ा 1ह ते मघव?पाय? 0द1व वाजी वाज 3सषास1त.. (८)
हे इं! आप सब को बसाने वाले ह?. आप को कौन डरा सकता है. आप के 1त जो
यजमान ?ालु होता है, वह ?ःख से पार होने पर भी ह1व देने कa इ?छा रखता है. (८)
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इ?ा?नी अपा0दयं पूवा?गा?प?ती?यः.
1ह?वा 3शरो 5जया रारप?चरत् 1 श?पदा ?य?मीत्.. (९)
हे इं! हे अ7?न! 1बना पैर? वाली उषा पैर? वाली जनता से पहले आ जाती ह?. 3सर न
होने पर भी जीभ से सब को ेरणा देती ?ई एक 0दन म? तीस मु?त? को पार कर जाती ह?.
(९)
इ? नेद_य ए0द1ह 2मतमेधा4भ?1त4भः.
आ शंतम शंतमा4भर4भ14भरा ?वापे ?वा1प4भः.. (१०)
हे इं! हमारी य?शाला ब?त नजद_क (पास) है. आप बु5?मान? और र?ा कa इ?छा
रखने वाल? के साथ पधा/रए. आप ब?त सुखदायी ह?. आप ब?त शां1तदायी व बंधु ह?. आप
अव?य पधा/रए. (१०)
छठा खंड
इत ऊती वो अजरं हेतारम1हतम्.
आशुं जेतार होतार रथीतममतूत? तु1यावृधम्.. (१)
हे इं! आप बूढ़े नह? होते. आप शु? को मारने वाले ह?. आप ज?द_ 1वजय पाने
वाले ह?. आप ब?त तेज ग1त वाले ह?. आप ज?द_ य? म? जाने वाले ह?. आप अ?छे रथ चलाने
वाले ह?. आप जल को बढ़ाने वाले ह?. हे यजमानो! ऐसे इं को आप अपनी र?ा के 3लए
बुलाइए. (१)
मो षु ?वा वाघत नारे अ?म2 रीरमन्.
आरा?ा?ा सधमादं न आ गहीह वा सुप ु2ध.. (२)
हे इं! य? करने वाले भी आप को हम से ?र न कर सक?. आप ?र रह कर भी हमारे
पास ज?द_ आइए. आप यह? रह कर हमारी ?तु1तयां सु1नए. (२)
सुनोता सोमपा?ने सोम2म?ाय व5णे.
पचता प?aरवसे कृणु?व2म?पृण2?पृणते मयः.. (३)
हे य? करने वालो! वधारी इं के 3लए सोमरस 1नचोड़ो. इं को स करने के 3लए
पुरोडाश (भोग) पकाइए (बनाइए). यजमान कa सता के 3लए इं ?वयं ह1व हण करते
ह?. (३)
यः साहा 1वचष?4ण/र?ं त ?महे वयम्.
सहम?यो तु1वनृ?ण स?पते भवा सम?सु नो वृधे.. (४)
हे इं! आप शु? का वध करने वाले ह?. आप सब को देखने वाले ह?. हम ?तु1तय? से
आप को बुलाते ह?. आप ?ोध वाले, ब?त धन वाले व स?जन? के पालक ह?. आप यु?? म?
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हमारा यश बढ़ाइए. (४)
शची4भन?ः शचीवसू 0दवा न?ं 0दश?यतम्.
मा वा रा1त?पदस?कदाचना?मा1तः कदाचन.. (५)
हे अ4नीकुमारो! आप अपने कम? को ही धन मानने वाले ह?. आप अपनी श3? से
0दनरात हमारी इ?छाएं पूरी कa5जए. आप का दान कभी कम नह? होता. आप के ही दान कa
तरह हमारे दान भी कभी कम न ह?. (५)
यदा कदा च मीढुषे ?तोता जरेत म?य?ः.
आ0द??देत व?णं 1वपा 1गरा ध?ा?रं 1वतानाम्.. (६)
जब कभी ह1व दाता यजमान के 3लए मनु?य ाथ?ना करे तब 1वशेष र?ा करने वाली
ाथ?ना? से व?ण देवता कa ?तु1त करे. वे व?ण पाप? को ?र करने वाले व अनेक कार के
कम? को धारण करने वाले ह?. (६)
पा1ह गा अ?धसो मद इ?ाय मे?या1तथे.
यः सं2मो हय?य? 1हर?यय इ?ो वी 1हर?ययः.. (७)
हे इं! आप य? म? मेहमान बनने वाले ह?. आप सोमरस पी कर, स हो कर हमारी
गाय? कa र?ा कa5जए. आप ह/र नामक घोड़े को रथ म? जोतते ह?. आप व धारण करने
वाले, सुंदर, 1हत साधने वाले और सुनहरे रथ वाले ह?. (७)
उभय शृणव?च न इ?ो अवा?1गदं वचः.
सा?या मघवा??सोमपीतये 2धया श1व आ गमत्.. (८)
हे इं! आप हमारे दोन? ही कार के वचन पास आ कर सु1नए. सब कa ाथ?ना सुन
कर यहां पधा/रए और स होइए. हे इं! आप बलवान व धनवान ह?. सोमपान के 3लए
आप यहां पधा/रए. (८)
महे च न ?वा0वः परा शु?काय द_यसे.
न सहाय नायुताय व5वो न शताय शतामघ.. (९)
हे इं! आप व धारण करने वाले ह?. ब?त से धन के बदले भी म? आप को नह? छोड़
सकता ?ं. हजार के बदले भी आप को नह? बेचा जा सकता. अपार धन के बदले भी आप
को नह? बेचा जा सकता. (९)
व?याँ इ?ा3स मे 1पतु?त ातुरभु?तः.
माता च मे छदयथः समा वसो वसु?वनाय राधसे.. (१०)
हे इं! आप हमारे 1पता से भी ?यादा धन वाले ह?. पालन न करने वाले हमारे भाई से
भी ?यादा धनवान ह?. आप हमारी मां के समान ह?. मुझे धनवान, अवान और यशवान
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बनाइए. (१०)
सातवां खंड
इम इ?ाय सु7?वरे सोमासो द?या3शरः.
ताँ आ मदाय वह?त पीतये ह/र?यां याोक आ.. (१)
हे इं! आप व धारण करने वाले ह?. आप दही 2मला कर तैयार 1कए गए इस सोमरस
को पीने के 3लए अपने घोड़? से य? मंडप म? पधा/रए. (१)
इम इ? मदाय ते सोमा41क उ.?थनः.
मधोः पपान उप नो 1गरः शृणु रा?व ?तोाय 1गव?णः.. (२)
हे इं! आप कa सता के 3लए खास तौर से साफ कर के मधुर सोमरस को तैयार
1कया है. आप हमारी ाथ?ना कa वाणी को सु1नए. आप हम? मनचाहे फल द_5जए. (२)
आ ?वा ३ सब??घा ?वे गायवेपसम्.
इ?ं धेनु सु?घाम?या2मषमु? धारामरङ्कृतम्.. (३)
हे इं! आप उस गाय के समान शोभा पा रहे ह? जो ब?त ?ध देने वाली है, 5जस कa
चाल शंसा करने यो?य है, जो आसानी से ?हने यो?य है, जो 1वशेष ल?ण? वाली है, 5जस
के ?तन? से ?ध कa कई धाराएं बहती ह?. आप शी पधा/रए. (३)
न ?वा बृह?तो अयो वर?त इ? वीडवः.
य.?छ?3स ?तुवते मावते वसु न 1कदा 2मना1त ते.. (४)
हे इं! बड़ेबड़े पव?त भी आप को नह? 2डगा सकते. आप हम पूजक? को जो धन देते
ह?, उस धन को कोई नह? रोक सकता है. (४)
क ? वेद सुते सचा 1पब?तं क?यो दधे.
अयं यः पुरो 1व4भन?योजसा म?दानः 3श य?धसः.. (५)
हे इं! सोम य? म? एक ही जगह सोमरस पीने वाले आप को कौन (नह?) जानता है.
आप 1कतना अ धारण करने वाले ह?, यह भी कौन जानता है? सोमरस पी कर स होने
वाले इं अपने बल से शु? के नगर? को न कर देते ह?. (५)
य0द? शासो अतं ?यावया सदस?प/र.
अ?माकम शुं मघव?पु??पृहं वसे अ2ध बह?य.. (६)
हे इं! आप य? म? 1व?न डालने वाल? को दंड देते ह?. आप ?? को दंड द_5जए. आप
धनवान ह?. आप हमारे घर? म? सोमरस बढ़ाइए. (६)
?वा नो दैं वचः पज??यो ण?प1तः.
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पुैा?तृ4भर0द1तनु? पातु नो ?रं ामणं वचः.. (७)
?वा देवता? के 3श?पी (कारीगर) ह?. पज??य देव बरसात के ?वामी ह?. ण?प1त
देवता अपने बेट? और भाइय? के साथ हमारी र?ा कर?. देवता? कa माता अ0द1त हमारी
र?ा कर?. अ0द1त ?ःख ?र करने वाली और र?ा करने वाली हमारी ?तु1तय? से हम पर कृपा
कर?. (७)
कदा चन ?तरीर3स ने? स3स दाशुषे.
उपोपेु मघव?भूय इु ते दानं देव?य पृ?यते.. (८)
हे इं! आप अ=ह^सक ह?. आप ह1व देने वाले यजमान पर कृपा रखते ह?. आप
काशमान ह?. आप कa कृपा हम? ा?त होती है. (८)
युङ्?वा 1ह वृह?तम हरी इ? परावतः.
अवा?चीनो मघव??सोमपीतय उ ऋ?वे4भरा ग1ह.. (९)
हे इं! आप वृासुर का नाश करने वाले ह?. आप अपने ह/र नामक घोड़े को रथ म?
जो1तए. आप धनवान व बलवान ह?. आप सुंदर म?द् गण? के साथ ?वग?लोक से यहां
पधा/रए. (९)
?वा2मदा ो नरो ऽ पी?य?व5?भूण?यः.
स इ? ?तोमवाहस इह ु?युप ?वसरमा ग1ह.. (१०)
हे इं! आप व धारण करने वाले ह?. य? करने वाले यजमान? ने आप को आज भी
और पहले भी सोमरस भ?ट 1कया है. आप य? मंडप म? पधा/रए. ?तो पढ़ने वाले यजमान?
के ?तो सु1नए. (१०)
आठवां खंड
?यु अद?या?य?यू ३ ?छ?ती ?1हता 0दवः.
अपो मही वृणुते च?ुषा तमो ?यो1त?कृणो1त सूनरी.. (१)
अंधेरे को ?र कर के आती ?ई सूय? कa पुी उषा सब को 0दखाई दे रही है. वह अपने
काश से घनघोर अंधेरे को ?र कर देती है. (१)
इमा उ वां 0द1वय उा हव?ते अ4ना.
अयं वामे ऽ वसे शचीवसू =व^श 1वश 1ह ग?छथः.. (२)
हे अ4नीकुमारो! काश चाहने वाले यजमान आप को बुलाते ह?. म? भी कम? को धन
मानने वाले आप को बुलाता ?ं. हम अपनी र?ा के 3लए आप दोन? को बुलाते ह?. हम आप
दोन? को तृ?त (स) करने के 3लए बुलाते ह?. आप ?तु1त करने वाले हर एक यजमान के
पास पधारते हो. (२)
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कुः को वाम4ना तपानो देवा म?य?ः.
?नता वाम?मया ?पमाणो शुने?थमु आ??यथा.. (३)
हे अ4नीकुमारो! आप काश वाले ह?. इस पृ?वी पर रहने वाला कौन आप को
का3शत कर सकता है. जो यजमान आप के 3लए प?थर? से सोम कूटकूट कर थक जाता
है, वह राजा के समान इ?छानुसार भोग करने वाला होता है. (३)
अयं वां मधुम?मः सुतः सोमो 0द1व1षु.
तम4ना 1पबतं 1तरोअ यं ध? र?ना1न दाशुषे.. (४)
हे अ4नीकुमारो! आप के 3लए होने वाले य?? म? यह मीठा सोमरस तैयार 1कया गया
है. यह सोमरस हम ने एक 0दन पहले तैयार 1कया है. आप इस का सेवन कa5जए. आप ह1व
देने वाले यजमान को े धन दान कa5जए. (४)
आ ?वा सोम?य ग?दया सदा याचहं ?या.
भूXण^ मृगं न सवनेषु चु?ुधं क ईशानं न या2चषत्.. (५)
हे इं! आप शेर के समान श3?शाली ह?. आप भरणपोषण करने म? समथ? ह?. हम आप
को य? म? सोमरस दान करते ह?. हम 1वजय 0दलाने वाली ाथ?ना से आप से याचना करते
ह?. आप हम पर गु?सा मत कa5जए. ऐसा कौन 3? है, जो अपने ?वामी से याचना नह?
करता है. (५)
अ?वय? ावया ?व सोम2म?ः 1पपास1त.
उपो नूनं युयुजे वृषणा हरी आ च जगाम वृहा.. (६)
हे पुरो1हत! आप सोमरस को ज?द_ तैयार कa5जए. इं ज?द_ सोमरस पीना चाहते ह?.
उ?ह?ने अपने घोड़े रथ म? जोत 3लए ह?. वृासुर का नाश करने वाले इं प?ंच भी गए. (६)
अभीषत?तदा भरे? ?यायः कनीयसः.
पु?वसुIह^ मघव?बभू1वथ भरेभरे च हः.. (७)
हे इं! आप सब से बड़े ह?. आप सब ओर से ला कर े धन मुझ तु?छ मनु?य को
दान कa5जए. आप धनवान ह? और यु? म? सहायता के 3लए बुलाने यो?य ह?. (७)
य0द? यावत??वमेतावदहमीशीय.
?तोतार2म?2धषे रदावसो न पाप?वाय र 3सषम्.. (८)
हे इं! आप 5जतने धन के ?वामी ह?, हम भी उतने धन के ?वामी हो जाएं. आप धन
देने वाले ह?. ?तु1त करने वाल? को धन देने कa इ?छा है. पा1पय? को धन देने कa इ?छा नह?
है. (८)
?व2म? तूIत^?व4भ 1वा अ3स ?पृधः.
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अश9?तहा ज1नता वृतूर3स ?वं तूय? त??यतः.. (९)
हे इं! आप यु?? म? शु? का नाश करते ह?. आप शु? को बाधा प?ंचाने वाले ह?.
आप ाकृ1तक 1वप3?य? का नाश करने वाले ह?. आप हमारे शु? के 3लए आप3?यां पैदा
करने वाले ह?. आप ?? के नाशक ह?. (९)
यो /र/र? ओजसा 0दवः सदो?य?प/र.
न ?वा 1वाच रज इ? पाKथ^वम1त 1वं वव4?थ.. (१०)
हे इं! ?वग?लोक म? आप कa 1ता है. पूरी पृ?वी का कणकण भी आप को घेर नह?
सकता, ा?त नह? कर सकता. आप पूरे संसार को ा?त करने म? समथ? ह?. (१०)
नौवां खंड
असा1व देवं गोऋजीकम?धो ?य9?म2?ो जनुषेमुवोच.
बोधाम3स ?वा हय? य?ैब?धा न ?तोमम?धसो मदेषु.. (१)
हम ने तेज?वी गाय के ?ध से सोमरस तैयार 1कया है. ऐसा सोमरस इं को ?वभाव से
ही ब?त पसंद आता है. आप इस सोमरस को पी कर म?त हो जाइए, स हो जाइए.
हमारी ाथ?ना? पर खासतौर से ?यान देने कa कृपा कa5जए. (१)
यो1न इ? सदने अका/र तमा नृ4भः पु??त या1ह.
असो यथा नो ऽ 1वता वृध4?दो वसू1न ममद सोमैः.. (२)
हे इं! आप को बैठाने के 3लए हम ने खास य? वे0दका तैयार कa है. आप म?त? के
साथ पधा/रए. आप सब उस ?थान पर 1वरा5जए. आप हमारे र?क व हमारे पालक ह?. आप
हम? कई तरह के धन द_5जए. आप सोमरस पी कर स होइए. (२)
अदद???समसृजो 1व खा1न ?वमण?वा?ब?धानाँ अर?णाः.
महा?त2म? पव?तं 1व य?ः सृज?ारा अव य?ानवा?हन्.. (३)
हे इं! आप ने बादल? का जल 1नकालने के 3लए खासतौर पर दरवाज? को (रा?त?
को) बनाया है, 5जस से बादल? को भेद कर पानी पाया जा सके. आप पानी के रा?ते कa सब
बाधा? को ?र करते ह?. आप कa कृपा से ब?त जल धाराएं बही ह?. आप ने रा?स? का नाश
1कया है. (३)
सु?वाणास इ? ?तुम3स ?वा स1न?य?त4?ु1वनृ?ण वाजम्.
आ नो भर सु1वतं य?य कोना तना ?मना साम ?वोताः.. (४)
हे इं! आप ब?त धन देने वाले ह?. सोमरस 1नचोड़ने वाले यमराज आप कa ?तु1त
करते ह?. पुरोडाश पकाने वाले यजमान आप कa ?तु1त करते ह?. आप हम? हमारा चाहा गया
धन द_5जए. हम आप से श3? पा कर ब?त धन पाते ह?. (४)
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जगृा ते द4?ण2म? ह?तं वसूयवो वसुपते वसूनाम्.
1वा 1ह ?वा गोप1त शूर गोनाम?म?यं 2चं वृषण र=य^ दाः.. (५)
हे इं! आप ब?त धनवान ह?. हम धन बल कa कामना करते ह?. अतः आप का दा1हना
हाथ हण करते ह?. हम जानते ह? 1क आप गौ? के ?वामी ह?. आप हम? हमारी इ?छा पूरी
करने वाले अनेक धन द_5जए. (५)
इ?ं नरो नेम2धता हव?ते य?पाया? युनजते 2धय?ताः.
शूरो नृषाता वस काम आ गोम1त जे भजा ?वं नः.. (६)
हे इं! यु? और संकट के समय म? यु? करने वाले मनु?य यु? म? (और य? म?) आप
को सहायता के 3लए बुलाते ह?. आप शूरवीर व धनदाता ह?. आप गाय? और पशू? के बाड़े
म? हम? प?ंचा द_5जए, ता1क हम अ, धन व बल तीन? का लाभ पा सक?. (६)
वयः सुपणा? उप से?/र?ं 1यमेधा ऋषयो नाधमानाः.
अप ?वा?तमूणु?1ह पूJध^ च?ुमु?मु??या ३ ?मा2धयेव ब?ान्.. (७)
अ?छे पंख? वाली 2च2ड़या के समान य? से ेम रखने वाली सूय? कa 1करण? इं तक
प?ंचती ह?. हे इं! आप अब अंधेरे को ?र कa5जए. आप आंख? को काश से भर द_5जए.
आप र?सी से बंधे ?ए के समान हम को उन बंधन? से छुड़ाइए. (७)
नाके सुपण?मुप य?पत?त ?दा वेन?तो अ?यच?त ?वा.
1हर?यप?ं व?ण?य ?तं यम?य योनौ शकुनं भुर?युम्.. (८)
हे सूय?! आप प?ी कa तरह आकाश म? उड़ने वाले ह?. आप वेग वाले ह?. आप सब का
पालनपोषण करने वाले ह?. व?ण के ?त ह?. आप को लोग मन से ?नेह करते ह? (चाहते ह?).
आप को लोग अ7?न के उ?प3? ?थान अंत/र? म? प?ी कa तरह उड़ते ?ए देखते ह?. (८)
ज?ानं थमं पुर?ता1? सीमतः सु?चो वेन आवः.
स बु??या उपमा अ?य 1वाः सत यो1नमसत 1ववः.. (९)
वेन गंधव? पैदा ?ए. उ?ह?ने सब से पहले उ?प होने वाले तेज का उपदेश 1कया.
उस तेज से सब को का3शत 1कया. उ?ह?ने खासतौर पर उस तेज को अंत/र? म? ?था1पत
1कया. जो पैदा हो चुके और जो पैदा ह?गे, उन सब का कारण भी वही तेज है. (९)
अपूा? पु?तमा?य?मै महे वीराय तवसे तुराय.
1वर9?शने व5णे श?तमा1न वचा ?य?मै ?थ1वराय त?ुः.. (१०)
हे इं! आप महान वीर व बलवान ह?. आप ज?द_ काम करने वाले ह?. आप पूजनीय व
वधारी ह?. आप के 3लए यजमान ब?त सी सुखदायी ?तु1तयां गा रहे ह?. (१०)
दसवां खंड
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अव ?सो अ शुमतीम1त0दयानः कृ?णो दश4भः सहैः.
आव?2म?ः श?या धम?तमप ?नी1ह=त^ नृमणा अधाः.. (१)
इं सभी को 1य ह?. उ?ह?ने शु? ?ारा आ?मण 1कए जाने पर उन पर 1फर से
आ?मण कर के उन कa सेना को हरा 0दया. उ?ह?ने कृ?णासुर को भी हराया. कृ?णासुर ब?त
ती ग1त वाला था. उस ने दस हजार सै1नक? को साथ ले कर उन पर हमला 1कया था.
कृ?णासुर सभी के 3लए ?ःखदायक था. अंशुमती (नद_) के तट पर उस ने सभी को (आकृ
कर के) अपने चंगुल म? फंसा 3लया था. उ?ह?ने इतने श3?मान कृ?णासुर को भी हरा 0दया.
(१)
वृ?य ?वासथाद_षमाणा 1वे देवा अज?य? सखायः.
म?5?/र? स?यं ते अ??वथेमा 1वा: पृतना जया3स.. (२)
हे इं! सभी सहायक देवतागण वृासुर से डर कर आप का साथ छोड़ कर भाग गए
(चले गए). उन सब के चले जाने पर आप ने म?द् गण? कa 2मता के कारण उन के सहयोग
से ??मन? कa सेना को हराया. (२)
1वधुं दाण समने ब?नां युवान स?तं प3लतो जगार.
देव?य प?य कां म1ह?वाा ममार स ः समान.. (३)
हे यजमानो! इं यु? म? वीरता दशा?ते ह?. वे शु? कa सेना को हराने वाले ह?. उन कa
कृपा (भाव) से बूढ़ा भी जवान हो जाता है. आप उन कa का म1हमा दे6खए, जो आज
मरी ?ई सी लगने पर भी कल 1फर जी जाती है अथा?त् उन कa म1हमा अ2मट है. (३)
?व ह ?य?स?त?यो जायमानो ऽ शु?यो अभवः शु/र?.
गूढे ावापृ3थवी अ?व1व?दो 1वभुम? यो भुवने?यो रणं धाः.. (४)
हे इं! आप का कोई शु उ?प नह? ?आ है अथा?त् आप अजातशु ह?. आप उ?प
होते ही वृासुर आ0द छह रा?स? के ??मन हो गए. अपने अंधकार से ?वग?लोक और
पृ?वीलोक को बचाया. आप ने दोन? लोक? को काश यु? बनाया. आप ने ही दोन? लोक?
को .?थरता द_. आप ने ही दोन? लोक? को सुंदर बनाया. (४)
मे>ड^ न ?वा व5णं भृ1म?तं पु?ध?मानं वृषभ .?थर??नुम्.
करो?यय??त?षी??व?यु/र? ु?ं वृहणं गृणीषे.. (५)
हे यजमानो! अ?छे कम? के कारण सभी जगह इं कa सराहना होती है. वे वृासुर व
शु1वनाशक ह?. उन कa ?वग?लोक म? 1ता है. वे बलवान ह?. वे यु?? म? .?थर रहते ह?. वे
वधारी और ?नाशक ह?. वे 1वजयदाता ह?. हम भी उन कa म1हमा कa सराहना करते ह?.
(५)
वो महे महे वृधे भर?वं चेतसे सुम=त^ कृणु?वम्.
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1वशः पूव?ः चर चष?4णाः.. (६)
हे यजमानो! इं महान काय? करने वाले और 3स? ह?. आप उन को सोमरस चढ़ाते
समय उ?म ?तो? से उन कa उपासना कa5जए. वे उपासक? कa इ?छा पूरी करते ह?. वे
उपासक? का क?याण करते ह?. (६)
शुन ?वेम मघवान2म?म9?म?भरे नृतमं वाजसातौ.
शृ?व?तमुमूतये सम?सु ?न?तं वृा4ण स.?तं धना1न.. (७)
हे यजमानो! इं अदाता, उ?साही, वैभववान व उ?म वीर ह?. वे हमारी ाथ?ना को
ब?त गौर से सुनते ह?. वे शु? के सं2चत धन को जीत लेते ह?. वे शुनाशक ह?. हम उन कa
सहायता चाहते ह?. हम इस3लए उन का आान करते ह?. (७)
उ? ा?यैरत व?ये? समय? महया व3स.
आ यो 1वा1न वसा ततानोपोता म ईवतो वचा 3स.. (८)
हे व3स (ऋ1ष)! आप इं0य? को जीतने वाले ह?. वे यशव??क ह?. वे उपासक? कa
ाथ?ना ?यान से सुनते ह?. हम उन से अ चाहते ह?. आप य? म? उन कa म1हमा वLण^त करने
वाली ाथ?नाएं पढ़ने कa कृपा कa5जए. (८)
च?ं यद?या??वा 1नष?मुतो तद?मै म8?व?च?छात्.
पृ3थाम1त1षतं य?धः पयो गो?वदधा ओषधीषु.. (९)
हे यजमानो! इं अंत/र? म? देद_?यमान ह?. वे अपने व से यजमान? के 3लए मीठा
जल भेजते ह? (बरसाते ह?). वही जल पृ?वी पर गाय? म? ?ध और ओष2धय? म? गुणकारी रस
के ?प म? हम सभी को ा?त होता है. (९)
?यारहवां खंड
?यमू षु वा5जनं देवजूत सहोवानं त?तार रथानाम्.
अ/रने>म^ पृतनाजमाशु ?व?तये ता?य?2महा ?वेम.. (१)
हे यजमानो! हम अपने क?याण के 3लए ता?य? (ग?ड़) का आान करते ह?. वे देव?त
और बलवान ह?. वे यु?? म? हमारा भला कर सकते ह?. वे शु5जत् व अबाध ग1त वाले ह?. वे
ब?त तेज ग1त से उड़ने म? समथ? ह?. (१)
ातार2म?म1वतार2म? हवेहवे सुहव शूर2म?म्.
?वे नु श?ं पु??त2म?2मद ह1वम?घवा वे7?व?ः.. (२)
हे यजमानो! हम अपने क?याण के 3लए इं का आान करते ह?. वे हमारे ाता
(र?क), सहायक, श3?शाली व स?म ह?. वे ब?त से उपासक? ?ारा ?तु?य (उपासना यो?य)
और धनवान ह?. वे ह1व के अ को हण करने कa कृपा कर?. (२)
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यजामह इ?ं वद4?ण हरीणा र?यां ३ 1वतानाम्.
?मु4भद?धुव??व?धा भुव1? सेना4भभ?यमानो 1व राधसा.. (३)
हे यजमानो! इं हाथ म? व धारण करते ह?. वे वेगशील ह?. वे रथ पर 1वराजमान ह?. वे
अपनी दाढ़_मूंछ? से शु को डराने वाले व उपासक? को धनवैभव दान करने वाले ह?. (३)
साहणं दाधृ=ष^ तु2म?ं महामपारं वृषभ सुवम्.
ह?ता यो वृ स1नतोत वाजं दाता मघा1न मघवा सुराधाः.. (४)
हे यजमानो! इं शु? के ज?थ? के नाशक ह?. उ?ह? भयभीत करने वाले ह?. इं ब?त
श3?मान ह?. वे वधारी, वृनाशक, अदाता व यजमान? को धन देने वाले ह?. (४)
यो नो वनु?य4भदा1त मत? उगणा वा म?यमान?तुरो वा.
4?धी युधा शवसा वा त2म?ाभी ?याम वृषमण??वोताः.. (५)
हे इं! आप हमारी र?ा कa5जए. आप कa कृपा से हम शु? को हरा सक?. हम
शु? को मारने के इ?छुक ह?. हम मारक अ?श? के साथ आ?मण करने के 3लए तैयार
ह?. हम ?ढ़ 1नय वाले ह?. (५)
यं वृेषु 4?तयः ?पध?माना यं यु?ेषु तुरय?तो हव?ते.
य शूरसातौ यमपामुप?म?यं 1वासो वाजय?ते स इ?ः.. (६)
हे इं! यजमान यु? म? सहायता के 3लए आप को पुकारते ह?. आप उन कa पुकार
सुनते ह?. आप अ?श? वाले यो?ा? के बुलाने पर उन कa सहायता करते ह?. जल वषा? के
3लए आप से ही 1नवेदन 1कया जाता है. ाणगण आप को ही ह1व समIप^त करते ह?. (६)
इ?ापव?ता बृहता रथेन वामी/रष आ वहत सुवीराः.
वीत हा?य?वरेषु देवा वध?थां गीLभ^/रडया मद?ता.. (७)
हे इं! आप पव?तवासी, 1वशाल रथ वाले एवं उपासना यो?य ह?. अ?छ_ संतान वाले
यजमान आप को ह1व भ?ट करते ह?. आप उस ह1व का भोग लगाते ह?. आप उस ह1व से
स होते ह?. आप हमारी ाथ?ना? से और यश?वी ब1नए. आप हम? अ दान करने कa
कृपा कa5जए. (७)
इ?ाय 1गरो अ1न3शतसगा? अपः ैरय?सगर?य बु?नात्.
यो अ?ेणेव च1?यौ शची4भIव^?व??त?भ पृ3थवीमुत ाम्.. (८)
हे इं! आप ने अपने साम?य? से ?वग?लोक और पृ?वीलोक को उसी तरह घेर रखा है,
जैसे लोहे कa पट् ट_ चार? ओर से प1हए को घेरे रखती ह?. हमारी ाथ?नाएं अंत/र? से जल
बरसाने कa साम?य? रखती ह?. (८)
आ ?वा सखायः स?या ववृ?यु9?तरः पु? 2चदण?वां जग?याः.
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1पतुन?पातमा दधीत वेधा अ9?म??ये तरां द_ानः.. (९)
हे इं! आप अंत/र?लोक म? मौजूद ह?. हम आप के 2म ह?. हम उ?म ाथ?ना? से
आप का आान करते ह?. आप के भाव और कृपा से हम? पु और पौ? कa ा7?त हो. (९)
को अ युङ्?े धु/र गा ऋत?य 3शमीवतो भा2मनो ???णायून्.
आसेषाम?सुवाहो मयोभू?य एषां भृ?यामृणध?स जीवात्.. (१०)
हे इं! आप के अलावा आप के रथ म? इन घोड़? को जोत सकने कa 1कस कa साम?य?
है? आप के घोड़े रथ कa धुरी कa सहायता से ग1त पाते ह?, ?मतावान ह?. आप शु? पर
?ोध करने वाले व सुखदायी ह?. आप के घोड़? का भृ?य (भरणपोषण करने वाला) ही जीवन
धारण करता है. (१०)
बारहवां खंड
गाय7?त ?वा गाय1णो ऽ च???यक?मIक^णः.
ाण??वा शत?त उ? श2मव ये2मरे.. (१)
हे इं! आप सैकड़? कम? करने वाले ह?. गाने वाले आप के गुण गाते ह?. मं? से आप का
आान करते ह?. ा नामक ऋ7?वक् वैसे ही ?वर साध कर आप कa उपासना करते ह?,
जैसे बांस के ऊपर नट अपनेआप को साधते ह?. (१)
इ?ं 1वा अवीवृध??समुचसं 1गरः.
रथीतम रथीनां वाजाना स?प=त^ प1तम्.. (२)
हे इं! आप े रथ पर 1वराजमान ह?. आप े यो?ा, अ व बल के ?वामी ह?. आप
स?जन? के र?क ह?. हमारी सारी ाथ?नाएं आप का गुणगान करती ह?. (२)
इम2म? सुतं 1पब ?येमम?य? मदम्.
शु??य ?वा?य?र?धारा ऋत?य सादने.. (३)
हे इं! आप अमर व सतादायी ह?. सदन म? प/र?कृत सोमरस आप कa ओर बढ़ रहा
है. आप उसे ?वीकारने कa कृपा कa5जए. (३)
य0द? 2च म इह ना9?त ?वादातम0वः.
राध?तो 1वद?स उभयाह??या भर.. (४)
हे इं! आप धनवान व 1वल?ण ह?. हमारे पास ऐसा कोई धन नह? है, जो हम आप को
भ?ट कर सक?. आप खुले हाथ? से हम? भरपूर धन दान करने कa कृपा कa5जए. (४)
ुधी हवं 1तरया इ? य??वा सपय?1त.
सुवीय??य गोमतो राय?पूJध^ महाँ अ3स.. (५)
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हे इं! 1तर4 (ऋ1ष) आप कa उपासना कर रहे ह?. आप उन कa ाथ?ना सुनने कa
कृपा कa5जए. आप महान ह?. आप हम? धनवान, गोवान व े वीय?वान बनाने कa कृपा
कa5जए. (५)
असा1व सोम इ? ते श1व धृ?णवा ग1ह.
आ ?वा पृण.??व5?य रजः सूय? न र.?म4भः.. (६)
हे इं! आप बलवान, शु5जत एवं अंत/र? को सूय? कa तरह का3शत करने वाले ह?.
सोमरस आप को भी अपार श3? से भर दे. (६)
ए? या1ह ह/र4भ?प क?व?य सुु1तम्.
0दवो अमु?य शासतो 0दवं यय 0दवावसो.. (७)
हे इं! आप तेजोमय ह?. आप घोड़? कa सहायता से क?व ऋ1ष कa ाथ?नाएं सुनने के
3लए ?वग?लोक से पृ?वीलोक पर पधा/रए. आप को हमारे लोक म? भी सुख 2मलेगा. आप
कुछ समय यह? वास करने के 3लए पधा/रए. (७)
आ ?वा 1गरो रथी/रवा?थुः सुतेषु 1गव?णः.
अ4भ ?वा समनूषत गावो व?सं न धेनवः.. (८)
हे इं! आप उपासना के यो?य ह?. सोमय? म? हमारी ाथ?नाएं वैसे ही आप के पास
प?ंचती ह?, जैसे गाएं झटपट अपने बछड़? के पास प?ंचती ह? और यो?ा रथ पर चढ़ कर
सुर4?त ?थान पर प?ंचता है. (८)
एतो 7?व? ?तवाम शु? शु?ेन सा?ना.
शु?ै??थैवा?वृ?वा स शु?ैराशीवा??मम?ु.. (९)
हे इं! आप ज?द_ आइए. हम शु?ता से साम और यजु मं पढ़ कर आप कa उपासना
कर रहे ह?. हम बल बढ़ाने वाला मं? से शु? 1कया और गाय के ?ध म? 2मला ?आ सोमरस
आप को भ?ट कर रहे ह?. वह सोमरस आप कa सता बढ़ाए. (९)
यो र=य^ वो र1य?तमो यो ु?नैु??नव?मः.
सोमः सुतः स इ? ते ऽ 9?त ?वधापते मदः.. (१०)
हे इं! आप श3?मान, सुंदर एवं काशमान ह?. उपासक? कa आ?1त आप को आनंद
देने वाली हो. (१०)
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चौथा अ?याय
पहला खंड
?य?मै 1पपीषते 1वा1न 1व?षे भर. अर?माय ज?मये ऽ पाद?वने नरः.. (१)
हे यजमानो! इं य? के संचालक ह?. वे सोमरस पीने के इ?छुक रहते ह?. वे सभी जगह
1नधा?/रत समय पर प?ंचते ह?. वे उपयु? ?थान के भागीदार ह?. सब से पहले उन को ही य?
कa वेद_ पर 1त2त 1कया जाता है. मनु?य? के य? म? वे जाने कa इ?छा रखते ह?. आप सभी
उ?ह? इं को सोमरस से तृ?त करने कa कृपा कa5जए. (१)
आ नो वयो वयःशयं महा?तं गरेाम्.
महा?तं पूIव^णेामुं वचो अपावधीः.. (२)
हे इं! आप पव?तवासी ह?. हम? सोमरस द_5जए. वह सब जगह उपल?ध है. आप घोर
=न^दा?पद बात? को हम से ?र करने कa कृपा कa5जए. हे इं! आप शु? को हराने वाले ह?.
(२)
आ ?वा रथं यथोतये सु?नाय वत?याम3स.
तु1वकूJम^मृतीषह2म? श1व स?प1तम्.. (३)
हे इं! आप शु? को हराते व यजमान? का पोषण करते ह?. हम आप से संर?ण व
सुख चाहते ह?. जैसे ग1तशील रथ सब जगह घुमा कर ले आता है, उसी कार यजमान आप
को य? ?थान पर ले आते ह?. (३)
स पू? महोनां वेनः ?तु4भरानजे.
य?य ?ारा मनुः 1पता देवेषु 2धय आनजे.. (४)
यजमान ?ारा भ?ट 1कए गए ह1व के अ का भोग लगाने के 3लए इं य??थल पर
उप.?थत होते ह?. वे सभी देवता? के पालक व बु5?शील ह?. (४)
यद_ वह??याशवो ाजमाना रथे?वा.
1पब?तो म0दरं मधु त वा 3स कृ?वते.. (५)
म?द् आनंददायी ह?. वे मीठा सोमरस पीते और अ उपजाते ह?. वे तेज?वी एवं ती
ग1तमान ह?. वे इं को य?वेद_ तक प?ंचाते ह?. (५)
?यमु वो अहणं गृणीषे शवस?प1तम्.
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इ?ं 1वासाहं नर श2चं 1ववेदसम्.. (६)
हे इं! आप यजमान? के 1हतकारी, अ व बल के ?वामी, शु5जत्, य? के ?वामी,
श3?नायक एवं सव?? ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (६)
द2ध?ा?णो अका/रषं 5ज?णोर?य वा5जनः.
सुर4भ नो मुखा कर? ण आयू 1ष ता/रषत्.. (७)
हे यजमानो! हम द2ध?ाव (ऋ1ष) कa उपासना करते ह?. द2ध?ाव (ऋ1ष) 1वजेता,
घोड़े के समान ग1तशील व शरीर को पोषण देने वाले एवं हमारी आयु म? बढ़ोतरी करने वाले
ह?. (७)
पुरां 4भ??यु?वा क1वर2मतौजा अजायत.
इ?ो 1व?य कम?णो धता? वी पु?ुतः.. (८)
इं शु? कa नग/रय? को ?व?त करने वाले एवं जवान ह?. वे क1व, श3?मान,
1वपालक, वधारी एवं अग?य ह?. (८)
?सरा खंड
व8?ुभ2मषं व?द?_राये?दवे.
2धया वो मेधसातये पुर??या 1ववास1त.. (१)
हे यजमानो! आप वीर इं को ह1व दान करो. वे य? को पूरा करने म? बु5? से 1कए
गए े काय? कa शंसा व मनोकामनाएं पूरी करते ह?. वे यजमान? का स?मान करते ह?. (१)
क?यप?य ?वIव^दो यावा?ः सयुजा1व1त.
ययोIव^म1प तं य?ं धीरा 1नचा?य.. (२)
इं के घोड़े अपनेआप को जानने वाले व सव?? ह?. ये घोड़े इं को य? म? ले जाने म?
लगे रहते ह?. 1व?ान् कहते ह? 1क य? म? जाने का 1नय होते ही ये घोड़े अपनेआप रथ म?
जुत जाते ह?. (२)
अच?त ाच?त नरः 1यमेधासो अच?त.
अच??तु पुका उत पुर2मद् धृ?णवच?त.. (३)
हे यजमानो! इं आप को अपनी कृपा से ऐसी संतान दान करते ह?, जो य? म? ?2च
रखती ह?. वे यजमान? कa आकां?ा पूरी करते ह?. वे शु5जत् ह?. आप सभी इं कa अच?ना
कa5जए. (३)
उ?थ2म?ाय श ?यं वध?नं पु?1न8?षधे.
श?ो यथा सुतेषु नो रारण?स?येषु च.. (४)
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हे यजमानो! आप ?मतावान इं के 3लए ाथ?ना गाइए. आप उन शुनाशक के 3लए
े ाथ?ना गाइए. ऐसा करने से हम पर, हमारी संतान पर और हमारे 2म? पर उन कa कृपा
होगी. (४)
1वानर?य व?प1तमनानत?य शवसः. एवै चष?णीनामूती ?वे रथानाम्.. (५)
हे म?द् गणो! आप के सै1नक? पर आ?मण होता है तो इं र?ा करते ह?. वे शु? के
सै1नक? पर आ?मण करने वाले ह?. उन को कोई नह? जीत सकता. हम रथ? कa र?ा हेतु उन
श3?मान को आमं1त करते ह?. (५)
स घा य?ते 0दवो नरो 2धया मत??य शमतः.
ऊती स बृहतो 0दवो 1?षो अ हो न तर1त.. (६)
हे इं! वह 3? आप के 0द संर?ण म? रहता है. वह 3? पाप एवं ??मन? से
र4?त रहता है, जो 3? यजमान कa भावी ाथ?ना? से आप का सखा बन जाता है. (६)
1वभो इ? राधसो 1व?वी रा1तः शत?तो.
अथा नो 1वचष?णे ु?नं सुद म हय.. (७)
हे इं! आप धनवान, सव??ाता, सैकड़? य? करने वाले, 1वल?ण म1हमाशाली ह?. आप
हम? धन द_5जए और संप बनाइए. (७)
वय4?े पत1णो 1?पा?चतु?पादजु?1न.
उषः ारृतू रनु 0दवो अ?ते?य?प/र.. (८)
हे उषा! आप काशवाली ह?. आप जब उदय हो जाती ह? तो अंत/र? म? प?ी ?र?र
तक उड़ते ह?. पशु भी 1वचरण करते ह?. मनु?य भी ग1तशील हो जाते ह?. (८)
अमी ये देवा ?थन म?य आ रोचने 0दवः.
क? ऋतं कदमृतं का ?ना व आ?1तः.. (९)
हे देवगणो! कृपया आप हम? यह बताइए 1क जब सूय?दय होता है और आकाश
का3शत हो जाता है तब हमारी ाथ?ना आप तक प?ंचती है या नह?? हमारी 1वशेष आ?1त
को आप पाते ह? या नह?? (९)
ऋच साम यजामहे या?यां कमा?4ण कृ?वते.
1व ते सद3स राजतो य?ं देवेषु व?तः.. (१०)
हम यजमान ऋ?वेद और सामवेद के मं? से य? करते ह?. इन मं? से हम जो काय?
करते ह?, वही इस य? सदन से देवता? तक प?ंच पाता है. (१०)
तीसरा खंड
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1वाः पृतना अ4भभूतरं नरः सजू?तत?ु/र?ं जजनु राजसे.
??वे वरे ?थेम?यामुरीमुतोमो5जं तरसं तर9?वनम्.. (१)
इं य? म? सव?े ?थान पर 1वराजते ह?. वे सेनानायक व ओज?वी ह?. उन कa सेना
संग0ठत है. वे अ?श? धारण करते ह?. वे शुनाशक, उ व म1हमावान ह?. यजमान तेजी से
काय? करते ह?. वे इं कa उपासना करते ह?. (१)
?े दधा2म थमाय म?यवे ऽ ह?य??युं नय? 1ववेरपः.
उभे य?वा रोदसी धावतामनु ?यसाते शु?मा?पृ3थवी 2चद0वः.. (२)
हे इं! आप ?? (??मन?) का नाश करने वाले ह?. आप ा4णय? के 1हत के 3लए जल
बरसाते ह?. ?वग?लोक और पृ?वीलोक आप कa इ?छा से 1?याशील होते ह?. हम इं के उस
?ोध कa शंसा करते ह?, जो अ?याय को ?र करता है. हम यजमान आप पर ब?त ?ा
रखते ह?. (२)
समेत 1वा ओजसा प=त^ 0दवो य एक इ??र1त3थज?नानाम्.
स पू? नूतनमा5जगीषन् तं वत?नीरनु वावृत एक इत् .. (३)
हे यजमानो! इं अपने पु?षाथ? से ?वग?लोक के ?वामी बने ह?. वे मनु?य? म? पूजनीय,
अपूव? व जीतने के इ?छुक को 1वजय 0दलाते ह?. आप सब 2मल कर उन कa उपासना
कa5जए. (३)
इमे त इ? ते वयं पु?ुत ये ?वार?य चराम3स भूवसो.
न 1ह ?वद?यो 1गव?णो 1गरः सघ??ोणी/रव 1त त?य? नो वचः.. (४)
हे इं! आप ब?त धनवान ह?. सभी जगह आप कa शंसा होती है. हम आप कa शरण
म? ह?. आप जैसा उपासना यो?य और कोई देवता नह? ह?. हम आप कa उपासना करते ह?.
आप हमारे उपासना वचन? को (सब कुछ ?वीकारने वाली) पृ?वी माता के समान ?वीका/रए.
(४)
चष?णीधृतं मघवानमु??या ३ 2म?ं 1गरो बृहतीर?यनूषत.
वावृधानं पु??त सुवृ3?4भरम?य? जरमाणं 0दवे0दवे.. (५)
हे इं! आप सभी मनु?य? का पालनपोषण करते ह?. आप धनवान, 3स? एवं आप
यजमान? कa बढ़ोतरी करते ह?. आप अमर ह?. हम 1त0दन आप के 3लए कई शंसापरक
?तु1तयां करते ह?. हम कई 0द उपासना? से बारबार आप कa उपासना करते ह?. (५)
अ?छा व इ?ं मतयः ?वयु?वः सीचीIव^ा उशतीरनूषत.
प/र?वज?त जनयो यथा प=त^ मय? न शु??युं मघवानमूतये.. (६)
हे इं! हम अपने संर?ण, धनसंपदा व बु5? पाने के 3लए आप को चाहते ह?. हम आप
से अपनी उ1त कa इ?छा रखते ह?. म1हलाएं जैसे प1त को चाहती ह?, वैसे ही हमारी ाथ?नाएं
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आप को चाहती ह?. (६)
अ4भ ?यं मेषं पु??तमृ7?मय2म?ं गीLभ^म?दता व?वो अण?वम्.
य?य ावो न 1वचर7?त मानुषं भुजे म 1हम4भ 1वमच?त.. (७)
हे यजमानो! आप इं कa उपासना कa5जए. इं शु? को जीतने वाले ह?. वे
ब?शं3सत ह?. वे धन के भंडार और ?वग?लोक कa भां1त 1व?तृत ह?. उन कa म1हमा चार?
ओर ा?त ह?. ऐसे ?ानवान इं को आप सब भ5जए. (७)
?य सु मेषं महया ?वIव^द शतं य?य सुभुवः साकमीरते.
अ?यं न वाज हवन?यद रथ2म?ं ववृ?यामवसे सुवृ3?4भः.. (८)
हे यजमानो! इं आ?म?ाता व म1हमाशाली ह?. वे सौसौ काय? एक साथ करने वाले व
शु? से होड़ करने वाले ह?. यजमान? को धनदान करने के 3लए वे हवन म? पधारते ह?. घोड़े
कa तरह तेजी से प?ंचते ह?. आप अपने संर?ण के 3लए सौसौ ाथ?ना? से उन कa उपासना
कa5जए. (८)
घृतवती भुवनानाम4भ4योव? पृ?वी मधु?घे सुपेशसा.
ावापृ3थवी व?ण?य धम?णा 1व?क4भते अजरे भू/ररेतसा.. (९)
?वग?लोक और पृ?वीलोक काश संप ह?. सभी ा4णय? को आधार देते ह?. वे 1वशाल
व 1व?तृत ह?. वे मीठे जल वाले ह? व परम श3? पर 0टके ?ए ह?. वे अ1वनाशी ह?. उन कa
उ?पादन ?मता े है. (९)
उभे य0द? रोदसी आपाथोषा इव.
महा?तं ?वा महीना साजं चष?णीनाम्.
देवी ज1न[यजीजन?ा ज1न[यजीजनत्.. (१०)
हे इं! आप ?वग?लोक और पृ?वीलोक को उषा ?ारा का3शत करते ह?. आप ब?त
महान व साट् ह?. देवता? को जनने वाली अ0द1त ने आप को ज?म 0दया है. (१०)
म5?दने 1पतुमदच?ता वचो यः कृ?णगभा? 1नरहृ5जना.
अव?यवो वृषणं वद4?णं म??व?त स?याय ?वेम1ह.. (११)
हे यजमानो! आप इं को ह1व दान कa5जए. आप उन कa अच?ना कa5जए. उ?ह?ने
ऋ5ज कa मदद से कृ?णासुर कa गभ?वती 8?य? के साथ उस का वध 1कया. वे दाएं हाथ म?
व धारण करने वाले ह?. वे म?द् गण? कa सेना के साथ मौजूद रहते ह?. वे श3?मान ह?.
यजमान उन से अपना संर?ण चाहते ह?. हम यजमान 2मता के 3लए उन का आान करते
ह?. (११)
चौथा खंड
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इ? सुतेषु सोमेषु ?तुं पुनीष उ??यम् . 1वदे वृध?य द??य महा 1ह षः.. (१)
हे इं! आप के पु? (यजमान?) ने आप के 3लए सोमरस प/र?कृत 1कया है. आप
यजमान और उपासक दोन? कa बढ़ोतरी व उ?ह? प1व कa5जए. आप द? व महान ह?. (१)
तमु अ4भ गायत पु??तं पु?ुतम्. इ?ं गीLभ^?त1वषमा 1ववासत.. (२)
हे उपासको! आप इं का आान कa5जए. आप उन कa शंसा कa5जए. आप उन के
गुण गाइए एवं उन का >च^तन कa5जए. (२)
तं ते मदं गृणीम3स वृषणं पृ?ु सास1हम्. उ लोककृ?नुम0वो ह/र4यम्.. (३)
हे इं! आप के हाथ म? व है. आप बलवान व शु5जत् ह?. आप के घोड़े मनु?य? का
1हत साधते ह?. सोमपान से आप म? ऊजा? आती है. हम उस ओज कa शंसा करते ह?. (३)
य?सोम2म? 1व?ण1व य?ा घ 1त आ??ये. य?ा म??सु म?दसे स2म??4भः.. (४)
हे इं! य? म? 1व?णु पधारे. आप ने उस के बाद सोमरस 1पया. आप आ??य 1त
(ऋ1ष) और म?द् गण? के साथ सोमरस पी कर स ?ए. आप कई अ?य य?? म? सोमरस
पी कर स ?ए (उसी कार) आप हमारे इस य? म? भी सोमरस पी कर स होइए. (४)
ए? मधोम?0द?तर 3स?चा?वय? अ?धसः. एवा 1ह वीर?तवते सदावृधः.. (५)
हे यजमानो! मधुर सोमरस से स होने वाले इं को सोमरस द_5जए. वे वीर, ?तु1त के
यो?य ह?. वे सदा बढ़ोतरी पाते ह?. (५)
ए??2म?ाय 3स?चत 1पब1त सो?यं मधु. राधा 3स चोदयते म1ह?वना.. (६)
हे यजमानो! सोमरस इं को अIप^त कa5जए. मीठा रसीला सोमरस पीने के बाद अपनी
म1हमा से वे यजमान? को भरपूर धन देते ह?. (६)
एतो 7?व? ?तवाम सखायः ?तो?यं नरम् .
कृीय? 1वा अ?य??येक इत् .. (७)
हे सखाओ! ज?द_ आइए. हम इं कa ?तु1त कर?. वे सव?े ह? और अकेले ही शु?
को हरा सकते ह?. (७)
इ?ाय साम गायत 1वाय बृहते बृहत्. कृते 1वप4ते पन?यवे.. (८)
हे ाणो! आप इं के 3लए बृह?साम के मं उचा/रए. वे ?ानी, 1ववेकa, महान
एवं उपासना के यो?य ह?. (८)
य एक इ1?दयते वसु मता?य दाशुषे. ईशानो अ1त?कुत इ?ो अ?.. (९)
हे यजमानो! इं ईर, दानशील व धनदाता ह?. वे 1तकार नह? करते ह?. अकेले होने
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पर भी वे सब ा4णय? के ?वामी ह?. (९)
सखाय आ 3शषामहे े?ाय व5णे. ?तुष ऊ षु वो नृतमाय धृ?णवे.. (१०)
हे सखाओ! इं ववाले ह?. हम ाथ?ना? से उन कa उपासना करते ह?. हम ?ानी
इं से आशीष चाहते ह?. वे सव??म परा?मी व शु? को मात देने वाले ह?. हम सब के 1हत
हेतु उन कa उपासना करते ह?. (१०)
पांचवां खंड
गृणे त0द? ते शव उपमां देवतातये. य? 3स वृमोजसा शचीपते.. (१)
हे इं (शचीप1त)! हम पास ही हो रहे इस य? म? आप कa म1हमा कa उपासना करते
ह?. आप अपने ओज से वृासुर का नाश कर सके. (१)
य?य ?य?छ?बरं मदे 0दवोदासाय र?धयन्. अय स सोम इ? ते सुतः 1पब.. (२)
हे इं! आप सोमरस पी5जए. सोमरस से मदम?त हो कर ही आप ने 0दवोदास के 3लए
शंबर का नाश 1कया. (२)
ए? नो ग2ध 1य सा5जदगो. 1ग/रन? 1वतः पृथुः प1तHद^वः.. (३)
हे इं! आप सभी को 1य व शु5जत् ह?. आप को कोई नह? हरा सकता. आप 1ग/र
जैसे 1वशाल व ?वग?लोक के ?वामी ह?. आप 1व के सभी वैभव हम? दान कराने के 3लए
हमारे पास पृ?वी पर पधारने कa कृपा कa5जए. (३)
य इ? सोमपातमो मदः श1व चेत1त. येना ह 3स ?या ३ 1णं तमीमहे.. (४)
हे इं! आप अ2धक सोमरस का पान करते ह?. आप अतीव बलशाली व ब?त अ2धक
ऊज??वी ह?. इसी ऊजा? (उ?साह) से आप ??मन? का नाश कर पाते ह?. हम इस3लए आप कa
उपासना करते ह?. (४)
तुचे तुनाय त?सु नो ाघीय आयुज?वसे. आ0द?यासः सुमहसः कृणोतन.. (५)
हे आ0द?यो! आप महान ह?. आप हमारी संतान को लंबी आयु द_5जए. आप हमारी
संतान कa संतान को द_घ? आयु दान करने कa कृपा कa5जए. (५)
वे?था 1ह 1नऋ?तीनां वह?त प/रवृजम्. अहरहः शु??युः प/रपदा2मव.. (६)
हे इं! आप 1व?न? को ?र करना जानते ह?. आप प1वतापूव?क आप3?य? का
1नराकरण करते ह?. आप रोग 1नवारक (2च1क?सक) मनु?य के समान सभी आप3?य? को ?र
कर सकते ह?. (६)
अपामीवामप 4धमप सेधत ?म?1तम्. आ0द?यासो युयोतना नो अ हसः.. (७)
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हे आ0द?यो! आप हम? ??णता व शुता के भाव से ?र रखने कa कृपा कa5जए. आप
हम? ?बु?5? से बचाइए. (७)
1पबा सोम2म? म?दतु ?वा यं ते सुषाव हय?ा0ः.
सोतुबा???या सुयतो नावा?.. (८)
हे इं! आप अवान (घोड़े वाले) ह?. आप सता देने वाले सोमरस को पीने कa कृपा
कa5जए. 5जन प?थर? से कूटकूट कर सोमरस 1नकाला जाता है, वे प?थर य?शाला म? वैसे ही
.?थर ह?, जैसे घुड़साल म? र.?सय? से बंधे घोड़े .?थर रहते ह?. (८)
छठा खंड
अातृो अना ?वमना1प/र? जनुषा सनाद3स. युधेदा1प?व2म?छसे.. (१)
हे इं! आप शु? से ही भाइय? के लड़ाईझगड़? से मु? ह?. आप के ऐसे भाईबंधु भी
नह? ह?, जो आप कa मदद कर? या आप पर राज कर?. आप यु? म? संर?ण दे कर अपने
भ?? के साथ भाईबंधुता ?था1पत करते ह?. (१)
यो न इद2मदं पुरा व?य आ1ननाय तमु व ?तुषे. सखाय इ?मूतये.. (२)
हे यजमानो! इं आरंभ से ही धनदाता ह?. हम अपने क?याण के 3लए उन कa उपासना
करते ह?. (२)
आ ग?ता मा /रष?यत ?थावानो माप ?थात सम?यवः. ?ढा 2चम1य?णवः.. (३)
हे म?द् गणो! आप हमारे पास पधा/रए. आप हम? कोई नुकसान न प?ंचाते ?ए हमारे
पास आइए. जो बलशाली ह?, जो ??मन? को ?ःखी करने वाले ह?, वे भी हमारे पास रह?. वे
हम से ?र न रह?. (३)
आ याय2म?दवे ऽ पते गोपत उव?रापते. सोम सोमपते 1पब.. (४)
हे इं देव! आप घोड़? के मा3लक, गाय? व उव?र भू2म के ?वामी और सोमरस को पीने
वाले ह?. हम आप को सोमरस पीने के 3लए आमं1त करते ह?. आप आइए और सोमरस
पी5जए. (४)
?वया ह 9?वुजा वयं 1त स?तं वृषभ ुवीम1ह.
स ?थे जन?य गोमतः.. (५)
हे इं! आप बैल के समान बलवान ह?. जो गोपालक? के 1त ?ोध करते ह? हम उन के
1त अपने को जोड़?. आप कa सहायता से उ2चत उ?र देते ?ए उन का 1वरोध कर?. उ?ह? ?र
करने म? आप हमारा साथ द_5जए. (५)
गाव4?ा सम?यवः सजा?येन म?तः सब?धवः. /रहते ककुभो 2मथः.. (६)
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हे म?द् गणो! आप सभी एक जैसे भाव वाले ह?. गाएं समान जा1त के भाव वाली ह?. वे
हर 0दशा म? 1वचरती ह? और पर?पर चाट कर ेम भाव को अ4भ? करती ह?. (६)
?वं न इ?ा भर ओजो नृ?ण शत?तो 1वचष?णे. आ वीरं पृतनासहम्.. (७)
हे इं! आप सैकड़? कम? करने वाले व 1वल?ण ह?. आप हम? बलवान बनाइए. आप
हम? वैभव व वीर पु दान करने कa कृपा कa5जए. (७)
अधा ही? 1गव?ण उप ?वा काम ईमहे ससृ?महे. उदेव ?म?त उद4भः.. (८)
हे इं! आप शंसा के यो?य ह?. जल के साथ जाने वाले लोग भी उस के समान हो
जाते ह?. हम आप से अपनी इ?छा पूण? करने कa कामना करते ह?. हम आप के पास आ कर
आप कa उपासना करते ह?. (८)
सीद?त?ते वयो यथा गोीते मधौ म0दरे 1वव?णे. अ4भ ?वा2म? नोनुमः.. (९)
हे इं! सोमरस प/र?कृत होने के बाद गाय के ?ध के साथ एकमेक हो जाता है.
सोमरस ऊजा?दायी व वाणी को ओज देता है. उस के पास जैसे प?ी इकट् ठे हो कर
चहचहाते ह?, वैसे ही हम इकट् ठे हो कर आप को नमन करते ह?. (९)
वयमु ?वामपू? ?थूरं न क.?चद् भर?तो ऽ व?यवः. वA^ 2च हवामहे.. (१०)
हे इं! आप व वाले व 1वल?ण ह?. जैसे गुणी 3? को लोग (आदर पूव?क) बुलाते
ह?, उसी कार हम आप को बुलाते ह?. हम सोमरस से आप को पूरी तरह तृ?त करते ह?. हम
आप कa उपासना करते ह?. (१०)
सातवां खंड
?वादो/र?था 1वषूवतो मधोः 1पब7?त गौय?ः.
या इ?ेण सयावरीवृ??णा मद7?त शोभथा व?वीरनु ?वरा?यम् .. (१)
हे इं! सूय? ?प म? आप कa 1करण? आप के साथ शो4भत होती ह?. वे 1करण? ?वा0द
मीठे सोमरस को पीती ह?. वे 1करण? ?वरा?य म? शो4भत होती ह?. (१)
इ?था 1ह सोम इ?मदो चकार वध?नम्.
श1व व5ोजसा पृ3था 1नः शशा अ1हमच?नु ?वरा?यम् .. (२)
हे इं! आप वधारी व बलवान ह?. सोमरस गुणी है. इन ाथ?ना? म? हम ने सोमरस
के गुण? का वण?न 1कया है. पृ?वी पर हमारे शु? का नाश हो. पूरी तरह ?वरा?य कa
?थापना हो. (२)
इ?ो मदाय वावृधे शवसे वृहा नृ4भः.
त2म?मह??वा5जषू1तमभ? हवामहे स वाजेषु नो ऽ 1वषत् .. (३)
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हे यजमानो! हम यजमान सता और उ?साह कa कामना से इं कa कaIत^ कa
बढ़ोतरी करते ह?. छोटेबड़े हर कार के यु? म? वे हमारी र?ा करते ह?. र?ा के 3लए उन का
आान करते ह?. वे यु? म? हमारी र?ा कर?. (३)
इ? तु?य2मद0वो ऽ नु?ं व5?वीय?म्.
य? ?यं मा1यनं मृगं तव ?य?माययावधीरच?नु ?वरा?यम्.. (४)
हे इं! आप वधारण करते ह?. आप 1ग/र (पव?त) पर 1नवास करते ह?. आप ?वराज
कa इ?छा से अच?ना करने वाल? कa सहायता करते ह?. यु?? म? आप मायावी 1हरण कa तरह
छलीकपट_ के नाश के 3लए कूटनी1त का सहारा लेते ह?. (४)
ेभी1ह धृ?णु1ह न ते वो 1न य सते.
इ? नृ?ण 1ह ते शवो हनो वृं जया अपो ऽ च?नु ?वरा?यम् .. (५)
हे इं! आप सब ओर से ??मन? पर हमला कa5जए. आप ??मन? का नाश कa5जए.
आप का व श3?शाली व आप कa श3? अतुलनीय है. आप ने अपने रा?य कa इ?छा से
वृासुर का वध 1कया, 1वजय ा?त कa व जल ा?त 1कया. (५)
य?द_रत आजयो धृ?णवे धीयते धनम्.
युङ्?वा मद?युता हरी क हनः कं वसौ दधो ऽ ?मां इ? वसौ दधः.. (६)
हे इं! आप मद चुआने वाले अपने घोड़? को रथ म? जो1तए. आप 1कस का नाश कर?गे
यह आप पर 1नभ?र है. आप 1कस को धन दान कर?गे यह भी आप पर 1नभ?र करता है. आप
हम? धन दान कa5जए. यु? म? शु? को जीतने वाले ही धन ा?त करते ह?. (६)
अ?मीमद?त व 1या अधूषत.
अ?तोषत ?वभानवो 1वा न1वया मती योजा 7?व? ते हरी.. (७)
हे इं! यजमान आप के 0दए ?ए अ से तृ?त ?ए. यजमान 3सर 1हला कर सता
कट करते ह?. तेज?वी ाण नई ाथ?ना पढ़ते ह?. आप य? म? पधारने के 3लए घोड़? को
रथ म? जोतने कa कृपा कa5जए. (७)
उपो षु शृणुही 1गरो मघव?मातथा इव.
कदा नः सूनृतावतः कर इदथ?यास इोजा 7?व? ते हरी.. (८)
हे इं! आप धनवान ह?. आप हमारी ाथ?ना को सुनने कa कृपा कa5जए. आप हम? कब
अ?छ_ वाणी वाला बनाएंगे? आप हमारी ?तु1तय? को अ?छ_ तरह सुनने के 3लए पधा/रए.
आप पधारने के 3लए अपने घोड़? को रथ म? जोतने कa कृपा कa5जए. (८)
च?मा अ??वा ऽ ३ ?तरा सुपण? धावते 0द1व.
न वो 1हर?यनेमयः पदं 1व?द7?त 1वुतो 1व?ं मे अ?य रोदसी.. (९)
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चं अंत/र? म? अपनी 1करण? के साथ ग1तशील ह?. सूय? कa 1करण? सुनहरी और
चमकaली ह?. हमारी इं0यां उ?ह? नह? पकड़ सकत?. हे ?वग?लोक! व पृ?वीलोक! आप हमारी
ाथ?ना ?वीकार कa5जए. (९)
1त 1यतम रथं वृषणं वसुवाहनम्.
?तोता वाम4नावृ1ष ?तोमे4भभू?ष1त 1त मा?वी सम ुत हवम्.. (१०)
हे अ4नीकुमारो! आप का रथ अ?यंत 1य व बलवान है. वह धन ढोता है. उपासक
ऋ1ष अपनी ाथ?ना? से उसे सुशो4भत करते ह?. आप दोन? मधुर 1वा? के ?ाता ह?. आप
हमारी ाथ?नाएं सु1नए. (१०)
आठवां खंड
आ ते अ?न इधीम1ह ुम?तं देवाजरम्.
य? ?या ते पनीयसी स2म?_दय1त वीष ?तोतृ?य आ भर.. (१)
हे अ7?न! आप अजर (बुढ़ापे से मु?) ह?. आप काशमान ह?. हम आप को ?व3लत
करते ह?. आप ?वग?लोक को का3शत करते ह?. आप उपासक? को भरपूर धन द_5जए. (१)
आ7?नं न ?ववृ3?4भह?तारं ?वा वृणीमहे.
शीरं पावकशो2चषं 1व वो मदे य?ेषु ?तीण?बIह^षं 1वव?से.. (२)
हे अ7?न! अ?छ_ ाथ?ना? से आप को ह1व द_ जाती है. य? म? आप के 3लए कुश का
आसन 1बछाया जाता है. आप सव? मौजूद ह?. आप काशमान व महान ह?. हम 1वशेष
सता के साथ आप कa उपासना करते ह?. (२)
महे नो अ बोधयोषो राये 0द1व?मती.
यथा 2चो अबोधयः स?यव3स वा?ये सुजाते असूनृते.. (३)
हे उषा! आप पहले भी हम? जात करती रही ह?. आप हम? अब भी जात कa5जए.
आप धना7?त के 3लए हम? जात कa5जए. आप काशयु? और े 1व2ध (अ?छ_ तरह)
से उ?प ह?. आप वय के पु स?यवा पर कृपा ?1 र6खए. (३)
भं नो अ1प वातय मनो द?मुत ?तुम्.
अथा ते स?ये अ?धसो 1व वो मदे रणा गावो न यवसे 1वव?से.. (४)
हे सोम! सोमरस से हमारा मन स हो जाता है. आप हमारे स मन को बल
द_5जए. 1?याशील बनाने कa कृपा कa5जए. आप हम? 1हतकारी श3? द_5जए. े बनाइए.
आप हम? 2मता के 3लए े/रत कa5जए. हमारा आप से वैसा ही सखा भाव हो जाए, जैसा
गाय का घास से हो जाता है. (४)
??वा महाँ अनु?वधं भीम आ वावृते शवः.
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4य ऋ?व उपाकयोIन^ 3शी ह/रवां दधे ह?तयोव?मायसम्.. (५)
हे इं! आप भीम (भीषण बलवान) ह?. 1फर भी आप सोमरस का पान कर के अपने
बल कa बढ़ोतरी करते ह?. आप सुंदर ह?. आप 3सर पर अ?छ_ पगड़ी धारते ह?. आप रथ म?
घोड़? को जोतते ह?. आप दाएं हाथ म? व को कड़े कa भां1त धारण करते ह?. (५)
स घा तं वृषण रथम2ध 1ता1त गो1वदम्.
यः पा हा/रयोजनं पूण?2म? 2चकेत1त योजा 7?व? ते हरी.. (६)
हे इं! आप गाय? को जानने वाले (गो1वद) ह?. आप रथ म? 1वराजते ह?. आप का रथ
श3?शाली है. आप अपने घोड़? को रथ म? जो1तए. आप हमारी मनोकामनाएं पूरी करने कa
कृपा कa5जए. (६)
अ7?नं तं म?ये यो वसुर?तं यं य7?त धेनवः.
अ?तमव??त आशवो ऽ ?तं 1न?यासो वा5जन इष ?तोतृ?य आ भर.. (७)
हे अ7?न! आप बादल? म? घर कa तरह रहते ह?. आप कa ओर य? ?थान म? गाएं आती
ह?. आप कa ओर ती ग1त से घोड़े आते ह?. आप कa ओर ह1व वाले यजमान आते ह?. हम
आप कa उपासना करते ह?. आप यजमान? को भरपूर अ दान करने कa कृपा कa5जए.
(७)
न तम हो न ?/रतं देवासो अ म?य?म्.
सजोषसो यमय?मा 2मो नय1त व?णो अ1त 1?षः.. (८)
हे देवताओ! आप मनु?य? को ग1त कa राह पर बढ़ाते ह?. अय?मा, 2म और व?ण
?राचा/रय? को ?र करते ह?. आप कa कृपा से मनु?य पाप? से ?र रहता है. आप कa कृपा से
मनु?य कa ?ग?1त नह? हो पाती है. (८)
नौवां खंड
प/र ध?वे?ाय सोम ?वा?Jम^ाय पू?णे भगाय.. (१)
हे सोम! आप का रस सु?वा? (?वा0द) होता है. आप इं, पूषा व भग देव के 3लए
वा1हत होइए. (१)
पयू? षु ध?व वाजसातये प/र वृा4ण स?4णः.
1?ष?तर?या ऋणया न ईरसे.. (२)
हे सोम! आप सोमरस से कलश को भर द_5जए. आप उस भरेपूरे ोणकलश म? भरे
र1हए. आप श3?मान होइए. आप ??मन? पर आ?मण कa5जए. हम? आप कज? से मु?
कराइए. आप हमारे शु? को हराइए. आप उन पर हमला करने के 3लए जाइए. (२)
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पव?व सोम महा??समुः 1पता देवानां 1वा4भ धाम.. (३)
हे सोम! आप फैले ?ए ह?. आप महान व समु जैसे ह?. आप 1पता (पालक) ह?. आप
सभी देवता? के धाम ह?. (३)
पव?व सोम महे द?ायाो न 1न?ो वाजी धनाय.. (४)
हे सोम! घोड़े कa तरह आप को प/र?कृत 1कया है. आप श3? कa बढ़ोतरी करते ह?.
आप बल व वैभव द_5जए. आप ोणकलश म? भरे र1हए. (४)
इ??ः प1व चा?म?दायापामुप?थे क1वभ?गाय.. (५)
हे सोम! आप क1व व सुंदर ह?. आप को भग देवता को स करने के 3लए जल म?
2मलाया जाता है. (५)
अनु 1ह ?वा सुत सोम मदाम3स महे समय?रा?ये.
वाजाँ अ4भ पवमान गाहसे.. (६)
हे सोम! रस 1नकालने के बाद हम आप का पूजापाठ करते ह?. आप को प/र?कृत करते
ह?. आप रा?य कa र?ा कa5जए. आप ??मन? कa सेना पर हमला करने के 3लए ?थान करते
ह?. (६)
क ? ?ा नरः सनीडा ??य मया? अथा ?वाः.. (७)
हे ? करने वाले मनु?यो! हम? जानकारी देने कa कृपा कa5जए 1क एक ही आवास म?
रहने वाले अपने घोड़? वाले म?द् गण? के साथ ? का ?या संबंध है. (७)
अ?ने तमां न ?तोमैः ?तुं न भ ?0द?पृशम् ऋ?यामा त ओहैः.. (८)
हे अ7?न! आप घोड़? के समान ग1तमान ह?. हम ऊह ?तो गा रहे ह?. यह ऊह ?तो
?दय को ?पश? करने वाला है. आप कa यशगाथा कa बढ़ोतरी करने वाला है. (८)
आ1वम?या? आ वाजं वा5जनो अ?मं देव?य स1वतुः सवम्. ?वगा? अव??तो जयत.. (९)
स1वता ने प/र?कृत सोमरस को हण कर 3लया है. वे तेज?वी व मनु?य के 3लए
1हतकारी ह?. यजमान? को उन से जीतने के 3लए घोड़े और ?वग? कa इ?छा करनी चा1हए. (९)
पव?य सोम ु?नी सुधारो महाँ अवीनामनुपू?ः.. (१०)
हे सोम! आप काशमान ह?. आप अ?छ_ धारा से ोणकलश म? झ/रए. आप अपूव? व
महान ह?. (१०)
दसवां खंड
1वतोदाव7?वतो न आ भर यं ?वा श1वमीमहे.. (१)
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हे इं! आप शु? का सव?नाश करने वाले ह?. आप हम? भरपूर धन द_5जए. हम उसी
के 3लए आप कa उपासना करते ह?. (१)
एष ा य ऋ7?वय इ?ो नाम ुतो गृणे.. (२)
हे इं! आप ?ाता ह?. आप ऋतु के अनुकूल काय? करते ह?. आप का 3स? नाम इं है.
हम आप कa उपासना करते ह?. (२)
ाण इ?ं महय?तो अक?रवध?यहये ह?तवा उ.. (३)
हे इं! हम आप के य? कa बढ़ोतरी करते ह?. हम अ1ह रा?स के नाश के 3लए
बु5?पूव?क रचे गए मं? से आप कa ?तु1त करते ह?. (३)
अनव?ते रथमाय त?ु??वा वं पु??त ुम?तम्.. (४)
हे इं! कई ऋ1ष मु1न आप कa उपासना करते ह?. देवता? ने आप के घोड़? के 3लए
रथ बनाया है. ?वा (देवता? के 3श?पकार) ने आप के 3लए ुमान (चमचमाते) व का
1नमा?ण 1कया है. (४)
शं पदं मघ रयी1षणो न काममतो 1हनो1त न ?पृश1यम्.. (५)
यजमान देवता? कa कृपा से धन व सुख कa ा7?त करते ह?. वे अ?छे भवन कa ा7?त
करते ह?. जो य?याग नह? करते, उ?ह? इन सब कa ा7?त नह? होती है. (५)
सदा गावः शुचयो 1वधायसः सदा देवा अरेपसः.. (६)
हे यजमानो! गाएं प1व व पाप र1हत होती ह?. वे सभी ा4णय? (1व) का भरणपोषण
करने वाली होती ह?. (६)
आ या1ह वनसा सह गावः सच?त वत?=न^ य?ध4भः.. (७)
हे उषा! आप आइए. आप ?ध से भरे थन? वाली गाय? को वन से साथ ले कर पधा/रए.
(७)
उप ?े मधुम1त 4?य?तः पु?येम र=य^ धीमहे त इ?.. (८)
हे इं! हम मधुयु? च?मच? से झरता ?आ धनधा?य पाएं. हम आप के पास रहने के
3लए इ?छुक ह?. हम आप से धन पाना चाहते ह?. हम आप का ?यान धरते ह?. (८)
अच???यक? म?तः ?वका? आ ?तोभ1त ुतो युवा स इ?ः.. (९)
हे म?द् गण! आप उ?म व काशमान ह?. इं उपासना के यो?य ह?. हम उन कa
उपासना करते ह?. इं जवान, 3स? व शुनाशक ह?. (९)
व इ?ाय वृह?तमाय 1वाय गाथं गायत यं जुजोषते.. (१०)
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हे यजमानो! आप वृ का नाश करने वाले इं के 3लए गाथाएं गाइए. आप ाण के
3लए 5जन गाथा? को गाएंगे, उ?ह? वे स हो कर सुनते ह?. (१०)
?यारहवां खंड
अचे?य7?न41क1तह?वाट् न सुमथः.. (१)
हे अ7?न! आप ह1ववाहक, काशमान, ?ानवान ह?. जैसे रथ 1नधा?/रत जगह ले जाता
है, वैसे ही आप 5जन5जन देवता? के 3लए जोजो व?तु समIप^त कa जाती है, उसे उनउन
देवता? तक प?ंचाते ह?. आप सव??ाता ह?. (१)
अ?ने ?वं नो अ?तम उत ाता 3शवो भुवो व??यः.. (२)
हे अ7?न! आप हमारे समीप ह?. आप र?क, क?याणकारी, संर?क व उपासना के
यो?य ह?. (२)
भगो न 2चो अ7?नम?होनां दधा1त र?नम्.. (३)
हे अ7?न! आप महान व र?न धारण करते ह?. आप सूय? जैसे ह? और यजमान? को
सौभा?यवान बनाते ह?. (३)
1व?य ?तोभ पुरो वा स?य0दवेह नूनम्.. (४)
हे अ7?न! आप सभी शु? के नाशक ह?. आप य?वेद_ पर 1न4त ?प से उप.?थत
रहते ह?. (४)
उषा अप ?वसुमः सं वत?य1त वत?1न सुजातता.. (५)
उषा अ?छ_ तरह कट हो कर अपनी 1करण? से अपनी बहन रात के अंधेरे को ?र
करती है. वह अपना माग? का3शत करती है. (५)
इमा नु कं भुवना सीषधेमे? 1वे च देवाः.. (६)
इं और अ?य सभी देव? कa मदद से ऋ1षगण इस भुवन को अपने अनुशासन (वश) म?
रखते ह?. इस से संसार म? सुख बना रहता है. (६)
1व ुतयो यथा पथा इ? ?व?तु रातयः.. (७)
हे इं! जैसे छोटे पथ राजपथ से 2मल जाते ह?, वैसे ही आप कa कृपा से सभी को धन
कa राह 2मलती है. (७)
अया वाजं देव1हत सनेम मदेम शत1हमाः सुवीराः.. (८)
हम? देव1हत ा?त ह?. हम? अ व बल ा?त हो. हम शतायु ह?. हम स रह?. हम?
सुवीर (े वीर) संतान 2मले. (८)
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ऊजा? 2मो व?णः 1प?वतेडाः पीवरी2मषं कृणुही न इ?.. (९)
हे इं! 2म और व?ण हम? ऊज??वी धन दान करते ह?. आप हमारे अ को और
अ2धक पौ1क बनाने कa कृपा कa5जए. (९)
इ?ो 1व?य राज1त.. (१०)
इं 1व कa शोभा ह?. (१०)
बारहवां खंड
1कmकेषु म1हषो यवा3शरं तु1वशु?म?तृ?प?सोमम1पब1??णुना सुतं यथावशम्.
स ? ममाद म1ह कम? कत?वे महामु? सैन स?ेवो देव स?य इ??ः
स?य2म?म्.. (१)
उ?म 0द गुण? वाला सोमरस इं को ा?त ?आ. श3?शाली इं ने 1व?णु के साथ
सोमरस को पीया. उस सोमरस म? जौ का आटा 2मलाया. वह तृ7?तकारी और 1लोक म?
ा?त था. उस ने इं को महान काय? करने कa भी ेरणा दान कa. (१)
अय सहमानवो ?शः कवीनां म1त?य?1तIव^धम?.
?नः समीची?षसः समैरयदरेपसः सचेतसः ?वसरे म?युम?त4ता गोः.. (२)
सूय? हजार? मनु?य? का 1हत करने वाले क1व, देखने यो?य, काशमान व अंधकारभेदक
ह?. वे उषा को भेजते ह?. उन के काश के सामने चंमा और ?सरे न?? कa चमक फaकa
लगती है. (२)
ए? या?प नः परावतो नायम?छा 1वदथानीव स?प1तर?ता राजेव स?प1तः.
हवामहे ?वा य?व?तः सुते?वा पुासो न 1पतरं वाजसातये म 1हं वाजसातये..
(३)
हे इं! आप स?जन? के पालनहार ह?. जैसे अ7?न य?शाला म? पधारते ह?, वैसे ही आप
हमारे पास पधारते ह?. आप स?प1त ह?. जैसे ??मन? को हरा कर राजा घर आता है, वैसे ही
आप अंत/र?लोक से हमारे पास पधारते ह?. हम यु? म? मदद के 3लए उसी तरह आप का
आान करते ह?, जैसे अा0द के 3लए पु 1पता को बुलाते ह?. हम अ आ0द भोग के साथ
अा0द कa ा7?त के 3लए आप का आान करते ह?. (३)
त2म?ं जोहवी2म मघवानमु सा दधानम1त?कुत वा 3स भू/र.
म 1हो गीLभ^रा च य3?यो ववत? राये नो 1वा सुपथा कृणोतु वी.. (४)
हे इं! आप धनवान, उ व बलवान ह?. आप को कोई नह? हरा सकता है. सभी य?? म?
आप कa पूजा कa जाती है. हम भी आप कa पूजा करते ह?. हम वाणी से आप कa उपासना
करते ह?. वधारी इं हमारे सभी पथ सुपथ बनाने कa कृपा कर?. (४)
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अ?तु ौषट् पुरो अ7?नं 2धया दध आ नु ?य?छध? 0दं वृणीमह इ?वायू वृणीमहे.
य? ?ाणा 1वव?वते नाभा स?दाय नसे.
अध नूनमुप य7?त धीतयो देवाँ अ?छा न धीतयः.. (५)
हम यजमान? ने बु5?पूव?क अ7?न कa य?वेद_ म? ?थापना कa है. हम 0द अ7?न कa
उपासना करते ह?. हम इं और वायु से भी अपनी ?तु1त सुनने का अनुरोध करते ह?. दोन? देव
हम? यश और धन दान करने कa कृपा कर?. हमारी ाथ?नाएं संबं2धत देव? के पास ज?र
प?ंच?गी. हमारे सभी य? संबंधी काय? देव? के पास प?ंचाने के 3लए ही 1कए जा रहे ह?. (५)
वो महे मतयो य?तु 1व?णवे म??वते 1ग/रजा एवयाम?त्.
शधा?य य?यवे सुखादये तवसे भ?द0दये धु1नताय शवसे.. (६)
हे इं! आप महान ह?. एवयाम?त् (ऋ1ष) आप कa उपासना करते ह?. एवयाम?त् ऋ1ष
कa ?तु1तयां म?द् गण? तक प?ंच?. एवयाम?त् ऋ1ष कa ?तु1तयां 1व?णु तक प?ंच?. यजमान?
का क?याण हो. यजमान? को सुखा0द ा?त हो. यजमान? को म?द् गण? का बल ा?त हो.
(६)
अया ?चा ह/र?या पुनानो 1वा ?ेषा 3स तर1त सयु?व4भः सूरो न सयु?व4भः.
धारा पृ?य रोचते पुनानो अ?षो ह/रः.
1वा यूपा प/रया?यृ?व4भः स?ता?ये4भऋ??व4भः.. (७)
हे सोम! आप का रस हरे रंग का है. प/र?कृत सोमरस शुनाशक है. उस कa धारा
चमकaली और तमहारी (अंधकार ?र करने वाली) है. प/र?कृत हरी व लाल आभा वाला
सोमरस चमकता ?आ शो4भत होता है. उस कa सात रंग? वाली 1करण? अनेक ?प धारण
करती ह?. (७)
अ4भ ?यं देव स1वतारमो?योः क1व?तुमचा?2म स?यवस र?नधाम4भ 1यं
म1तम्.
ऊ?वा? य?याम1तभा? अ0दुत?सवीम1न 1हर?यपा4णर2ममीत सु?तुः कृपा ?वः.. (८)
हे स1वता! हम आप कa उपासना करते ह?. आप क1व, स?यवान व अ?यंत 1य ह?. आप
का काश पृ?वीलोक से अंत/र?लोक तक फैलता है. आप सुनहरे काश वाले ह?. आप हम
य? करने वाल? पर अपनी कृपा बनाए रखते ह?. (८)
अ7?न होतारं म?ये दा?व?तं वसोः सूनु सहसो जातवेदसं 1वं न जातवेदसम्.
य ऊ?व?या ?व?वरो देवो देवा?या कृपा.
घृत?य 1वा1मनु शु?शो2चष आजुान?य सIप^षः.. (९)
हे अ7?न! आप को हम होता मानते ह?. हम आप के दास ह?. आप धनदाता, ?ानदाता व
सव??ाता ह?. आप जैसे सव??ाता और ाण को हम आ?1त दान करते ह?. हम अपने य?
म? ऊ?व? (ऊंचे) लोक? म? रहने वाले देव? कa कृपा चाहते ह?. प1व और काशमान आप को
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हम घी कa आ?1त भ?ट करते ह?. आप स होइए. (९)
तव ?यय? नृतो ऽ प इ? थमं पू? 0द1व वा?यं कृतम्.
यो देव?य शवसा ा/रणा असु /रणपः.
भुवो 1वम?यदेवमोजसा 1वदे?ज? शत?तुIव^दे0दषम्.. (१०)
हे इं! आप सव?े, अपूव?, 0द व मनु?य? के 3लए क?याणकारी ह?. ?वग? म? आप कa
शंसा होती है. आप ने शुनाश 1कया. शु? को हराया. आप ने जल वा1हत 1कया. आप
सैकड़? कम? करने वाले ह?. आप सव??ाता ह?. आप अपने बल के साथ पधा/रए. आप हमारी
ह1व ?वीकारने कa कृपा कa5जए. (१०)
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पवमान पव?
पांचवां अ?याय
पहला खंड
उ?चा ते जातम?धसो 0द1व सद् भू?या ददे. उ शम? म1ह वः.. (१)
हे सोम! ?वग?लोक म? आप के पोषक रस का ज?म ?आ है. उसी ?वग?लोक से आप
मह?वपूण? सुख और चुर अ पृ?वी पर प?ंचाते ह?. (१)
?वा0दया म0दया पव?व सोम धारया. इ?ाय पातवे सुतः.. (२)
इं के 3लए सोमरस 1नचोड़ा गया है. हे सोम! आप रसीले ह?. आप सता देने वाले
और ?वा0द ह?. आप कa धाराएं 1नरंतर झर?. (२)
वृषा पव?व धारया म??वते च म?सरः. 1वा दधान ओजसा.. (३)
हे सोम! आप गाढ़_गाढ़_ धारा? से यजमान के मटक? म? पधा/रए. आप उन इं को
स कa5जए, 5जन कa म?द् गण भी सेवा करते ह?. आप इं कa साम?य? और बढ़ाइए और
यजमान? कa मनोकामनाएं पूरी कa5जए. (३)
य?ते मदो वरे?य?तेना पव?वा?धसा. देवावीरघश सहा.. (४)
हे सोम! आप का रस देवता? को ब?त 1य, रा?स? का नाशक है. आप का रस
ब?त सतादायी है. आप इस रस के साथ कलश? (मटक?) म? पधा/रए. (४)
1तो वाच उद_रते गावो 2मम7?त धेनवः. ह/ररेत क1न?दत्.. (५)
य? के समय तीन? वेद? के मं गाए जाते ह?. ?धा? गाएं अपने दोहन के 3लए रंभाती
ह?. हरा सोमरस आवाज करता ?आ मटक? म? जाता है. (५)
इ?ाये?दो म??वते पव?व मधुम?मः. अक??य यो1नमासदम्.. (६)
हे सोम! आप ब?त मीठे ह?. आप य?शाला म? पधा/रए. आप इं के 3लए कलश म?
पधा/रए (जाइए). (६)
असा शुम?दाया?सु द?ो 1ग/राः. ?यनो न यो1नमासदत्.. (७)
हे सोम! आप पव?त पर पैदा ?ए ह?. आप को सता के 3लए 1नचोड़ा जाता है. जल से
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आप कa माा बढ़ाई जाती है. जैसे ?येन (बाज) प?ी अपने ?थान पर .?थत रहता है, वैसे ही
आप य? म? अपने 1नधा?/रत ?थान पर 1वरा5जए. (७)
पव?व द?साधनो देवे?यः पीतये हरे. म?द् ?यो वायवे मदः.. (८)
हे सोम! आप हरीहरी आभा वाले व श3?मान ह?. देव? और म?द् गण? के पीने के 3लए
कलश म? पधा/रए. (८)
प/र ?वानो 1ग/राः प1वे सोमो अ?रत्. मदेषु सव?धा अ3स.. (९)
यह सोमरस प1व पा म? छाना जा रहा है. यह पव?त पर उ?प होता है. आप सब से
?यादा आनंददायी ह?. (९)
प/र 1या 0दवः क1वव?या 3स न??योIह^तः. ?वानैया?1त क1व?तुः.. (१०)
हे सोम! आप बु5? को बढ़ाने वाले और ?ानी ह?. आप का रस 1नकालने के 3लए दो
फलक? (?वग?लोक और पृ?वी) के बीच म? रखा जाता है. आप का रस 1नकाल कर य? करने
वाले अपना य? साधते ह?. (१०)
?सरा खंड
सोमासो मद?युतः वसे नो मघोनाम्. सुता 1वदथे अ?मुः.. (१)
हे सोम! आप सता बढ़ाने वाले ह?. आप को ह1व देने के 3लए 1नचोड़ा गया है. आप
को अ और यश ा7?त के उद् दे?य से इन कलश? म? भरा गया है. (१)
सोमासो 1वप4तो ऽ पो नय?त ऊम?यः. वना1न म1हषा इव.. (२)
हे सोम! आप बु5? बढ़ाने वाले ह?. आप पानी कa लहर? कa तरह कलश? म? जाते ह?.
आप वन के पशु? कa तरह प1व पा म? पधारते ह?. (२)
पव?वे?दो वृषा सुतः कृधी नो यशसो जने. 1वा अप 1?षो ज1ह.. (३)
हे सोम! आप बल और इ?छा पूIत^ के 3लए 1नचोड़े गए ह?. आप हम? यश?वी बनाइए.
आप हमारे सभी शु? को न कa5जए. (३)
वृषा 3स भानुना ुम?तं ?वा हवामहे. पवमान ?व??शम्.. (४)
हे सोम! आप इ?छा पूIत^, प1व करने वाले व काशमान ह?. आप सब को एक नजर
(समान ?1) से देखते ह?. हम इस य? म? आप को आमं1त करते ह?. (४)
इ??ः प1व चेतनः 1यः कवीनां म1तः. सृजद रथी/रव.. (५)
हे सोम! आप चेतना देने वाले ह?. आप सभी को 1य ह?. 1व?ान? कa ?तु1त के साथ
आप को पा? म? छाना जाता है. जैसे सारथी घोड़े को वश म? रखता है, वैसे ही आप को धार
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से वश म? कर के कलश? म? भरा जाता है. (५)
असृ?त वा5जनो गा सोमासो अया. शु?ासो वीरयाशवः.. (६)
हे सोम! आप बलवान, बल देने वाले एवं वेगवान ह?. यजमान ने गाय?, घोड़? और पु?
को पाने कa इ?छा से आप को 1नचोड़ा है. (६)
पव?व देव आयुष1ग?ं ग?छतु ते मदः. वायुमा रोह धम?णा.. (७)
हे सोम! आप काशमान ह?. आप छनने के 3लए पा म? पधा/रए. आप का आनंददायी
रस इं को प?ंचे. आप धारा के ?प म? वायु को ा?त कa5जए. (७)
पवमानो अजीजन0?व4ं न त?यतुम्. ?यो1तव?ानरं बृहत्.. (८)
सोम प1व ?ए. उस के बाद उ?ह?ने ?वग?लोक से सब को का3शत कर सकने वाली
?यो1त (वैानर) को 1बजली कa तरह चमकाया. (८)
प/र ?वानास इ?दवो मदाय बह?णा 1गरा. मधो अष?7?त धारया.. (९)
सोमरस 1नचोड़ने के बाद प1व ाथ?ना? से यजमान ?तु1त करते ?ए धारा म? बांध कर
उसे छानते ह?. (९)
प/र ा3स?यद?क1वः 3स?धो?मा?व2ध 4तः. का?ं 1ब?पु??पृहम्.. (१०)
सोमरस बु5? बढ़ाने वाला है. अनेक लोग? ?ारा चाहा गया है. लहर? कa तरह जल म?
2मलता है. यह यजमान? कa इ?छा से पा म? छनछन कर चू रहा है. (१०)
तीसरा खंड
उपो षु जातम?तुरं गो4भभ??ं प/र?कृतम्. इ??ं देवा अया3सषुः.. (१)
सोमरस को पानी, गाय का ?ध और घी 2मला कर अ?छ_ तरह तैयार 1कया गया है. यह
शुनाशक है. यह उ?म सोमरस देवता? तक प?ंचे. (१)
पुनानो अ?मीद4भ 1वा मृधो 1वचष?4णः. शु?भ7?त 1वं धी1त4भः.. (२)
सोमरस बु5? बढ़ाने वाला, प1व व सभी शु? पर आ?मण करता है. ?ानी उस
सोम कa ?तो? से शोभा बढ़ाते ह?. (२)
आ1वश?कलश सुतो 1वा अष?4भ 4यः. इ??/र?ाय धीयते.. (३)
शु? सोमरस 1नकाल 3लया गया है. यह कलश म? भरा जा रहा है. यह इ?छा पूIत^ करने
वाला सोमरस इं के 3लए भ?ट 1कया जाता है. (३)
असMज^ र?यो यथा प1वे च?वोः सुतः. का?म??वाजी ?य?मीत्.. (४)
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जैसे रथ का घोड़ा छोड़ा जाता है, वैसे ही सोम को दो फलक? से 1नचोड़ कर छानने
वाले बरतन म? छोड़ा जाता है. घोड़े कa तरह वेगवान सोमरस य? ?पी यु? म? जाता है. (४)
यद् गावो न भूण?य??वेषा अयासो अ?मुः. ?न?तः कृ?णामप ?वचम्.. (५)
सोमरस वेगवान और काशवान है. वह अपनी काली छाल ?र कर के उसी तरह य?
म? जाता है, 5जस तरह गाएं वेग से अपने बाड़े म? जाती ह?. (५)
अप?न?पवसे मृधः ?तु1व?सोम म?सरः. नुद?वादेवयुं जनम्.. (६)
सोमरस मदम?त करने वाला, य? के 1व2ध1वधान? (कम?कांड?) को जानने वाला और
शु? का नाशक है. सोम देवता? को न चाहने वाले रा?स? को ?र करने वाला है. (६)
अया पव?व धारया यया सूय?मरोचयः. 1ह?वानो मानुषीरपः.. (७)
हे सोम! आप मनु?य? का 1हत करने वाले व जल को बरसात के 3लए ेरणा देने वाले
ह?. 5जस धारा से आप सूय? को का3शत करते ह?, उसी धारा से आप इस पा म? वेश
कa5जए. (७)
स पव?व य आ1वथे?ं वृाय ह?तवे. व1वा सं महीरपः.. (८)
हे सोम! आप जल रोकने वाले वृासुर को मारने के 3लए इं का उ?साह बढ़ाइए. आप
अपनी धारा? से कलश को पूण? कर द_5जए. (८)
अया वीती प/र व य?त इ?दो मदे?वा. अवाहवतीन?व.. (९)
हे सोम! इं के भोग के 3लए आप कलश म? छ1नए. सोमरस शंबर रा?स कa 1न?यानवे
नग/रय? को तोड़ने का इं को साम?य? दान करता है. (९)
प/र ु? सन=य^ भर?ाजं नो अ?धसा. ?वानो अष? प1व आ.. (१०)
हे सोम! आप का3शत और देने यो?य धन हम? द_5जए. आप हम? बल और अ दान
कa5जए. आप का प1व रस छनने के बाद मटक? म? बना रहे (.?थरता से भरा रहे). (१०)
चौथा खंड
अ2च?दद् वृषा ह/रम?हा9?मो न दश?तः. स सूय?ण 0दुते.. (१)
सोम कामना पूरी करते ह?. वे हरे और हमारे महान 2म ह?. वे सूय? के समान का3शत
होते ह?. 1नचोड़ते समय वे श?द करते ह?. (१)
आ ते द?ं मयोभुवं व2मा वृणीमहे. पा?तमा पु??पृहम्.. (२)
हे सोम! आप बलदाता, सुखदाता, धनदाता, शुनाशक व अनेक लोग? ?ारा चाहे जाते
ह?. आज य? म? हम आप के उस बल को याद करते ह?. (२)
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अ?वय? अ04भः सुत सोमं प1व आ नय. पुनाही?ाय पातवे.. (३)
हे पुरो1हतो! प?थर? से कूटकूट कर 1नचोड़े गए सोमरस को आप छान कर मटक? म?
प?ंचाइए. इं के पीने के 3लए आप सोमरस को शु? बनाइए. (३)
तर?स म?द_ धाव1त धारा सुत?या?धसः. तर?स म?द_ धाव1त.. (४)
1नचोड़ी गई सोमरस कa धाराएं इं को सता देने वाली ह?. यह सोमरस जो इं को
देता है, वह ऊ?व? (ऊंची) ग1त पाता है. वह सभी पाप? से पार हो जाता है. (४)
आ पव?व सह4ण र=य^ सोम सुवीय?म्. अ?मे वा 3स धारय.. (५)
हे सोम! आप हजार? कार के े धन व अ हम? दान कa5जए. (५)
अनु ?नास आयवः पदं नवीयो अ?मुः. ?चे जन?त सूय?म्.. (६)
पुराने समय म? लोग? ने े ?थान पाने के 3लए सूय? के समान तेज?वी सोम को उ?प
1कया. (६)
अषा? सोम ुम?मो ऽ 4भ ोणा1न रो?वत्. सीद?योनौ वने?वा.. (७)
हे सोम! आप ब?त काशमान एवं श?द करते ?ए य? पा म? छनते ह?. आप वन और
य?शाला? म? 1वरा5जए. (७)
वृषा सोम ुमाँ अ3स वृषा देव वृषतः. वृषा धमा?4ण द2षे.. (८)
हे सोम! आप बलवान, तेज?वी व इ?छा पूIत^ के संक?प वाले ह?. आप बल बढ़ाने वाले
इन गुण? को धारण करने वाले ह?. (८)
इषे पव?व धारया मृ?यमानो मनी1ष4भः. इ?दो ?चा4भ गा इ1ह.. (९)
हे सोम! 1व?ान् यजमान आप को 1नचोड़ते व छानते ह?. हम? अ रस ा?त कराने के
3लए आप धारा के ?प म? छनते ?ए कलश म? पधा/रए. आप गौ आ0द पशु? को ा?त
होइए. (९)
म?या सोम धारया वृषा पव?य देवयुः. अा वारे4भर?मयुः.. (१०)
हे सोम! आप इ?छा पूरी करने वाले व देवता? ?ारा चाहे गए ह?. हम भी आप को
चाहते ह?. बाल? से बनी छलनी से छ1नए. आप आनंददायी धारा का ?प ध/रए व संर?ण
द_5जए. (१०)
अया सोम सुकृ?यया महा??स?यवध?थाः. म?दान इद् वृषायसे.. (११)
हे सोम! आप महान, अपने अ?छे काय? के कारण स?माननीय व आनंददाता ह?. आप
बैल कa तरह श3? देते ह?. (११)
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अयं 1वचष?4णIह^तः पवमानः स चेत1त. 1ह?वान आ?यं बृहत्.. (१२)
हे सोम! आप 1वशेष बु5? देने वाले ह?. छान कर साफ बरतन म? भरा जल 2मला ?आ
सोमरस ब?त आनंद व अ देता है. ब?त लोग इस के गुण गाते ह?. (१२)
न इ?दो महे तु न ऊVम^ न 1बदष?3स. अ4भ देवाँ अया?यः.. (१३)
हे सोम! ब?त धन पाने के 3लए हम मटक? म? आप को छानते ह?. अया?य ऋ1ष देव
पूजन के 3लए आप कa लहर? को धारण करते ?ए गाते ह?. (१३)
अप?न?पवते मृधो ऽ प सोमो अरा?णः. ग?छ2??य 1न?कृतम्.. (१४)
हे सोम! आप शु व धन न देने वाल? के भी नाशक ह?. सोम इं के पास जाने के 3लए
छनछन कर टपक रहे ह?. (१४)
पांचवां खंड
पुनानः सोम धारयापो वसानो अष?3स.
आ र?नधा यो1नमृत?य सीद?यु?सो देवो 1हर?ययः.. (१)
हे सोम! आप प1व करने वाले व पानी के साथ 2मल कर जलधार के ?प म? आप
मटक? म? वेश करते ह?. आप र?न आ0द कaमती धन देने वाले और य? मंडप म? 1वराजमान
होते ह?. आप काशमान, देवता? का 1हत साधने वाले, सुंदर, चमकaले व बहने वाले ह?.
(१)
परीतो 1ष?चता सुत सोमो य उ?म ह1वः.
दध?वाँ यो नय? अ??वा ३ ?तरा सुषाव सोमम04भः.. (२)
हे सोम! आप देवता? के 3लए सव?े ह1व ह?. आप मनु?य? का 1हत साधने वाले ह?.
आप को पुरो1हत प?थर? के ?ारा 1नचोड़ते ह?. हे यजमानो! आप इस सोमरस म? जल
2मलाइए. (२)
आ सोम ?वानो अ04भ9?तरो वारा?यया.
जनो न पु/र च?वोIव^श?/रः सदो वनेषु द2षे.. (३)
हे सोम! प?थर? से कूट कर आप का रस 1नकाल 3लया जाता है. उस के बाद भेड़? के
बाल? से बनी छलनी से छाना जाता है. हरे रंग वाला सोमरस ोणकलश म? ऐसे वेश करता
है, जैसे नगर म? पु?ष. सोमरस लकड़ी के बरतन? म? 1वराजमान रहता है. (३)
सोम देववीतये 3स?धुन? 1प?ये अण?सा.
अ शोः पयसा म0दरो न जागृ1वर?छा कोशं मधु?तम्.. (४)
हे सोम! देवता? के पीने के 3लए आप को ?स^धु के समान जल के साथ 2मलाया जाता
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है. आप आनंददायी होने के साथसाथ चेतना जगाने वाले भी ह?. आप जल से 2मल कर मीठा
रस बरसाने वाले बरतन म? 1वरा5जए. (४)
सोम उ ?वाणः सोतृ4भर2ध ?णु4भरवीनाम्.
अयेव ह/रता या1त धारया म?या या1त धारया.. (५)
यजमान सोमरस 1नचोड़ते ह?. सोमरस भेड़ के बाल? से बनी छलनी से छन कर नीचे
कलश म? 1गरता है. यह हरा और आनंददायी है. यह धारा से मटक? म? जाता है. (५)
तवाह सोम रारण स?य इ?दो 0दवे0दवे.
पु?4ण बो 1न चर7?त मामव प/रधी र1त तां इ1ह.. (६)
हे सोम! हम आप कa 2मता म? हर 0दन रमे रह?. कई ? रा?स हम? क देते ह?. आप
उन सब का नाश कa5जए. (६)
मृ?यमानः सुह??या समुे वाच2म?व3स.
र=य^ 1पश?ं ब?लं पु??पृहं पवमाना?यष?3स.. (७)
हे सोम! आप को अ?छे हाथ? कa अ?छ_ अंगु3लय? से 1नकाला गया है. आप प1व
करने वाले ह?. आप कलश म? जाते समय आवाज करते ह?. आप आराधक? को चाहा गया एवं
पीला धन (?वण?) देते ह?. (७)
अ4भ सोमास आयवः पव?ते मं मदम्.
समु?या2ध 1वपे मनी1षणो म?सरासो मद?युतः.. (८)
सोमरस वेगवान है. वह मन को भाने वाला है. सोमरस आनंददायी है. पानी से भरे
मटक? म? साफ कर के सोमरस डाला जाता है. (८)
पुनानः सोम जागृ1वरा वारैः प/र 1यः.
?वं 1वो अभवो ऽ 2?र?तम म?वा य?ं 2म2म? णः.. (९)
हे सोम! आप जा1त देने वाले, 1य व प1व ह?. आप भेड़ के बाल? से बनी छलनी म?
छन कर नीचे 1गरते ह?. आप अं1गरस ऋ1षय? कa परंपरा म? सब से े ह?. आप बु5?व??क
ह?. आप हमारे इस य? को प1व कa5जए. (९)
इ?ाय पवते मदः सोमो म??वते सुतः.
सहधारो अ?यमष?1त तमी मृज??यायवः.. (१०)
सोमरस आनंददायी है. वह साफ छाना ?आ है. वह म?त? से यु? इं के 3लए तैयार
1कया जाता है. सोमरस अनेक धारा? वाला है. यह छलनी म? छन कर शु? होता है. 1फर
यजमान मं? से इसे और शु? करते ह?. (१०)
पव?व वाजसातमो ऽ 4भ 1वा1न वाया?.
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?व समुः थमे 1वधम?न् देवे?यः सोम म?सरः.. (११)
हे सोम! आप को सब ?तो? से प1व 1कया गया है. आप खासतौर पर अ, धन ा?त
कराने वाले व देवता? को आनंद देने वाले ह?. आप को उ?ह? के 3लए खासतौर पर तैयार
1कया जाता है. (११)
पवमाना असृ?त प1वम1त धारया.
म??व?तो म?सरा इ5?या हया मेधाम4भ या 3स च.. (१२)
सोम म?द् गण? से यु?, आनंददायी, इं के 1य व अमय ह?. य? म? काम आने वाला
शु? सोमरस प1व हो कर पा म? 1गरता है. (१२)
छठा खंड
तु व प/र कोशं 1न षीद नृ4भः पुनानो अ4भ वाजमष?.
अं न ?वा वा5जनं मज?य?तो ऽ ?छा बह? रशना4भन?य7?त.. (१)
हे सोम! आप शी आइए. आप कलश म? 1वरा5जए. यजमान आप को प1व करते ह?.
आप यजमान को अ व धन द_5जए. जैसे बलवान घोड़े कa र?सी अंगुली से पकड़ कर उस
को शु? 1कया जाता है, वैसे ही यजमान प1व कर के आप को य?शाला तक प?ंचाते ह?.
(१)
कामुशनेव ुवाणो देवो देवानां ज1नमा 1वव3?.
म1हतः शु2चब?धुः पावकः पदा वराहो अ?ये1त रेभन्.. (२)
यजमान उशना ऋ1ष कa तरह ?तो? का पाठ करते ह?. वे देवता? से संबं2धत वृ?ांत
बताते ह?. वे ती ह?. सोमरस काशमान व प1वकारी है. उ?म सोमरस आवाज करते ?ए
कलश म? छनता है. (२)
1तो वाच ईरय1त व2ऋ?त?य धी=त^ णो मनीषाम्.
गावो य7?त गोप=त^ पृ?छमानाः सोमं य7?त मतयो वावशानाः.. (३)
यजमान ऋ?वेद, यजुव?द और सामवेद के मं? से सोम कa ?तु1त करते ह?. उन कa ?तु1त
?ानमय है. वह ?तु1त य? को धारण करने वाली है. जैसे गाय? के पास बैल जाते ह?, वैसे ही
आराधक उ?म सुख कa इ?छा से सोम के पास ?तु1त करने के 3लए जाते ह?. (३)
अ?य ेषा हेमना पूयमानो देवो देवे4भः समपृ? रसम्.
सुतः प1वं पय?1त रेभन् 2मतेव स पशुम7?त होता.. (४)
सोमरस सोने से शु? 1कया गया है. यह 0द और प1व है. इसे देवता? को चढ़ाया
जाता है. 1नचोड़ा गया सोमरस वैसे ही पा म? जाता है, जैसे ?वाला गाय के बाड़े म? जाता है.
(४)
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सोमः पवते ज1नता मतीनां ज1नता 0दवो ज1नता पृ3थाः.
ज1नता?नेज?1नता सूय??य ज1नते??य ज1नतोत 1व?णोः.. (५)
सोमरस बु5?दायी, ?वग?लोक को का3शत करने वाला, पृ?वी को पु करने वाला व
आनंददायी है. वह अ7?न, इं और 1व?णु को आनंद देने वाला है. इसे पा म? तैयार 1कया
जाता है. (५)
अ4भ 1पृं वृषणं वयोधाम?ो1षणमवावश?त वाणीः.
वना वसानो व?णो न 3स?धुIव^ र?नधा दयते वाया?4ण.. (६)
सोम तीन ?थान?— अंत/र?, वन?प1त और शरीर म? वास करने वाले ह?. वे श3?मान
और अदाता ह?. उपासक ऊंची वाणी से उन कa ?तु1त करते ह?. जल के देवता व?ण कa
तरह जल म? 2मलने वाले सोम उपासक? को धन देते ह?. (६)
अ?ां?समुः थमे 1वधम? जनयन् जा भुवन?य गोपाः.
वृषा प1वे अ2ध सानो अे बृह?सोमो वावृधे ?वानो अ0ः.. (७)
सोम जलमय ह?. वे य? के र?क, इ?छा पूरक और श3?वध?क ह?. वे यजमान? को सब
से ?यादा उ?साह और उ1त देने वाले ह?. (७)
क1न?7?त ह/ररा सृ?यमानः सीद?वन?य जठरे पुनानः.
नृ4भय?तः कृणुते 1नLण^जं गामतो म=त^ जनयत ?वधा4भः.. (८)
यजमान सब ओर से दबा व कूट कर सोमरस 1नकालते ह?. वह हरा व प1व है. वह
लकड़ी के बरतन म? 1गरता ?आ बारबार आवाज करता है. उसे गाय के ?ध म? 2मलाया जाता
है. इस से ह1व बनाई जाती है. यजमान इस कa ?तु1त करते ह?. (८)
एष ?य ते मधुमाँ इ? सोमो वृषा वृ?णः प/र प1वे अ?ाः.
सहदाः शतदा भू/रदावा श?मं बIह^रा वा?य?थात्.. (९)
हे इं! आप का 1य सोमरस इ?छा पूरी करता है. आप के 3लए यह मधुर श3?दायी
सोमरस छन रहा है. यह सैकड़?, हजार? कार का धन देने वाला है. सोम ाचीन काल से ही
य? म? जा कर 1वराजते ह?. (९)
पव?व सोम मधुमाँ ऋतावापो वसानो अ2ध सानो अे.
अव ोणा1न घृतव7?त रोह म0द?तमो म?सर इ?पानः.. (१०)
हे सोम! आप मधुर, जल म? 2मलने वाले व ऊंचे ?थान पर 1वराजते ह?. आप छन कर
प1व होते ह?. आप आनंददायी व इं के 3लए जल म? 2मल कर तैयार होते ह?. (१०)
सातवां खंड
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सेनानीः शूरो अ?ने रथानां गे1त हष?ते अ?य सेना.
भान् कृ?व2?हवां?स6ख?य आ सोमो व?ा रभसा1न द?े.. (१)
हे सोम! आप सेनानायक व वीर ह?. आप यजमान के 3लए गौ आ0द धन? को देने कa
इ?छा रखते ह?. आप रथ के आगेआगे चलते ह?. आप को देख कर सेना का हौसला बढ़ता है.
आप 2म? और यजमान? के 3लए इं कa ाथ?ना? को क?याणकारी बनाते ह?. आप
तेज?वी ह?. (१)
ते धारा मधुमतीरसृ?वारं य?पूतो अ?ये?यम्.
पवमान पवसे धाम गोनां जनयं?सूय?म1प?वो अक?ः.. (२)
हे सोम! जब आप भेड़? कa ऊन को पार कर के छनते ?ए कलश म? जाते ह? तब आप
कa धाराएं आनंद बरसाती ह?. प1व हो कर आप तेज?वी सूय? देव कa तरह चमकने लगते ह?.
(२)
गायता?यचा?म देवा??सोम 1हनोत महते धनाय.
?वा?ः पवताम1त वारममा सीदतु कलशं देव इ??ः.. (३)
हे यजमानो! हम सोम व अ?य देवता? कa ?तु1त कर?. हम ब?त धन पाने कa इ?छा से
अपनी ?तु1तय? से सोम को े/रत कर?. भेड़ के बाल? से बनी छलनी से इस सोमरस को छान?.
वह घड़? म? भरा रहे. (३)
1ह?वानो ज1नता रोद?यो रथो न वाज स1नषयासीत्.
इ?ं ग?छायुधा स 3शशानो 1वा वसु ह?तयोरादधानः.. (४)
सोम ?वग?लोक और पृ?वीलोक को उ?प करने वाले ह?. वे दोन? लोक? को ग1त देने
वाले ह?. वे तेजी से इं के पास जाते ह?. वे यजमान? को ब?त वैभव देने के 3लए आते ह?. (४)
त?द_ मनसो वेनतो वाग् ?ये?य धम? ु?ोरनीके.
आद_माय?वरमा वावशाना जुं प=त^ कलशे गाव इ??म्.. (५)
?तु1त उ1त कa भावना 3लए व 1वचार? से े/रत होती है. उपासक? कa ?तु1तयां य?? म?
देवता? का गुणगान करती ह?. इस कार तैयार कर के सोमरस म? गाय? का ?ध 2मलाया
जाता है. यह सोमरस सब के 3लए ब?त पौ1क होता है. (५)
साकमु?ो मज?य?त ?वसारो दश धीर?य धीतयो धनुीः.
ह/रः पय?व?जाः सूय??य ोणं नन?े अ?यो न वाजी.. (६)
कम?ठ (काम करने वाली) अंगु3लयां सोमरस को तैयार व उस को शु? करती ह?. दस?
अंगु3लयां बलशाली सोम को धारण करती ह?. हरा सोमरस उसी तरह सभी 0दशा? म? जाता
है, जैसे ग1तशील घोड़ा. वह घड़े म? भरा रहता है. (६)
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अ2ध यद9?म?वा5जनीव शुभः ?पध??ते 2धयः सूरे न 1वशः.
अपो वृणानः पवते कवीया?जं न पशुवध?नाय म?म.. (७)
सोम को अपने 1करण ?पी आभूषण? से सूय? उसी तरह सजाते ह?, 5जस तरह
आभूषण? से घोड़े को सजाया जाता है. उसे 1नकालने म? अंगु3लयां एक?सरे से होड़ करती
ह?. जैसे ?वाला गाय? को पोसने के 3लए गोशाला म? ले जाता है, वैसे ही सोमरस को यजमान
मटक? म? ले जाते ह?. (७)
इ??वा?जी पवते गो?योघा इ?े सोमः सह इ?व?मदाय.
ह7?त र?ो बाधते पय?रा=त^ व/रव?कृ?व?वृजन?य राजा.. (८)
सोमरस इं का बल बढ़ाने वाला, यजमान? को धन देने वाला व श3? म? राजा है.
?यादा आनंद के 3लए इसे छाना जाता है. यह ?? का दलन करता है. यह रा?स? और
शु? का नाश करने वाला है. (८)
अया पवा पव?वैना वसू1न माँ ?व इ?दो सर3स ध?व.
?न4?य वातो न जू=त^ पु?मेधा4?कवे नरं धात्.. (९)
हे सोम! आप कa धाराएं प1व ह?. आप हम? धन दान करने कa कृपा कर?. 5जस
कार सूय? सृ1 के मूलाधार ह?, वे वायु को बहाते ह? वैसे ही आप वसतीवरी नामक घड़े म?
ब1हए. बु5?शाली इं आप को ा?त कर? और हम अ?छ_ संतान ा?त कर?. (९)
मह??सोमो म1हषकारापां यद् गभ? ऽ वृणीत देवान्.
अदधा0द?े पवमान ओजो ऽ जनय?सूय? ?यो1त/र??ः.. (१०)
सोम महान ह?. वे महान काय? करने वाले ह?. वे गभ? म? जल धारण करते ह?. वे देवता?
को पालते ह?. वे इं को बलशाली और सूय? को तेज?वी बनाते ह?. (१०)
असMज^ व?वा र?ये यथाजौ 2धया मनोता थमा मनीषा.
दश ?वसारो अ2ध सानो अे मृज7?त व2 सदने?व?छ.. (११)
5जस कार यु?? म? घोड़े भेजे जाते ह?, वैसे ही सोमरस म? जल भेजा (2मलाया) जाता
है. दस? अंगु3लयां सोम को भेड़ के बाल? से बनी छलनी म? छानती ह?. यह सोम सभी को े
धन दान कराता है. (११)
अपा2मवे ?म? य?ततु?राणाः मनीषा ईरते सोमम?छ.
नम?य?ती?प च य7?त सं चाच 1वश??युशती?श?तम्.. (१२)
तेजी से उठने वाली लहर? कa तरह यजमान कa ?तु1तयां उठती ह?. यजमान ज?द_ से
ज?द_ अपनी ?तु1त देवता के पास प?ंचाना चाहते ह?. ?तु1तयां देवता कa शंसा करती ह?, उन
के पास प?ंचती ह? और उ?ह? म? एकमेक हो जाती ह?. (१२)
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आठवां खंड
पुरो5जती वो अ?धसः सुताय माद1य?नवे.
अप ान 3थन स?नखायो द_घ?5ज यम्.. (१)
हे यजमानो! आप के आगे आनंददायी सोमरस रखा ?आ है. लंबीलंबी जीभ वाले कु?े
इस के पास जाना चाहते ह?. आप उन कु?? को ?र भगाओ. (१)
अयं पूषा र1यभ?गः सोमः पुनानो अष?1त.
प1तIव^?य भूमनो ?योदसी उभे.. (२)
सोमरस पोषक, पीने यो?य व शोभादायी है. वह छन कर बरतन म? 1गरता है. वह सभी
ा4णय? का पालनहार है. वह ?वग?लोक तथा पृ?वीलोक दोन? को अपने काश से का3शत
करता है. (२)
सुतासो मधुम?माः सोमा इ?ाय म5?दनः.
प1वव?तो अ?रन् देवान् ग?छ?तु वो मदाः.. (३)
इं के 3लए मीठा और मादक सोमरस तैयार 1कया जाता है. हे सोम! आप का यह
आनंददायी रस देवता? तक अव?य प?ंचे. (३)
सोमाः पव?त इ?दवो ऽ ?म?यं गातु1व?माः.
2माः ?वाना अरेपसः ?वा?यः ?वIव^दः.. (४)
सोम सभी रा?त? को भलीभां1त जानने वाले ह?. वे 2म? के समान ह?. सोम आ?म?ाता,
मन को पाप र1हत करने वाले व उस को एका करने वाले ह?. उस को हमारे 3लए छाना
जाता है. (४)
अभी नो वाजसातम र1यमष? शत?पृहम्.
इ?दो सहभण?सं तु1वु?नं 1वभासहम्.. (५)
हे सोम! सैकड़? लोग आप कa शंसा करते ह?. आप हजार? जीव? के पालनहार व
ब?त अ, धन और काश वाले ह?. आप हम? बु5?शाली और बलशाली पु दान कa5जए.
(५)
अभी नव?ते अmहः 1य2म??य का?यम्.
व?सं न पूव? आयु1न जात /रह7?त मातरः.. (६)
गाएं जैसे बछड़? को चाटती ह?, वैसे ही जल सोमरस म? 2मलते ह?. वे 1कसी कार का
1वोह नह? करते. वे इं को चाहने वाले सोमरस म? 2मल जाते ह?. (६)
आ हय?ताय धृ?णवे धनु?व7?त पौ ?यम्.
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शु?ा 1व य??यसुराय 1नLण^जे 1वपामे महीयुवः.. (७)
यो?ा जैसे धनुष पर डोरी चढ़ाते ह?, वैसे ही यजमान सोमरस को छानते ह?. सोम
शु? को हराने वाले और पूजनीय ह?. गाय का ?ध 2मला कर सोमरस को और े बनाया
जाता है. (७)
प/र ?य हय?त ह;र^ बुं पुन7?त वारेण.
यो देवा7?वाँ इ?प/र मदेन सह ग?छ1त.. (८)
सोमरस हराभरा और सुंदर है. उसे भेड़ के बाल? से बनी छलनी से छाना जाता है. यह
आनंददायी गुण? वाला है. यह अपने इ?ह? गुण? के साथ इं और अ?य देव? के पास जाता है.
(८)
सु?वानाया?धसो मत? न व त?चः.
अप ानमराधस हता मखं न भृगवः.. (९)
छाने जाने के समय सोम के वचन (?व1न को) 1व?न पैदा कर के संतोष पाने वाले लोग
न सुन?. भृगु नामक ऋ1ष ने जैसे मख नामक रा?स को य? ?थल से ?र हटा 0दया था, वैसे
ही यजमान य? ?थल के पास आने के इ?छुक कु?? को हटा द?. (९)
नौवां खंड
अ4भ 1या4ण पवते चनो1हतो नामा1न यो अ2ध येषु वध?ते.
आ सूय??य बृहतो बृह2ध रथं 1व?व?चम?ह1?च?णः.. (१)
हे सोम! आप 0द ?1 वाले ह?. सूय? का रथ सब जगह जा सकता है. आप उस रथ
पर 1वराजमान होते ह? और सारे संसार को देखते ह?. आप 1य जल म? 2मलते ह? एवं अ? को
बढ़ाते ह?. आप ापक होते ?ए बहते ह?. (१)
अचोदसो नो ध?व.??व?दवः ?वानासो बृहद् देवेषु हरयः.
1व 2चदाना इषयो अरातयो ऽ य? नः स?तु स1नष?तु नो 2धयः.. (२)
हे सोम! आप ?सर? से े/रत नह? होते. आप का रस हरा है. आप को 1व2धवत 1नचोड़ा
जाता है. आप हमारे य? म? पधा/रए. आप य? और यजमान के ??मन तथा दान न देने वाले
लोग? को अ कa इ?छा होने पर भी अ, धन मत द_5जए. हमारी ाथ?नाएं 5जन5जन
देवता? के 3लए ह?, वे उनउन देवता? तक प?ंच?. (२)
एष कोशे मधुमाँ अ2च?द0द??य वो वपुषो वपुमः.
अ?यृ ३ त?य सु?घा घृत?तो वाा अष?7?त पयसा च धेनवः.. (३)
हे सोम! आप का रस इं के व कa भां1त ब?त ही बलवान और मीठा है. यह रस
?व1न करता ?आ ोणकलश म? वेश करे. सोमरस कa धाराएं फल? को मधुर बनाने वाली,
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जल बरसाने वाली व ?धा? गाय? के समान आवाज करने वाली ह?. (३)
ो अयासी0द??/र??य 1न?कृत सखा स?युन? 2मना1त स2?रम्.
मय? इव युव1त4भः समष?1त सोमः कलशे शतयामना पथा.. (४)
यह सोमरस इं के पेट म? प?ंचता है. 2म कa तरह सोम इं को 1कसी भी कार का
कोई क नह? देते. युवक जैसे युव1तय? के साथ घुल2मल कर रहता है, वैसे ही सोमरस जल
के साथ घुल2मल कर रहता है. वह छलनी के अनेक छेद? से छनछन कर मटके म? जाता है.
(४)
धता? 0दवः पवते कृ?ो रसो द?ो देवानामनुमाो नृ4भः.
ह/रः सृजानो अ?यो न स?व4भवृ?था पाजा 3स कृणुषे नद_?वा.. (५)
सोमरस सब को धारण कर सकता है. यह कम? करने वाला और देवता? कa श3?
बढ़ाने वाला है. यह छनछन कर घड़े म? वेश करता है. श3?शाली यजमान इस को 1नचोड़ते
ह?. यह श3?शाली घोड़े कa तरह वेग से न0दय? के जल म? ?वयं को 2मला लेता है. (५)
वृषा मतीनां पवते 1वच?णः सोमो अां तरीतोषसां 0दवः.
ाणा 3स?धूनाँ कलशाँ अ2च?द0द??य हाा?1वश?मनी1ष4भः.. (६)
सोम सब कa इ?छा पूरी करने वाले, 1वशेष कृपा ?1 रखने वाले, उषा और सूय? कa
श3? बढ़ाने वाले ह?. 1व?ान् यजमान इसे छानते ह?. न0दय? का जल 2मला कर इसे तैयार
1कया गया है. इं के पेट म? प?ंचने के 3लए यह श?द करता ?आ घड़े म? वेश करता है. (६)
1र?मै स?त धेनवो ??1रे स?यामा3शरं परमे ोम1न.
च?वाय??या भुवना1न 1नLण^जे चा?4ण च?े य?तैरवध?त.. (७)
सोम े य? म? 1नवास करने वाले ह?. इन के 3लए इ?कaस गाएं 1नय2मत ?प से शु?
?ध देती ह?. चार? लोक? के जल, शु? ?ध होने के 3लए क?याणकारी ?प से बहते ह?. (७)
इ?ाय सोम सुषुतः प/र वापामीवा भवतु र?सा सह.
मा ते रस?य म?सत ?या1वनो 1वण?व?त इह स.??व?दवः.. (८)
हे सोम! भलीभां1त आप का रस 1नकाला जाता है. आप को इं के 3लए तैयार 1कया
गया है. रोग और रा?स आप के पास न फटक?. जो पापी लोग झूठा और स?चा दोन? तरह
का वहार करते ह?, उन पर आप कa कृपा न हो. आप हम? इस य? म? धन दान कa5जए.
(८)
असा1व सोमो अ?षो वृषा हरी राजेव द?मो अ4भ गा अ2च?दत्.
पुनानो वारम?ये?यय ?येनो न यो=न^ घृतव?तमासदत्.. (९)
सोमरस काशमान, श3?व??क और हरा है. वह राजा के समान सुंदर और देखने
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यो?य है. गाय का ?ध 2मलाने और छानने के समय यह आवाज करता है. भेड़? के बाल? से
बनी छलनी से छान कर इसे साफ 1कया जाता है. यह जलमय है. ?येन प?ी के समान यह
घड़े म? .?थत रहता है. (९)
देवम?छा मधुम?त इ?दवो ऽ 3स?यद?त गाव आ न धेनवः.
बIह^षदो वचनाव?त ऊध4भः प/रुतमु4या 1नLण^जं 2धरे.. (१०)
सोमरस मीठा है. इसे देवता? के 3लए तैयार 1कया जाता है. ?धा? गाएं जैसे अपने
बछड़? के पास जाती ह?, वैसे ही सोमरस कलश म? जाता है. य? मंडप म? गाएं इं के 3लए
अपने ?तन? से टपकने वाले ?ध म? सोमरस धारण करती ह?. (१०)
अ?ते ?ते सम?ते ?तु /रह7?त म?वा?य?ते.
3स?धो?छ् वासे पतय?तमु?ण 1हर?यपावाः पशुम?सु गृ?णते.. (११)
यजमान सोमरस म? गाय के ?ध को एकमेक कर के 2मलाते ह?. देवतागण सोमरस का
आनंद लेते ह?. यजमान इस सोमरस म? गाय का घी और शहद 2मलाते ह?. नद_ के जल म? रहने
वाले सोम को सोने से शु? कर के चमकाया जाता है. (११)
प1वं ते 1वततं ण?पते भुगा?ा4ण पय?1ष 1वतः.
अत?ततनून? तदामो अुते शृतास इ?ह?तः सं तदाशत.. (१२)
हे सोम! आप ?ान के ?वामी ह?. आप अपने प1व अंग? से सव?ापक व साम?य?वान
ह?. आप पीने वाले को बल (?फूIत^) देते ह?. 5जस ने तप, त आ0द से अपने को नह? तपाया,
उस पर आप कृपा नह? करते. तपाने या प/रप?व होने के बाद ही उपासक यजमान पर आप
कa कृपा होती है. (१२)
दसवां खंड
इ?म?छ सुता इमे वृषणं य?तु हरयः. ुे जातास इ?दवः ?वIव^दः.. (१)
सोमरस ब?त ज?द_ तैयार 1कया गया है. यह ?ान कa बढ़ोतरी करने वाला और हरा है.
यह शी ही इ?छा पूण? करने वाले श3?मान इं के पास प?ंचे. (१)
ध?वा सोम जागृ1व/र?ाये?दो प/र व. ुम?त शु?ममा भर ?वIव^दम्.. (२)
हे सोम! आप उ?साह और फुत? देने वाले ह?. आप इं के पीने के 3लए इस कलश म?
वेश कa5जए. आप हम? काशवान और ?ानवान बनाइए. (२)
सखाय आ 1न षीदत पुनानाय गायत. 3शशुं न य?ैः प/र भूषत 4ये.. (३)
हे यजमानो! आप हमारे 2म ह?. आप आइए व बै0ठए. आप सोम को छानते समय कa
जाने वाली ?तु1त गाइए. जैसे ब?चे को आभूषण? से सजाया जाता है, वैसे ही आप ह1व और
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य? के अ?य साधन? से सोम को सजाइए. (३)
तं वः सखायो मदाय पुनानम4भ गायत. 3शशुं न हैः ?वदय?त गूIत^4भः.. (४)
हे 2म यजमानो! आप सता बढ़ाने के 3लए सोम कa ?तु1त कa5जए. आप छानते
?ए सोम कa ?तु1त कa5जए. आप बालक को सजाने कa तरह ह1वय? से इ?ह? सजाइए. (४)
ाणा 3शशुम?हीना 1ह?वृत?य द_2ध1तम्. 1वा प/र 1या भुवदध 1?ता.. (५)
सोम आदरणीय जल के पु ह?. ये य? को का3शत और प/रपूण? करने वाले ह?. इन का
रस सभी ह1वय? म? रहता है. ये ?वग?लोक और पृ?वीलोक दोन? म? रहते ह?. (५)
पव?व देववीतय इ?दो धारा4भरोजसा. आ कलशं मधुमा??सोम नः सदः.. (६)
हे सोम! देवता? के पीने के 3लए आप ज?द_ से धाराधार हो कर छ1नए. आप
मदकारी ह?. आप हमारे कलश म? 1वरा5जए. (६)
सोमः पुनान ऊJम^णां वारं 1व धाव1त. अे वाचः पवमानः क1न?दत्.. (७)
सोमरस प1व और छना ?आ है. छनने म? आवाज करता ?आ वह भेड़ के बाल? से
बनी छलनी से छनता जाता है. (७)
पुनानाय वेधसे सोमाय वच उ?यते. भृ=त^ न भरा म1त4भजु?जोषते.. (८)
प1व तथा कम? करने वाले सोम के 3लए ाथ?नाएं कa जाती ह?. सेवक कa सेवा से जैसे
हम स हो जाते ह?, वैसे ही 1वशेष ाथ?ना? से हम उन को स कर?. (८)
गोम इ?दो अव?सुतः सुद? ध1नव. शु>च^ च वण?म2ध गोषु धारय.. (९)
हे सोम! आप श3?मान ह?. रस 1नचोड़ने के बाद आप हम? गोधन और अ धन
द_5जए, 1फर गाय के ?ध म? 2मल कर आप सफेद रंग वाले हो जाइए. हम सब तरह से आप
कa ?तु1त करते ह?. (९)
अ?म?यं ?वा वसु1वदम4भ वाणीरनूषत. गो4भे वण?म4भ वासयाम3स.. (१०)
हे सोम! आप धनदाता ह?. हम? धन द_5जए. हम आप कa ?तु1त करते ह?. हम आप के
रस को गोरस म? 2मलाते ह?. (१०)
पवते हय?तो ह/रर1त रा 3स र ा. अ?यष? ?तोतृ?यो वीरवशः.. (११)
हे सोम! आप मनोहर व हरे रंग के ह?. आप छनते जाइए. न छनने वाले भाग को छलनी
म? रहने द_5जए. आप हम उपासक? को यश?वी पु द_5जए. (११)
प/र कोशं मधु?त सोमः पुनानो अष?1त.
अ4भ वाणीऋ?षीणा स?ता नूषत.. (१२)
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प1व सोमरस छनछन कर घड़े म? टपकता और अपना मीठा रस ोणकलश म?
प?ंचाता है. सात छंद? (पद?) वाली ऋ1षय? कa वाणी सोम कa ?तु1त करती है. (१२)
?यारहवां खंड
पव?व मधुम?म इ?ाय सोम ?तु1व?मो मदः. म1ह ु?तमो मदः.. (१)
हे सोम! आप अ?यंत मधुर ह?. आप य? के बारे म? सब कुछ जानने वाले ह?. आप
सव??म, काशमान व तेज?वी ह?. आप इं को आनंद देने के 3लए प1व होइए. (१)
अ4भ ु?नं बृहश इष?पते 0दद_1ह देव देवयुम्. 1व कोशं म?यमं युव.. (२)
हे सोम! आप अ के ?वामी, काशमान, ?तु1त व देवता? के पीने (पाने) यो?य ह?.
आप हम? यश और बल द_5जए. आप ोणकलश? को लबालब भर द_5जए. (२)
आ सोता प/र 1ष?चतां न ?तोमम?तुर रज?तुरम्. वन?मुदुतम्.. (३)
हे यजमानो! सोम घोड़े जैसे वेगवान व ?तु1त करने यो?य ह?. वे पानी कa तरह वहमान
(बहने वाले) ह? तथा काश कa 1करण? कa तरह कह? भी शी प?ंचने वाले ह?. आप सोमरस
को 1नचो2ड़ए और उसी म? जल 2मलाइए. उस के बाद उसे गो ?ध से स?2चए. (३)
एतमु ?यं मद?युत सहधारं वृषभं 0दवो?हम्. 1वा वसू1न 1बतम्.. (४)
सोमरस सतादायी है, कई धारा? से ोणकलश म? झरता है, श3? बढ़ाने वाला है
तथा सभी धन? का ?वामी है. 1व?ान् यजमान सोमरस 1नचोड़ते ह?. (४)
स सु?वे यो वसूनां यो रायामानेता य इडानाम्. सोमो यः सु4?तीनाम्.. (५)
सोम धन, ?ध आ0द रस व श3? के ?वामी ह?. ये े संतान देने वाले ह?. यजमान े
सोमरस 1नचोड़ते ह?. (५)
?वं ा ३ ? दैं पवमान ज1नमा1न ुम?मः अमृत?वाय घोषयन्.. (६)
हे सोम! आप प1व, पूजनीय व काशवान ह?. आप देवता? के बारे म? सब कुछ
जानते ह?. आप उन कa अमरता कa घोषणा करते ह?. आप यजमान से उन कa ?तु1त कराते
ह?. (६)
एष ?य धारया सुतो ऽ ा वारे4भः पवते म0द?तमः. ?aळूJम^रपा2मव.. (७)
सोम अ?यंत आनंददायी ह?. ये जल कa लहर? कa तरह खेलतेकूदते ह?. सोमरस को भेड़
के बाल? से बनी छलनी से कलश म? धार बना कर छाना जाता है. (७)
य उ4या अ1प या अ?तर?म1न 1नगा? अकृ?तदोजसा.
अ4भ जं त8?नषे गम?ं वम?व धृ?पवा ?ज.. (८)
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सोम बादल? म? जल को 2छ4भ करते ह?. वे बादल फैलाने वाले और जल को धारण
करने वाले ह?. वे रा?स? ?ारा हरे गए गाय? और घोड़? को घेर लेते ह?. वे शुनाशक ह?.
कवचधारी वीर के समान सोम शु? को मार देते ह?. (८)
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आर?यक पव?
छठा अ?याय
पहला खंड
इ? ?यें न आ भर ओ5जं पुपु/र वः.
य0?धृ?ेम वह?त रोदसी उभे सु3श पाः.. (१)
हे इं! आप वपा4ण (हाथ म? व धारण करने वाले) ह?. आप सुंदर ठुड् डी वाले ह?.
आप हम? यश और बलदायी अ दान कa5जए. आप हम? ?वग?लोक और पृ?वीलोक दोन?
को पु बनाने वाला धन दान कa5जए. (१)
इ?ो राजा जगतष?णीनाम2ध ?मा 1व?पं यद?य.
ततो ददा1त दाशुषे वसू1न चोदाध उप?तुतं 2चदवा?क्.. (२)
इं चराचर व पृ?वी कa सभी व?तु? और धन? के ?वामी ह?. वे दानदाता को सब कार
का धन देते ह?. अ?छ_ तरह ?तु1त 1कए जाने पर वे पया??त धन देते ह?. (२)
य?येदमा रजोयुज?तुजे जने वन ?वः. इ??य र??यं बृहत्.. (३)
तेज?वी इं का दान दा1नय? और ?वग? दोन? म? शंसनीय है. इं का दान े और
संतोष देने वाला है. (३)
उ??मं व?ण पाशम?मदवाधमं 1व म?यम थाय.
अथा0द?य ते वयं तवानागसो अ0दतये ?याम.. (४)
हे व?ण! आप ऊपर और नीचे कa ओर के बंधन? को हम से ?र कa5जए. आप हमारे
सारे बंधन? को 3श3थल कa5जए. 5जस से हम आप के 1व2ध1वधान के अनुसार चल कर पाप
और क र1हत जीवन जी सक?. (४)
?वया वयं पवमानेन सोम भरे कृतं 1व 2चनुयाम शत्.
तो 2मो व?णो मामह?ताम0द1तः 3स?धुः पृ3थवी उत ौः.. (५)
हे सोम! आप जग को प1व करने वाले ह?. आप कa मदद से हम यु? म? अपना कत?
भलीभां1त 1नबाह सक?. अ0द1त, 2म, व?ण, पृ?वी, ?स^धु देवता तथा ?वग?लोक हम? यश?वी
बनाने कa कृपा कर?. (५)
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इमं वृषणं कृणुतैक2म?माम्.. (६)
हे देवताओ! आप इस सोम को बलवान बनाइए, ता1क वे हमारी मनोकामनाएं पूरी कर
सक?. हम? बलवान बना सक?. (६)
स न इ?ाय य?यवे म?? यः व/रवो1व?प/रव.. (७)
हे सोम! आप धनदाता व पूजनीय ह?. आप इं, म?द् गण और व?ण के 3लए धारा के
?प म? टप1कए. (७)
एना 1वा?यय? आ ु?ना1न मानुषाणाम्. 3सषास?तो वनामहे.. (८)
सोम कa कृपा से मनु?य? के 3लए चाहे गए सभी कार के धन हम? ा?त ह?. हम उन
धन? के े उपयोग कa इ?छा रखते ह?. (८)
अहम9?म थमजा ऋत?य पूव? देवे?यो अमृत?य नाम.
यो मा ददा1त स इदेवमावदहमममद?तम4.. (९)
म? (अ) सभी देवता? से पहले उ?प ?आ ?ं. म? 1वनाशर1हत ?ं. जो 3? अ?छे
पा को मेरा दान करता है, वह सब का क?याण करता है. जो 1कसी को दान नह? करता है,
अकेला ही अ खाता है, उसे म? समा?त कर देता ?ं. (९)
?सरा खंड
?वमेतदधारयः कृ?णासु रो1हणीषु च. प??णीषु ?श?पयः.. (१)
हे इं! काली, लाल और अनेक रंग वाली गाय? म? (सब म?) आप ने एक जैसा
चमचमाता सफेद ?ध ?था1पत 1कया है. हम आप के इस आय?जनक साम?य? कa शंसा
करते ह?. (१)
अ??च?षसः पृ4र1य उ?ा 2ममे1त भुवनेषु वाजयुः.
माया1वनो म2मरे अ?य मायया नृच?सः 1पतरो गभ?मादधुः.. (२)
उषा के संबंधी सूय? खास ह?. वे ?वयं काशमान और सब को का3शत करने वाले ह?.
वे ही जल बरसाने वाले मेघ का ?प भी ह?. वे ही आकाश म? गज?ना करते ह?. बु5?मान
देवता? ने बु5? से इस जग को रचा. मनु?य? को देखने वाले 1पतर? ने माता के पेट (गभ?) म?
इसे ?था1पत 1कया. (२)
इ? इ?य?ः सचा स8?म आ वचोयुजा. इ?ो वी 1हर?ययः.. (३)
इं के संकेत (इशारे) मा से घोड़े एक साथ रथ म? जुत जाते ह?. इं वधारी व
आभूषणधारी ह?. (३)
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इ? वाजेषु नो ऽ व सहधनेषु च. उ उा4भ?1त4भः.. (४)
हे इं! आप अ?यंत बलवान ह?. आप को कोई नह? हरा सकता. आप छोटे और बड़े
सभी कार के यु?? म? हमारी र?ा कa5जए. (४)
थ य?य सथ नामानुुभ?य ह1वषो ह1वय?त्.
धातुु?ताना?स1वतु 1व?णो रथ?तरमा जभारा व3सः.. (५)
व3स के पु थ एवं भर?ाज के पु सथ के 3लए अनुुप् छंद म? ?तु1त करते ह?. उन
के 3लए े ह1व समIप^त करते ह?. व3स ऋ1ष ने रथंतर नामक सोम को धाता और सब को
उ?प करने वाले 1व?णु से ा?त 1कया. (५)
1नयु?वा?वायवा गय शु?ो अया2मते. ग?ता3स सु?वतो गृहम्.. (६)
हे वायु! आप अपने वाहन से पधा/रए. आप के 3लए चमकता ?आ सोमरस तैयार
1कया गया है. आप 1व2ध1वधान से सोमरस तैयार करने वाले यजमान के घर पधारते ह?. आप
हमारे यहां पधा/रए. (६)
य?जायथा अपू? मघव?वृहयाय. त?पृ3थवीमथय?तद?त?ना उतो 0दवम्.. (७)
हे इं! आप अ?यंत वैभवशाली व अपूव? ह?. वृासुर के नाश के समय आप ने पृ?वी को
?ढ़ और 1व?तृत 1कया. ?वग?लोक को भी भलीभां1त .?थर 1कया. आप कa साम?य? अद् भुत
है. (७)
तीसरा खंड
म1य वच? अथो यशो ऽ थो य??य य?पयः.
परमेी जाप1तHद^1व ा2मव ? हतु.. (१)
जा? का पालन करने वाले जाप1त ?वग?लोक म? 1नवास करते ह?. वे हम? आ?म?ान
व यश देने कa कृपा कर?. वे हम? य? से संबंध रखने वाली उ?म ह1व और अ सामी दान
करने कa कृपा कर?. (१)
सं ते पया 3स समु य?तु वाजाः सं वृ??या?य4भमा1तषाहः.
आ?यायमानो अमृताय सोम 0द1व वा ?यु?मा1न 2ध?व.. (२)
हे सोम! आप शुनाशक ह?. आप ह1व के 3लए 1नधा?/रत ??ध सामी ा?त कa5जए.
अमरता पाने के 3लए आप ?वग?लोक म? े अ और े बल को ा?त कa5जए. (२)
?व2ममा ओषधीः सोम 1वा??वमपो अजनय??वं गाः.
?वमातनो?वा? ३ ?त/र?ं ?वं ?यो1तषा 1व तमो ववथ?.. (३)
हे सोम! आप ने पृ?वीलोक म? मौजूद सारी ओष2धय? को उ?प 1कया है. आप ने जल
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को उ?प 1कया है. आप ने गाय? को उ?प 1कया है. आप ने आकाश को फैलाया है. आप
ने अंधकार को ?र 1कया है. (३)
अ7?नमीळे पुरो1हतं य??य देवमृ7?वजम्. होतार र?नधातमम्.. (४)
हम यजमान संसार का क?याण करने कa इ?छा रखते ह?. हम अ7?न कa ?तु1त करते ह?.
वे य? म? देवता? के ?त ह?. हम य? म? अ7?न ?व3लत करते ह?. वे हम? सुख और ऐय?
दान करते ह?. (४)
ते म?वत थमं नाम गोनां 1ः स?त परमं नाम जानन्.
ता जानतीर?यनूषत ?ा आ1वभु?व?णीय?शसा गावः.. (५)
ऋ1षय? ने सब से पहले यह जाना 1क वाणी के श?द पूजनीय ह?. उस के बाद उ?ह?ने
सात के 1तगुने यानी इ?कaस छ?द? म? ?तो होते ह?, यह ?ान ा?त 1कया. उस के बाद वाणी
से उषा कa ?तु1त कa. उस के बाद सूय? के तेज के साथ ही काशमान अ?य ?तु1तयां
(वा4णयां) उ?प ??. (५)
सम?या य??युपय??य?याः समानमूव? न?पृण7?त.
तमू शु2च शुचयो द_0दवा समपापातमुप य??यापः.. (६)
बरसात का पानी जमीन पर 1गर कर जमीन के पानी के साथ 2मल जाता है. ये दोन?
पानी नद_ का ?प धारण कर लेते ह? और समु म? 2मल जाते ह?. वहां ये पानी समु_ अ7?न
को आनंद देते ह?. इसी कार सोमरस पानी म? 2मल कर आनं0दत करता है. (६)
आ ागा?ा युव1तरः केतू??समी?स?1त.
अभूद् भा 1नवेशनी 1व?य जगतो राी.. (७)
सूय? कa 1करण? को समेटने वाली रा1 ?पी ?ी आ गई है. यह सारे संसार को आराम
देने वाली है. यह सारे संसार का क?याण चाहने वाली है. (७)
??य वृ?णो अ?ष?य नू महः नो वचो 1वदथा जातवेदसे.
वैानराय म1तन?से शु2चः सोम इव पवते चा?र?नये.. (८)
अ7?न सव? ा?त व काशमान ह?. हम उन कa ?तु1त करते ह?. हम य? म? उन के 3लए
?तो गाते ह?. वे सभी मनु?य? का 1हत करने वाले ह?. उन के पास ?तो वैसे ही जाते ह?, जैसे
य? म? सोम जाते ह?. (८)
1वे देवा मम शृ?व?तु य?मुभे रोदसी अपां नपा?च म?म.
मा वो वचा 3स प/रच?या4ण वोच सु?ने8?व?ो अ?तमा मदेम.. (९)
सभी देवगण हमारे पूजनीय ?तो? को सुनने कa कृपा कर?. ?वग?लोक और पृ?वीलोक
दोन? हमारे ?तो? को सुनने कa कृपा कर?. अ7?न हमारे ?तो सुन?. हम कभी भी अ1य और
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?या?य वाणी न बोल?. हम देवता? कa कृपा म? रह?. उन के ?ारा 0दए गए सुख से सुखी रह?.
(९)
यशो मा ावापृ3थवी यशो मे?बृह?पती.
यशो भग?य 1व?दतु यशो मा 1तमु?यताम्.
यशसा ३ ?याः स सदो ऽ हं व1हता ?याम्.. (१०)
हम यजमान? को ?वग?लोक और पृ?वीलोक का यश ा?त हो. हम? इं और बृह?प1त
का यश भी ा?त हो. सूय? का यश मुझे 2मले. यह यश कभी हम से मुंह न मोड़े. इस सभा म?
मुझे यश 2मले. इस म? म? 1वचार ? करने कa अ?छ_ ?मता (देवता? कa कृपा से) पा
जाऊं. (१०)
इ??य नु वीया?4ण वोचं या1न चकार थमा1न वी.
अह1हम?वप?ततद? व?णा अ4भन?पव?तानाम्.. (११)
इं वधारी और श3?शाली ह?. वे बादल? को भेद कर बरसात करने वाले ह?. उ?ह?ने
न0दय? के तट बना कर पव?त? से जल बहाया. म? उन के इन अ?छे काम? का बारबार वण?न
करता ?ं. (११)
अ7?नर9?म ज?मना जातवेदा घृतं मे च?ुरमृतं म आसन्.
1धातुरक? रजसो 1वमानो ऽ जं ?यो1तह?1वर9?म सव?म्.. (१२)
म? (आ?मा) ज?म से ही अ7?न ?व?प ?ं. सब कुछ जानने वाला ?ं, काशमान ?ं. मुंह
म? अमरता देने वाली वाणी है. म? ाण, अपान, ान इन तीन? कार का ाण ?ं, आकाश
को नापने वाला वायु ?ं, काशमान सूय? ?ं, सभी कa ह1व ?ं. (१२)
पा?य7?नIव^पो अं पदं वेः पा1त यरण सूय??य.
पा1त नाभा स?तशीषा?णम7?नः पा1त देवानामुपमादमृ?वः.. (१३)
अ7?न देव सव?ापक ह?. वे पृ?वी के मु?य ?थान? कa र?ा करते ह?. वे महान ह?. वे सूय?
के माग? व अंत/र? कa र?ा करते ह?. वे अंत/र?लोक म? म?द् गण? व देवता? को 1य लगने
वाले य? कa र?ा करते ह?. वे सुंदर तथा दश?नीय ह?. (१३)
चौथा खंड
ाज??य?ने स2मधान द_0दवो 5जा चर?य?तरास1न.
स ?वं नो अ?ने पयसा वसु1व=य^ वच? ?शे ऽ दाः.. (१)
हे अ7?न! आप चमचमाते ह?. आप का मुख का3शत है. उस मुख म? जीभ अ7?न कa
?वाला म? डाली गई ह1व खाती है. आप धन देने वाले ह?. आप अ व रमणीय धन द_5जए.
(१)
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वस?त इु र??यो ी?म इु र??यः.
वषा??यनु शरदो हेम?तः 3श3शर इु र??यः.. (२)
वसंत ऋतु लुभावनी है. ी?म ऋतु लुभावनी है. वषा?, शरद, हेमंत और 3श3शर ऋतुएं
भी लुभावनी ह?. (२)
सहशीषा?ः पु?षः सहा?ः सहपात्.
स भू2म सव?तो वृ?वा?य1त?शाङ् गुलम्.. (३)
पूण? पु?ष हजार? 3सर? वाला है. वह हजार? आंख? वाला है, हजार? पैर? वाला है. वह
सारे ांड को घेर सकने म? समथ? है. 1फर भी वह बाकa रहता है. (३)
1पा??व? उदै?पु?षः पादो ऽ ?येहाभव?पुनः.
तथा 1व?वङ् ?ामदशनानशने अ4भ.. (४)
पूण? पु?ष तीन पैर? वाला है. वह ऊंचे ?थान पर वास करता है. इस पूण? पु?ष से ही
सारा संसार पैदा होता है. चेतन और अचेतन सभी म? इसी पूण? पु?ष का 1व?तार है. यह
1व1वध ?व?प? वाला है. यह सव? ा?त है. (४)
पु?ष एवेद सव? यद् भूतं य?च भाम्.
पादो ऽ ?य सवा? भूता1न 1पाद?यामृतं 0द1व.. (५)
भूत, वत?मान और भ1व?य तीन? का कता? पूण? पु?ष ही है. इस के तीन पैर अमर
?वग?लोक म? ह?. इस के शेष चौथे चरण म? सारे ाणी ह?. (५)
तावान?य म1हमा ततो ?यायाँ पू?षः. उतामृत?व?येशानो यदेना1तरोह1त.. (६)
पूण? पु?ष जड़चेतन और सम?त पृ?वी से भी 1व?तृत (बड़ा) है. वह अमरता का ?वामी
है. अ से बढ़ने वाले ा4णय? का भी ?वामी है. (६)
ततो 1वराडजायत 1वराजो अ2ध पू?षः.
स जातो अ?य/र?यत पाद् भू2ममथो पुरः.. (७)
उस पु?ष से 1वराट् (ांड) पु?ष उ?प ?आ. उस से अ?य पु?ष उ?प ?ए. उस के
बाद उस ने पशुप4?य? और अ?य जीव? को उ?प 1कया. (७)
म?ये वां ावापृ3थवी सुभोजसौ ये अथेथाम2मतम4भ योजनम्.
ावापृ3थवी भवत ?योने ते नो मु?चतम हसः.. (८)
हे ?वग?लोक और पृ?वीलोक! आप हमारे पालनहार ह?. हम आप को इसी ?प म?
जानते ह?. आप हमारा अपार वैभव बढ़ाइए. हे ?वग?लोक और पृ?वीलोक के देवता! आप हम?
सुख द_5जए. आप हम? पाप? से ?र कa5जए. (८)
हरी त इ? ?मू?युतो ते ह/रतौ हरी.
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तं ?वा ?तुव7?त कवयः प?षासो वनग?वः.. (९)
हे इं! आप कa दाढ़_मूंछ? हरी ह?. आप के घोड़े भी हरे ह?. आप े गोपालक ह?.
1व?ान् क1वजन आप कa ?तु1त करते ह?. (९)
य?च? 1हर?य?य य?ा वच? गवामुत.
स?य?य णो वच??तेन मा स सृजाम3स.. (१०)
?वण?, गाय और स?य?ान म? जो तेज9?वता है, हम उस तेज9?वता को अपने म? धारण
करना (पाना) चाहते ह?. (१०)
सह?त इ? द? योज ईशे ?य महतो 1वर9?शन्.
?तुं न नृ?ण ?थ1वरं च वाजं वृेषु शू??सहना कृधी नः.. (११)
हे इं! आप शु का नाश करने वाले ह?. आप हम? बल दान कa5जए ?य?1क आप
महान बल के ?वामी ह?. आप हमारे य? कa .?थ1त जैसा धन और साम?य? हम? द_5जए. आप
हम? ऐसी श3? द_5जए, 5जस से हम संाम? म? अपने ??मन? को हरा सक?. (११)
सहष?भाः सहव?सा उदेत 1वा ?पा4ण 1बती? यू??नीः.
उ?ः पृथुरयं वो अ?तु लोक इमा आपः सुपाणा इह ?त.. (१२)
कई रंग? वाली, बड़ेबड़े थन? (?तन?) वाली गौएं, बछड़? और बैल? के साथ हम? ा?त
ह?. यह पृ?वीलोक महान व 1वशाल है. यह आप के 1नवास यो?य है. आप को यहां सुख से
पीने यो?य जल ा?त हो. (१२)
पांचवां खंड
अ?न आयू 1ष पवस आ सुवोज?2मषं च नः. आरे बाध?व ??छुनाम्.. (१)
हे अ7?न! आप हमारे अ? कa आयु बढ़ाने कa कृपा कa5जए. आप हमारी आयु
बढ़ाइए. हमारे बल कa आयु बढ़ाइए. आप ?? को हम से ?र कa5जए. (१)
1वाड् बृह7?पबतु सो?यं म?वायुद?ध?पताव1व?तम्.
वातजूतो यो अ4भर?1त ?मना जाः 1पपIत^ ब?धा 1व राज1त.. (२)
सूय? ब?त काशमान ह?. वे खूब सोमरस पीएं. वे यजमान? को 1न?कंटक रख?. उ?ह?
द_घा?यु कर?. वायु सूय? कa 1करण? को ?र?र तक प?ंचाते ह?. उन से वे जा का पालन करते
ह?. अनेक कार से का3शत होने म? समथ? होते ह?. (२)
2चं देवानामुदगादनीकं च?ुJम^?य व?ण?या?नेः.
आा ावापृ3थवी अ?त/र? सूय? आ?मा जगत?त?थुष.. (३)
सूय? देवता? के 0द तेज का समूह ह?. वे 2म, व?ण तथा अ7?न के ने ह?. सूय? के
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उगते ही ?वग?लोक, पृ?वीलोक और अंत/र?लोक आ0द सभी उन के काश से जगमगा जाते
ह?. (३)
आयं गौः पृ4र?मीदसद?मातरं पुरः. 1पतरं च य???वः.. (४)
सूय? ग1तशील व तेज?वी ह?. वे उ0दत हो कर ऊपर .?थत हो जाते ह?. सब से पहले वे
पृ?वीलोक (माता), 1फर ?वग?लोक (1पता) 1फर अंत/र?लोक को ा?त होते ह?. (४)
अ?तर1त रोचना?य ाणादपानती. ?य?म1हषो 0दवम्.. (५)
सूय? का काश अपनी 1करण? से आकाश म? घूमता है. सूय? के उगने पर ये 1करण?
0दखती ह? और अ?त होने पर गायब हो जाती ह?. सूय? अंत/र?लोक को 1वशेष ?प से
का3शत करते ह?. (५)
1 श?ाम 1व राज1त वा?पत?ाय धीयते. 1त व?तोरह ु4भः.. (६)
0दन कa तीस घ2ड़य? तक सूय? अपनी 1करण? से का3शत होते ह?. इन सूय? के 3लए हर
एक मुख वेदवाणी उचारता है (?तु1त करता है). (६)
अप ?ये तायवो यथा न?ा य??य?ु4भः. सूराय 1वच?से.. (७)
0दन म? जैसे चोर 2छप जाते ह?, वैसे ही सूय? के उगने पर ह, न?, तारागण आ0द 2छप
जाते ह?. (७)
अ??य केतवो 1व र?मयो जनाँ अनु. ाज?तो अ?नयो यथा.. (८)
जैसे हम जलती ?ई अ7?न कa ?वाला देख सकते ह?, वैसे ही सूय? कa का3शत 1करण?
को हम देख सकते ह?. वे सब को देख सकती ह?. (८)
तर4णIव^दश?तो ?यो1त?कृद3स सूय?. 1वमाभा3स रोचनम्.. (९)
हे सूय?! आप सब को पार लगाने वाले ह?. आप सारे संसार को देख सकते ह?. आप सब
को का3शत कर सकते ह?. चंमा, ह, न? आ0द को आप ही चमकाते ह?. (९)
?यङ् देवानां 1वशः ?यङ् ङुदे1ष मानुषान्. ?यङ् 1व ?व??शे.. (१०)
हे सूय?! आप म?द् गण? के देखते ?ए उन के सामने उ0दत होते ह?. आप मनु?य? के
देखते ?ए उ0दत होते ह?. आप सभी के देखते ?ए यानी सब के सामने कट होते ह?. (१०)
येना पावक च?सा भुर?य?तं जनाँ अनु. ?वं व?ण प?य3स.. (११)
हे सूय?! आप सभी को प1व व का3शत करने वाले ह?. आप 5जस काश से सब को
का3शत करते ह? हम उस कa उपासना करते ह?. (११)
उ? यामे1ष रजः पृ?वहा 2ममानो अ?ु4भः. प?य??मा1न सूय?.. (१२)
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हे सूय?! आप देहधा/रय? को का3शत करते ह?. आप 0दन को रा1 से नापते ह?. आप
?वग?लोक और अंत/र?लोक को भी अपने काश से का3शत कर देते ह?. (१२)
अयु? स?त शु??युवः सूरो रथ?य न?् यः. ता4भया?1त ?वयु3?4भः.. (१३)
सूय? ने रथ म? घोड़े जोत रखे ह?. वे सात? घोड़े शु?कारी ह?. 1करण ?पी घोड़? से सूय?
सव? जाते ह?. (१३)
स?त ?वा ह/रतो रथे वह7?त देव सूय?. शो2च?केशं 1वच?ण.. (१४)
हे सूय?! आप का3शत करने वाले ह?. सात 1करण ?पी घोड़े आप के रथ को ले जाते
ह?. ये 1करण? शु? करने वाली ह?. (१४)
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उ?राNचbक
पहला अ?याय
पहला खंड
उपा?मै गायता नरः पवमानाये?दवे. अ4भ देवाँ इय?ते.. (१)
हे यजमानो! आप देवता? के 3लए य? करना चाहते ह?. आप छान कर साफ 1कए गए
सोमरस कa ?तु1त कa5जए. (१)
अ4भ ते मधुना पयो ऽ थवा?णो अ3शयुः. देवं देवाय देवयु.. (२)
सोमरस 0द है. यह देवता? को 1य है. इसे देवता? ने देवता? के 3लए खोजा है.
अथवा? ऋ1षय? ने गाय का ?ध 2मला कर इसे यजमान के 3लए तैयार 1कया है. (२)
स नः पव?व शं गवे शं जनाय शमव?ते. श राजोषधी?यः.. (३)
हे सोम! आप 1हतकारी ह?. आप हमारी गौ? को सुख द_5जए. आप हमारे पुपौ?
(आने वाली पी0ढ़य?) व घोड़? को सुख द_5जए. आप ओष2धय? को हमारे 3लए क?याणकारी
बनाइए. (३)
द1वुत?या ?चा प/रोभ??या कृपा. सोमाः शु?ा गवा3शरः.. (४)
सोमरस ब?त चमकaला है. इस कa धारा सब ओर टपकती ?ई आवाज करती है. साफ
1नथारे ?ए सोमरस को गाय के ?ध म? 2मलाया जाता है. (४)
1ह?वानो हेतृ4भIह^त आ वाजं वा?य?मीत्. सीद?तो वनुषो यथा.. (५)
जैसे यु?? म? शूरवीर कa शंसा होती है व उसे 1ता 2मलती है, वैसे ही य? म?
सोमरस कa यजमान शंसा करते ह? व य? भू2म म? सोम को 1ता 2मलती है. (५)
ऋध?सोम ?व?तये संज?मानो 0दवा कवे. पव?व सूय? ?शे.. (६)
हे सोम! आप बु5?मान व परमवीर ह?. आप सूय? कa भां1त ऊपर चढ़ 0द काशमय
हो कर सब का क?याण कa5जए. (६)
पवमान?य ते कवे वा5ज??सगा? असृ?त. अव??तो न व?यवः.. (७)
हे सोम! आप श3?वध?क ह?. छानते समय आप कa धार ऐसी ग1तशील होती है, जैसे
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अ?तबल से 1नकलते समय घोड़े ग1तशील होते ह?. (७)
अ?छा कोशं मधु?तमसृं वारे अये. अवावश?त धीतयः.. (८)
मधुर रस से भरे ोणकलश म? भेड़ के बाल? से बनी छलनी से यजमान सोमरस को
छानछान कर तैयार करते ह?. यजमान कa अंगु3लयां बारबार उस सोमरस को शु? करना
चाहती ह?. (८)
अ?छा समु2म?दवो ऽ ?तं गावो न धेनवः. अ?मृत?य यो1नमा.. (९)
मनु?य? को अपने ?ध से तृ?त करने वाली ?धा? गाएं जैसे अपने बाड़े म? जाती ह?, वैसे
ही छान कर घड़े म? भरे ?ए सोम य? ?थल म? जाते ह?. (९)
?सरा खंड
अ?न आ या1ह वीतये गृणानो हदातये. 1न होता स9?स बIह^1ष.. (१)
हे अ7?न! हम आप कa ?तु1त करते ह?. देवता? को ह1व प?ंचाने के 3लए हम आप का
आान करते ह?. आप य? म? कुश के आसन पर 1वरा5जए. (१)
तं ?वा स2म5?र2?रो घृतेन वध?याम3स. बृह?छोचा य1व??.. (२)
हे अ7?न! आप सुंदर व त?ण (युवा) ह?. हम स2मधा और घी से आप को ?व3लत
करते ह?. आप ?व3लत होइए. (२)
स नः पृथु वा?यम?छा देव 1ववास3स. बृहद?ने सुवीय?म्.. (३)
हे अ7?न! आप हम? यश और यशदायी ?मता दोन? ही दान कa5जए. लोग उस यश के
बारे म? सुनने (जानने) के 3लए इ?छुक रह?. (३)
आ नो 2माव?णा घृतैग?ू1तमु?तम्. म?वा रजा 3स सु?तू.. (४)
हे 2म और व?ण! आप े कम? करने वाले ह?. आप हमारे गौ ?थान? को घी, ?ध से
स?चने कa कृपा कa5जए. आप हमारे 3लए परलोक के 1नवास ?थान? को भी े, मधुर रस?
से स?चने कa कृपा कa5जए. (४)
उ?श सा नमोवृधा मा द??य राजथः. ा2घा4भः शु2चता.. (५)
हे 2माव?ण! आप प1व काय? करने वाले ह?. आप अनेक लोग? से शं3सत ह?. ह1व के
अ से आप बढ़ते ह?. आप अपनी श3? से सुशो4भत होते ह?. (५)
गृणाना जमद7?नना योनावृत?य सीदतम्. पात सोममृतावृधा.. (६)
हे 2माव?ण! जमद7?न ऋ1ष आप कa ?तु1त करते ह?. आप य? ?थान म? पधा/रए,
1वरा5जए. आप हमारे ?ारा तैयार 1कए गए सोमरस को हण कa5जए. आप हमारे य? के
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कम?फल को बढ़ाने कa कृपा कa5जए. (६)
आ या1ह सुषुमा 1ह त इ? सोमं 1पबा इमम्. इदं बIह^ः सदो मम.. (७)
हे इं! आप हमारे य? म? पधा/रए. हम ने आप के 3लए ?व?छ सोमरस तैयार 1कया है.
आप इस सोमरस को पी5जए. आप इस कुश के आसन पर 1वराजमान होइए. (७)
आ ?वा युजा हरी वहता2म? के3शना. उप ा4ण नः शृणु.. (८)
हे इं! आप के केश वाले मनोहर घोड़े मं सुनते ही वाहन म? जुत जाते ह?. आप के
घोड़े आप को य? म? लाने का क कर?. आप हमारे पास य? म? पधार कर भलीभां1त हमारी
ाथ?ना? को सुनने कa कृपा कa5जए. (८)
ाण??वा युजा वय सोमपा2म? सो2मनः. सुताव?तो हवामहे.. (९)
हे इं! यजमान सोमय? (कता?) करने वाले ह?. सोमरस तैयार करने वाले यजमान
ाण ह?. हम आप के यो?य ाथ?ना? से सोमरस पीने वाले आप को आमं1त करते ह?.
(९)
इ?ा?नी आ गत सुतं गीLभ^न?भो वरे?यम्. अ?य पातं 2धये1षता.. (१०)
हे अ7?न! हे इं! सोमरस को हम ने अपनी ?तु1तय? से प1व बनाया है. सोम ?वग? से
आए ह?. इ?ह?ने हमारे भ3? भाव को ?वीकार 1कया है. आप इस सोमरस को ?वीकार करने
कa कृपा कa5जए. (१०)
इ?ा?नी ज/रतुः सचा य?ो 5जगा1त चेतनः. अया पात2मम सुतम्.. (११)
हे अ7?न! हे इं! आप यजमान पर कृपा कa5जए. आप उन कa मदद कa5जए. सोमरस
चेतनादायी है. उस से हम य? करते ह?. आप उस सोमरस को हण करने कa कृपा कa5जए.
(११)
इ?म7?नं क1व?छदा य??य जू?या वृणे. ता सोम?येह तृ?पताम्.. (१२)
हे अ7?न! हे इं! सोम य? के मुख साधन ह?. हम उन कa ेरणा से े/रत होते ह?. आप
दोन? देवता यजमान के 3लए उपयु? फलदाता ह?. आप सोमरस पी कर तृ?त होइए और हम?
य?फल दान करने कa कृपा कa5जए. (१२)
तीसरा खंड
उ?चा ते जातम?धसो 0द1व स???या ददे. उ शम? म1ह वः.. (१)
हे सोम! ?वग?लोक म? आप ने ज?म पाया है. आप श3?व??क, सुखदायी व यशदायी
ह?. यजमान भू2मलोक पर अ के ?प म? आप को ा?त करते ह?. (१)
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स न इ?ाय य?यवे व?णाय म?द्?यः. व/रवो1व?प/र व.. (२)
हे सोम! आप धनदाता ह?. आप इं, व?ण और म?द् गण के 3लए वा1हत होने कa
कृपा कa5जए. (२)
एना 1वा?यय? आ ु?ना1न मानुषाणाम्. 3सषास?तो वनामहे.. (३)
हे सोम! आप कa कृपा से हम ने मनु?य को ा?त होने यो?य सब सुख (वैभव) पाया है.
1फर भी हम सेवा भावना से आप कa ?तु1त करते ह?. (३)
पुनानः सोम धारयापो वसानो अष?3स.
आ र?नधा यो1नमृत?य सीद?यु?सो देवो 1हर?ययः.. (४)
हे सोम! आप सोने कa तरह चमकते ह?. आप य? ?थान म? 1वरा5जए. पानी 2मला कर
छाने जाने पर धारा ?प म? आप कलश म? पधारते ह?. आप धन देने वाले ह?. (४)
?हान ऊधHद^ं मधु 1यं ?न सध?थमासदत्.
आपृ??ं ध?णं वा?यष?3स नृ4भध?तो 1वच?णः.. (५)
यजमान? ने सोमरस छाना है. यह मधुर और आनंददायी है. यह अपने ाचीन ?थान पर
प?ंचता है. हे सोम! आप खास 1नरी?ण करने वाले ह?. जो यजमान अ?छा य? करने कa
भावना रखते ह?, आप उस यजमान पर अपनी कृपा ?1 रखते ह?. (५)
तु व प/र कोशं 1न षीद नृ4भः पुनानो अ4भ वाजमष?.
अं न ?वा वा5जनं मज?य?ता ऽ ?छा बह? रशना4भन?य7?त.. (६)
हे सोम! आप ज?द_ हमारे य? म? पधा/रए. आप ज?द_ कलश म? ?था1पत हो जाइए.
यजमान आप को छानते ह?. छन कर आप ह1व के ?प म? ह1व अ को ा?त कa5जए.
श3?मान घोड़? को शु? करने कa तरह यजमान आप को शु? करते ह?. लगाम पकड़ कर
घोड़े को जैसे ले जाया जाता है, वैसे ही अंगु3लय? से यजमान आप को य? ?थान तक ले
जाते ह?. (६)
?वायुधः पवते देव इ??श9?तहा वृजना र?माणः.
1पता देवानां ज1नता सुद?ो 1व?भो 0दवो ध?णः पृ3थाः.. (७)
हे सोम! आप उ?म को0ट के अ?श? वाले शुनाशक, संर?क, उपव ?र करने
वाले, पालक, संर?क, देवता? को उ?प करने वाले ह? तथा पृ?वीलोक को धारण करते ह?.
आप ?वग?लोक को 1वशेष आधार देते ह?. ऐसा 0द सोमरस यजमान छानते ह?. (७)
ऋ1षIव^ः पुर एता जनानामृभुध?र उशना काेन.
स 2च1?वेद 1न1हतं यदासामपी?यां ३ गुं नाम गोनाम्.. (८)
उशना ऋ1ष 1व?ान्, परम?ानी, वै0दक कम?कांड म? द?, धीर, काशमान और नेतृ?व
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करने वाले ह?. उ?ह? उशना ऋ1ष ने ?तो? के मा?यम से गाय? म? गु?त ?प से रहने वाले सोम
रस को मेहनत से ा?त 1कया. (८)
चौथा खंड
अ4भ ?वा शूर नोनुमो ऽ ??धा इव धेनवः.
ईशानम?य जगतः ?व??शमीशान2म? त?थुषः.. (१)
हे इं! आप श3?मान, सव??ाता व जगत् के ?वामी ह?. जैसे 1बना ?ही ?ई गाएं रंभाती
?ई अपने बछड़? कa ओर भागती ह?, वैसे ही हम आप के दश?न और कृपा के 3लए लाला1यत
ह?. (१)
न ?वावाँ अ?यो 0दो न पाKथ^वो न जातो न ज1न?यते.
अाय?तो मघव2? वा5जनो ग?त??वा हवामहे.. (२)
हे इं! आप धनवान ह?. आप जैसा न कोई ?वग?लोक और न इस पृ?वीलोक म? ?आ है
और न होगा. हम गोधन व धनधा?य के 3लए आप कa ?तु1त करते ह?. (२)
कया न4 आ भुव?ती सदावृधः सखा. कया श2चया वृता.. (३)
इं सदैव बढ़ने वाले ह?. वे 1वल?ण, अ?यंत श3?मान व हमारे सखा ह?. हम 1कस बु5?
और 1कन संतु1दायी पदाथ? से आप कa उपासना कर?? 1कन1कन श3?य? से आप हमारे
सहयोगी ह?गे? (३)
क??वा स?यो मदानां म 1हो म?सद?धसः. ?ढा 2चदा?जे वसु.. (४)
सोम आदरणीय व स?य1न? के 3लए आनंददायी ह?. उ?ह? आनंद देने म? वे सब से आगे
ह?. सोम बलवान शु? के धन को न करने के 3लए इं को उ?साह और साम?य? दान
करते ह?. (४)
अभी षु णः सखीनाम1वता ज/रतृणाम्. शतं भवा?यूतये.. (५)
हे इं! आप हमारे 2म व यजमान? के संर?क ह?. आप हमारी सैकड़? कार से र?ा
करने के 3लए अ?छ_ तैयारी कर ली5जए. (५)
तं वो द?ममृतीषहं वसोम??दानम?धसः.
अ4भ व?सं न ?वसरेषु धेनव इ?ं गीLभ^न?वामहे.. (६)
गोशाला म? गाएं जैसे बछड़? के 3लए लाला1यत हो कर रंभाती ह?, वैसे ही हम इं कa
?तु1त के 3लए लाला1यत हो कर ाथ?ना करते ह?. वे शु? से र?ा करते ह?. वे काशमान व
सोमरस से संतु होने वाले ह?. (६)
ु? सुदानुं त1वषी4भरावृतं 1ग;र^ न पु? भोजसम्.
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?ुम?तं वाज श1तन सह4णं म?ू गोमनतमीमहे.. (७)
हे इं! आप ?वग?लोकवासी ह?. आप उ?म दान के दाता, ब?त ?मतावान व पालनहार
ह?. हम सैकड़?हजार? कa सं?या म? गोधन आप से चाहते ह?. हम चुर अ, धन आप से
चाहते ह?. (७)
तरो4भव? 1वद?सु2म? सबाध ऊतये.
बृहद् गाय?तः सुतसोमे अ?वरे ?वे भरं न का/रणम्.. (८)
ब?चे अपनी सहायता के 3लए जैसे अपने भरणपोषण करने वाल? को पुकारते ह?, वैसे
ही हम यजमान अपनी सहायता के 3लए इं को पुकारते ह?. इं वेगवान घोड़? वाले व
वैभवशाली ह?. हे याजको! आप सोमय? म? अपनी र?ा के 3लए बृह?साम का गायन करते
?ए उन कa उपासना कa5जए. (८)
न यं ?ा वर?ते न .?थरा मुरो मदेषु 3शम?धसः.
आ??या शशमानाय सु?वते दाता ज/र उ??यम्.. (९)
इं सुंदर ठुड् डी वाले ह?. श3?शाली रा?स व मरणधमा? मनु?य (1कतने ही श3?शाली
ह?) भी उ?ह? नह? हरा सकते. वे सोमरस के आनंद म? सोम य? करने वाल? को चुर यशदायी
धन देते ह?. हम मन से उन कa ?तु1त करते ह?. (९)
पांचवां खंड
?वा0दया म0दया पव?व सोम धारया. इ?ाय पातवे सुतः.. (१)
इं के पीने के 3लए ?वा0द और मीठा सोमरस तैयार 1कया गया है. वह सोमरस
अपनी पूण? मददायी धारा? से इं के 3लए झरे. (१)
र?ोहा 1वचष?4णर4भ यो1नमयोहते. ोणे सध?थमासदत्.. (२)
सोम रा?सनाशक ह?. जगा ह?. वे सोने के ोणकलश म? 1वराजमान हो कर य??थल
म? 1त2त हो गए. (२)
व/रवोधातमो भुवो म 1हो वृह?तमः. पIष^ राधो मघोनाम्.. (३)
हे सोम! आप धनदाता ह?. आप शु? के बल नाशक ह?. आप धनवान शु? के
पास मौजूद रहने वाले धन हम? दान कa5जए. (३)
पव?व मधुम?म इ?ाय सोम ?तु1व?मो मदः. म1ह ु?तमो मदः.. (४)
हे सोम! आप अ?यंत मधुर ह?. आप यजमान को कम? का फल देते ह?. आप काशमान
व तृ7?तदायी ह?. आप इं के 3लए पा म? छन कर तैयार हो जाइए. (४)
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य?य ते पी?वा वृषभो वृषायते ऽ ?य पी?वा ?वIव^दः.
स सुकेतो अ?य?मी0दषो ऽ ?छा वाजं नैतशः.. (५)
हे सोम! आप ब?त श3?मान ह?. आप को पी कर इं और श3?मान हो जाते ह?. आप
को पी कर बु5?मान भी स होते ह?. आप के भाव से इं यु?? म? घोड़े कa तरह शु?
के धन? को शी ही अपने अधीन कर लेते ह?. (५)
इ?म?छ सुता इमे वृषणं य?तु हरयः. ुे जातास इ?दवः ?वIव^दः.. (६)
सोमरस चमकaला और हरा है. वह ब?त ज?द_ छन कर पा म? प?ंच गया है. वह
ज?द_ से ज?द_ इं को ा?त हो. (६)
अयं भराय सान3स/र?ाय पवते सुतः. सोमो जै?य चेत1त यथा 1वदे.. (७)
सभी लोग? को यह पता है 1क सोमरस सेवन करने यो?य है. इसे छान कर तैयार 1कया
गया है. इसे इं के 3लए मटक? म? भरा गया है. सोमरस जीतने कa इ?छा रखने वाले इं को
यु?? म? ब?त जोश देता है. (७)
अ?ये0द?ो मदे?वा ाभं गृ?णा1त सान3सम्. वं च वृषणं भर?सम?सु5जत्.. (८)
सेवन करने यो?य सोम को पी कर और स हो कर इं धनुष धारण करते ह?. जल
वाह को जीतने वाले इं व को धारण करते ह?. (८)
पुरो5जती वो अ?धसः सुताय माद1य?नवे.
अप ान 3थन सखायो द_घ?5ज यम्.. (९)
हे यजमानो! 1न?संदेह यह सोमरस जीत 0दलाने वाला है. यह आप पूरी तरह मान
ली5जए. यह सतादायी है. आप इस कa ओर लपकने वाले लंबीलंबी जीभ वाले कु??
(रा?स?) को इस से ?र भगाइए. (९)
यो धारया पावकया प/र?य?दते सुतः. इ??रो न कृ?वयः.. (१०)
य? म? सोमरस यजमान का सहायक है. यह पारदश? धारा? से घोड़े कa तरह वेगवान
हो कर कलश म? जाता है. (१०)
तं ?रोषमभी नरः सोमं 1वा?या 2धया. य?ाय स??वयः.. (११)
हे यजमानो! सोम ?? का 1वनाश करने वाले ह?. आप उन को आमं1त कa5जए. आप
य? का आदर करते ?ए सब के क?याण कa भावना ? कa5जए. (११)
अ4भ 1या4ण पवते चनो1हतो नामा1न यो अ2ध येषु वध?ते.
आ सूय??य बृहतो बृह2ध रथं 1व?व?चम?ह1?च?णः.. (१२)
हे सोम! आप क?याणकारी, अ ?व?प व संसार को तृ7?त देने वाले ह?. आप जल को
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सब तरह से प1व करने वाले ह?. अंत/र?लोक के जल म? सोम ?यादा बढ़ते ह?. सोम सव?ा
ह?. ये सूय? के सब ओर जा सकने म? समथ? रथ पर चढ़ते ह?. (१२)
ऋत?य 5जा पवते मधु 1यं व?ा प1तJध^यो अ?या अदा?यः.
दधा1त पुः 1पोरपी?यां ३ नाम तृतीयम2ध रोचनं 0दवः.. (१३)
सोम तो जैसे य? कa जीभ ही ह?. सोमरस छनते समय आवाज करता है. यह मीठा
और 1य रस वाला है. सोम य? संबंधी 1?याकलाप? को जानने वाले व 1नभ?य ह?. वे अपने
माता1पता का नाम नह? जानते. ये यजमान ?ारा तैयार 1कए जाते ह?. ये ?वग?लोक को
चमचमाने वाले ह?. ये छन कर तैयार हो जाने पर सोमजयी नामक तीसरे नाम को हण करते
ह?. (१३)
अव ुतानः कलशाँ अ2च?दृ4भय?माणः कोश आ 1हर?यये.
अभी ऋत?य दोहना अनूषता2ध 1पृ उषसो 1व राज3स.. (१४)
यजमान सोने के कलश म? सोमरस को छानते ह?. कलश म? जाते समय सोमरस आवाज
करता है. इस सोमरस कa यजमान उपासना करते ह?. सोमरस सुबह, दोपहर और शाम—इन
तीन? सवन? (सं?या?) म? का3शत होता है. (१४)
छठा खंड
य?ाय?ा वो अ?नये 1गरा1गरा च द?से.
वयममृतं जातवेदसं 1यं 2मं न श 3सषम्.. (१)
हे यजमानो! आप उपासना करने वाले ह?. आप को हर य? म? ?व3लत हो कर बढ़ने
वाले अ7?न कa वाणी से ?तु1त करनी चा1हए. अ7?न अमर, ?ानी व हमारे 2म ह?. हम उन कa
उपासना करते ह?. (१)
ऊज? नपात स 1हनायम?मयुदा?शेम हदातये.
भुव?ाजे?व1वता भुवद् वृध उत ाता तनूनाम्.. (२)
अ7?न लगातार अ और श3?दाता ह?. वे हमारा क?याण चाहते ह?. हम देवता? तक
ह1व प?ंचाने के 3लए अ7?न देवता को ह1व दान करते ह?. वे यु?? म? हमारे र?क और हमारे
3लए ग1तकारी ह?. वे हमारे पु? के भी र?क होने कa कृपा कर?. हम उन कa उपासना करते
ह?. (२)
ए? षु वा4ण ते ऽ ?न इ?थेतरा 1गरः. ए4भव?धा?स इ??4भः.. (३)
हे अ7?न! आप आइए. हम आप के 3लए 1व2ध1वधान से ?तो उचारते ह?. आप हमारी
और ?सर? कa ?तु1तय? को सु1नए. सोमरस आप को बढ़ोतरी दान कर?. (३)
य ?व च ते मनो द?ं दधस उ?रम्. त यो=न^ कृणवसे.. (४)
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हे अ7?न! आप का मन जहां कह? भी, 5जस पर भी है, आप उसे े बल और े
आवास दान करने कa कृपा कर?. (४)
न 1ह ते पूत?म4?पद् वेमानां पते. अथा ?वो वनवसे.. (५)
हे अ7?न! आप 1नयम आ0द कa र?ा करने वाले, उन का पालन करने वाले यजमान कa
र?ा करते हो. उन का पालन करते हो. आप हमारी सेवा को ?वीकार कa5जए. आप का तेज
हमारी आंख? को 1कसी भी कार कa हा1न न प?ंचाए. (५)
वयमु ?वामपू? ?थूरं न क.?चद् भर?तो ऽ व?यवः. वA^ 2च हवामहे.. (६)
हे इं! आप अपूव?, व धारण करने वाले, 1वल?ण व सव??म ह?. हम आप को
सोमरस चढ़ाना चाहते ह?. हम आप से र?ा का अनुरोध करते ह?. हम आप को उसी तरह
पुकारते ह?, जैसे 1नब?ल 3? अपनी सहायता के 3लए सबल को पुकारता है. (६)
उप ?वा कम?ूतये स नो युवो?ाम यो धृषत्.
?वा2म?य1वतारं ववृमहे सखाय इ? सान3सम्.. (७)
हे इं! हम य? म? अपनी र?ा के 3लए आप कa शरण लेते ह?. आप शुनाशक व युवा
ह?. आप हमारे पास आइए. हमारी 2मता ?वीका/रए. आप के बारे म? 3स? है 1क आप
सेवा करने यो?य ह?. सब कa र?ा करते ह?. (७)
अधा ही? 1गव?ण उप ?वा काम ईमहे ससृ?महे. उदेव ?म?त उद4भः.. (८)
हे इं! आप उपासना करने यो?य ह?. हम आप से उसी कार अपनी इ?छा पूIत^ कa
ाथ?ना करते ह?, जैसे पानी ले जाने वाले मनु?य उस से अपनी इ?छानुसार खेलते ह?. (८)
वाण? ?वा या4भव?ध?7?त शूर ा4ण. वावृ?वा सं 2चद0वो 0दवे0दवे.. (९)
हे इं! आप वधारी व वीर ह?. न0दयां जैसे समु तक प?ंच कर उसे बढ़ाती ह?, उसी
कार हमारी ?तु1तयां आप तक प?ंच कर आप के यश को और बढ़ाती ह?. (९)
यु?7?त हरी इ1षर?य गाथयोरौ रथ उ?युगे वचोयुजा. इ?वाहा ?वIव^दा.. (१०)
इं ग1तशील ह?. उन के घोड़े उन के बड़े जुए वाले बड़े रथ म? कहने मा से ही जुत
जाते ह?. ये घोड़े गंत ?थान को भी ?वयं ही जानने वाले ह?. ये यजमान कa ?तु1त सुनते ही
1नधा?/रत जगह के 3लए चल पड़ते ह?. (१०)
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?सरा अ?याय
पहला खंड
पा?तमा वो अ?धस इ?म4भ गायत.
1वासाह शत?तुं म 1हं चष?णीनाम्.. (१)
हे यजमानो! आप इं कa ?तु1त कa5जए. वे आप के ?ारा चढ़ाए गए सोम?पी अ को
पीने वाले तथा शु? का नाश करने वाले ह?. वे सैकड़? कार के कम? करने वाले व मनु?य?
को धन देने वाले ह?. (१)
पु??तं पु?ुतं गाथा?या ३ सनुतम्. इ? इ1त वीतन.. (२)
हे यजमानो! आप इं कa उपासना कa5जए. वे ब?त 3स? ह?. वे य? म? अनेक लोग?
?ारा बुलाए जाते ह?. अनेक लोग? ?ारा उन कa उपासना कa जाती है. (२)
इ? इो महोनां दाता वाजानां नृतुः. महाँ अ4भ?वा यमत्.. (३)
हे यजमानो! इं अ और धन देने वाले ह?. वे महान देव ह?. वे हमारे सामने कट हो
कर हम? अधन आ0द देने कa कृपा कर?. (३)
व इ?ाय मादन हय?ाय गायत. सखायः सोमपा?ने.. (४)
हे यजमानो! इं ह/र नाम के घोड़े वाले ह?. वे सोमरस पीने वाले ह?. आप उन इं के
3लए मादक ?तो गाइए. (४)
श से??थ सुदानव उत ु?ं यथा नरः. यकृमा स?यराधसे.. (५)
हे यजमानो! इं े धनदाता और स?य?पी धन वाले ह?. हम 1व2ध1वधान स1हत इं
कa ?तु1त करते ह?. आप भी उन कa ?तु1त कa5जए. (५)
?वं इन इ? वाजयु??वं गुः शत?तो. ?व 1हर?ययुव?सो.. (६)
हे इं! आप सैकड़? कार के कम? करने वाले ह?. आप हम? अ, गाएं व सोना द_5जए.
(६)
वयमु ?वा त0ददथा? इ? ?वाय?तः सखायः. क?वा उ?थे4भज?र?ते.. (७)
हे इं! हम आप को अपना बनाना चाहते ह?. हम 2म भाव से आप कa उपासना करते
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ह?. हम क?वगो के ह?. हमारी संतान भी आप कa ?तु1त करती है. (७)
न घेम?यदा पपन व5पसो न1वौ. तवे? ?तोमै4केत.. (८)
हे इं! आप व धारण करने वाले ह?. य? अनुान म? आप के ?तो के अलावा हम
और कोई ?तो नह? पढ़?गे. हम आप के ही ?तो? से ?तु1त करना जानते ह?. (८)
इ?छ7?त देवाः सु?व?तं न ?वाय ?पृहय7?त. य7?त मादमत?ाः.. (९)
सोमय? करने वाल? पर देवगण कa कृपा रहती है. केवल सपने देखने वाल? से वे ेम
नह? करते ह?. प/रम करने वाले ही आनंददायी सोम को ा?त कर सकते ह?. (९)
इ?ाय म?ने सुतं प/र ोभ?तु नो 1गरः. अक?मच??तु कारवः.. (१०)
हे यजमानो! आप सराहनीय सोमरस कa उपासना कa5जए. वे उपासना के यो?य ह?. इं
सोमरस को चाहते ह?. हमारी वाणी को छाने ?ए सोमरस कa ?तु1त करनी चा1हए. (१०)
य9?म7?वा अ2ध 4यो रण7?त स?त स सदः. इ? सुते हवामहे.. (११)
इं सारी शोभा? से शो4भत ह?. य? म? सात पुरो1हत इं को ह1व देने के 3लए अनेक
मं पढ़ते ह?. हम सोमय? म? उन इं को आमं1त करते ह?. (११)
1कmकेषु चेतनं देवासो य?म?नत. त2म?ध??तु नो 1गरः.. (१२)
य? उ?साहव??क है. सभी देव य? के तीन 0दन? म? य? कa बढ़ोतरी करते ह?. हमारी
?तु1त और वा4णयां भी उस य? कa बढ़ोतरी कर?. (१२)
?सरा खंड
अयं त इ? सोमो 1नपूतो अ2ध बIह^1ष. एहीम?य वा 1पब.. (१)
हे इं! हम ने आप के 3लए छान कर सोमरस तैयार 1कया है. य? कa वेद_ पर 1बछे ?ए
कुश के आसन पर उसे 1त2त 1कया है. आप ज?द_ ही उस के 1नकट पधा/रए. उस
सोमरस को पीने कa कृपा कa5जए. (१)
शा2चगो श2चपूजनाय रणाय ते सुतः. आख?डल ?यसे.. (२)
हे इं! आप साम?य?वान व काशमान 1करण? वाले ह?. आप श3?मान, पूजनीय और
शु? का मानमद?न करने वाले ह?. हम ने आप कa तृ7?त के 3लए यह सोमरस तैयार 1कया
है. आप पधा/रए. इस सोमरस को हण कa5जए. (२)
य?ते शृ?वृषो णपा?णपा?कु?डपा?यः. ?य9?मन् द आ मनः.. (३)
हे इं! शृंगवृष ऋ1ष के पु सूय? को आप ने धुरी पर ?था1पत 1कया है. कुंडपायी य?,
5जस म? कुं2डय? से सोमरस 1पया जाता है, म? मन लगाने कa कृपा कa5जए. (३)
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आ तू न इ? ?म?तं 2चं ाभ सं गृभाय. महाह?ती द4?णेन.. (४)
हे इं! आप बड़ेबड़े हाथ? वाले ह?. आप दाएं हाथ म? हमारे 3लए यश?वी, 1वल?ण और
उपयु? धन धारण कa5जए. आप हम? उस धन को दान करने कa कृपा कa5जए. (४)
1वा 1ह ?वा तु1वकूVम^ तु1वदे?णं तुवीमघम्. तु1वमामवो4भः.. (५)
हे इं! आप ब?त श3?मान व ब?त देने यो?य संप3? वाले ह?. आप ब?त धनवान व
1वशाल आकृ1त वाले ह?. हम जानते ह? 1क आप के पास संर?ण के ब?त सारे साधन ह?. (५)
न 1ह ?वा शूर देवा न मता?सो 0द?स?तम्. भीमं न गां वारय?ते.. (६)
हे इं! आप परा?मी ह?. आप दाता ह?. जैसे भारी भरकम भयंकर बैल को कोई नह?
हटा सकता है, वैसे ही ?या देव, ?या मनु?य कोई भी आप को नह? 2डगा सकता. (६)
अ4भ ?वा वृषभा सुते सुत सृजा2म पीतये. तृ?पा ुही मदम्.. (७)
हे इं! आप बलशाली ह?. हम आप के पीने के 3लए अ?छ_ तरह छान कर सोमरस
तैयार करते ह?. आप उस मदम?त बना देने वाले सोमरस को पी कर तृ?त होइए. (७)
मा ?वा मूरा अ1व?यवो मोपह?वान आ दभन्. मा कd 1?षं वनः.. (८)
हे इं! आप ाण? से ?ेष रखने वाल? कa सेवा ?वीकार मत कa5जए. मूख? मनु?य व
?सर? कa हंसी उड़ाने वाल? पर अपनी कृपा मत कa5जए. ये लोग आप पर 1कसी तरह अपना
भाव न जमा पाएं. (८)
इह ?वा गोपरीणसं महे म?द?तु राधसे. सरो गौरो यथा 1पब.. (९)
हे इं! यजमान आप से ब?त धन पाना चाहते ह?. वे गाय के ?ध म? 2मले सोमरस से
आप को तृ?त करना चाहते ह?. 1हरण जैसे तालाब म? जल पीता है, वैसे ही आप इस य? म?
(पधार कर) सोमरस पी5जए. (९)
इदं वसो सुतम?धः 1पबा सुपूण?मुदरम्. अनाभ1य/रमा ते.. (१०)
हे इं! आप सव?ापक ह?. आप पेट भर कर इस सोमरस को पी5जए. हम आप जैसे
1नभ?य को सोमरस समIप^त करते ह?. (१०)
नृ4भध?तः सुतो अैरा वारैः प/रपूतः. अो न 1न?ो नद_षु.. (११)
हे इं! नद_ के पानी म? धो कर जैसे घोड़े को साफ करते ह?, वैसे ही पानी म? प?थर? से
कूट कर इस सोमरस को साफ 1कया है. प?थर? से कूट कर इस का रस 1नचोड़ा है. भेड़ के
बाल? कa छलनी से छानछान कर इसे साफ 1कया है. (११)
तं ते यवं यथा गो4भः ?वा?मकम? ीण?तः. इ? ?वा9?म??सधमादे.. (१२)
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हे इं! जौ से 5जस कार पुरोडाश (भोग) बनाया जाता है, उसी कार सोम रस म?
गाय का ?ध 2मला कर उसे हम ने तैयार 1कया है. वह सोमरस ?वा0द है. हम उसी सोमरस
को पीने के 3लए य? म? आप को आमं1त करते ह?. (१२)
तीसरा खंड
इद ?वोजसा सुत राधानां पते. 1पबा ?वा ३ ?य 1गव?णः.. (१)
हे इं! आप धनप1त, उपासना के यो?य व बलशाली ह?. आप 1नयमपूव?क सं?कार 1कए
गए इस सोमरस को शी हण कa5जए. (१)
य?ते अनु ?वधामस?सुते 1न य?छ त?वम्. स ?वा मम?ु सो?य.. (२)
हे इं! आप सोम के यो?य ह?. यह सोमरस आप के 3लए तृ7?तदायी हो. यह सोमरस
अ ?व?प है. आप इस सोमरस म? सशरीर पधा/रए. (२)
ते अोतु कु?योः े? णा 3शरः. बा? शूर राधसा.. (३)
हे इं! आप श3?मान ह?. 1वशु? सोम ाथ?ना? से आप के 3सर, दोन? भुजा? व
कांख? तक प?ंचे. हम आप से धन चाहते ह?. (३)
आ ?वेता 1न षीदते?म4भ गायत. सखाय ?तोमवाहसः.. (४)
हे यजमानो! आप इं को स करने के 3लए शी आइए, बै0ठए. उन के 3लए ाथ?ना
व उपासना कa5जए. (४)
पु?तमं पु?णामीशानं वाया?णाम्. इ? सोमे सचा सुते.. (५)
हे यजमानो! आप इकट् ठे होइए. इं शु? को हराने कa साम?य? रखते ह?. वे ऐय? के
?वामी ह?. आप सभी उन कa उपासना कa5जए. (५)
स घा नो योग आ भुव?स राये स पु???या. गम?ाजे4भरा स नः.. (६)
हे इं! आप हम? वीर बनाइए और 1नखा/रए. आप हम? समृ5? दान कa5जए. आप हम?
?ान व पोषकता दान कa5जए. आप हमारे समीप पधारने कa कृपा कa5जए. (६)
योगेयोगे तव?तरं वाजेवाजे हवामहे. सखाय इ?मूतये.. (७)
हे यजमानो! हम पर बारबार काम? म? अपनी र?ा के 3लए अपने 2म इं का आान
करते ह?. (७)
अनु ?न?यौकसो ?वे तु1व=त^ नरम्. यं ते पूव? 1पता ?वे.. (८)
इं ?वग?वासी ह?. वे ब?त लोग? कa मदद करते ह?. हमारे 1पता (पूव?ज?) ने उन का
आान 1कया था. हम भी उन का आान करते ह?. (८)
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आ घा गम0द व?सह4णी4भ?1त4भः. वाजे4भ?प नो हवम्.. (९)
हे यजमानो! हम? आशा है 1क इं हमारी ाथ?ना से स ह?गे. वे अपनी र?ा और
वैभव के साथ हमारे पास अव?य पधार?गे. (९)
इ? सुतेषु सोमेषु ?तुं पुनीष उ??यम्. 1वदे वृध?य र??य महाँ 1ह षः.. (१०)
हे इं! आप के पु आप के 3लए सोमरस प/र?कृत करते ह?. आप महान ह?. आप उन
के य?? तथा उन के ?तो? कa बढ़ोतरी करते ह?. (१०)
स थमे ोम1न देवाना सदने वृधः. सुपारः सुव?तमः सम?सु5जत्.. (११)
हे यजमानो! इं थम देवता ह?. वे आकाश म? देवता? के आवास म? 1नवास करते ह?.
वे भलीभां1त हमारी र?ा करते ह?. वे हम? यश दान करते ह?. वे असुर 1वजेता ह?. हम उन का
आान करते ह?. (११)
तमु ?वे वाजसातय इ?ं भराय शु9?मणम्. भवा नः सु?ने अ?तम् सखा वृधे.. (१२)
हे इं! हम अा7?त के 3लए आप का आान करते ह?. हम अपने भरणपोषण के
3लए आप का आान करते ह?. हम सुमन (अ?छे मन वाले) व आप के सखा बन?. आप
हमारी बढ़ोतरी म? हमारा सहयोग करने कa कृपा कa5जए. (१२)
चौथा खंड
एना वो अ7?नं नमसोज? नपातमा ?वे.
1यं चे1तमर1त ?व?वरं 1व?य ?तममृतम्.. (१)
हे अ7?न! आप 1व के ?त ह?. आप अमर, 1य व अ?य ह?. हम अपने य? म? आप का
आान करते ह?. (१)
स योजते अ?षा 1वमोजसा स ?व??वा?तः.
सुा य?ः सुशमी वसूनां देव राधो जनानाम्.. (२)
अ7?न लोग? के 3लए धन ?व?प, 1व?ान्, संयमशील व सब को जोड़ते ह?. आप सम?त
1व को ओज से पूण? करते ह?. हम आप का आान करते ह?. (२)
?यु अद?या?य?यू ३ ?छ?ती ?1हता 0दवः.
अपो मही वृणुते च?ुषा तमो ?यो1त?कृणो1त सूनरी.. (३)
उषा ?वग?लोक कa पुी व अंधकार को ?र करती ह?. वे अपनी 1करण? से सभी को
का3शत करती ह?. वे आंख कa ?यो1त ह?. वे अंधकार म? ?यो1त ह?. वे उ?म नारी ह?. (३)
उ?4याः सृजते सूय?ः सचा उ?मJच^वत्.
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तवे?षो ु1ष सूय??य च सं भ?ेन गमेम1ह.. (४)
सूय?, न? और ह ये तीन? आकाश को काशमान करते ह?. सूय? अपनी 1करण? का
सार करते ह? और काश से हम भ?? तक प?ंचते ह?. (४)
इमा उ वां 0द1वय उा हव?ते अ4ना.
अयं वामे ऽ वसे शचीवसू 1वशं1वश 1ह ग?छथः.. (५)
हे अ4नीकुमारो! आप ?वग?लोक के वासी ह?. ?वग? ा?त करने के इ?छुक लोग अपनी
इ?छापूIत^ के 3लए आप का आान करते ह?. आप ?तु1त करने वाल? के पास प?ंचते ह?. हम
आप का आान करते ह?. (५)
युवं 2चं ददथुभ?जनं नरा चोदथा सूनृतावते.
अवा?थ समनसा 1न य?छतं 1पबत सो?यं मधु.. (६)
हे अ4नीकुमारो! आप युवा नेता ह? और े आहार देने वाले व ?तु1त करने वाल? को
े/रत करते ह?. कृपया आप अपना रथ रो1कए. आप अपना मन लगा कर मधुर सोमरस का
पान कa5जए. (६)
पांचवां खंड
अ?य ?नामनु ुत शु?ं ??े अयः. पयः सहसामृ1षम्.. (१)
सोमरस चमकaला, ?ान बढ़ाने वाला व मनोकामना पूरी करने वाला है. ऋ1षय? ने इस
के सह ?व?प का ?मरण कर के इसे तैयार 1कया है. (१)
अय सूय? इवोप?गय सरा 3स धाव1त. स?त वत आ 0दवम्.. (२)
सोम सात धारा? से उसी कार दौड़ते ह? (वा1हत होते ह?), 5जस तरह सूय? ?वग?लोक
से सात 1करण? से धरती पर आने के 3लए दौड़ते ह?. (२)
अयं 1वा1न 1त1त पुनानो भुवनोप/र. सोमो देवो न सूय?ः.. (३)
सोम सभी भुवन? के ऊपर 1त2त ह? व सम?त संसार पर राज करते ह?. वे हमारे सूय?
ह?. (३)
एष ?नेन ज?मना देवो देवे?यः सुतः. ह/रः प1वे अष?1त.. (४)
सोमरस 0द है. देवता सं?कारपूव?क उसे प/र?कृत करते ह?. वह हरा है और उसे प1व
छलनी म? प/र?कृत 1कया जाता है. (४)
एष ?नेन म?मना देवो देवे?य?प/र. क1वIव^ेण वावृधे.. (५)
सोम क1व और 1व?ान? से शंसा ा?त करते ह?. वे सभी देवता? से ऊपर ह?. उन को
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सं?कारपूव?क अनेक 1व2धय? से प/र?कृत 1कया जाता है. (५)
?हानः ?न2म?पयः प1वे प/र 1ष?यसे. ??दं देवाँ अजीजनः.. (६)
सोमरस को छलनी से प/र?कृत 1कया जाता है और उसे बरतन (पा) म? 1नचोड़ा जाता
है. सोम आवाज करते ?ए पा म? जाते ह? तो लगता है मानो वे देवता? का आान कर रहे
ह?. (६)
उप 3श?ापत?थुषो 4भयसमा धे1ह शवे. पवमान 1वदा र1यम्.. (७)
हे सोम! आप अक?याणका/रय? को भयभीत कa5जए. आप हमारा माग?दश?न कa5जए.
आप हम? धनधा?य से प/रपूण? करने कa कृपा कa5जए. (७)
उपो षु जातम?तुरं गो4भभ?? प/र?कृतम्. इ??ं देवा अया3सषुः.. (८)
सोमरस को 1नचोड़ा जाता है. त?पात उस को प/र?कृत 1कया जाता है. 1फर जल म?
2मलाया जाता है. आप को गाय के ?ध म? 2मलाया जाता है. देवता भी सोम को बुलाते ह?.
(८)
उपा?मै गायता नरः पवमानाये?दवे. अ4भ देवाँ इय?ते... (९)
हे यजमानो! आप देवता? के गुण गाने कa अपे?ा सोम के गुण गाइए. (९)
छठा खंड
सोमासो 1वप4तो ऽ पो नय?त ऊम?यः. वना1न म1हषा इव.. (१)
सागर कa लहर? सागर म? जैसे 2मल जाती ह?, वैसे सोमरस जल म? 2मल जाता है. वन म?
2मले भ?स? कa तरह सोमरस जल म? एकमेक हो जाता है. (१)
अ4भ ोणा1न बवः शु?ा ऋत?य धारया. वाजं गोम?तम?रन्.. (२)
सोमरस चमकaला है. वह अपनी ऋत कa धारा से भूरा सोम गाय के ?ध म? झरता है.
वह श3?मान है. (२)
सुता इ?ाय वायवे व?णाय म?द्?यः. सोमा अष??तु 1व?णवे.. (३)
सोम इं, वायु, म?द् गण? व 1व?णु को ा?त ह?. (३)
सोम देववीतये 3स?धुन? 1प?ये अण?सा.
अ शोः पयसा म0दरो न जागृ1वर?छा कोशं मधु?तम्.. (४)
हे सोम! आप को पानी से भरीपूरी न0दय? कa तरह पानी म? 2मलाया जाता है. आप
म0दर (आनंददायी) व जात ह?. मधुरता चुआते ?ए सोमरस (पा म?) इकट् ठा होता है. (४)
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आ हय?तो अजु?नो अ?के अत 1यः सूनुन? म?य?ः.
तमी 1ह?व??यपसो यथा रथं नद_?वा गभ??योः.. (५)
सोमरस को ब?चे कa तरह साफसुथरा बना 3लया है. 1य सोमरस को तेज ग1त से जल
म? 2मलाया जाता है. वह वैसे ही वेग से पानी म? 2मलता है, जैसे यु? म? तेज ग1त से कोई रथ
जाता है. (५)
सोमासो मद?युतः वसे नो मघोनाम्. सुता 1वदथे अ?मुः.. (६)
सोमरस आनंद बरसाने वाला व यशदाता है. वह य? म? 1नरंतर प?ंच कर इ?छा? कa
पूIत^ करता है. (६)
आद_ ह सो यथा गणं 1व?यावीवश?म1तम्.
अ?यो न गो4भर?यते.. (७)
सोमरस हंस कa ग1त से जाता है. वह संसार के बु5?मान? कa बु5? तक प?ंच रखता
है. (७)
आदb 1त?य योषणे ह/र 1ह?व??य04भः. इ??2म?ाय पीतये.. (८)
सोमरस हरा है. इसे प?थर? से कूट कर 1नचोड़ा जाता है. उस को तीन ऋ1षय? कa
अंगु3लय? से इं के पीने के 3लए 1नचोड़ा जाता है. (८)
अया पव?व देवयू रेभ?प1वं पय?1ष 1वतः. मधोधा?रा असृ?त.. (९)
हे सोम! आप देवता? से 2मलने के इ?छुक ह?. आप प1व और अ1वरल मीठ` धारा से
झरते ह? व आवाज करते ?ए वा1हत होते ह?. (९)
पवते हय?तो ह/रर1त रा 3स र ा. अ?यष? ?तोतृ?यो वीरवशः.. (१०)
सोमरस प1व और हरा है. वह परा?मी संतान और यश ा7?त के इ?छुक यजमान? के
3लए वा1हत होता है. (१०)
सु?वानाया?धसो मत? न व त?चः.
अप ानमराधसं हता मखं न भृगवः.. (११)
प/र?कृत 1कए जाते समय सोमरस आवाज करता है. ? लोग इस आवाज को न सुन?.
भृगु? ने जैसे मख को ?र 1कया, उसी तरह पापी और कु?? को य? से ?र 1कया जाए.
(११)
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तीसरा अ?याय
पहला खंड
पव?व वाचो अ1यः सोम 2चा4भ?1त4भः. अ4भ 1वा1न काा.. (१)
हे सोम! आप मुख ह?, आगे कa पं3? म? रहने वाले ह?. आप हमारी ?तु1तय? पर ?यान
द_5जए. हमारी सभी ?तु1तय? और ाथ?ना? को सु1नए. आप पूजनीय व संर?णशील ह?.
(१)
?व समु0या अपो ऽ 1यो वाच ईरयन्. पव?व 1वचष?णे.. (२)
हे सोम! आप सभी के कम? को ?यान से देखने वाले ह?. आप अग?य ?तु1तय? के
ेरक ह?. अंत/र? के जल आप को ा?त होते ह?. (२)
तु?येमा भुवना कवे म1ह?ने सोम त.?थरे. तु?यं धाव7?त धेनवः.. (३)
हे सोम! आप के ही 3लए ये लोक .?थर ह?. आप कa महानता के कारण ये लोक .?थर
ह?. गाएं आप को ?ध देने के 3लए दौड़दौड़ कर आप के पास आ रही ह?. (३)
पव?वे?दो वृषा सुतः कृधी नो यशसो जने. 1वा अप 1?षो ज1ह.. (४)
छाना ?आ आप का रस ?फूIत^दायी है. आप छनते ?ए अपनी धारा? से प1व होइए.
हम लोग? को यश?वी बनाइए. हमारे सभी शु? का नाश कa5जए. (४)
य?य ते स?ये वय सासाम पृत?यतः. तवे?दो ु?न उ?मे.. (५)
हे सोम! हम आप के 2म ह?. हम ने आप से तेज9?वता पाई है. हम सभी शु? को
न करने कa ?मता वाले हो गए ह?. (५)
या ते भीमा?यायुधा 1त?मा1न स7?त धूव?णे. र?ा सम?य नो 1नदः.. (६)
हे सोम! आप के अ?श? भयंकर ह?. वे शु? को डरा देने वाले ह?. उन कa सहायता
से शु? ?ारा कa गई =न^दा कa पीड़ा से हमारी र?ा कa5जए. (६)
वृषा सोम ुमाँ अ3स वृषा देव वृषतः. वृषा धमा?4ण द2षे.. (७)
हे सोम! आप श3?मान, काशमान, इ?छापूरक एवं बल बढ़ाने के 3लए संक?पशील
ह?. हे इ?छापूरक! आप देवता और मनु?य सब के 3लए क?याणकारी कम? धारण करने वाले
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ह?. (७)
वृ?ण?ते वृ?णय शवो वृषा वनं वृषा सुतः. स ?वं वृष?वृषेद3स.. (८)
हे सोम! आप श3?शाली, ब?त साम?य?वान ह?. आप कa सेवा भी श3?व??क है. आप
का रस एवं आप ?वयं भी बलव??क ह?. (८)
अो न ?दो वृषा सं गा इ?दो समव?तः. 1व नो राये ?रो वृ2ध.. (९)
हे सोम! आप श3?मान ह?. आप घोड़े कa तरह आवाज करते ह?. आप हम? गोधन और
अधन देते ह?. आप हमारे 3लए धन के ?ार खोलते ह?. (९)
वृषा 3स भानुना ुम?तं ?वा हवामहे. पवमान ?व??शम्.. (१०)
हे सोम! आप अव?य ही श3?व??क ह?. आप प1व व काशमान ह?. हम य? म? आप
को बुलाते ह?. (१०)
यद0द् भः प/र1ष?यसे ममृ??यमान आयु4भः. ोणे सध?थमुषे.. (११)
हे सोम! यजमान आप को शु? बनाते ह?. जल से आप को स?चा जाता है. जल 2मलाने
के बाद आप को ोणकलश म? ?था1पत 1कया जाता है. (११)
आ पव?व सुवीय? म?दमानः ?वायुध. इहो 8?व?दवा ग1ह.. (१२)
हे सोम! हमारे य? म? पधार कर आप उस कa शोभा बढ़ाइए. आप आनंददायी ह?. आप
हम? वीर बनाइए. हम? े वीय? (संतान) दान कa5जए. (१२)
पवमान?य ते वयं प1वम?यु?दतः. स6ख?वमा वृणीमहे.. (१३)
हे सोम! छलनी म? छन कर प1व होने वाले आप से हम 2मता कa इ?छा रखते ह?.
(१३)
ये ते प1वमूम?यो ऽ 4भ?र7?त धारया. ते4भन?ः सोम मृडय.. (१४)
हे सोम! अपनी लहर? जैसी झरती ?ई प1व धारा? से हम? सुख दान कa5जए. (१४)
स नः पुनान आ भर र=य^ वीरवती2मषम्. ईशानः सोम 1वतः.. (१५)
हे सोम! आप संसार के ईर व प1व ह?. आप हम? धनवान, अवान और वीर पुवान
बनाने कa कृपा कa5जए. (१५)
?सरा खंड
अ7?नं ?तं वृणीमहे होतारं 1ववेदसम्. अ?य य??य सु?तुम्.. (१)
अ7?न सभी धन पास रखने वाले, देवता? को य? म? बुलाने वाले, य? को ठ`क तरह
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कराने वाले व देव? को ह1व प?ंचाने वाले ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (१)
अ7?नम7?न हवीम4भः सदा हव?त 1व?प1तम्. हवाहं पु?1यम्.. (२)
हे अ7?न! आप जापालक, ह1ववाहक, सव?1य, बुलाने यो?य व अनेक नाम वाले ह?.
आप हम सब के नेता ह?. हम मं? से आप का आान करते ह?. (२)
अ?ने देवाँ इहा वह ज?ानो वृ?बIह^षे. अ3स होता न ई?ः.. (३)
हे अ7?न! आप अर4णय? से उ?प होने वाले व देवता? के ?त ह?. आप आसन फैलाने
वाले यजमान के 3लए देवता? को बुला लाइए. आप मददगार और उपासना के यो?य ह?.
(३)
2मं वय हवामहे व?ण सोमपीतये. या जाता पूतद?सा.. (४)
हम शु?, बलवान और य??थल म? कट होने वाले 2म और व?ण देवता का सोमरस
पीने के 3लए य? म? आान करते ह?. (४)
ऋतेन यावृतावृधावृत?य ?यो1तष?पती. ता 2माव?णा ?वे.. (५)
2म और व?ण देवता यजमान पर दयालु ह?. वे स?यमाIग^य? पर कृपालु ह?. उन
काशमान 2म और व?ण देवता? का हम आान करते ह?. (५)
व?णः ा1वता भुव9?मो 1वा4भ?1त4भः. करतां नः सुराधसः.. (६)
2म और व?ण देवता अपने सभी र?ा साधन? से हमारी र?ा कर?. वे हमारे शरणदाता
ह?. वे हम? यश?वी धन दान करने कa कृपा कर?. (६)
इ?2मद् गा3थनो बृह0द?मक?4भरIक^णः. इ?ं वाणीरनूषत.. (७)
साम गाने वाले पुरो1हत? ने बृह?साम गा कर इं कa ?तु1त कa. यजमान? ने भी मं गा
कर इं कa ?तु1त कa. शेष बचे ?ए लोग? ने भी वाणी से इं कa ?तु1त कa. (७)
इ? इ?य?ः सचा स8?म आ वचोयुजा. इ?ो वी 1हर?ययः.. (८)
इं वधारी ह?. वे सोने के आभूषणधारी ह?. उन कa वाणी सुनते ही ह/र नामक घोड़े
रथ म? जुत जाते ह?. अब वे अपने उ?ह? घोड़? को एक साथ रथ म? जोतने वाले ह?. (८)
इ? वाजेषु नो ऽ व सहधनेषु च. उ उा4भ?1त4भः.. (९)
हे इं! आप 1कसी से नह? हार सकते. आप हम? अपना बल संर?ण दान कa5जए.
5जन यु?? म? हजार? हाथीघोड़? का लाभ होता है, उन यु?? म? भी आप हमारी सहायता
कa5जए. (९)
इ?ो द_घा?य च?स आ सूय? रोहय0?1व. 1व गो4भर0मैरयत्.. (१०)
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हे इं! संसार को काश देने के 3लए आप ने ?वग?लोक म? सूय? कa ?थापना कa. उसी
कार अपनी र.?मय? (1करण?) से बरसात के 3लए बादल? को े/रत 1कया. (९०)
इ?े अ?ना नमो बृह?सुवृ3?मेरयामहे. 2धया धेना अव?यवः.. (११)
अपने संर?ण कa कामना से हम अ7?न और इं के पास ह1व और ?तु1त प?ंचाते ह?.
हम बु5? और मनोयोग से दोन? देवता? कa उपासना करते ह?. (११)
ता 1ह श?त ईडत इ?था 1वाय ऊतये. सबाधो वाजसातये.. (१२)
अनेक बु5?मान लोग अ7?न और इं कa र?ा के 3लए उपासना करते ह?. वे लोग वैसे ही
उन कa उपासना करते ह?, जैसे अ के 3लए लड़तेझगड़ते ह?. (१२)
ता वां गीLभ^Iव^प?यवः य?व?तो हवामहे. मेधसाता स1न?यवः.. (१३)
हम ?तु1तय? से अ7?न और इं कa उपासना करते ह?. उन को आमं1त करते ह?. हम धन
के इ?छुक ह1व के साथ आप दोन? को य? म? आमं1त करते ह?. (१३)
तीसरा खंड
वृषा पव?व धारया म??वते च म?सरः. 1वा दधान ओजसा.. (१)
हे सोम! आप श3?व??क ह?. आप धारा ?प म? छ1नए. आप ोणकलश म? पधा/रए.
आप अपने बल से 1व को धारण करने वाले म?त? के 2म इं को आनंद दान कa5जए.
(१)
तं ?वा धता?रमो?यो ३: पवमान ?व??शम्. 1ह?वे वाजेषु वा5जनम्.. (२)
हे सोम! आप प1व, ?वग?लोक, पृ?वीलोक को धारण करने वाले व सव?ा ह?. आप
को हम यु?? म? जाने के 3लए े/रत करते ह?. हम? आप अ आ0द द_5जए. (२)
अया 2च?ो 1वपानया ह/रः पव?य धारया. युजं वाजेषु चोदय.. (३)
हे सोम! आप हरे ह?. आप को अंगु3लय? से 1नचोड़ा गया है. आप ोणकलश म? धारा
?प म? झरते जाइए. आप अपने 2म इं को यु?? म? जाने के 3लए े/रत कa5जए. (३)
वृषा शोणो अ4भक1न?दद् गा नदये1ष पृ3थवीमुत ाम्.
इ??येव व?नुरा शृ?व आजौ चोदयष?3स वाचमेमाम्.. (४)
हे सोम! हमारी ाथ?ना? को सुन कर आप उसी तरह आवाज करते ह?, जैसे गाय? को
देख कर लाल बैल आवाज करता है. आप ?वग?लोक और पृ?वीलोक पर पधारते ह?. इं के
श?द? के समान हम आप कa आवाज सुनते ह?. आप अपना ?व?प सब को बोध कराते ह?.
यजमान कa ाथ?ना? को सुनने कa कृपा करते ह?. (४)
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रसा?यः पयसा 1प?वमान ईरये1ष मधुम?तम शुम्.
पवमान स?त1नमे1ष कृ?व2?ाय सोम प/र1ष?यमानः.. (५)
?वा0द और मीठा सोमरस गाय का ?ध 2मलाने से और ?वा0द और मीठा हो जाता
है. पानी 2मला कर छानने पर धारा ?प धारण कर के सोम इं को ा?त हो जाते ह?. (५)
एवा पव?व म0दरो मदायोदाभ?य नमय?वध?नुम्.
प/र वण? भरमाणो ?श?तं गुन? अष? प/र सोम 3स?ः.. (६)
हे सोम! आप ?फूIत^दायी ह?. आप वृासुर का वध हो जाने के बाद पानी बहाने वाले
मेघ? को झुकाइए. उन के जल म? 2मल कर छनते जाइए. आनंददायी होइए. आप पानी म?
2मल कर और चमकaले हो जाइए. आप गाय के ?ध के ?प म? हमारे चार? ओर वा1हत
होइए. (६)
चौथा खंड
?वा2म5? हवामहे सातौ वाज?य कारवः.
?वां वृे8?व? स?प=त^ नर??वां काा?वव?तः.. (१)
हे इं! हम यजमान अपने अ कa बढ़ोतरी कa आकां?ा से आप को आमं1त करते
ह?. आप पव?तवासी, स?प1त व वृहंता ह?. े जन 1वप3? के समय आप को ?मरण करते
ह?. (१)
स ?वं न4 वह?त धृ?णुया मह ?तवानो अ0वः.
गाम र?य2म? सं 1कर सा वाजं न 5ज?युषे.. (२)
हे इं! आप हाथ म? व धारण करते ह?. आप बलधारी व श3?धारी ह?. आप यजमान?
कa ाथ?ना से स होइए. उ?ह? अधन दान करने कa कृपा कa5जए. (२)
अ4भ वः सुराधस2म?मच? यथा 1वदे.
यो ज/रतृ?यो मघवा पु?वसुः सहेणेव 3श?1त.. (३)
हे यजमानो! इं नाना कार के वैभव देने वाले ह?. आप हजार? 1व2धय? से उ?ह? स
करने कa को3शश करो. (३)
शतानीकेव 5जगा1त धृ?णुया ह7?त वृा4ण दाशुषे.
1गरे/रव रसा अ?य 1प7?वरे दा4ण पु?भोजसः.. (४)
??मन? का संहार करते समय इं यजमान कa वैसे ही र?ा करते ह?, जैसे सेनानी शु
पर चढ़ाई के समय सेना कa. उन का यह संर?ण यजमान? को झरने के जल कa तरह शां1त
और तृ7?त दान करता है. (४)
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?वा2मदा ो नरो ऽ पी?य?व5न् भूण?यः.
स इ? ?तोमवाहस इह ु?युप ?वसरमा ग1ह.. (५)
हे वधारी इं! यजमान आप को ह1व दान करते ह?. वे ही यजमान आप को सोमरस
भ?ट करते ह?. ?तोता (उपासक) आप के 3लए साम गा रहे ह?. आप सु1नए और य? म?
पधा/रए. (५)
म??वा सु3श1?ह/रव?तमीमहे ?वया भूष7?त वेधसः.
तव वा ?युपमा?यु??य सुते8?व? 1गव?णः.. (६)
हे सुंदर ठुड् डी वाले इं! आप अ?श?धारी ह?. आप उपासना के यो?य ह?. हम
यजमान अनेक कार कa सामी से आप कa पूजा करते ह?. हम आप को सजाते व सोमरस
से छकाते ह?. हम और भी 1य पदाथ? आप को भ?ट करते ह?. आप अपालक ह?. (६)
पांचवां खंड
य?ते मदो वरे?य?तेना पव?वा?धसा. देवावीरघश सहा.. (१)
हे सोम! आप का रस वरे?य, मददायी व 0द ह?. आप प/र?कृत होइए. (१)
ज8?नवृ?म2म1य स9?नवा?जं 0दवे0दवे. गोषा1तरसा अ3स.. (२)
हे सोम! आप वृासुर अ2म? (शु?) के नाशक, 0द व संघष?शील ह?. आप गोधन
व अधन दान करते ह?. (२)
स8?मो अ?षो भुवः सूप?था4भन? धेनु4भः. सीदं ??ेनो न यो1नमा.. (३)
हे सोम! बाज जैसे घ?सले म? सुशो4भत होता है, उसी कार आप अपने सदन म?
सुशो4भत होते ह?. आप गाय? के ?ध म? 2मलने पर चमचमाते ह?. (३)
अयं पूषा र1यभ?गः सोमः पुनानो अष?1त.
प1तIव^?य भूमनो ?योदसी उभे.. (४)
हे सोम! आप 1वप1त व प1व ह?. आप पूषा और भग के 3लए वा1हत होइए. आप
पृ?वीलोक और ?वग?लोक दोन? को का3शत करते ह?. (४)
समु 1या अनूषत गावो मदाय घृ?वयः.
सोमासः कृ?वते पथः पवमानास इ?दवः.. (५)
हे सोम! आप मददायी व 1य ह?. आप के 3लए कa गई ?तु1तयां एक?सरे से होड़ करती
ह?. आप सभी का पथदश?न करते ह?. (५)
य ओ5ज?तमा भर पवनाम वा?यम्.
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यः प?च चष?णीर4भ र=य^ येन वनामहे.. (६)
सोम ओजवान, अंधकार ?र करने वाले और प1व ह?. आप पंच? से शंसा ा?त करने
यो?य रस हम? दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
वृषा मतीनां पवते 1वच?णः सोमो अां तरीतोषसां 0दवः.
ाणा 3स?धूनां कलशाँ अ2च?द0द??य हाा?1वश?मनी1ष4भः.. (७)
हे सोम! आप बु5? बढ़ाने वाले, 1वल?ण, ?वग?लोक व उषा को जानते ह?. आप
0दनरात को का3शत व जात करते ह?. आप मनी1षय? ?ारा इं के 3लए प/र?कृत 1कए
जाते ह?. आप आवाज करते ?ए पा म? वा1हत होते ह?. (७)
मनी1ष4भः पवते पू?ः क1वनृ?4भय?तः प/र कोशा अ3स?यदत्.
1त?य नाम जनय?मधु ?र2?य वायु स?याय वध?यन्.. (८)
सोम प1व, अपूव? व क1व ह?. मनीषी और मनु?य आप को प/र?कृत करते ह?. आप
तीन? सवन? म? इं कa 3स5? फैलाते ह?. सोम इं को तृ7?त देते ह?. सोम वायु कa 2मता कa
बढ़ोतरी के 3लए वा1हत होते ह?. (८)
अयं पुनान उषसो अरोचयदय 3स?धु?यो अभव? लोककृत्.
अयं 1ः स?त ??हान आ3शर सोमो ?दे पवते चा? म?सरः.. (९)
सोम प1व व चमकने वाले ह?. वे 1हतकारी और उषा को का3शत करते ह?. सोमरस
न0दय? म? जल कa बढ़ोतरी करता है. यह तीन गुणे सात को पोसता ?आ वा1हत होता है.
यह सब के ?दय म? 1नवास करता है. (९)
छठा खंड
एवा 3स वीरयुरेवा शूर उत .?थरः. एवा ते रा?यं मनः.. (१)
हे इं! आप शूरवीर ह?. आप संाम? म? शूरवीर? को अपनी वीरता 0दखाने का अवसर
दान करते ह?. आप उन यु?? म? .?थर रहते ह?. इसी3लए आप का मन आराधना के यो?य है.
(१)
एवा रा1त?तु1वमघ 1वे4भधा?1य धातृ4भः. अधा 2च0द? नः सचा.. (२)
हे इं! आप सभी ऐय? धारण करते ह?. आप कa कृपा कभी भी समा?त नह? होती है.
आप हम पर कृपा कa5जए. (२)
मो षु ेव त?युभु?वो वाजानां पते. म??वा सुत?य गोमतः.. (३)
हे इं! आप बलवान, श3? के ?वामी एवं ा के समान ह?. आप हम? बु5?मान बनाने
कa कृपा कa5जए. (३)
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इ?ं 1वा अवीवृध??समुचसं 1गरः
रथीतम रथीनां वाजाना स?प=त^ प1तम्.. (४)
हे इं! आप समु जैसे भरेपूरे ह? और 1व को धारण करते ह?. आप स?प1त, श3?प1त
और दैवी श3?य? के ?वामी ह?. हम वाणी से आप कa उपासना करते ह?. (४)
स?ये त इ? वा5जनो मा भेम शवस?पते.
?वाम4भ नोनुमो जेतारमपरा5जतम्.. (५)
हे इं! हम आप के सखा ह?. आप श3?मान ह?. आप कa छछाया म? हम कभी 1कसी
से भयभीत न ह?. आप अपराजेय व 1वजेता ह?. हम आप को नमन करते ह?. (५)
पूव?/र??य रातयो न 1व द?य??यूतयः.
यदा वाज?य गोमत ?तोतृ?यो म हते मघम्.. (६)
हे इं! आप का दान अपूव? है. आप हम? (पूण?) संर?ण देते ह?. आप जब उपासक? को
अधन दान देते ह? तो वह कभी ?ीण नह? होता. (६)
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चौथा अ?याय
पहला खंड
एते असृ2म?दव9?तरः प1वमाशवः. 1वा?य4भ सौभगा.. (१)
हे सोम! आप तेजी से छलनी कa ओर भाग रहे ह?. यजमान अपने सौभा?य के 3लए
आप को प/र?कृत कर रहे ह?. (१)
1व?न?तो ?/रता पु? सुगा तोकाय वा5जनः. ?मना कृ?व?तो अव?तः.. (२)
हे सोम! आप श3?दाता, पापनाशी व हमारी पी0ढ़य? को पशु धन देते ह?. आप अपना
माग? ?वयं 1नJम^त करते ह?. (२)
कृ?व?तो व/रवो गवे ऽ ?यष?7?त सुु1तम्. इडाम?म?य संयतम्.. (३)
हे सोम! आप हम? धन दान करते ह?. आप हमारी गाय? के 3लए भी े धन दान
करते ह?. आप पालने वाले ह?. आप हमारी ाथ?ना? को ?वीकार कa5जए. (३)
राजा मेधा4भरीयते पवमानो मनाव2ध. अ?त/र?ेण यातवे.. (४)
हे सोम! आप राजा ह?. हम बु5? से आप कa उपासना करते ह?. आप अंत/र? म? मण
करते ह?. आप ोणकलश म? .?थत रहते ह?. (४)
आ नः सोम सहो जुवो ?पं न वच?से भर. सु?वाणो देववीतये.. (५)
हे सोम! आप को देवीदेवता? के उपयोग के 3लए प/र?कृत 1कया जाता है. आप हम?
भरपूर ?प, वच??व (भाव) व तेज दान कa5जए. (५)
आ न इ?ो शात7?वनं गवां पोष ?वयम्. वहा भग3?मूतये.. (६)
हे सोम! आप हम? सैकड़? गाएं व घोड़े दान कa5जए. आप उन सब का पालनपोषण
करने म? स?म ह?. आप हम? भा?यशाली बनाने कa कृपा कa5जए. (६)
तं ?वा नृ?णा1न 1बत सध?थेषु महो 0दवः. चा? सुकृ?ययेमहे.. (७)
हे सोम! आप ?वग?लोक के महान वैभव से संप ह?. आप चा? (सुंदर) ह?. आप को हम
अपने सुकम? से पाना चाहते ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (७)
संवृ? धृ?णुमु??यं महाम1हतं मदम्. शतं पुरो ???4णम्.. (८)
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हे सोम! आप महान, म1हमाशाली व ती ह?. आप शु? के सैकड़? नगर? का नाश
करने वाले ह?. हम आप से धन चाहते ह?. (८)
अत??वा र1यर?ययाजान सु?तो 0दवः. सुपण? अथी भरत्.. (९)
हे सोम! आप सुकम? करने वाले, धन व श3?दाता ह?. आप कभी 3थत नह? होते ह?.
ग?ड़ आप को ?वग?लोक से पृ?वीलोक पर लाने कa कृपा कर?. (९)
अधा 1ह?वान इ5?यं ?यायो म1ह?वमानशे. अ4भ1कृ1?चष?4णः.. (१०)
हे सोम! ?वग?लोक से पृ?वीलोक पर आने के बाद आप और ?ानदायी (संप),
म1हमाशाली, आकष?क व ?मतावान हो जाते ह?. (१०)
1व?मा इत् ?व??शे साधारण रज?तुरम्. गोपामृत?य 1वभ?रत्.. (११)
हे सोम! आप ?वयं काशमान ह?. आप य? के र?क व जल के ेरक ह?. आप अमृत
और 0द ह?. (११)
इषे पव?व धारया मृ?यमानो मनी1ष4भः. इ?दो ?चा4भ गा इ1ह.. (१२)
हे सोम! आप ?ानवान ह?. मनीषी यजमान आप को प/र?कृत करते ह?. आप पौ1क
अ देने वाले है. आप अपनी धारा? म? वा1हत होइए. (१२)
पुनानो व/रव?कृ?यूज? जनाय 1गव?णः. हरे सृजान आ3शरम्.. (१३)
हे सोम! आप हरे व उपासना के यो?य ह?. आप जलवान होइए. आप यजमान? को अ
दान करने कa कृपा कa5जए. (१३)
पुनानो देववीतय इ??य या1ह 1न?कृतम्. ुतानो वा5ज4भIह^तः.. (१४)
हे सोम! आप प1व व 0द ह?. आप को इं और देवता? के 3लए प/र?कृत 1कया
जाता है. आप 1हत साधक, ु1तमान व श3?शाली ह?. आप इं तक प?ंचने कa कृपा
कa5जए. (१४)
?सरा खंड
अ7?नना7?नः स2म?यते क1वगृ?हप1तयु?वा. हवाड् जुा?य.. (१)
हे अ7?न! आप क1व, 1व?ान्, युवा, ह1ववाहक व य? के र?क ह?. आप को स2मधा से
?व3लत 1कया जाता है. (१)
य??वाम?ने ह1व?प1त??तं देव सपय?1त. त?य ?म ा1वता भव.. (२)
हे अ7?न! आप ह1वप1त तथा देव?त ह?. आप कa जो 1व2धवत र?ा करते ह?, आप उन
कa र?ा करने कa कृपा कa5जए. (२)
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यो अ7?नं देववीतये ह1व?माँ आ1ववास1त. त?मै पावक मृडय.. (३)
हे अ7?न! आप ह1वमान ह?. हम देवता? को ह1व प?ंचाने के 3लए आप से अनुरोध
करते ह?. आप प1व ह?. आप हम? सुखी बनाने कa कृपा कa5जए. (३)
2म ?वे पूतद?ं व?णं च /रशादसम्. 2धयं धृताची साध?ता.. (४)
हे 2म! आप प1व और द? ह?. हे व?ण! आप जल उपजाते ह?. आप दोन? देव हम?
बु5? दान कa5जए. आप हम? सा2धए एवं हमारे शु? का नाश कa5जए. हम आप दोन?
देव? का आान करते ह?. (४)
ऋतेन 2माव?णावृतावृधावृत?पृशा. ?तुं बृह?तमाशाथे.. (५)
हे 2म! हे व?ण! आप स?य के र?क ह?. आप य? को सफल बनाते ह?. आप हम? भी
पु?यशाली व स?य का र?क बनाइए. (५)
कवी नो 2माव?णा तु1वजाता उ??या. द?ं दधाते अपसम्.. (६)
हे 2म! हे व?ण! आप द?, जलधारी, क1व व अनेक ?थान? पर वास करते ह?. आप
हम? ?मतावान बनाते ह?. (६)
इ?ेण स 1ह ??से संज?मानो अ1ब?युषा. म?? समानवच?सा.. (७)
हे म?द् गण! आप समान वच??व वाले सदैव स रहते ह?. आप तेजोमय, वीर व
भयमु? ह?. आप इं के साथ सुशो4भत होते ह?. (७)
आदह ?वधामनु पुनग?भ??वमे/ररे. दधाना नाम य3?यम्.. (८)
हे म?द् गण! आप पूजनीय व नामधारी ह?. आप अपने धाम (न होने के बाद 1फर से
उ?प होने वाले अ और जल) म? गभ? धारण कर के आकार ा?त करते ह?. आप य? को
धारण करते ह?. (८)
वीडु 2चदा?ज?नु4भगु?हा 2च0द? व24भः. अ1व?द उ4या अनु.. (९)
हे इं! आप मजबूत से मजबूत 1कले को भी ढहा सकते ह?. आप गूढ़ से गूढ़ गुफा म?
भी वेश कर सकते ह?. आग जैसे तेज?वी म?द् गण ?कa ?ई 1करण? को काश म? लाते ह?.
(९)
ता ?वे ययो/रदं पे 1वं पुरा कृतम्. इ?ा?नी न मध?तः.. (१०)
हे इं! हे अ7?न! आप परा?मी उपासक? के सारे क हरने वाले व सनातन ह?. हम
आप दोन? देव? का आान करते ह?. (१०)
उा 1वघ1नना मृध इ?ा?नी हवामहे. ता नो मृडात ई?शे.. (११)
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हे इं! हे अ7?न! आप उ व 1व?ननाशी ह?. हम य? म? आप दोन? देव? का आान
करते ह?. आप दोन? देव हम? सुखी बनाने कa कृपा कa5जए. (११)
हथो वृा?याया? हथो दासा1न स?पती. हथो 1वा अप 1?षः.. (१२)
हे इं! हे अ7?न! आप े देव, आय? के पालनहार सभी ?ेष? को ?र करने वाले व
स?प1त ह?. आप ??मन? को ?र करने वाले ह?. (१२)
तीसरा खंड
अ4भ सोमास आयवः पव?ते मं मदम्.
समु?या2ध 1वपे मनी1षणो म?सरासो मद?युतः.. (१)
हे सोम! आप आनंददायी एवं ?फूIत^दायी ह?. यजमान आनंद तथा ?फूIत^ पाने के 3लए
ोणकलश के ऊपर रखी ?ई छलनी से आप को छानते ह?. (१)
तर?समुं पवमान ऊJम^णा राजा देव ऋतं बृहत्.
अषा? 2म?य व?ण?य धम?णा 1ह?वान ऋतं बृहत्.. (२)
हे सोम! आप प1व, लहरदार, 1वशाल व राजा ह?. आप को 2म और व?ण देव के
पीने के 3लए य? म? ?था1पत 1कया जाता है. (२)
नृ4भय?माणो हय?तो 1वच?णो राजा देवः समु्यः.. (३)
हे सोम! आप 0द, राजा, मनोहर व 1वल?ण ह?. आप समु जैसे ह?. (३)
1तो वाच ईरय1त व2ऋ?त?य धी=त^ णो मनीषाम्.
गावो य7?त गोप=त^ पृ?छमानाः सोमं य7?त मतयो वावशानाः.. (४)
हे सोम! यजमान ऋक्, यजु और साम ?प तीन वा4णय? से आप का गुणगान करते ह?.
ाण और मनीषी उसी कार आप को खोजते (पूछते ?ए) आते ह?, 5जस कार गाएं बैल
के पास जाती ह?. (४)
सोमं गावो धेनवो वावशानाः सोमं 1वा म1त4भः पृ?छमानाः.
सोमः सुत ऋ?यते पूयमानः सोमे अका?4ुभः सं नव?ते.. (५)
हे सोम! ?धा? गाएं आप को चाहती ह?. ाण पूछते ?ए सोम को चाहते ह?. सुत
(यजमान) प1व सोम को चाहते ह?. यजमान 1ुप् छंद म? रची गई ाथ?ना? से सोम कa
उपासना करते ह?. (५)
एवा नः सोम प/र1ष?यमान आ पव?व पूयमानः ?व9?त.
इ?मा 1वश बृहता मदेन वध?या वाचं जनया पुरं2धम्.. (६)
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हे सोम! आप हमारे 1हत हेतु प/र?कृत होने कa कृपा कa5जए. आप प1व होइए. आप
हमारा क?याण कa5जए. आप हम? े बु5? द_5जए. आप हमारी ाथ?ना ?वीका/रए. आप
इं को तृ?त कa5जए. (६)
चौथा खंड
याव इ? ते शत शतं भूमी?त ?युः.
न ?वा व5??सह सूया? अनु न जातम रोदसी.. (१)
हे इं! सैकड़? भू2म, सैकड़? सूय? और सैकड़? लोक भी आप कa म1हमा के बराबर नह?
हो सकते. आप जैसा अब तक कोई उ?प नह? ?आ. भूमंडल और अंत/र?मंडल तक म?
आप कa समानता कोई नह? कर सकता. (१)
आ पाथ म1हना वृ??या वृष7?वा श1व शवसा.
अ?माँ अव मघवन् गोम1त जे वA^ 2चा4भ?1त4भः.. (२)
हे इं! आप बलवान, साम?य?वान व मनोकामनाएं पूरी करने वाले ह?. आप धनवान,
वधारी व े म1तवान ह?. आप अपने र?ा साधन? के साथ पधा/रए. आप गाय? से भरे ?ए
बाड़े दान कa5जए. (२)
वयं घ ?वा सुताव?त आपो न वृ?बIह^षः.
प1व?य वणेषु वृह?प/र ?तोतार आसते.. (३)
हे इं! आप शुनाशी ह?. हम सोमरस को जलवाह कa भां1त आप के पास वा1हत
कर के लाते ह?. हम आप को प/र?कृत सोमरस चढ़ाते तथा 1वराजने के 3लए आप को कुश
का आसन भ?ट करते ह?. (३)
?वर7?त ?वा सुते नरो वसो 1नरेक उ.?थनः.
कदा सुतं तृषाण ओक आ गम0द? ?व?द_व व सगः.. (४)
हे इं! आप सव? वास करते ह?. आप सब को वास देते ह?. यजमान सोमरस चढ़ा कर
आप कa उपासना करते ह?. आप बैल? कa तरह आवाज करते ?ए अपने बेट? के यहां कब
पधारने कa कृपा कर?गे? (४)
क?वे4भधृ??णवा धृष?ाजं दIष^ सह4णम्.
1पश??पं मघव7?वचष?णे म?ू गोम?तमीमहे.. (५)
हे इं! आप धनी, ?ानी, शुनाशी व ब?रंगी ह?. आप हजार? तरह के वैभव व हजार?
गुनी श3? दे सकते ह?. हम क?ववंशी यजमान आप कa उपासना करते ह?. (५)
तर4ण/र9?सषास1त वाजं पुरं?या युजा.
आ व इ?ं पु??तं नमे 1गरा ने>म^ तेव सुmवम्.. (६)
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हे इं! हम आप के उपासक ह?. हम भव सागर पार करना चाहते ह?. हम बु5? का बल
(शारी/रक बल के साथसाथ) भी पाना चाहते ह?. चलता ?आ प1हया जैसे एकदम नीचे आ
जाता है, वैसे ही हम ाथ?ना ?पी प1हए से इं के 3लए झुक जाते ह?. (६)
न ?ु1त?1वणोदेषु श?यते न ेध?त र1यन?शत्.
सुश3?/र?मघवन् तु?यं मावते दे?णं य?पाय? 0द1व.. (७)
हे इं! सोमयाग म? सश? (उ?म) उपासक? को आप उ2चत (उपयु?) धन दान
करते ह?. जो लोग दानदाता कa =न^दा करते ह?, जो लोग अ?छा काम करने वाल? कa =न^दा
करते ह?, ऐसे लोग? पर आप अपनी कृपा मत कa5जए. (७)
पांचवां खंड
1तो वाच उद_रते गावो 2मम7?त धेनवः. ह/ररे1त क1न?दत्.. (१)
यजमान तीन वा4णयां उचारते ह?. उन वा4णय? को सुन कर हरे रंग का सोमरस ?धा?
गाय के रंभाने जैसी आवाज करता ?आ वा1हत होता है. (१)
अ4भ ीरनूषत य_ऋ?त?य मातरः. मज?य?तीHद^वः 3शशुम्.. (२)
हम यजमान ?वग?लोक के 3शशु सोम को प/र?कृत करने के 3लए मं उचारते ह?. स?य
कa माता से सोम उ?प ?ए ह?. ?ानी सोम कa उपासना करते ह?. (२)
रायः समुा तुरो?म?य सोम 1वतः. आ पव?व सह4णः.. (३)
हे सोम! आप हम? सभी कार के सुख द_5जए. आप हम? सभी कार के धन द_5जए.
आप हमारी हजार? इ?छा? को पूरा करने के 3लए वा1हत होने कa कृपा कa5जए. (३)
सुतासो मधुम?माः सोमा इ?ाय म5?दनः.
प1वव?तो अ?रं देवान् ग?छ?तु वो मदाः.. (४)
हे सोम! आप मधुमान ह?. हम आप के पु ह?. आप इं को स करने के 3लए
वा1हत होइए. आप प1व ह? और कभी ?/रत (न) नह? होते. आप देवता? को आनंद
दान करने के 3लए उन के पास जाने कa कृपा कa5जए. (४)
इ??/र?ाय पवत इ1त देवासो अुवन्.
वाच?प1तम?ख?यते 1व?येशान ओजसः.. (५)
हे इं! उपासक आप के 3लए सोमरस ?व?छ करते ह?. आप सब के ईर, ओज?वी
और वाच?प1त ह?. य? म? सोमरस का उपयोग 1कया जाता है. (५)
सहधारः पवते समुो वाचमीङ्खयः.
सोम?पती रयीणा सखे??य 0दवे0दवे.. (६)
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हे सोम! आप हजार घर वाले ह?. आप प1व व इं के सखा ह?. आप जलवान व
धनवान ह?. आप 1त0दन ोणकलश म? वा1हत होते ह?. (६)
प1वं ते 1वततं ण?पते भुगा?ा4ण पय?1ष 1वतः.
अत?ततनून? तदामो अुते शृतास इ?ह?तः सं तदाशत.. (७)
हे सोम! आप प1व ह?. आप ?ान के ?वामी व देह के मा3लक ह?. आप समथ? पर
कृपा करते ह?. य? करने वाले ही आप तक प?ंच पाते ह?. 5जस ने तन नह? तपाया, वह आप
से कुछ (सुखकृपा) नह? पा सकता. (७)
तपो?प1वं 1वततं 0दव?पदे ऽ च??तो अ?य त?तवो .?थरन्.
अव??य?य प1वतारमाशवो 0दवः पृम2ध रोह7?त तेजसा.. (८)
हे सोम! आप प1व ह?. आप ??मन? को तपाने के 3लए ?वग?लोक म? फैले ?ए ह?. आप
कa 1करण? चमकaली ह?. ये चमकaली 1करण? ?वग?लोक के पीछे .?थत ह? और यजमान? कa
र?ा करती ह?. (८)
अ??च?षसः पृ4र1य उ?ा 2ममे1त भुवनेषु वाजयुः.
माया1वनो म2मरे अ?य मायया नृच?सः 1पतरो गभ?मा दधुः.. (९)
हे सूय?! आप सभी ह? म? सब से मुख ह?. आप का3शत होते ह?. आप सभी लोक? म?
अपनी 1करण? फैलाते ह? तथा सभी भुवन? म? अ उपजाते ह?. आप कa 1करण? सब को
का3शत करती ह?. ये 1करण? अपने गभ? म? जल धारण करती ह?. (९)
छठा खंड
म 1हाय गायत ऋता?ने बृहते शु?शो2चषे. उप?तुतासो अ?नये.. (१)
हे यजमानो! आप महान य? करने वाले ह?. आप अ7?न कa उपासना कa5जए. अ7?न
महान व तेज?वी ह?. (१)
आ व सते मघवा वीरवशः स2म?ो ु??या?तः.
कु1वो अ?य सुम1तभ?वीय?य?छा वाजे4भरागमत्.. (२)
हे अ7?न! आप वीर, यशवान व उ?म बु5? वाले ह?. आप पीढ़_ दर पीढ़_ धन और यश
दान करते ह?. आप हम पर कृपा कa5जए. हम? अबल दान कa5जए. (२)
तं ते मदं गृणीम3स वृषणं पृ?ु सास1हम्. उ लोककृ?नुम0वो ह/र4यम्.. (३)
हे इं! आप साहसी, बलशाली एवं इ?छापूरक ह?. आप लोक का भला चाहने वाले व
अ? से सुशो4भत होते ह?. सोमरस पीते ही आप स हो जाते ह?. हम आप के ?व?प कa
शंसा करते ह?. (३)
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येन ?यो1त ?यायवे मनवे च 1ववे0दथ. म?दानो अ?य बIह^षो 1व राज3स.. (४)
हे इं! आप मनु?य को द_घा?यु बनाते ह? व मानव के 1हतकारी ह?. आप ने मनु?य? के
3लए ही कई व?तुएं का3शत कa ह?. आप आइए स होइए. आप कुश के आसन पर
1वराजने कa कृपा कa5जए. (४)
तदा 2च? उ.?थनो ऽ नु ुव7?त पूव?था. वृषप?नीरपो जया 0दवे0दवे.. (५)
हे इं! पूव? से ही आप के यजमान आप कa गाथा (यश) गाते ह?. अब भी आप के यश
को गाते ह?. आप असुर? पर 1वजय पाने म? हमारी सहायता कa5जए. हम 1त0दन आप कa
?तु1त करते ह?. (५)
ुधी हवं 1तरया इ? य??वा सपय?1त.
सुवीय??य गोमतो राय?पूJध^ महाँ अ3स.. (६)
हे इं! आप महान व 1तर4 ऋ1ष ाथ?ना करने म? लगे ?ए ह?. आप उन कa ाथ?ना
सुनने कa कृपा कa5जए. आप हम? े वीय?वान व धनवान बनाइए. (६)
य?त इ? नवीयस? 1गरं म?ामजीजनत्.
2च1क7?वमनसं 2धयं ?नामृत?य 1प?युषीम्.. (७)
हे इं! जो यजमान नईनई ाथ?ना? से आप कa उपासना करते ह?, उ?ह? े बु5?
2मलती है. आप उन पर अमृत बरसाते ह? व मन को प1व बनाने वाली सोच दान करते ह?.
(७)
तमु वाम यं 1गर इ? मु?था1न वावृधुः.
पु??य?य पौ ?या 3सषास?तो वनामहे.. (८)
हे इं! ब?त सी ाथ?ना? से हम ने आप कa उपासना कa है और कर रहे ह?. हम
?तो? और मं? से आप का यशगान करते ह?. आप परा?मी ह?. हम पूरी 1ना के साथ आप
कa उपासना करते ह?. (८)
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पांचवां अ?याय
पहला खंड
त आ4नीः पवमान धेनवो 0दा असृ?पयसा धरीम4ण.
ा?त/र?ा??था1वरी?ते असृ?त ये ?वा मृज??यृ1षषाण वेधसः.. (१)
हे सोम! आप प1व ह? और आप कa ?धा? गाएं 0द ह?. उन के ?ध कa धाराएं
वेगपूव?क ोणकलश म? प?ंचती ह?. ऋ1ष शु? सोमरस का सेवन करते ह?. अंत/र? से उस
कa धारा? को बरतन म? प?ंचाते ह?. (१)
उभयतः पवमान?य र?मयो ुव?य सतः प/र य7?त केतवः.
यद_ प1वे अ2ध मृ?यते ह/रः स?ा 1न योनौ कलशेषु सीद1त.. (२)
हे सोम! .?थर ?वभाव वाले आप को जब छाना जाता है तो आप कa 1करण? चार? ओर
फैलती ह?. हरा सोमरस छलनी म? छाना जाता है तो वह ोणकलश म? रहता है. सोम .?थर
रहने के इ?छुक ह?. (२)
1वा धामा1न 1वच? ऋ?वसः भोे सतः प/र य7?त केतवः.
ानशी पवसे सोम धम?णा प1तIव^?य भुवन?य राज3स.. (३)
हे सोम! आप सव?ा व श3?शाली ह?. आप कa बड़ीबड़ी 1करण? सब ओर ापने
वाली व काश फैलाने वाली ह?. आप प1व व 1वप1त ह?. आप भुवन म? सुशो4भत होते ह?.
(३)
पवमानो अजीजन0?व4ं न त?यतुम्. ?यो1तव?ानरं बृहत्.. (४)
हे सोम! आप प1व ह?. सोम ?वग?लोक म? 1बजली जैसा 1वशाल वैानर नामक तेज
उपजाते ह?. (४)
पवमान रस?तव मदो राज??छुनः. 1व वारममष?1त.. (५)
हे सोम! आप प1व व मदकारी ह?. आप का रस रा?स? के 3लए वMज^त है. आप का
रस भेड़ के बाल? से बनी छलनी म? छन कर ोणकलश तक प?ंचता है. (५)
पवमान?य ते रसो द?ो 1व राज1त ुमान्. ?यो1तIव^ं ?व??शे.. (६)
हे सोम! आप प1व ह?. आप का रस बलवान व चमकaला है. आप सव? ा?त एवं
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आप का काश (?यो1त) सव? 0दखाई देता है. (६)
यद् गावो न भूण?य??वेषा अयासो अ?मुः. ?न?तः कृ?णामप ?वचम्.. (७)
हे सोम! आप गाय? के समान ग1तशील, काशमान व काली चमड़ी को हटा कर
ोणकलश म? वेश करते ह?. आप कa ?तु1त कa जाती है. (७)
सु1वत?य वनामहे ऽ 1त सेतुं ?रा?यम्. सााम द?युमतम्.. (८)
हे सोम! आप सुखद ह?. हम क0ठनाई से बंधक बनने वाले रा?स? के बंधन कa ाथ?ना
करते ह?. अती (अ?छे काम न करने वाले) के नाश कa कामना करते ह?. (८)
शृ?वे वृे/रव ?वनः पवमान?य शु9?मणः. चर7?त 1वुतो 0द1व.. (९)
हे सोम! वषा? कa आवाज के समान शु? 1कए जाते समय बरतन म? 1गरती ?ई धार से
उ?प आप कa आवाज सुनाई देती है. आप कa श3?मान 1करण? आकाश म? मण करती
ह?. (९)
आ पव?व मही2मषं गोम0द?दो 1हर?यवत्. अव?सोम वीरवत्.. (१०)
हे सोम! आप प1व व रसीले ह?. आप हम? गोवान, ?वण?वान, अवान एवं पुवान
बनाइए. आप हम? पौवान बनाइए. (१०)
पव?व 1वचष?ण आ मही रोदसी पृण. उषाः सूय? न र.?म4भः.. (११)
हे सोम! आप 1वा व रसीले ह?. अपने रस से ?वग?लोक और पृ?वीलोक को वैसे ही
भर द_5जए, जैसे सूय? अपनी 1करण? से सारे संसार को भर देते ह?. (११)
प/रणः शम?य??या धारया सोम 1वतः. सरा रसेव 1वपम्.. (१२)
हे सोम! आप उसी तरह अपनी धाराएं हमारे चार? ओर फैला द_5जए, 5जस तरह
भूलोक के चार? ओर सुखद जल कa धाराएं फैली ?ई ह?. (१२)
?सरा खंड
आशुरष? बृह?मते प/र 1येण धा?ना. या देवा इ1त ुवन्.. (१)
हे सोम! आप म1तमान (1व?ान्) और देव? के 1य ह?. आप अपनी रसधार के साथ
शी आइए. इस य? म? इं आ0द देवता ह?. अतः आप इस य? म? अव?य आइए. (१)
प/र?कृ?व1न?कृतं जनाय यातय2षः. वृ=^ 0दवः प/र व.. (२)
हे सोम! आप अशु? ?थान को शु? करने कa कृपा कa5जए. आप यजमान के
भरणपोषण हेतु अ आ0द के 3लए वषा? करने कa कृपा कa5जए. (२)
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अय स यो 0दव?प/र रघुयामा प1व आ. 3स?धो?मा? ?रत्.. (३)
हे सोम! आप ?वग?लोक से ऊपर मंथर ग1त वाले होते ह?. आप को जब छलनी से छाना
जाता है तो आप ब?त वेगवान हो कर ोणकलश म? आ जाते ह?. (३)
सुत ए1त प1व आ 7?व=ष^ दधान ओजसा. 1वच?ाणो 1वरोचयन्.. (४)
हे सोम! प/र?कृत 1कए जाते, काश फैलाते, सब को देखते व ओज धारण करते ?ए,
आप वेग से छलनी म? छन जाते ह?. (४)
आ1ववास?परावतो अथो अवा?वतः सुतः. इ?ाय 3स?यते मधु.. (५)
हे सोम! छानने के बाद आप का रस ?र और पास के देवता? को भ?ट 1कया जाता है.
इं के 3लए मधुर सोमरस का ?स^चन 1कया जाता है. (५)
समीचीना अनूषत ह/र 1ह?व??य04भः. इ??2म?ाय पीतये.. (६)
उपयु? री1त से इकट् ठे ?ए उपासक सोम कa उपासना करते ह?. इं के पीने के 3लए
हरे सोम को प?थर? से कूटा जाता है. (६)
1ह?व7?त सूरमुयः ?वसारो जामय?प1तम्. महा2म??ं महीयुवः.. (७)
हे सोम! ये अंगु3लयां काम के 3लए सब ओर जाने वाली ह?. आपस म? बहन? कa तरह
ेम भाव से रहने वाली ये अंगु3लयां सोमरस को शु? करती ह?. ये े वीर, चेतन व सब के
?वामी सोमरस को 1नचोड़ती ह?. (७)
पवमान ?चा?चा देव देवे?यः सुतः. 1वा वसू?या 1वश.. (८)
हे सोम! आप चमकaले व शु? ह?. देवता? को भ?ट करने के 3लए आप को छान कर
तैयार 1कया गया है. आप हम? संसार के सारे वैभव दे द_5जए. (८)
आ पवमान सुु=त^ वृ=^ देवे?यो ?वः. इषे पव?व संयतम्.. (९)
हे सोम! आप शु? व शंसा के यो?य ह?. आप अपने रस कa वषा? वैसे ही हम पर
क/रए, जैसे देवता हमारे 3लए अ और आशीवा?द? कa वषा? करते ह?. (९)
तीसरा खंड
जन?य गोपा अज1न जागृ1वर7?नः सुद?ः सु1वताय नसे.
घृततीको बृहता 0द1व?पृशा ुम1? भा1त भरते?यः शु2चः.. (१)
हे अ7?न! आप जा के र?क, जात करने वाले व कुशलता दान करने वाले ह?. आप
यजमान को उ1त के पथ पर असर करने के 3लए कट होते ह?. आप घी कa आ?1त से
?व3लत होते ह?. आप 1वराट् (असीम) आकाश तक अपनी प?ंच रखते ह?. आप प1व व
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?मतावान ह?. आप ?वग?लोक को ?पश? करते ह? तथा यजमान? के क?याण के 3लए का3शत
होते ह?. (१)
?वाम?ने अ2?रसो गुहा 1हतम?व1व?द.?छ4याणं वनेवने.
स जायसे म?यमानः सहो मह?वामा?ः सहस?पुम2?रः.. (२)
हे अ7?न! अं1गरस ऋ1ष ने आप को खोजा. उस से पहले आप 2छपे ?ए थे. आप वृ?
और वन?प1त म? 2छप कर (गु?त ?प म?) रहते ह?. आप को इसी3लए अं1गर (?मतावान) कहा
जाता है. आप को साम?य? का पु माना जाता है. आप को अर4ण मंथन से कट 1कया
जाता है. (२)
य??य केतुं थमं पुरो1हतम7?नं नर4षध?थे स2म?धते.
इ?ेण देवैः सरथ स बIह^1ष सीद2 होता यजथाय सु?तुः.. (३)
हे अ7?न! आप देवता? के साथ रथ पर 1वराजते ह?. आप के रथ पर य? कa पताका
फहराती है. यजमान घर, मन और य? इन तीन ?थान? पर (1वशेष ?प से) आप को कट
करते ह?. आप े काम? म? लगे रहते ह?. य? करने वाले यजमान के 3लए आप य? ?थान म?
1त2त होते ह?. (३)
अयं वां 2माव?णा सुतः सोम ऋतावृधा. ममे0दह ुत हवम्.. (४)
हे 2म! हे व?ण! आप य? कa बढ़ोतरी करते ह?. 1व2धवत प/र?कृत 1कया सोमरस
आप दोन? देव? के सेवन के 3लए ?तुत है. आप दोन? हमारे इस 1नवेदन को सुनने कa कृपा
कa5जए. (४)
राजानावन4भmहा ुवे सद?यु?मे. सह?थूण आशाते.. (५)
हे 2म! हे व?ण! आप कभी भी पर?पर (आपस म?) ोह नह? करते. य? मंडप हजार?
खंभ? के सहारे बनाया गया है. वह य? मंडप .?थर और सश? है. आप दोन? उस य? मंडप
म? 1वराजने कa कृपा कa5जए. (५)
ता साजा घृतासुती आ0द?या दानुन?पती. सचेते अनवरम्.. (६)
हे यजमानो! 2म और व?ण आ?1त के ?प म? भ?ट 1कए गए घी का ही आहार लेते ह?.
दोन? देव साट् ह?, ऐय? के ?वामी ह?, समान 1व? वाले ह?. वे यजमान? कa अनवरत
(लगातार) सहायता करते ह?. (६)
इ?ो दधीचो अ?थ4भवृ?ा?य1त?कुतः. जघान नवतीन?व.. (७)
इं वैभववान ह?. सभी देवता उन का आदर करते ह?. उ?ह?ने दधी2च ऋ1ष ?ारा दान कa
गई ह2ड्डय? से बने श? से 1न?यानवे शु? को मारा. (७)
इ?छ?य य.?छरः पव?ते?वप4तम्. त1?द?छय?णाव1त.. (८)
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इं पव?तप1त ह?. बादल? म? 2छपी अश3? को उ?ह?ने कटाया. आय? का 1वरोध
करने वाली श3?य? को 2छ1व.?छ 1कया. (८)
अाह गोरम?वत नाम ?वुरपी?यम्. इ?था च?मसो गृहे.. (९)
हे यजमानो! सूय? 1नरंतर ग1तमान ह?. वे चंमंडल म? भले ही 0दखाई न द? परंतु मौजूद
रहते ह?. इस कार वे चंमा के घर म? रहते ह?. ता?पय? यह है 1क न केवल 0दन म? ब.?क रा1
म? भी सूय? कa 1करण? का3शत रहती ह?. (९)
इयं वाम?य म?मन इ?ा?नी पू??तु1तः. अाद् वृ1/रवाज1न.. (१०)
हे अ7?न! हे इं! उ?म को0ट के 1व?ान् आप दोन? देव? कa उपासना करते ह?. आप के
3लए कa गई ाथ?ना वैसे ही सह ?प से (बु5? म?) उपजती है, जैसे बादल? के भीतर से
बरसात उपजती है. (१०)
शृणुतं ज/रतुह?व2म?ा?नी वनतं 1गरः. ईशाना 1प?यतं 2धयः.. (११)
हे अ7?न! हे इं! यजमान आप दोन? देवता? कa उपासना व ह1व समIप^त करते ह?.
आप उसे ?वीकारने कa कृपा कa5जए. आप उन कa वाणी (पुकार) सु1नए. आप बु5? के
ईर ह?. आप उ?ह? उन कa मेहनत का फल दान कa5जए. (११)
मा पाप?वाय नो नरे?ा?नी मा4भश?तये. मा नो रीरधतं 1नदे.. (१२)
हे अ7?न! हे इं! आप नेता व उ1तकारक ह?. आप हम? पाप व मारधाड़ (=ह^सा) से
बचाइए. आप हम? =न^दनीय काय? से ?र रख?. (१२)
चौथा खंड
पव?व द?साधनो देवे?यः पीतये हरे. म?द्?यो वायवे मदः.. (१)
हे सोम! आप द?, साधन संप, उ?लास बढ़ाने वाले व बलव??क ह?. आप देवता?
के पीने के 3लए बढ़ोतरी पाते ह?. आप म?द् गण? के 3लए वा1हत होइए. आप वायु के 3लए
वा1हत होइए. (१)
सं देवैः शोभते वृषा क1वय?नाव2ध 1यः. पवमानो अदा?यः.. (२)
हे सोम! आप क1व, 1य, बलवान व देवता? के बीच शोभायमान होते ह?. आप
प/र?कृत हो कर वा1हत होइए. (२)
पवमान 2धया 1हतो ३ ऽ 4भ यो=न^ क1न?दत्. धम?णा वायुमा?हः.. (३)
हे सोम! बु5?पूव?क आप कa 1ता कa जाती है. आप 1हतकारी ह? और आवाज करते
?ए ोणकलश म? वेश करते ह?. आप वायु के साथ कलश म? ?था1पत होइए. (३)
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तवाह सोम रारण स?य इ?दो 0दवे0दवे.
पु?4ण बो 1न चर7?त मामव प/रधी र1त ताँ इ1ह.. (४)
हे सोम! आप काशमान ह?. हम 1त0दन आप से 2मता करने के 3लए इ?छुक रहते
ह?. आप उन सभी का नाश कa5जए, जो हम? सताते ह?. (४)
तवाहं न?मुत सोम ते 0दवा ?हानो ब ऊध1न.
घृणा तप?तम1त सूय? परः शकुना इव प7?तम.. (५)
हे सोम! आप चमकते ह?. आप उजले ह?. हम? 0दनरात आप का साहचय? ा?त हो. ?र से
ही चमचमाते सूय? कa तरह आप को भी ?र से देखा जा सकता है. आप प4?य? कa भां1त
ग1तशील ह?. (५)
पुनानो अ?मीद4भ 1वा मृधो 1वचष?4णः. शु?भ7?त 1वं धी1त4भः.. (६)
हे सोम! ाण बु5?पूव?क कa गई ाथ?ना? से आप कa उपासना करते ह?. आप
प1व, 1वल?ण व सव?ा ह?. (६)
आ यो1नम?णो ?हद् गम0द?ो वृषा सुतम्. ुवे सद3स सीदतु.. (७)
सोमरस अ?ण (गुलाबी) आभा वाला है. वह इं के 3लए ोणकलश म? ?था1पत 1कया
जा रहा है. वह इं को बलवान बनाता है. इं उस सोमरस को पीने के 3लए सदन म? े
?थान पर 1त2त ह?. (७)
नू नो र=य^ महा2म?दो ऽ ?म?य सोम 1वतः. आ पव?व सह4णम्.. (८)
हे सोम! आप तृ7?तकारक ह?. आप हजार धारा? से झ/रए. आप सभी ओर से सब
कार का वैभव हम? दान करने कa कृपा कa5जए. (८)
पांचवां खंड
1पबा सोम2म? म?दतु ?वा यं ते सुषाव हय?ा0ः.
सोतुबा???या सुयतो नावा?.. (१)
हे इं! यजमान अपने दोन? हाथ? से प?थर? से कूटकूट कर सोमरस 1नकालते ह?. आप
उस सोमरस को पी कर आनं0दत ह?. आप इसे पी5जए. आप अ? के ?वामी ह?. आप हम?
भी अ जैसा बल दान कa5जए. (१)
य?ते मदो यु?या?र9?त येन वृा4ण हय? ह 3स.
स ?वा2म? भूवसो मम?ु.. (२)
हे इं! आप अ? के ?वामी व ऐय?शाली ह?. आप सोमरस पी कर स होइए. आप
अपने सुंदर घोड़? को रथ म? जो1तए. आप स हो कर हमारे शु? का नाश कa5जए. हे
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इं! आप हम? भी मदम?त व भावशाली बनाइए. (२)
बोधा सु मे मघव?वाचमेमां यां ते व3सो अच?1त श9?तम्.
इमा सधमादे जुष?व.. (३)
हे इं! आप धन के ?वामी ह?. आप यजमान कa इस वाणी को सु1नए. व3स ऋ1ष
श9?त गान कर के आप कa अच?ना कर रहे ह?. आप उन कa ाथ?ना, वाणी और ह1व को
?वीका/रए. (३)
1वाः पृतना अ4भभूतरं नरः सजू?तत?ु/र?ं जजनु राजसे.
??वे वरे ?थेम?यामुरीमुतोमो5जं तरसं तर9?वनम्.. (४)
हे इं! सभी आप का मह?व ?वीकारते ह?. सब आप कa उपासना करते ह?. आप ने
अपने बल से ??मन? का नाश 1कया. आप ने अपने े कम? से उ?चा पदवी पाई. आप कa
म1हमा गाने वाले कa साम?य? श3? बढ़ती है. आप ब?त ज?द_ काय? करते ह?. आप ज?द_
हमारी इ?छा पूरी क/रए. (४)
ने>म^ नम7?त च?सा मेषं 1वा अ4भ?वरे.
सुद_तयो वो अmहो ऽ 1प कण? तर9?वनः समृ?व4भः.. (५)
हे इं! आप परा?मी ह?. ाण 1वन ?वर म? आप कa ाथ?ना कर रहे ह?. आप के
उपासक 1वन ह?. हम आंख बंद कर व झुक कर आप को नमन करते ह?. हे उपासको! आप
1कसी से ई?या?ोह मत कa5जए. आप कान? को सुहावनी लगने वाली ाथ?नाएं इं के 3लए
गाइए. (५)
समु रेभासो अ?वर2? सोम?य पीतये.
?वः प1तय?द_ वृधे धृततो ोजसा समू1त4भः.. (६)
हे इं! आप संक?पशील, सोमरस पीने वाले, बलवान, ऐय?शाली ह?. आप यजमान
को भी म1हमावान बनाने के इ?छुक ह?. यजमान इं कa 1व2धवत उपासना करते ह?. (६)
यो राजा चष?णीनां याता रथे4भर2गुः.
1वासां त?ता पृतनानां ?यें यो वृहा गृणे.. (७)
इं राजा ह?. वे अपने रथ से तेज ग1त से ?थान करते ह?. वे वृहंता ह?. वे यजमान? के
1वास कa र?ा करते ह?, वे ?ये ह?. हम उन का गुणगान करते ह?. (७)
इ?ं त 3स शु?भ पु?ह?मवसे य?य 1?ता 1वध??/र.
ह?तेन वः 1त धा1य दश?तो महाँ देवो न सूय?ः.. (८)
हे यजमानो! इं वधारी, देखने म? सुंदर व सूय? जैसे तेज?वी ह?. उन म? 1?धा (दोहरी)
श3? है. वे देव? कa र?ा, रा?स? का नाश व हम? संर?ण दान करते ह?. हम सभी को उन
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कa उपासना करनी चा1हए. (८)
छठा खंड
प/र 1या 0दवः क1वव?या 3स न??योIह^तः. ?वानैया?1त क1व?तुः.. (१)
हे सोम! आप 1य, क1व, 1हतकारी ह? और लकड़ी कa वेद_ पर 1त2त ह?. आप
द_घा?यु दाता ह?. य? म? आप का 0द रस अ?वयु? (पुरो1हत) कa कृपा से ा?त होता है. (१)
स सूनुमा?तरा शु2चजा?तो जाते अरोचयत्. महा?मही ऋतावृधा.. (२)
हे सोम! आप सुपु ह?. पृ?वी आप कa माता व अंत/र? आप के 1पता ह?. आप अपने
माता1पता को सुशो4भत करते ह? और ऋत् (स?य) से बढ़ोतरी पाते ह?. (२)
?याय प?यसे जनाय जुो अmहः. वी?यष? प1नये.. (३)
हे सोम! आप उपासना के यो?य ह?. यजमान आप कa .?थरता का यास करते ह?. जो
मनु?य ?ेष र1हत ह? और जो आप का गुणगान करते ह?, उन को आप पोषक आहार के ?प
म? ा?त होते ह?. (३)
?व ा ३ ? दै पवमान ज1नमा1न ुम?मः. अमृत?वाय घोषयन्.. (४)
हे सोम! आप 0द, प1व और उ?म ह?. आप कa अमरता कa घोषणा करते ?ए
यजमान उपासना करते ह?. (४)
येना नव?वा द?यङ् ङपोणु?ते येन 1वास आ1परे.
देवाना सु?ने अमृत?य चा?णो येन वा ?याशत.. (५)
हे सूय?! आप कa 1करण? नई ह?. सोमरस भी नए काम? म? लगाते ह?, 5जस से (सोम से)
ाणगण चुर धन पाते ह?, 5जस से यजमान? को अ 2मलता है. सोम अ?छे मन वाले ह?.
सुंदर सोम से देव? को भी अमृत ा?त होता है. (५)
सोमः पुनान ऊJम^णां वारं 1व धाव1त. अे वाचः पवमानः क1न?दत् .. (६)
हे सोम! आप प1व, लहरदार व अगामी ह?. यजमान वाणी से आप को और प1व
बनाते ह?. आप दौड़ते और आवाज करते ?ए ोणकलश म? जाते ह?. (६)
धी4भमृ?ज7?त वा5जनं वने ?aड?तम?य1वम्. अ4भ 1पृं मतयः सम?वरन्.. (७)
यजमान बलवान सोमरस को बु5?पूव?क प/र?कृत करते ह?. सोम वन म? ?aड़ा करते ह?.
समान ?वर म? (एक साथ) बु5?पूव?क ाथ?ना गा कर यजमान तीन बरतन? म? रखे सोमरस
कa उपासना करते ह?. (७)
असMज^ कलशाँ अ4भ मीढ् वां?स7?तन? वाजयुः. पुनानो वाचं जनय3स?यदत्.. (८)
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हे सोम! आप पोषक ह? और जल म? 2मल कर रहते ह?. यु? म? जाते ?ए घोड़े जैसे
आवाज करते ह?, वैसे ही सोम आवाज करते ?ए तेजी से ोणकलश म? जाते ह?. (८)
सोमः पवते ज1नता मतीनां ज1नता 0दवो ज1नता पृ3थाः.
ज1नता?नेज?1नता सूय??य ज1नते??य ज1नतोत 1व?णोः.. (९)
सोम ?वग?लोक, पृ?वीलोक, अ7?न, सूय?, इं व 1व?णु के जनक ह?. सोम को प/र?कृत
1कया जा रहा है. (१)
ा देवानां पदवीः कवीनामृ1षIव^ाणां म1हषो मृगाणाम्.
?येनो गृाणा ?व2ध1तव?नाना सोमः प1वम?ये1त रेभन्.. (१०)
सोम ?ानी, देवता?, क1वय?, ऋ1षय?, पशु?, मृग?, बाज, गृ? व वन?प1तय? म?
ा?त ह?. सोम आवाज करता ?आ ोणकलश म? जाता है. (१०)
ावी1वप?ाच ऊVम^ न 3स?धुIग^र ?तोमा?पवमानो मनीषाः.
अ?तः प?य?वृजनेमावरा?या 1त1त वृषभो गोषु जानन्.. (११)
हे सोम! आप कa आवाज समु कa लहर? कa भां1त कण?1य है. आप अंतया?मी व
अंत??1 वाले ह?. आप कa ?मता असीम है तथा वह कभी समा?त नह? होती है. बैल जैसे
गाय? के पास जाता है, वैसे ही आप ोणकलश म? जाते ह?. (११)
सातवां खंड
अ7?नं वो वृध?तम?वराणां पु?तमम्. अ?छा न?े सह?वते.. (१)
हे यजमानो! अ7?न अकूत श3? के भंडार ह?. वह बढ़ोतरी करने वाले व ेतम ह?.
आप सभी अ7?न के 1नकट प?ं2चए. (१)
अयं यथा न आभुव?वा ?पेव त?या. अ?य ??वा यश?वतः.. (२)
हे यजमानो! ?वा (बढ़ई) जैसे लकड़ी को ?प (आकार) दान करते ह?, तदवत (उसी
कार) अ7?न हम? यश और ?व?प दान करते ह?. (२)
अयं 1वा अ4भ4यो ऽ 7?नद?वेषु प?यते. आ वाजै?प नो गमत्.. (३)
हे अ7?न! आप सभी सुख व देवता? को भी संर?ण दान करते ह?. आप अबल के
साथ हमारे समीप पधारने कa कृपा कa5जए. (३)
इम2म? सुतं 1पब ?येमम?य? मदम्. शु??य ?वा?य?र?धारा ऋत?य सादने.. (४)
हे इं! य? म? सोमरस कa मददायी बड़ीबड़ी चमकaली धाराएं झर रही ह?. आप य?
सदन म? पधा/रए और सोमरस को पी5जए. (४)
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न 1क् वथीतरो हरी य0द? य?छसे.
न 1क् वानु म?मना न 1कः ?व आनशे.. (५)
हे इं! आप जैसा कोई अ?य वीर है ही नह?, न ही आप जैसा कोई घोड़? का पालनहार,
न ही घोड़? का ?वामी, न ही आप जैसा कोई बलवान है. आप घोड़? से चलने वाले रथ म?
1वराजते ह?. (५)
इ?ाय नूनमच?तो?था1न च वीतन. सुता अम?सु/र?दवो ?यें नम?यता सहः.. (६)
हे यजमानो! आप 1न4त ?प से इं कa ही पूजा कa5जए. आप उन के 3लए ाथ?ना
गाइए. इं देव? म? ?ये (बड़े) ह?. आप अपने पु? स1हत उ?ह? नमन कa5जए. (६)
इ? जुष?व वहा या1ह शूर ह/रह.
1पबा सुत?य म1तन? मधोकाना?म?दाय.. (७)
हे इं! आप शूरवीर व घोड़? के ?वामी ह?. आप आइए. आप के पु (यजमान) आप
को स करने के 3लए सोमरस भ?ट कर रहे ह?. आप उस मधुर सोमरस को पीने कa कृपा
कa5जए. (७)
इ? जठरं नं न पृण?व मधोHद^वो न.
अ?य सुत?य ?वा ३ न?प ?वा मदाः सुवाचो अ?थुः.. (८)
हे इं! आप जैसे अपने 0दलोक म? अपने पु? कa ाथ?ना? को सुन कर स होते
ह?, वैसे ही आप मधुर 0द सोमरस को पी कर स होने कa कृपा कa5जए. (८)
इ??तुराषा.?मो न जघान वृं य1तन?.
1बभेद वलं भृगुन? ससाहे शू?मदे सोम?य.. (९)
हे इं! आप ??मन? के नाशक व शु5जत् ह?. भृगु ऋ1ष ने 5जस कार वल रा?स को
मार 1गराया, उसी कार सोमरस पान से ऊज??वी हो कर आप भी हमारे शु? को मार
1गराएं. (९)
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छठा अ?याय
पहला खंड
गो1व?पव?व वसु1व5?र?य1वेतोधा इ?दो भुवने?वIप^तः.
?व सुवीरो अ3स सोम 1व1व?ं ?वा नर उप 1गरेम आसते.. (१)
हे सोम! आप गौ ?ध 2म4त, प1व, सव??ाता, े पथ पर जाने वाले व सभी लोक?
म? ा?त ह?. सभी उपासक आप कa उपासना करते ह?. (१)
?वं नृच?ा अ3स सोम 1वतः पवमान वृषभ ता 1व धाव3स.
स नः पव?व वसुम5?र?यव?य ?याम भुवनेषु जीवसे.. (२)
हे सोम! आप प1व, ?फूIत^दायी, सव?ापक व सव??ाता ह?. आप दौड़ते ?ए हमारे
पास पधा/रए. आप हम? धनवान बनाइए. आप कa कृपा से हम सभी लोक? म? े जीवन
जीएं. (२)
ईशान इमा भुवना1न ईयसे युजान इ?दो ह/रतः सुप?य?ः.
ता?ते ?र?तु मधुमद् घृतं पय?तव ते सोम 1त?तु कृयः.. (३)
हे सोम! आप सभी लोक? के ईर, हरे, सव? ा?त एवं मधुरता यु? ह?. आप के रस
कa धार 1नरंतर झरे. आप कa कृपा से यजमान अपने त (संक?प?) को पूरा करने म? लगे
रह?. (३)
पवमान?य 1व1व? ते सगा? असृ?त. सूय??येव न र?मयः.. (४)
हे सोम! आप प1व व सव??ाता ह?. सूय? कa तरह आप कa 1करण? (र.?मयां) ?वग? से
फैल रही ह?. (४)
केतुं कृ?व5?दव?प/र 1वा ?पा?यष?3स. समुः सोम 1प?वसे.. (५)
हे सोम! आप सव?ापक और ?वग?लोक के ऊपर 1करण? के ?प म? ा?त ह?. आप
बरसात के ?प म? पानी बरसा कर हम? संपता देते ह?. (५)
ज?ानो वाच2म?य3स पवमान 1वधम?4ण. ??द?देवो न सूय?ः.. (६)
हे सोम! आप सूय? जैसे द_7?तमान ह?. आप वाणी से प1वता को ा?त होते ह?. आप
आवाज करते ?ए ोणकलश म? जाते ह?. (६)
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सोमासो अध7?वषुः पवमानास इ?दवः. ीणाना अ?सु वृ?ते.. (७)
हे सोम! आप प1व व शीतल ह?. आप जल के साथ ोणकलश म? पर?पर 2म4त हो
रहे ह?. (७)
अ4भ गावो अध7?वषुरापो न वता यतीः. पुनाना इ?माशत.. (८)
हे इं! आप के भ?ण (पीने) के 3लए सोमरस नीचे बरतन म? शु? हो कर प?ंच रहा है.
(८)
पवमान ध?व3स सोमे?ाय मादनः. नृ4भय?तो 1व नीयसे.. (९)
हे सोम! आप प1व व इं के 3लए आनंददायी ह?. यजमान ?ारा आप 1नधा?/रत ?थान
तक ले जाए जा रहे ह?. (९)
इ?दो यद04भः सुतः प1वं प/रद_यसे. अर2म??य धा?ने.. (१०)
हे इं! सोमरस आप के पीने यो?य हो गया है. इसे प?थर? से कूट कर 1नचोड़ा गया एवं
छलनी (भेड़? के बाल? से बनी) से छाना गया है. (१०)
तव सोम नृमादनः पव?व चष?णीधृ1तः. स9?नय? अनुमाः.. (११)
हे सोम! आप प1व व मनु?य? के 3लए मददायी ह?. आप प/र?कृ1त (शु?ता) के बाद
यजमान ?ारा (देव? को चढ़ाने के 3लए) धारण 1कए जाते ह?. (११)
पव?व वृहतम उ?थे4भरनुमाः. शु2चः पावको अद् भुतः.. (१२)
हे सोम! आप प1व व 1वल?ण ह?. आप वृहंता के 3लए ?तु1तय? से शु?ता और
प1वता को ा?त होते ह?. (१२)
शु2चः पावक उ?यते सोमः सुतः स मधुमान्. देवावीरघश सहा.. (१३)
हे सोम! आप प1व, शु? व मधुरता से यु? ह?. आप देव? को आनं0दत करने वाले ह?.
आप को देव? का पु कहा गया है. (१३)
?सरा खंड
क1वद?ववीतये ऽ ा वारे4भरत. साा7?वा अ4भ ?पृधः.. (१)
हे सोम! आप क1व ह?. आप को देवता? के 3लए प/र?कृत 1कया जाता है. आप सभी
शु? से ?पधा? करने वाले ह?. (१)
स 1ह ?मा ज/रतृ?य आ वाजं गोम?त2म?व1त. पवमानः सह4णम्.. (२)
हे सोम! आप सह? प1व धारा? से झरते ह?. आप उपासक? को गोवान और
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धनवान बनाते ह?. (२)
प/र 1वा1न चेतसा मृ?यसे पवसे मती. स नः सोम वो 1वदः.. (३)
हे सोम! आप सव??ाता ह?. आप 1व को चेतनामय बनाते ह?. आप को बु5?पूव?क
प/र?कृत 1कया जाता है. आप हमारी ?तु1तय? को सुनने कa कृपा कa5जए. (३)
अ?यष? बृहशो मघवद्?यो ुव र1यम्. इष ?तोतृ?य आ भर.. (४)
हे सोम! आप 1वशाल व यश?वी ह?. आप ?तोता? को अवान और धनवान बनाने
कa कृपा कa5जए. (४)
?व राजेव सुतो 1गरः सोमा 1ववे3शथ. पुनानो वे अद् भुत.. (५)
हे सोम! आप राजा के समान, अ?छे त संक?प वाले, 1वल?ण व प1व मन वाले ह?.
यजमान कa वाणी को आप सुनने और ?वीकारने कa कृपा कa5जए. (५)
स व2र?सु ?रो मृ?यमानो गभ??योः. सोममूषु सीद1त.. (६)
हे सोम! आप जलमय व तेज?वी ह?. आप प/र?कृत 1कए जाते ?ए ोणकलश म? जा
कर बैठ जाते ह?. (६)
?aडुम?खो न म हयुः प1वं सोम ग?छ3स. दध??तोे सुवीय?म्.. (७)
हे सोम! आप प1व व महान ह?. आप य? कa तरह ?सर? का 1हत करने वाले ह?. आप
यजमान के 3लए े वीय? धारण करते ह?. आप उपासक? कa उपासना तक प?ंचते ह?. (७)
यवंयवं नो अ?धसा पुंपुं प/र व. 1वा च सोम सौभगा.. (८)
हे सोम! आप हम? बारबार पुा1तपु (अ2धक पु) बनाने के 3लए झ/रए. आप हम?
सारे वैभव? से सौभा?यवान बनाने कa कृपा कa5जए. (८)
इ?दो यथा तव ?तवो यथा ते जातम?धसः. 1न बIह^1ष 1ये सदः.. (९)
हे सोम! यजमान 5जस भावना से आप कa ?तु1त करते ह?, आप भी उसी 1य भावना
से य? म? कुश के आसन पर 1वराजने कa कृपा कa5जए. (९)
उत नो गो1वद1व?पव?व सोमा?धसा. म?ूतमे4भरह4भः.. (१०)
हे सोम! आप हम? गोवान व अवान बनाइए. आप हम? अकूत वैभव दान कa5जए.
(१०)
यो 5जना1त न जीयते ह7?त शुमभी?य. स पव?व सह5जत्.. (११)
हे सोम! आप से डर कर शु न हो जाते ह?. आप हजार? शु? को जीतने वाले ह?.
हम प1व सोम कa ?तु1त करते ह?. (११)
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या?ते धारा मधु?तो ऽ सृ2म?द ऊतये. ता4भः प1वमासदः.. (१२)
हे सोम! आप कa वे प1व धाराएं हम? संर?ण दान करने वाली ह?. आप उन के साथ
यहां पधा/रए. (१२)
सो अष??ाय पीतये 1तरो वारा?यया. सीदृत?य यो1नमा.. (१३)
हे सोम! आप को इं कa तृ7?त के 3लए छलनी से छान कर तैयार 1कया जाता है. आप
य? म? अपने ?थान पर 1वराजने कa कृपा कa5जए. (१३)
?व सोम प/र व ?वा0दो अ2?रो?यः. व/रवो1वद् धृतं पयः.. (१४)
हे सोम! आप ?वा0द ह?. आप अं1गरा आ0द ऋ1षय? के 3लए पौ1क पदाथ? दान
करने कa कृपा कa5जए. (१४)
तीसरा खंड
तव 4यो व?य??येव 1वुतो ऽ ?ने41क उषसा2मवेतयः.
यदोषधीर4भसृो वना1न च प/र ?वयं 2चनुषे अमास1न.. (१)
हे अ7?न! जब हम अ और वन?प1तय? को आप के मुंह म? डालते ह?, उस समय आप
कa लपट? वषा? के समय चमकने वाली 1बजली और उषा के काश कa तरह ?1गोचर होती
ह?. (१)
वातोपजूत इ1षतो वशाँ अनु तृषु यदा वे1वष1?1तसे.
आ ते यत?ते र?यो ३ यथा पृथक् शधा? ?य?ने अजर?य ध?तः.. (२)
हे अ7?न! हवा से 1हलने पर आप वन?प1तय? के पीछे जा कर उसे चार? ओर से आवृ?
कर (घेर) लेते ह?, उस समय आप को बढ़ते ?ए देख कर ऐसा लगता है—मानो रथ पर चढ़
कर कोई शूरवीर सब कुछ न (शु? का) करने के 3लए आगे बढ़ रहा हो. (२)
मेधाकारं 1वदथ?य साधनम7?न होतारं प/रभूतरं म1तम्.
?वामभ??य ह1वषः समान2म?वां महो वृणते ना?यं ?वत्.. (३)
हे अ7?न! आप बु5? को बढ़ाते ह?. आप य? के साधन (शृंगार) ह?. आप 1वशाल
आकार के ह?. हम होता ह1व ?वीकार करने के 3लए एक ?वर से आप के अलावा 1कसी और
का आान नह? कर रहे ह?. (३)
पु??णा 2च???यवो नूनं वां व?ण. 2म व 3स वा सुम1तम्.. (४)
हे सूय?! हे व?ण! आप पया??त साधन? वाले ह?. आप अपनी सुम1त हम? ा?त कराने कa
कृपा कa5जए. हम आप के 2म हो जाएं. (४)
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ता वा स?यगmाणेषम?याम धाम च. वयं वां 2मा ?याम.. (५)
हे सूय?! हे व?ण! आप दोन? देव अ?ेषी ह?. हम आप कa स?यक् ?प से उपासना करते
ह?. हम आप दोन? के 2म हो जाएं. (५)
पातं नो 2मा पायु4भ?त ायेथा सुाा. सााम द?यून् तनू4भः.. (६)
हे 2म! हे व?ण! आप अपने र?ासाधन? से हमारी र?ा कa5जए. आप कa कृपा से हम
अपने शरीर ?ारा शु? को न कर सक?. (६)
उ3?ोजसा सह पी?वा 3शे अवेपयः. सोम2म? चमू सुतम्.. (७)
हे इं! आप ओज के साथ उ0ठए. आप अपनी ठोड़ी को ऊपर उठाइए. आप यु? म?
?फूIत^ 0दखाने के 3लए इस सोमरस को पी5जए. (७)
अनु ?वा रोदसी उभे ?पध?मान मदेताम्. इ? य??युहाभवः.. (८)
हे इं! आप ?वग?लोक और पृ?वीलोक दोन? के 3लए आनंददायी ह?. आप द?यु? के
1त 1त?पधा? रखते ह?. आप द?यु? का नाश करते ह?. (८)
वाचमापद_महं नव3?मृतावृधम्. इ?ा?प/रत?वं ममे.. (९)
हे इं! अमृत कa बढ़ोतरी करने वाली नई क?पना? से प/रपूण?, आठ पद? वाली ?तु1त
?वीकार करने कa कृपा कa5जए. (९)
इ?ा?नी युवा2ममे ३ ऽ 4भ ?तोमा अनूषत. 1पबत श?भुवा सुतम्.. (१०)
हे इं! हे अ7?न! हम यजमान आप दोन? देवता? कa उपासना करते ह?. आप दोन?
सोमरस पी5जए. (१०)
या वा स7?त पु??पृहो 1नयुतो दाशुषेः नरा. इ?ा?नी ता4भरा गतम्.. (११)
हे इं! हे अ7?न! यजमान कa आप के 1त ?पृहा (चाहना) है. आप शी ही ह1व पाने
के 3लए अपने ग1तशील साधन? से हमारे पास पधारने कa कृपा कa5जए और दान देने वाल?
कa सहायता कa5जए. (११)
ता4भरा ग?छतं नरोपेद सवन सुतम्. इ?ा?नी सोमपीतये.. (१२)
हे इं! हे अ7?न! आप अपने उन ग1तशील साधन? से मनु?य? के पास पधारने कa कृपा
कa5जए. आप दोन? सोमरस पीने के 3लए पधा/रए. (१२)
चौथा खंड
अषा? सोम ुम?मो ऽ 4भ ोणा1न रो?वत्. सीद?योनौ वने?वा.. (१)
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हे सोम! आप वन म? 1वराजमान रहते ह?. आप ु1तमान ह?. आप आवाज करते ?ए
ोणकलश म? जाते ह?. (१)
अ?सा इ?ाय वायसे व?णाय व??यः. सोमा अष??तु 1व?णवे.. (२)
हे सोम! आप इं, वायु, व?ण, म?द् गण?, 1व?णु के 3लए जल म? 2म4त होने कa कृपा
कa5जए. (२)
इषं तोकाय नो दधद?म?य सोम 1वतः. आ पव?व सह4णम्.. (३)
हे सोम! आप हमारे 3लए सभी कार के वैभव सभी ओर से दान कa5जए. आप
हजार? धारा? से झरने कa कृपा कa5जए. (३)
सोम उ ?वाणः सोतृ4भर2ध ?णु4भरवीनाम्.
अयेव ह/रता या1त धारया म?या या1त धारया.. (४)
हे सोम! यजमान आप को 1नचोड़ कर प/र?कृत करते ह?. आप घोड़े कa तरह ग1तशील
धारा से ोणकलश म? जाते ह?. आप मंद ग1त से ोणकलश म? जाते ह?. (४)
अनूपे गोमान् गो4भर?ाः सोमो ??धा4भर?ाः.
समुं न संवरणा?य?म?म?द_ मदाय तोशते.. (५)
हे सोम! न0दयां जैसे समु का वरण कर के .?थर होती ह?, उसी कार सोमरस
ोणकलश म? प?ंच कर .?थर हो रहा है. सोमरस अनुपम, गो से यु?, आनंददायी व पोषक
है. (५)
य?सोम 2चमु??यं 0दं पाKथ^वं वसु. तः पुनान आ भर.. (६)
हे सोम! आप 0द व अद् भुत ह?. पृ?वी पर जो भी ऐय? है, वह सब आप हम? ा?त
कराने कa कृपा कa5जए. (६)
वृषा पुनान आयु 1ष ?तनय2ध बIह^1ष. ह/रः स?यो1नमासदः.. (७)
हे सोम! आप हरे व प1व ह?. आप आवाज करते ?ए े यो1न (?थान) म? कुश के
आसन पर 1वराजमान होइए. (७)
युव 1ह ?थः ?वःपती इ? सोम गोपती. ईशाना 1प?यतं 2धयः.. (८)
हे इं! हे सोम! आप देव वैभव के ?वामी ह?. आप गोप1त (?वामी) व बु5? के र?क ह?.
आप हमारी बु5? को े कम? म? (राह? म?) लगाने कa कृपा कa5जए. (८)
पांचवां खंड
इ?ो मदाय वावृधे शवसे वृहा नृ4भः.
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त2म?मह??वा5जषू1तमभ? हवामहे स वाजेषु नो ऽ 1वषत्.. (१)
हे इं! आप मददाता व वृनाशक ह?. आप अपने र?ा साधन? से हम? बलवान बना
सकते ह?. हम आप से उन र?ा साधन? स1हत यु?? म? अपनी र?ा करने का अनुरोध करते ह?.
आप हमारी र?ा करने कa कृपा कa5जए. (१)
अ3स 1ह वीर से?यो ऽ 3स भू/र पराद0दः.
अ3स द?य 2चद् वृधो यजमानाय 3श?3स सु?वते भू/र ते वसु.. (२)
हे इं! आप वीर सै1नक ह?. आप शु? कa समृ5? (वैभव) का नाश कa5जए. आप
धनदाता ह?. आप यजमान? को वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (२)
य?द_रत आजयो धृ?णवे धीयते धनम्.
युङ् ?वा मद?युता हरी क हनः कं वसौ दधो ऽ ?माँ इ? वसौ दधः.. (३)
हे इं! आप कa कृपा से अपार समृ5? 2मलती है. आप अपने रथ म? घोड़े जोत कर,
1कस को मारना है और 1कस को नह?, यह सोचते ?ए हम? धन दान करने कa कृपा कa5जए.
(३)
?वादो/र?था 1वषूवतो मधोः 1पब7?त गौय?ः.
या इ?ेण सयावरीवृ??णा मद7?त शोभथा व?वीरनु ?वरा?यम्.. (४)
हे इं! सूय? कa 1करण? सु?वा? और मीठे सोमरस को पीती ह?. सूय? कa ये 1करण? आप
के पास सुशो4भत होती ह? अथा?त् अपने ही रा?य म? 1नवास करती ह?. (४)
ता अ?य पृशनायुवः सोम ीण7?त पृयः.
1या इ??य धेनवो व 1ह?व7?त सायकं व?वीरनु ?वरा?यम्.. (५)
हे इं! सूय? कa ब?रंगी 1करण? आप को छूती ह?. ये 1करण? आप को 1य ह? और ये आप
के व को े/रत करती ह?. ये इं कa गाय? को भी 1य ह?. ये ?वरा?य म? ही .?थत रहती ह?.
(५)
ता अ?य नमसा सहः सपय?7?त चेतसः.
ता?य?य स4रे पु?4ण पूव?2च?ये व?वीरनु ?वरा?यम्.. (६)
हे इं! सूय? कa 1करण? ?ानमय ह?. ये आप को नमन करती ह?. ये जात करने वाली ह?.
ये इं को उन के पहले (1कए गए) के काय? को याद 0दलाती ह?. ये 1करण? ?वरा?य म? ही
.?थत रहती ह?. (६)
छठा खंड
असा शुम?दाया?सु द?ो 1ग/राः. ?येनो न यो1नमासदत्.. (१)
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हे सोम! आप द?, पव?तवासी व चुर (अ2धक) वैभवदाता ह?. आप जल म? 2म4त हो
जाते ह?. आप बाज प?ी कa भां1त वेग से बरतन म? वेश करते ह?. (१)
शुम?धो देववातम?सु धौतं नृ4भः सुतम्. ?वद7?त गावः पयो4भः.. (२)
हे सोम! आप शु ह? और यजमान? ?ारा 1नचोड़े जाते ह?. आप को े जल म?
2मलाया जाता है. गाएं अपने ?ध को सोमरस म? 2मलाती ह?. अपने ?ध से वे गाएं इस को और
अ2धक ?वादमय बना देती ह?. (२)
आद_मं न हेतारमशूशुभमृताय. मधो रस सधमादे.. (३)
हे सोम! घोड़े जैसे फुत?ले आप को यजमान (होता) य??थल पर 1ता1पत करते ह?.
यजमान आप से अमरता कa चाह रखते ह?. (३)
अ4भ ु?नं बृ?श इष?पते 0दद_1ह देव देवयुम्. 1व कोशं म?यमं युव.. (४)
हे सोम! आप वन कa उपज (वन?प1त) के ?वामी ह?. आप हम? ऐसा वैभव दान करने
कa कृपा कa5जए, 5जसे पाने के 3लए देवगण भी इ?छुक ह?. आप य?शाला के बीचोबीच
े ?थान पर 1त2त होने कa कृपा कa5जए. (४)
आ व?य?व सुद? च?वोः सुतो 1वशां व2न? 1व?प1तः.
वृ=^ 0दवः पव?व री1तमपो 5ज?वन् ग1वये 2धयः.. (५)
हे सोम! आप बु5?मान ह?. आप यजमान को भी ऐसी बु5? देते ह?, 5जस से वे उपयु?
माग? पर जा सक?. आप राजा कa भां1त सब का भरणपोषण करते ह?. आप ?वग?लोक से होने
वाली वषा? कa तरह बर3सए (वा1हत होइए). आप ोणकलश म? ?था1पत होने कa कृपा
कa5जए. (५)
ाणा 3शशुम?हीना 1ह?वृत?य द_2ध1तम्. 1वा प/र 1या भुवदध 1?ता.. (६)
हे सोम! आप 0द जल से पैदा होते ह?. आप य? को का3शत करते ह?. आप अपने
रस को े/रत करने कa कृपा कa5जए. सब आप को चाहते ह?. आप ह1व को हण करने कa
कृपा कa5जए. आप पृ?वीलोक व ?वग?लोक (अंत/र?लोक) को का3शत कa5जए. (६)
उप 1त?य पा?यो ३ रभ? यद् गु पदम्. य??य स?त धाम4भरध 1यम्.. (७)
हे सोम! आप 1त (महान ऋ1ष) कa गुफा के समीप ा?त होते ह?. आप चट् टान कa
भां1त कठोर दो फलक? के बीच से ा?त होते ह?. यजमान गायी छंद म? मं रच कर आप
कa उपासना करते ह?. (७)
ी4ण 1त?य धारया पृे?वैरय1यम्. 2ममीते अ?य योजना 1व सु?तुः.. (८)
हे सोम! आप तीन? भुवन? व तीन? सवन? म? ा?त ह?. आप अपनी धारा से इं को
े/रत कa5जए. ेकमा? (कम? वाले) यजमान े ?तो? से आप कa उपासना और गुणगान
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करते ह?. (८)
पव?य वाजसातये प1वे धारया सुतः.
इ?ाय सोम 1व?णवे देवे?यो मधुम?रः.. (९)
हे सोम! आप रसीले ह?. आप अपनी मधुर धारा से इं, 1व?णु व सभी देव? को तृ?त
कa5जए. आप ोणकलश म? वा1हत होने कa कृपा कa5जए. (९)
?वा /रह7?त धीतयो ह;र^ प1वे अmहः.
व?सं जातं न मातरः पवमान 1वधम?4ण.. (१०)
हे सोम! आप हरी कां1त वाले ह?. यजमान कa अंगु3लयां आपस म? ?ेष नह? रखती ह?. वे
आपस म? सहयोग कर के आप का रस 1नचोड़ती ह?. आप को उसी तरह साफ करती ह?, जैसे
गाय नवजात (तुरंत उ?प ?ए) बछड़े को चाट कर साफ करती है. (१०)
?वं ां च म1हत पृ3थव? चा1त ज4षे.
1त ा1पममु?चथाः पवमान म1ह?वना.. (११)
हे सोम! आप प1व व महान त वाले ह?. आप अंत/र?लोक व पृ?वीलोक को धारण
करते ह?. आप अपनी प1व म1हमा के अनुकूल कवचधारी ह?. (११)
इ??वा?जी पवते गो?योघा इ?े सोमः सह इ?व?मदाय.
ह7?त र?ो बाधते पय?रा=त^ व/रव?कृ?व?वृजन?य राजा.. (१२)
हे सोम! आप प1व व श3?शाली ह?. आप अपनी प1व और श3?शाली धारा से
झरते ह?. आप परा?मी, आनंददायी व श3? के राजा ह?. आप यजमान? कa र?ा करते ह?,
आप यजमान? को धन दान करते ह?. (१२)
अध धारया म?वा पृचान9?तरो रोम पवते अ0??धः.
इ??/र??य स?यं जुषाणो देवो देव?य म?सरो मदाय.. (१३)
हे सोम! प?थर? से कूट कर आप का रस 1नकाला जाता है. आप कa धारा तेज से यु?
सुख देने वाली, मधुर और इं कa 2मता चाहने वाली है. वह देव? के 3लए आनंददायी,
?फूIत^दायी व तृ7?तदायी है. (१३)
अ4भ ता1न पवते पुनानो देवो देवा???वेन रसेन पृ?चन्.
इ??ध?मा??यृतुथा वसानो दश 4?पो अत सानो अे.. (१४)
हे सोम! आप संक?पशील व काशमान ह?. आप कa धाराएं देव? को स करती ह?.
इस समय आप को अंगु3लय? से 1नचोड़ा जा रहा है. आप प1व हो कर झर रहे ह?. आप
ोणकलश म? 1त2त होने कa कृपा कa5जए. (१४)
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सातवां खंड
आ ते अ?न इधीम1ह ुम?तं देवाजरम्.
य? ?या ते पनीयसी स2म?_दय1त वीष ?तोतृ?य आ भर.. (१)
हे अ7?न! आप अजर ह?. हम स2मधा? से आप को द_?त करते ह?. आप के काश से
?वग?लोक ु1तमान होता है. आप यजमान? को भरपूर धन दान करने कa कृपा कa5जए.
(१)
आ ते अ?न ऋचा ह1वः शु??य ?यो1तष?पते.
सु? द?म 1व?पते हवाट् तु?य ?यत इष ?तोतृ?य आ भर.. (२)
हे अ7?न! आप 1वपालक, शुनाशक, काशक, ह1ववाहक व आनंदव??क ह?.
यजमान ?तु1तयां पढ़ते ?ए आप को आ?1त दान करते ह?. आप यजमान? को भरपूर धन
दान करने कa कृपा कa5जए. (२)
ओभे सु? 1व?पते दव? ीणीष आस1न.
उतो न उ?पुपूया? उ?थेषु शवस?पत इष ?तोतृ?य आ भर.. (३)
हे अ7?न! आप जापालक, श3?मान और का3शत ह?. आ?1त देते समय मु?य पा
आप के मुख तक प?ंच जाते ह?. उपासक ह1व भ?ट कर के आप को स करना चाहते ह?.
आप यजमान? को भरपूर वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (३)
इ?ाय साम गायत 1वाय बृहते बृहत्. कृते 1वप4ते पन?यवे.. (४)
हे साम गायक ाणो! इं शंसा के यो?य ह?. आप उन के 3लए 1व?तृत साममं
गाइए. इं ?ानसाधक व उस के 1व?तारक ह?. (४)
?व2म?ा4भभूर3स ?व सूय?मरोचयः. 1वकमा? 1वदेवो महाँ अ3स.. (५)
हे इं! आप 1व (संपूण? संसार के देव) और 1वकमा? (1व के संपूण? काय? करने
वाले) ह?. आप सूय? को चमकाते ह?. आप कa भू/रभू/र शंसा कa जाती है. (५)
1वाजं ?यो1तषा ?व ३ र??छो रोचनं 0दवः. देवा?त इ? स?याय ये2मरे.. (६)
हे इं! आप काश से चमकते ?ए सुशो4भत होते ह?. आप ?वग?लोक को भी का3शत
करते ह?. सभी देवगण आप के सखा होना चाहते ह?. कृपया आप पधा/रए. (६)
असा1व सोम इ? ते श1व धृ?णवा ग1ह.
आ?वा पृण.??व5?य रजः सूय? न र.?म4भः.. (७)
हे इं! आप शु? को हराते ह?. आप साम?य?वान ह?. आप पधारने कa कृपा कa5जए.
आप के 3लए सोमरस भ?ट 1कया गया है. आप हमारे य? को पधार कर उसी कार का3शत
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कa5जए, 5जस कार सूय? अपनी 1करण? से अंत/र?लोक को का3शत करते ह?. (७)
आ 1त वृहथं यु?ा ते णा हरी.
अवा?चीन सु ते मनो ावा कृणोतु व?नुना.. (८)
हे इं! आप वृहंता ह?. आप के रथ म? घोड़े (मं? ?ारा) जोड़ 0दए गए ह?. आप उस
रथ म? 1वरा5जए, आइए और बै0ठए. सोम को कूटते ?ए प?थर? कa आवाज? आप के मन को
आकIष^त करने म? समथ? हो सक?. (८)
इ?2म?री वहतो ऽ 1तधृशवसम्.
ऋषीणा सुुती?प य?ं च मानुषाणाम्.. (९)
हे इं! आप अपरा5जत ह? और सदैव शु? को हराते ह?. आप के घोड़े आप को य?
?थान तक प?ंचाने कa कृपा कर?. मनु?य? के इस य? म? ऋ1ष लोग ?तु1तयां गा रहे ह?. (९)
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सातवां अ?याय
पहला खंड
?यो1तय???य पवते मधु 1यं 1पता देवानां ज1नता 1वभूवसुः.
दधा1त र?न ?वधय?रपी?यं म0द?तमो म?सर इ5?यो रसः.. (१)
हे सोम! आप प1व, मधुर, देवता? को 1य, पालक एवं धन दान करने वाले ह?.
आप ?फूIत^दायी ह?. आप इं को मदम?त बना देते ह?. आप यह कa ?यो1त ह?. आप यजमान
के 3लए र?न धारण करते ह?. (१)
अ4भ??द?कलशं वा?यष?1त प1तHद^वः शतधारो 1वच?णः.
ह/रJम^?य सदनेषु सीद1त ममृ?जानो ऽ 1व4भः 3स?धु4भवृ?षा.. (२)
हे सोम! आप ?वग?लोक के ?वामी, सैकड़? धारा वाले, 1वल?ण, ?फूIत^दायी, ऊजा?
व??क व हरी आभा वाले ह?. आप आवाज करते ?ए ोणकलश म? जाते ह?. आप जल म?
2मल कर तैयार होते ह?. आप 2म के घर म? रहने कa तरह कलश म? रहते ह?. (२)
अे 3स?धूनां पवमानो अष??ये वाचो अ1यो गोषु ग?छ3स.
अे वाज?य भजसे मह?न ?वायुधः सोतृ4भः सोम सूयसे.. (३)
हे सोम! आप को हम ?तु1तय? से आमं1त करते ह?. हम आप को शो2धत और जलमय
करने के समय भी ?तु1त गाते ह?. आप अ?श?मय हो कर आते ह?, गौ कa र?ा करते ?ए
आते ह?. आप चुर धन देने के 3लए भजे जाते ह?. (३)
असृ?त वा5जनो गा सोमासो अया. शु?ासो वीरयाशवः.. (४)
हे सोम! आप काशमान, वेगवान व वीर ह?. यजमान गाएं, घोड़े और संतान पाने के
3लए आप को प/र?कृत करते ह?. (४)
शु?भमाना ऋतायु4भमृ??यमाना गभ??योः. पव?ते वारे अये.. (५)
हे सोम! यजमान? के हाथ? से तैयार, प/र?कृत व जल 2मला कर तैयार 1कया गया
सोमरस सुशो4भत हो रहा है. (५)
ते 1वादाशुषे वसु सोमा 0दा1न पाKथ^वा. पव?तामा?त/र?या.. (६)
हे सोम! आप यजमान को पृ?वीलोक, अंत/र?लोक और ?वग?लोक के सभी वैभव
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दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
पव?व देववीर1त प1व सोम र ा. इ?2म?दो वृषा 1वश.. (७)
हे सोम! आप प1व ह?. आप देवश3?य? के 1नकट ह?. आप वेग से शो2धत होने कa
कृपा कa5जए. आप इं के 3लए 1त?था1पत होने कa कृपा कa5जए. (७)
आ व?य?व म1ह ?सरो वृषे?दो ु?नव?मः.. आ यो=न^ धण?3सः सदः.. (८)
हे सोम! आप वीर व काशमान ह?. आप हम? उ?म गुण दान करने एवं य? म? अपने
1नधा?/रत ?थान पर पधारने कa कृपा कa5जए. (८)
अधु?त 1यं मधु धारा सुत?य वेधसः. अपो व3स सु?तुः.. (९)
शो2धत सोमरस धारा? से पा म? इकट् ठा होता है. व3स ऋ1ष सोमरस को जल म?
2मलाते ह?. (९)
महा?तं ?वा महीर?वापो अष?7?त 3स?धवः. यद् गो4भवा?स1य?यसे.. (१०)
हे सोम! आप महान ह?. आप को महान न0दय? के जल व गाय? के ?ध म? 2मलाया
जाता है. (१०)
समुो अ?सु मामृजे 1व?भो ध?ण? 0दवः. सोमः प1वे अ?मयुः.. (११)
हे सोम! आप देवलोक को धारण करते ह?. आप जलमय व आकां?ी ह?. आप को
बारबार भेड़ के बाल? से बनी छलनी म? छाना जाता है. (११)
अ2च?दद् वृषा ह/रम?हा9?मो न दश?तः. स सूय?ण 0दुते.. (१२)
सोमरस श3?दायी, हरी कां1त वाला, महान, 2म कa तरह दश?नीय और सूय? कa तरह
ु1तमान (का3शत) है. (१२)
1गर?त इ?द ओजसा ममृ??य?ते अप?युवः. या4भम?दाय शु?भसे.. (१३)
हे सोम! आप के ओज से यजमान ?तु1त गाते ह? तथा सता के 3लए आप सुशो4भत
होते ह?. (१३)
तं ?वा मदाय घृ?वय उ लोककृ?नुमीमहे. तवे श?तये महे.. (१४)
हे सोम! आप लोक क?याण के 3लए शुनाशक ह?. हम महान ?तो? से आप कa
शंसा करते ह?. (१४)
गोषा इ?दो नृषा अ?यसा वाजसा उत. आ?मा य??य पू?ः.. (१५)
हे सोम! आप य? के मु?याधार व य? कa आ?मा ह?. आप गोधन, अधन और
संतानधन के दाता ह?. (१५)
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अ?म?य2म?द1व5?यं मधोः पव?व धारया. पज??यो वृ1माँ इव.. (१६)
हे सोम! बादल? से होने वाली बरसात के समान आप अपनी प1व मधुर धारा? से
हमारे 3लए अमृत बरसाने कa कृपा कa5जए. (१६)
?सरा खंड
सना च सोम जे1ष च पवमान म1ह वः. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (१)
हे सोम! आप प1व ह?. आप ब?त उपासना के यो?य ह?. आप देवता? के पास जाइए.
आप शु? को जीतने के बाद हम? यश?वी बनाने कa कृपा कa5जए. (१)
सना ?यो1तः सना ?व ३ Iव^ा च सोम सौभगा. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (२)
हे सोम! आप हम? ?यो1तम?य बनाइए. आप हम? ?वIग^क सुख द_5जए. आप हम?
सौभा?यवान एवं शु1वजय के बाद यश?वी बनाइए. (२)
सना द?मुत ?तुमप सोम मृधो ज1ह अथा नो व?यस?कृ2ध.. (३)
हे सोम! आप हम? बलवान व कत?परायण बनाइए. शुनाश कर के आप हम? सुखी
बनाइए. (३)
पवीतारः पुनीतन सोम2म?ाय पातवे. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (४)
हे यजमानो! आप सोम को प1व करने वाले ह?. आप इं के पीने के 3लए सोमरस
प1व कa5जए और हमारा क?याण करने कa कृपा कa5जए. (४)
?व सूय? न आ भज तव ??वा तवो1त4भः. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (५)
हे सोम! आप अपने र?ा साधन? से हम? सूय? को भजने के 3लए े/रत कa5जए. आप
हमारा 1हत साधने कa कृपा कa5जए. (५)
तव ??वा तवो1त4भ?य??प?येम सूय?म्. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (६)
हे सोम! आप के र?ा साधन? और ?ान से हम द_घ? काल तक सूय? के दश?न करने म?
समथ? हो सक?. आप हम? द_घा?यु दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
अ?यष? ?वायुध सोम 1?बह?स र1यम्. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (७)
हे सोम! आप आयुधधारी ह?. आप हम? इहलौ1कक और पारलौ1कक धन व सुख देने
कa कृपा कa5जए. (७)
अ?य ३ षा?नप?युतो वा5ज??सम?सु सास1हः. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (८)
हे सोम! आप यु? ?े म? 1वजयी होते ह?. आप शु? को हराने वाले ह?. आप
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ोणकलश म? चूने (टपकने) और हमारा क?याण करने कa कृपा कa5जए. (८)
?वां य?ैरवीवृध?पवमान 1वधम?4ण. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (९)
हे सोम! आप प1व ह?. आप य? म? फलदाता ह?. यजमान ?तु1तय? से आप कa बढ़ोतरी
करते ह?. आप हमारी बढ़ोतरी करने कa कृपा कa5जए. (९)
र=य^ न4म4न2म?दो 1वायुमा भर. अथा नो व?यस?कृ2ध.. (१०)
हे सोम! आप हम? अद् भुत घोड़े देने व सब के 3लए क?याणकारी धन देने कa कृपा
कa5जए. हम? सुख द_5जए. (१०)
तर?स म?द_ धाव1त धारा सुत?या?धसः. तर?स म?द_ धाव1त.. (११)
हे सोम! आप मददायी व पोषक ह?. आप कa धारा छलनी म? छनती है. आप कa धाराएं
वेग से बहती ह?. (११)
उा वेद वसूनां मत??य देवसः. तर?स म?द_ धाव1त.. (१२)
हे सोम! आप सभी वैभव? के ?वामी व 0द ह?. आप मनु?य? (यजमान?) के संर?क ह?.
आप के रस कa धाराएं वेग से बहती ह?. (१२)
?वयोः पु?ष??योरा सहा4ण दहे. तर?स म?द_ धाव1त.. (१३)
हे सोम! आप ?व और पु?षं1त नाम के ? राजा? का वैभव हम? देने कa कृपा
कa5जए. आप कa धाराएं वेग से बहती ह?. (१३)
आ ययो4 शतं तना सहा4ण च दहे. तर?स म?द_ धाव1त.. (१४)
हे सोम! आप ?व और पु?षं1त के तीन सौ और तीन हजार व? हम? देने कa कृपा
कa5जए. आप कa धाराएं वेग से बहती ह?. (१४)
एते सोमा असृ?त गृणानाः शवसे महे. म0द?तम?य धारया.. (१५)
सोमरस कa मददायी धारा? के साथ ये सोम ोणकलश म? छन रहे ह?. ये महान और
क?याणकारी ह?. (१५)
अ4भ गा1न वीतये नृ?णा पुनानो अष?3स. सन?ाजः प/र व.. (१६)
हे सोम! आप मनु?य? को सुख देते ह?. देवता आप का सेवन करते ह?. इसी3लए आप
को गौ ?ध म? 2मलाया जाता है. आप अ दान करते ?ए कलश म? 1वत होते (झरते) ह?.
(१६)
उत नो गोमती/रषो 1वाअष? प/रुभः. गृणानो जमद7?नना.. (१७)
हे सोम! आप कa जमद7?न (ऋ1ष) ने ?तु1त कa. आप गौ? के साथ ही हम? े बु5?
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और े अ दान करने कa कृपा कa5जए. (१७)
तीसरा खंड
इम ?तोममह?ते जातवेदसे रथ2मव सं महेमा मनीषया.
भा 1ह नः म1तर?य स स?ने स?ये मा /रषामा वयं तव.. (१)
हे अ7?न! आप ?तु1त के यो?य, सव??ाता व सव?ा ह?. हम अपनी ?ा आप तक
प?ंचाने के 3लए अपनी ाथ?ना? को रथ कa तरह योग म? लाते ह?. आप कa उपासना से
हमारी बु5? ती होती है. आप कa 2मता हम? क से मु3? 0दलाने म? समथ? है. (१)
भरामे?मं कृणवामा हवी 1ष ते 2चतय?तः पव?णापव?णा वयम्.
जीवातवे तरा साधया 2धयो ऽ ?ने स?ये मा /रषामा वयं तव.. (२)
हे अ7?न! हम प1व पव? पर आप को स2मधा? से द_?त करते ह?. ह1व दान करते
ह?. आप का >च^तन करते ह?. आप हमारी बु5? ती क/रए. हम आप कa कृपा से अपना य?
सफल बनाएं और क? से मु? रह?. (२)
शकेम ?वा स2मध सा?या 2धय??वे देवा ह1वरद??या?तम्.
?वमा0द?याँ आ वह ता?? ३ ?म?य?ने स?ये मा /रषामा वयं तव.. (३)
हे अ7?न! हम स2मधा? से आप को ?व3लत करते ह?. हम देवता? को ह1व दान
करते ह?. आप उस ह1व को हण करने के 3लए देवता? को बुलाने कa कृपा कa5जए. हम
उ?ह? आमं1त करने के इ?छुक ह?. आप अपनी 2मता से हमारे सारे क? को ?र करने कa
कृपा कa5जए. (३)
1त वा सूर उ0दते 2मं गृणीषे व?णम्. अय?मण /रशादसम्.. (४)
हे 2म! हे व?ण! हम सूय?दय के अवसर पर आप दोन? देव? और ?सरे सभी देवता?
कa उपासना करते ह?. आप शुनाशक ह?. (४)
राया 1हर?यया म1त/रयमवृकाय शवसे. इयं 1वा मेधसातये.. (५)
हे 2म! हे व?ण! ये ाण यजमान े बु5? के 3लए आप कa उपासना करते ह?. हम
आप से ?वण? चाहते ह?. हम क?याण कa कामना से आप कa उपासना करते ह?. (५)
ते ?याम देव व?ण ते 2म सू/र4भः सह. इष ?व धीम1ह.. (६)
हे 2म! हे व?ण! हम 1व?ान? (ऋ7?वज?) के साथ संप3?वान ह?. आप कa कृपा से हम
अ और ?वण? पा कर ऐय? यु? ह?. (६)
4भ9?ध 1वा अप 1?षः प/र बाधो जही मृधः. वसु ?पाह? तदा भर.. (७)
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हे इं! आप सभी ?? का नाश क/रए. आप हमारे उ?म काय? म? बाधक शु? का
नाश कa5जए. आप हम? मनोवां2छत धन दान करने कa कृपा कa5जए. (७)
य?य ते 1वमानुष?भूरेद???य वेद1त. वसु ?पा? तदा भर.. (८)
हे इं! आप चुर धन देते ह?. यह हम जानते ह?. आप हम? भरपूर धन देने कa कृपा
कa5जए. (८)
य?_डा1व? य.??थरे य?पशा?ने पराभृतम्. वसु ?पाह? तदा भर.. (९)
हे इं! आप हम? वह सारा धन देने कa कृपा कa5जए, 5जसे आप ने शु? से जीता है
तथा 5जसे आप सब से 2छपा कर (?सर? को 0दए 1बना ही) सुर4?त और अभे जगह पर
रखे ?ए ह?. (९)
य??य 1ह ?थ ऋ7?वजा स?नी वाजेषु कम?सु. इ?ा?नी त?य बोधतम्.. (१०)
हे इं! हे अ7?न! आप य? के ऋ7?वज् ह?. य? के काम? म? आप कa प1वता बनी रहती
है. आप हमारी ाथ?ना? पर ?यान देने कa कृपा कa5जए. (१०)
तोशासा रथयावाना वृहणापरा5जता. इ?ा?नी त?य बोधतम्.. (११)
हे इं! हे अ7?न! आप ??मन? से अपरा5जत, रथ से याा करने वाले व ?? के नाशक
ह?. आप हमारी ?तु1तय? पर ?यान देने कa कृपा कa5जए. (११)
इदं वां म0दरं म?वधु?04भन?र. इ?ा?नी त?य बोधतम्.. (१२)
हे इं! हे अ7?न! यजमान? ने आप के 3लए मददायी मधुर सोमरस तैयार 1कया है. आप
हमारी ?तु1तय? पर ?यान देने कa कृपा कa5जए. (१२)
चौथा खंड
इ?ाये?दो म??वते पव?व मधुम?मः. अक??य यो1नमासदम्.. (१)
हे सोम! आप मददायी, मधुरतम और प1व ह?. आप म?द् गण? के साथ आने वाले इं
के 3लए झरने कa कृपा कa5जए. (१)
तं ?वा 1वा वचो1वदः प/र?कृ?व7?त धण?3सम्. सं ?वा मृज??यायवः.. (२)
हे सोम! आप संसार के धारक व वाणी के ?ाता ह?. याजक आप को भलीभां1त
प/र?कृत कर रहे ह?. (२)
रसं ते 2मो अय?मा 1पब?तु व?णः कवे. पवमान?य म?तः.. (३)
हे सोम! आप 1व?ान् ह?. 2म, व?ण, अय?मा और म?द् गण आप के रस को पीने कa
कृपा कर?. (३)
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मृ?यमानः सुह??या समुे वाच2म?व3स.
र=य^ 1पश?ं ब?लं पु??पृहं पवमाना?यष?3स.. (४)
हे सोम! अ?छे हाथ? से प/र?कृत 1कया जाता ?आ सोमरस आवाज करते ?ए
ोणकलश म? जाता है. आप का रंग सुनहरा है. आप अनेक लोग? ?ारा चाहे जाते ह?. आप
हम? इ.?छत धन दान करने कa कृपा कa5जए. (४)
पुनानो वारे पवमानो अये वृषो अ2च?द?ने.
देवाना सोम पवमान 1न?कृतं गो4भर?ानो अष?3स.. (५)
हे सोम! आप प1व व ?फूIत^दायी ह?. यजमान? ?ारा प/र?कृत 1कया गया सोमरस जल
म? ब?त ज?द_ घुल जाता है. आप को देवता? के 3लए प1व 1कया जाता है. देव? के ही
3लए सोमरस म? गाय का ?ध 2मलाया जाता है. आप को (उ?ह? के 3लए) प1व कलश म?
1त2त 1कया जाता है. (५)
एतमु ?यं दश 4?पो मृज7?त 3स?धुमातरम्. समा0द?ये4भर?यत.. (६)
हे सोम! समु आप कa माता है. दस? अंगु3लय? से प/र?कृत 1कया ?आ सोमरस
देवता? को चढ़ाया जाता है. (६)
स2म?ेणोत वायुना सुत ए1त प1व आ. स सूय??य र.?म4भः.. (७)
हे सोम! आप सूय? कa 1करण? ?ारा चमकाए जाते ह?. आप प1व एवं सुपा म? रखे
जाते ह?. आप इं और वायु को भ?ट 1कए जाते ह?. (७)
स नो भगाय वायवे पू?णे पव?व मधुमान्. चा?Jम^े व?णे च.. (८)
हे सोम! आप प1व, मधुर व सुंदर ह?. आप को भग, वायु, पूषा, 2म और व?ण के
3लए प/र?कृत 1कया जाता है. (८)
पांचवां खंड
रेवतीन?ः सधमाद इ?े स?तु तु1ववाजाः. ?ुम?तो या4भम?देम.. (१)
हे इं! गौ? को अपने साथ रखने से हम सुख पाते ह?. आप कa कृपा से हमारी गाएं
?व?थ और पु ह?, पया??त घी व ?ध द?. (१)
आ घ ?वावान् ?मना यु?ः ?तोतृ?यो धृ?णवीयानः. ऋणोर?ं न चGयोः.. (२)
हे इं! आप धीर ह?. आप बु5?पूव?क ?तु1तकता?? को मनोवां2छत पदाथ? दान करने
कa कृपा कa5जए. आप इस के 3लए वैसे ही सहायक ह?, जैसे रथ के 3लए उस के प1हए
सहायक होते ह?. (२)
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आ यद् ?वः शत?तवा कामं ज/रतॄणाम्. ऋणोर?ं न शची4भः.. (३)
हे इं! आप सैकड़? य?? वाले ह?. आप उपासक? कa मनोकामना पूरी करने कa कृपा
कa5जए. रथ को जैसे उस के प1हय? से ग1त 2मलती है, वैसे ही आप कa कृपा से उपासक?
को धन 2मलता है. (३)
सु?पकृ?नुमूतये सु?घा2मव गो?हे. जु?म3स 1व1व.. (४)
हे इं! आप का ?व?प सुंदर है. गाय ?हने के समय जैसे ?वाले गाय? को पुकारते ह?,
उसी कार हम अपनी र?ा के 3लए आप को पुकारते ह?, आमं1त करते ह?. (४)
उप नः सवना ग1ह सोम?य सोमपाः 1पब. गोदा इेवतो मदः.. (५)
हे इं! आप सोमपान करने वाले ह?. आप सोमरस पीने के 3लए हमारे सवन (य?
सं?या) म? पधारने कa कृपा कa5जए. आप सोमरस पी कर स होइए. आप यजमान? को
गोधन, वैभव, ऐय? और आनंद दान करने कa कृपा कa5जए. (५)
अथा ते अ?तमानां 1वाम सुमतीनाम्. मा नो अ1त ?य आ ग1ह.. (६)
हे इं! सोमरस पीने के बाद हम? अपनी सुम1तय? का दश?न कराइए. आप हम से 1वमुख
मत होइए. आप ?? को यह ?ान देने कa कृपा मत कa5जए. आप से यही हमारा अनुरोध है.
(६)
उभे य0द? रोदसी आपाथोषा इव.
महा?तं ?वा महीना साजं चष?णीनाम्.
देवी ज1न[यजीजन?ा ज1न[यजीजनत्.. (७)
हे इं! आप भी उषा कa भां1त ?वग?लोक और पृ?वीलोक को अपने काश से भरने कa
कृपा कa5जए. आप महान, म1हमाशाली, पृ?वी के राजा व अ0द1त आप कa जननी है. (७)
द_घ? ङ्कुशं यथा श??^ 1बभIष^ म?तुमः.
पूव?ण मघव?पदा वयामजो यथा यमः.
देवी ज1न[यजीजन?ा ज1न[यजीजनत्.. (८)
हे इं! आप ?ान के भंडार, श3? व साम?य? धारक ह?. आप को देवता? कa माता ने
जना है. आप को क?याणका/रणी जननी ने जना है. बकरा जैसे आगे के पैर? से अपने भो?य
पदाथ? को 1नयं1त करता है, उसी तरह आप ?? को वश म? करते ह?. (८)
अव ?म ???णायतो म???य तनु1ह .?थरम्.
अध?पदं तम? कृ2ध यो अ?माँ अ4भदास1त.
देवी ज1न[यजीजन?ा ज1न[यजीजनत् .. (९)
हे इं! आप को देवता? कa माता ने जना है. आप को क?याणका/रणी माता ने जना
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है. आप हम? अधीन (पराधीन) बनाने वाले ? शु? का नाश करने कa कृपा कa5जए. (९)
छठा खंड
प/र ?वानो 1ग/राः प1वे सोमो अ?रत् मदेषु सव?धा अ3स.. (१)
हे सोम! आप पव?तवासी, प1व, सतादायी और सतादायक? म? सव?े ह?. आप
का रस धारा ?प म? झर रहा है. (१)
?व 1व??वं क1वम?धु जातम?धसः मदेषु सव?धा अ3स.. (२)
हे सोम! आप ाण, क1व (1व?ान्) व आप अ से पैदा होने वाले पोषक त?व? को
देते ह?. आप सता देने वाल? म? सव?े ह?. (२)
?वे 1वे सजोषसो देवासः: पी1तमाशत. मदेषु सव?धा अ3स.. (३)
हे सोम! सभी देवता आप को पीने के इ?छुक रहते ह?. सता देने वाल? म? आप
सव?े ह?. (३)
स सु?वे यो वसूनां यो रायामानेता य इडानाम्. सोमो यः सु4?तीनाम्.. (४)
हे सोम! आप हम? अ?छ_ संतान, गाएं और ऐय? देते ह?. आप सुंदर पृ?वी पर सुशो4भत
ह?. (४)
य?य त इ?ः 1पबा?य म?तो य?य वाय?मणा भगः.
आ येन 2माव?णा करामह ए?मवसे महे.. (५)
हे सोम! आप के 0द रस को म?त्, इं अय?मा, भग आ0द पीते ह?. आप सुर?ा हेतु
जैसे 2म और व?ण को बुलाते ह?, उसी कार हम इं को बुलाते ह?. (५)
तं वः सखायो मदाय पुनानम4भ गायत. 3शशुं न हैः ?वदय?त गूIत^4भः.. (६)
हे यजमानो! आप मद के 3लए 1पए जाने वाले सोमरस के गुण गाइए. वे हमारे सखा ह?.
मां जैसे ब?चे कa शोभा बढ़ाती है, वैसे ही आप ह1व और ?तो से सोम कa शोभा बढ़ाइए.
(६)
सं व?स इव मातृ4भ/र??Iह^?वानो अ?यते. देवावीम?दो म1त4भः प/र?कृतः.. (७)
हे सोम! आप 0द व मददायी ह?. आप को बु5? ?ारा प/र?कृत 1कया गया है. माता
जैसे पु को जल से प/र?कृत करती है, उसी तरह जल से आप को प/र?कृत 1कया गया है.
(७)
अयं द?ाय साधनो ऽ य शधा?य वीतये. अयं देवे?यो मधुम?रः सुतः.. (८)
हे सोम! आप मधुर ह?. आप को देवता? के 3लए 1व2धवत प/र?कृत 1कया गया है.
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श3?दायी साधन के ?प म? आप को 1पया जाता है. (८)
सोमाः पव?त इ?दवो ऽ ?म?यं गातु1व?माः.
2मा ?वाना अरेपसः ?वा?यः ?वIव^दः.. (९)
हे सोम! आप प1व व 2म कa तरह ह?. आप हम? े उद् दे?य? कa ओर े/रत करते
ह?. आप आ?म?ाता और काशमान ह?. आप उपासना के यो?य ह?. (९)
ते पूतासो 1वप4तः सोमासो द?या3शरः.
सूरासो न दश?तासो 5जग?नवो ुवा घृते.. (१०)
हे सोम! आप प1व ह?, सूय? जैसे काशमान ह?. आप 1वल?ण व दही 2म4त ह?. आप
ुव (.?थर) ह?. आप जल धारा से 2म4त हो कर शु? होते ह?. (१०)
सु?वाणासो 04भ4ताना गोर2ध ?व2च.
इषम?म?यम4भतः सम?वर?वसु1वदः.. (११)
हे सोम! आप धनदाता ह?. आप हम? े धन दान करने कa कृपा कa5जए. आप पृ?वी
के ऊपर 1नवास करते ह?. अनेक प?थर? से कूट कर आप का रस 1नचोड़ा जाता है. (११)
अया पवा पव?वैना वसू1न मा ?व इ?दो सर3स ध?व.
?न4?य वातो न जूIत^ पु?मेधा4?कवे नरं धात् .. (१२)
हे सोम! आप हम? प1व धारा? से सराबोर क/रए. आप हम? धन से प/रपूण? कa5जए.
आप के रस के सेवन से सूय? भी वायु कa तरह हलके और ग1तशील हो जाते ह?. इं सोमरस
पी कर हम? नेतृ?व श3? दान करते ह?, अ?छ_ संतान दान करते ह?. (१२)
उत न एना पवया पव?वा2ध ुते वा?य?य तीथ?.
ष1 सहा नैगुतो वसू1न वृ?ं न प?वं धूनवणाय.. (१३)
हे सोम! आप उपासना के यो?य ह?. आप हमारे य?तीथ? म? प1व धारा? से झ/रए.
पेड़? से जैसे पके फल 2मलते ह?, वैसे ही शुनाश हेतु आप हम? सहगुना धन दान करने
कa कृपा कa5जए. (१३)
महीमे अ?य वृष नाम शूषे मा ?वे वा पृशने वा वधे.
अ?वापय2गुतः ेहय?चाषा2माँ अपा2चतो अचेतः.. (१४)
हे सोम! आप म1हमाशाली ह? और सुख बरसाते ह?. आप ?? को हराते व शु को हम
से ?र करते ह?. आप उन सभी शु? को बलहीन बनाते ह?, न करते ह?, जो यु? म? हम?
हा1न प?ंचाने वाले ह?. (१४)
सातवां खंड
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अ?ने ?वं नो अ?तम उत ाता 3शवो भवा व??यः.. (१)
हे अ7?न! आप हमारे समीप र1हए. आप हमारा ाण (र?ा) कa5जए. आप हमारे 3लए
क?याणकारी होने कa कृपा कa5जए. (१)
वसुर7?नव?सुवा अ?छा न4? ुम?मो र=य^ दाः.. (२)
हे अ7?न! आप सब से धनी और सब के शरणदाता ह?. आप आसानी से हमारे पास
पधा/रए. आप ुमान (तेज?वी) होइए व हम? धन द_5जए. (२)
तं ?वा शो2च द_0दवः सु?नाय नूनमीमहे स6ख?यः.. (३)
हे अ7?न! आप 0द और काशमान ह?. हम 2म? के क?याण के 3लए अ?छे मन से
1न4त ?प से आप कa उपासना करते ह?. (३)
इमा नु कं भुवना सीषधेमे? 1वे च देवाः.. (४)
हे इं! सभी देव तथा सभी भुवन (लोक) हमारे 3लए सुखदायी (क?याणदायी) ह?. (४)
य?ं च न?त?वं च जां चा0द?यै/र?ः सह सीषधातु.. (५)
हे इं! आप आ0द?य? समेत हम पर कृपा कa5जए. आप हमारा य? सफल बनाइए.
आप हमारे शरीर को ?व?थ बनाइए. आप हमारी संत1त को सफल बनाइए. (५)
आ0द?यै/र?ः सगणो म?5?र?म?यं भेषजा करत्.. (६)
आ0द?य?, म?द् गण? एवं अ?य सहयो1गय? के साथ इं हमारे वा?ते भेषज (रोग
2च1क?सा) तैयार करने कa कृपा कर?. (६)
व इ?ाय वृह?तमाय 1वाय गाथं गायत यं जुजोषते.. (७)
हे उपासको! इं वृहंता, 1व?ान् और ाण ह?. आप उन के 3लए ?तु1तयां गाइए. वे
उन ?तु1तय? को सुन कर स होते ह?. (७)
अच???यक? म?तः ?वका? आ ?तोभ1त ुतो युवा स इ?ः.. (८)
साधक स?माननीय व शंसा के यो?य इं को भजते ह?. ब3ल एवं 3स? इं उन को
अपना संर?ण दान करते ह?. (८)
उप ?े मधुम1त 4?य?तः पु?येम र=य^ धीमहे त इ?.. (९)
हे इं! आप के संर?ण म? रहने वाले हम याजक ब3ल ह? और धा?य से यु? ह?. (९)
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आठवां अ?याय
पहला खंड
कामुशनेव ुवाणो देवो देवानां ज1नमा 1वव3?.
म1हतः शु2चब?धुः पावकः पदा वराहो अ?ये1त रेभन्.. (१)
उपासक उशना के समान े वाणी वाले ह?. वे देवता? कa जीवनी को अ?छ_ तरह
?तुत करते ह?. सोम प1व, का3शत व पोषक ह?. आप प/र?कृत होते समय श?द करते ?ए
ोणकलश म? जाते ह?. (१)
ह सास?तृपला व?नुम?छामाद?तं वृषगणा अयासुः.
अ?ो1षणं पवमानं सखायो ?म?ष? वाणं वद7?त साकम्.. (२)
शु? कa श3? से बु5?मान यजमान भी घबरा जाते ह?. वे शी वहां प?ंचे, जहां सोम
तैयार 1कया जा रहा था. वे वहां प1व सोम के 3लए वायं बजाने लगे, 5जस से मधुर ?व1न
होने लगी. सोम कa कृपा से असहनीय शु को भी दबाया जा सकता है. (२)
स योजत उ?गाय?य जू=त^ वृथा ?aड?तं 2ममते न गावः.
परीणसं कृणुते 1त?मशृ?ो 0दवा ह/रद??शे न?मृः.. (३)
हे सोम! सहज ?प से खेलते ?ए आप शं3सत ग1त पाते ह?, उस ग1त को 1कसी के
?ारा नापा नह? जा सकता. आप 0दन म? हरी और रा1 म? सफेद (उ??वल) आभा वाले होते
ह?. (३)
?वानासो रथा इवाव??तो न व?यवः. सोमासो राये अ?मुः.. (४)
हे सोम! घोड़े और रथ कa तरह (वेग से) आवाज करता ?आ सोमरस प1व हो रहा है.
यह हम? अपार वैभव दान करने कa कृपा करे. (४)
1ह?वानासो रथा इव दध7?वरे गभ??योः. भरासः का/रणा2मव.. (५)
हे सोम! आप का रस यजमान वैसे ही धारण करते ह?, जैसे भारवाही दोन? हाथ? से
बोझा उठाता है. रथ जैसे यु? म? जाते ह?, वैसे ही सोमरस य? म? ले जाया जा रहा है. (५)
राजानो न श9?त4भः सोमासो गो4भर?ते. य?ो न स?त धातृ4भः.. (६)
राजा? कa शंसा और सात यजमान? से य? ?था1पत 1कया जाता है. गाय के घी
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आ0द से सोमरस को प/र?कृत 1कया जाता है. (६)
प/र ?वानास इ?दवो मदाय बह?णा 1गरा. मधो अष?7?त धारया.. (७)
े ाथ?ना? से सोमरस कa ?तु1त कa जाती है. इं को मदम?त बनाने के 3लए
सोमरस मधुर धारा? से पा म? 1गरता है. (७)
आपानासो 1वव?वतो 5ज?व?त उषसो भगम्. सूरा अ?वं 1व त?वते.. (८)
सोमरस उषा को तेज9?वनी बनाता है. इं के पीने के 3लए सोमरस को प/र?कृत 1कया
जा रहा है. (८)
अप ?ारा मतीनां ?ना ऋ?व7?त कारवः वृ?णो हरस आयवः.. (९)
हे सोम! आप पुरातन ह?. यजमान आप का आान करते ह?. यजमान आप के 3लए
?तु1त कर रहे ह?. वे आप के 3लए य? ?ार? को उद् घा0टत कर रहे ह? (खोलते ह?). (९)
समीचीनास आशत होतारः स?तजानयः पदमेक?य 1पतः.. (१०)
हे सोम! सोमय? को पूण?ता देने के 3लए उपयु? जा1त के सात या3?क य? अनुान
को पूरा करने के 3लए उप.?थत होते ह?. (१०)
नाभा ना@भ^ न आ ददे च?ुषा सूय? ?शे. कवेरप?यमा ?हे.. (११)
सोम 1व?ान् ह?. उ?ह? हम अपने और अपनी संतान के क?याण के 3लए अपनी ना4भ के
पास ?था1पत करते ह?. सोम य? कa ना4भ जैसे ह?. ने? से जैसे हम सूय? के दश?न करते ह?,
वैसे ही हम इन के (सोम के) दश?न कर?. (११)
अ4भ 1यं 0दव?पदम?वयु?4भगु?हा 1हतम्. सूरः प?य1त च?सा.. (१२)
शूरवीर इं अपने ने? से सोम को देखते ह?. सोम ?वग?लोक म? 1य ह?. अ?वयु? उ?ह?
(सब के) ?दय म? ?था1पत करते ह?. (१२)
?सरा खंड
असृ2म?दवः पथा धम?ृत?य सु4यः. 1वदाना अ?य योजना.. (१)
हे सोम! आप ऋत् (स?य) व े माग? पर चलते ह?. आप य? व यजमान को
भलीभां1त जानते ह?. (१)
धारा मधो अ1यो महीरपो 1व गाहते. ह1वह?1वःषु व?.. (२)
सोम ह1वय? म? े ह1व व वंदनीय ह?. आप कa धारा उ?कृ, मधुर एवं अणी है. आप
कa धारा जल म? अवगाहन करती है. (२)
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युजा वाचो अ1यो वृषो अ2च?द?ने. सा4भ स?यो अ?वरः.. (३)
हे सोम! आप का माग? स?यता का है. आप श3?मान, अणी व वाणी को जोड़ने वाले
ह?. सोम जल के साथ य?शाला के भीतर वेश करते ह?. (३)
प/र य?काा क1वनृ??णा पुनानो अष?1त. ?ववा?जी 3सषास1त.. (४)
सोम क1व ह?. क1व सोम जैसे ही मनु?य कa ?तु1त ?वीकारते ह?, वैसे ही इं य? ?थान
पर अपनी श3? स1हत आने के 3लए तैयार हो जाते ह?. (४)
पवमानो अ4भ ?पृधो 1वशो राजेव सीद1त. यद_मृ?व7?त वेधसः.. (५)
सोम प1व ह?. वे राजा के समान सुशो4भत होते ह?. वे जा के संर?ण हेतु शु? का
नाश करने के 3लए तैयार रहते ह?. (५)
अा वारे प/र 1यो ह/रव?नेषु सीद1त. रेभो वनु?यते मती.. (६)
सोमरस जल से ओतोत और हरी आभा वाला है. सोम यजमान कa ाथ?ना? को
?वीकार रहे ह?. वे आवाज करते ?ए ोणकलश म? ?थान हण कर रहे ह?. (६)
स वायु2म?म4ना साकं मदेन ग?छ1त. रणा यो अ?य धम?णा.. (७)
जो यजमान धम?पूव?क सोमरस को 1नचोड़ते ह?, वे वायु, इं और अ4नीकुमार? के
साथ आनंद ा?त करते ह?. (७)
आ 2मे व?णे भगे मधोः पव?त ऊम?यः. 1वदाना अ?य श?म4भः.. (८)
हे सोम! यजमान आप को (आप कa साम?य? को) जान सक?. 2म, व?ण व भग के
3लए आप कa मधुर एवं प1व लहर? उमड़ती ह?. (८)
अ?म?य रोदसी र=य^ म?वो वाज?य सातये. वो वसू1न स.?तम्.. (९)
हे सोम! आप ?वग?लोक तथा पृ?वीलोक के ?वामी ह?. हम? आप श3? और अपार वैभव
दान करने कa कृपा कa5जए. हम आप से सं2चत वैभव पाना चाहते ह?. (९)
आ ते द?ं मयोभुवं व2मा वृणीमहे. पा?तमा पु??पृहम्.. (१०)
हे सोम! आप द? व व2मान (काशमान) ह?. आप को ब?त लोग चाहते ह?. हम आप
के बल और श3? को ा?त करना चाहते ह?. (१०)
आ म?मा वरे?यमा 1वमा मनी1षणम्. पा?तमा पु??पृहम्.. (११)
हे सोम! आप को ब?त लोग चाहते ह?. आप वरे?य, ाण, मनीषी व संर?णशील ह?.
हम आप कa उपासना करते ह?. (११)
आ र1यमा सुचेतुनमा सु?तो तनू?वा. पा?तमा पु??पृहम्.. (१२)
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हे सोम! आप को ब?त लोग चाहते ह?. आप े य? वाले और उ?म काय? करने वाले
ह?. आप हम? धन, बल और संतान दान करने कa कृपा कa5जए. (१२)
तीसरा खंड
मूधा?नं 0दवो अर=त^ पृ3था वैानरमृत आ जातम7?नम्.
क1व साजम1त?थ^ जनानामासः पां जनय?त देवाः.. (१)
हे अ7?न! आप ?वग?लोक म? मूध??य ह?. आप य? म? कट होते ह?. आप पृ?वी पर
मणशील ह?. आप क1व, साट् व अ1त3थ ह?. आप लोग? के 1नकटवत? ह?. आप देवता?
को कट करते ह?. (१)
?वां 1वे अमृतं जायमान 3शशुं न देवा अ4भ सं नव?ते.
तव ?तु4भरमृत?वमायन् वैानर य7?पोरद_देः.. (२)
हे अ7?न! आप 1व ?प व अमृत ?व?प ह?. आप संसार के ?वामी (नायक) ह?. आप
य?? ?ारा अमरता पाते ह?. आप कa कृपा से यजमान 0दता ा?त करते ह?. (२)
ना@भ^ य?ाना सदन रयीणां महामाहावम4भ सं नव?त.
वैानर र?यम?वराणां य??य केतुं जनय?त देवाः.. (३)
हे अ7?न! आप य? कa ना4भ धन के भंडार, म1हमावान, य? के संचालक व य? कa
पताका ह?. आप को अर4ण मंथन से उ?प 1कया जाता है. हम आप का आान करते ह?.
(३)
वो 2माय गायत व?णाय 1वपा 1गरा. म1ह?ावृतं बृहत्.. (४)
हे यजमानो! 2म और व?ण महान, ?ावान व 1वशाल ह?. आप इन देव? के 3लए ऊंचे
?वर से ?तो गाइए. दोन? देव उन ?तो? को सुनने के 3लए य? ?थान पर पधारने कa कृपा
कर?. (४)
साजा या घृतयोनी 2मोभा व?ण. देवा देवेषु श?ता.. (५)
हे यजमानो! 2म और व?ण ये दोन? देव देवता? म? शं3सत ह?. दोन? देव साट् ह?.
दोन? देव काश उ?प करते ह?. (५)
ता नः श?ं पाKथ^व?य महो रायो 0द?य. म1ह वां ?ं देवेषु.. (६)
हे 2म! हे व?ण! आप महान एवं देवता? के बीच सराहनीय ह?. आप पृ?वीलोक और
?वग?लोक का वैभव हम? ा?त कराने कa कृपा कa5जए. (६)
इ?ा या1ह 2चभानो सुता इमे ?वायवः. अ?वी4भ?तना पूतासः.. (७)
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हे इं! आप अद् भुत व 2चभानु ह?. आप के 3लए अंगु3लय? से सोमरस 1नचोड़ा जाता
है. आप को प1व सोमरस चढ़ाया जाता है. आप य? म? पधा/रए और सोमरस पीने कa कृपा
कa5जए. (७)
इ?ा या1ह 2धये1षतो 1वजूतः सुतावतः. उप ा4ण वाघतः.. (८)
हे इं! बु5? से आप तक प?ंचा जा सकता है. आप को ाण बुलाते ह?. आप
वचन? को सुनने के 3लए य? म? पधारने कa कृपा कa5जए. (८)
इ?ा या1ह तूतुजान उप ा4ण ह/रवः. सूते द2ध?व ननः.. (९)
हे इं! आप अ? के पालनहार ह?. आप हमारी ?तु1तय? को सुनने के 3लए य? म?
पधारने कa कृपा कa5जए. आप हमारी भ?ट कa ?ई ह1व धारण कa5जए. (९)
तमी2ड?व यो अJच^षा वना 1वा प/र?वजत् . कृ?णा कृणो1त 5जया.. (१०)
हे अ7?न! आप अपनी 5जा से सारे वन? को काला कर देते ह?. हम? उन बलशाली
अ7?न कa अच?ना करनी चा1हए. (१०)
य इ? आ1ववास1त सु?न2म??य म?य?ः. ु?नाय सुतरा अपः.. (११)
हे इं! जो मनु?य अ?छे मन से आप कa उपासना करते ह?. आप उन के 3लए ?वग?लोक
से जल बरसाने कa कृपा कa5जए. (११)
ता नो वाजवती/रष आशून् 1पपृतमव?तः ए?म7?नं च वोढवे.. (१२)
हे इं! हे अ7?न! आप हम? बलदायी अ और वेगवान घोड़े दान कa5जए ता1क हम
उ1तशील हो जाएं. (१२)
चौथा खंड
ो अयासी0द??/र??य 1न?कृत सखा स?युन? 2मना1त स2?रम्.
मय? इव युव1त4भः समष?1त सोमः कलशे शतयामना पथा.. (१)
कई 1व2धय? से प/र?कृत शु? सोमरस इं के पेट म? प?ंच रहा है. यह सोमरस इं के
पेट म? अ?छ_ तरह पच जाता है. जैसे युवा 8?य? के साथ रमण करता है, वैसे ही सोमरस
सैकड़? माग? से कलश म? 1त2त होता है. (१)
वो 2धयो म?युवो 1वप?युवः पन?युवः संवरणे?व?मुः.
ह;र^ ?aड?तम?यनूषत ?तुभो ऽ 4भ धेनवः पयसेद3शयुः.. (२)
हे सोम! जो यजमान बु5?पूव?क आप को प/र?कृत करते ह?, वे आनंदपूव?क अपनी
इ?छापूIत^ का लाभ पाते ह?. गौएं अपने ?ध से सोमरस को स?चती ह?. वह खेलता (लहराता)
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?आ घड़े म? प?ंचता है. (२)
आ नः सोम संयतं 1प?युषी2मष2म?दो पव?व पवमान ऊJम^णा.
या नो दोहते 1रहस?षी ?ुम?ाजव?मधुम?सुवीय?म्.. (३)
हे सोम! आप प1व ह? और लहर? से लहराते ?ए वा1हत होइए. सोमरस का तीन?
सं?या? (सवन?) म? योग म? 1कया जाता है. वह अमय व े वीय? वाला है. (३)
न 1कं कम?णा नशकार सदावृधम्.
इ?ं न य?ैIव^गूत?मृ?वसमधृं धृ?णुमोजसा.. (४)
हे इं! आप सदैव बढ़ोतरी करने वाले, शु? को हराने वाले व अपरा5जत ह?. जो
यजमान आप कa उपासना करते ह?, उन के कम? को कोई न नह? कर सकता. (४)
अषाढमुं पृतनासु सास=ह^ य9?म?मही??यः.
सं धेनवो जायमाने अनोनवुा?वः ?ामीरनोनवुः.. (५)
जब इं कट होते ह? तो वेगवती गौएं उ?ह? नम?कार करती ह?. ?वग?लोक और
पृ?वीलोक झुक कर उन का अ4भवादन करते ह?. हम भी उन कa अ?यथ?ना करते ह?. (५)
पांचवां खंड
सखाय आ 1न षीदत पुनानाय गायत. 3शशुं न य?ैः प/र भूषत 4ये.. (१)
हे यजमान 2मो! आप आइए, बै0ठए और सोम के 3लए ाथ?नाएं गाइए. आप 3शशु को
सजाने कa भां1त य? सजाइए. (१)
समी व?सं न मातृ4भः सृजता गयसाधनम्. देवां ३ मदम4भ 1?शवसम्.. (२)
हे यजमानो! सोमरस य? का मुख साधन व मददायी है. दोन? ही तरह अथा?त् 0दता
और भौ1तकता दोन? ?1कोण? से वह श3?दायी है. आप सोमरस को वैसे ही जल म?
2मलाइए, जैसे माता के साथ ब?चे घुल2मल जाते ह?. (२)
पुनाता द?साधनं यथा शधा?य वीतये. यथा 2माय व?णाय श?तमम्.. (३)
हे यजमानो! आप 2म व व?ण के 1न2म? सोम को प/र?कृत कर?. आप बल व
कुशलता कa ा7?त और देवता? को भ?ट करने के 3लए सोमरस को प/र?कृत कa5जए. (३)
वा?य?ाः सहधार9?तरः प1वं 1व वारमम्.. (४)
हे सोम! आप अ?यंत बलशाली ह?, हजार? धार? वाले और प1व ह?. आप का रस भेड़
के बाल? से बनी छलनी म? छनता है. (४)
स वा?य?ाः सहरेता अ5?मृ?जानो गो4भः ीणानः.. (५)
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हे सोम! आप अ?यंत बलशाली ह?. आप हजार? गुना बलशाली ह?. आप जल से
ओतोत ह?. भेड़ के बाल? से बनी छलनी से छनते ?ए आप ोणकलश म? जाते ह?. (५)
सोम याही??य कु?ा नृ4भय?मानो अ04भः सुतः.. (६)
प?थर? से कूट कर 1नकाले ?ए सोमरस को यजमान? ने ?तु1तय? से प/र?कृत कर 0दया
है. वह सोमरस इं के पेट म? प?ंचने कa कृपा करे. (६)
ये सोमासः पराव1त ये अवा?व1त सु7?वरे. ये वादः शय?णाव1त.. (७)
हे सोम! आप शय?णावत् (सायण के अनुसार ‘शय?णावत्’ कु??े के शय?णा नामक
मंडल (क2मरी) कa एक झील का नाम है.) तालाब के 1नकट उ?प होते ह?. बाद म? आप
को प/र?कृत 1कया जाता है. (७)
य आज?केषु कृ?वसु ये म?ये प??यानाम्. ये वा जनेषु पंचसु.. (८)
सोमरस आज?क, (1हलेांट के अनुसार क?मीर म? एक ?थान) कमेर? (काम करने
वाल?) के देश नद_ के 1कनारे व पंचजन? के बीच म? पैदा होता है. पैदा होने के बाद उसे
प/र?कृत 1कया जाता है. (८)
ते नो वृ=^ 0दव?प/र पव?तामा सुवीय?म्. ?वाना देवास इ?दवः.. (९)
सोमरस को 1नचोड़ा और प/र?कृत 1कया जाता है. वह ?वग?लोक से े वीय? कa वषा?
करता है. सोमरस पोषण दान करता है. (९)
छठा खंड
आ ते व?सो मनो यम?परमा.?च?सध?थात् . अ?ने ?वां कामये 1गरा.. (१)
हे अ7?न! हम वाणी से और व?स ऋ1ष मन से आप कa उपासना करते ह?. आप उस
परम ?थान से भी हमारे पास पधारने कa कृपा कa5जए. (१)
पु?ा 1ह स?ङ् ङ3स 0दशो 1वा अनु भुः. सम?सु ?वा हवामहे.. (२)
हे अ7?न! आप सव?ा, 0दशाप1त और हमारे भु ह?. हम यु? म? आप का आान
करते ह?. (२)
सम??व7?नमवसे वाजय?तो हवामहे. वाजेषु 2चराधसम्.. (३)
हे अ7?न! आप ?मतावान व अद् भुत ह?. हम यु? हेतु बल ा7?त के 3लए आप का
आान करते ह?. (३)
?वं न इ?ा भर ओजो नृ?ण शत?तो 1वचष?णे. आ वीरं पृतनासहम्.. (४)
हे इं! आप ओज?वी, 1वल?ण और सैकड़? कम? करने वाले ह?. आप पधा/रए और हम?
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वीरपु दान करने कa कृपा कa5जए. (४)
?व 1ह नः 1पता वसो ?वं माता शत?तो बभू1वथ. अथा ते सु?नमीमहे.. (५)
हे इं! आप ही हमारे 1पता और माता ह?. हम आप के पु अ?छे मन से आप से अ?छे
सुख चाहते ह?. आप शतकमा? ह?. (५)
?वा शु9?म?पु??त वाजय?तमुप ुवे सह?कृत. स नो रा?व सुवीय?म्.. (६)
हे इं! आप सहकमा? (हजार काम करने वाले) ह?. आप श3?मान ह?. आप आान
के यो?य ह?. आप हम? े वीय?वान बनाने कa कृपा कa5जए. (६)
य0द? 2च म इह ना9?त ?वादाम0वः. राध?तो 1वद?स उभयाह??या भर.. (७)
हे इं! आप अद् भुत ह?. आप जैसी आKथ^क साम?य? हमारी नह? है. आप दोन? हाथ? से
हम? भरपूर धन दान (हाथ भरभर कर) कa5जए. (७)
य?म?यसे वरे?य2म? ु?ं तदा भर. 1वाम त?य ते वयमकूपार?य दावनः.. (८)
हे इं! आप वरे?य व तेज?वी ह?. आप हम? भरपूर समृ5? (ऐय?) दान कa5जए. उस
धन को पा कर हम भी दानदाता कa साम?य? वाले हो जाएं. (८)
य?े 0द?ु रा?यं मनो अ9?त ुतं बृहत्.
तेन ?ढा 2चद0व आ वाजं दIष^ सातये.. (९)
हे इं! आप आराधना के यो?य, यशशाली और ब?त 1वशाल ह?. आप हम? ऐसा धन
द_5जए, 5जस से हम ?ढ़ 2च? वाले हो जाएं. आप हम? साम?य?शाली बनाएं. (९)
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नौवां अ?याय
पहला खंड
3शशुं ज?ान हय?तं मृज7?त शु?भ7?त 1वं म?तो गणेन.
क1वग?Lभ^ः काेन क1वः स??सोमः प1वम?ये1त रेभन्.. (१)
हे सोम! आप ाण ह?. आप ब?चे कa तरह सब के मन को 6खला देते ह?. म?द् गण
आप को प/रमाMज^त करते ह?. क1व का? से आप कa ?तु1त करते ह?. आप आवाज करते
?ए प1व हो जाते ह?. (१)
ऋ1षमना य ऋ1षकृ??वषा?ः सहनीथः पदवीः कवीनाम्.
तृतीयं धाम म1हषः 3सषा?स??सोमो 1वराजमनु राज1त ुप्.. (२)
हे सोम! आप ऋ1षय? जैसे मन वाले और उन जैसा गुण दान करने वाले ह?. आप
तीसरे धाम के राजा इं को और तेज?वी बनाने वाले ह?. आप क1वय? कa पदवी और
सहकमा? ह?. (२)
चमूष??ेनः शकुनो 1वभृ?वा गो1व????स आयुधा1न 1बत्.
अपामूJम^ सचमानः समुं तुरीयं धाम म1हषो 1वव3?.. (३)
हे सोम! आप अ?श?धारी ह? व गाय? के ?ध म? 2मलाए जाते ह?. आप कa लहर? समु
कa लहर? के समान और राजा ह?. आप तुरीय धाम (मो? धाम) म? 1वराजते व सुशो4भत होते
ह?. (३)
एते सोमा अ4भ 1य2म??य कामम?रन्. वध??तो अ?य वीय?म्.. (४)
ये सोम इं को 1य ह?. सोम कामना? कa वषा? करते ह?. ये उन के (इं के) वीय? को
बढ़ाने वाले ह?. (४)
पुनानासमूषदो ग?छ?तो वायुम4ना. ते नो ध? सुवीय?म्.. (५)
हे सोम! आप प1व ह?. आप वायु और अ4नीकुमार? के साथ जाइए, 5जस से हम
े वीय? धारण कर सक?. (५)
इ??य सोम राधसे पुनानो हाHद^ चोदय. देवानां यो1नमासदम्.. (६)
हे सोम! आप प1व ह?. आप इं कa आराधना हेतु हम? हाHद^क ेरणा देने कa कृपा
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कa5जए. हम देव यो1न के अनुकूल काय? (य?) कर सक?. (६)
मृज7?त ?वा दश 4?पो 1ह?व7?त स?त धीतयः. अनु 1वा अमा0दषुः.. (७)
हे सोम! यजमान कa दस? अंगु3लयां आप को प/रमाMज^त करती ह?. सात पुरो1हत आप
को तृ7?त दान करते ह?. हम ाण आप का अनुगमन करते ह?. (७)
देवे?य??वा मदाय क सृजानम1त मे?यः. सं गो4भवा?सयाम3स.. (८)
हे सोम! आप मददायी, सुखदायी व सुख 3सरजने (पैदा करने) वाले ह?. देवता? को
भ?ट करने के 3लए हम आप को गाय के ?ध म? 2मलाते ह?. (८)
पुनानः कलशे?वा वा?य?षो ह/रः. प/र गा?यत.. (९)
हे सोम! आप हरी कां1त वाले ह?. आप प1व ह?. आप कलश म? रहते ह?. आप को चार?
ओर से गाय का ?ध घेर लेता है. (९)
मघोन आ पव?व नो ज1ह 1वा अप 1?षः. इ?दो सखायमा 1वश.. (१०)
हे सोम! आप प1व ह?. आप हम? धनवान बनाइए. आप ?े1षय? का नाश कa5जए. इं
आप के सखा ह?. आप उन के साथ एकाकार हो जाइए. (१०)
नृच?सं ?वा वय2म?पीत ?वIव^दम्. भ?ीम1ह जा2मषम्.. (११)
हे सोम! आप आ?म?ाता व मनु?य? के च?ु ह?. इं आप को पीते ह?. आप हम? संतान
और ?ान दान करने कa कृपा कa5जए. (११)
वृ=^ 0दवः प/र व ु?नं पृ3था अ2ध. सहो नः सोम पृ?सु धाः.. (१२)
हे सोम! आप ?वग?लोक और पृ?वीलोक पर 0दता कa वषा? करने कa कृपा कa5जए.
आप अधन द_5जए. हम शु? को सह न सक?, ऐसी ?मता द_5जए. (१२)
?सरा खंड
सोमः पुनानो अष?1त सहधारो अ?य1वः. वायो/र??य 1न?कृतम्.. (१)
वायु और इं के 3लए सोमरस 1नचोड़ा गया है. सोमरस प1व व सह धारा वाला है.
भेड़ के बाल? कa छलनी से छान कर उसे तैयार 1कया गया है. (१)
पवमानमव?यवो 1वम4भ गायत. सु?वाणं देववीतये.. (२)
हे ाणो! सोम आप को प1व करने वाले ह?. आप देवता? से अपने संर?ण कa
कामना कa5जए. आप इन के 3लए ?तु1तयां गाइए. (२)
पव?ते वाजसातये सोमाः सहपाजसः. गृणाना देववीतये.. (३)
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हे सोम! आप अ दान करने के 3लए अपनी सह धारा? से झ/रए. देवता? को
भ?ट करने के 3लए आप को प/र?कृत 1कया जाता है. (३)
उत नो वाजसातये पव?व बृहती/रषः. ुम0द?दो सुवीय?म्.. (४)
हे सोम! आप प1व व 1वशाल ह?. आप हम? े वीय?वान बनाने कa कृपा कa5जए. (४)
अ?या 1हयाना न हेतृ4भरसृं वाजसातये. 1व वारममाशवः.. (५)
हे सोम! आप अग?य ह?. यजमान आप को अ ा7?त के 3लए ग1तपूव?क प/र?कृत
करते ह?. (५)
ते नः सह4ण र=य^ पव?तामा सुवीय?म्. ?वाना देवास इ?दवः.. (६)
हे सोम! आप सह धार वाले, प1व और धनवान ह?. हम? देव?व दान कर?. (६)
वाा अष??ती?दवो ऽ 4भ व?सं न मातरः. दध7?वरे गभ??योः.. (७)
हे सोम! आप वैसे ही आवाज करते ?ए कलश म? जाते ह?, हाथ? म? 3लए जाते ह? जैसे
मां ेम वचन बोलती ?ई अपने ब?च? कa ओर जाती है और ब?च? को हाथ म? ले लेती है. (७)
जु इ?ाय म?सरः पवमानः क1न?दत् . 1वा अप 1?षो ज1ह.. (८)
हे सोम! आप इं को तृ7?त देते ह?. आप प1व ह?. आप ?ंदन (आवाज) करते ?ए
सभी शु? का 1वनाश करने कa कृपा कa5जए. (८)
अप?न?तो अरा?णः पवमानाः ?व??शः. योनावृत?य सीदत.. (९)
हे सोम! आप प1व ह?. आप ?वाKथ^य? का 1वनाश कa5जए. आप य? ?थल पर
1वराजने कa कृपा कa5जए. (९)
तीसरा खंड
सोमा असृ2म?दवः सुता ऋत?य धारया. इ?ाय मधुम?माः.. (१)
हे सोम! आप अगामी व मधुरतम ह?. आप को ऋत् कa धारा के साथ इं के 3लए
?तुत 1कया जाता है. (१)
अ4भ 1वा अनूषत गावो व?सं न धेनवः. इ? सोम?य पीतये.. (२)
हे यजमानो! आप सोमरस पीने के 3लए इं से ?तु1तय? के साथ अनुरोध कa5जए. उ?ह?
सोम 1पलाने के 3लए आप उतने ही ाकुल हो जाइए, 5जतनी ाकुल गाएं अपने बछड़? को
?ध 1पलाने के 3लए हो जाती ह?. (२)
मद?यु??े1त सादने 3स?धो?मा? 1वप4त्. सोमो गौरी अ2ध 4तः.. (३)
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हे सोम! आप मद चुआते ह?. आप य? गृह म? ?था1पत 1कए गए ह?. आप ?स^धु ?व?प
ह?. आप ?स^धु कa लहर? कa तरह वाणी को लहरा देते ह?. (३)
0दवो नाभा 1वच?णो ऽ ा वारे महीयते. सोमो यः सु?तुः क1वः.. (४)
हे सोम! आप े कम? वाले, क1व, ?वग?लोक कa ना4भ, 1वल?ण और महान ह?. आप
जल म? 2मल कर म1हमाशाली होते ह?. (४)
यः सोमः कलशे?वा अ?तः प1व आ1हतः. त2म??ः प/र ष?वजे.. (५)
सोमरस प1व है. जो सोमरस कलश म? रखा ?आ है, उस म? चंमा के े गुण? का
वास है. (५)
वाच2म??/र?य1त समु?या2ध 1व1प. 5ज?व?कोशं मधु?तम्.. (६)
सोमरस मधु चुआता है. यह आवाज करता ?आ कलश को समु कa तरह लबालब
भर देता है. (६)
1न?य?तोो वन?प1तध?नाम?तः सब??घाम्. 1ह?वानो मानुषा युजा.. (७)
हे सोम! आप के 3लए 1त0दन ?तो गाए जाते ह?. आप मनु?य? को आपस म? जोड़ने
कa कृपा कa5जए. आप वन के ?वामी ह?. आप हमारी अंतरतम से गाई गई ?तु1तय? को
?वीकार करने कa कृपा कa5जए. (७)
आ पवमान धारया र1य सहवच?सम्. अ?मे इ?दो ?वाभुवम्.. (८)
हे सोम! आप प1व व सह गुण? से संप ह?. आप हमारे 3लए धन धारण कa5जए.
आप हम? अपने भवन का अ2धकारी बनाने कa कृपा कa5जए. (८)
अ4भ 1या 0दवः क1वIव^ः स धारया सुतः. सोमो 1ह?वे पराव1त.. (९)
हे सोम! आप ?वग?लोक वासी, क1व और ाण ह?. आप हमारे 1य ?थान (य?
?थान) कa ओर अपनी 1य ेरणा? का संचार करते ह?. (९)
चौथा खंड
उ?े शु?मास ईरते 3स?धो?म?/रव ?वनः. वाण?य चोदया प1वम्.. (१)
हे सोम! आप कa आवाज समु कa तरंग? जैसी है. आप समु कa तरह ही ग1त से
बहते ह?. आप प1व वाणी को े/रत करने कa कृपा कa5जए. (१)
सवे त उद_रते 1तो वाचो मख?युवः. यद ए1ष सान1व.. (२)
हे सोम! आप के सव (उ?प) होने के बाद यजमान के मुख से तीन वा4णयां
(ऋग् वेद, यजुव?द और सामवेद के मं? कa) उ?च/रत होती ह?. त?पात आप को ऊंचे ?थान
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पर बैठा कर प/र?कृत 1कया जाता है. (२)
अा वारैः प/र1य ह/र 1ह?व??य04भः. पवमानं मधु?तम्.. (३)
हे सोम! आप प1व ह? व मधु चुआते ह?. यजमान आप को प?थर से कूट कर रस
1नकालते ह?. आप को जल से 1नम?न कर देते ह?. आप को भेड़ के बाल? से बनी छलनी से
छान कर प/र?कृत 1कया जाता है. (३)
आ पव?व म0द?तम प1वं धारया कवे. अक??य यो1नमासदम्.. (४)
हे सोम! आप आइए और आप इं को आनंद देने हेतु धारा? से (प1व) छलनी म?
छनने कa कृपा कa5जए. (४)
स पव?व म0द?तम गो4भर?ानो अ?ु4भः. ए??य जठरं 1वश.. (५)
हे सोम! आप मददायी व गाय के ?ध के साथ 2मले ?ए ह?. आप प1व धारा से छ1नए.
आप इं के पेट म? 1व होने कa कृपा कa5जए. (५)
पांचवां खंड
अया वीती प/र व य?त इ?दो मदे?वा. अवाहवतीन?व.. (१)
हे सोम! आप इं के 3लए प/र?कृत होइए. आप इं को आनंद दान कa5जए. आप
नएनए क? को ?र करने कa कृपा कa5जए. (१)
पुरः स इ?था2धये 0दवोदासाय शंबरम्. अध ?यं तुव?शं य?म्.. (२)
हे सोम! आप का रस पीने के बाद ही इं ने शंबरासुर, तुव?श और य? को मारा. इन
तीन? का नाश इं ने य? करने वाले 0दवोदास के 3लए 1कया. (२)
प/र णो अम1वद् गम0द?दो 1हर?यवत्. ?रा सह4णी/रषः.. (३)
हे सोम! आप हम? अ? का ?ाता बनाइए. आप हम? अवान, गोवान व ?वण?वान
बनाइए. आप सह धारा? से झरने कa कृपा कa5जए. (३)
अप?न?पवते मृधो ऽ प सोमो अरा?णः. ग?छ2??य 1न?कृतम्.. (४)
सोमरस इं के प1व ?थान तक (प1व हो कर) प?ंचता है. वह मधुर और जल
2म4त है. उस के 1वकार? को ?र कर के उसे ?व?छ कर 0दया गया है. (४)
महो नो राय आ भर पवमान जही मृधः. रा?वे?दो वीरवशः.. (५)
हे सोम! आप प1व ह?. आप हम? धनवान तथा वीर? कa भां1त यश?वी बनाने कa कृपा
कa5जए. (५)
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न ?वा शतं च न ?तो राधो 0द?स?तमा 2मनन्. य?पुनानो मख?यसे.. (६)
हे सोम! आप प1व ह?. आप को अपने य?कता?? को धन देने से कोई नह? रोक
सकता, यहां तक 1क सैकड़? शु भी. (६)
अया पव?य धारया यया सूय?मरोचयः. 1ह?वानो मानुषीरपः.. (७)
हे सोम! आप अपनी (चमकने वाली) प1व धारा? से सूय? को चमकाइए. सूय? मनु?य?
के 3लए जल बरसाने वाले ह?. (७)
अयु? सूर एतशं पवमानो मनाव2ध. अ?त/र?ेण यातवे.. (८)
हे सोम! आप प1व ह?. आप यजमान? कa मनोकामना पूरी करने के 3लए अंत/र?
जैसा 1व?तार दान करने कa कृपा कa5जए. (८)
उत ?या ह/रतो रथे सूरो अयु? यातवे. इ??/र? इ1त ुवन्.. (९)
इं सोम का नाम बोलते ?ए अपने रथ म? अपने घोड़? को जुतने का संकेत करते ह?.
(९)
छठा खंड
अ7?नं वो देवम7?न4भः सजोषा य5जं ?तम?वरे कृणु?वम्.
यो म?य?षु 1नु1वऋ?तावा तपुमू?धा? घृताः पावकः.. (१)
हे देवगण! अ7?न सव? पू?य ह?. आप य? म? उन को ?त बना कर भेजने कa कृपा
कa5जए. वे मनु?य? के 2म और प1व ह?. घृत (घी) उन का अ है. वे तेज?वी ह?. (१)
ोथदो न यवसे ऽ 1व?य?यदा महः संवरणाद्?थात् .
आद?य वातो अनु वा1त शो2चरध ?म ते जनं कृ?णम9?त.. (२)
घोड़े जैसे घास चर जाते ह?, उसी तरह अ7?न (दावा7?न) वृ?? को चट कर जाते ह?. वे
हवा के माग? का अनुकरण करते ह?. उन का माग? प1व और काले धुएं वाला है. (२)
उ?य ते नवजात?य वृ?णो ऽ ?ने चर??यजरा इधानाः.
अ?छा ाम?षो धूम ए1ष सं ?तो अ?न ईयसे 1ह देवान्.. (३)
हे अ7?न! आप कa शी उ?प ?वालाएं वषा? करने के 3लए तैयार ह?. आप अजर,
स2मधा यु? व देवता? के ?त ह?. आप कa लपट? का धुआं ?वग?लोक म? देवता? तक (ह1व
स1हत) प?ंच जाता है. (३)
त2म?ं वाजयाम3स महे वृाय ह?तवे. स वृषा वृषभो भुवत्.. (४)
इं श3?मान ह?. वे और अ2धक श3?शाली होने कa कृपा कर?. हम ??मन? के नाश के
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3लए इं को और ?यादा बलवान बनाना चाहते ह?. (४)
इ?ः स दामने कृत ओ5जः स बले 1हतः. ु?नी ोकa स सो?यः.. (५)
इं ब3ल, 1हतकारी व दान (देने) का काय? करते ह?. वे ?वग?लोक के वासी ह?. वे
ोक? (मं?) से ?तु?य व सोमरस पीने यो?य ह?. (५)
1गरा वो न स?भृतः सबलो अनप?युतः. वव? उो अ?तृतः.. (६)
हे इं! आप के हाथ? म? व सुशो4भत है. वाणी से आप कa शंसा कa जाती है. आप
सबल, उ व 1व?तृत ह?. आप को कोई नह? हरा सकता. (६)
सातवां खंड
अ?वय? अ04भः सुत सोमं प1व आ नय. पुनाही?ाय पातवे.. (१)
हे पुरो1हतो! सोमरस प1व है. पाषाण? से कूट कर इस का रस 1नकाला गया है. उस
को छे म? छान कर प/र?कृत 1कया गया है ता1क इं उसे पी सक?. (१)
तव ?य इ?दो अ?धसो देवा मधोा?शत. पवमान?य म?तः.. (२)
हे सोम! आप प1व व मधुमय ह?. इं और म?द् गण आप के इस सोमरस को पीते ह?.
(२)
0दवः पीयूषमु?म सोम2म?ाय व5णे. सुनोता मधुम?मम्.. (३)
हे यजमानो! सोमरस ?वग?लोक का अमृत और सव?े है. वधारी इं उस का पान
करते ह?. अतः उन के 3लए उस को प/र?कृत कa5जए. (३)
धता? 0दवः पवते कृ?ो रसो द?ो देवानामनुमाो नृ4भः.
ह/रः सृजानो अ?यो न स?व4भवृ?था पाजा 3स कृणुषे नद_?वा.. (४)
सोमरस मधुर और देवता? का बल बढ़ाने वाला है, यजमान इस कa शंसा करते ह?.
अंत/र? म? शु? होता ?आ यह हरा सोमरस वेगवान घोड़? कa तरह धारा के ?प म? अपनी
साम?य? कट करता है. (४)
शूरो न ध? आयुधा गभ??योः ?व ३: 3सषास3थरो ग1व1षु.
इ??य शु?ममीरयप?यु4भ/र??Iह^?वानो अ?यते मनी1ष4भः.. (५)
सोम हाथ? म? श? धारण करते ह? और वीर? कa भां1त रथा?ढ़ ह?. वे गोर?क, वीर? व
इं के बलव??क, यजमान के ेरक और 0द ह?. सोमरस को गो??ध म? 2मलाया जाता है.
(५)
इ??य सोम पवमान ऊJम^णा त1व?यमाणो जठरे?वा 1वश.
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नः 1प?व 1वुदेव रोदसी 2धया नो वाजां उप मा1ह शतः.. (६)
हे सोम! आप प1व व लहरदार ह?. आप और अ2धक ?मताशाली बन कर इं के पेट
म? वेश करने कa कृपा कa5जए. 1बजली जैसे बादल? को बरसात के 3लए े/रत करती है,
उसी तरह आप पृ?वीलोक पर धन बरसाइए. आप हम? बु5?मान, धनवान व अवान
बनाइए. (६)
य0द? ागपागुदङ्?य?वा ?यसे नृ4भः.
3समा पु? नृषूतो अ?यानवे ऽ 3स शध? तुव?शे.. (७)
हे इं! मनु?य? ?ारा आप को सब ओर आमं1त 1कया जाता है. हम पु? और तुव?श के
नाश के 3लए आप कa उपासना करते रहे ह?. आप (हमारे सभी) शु? को न करने कa
कृपा कa5जए. (७)
य?ा ?मे ?शमे ?यावके कृप इ? मादयसे सचा.
क?वास??वा ?तोमे4भ?वाहस इ?ा य?छ??या ग1ह.. (८)
हे इं! आप ?म (इं का 1वशेष कृपा पा), ?शम (इं का सहयोगी), ?यावक (एक
ऋ1ष) और कृप (इं का 1वशेष कृपा पा) पर कृपालु ह?. क?व (एक या3?क) आप कa
1व4भ ?तो? से ?तु1त करते ह?. आप (यजमान के अनुरोध पर) य? म? पधारने कa कृपा
कa5जए. (८)
उभय शृणव?च न इ?ो अवा?1गदं वचः.
सा?यः मघवा??सोमपीतये 2धया श1व आ गमत्.. (९)
हे इं! आप हमारे य? म? पधार कर हमारी दोन? कार कa वा4णय? को सुनने कa कृपा
कa5जए. आप ब3ल व संप ह?. आप हमारी उपासना से स होइए. आप सोमपान करने
के 3लए हमारे य? म? पधा/रए. (९)
त 1ह ?वराजं वृषभं तमोजसा 2धषणे 1नत?तुः.
उतोपमानां थमो 1नषीद3स सोमकाम 1ह ते मनः.. (१०)
आकाश और पृ?वी समथ? व तेजोमय इं को अपनी साम?य? से कट करते ह?. इं
अनुपम ह?. (सभी उपमान? म? सव??म ह?). हे इं! आप सोम (पान कa) कa कामना से
य?वेद_ पर अ2ध2त होने कa कृपा कa5जए. (१०)
आठवां खंड
पव?व देव आयुष1ग?ं ग?छतु ते मदः. वायुमा रोह धम?णा.. (१)
हे सोम! आप का रस मददायी हो कर इं तक जाए. आप का रस श3?मान हो कर
वायु तक प?ंचने कa कृपा करे. आप प1व ह?. आप यजमान को आयु?मान बनाने कa कृपा
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कa5जए. (१)
पवमान 1न तोशसे र1य सोम वा?यम्. इ?दो समुमा 1वश.. (२)
हे सोम! आप प1व व संतु1दायक ह?. आप ?? को दंड देने कa कृपा कa5जए. हम
आप का आान करते ह?. (२)
अप?न?पवसे मृधः ?तु1व?सोम म?सरः. नुद?वादेवयुं जनम्.. (३)
हे सोम! आप प1व ह?. आप य? कa 1?या1व2ध जानने वाले ह?. आप ई?या?लु? और
ना9?तक? को ?र करने कa कृपा कa5जए. आप का भाव देवता? जैसा (0द) है. (३)
अभी नो वाजसातमं र1यमष? शत?पृहम्.
इ?दो सहभण?सं तु1व?नं 1वभासहम्.. (४)
हे सोम! आप तेज?वी ह?. आप हम? सैकड़? लोग? ?ारा चाहा गया धन दान करने कa
कृपा कa5जए. आप ?ारा 0दए गए धन से हम हजार? लोग? का भरणपोषण करने म? समथ? हो
सक?. आप हम? तेज?वी और यश?वी बनाने कa कृपा कa5जए. (४)
वयं ते अ?य राधसो वसोव?सो पु??पृहः.
1न ने0दतमा इषः ?याम सु?ने ते अ2गो.. (५)
हे सोम! हम आप का आय चाहते ह?. आप सभी के ?ारा चाहे जाते ह?. आप हम? जो
अधन दान करते ह?, उस से हम सुखी बन?. आप सूय? के साथ वास करने वाले ह?. (५)
प/र ?य ?वानो अ?र0द??रे मद?युतः.
धारा य ऊ?व? अ?वरे ाजा न या1त गयुः.. (६)
सोमरस े व तेज?वी है. य? म? उस कa धारा? का योग 1कया जाता है. चमकने
वाले सोमरस कa ऊ?व? धारा ग1तमान के ?प म? य? म? काम आती है. सोमरस को
?वाभा1वक ?प से प/रशु? 1कया जाता है. (६)
पव?व सोम महा??समुः 1पता देवानां 1वा4भ धाम.. (७)
हे सोम! आप प1व, रसीले व पालक ह?. देवता? के सभी धाम? को अपने 0द रस
से प/रपूण? करने कa कृपा कa5जए. (७)
शु?ः पव?व देवे?यः सोम 0दवे पृ3थै शं च जा?यः.. (८)
हे सोम! आप चमकaले ह?. आप देवता? के 3लए ब1हए. सोमरस ?वग?लोक,
पृ?वीलोक और सम?त जा के 3लए सुखकारी होने कa कृपा कर?. (८)
0दवो धता?3स शु?ः पीयूषः स?ये 1वधम??वाजी पव?व.. (९)
हे सोम! आप बलवान, चमकaले, अमृत के समान व ?वग?लोक के धता? (धारण कता?)
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ह?. आप स?य ?पी य? म? वा1हत होने कa कृपा कa5जए. (९)
नौवां खंड
ें वो अ1तथ ?तुषे 2म2मव 1यम्. अ?ने रथं न वेम्.. (१)
हे अ7?न! आप ब?त अ2धक 1य व हमारे मेहमान ह?. आप हम? 2म जैसे 1य और
सव??ाता ह?. आप ह1ववाहक ह?. हम आप कa ?तु1त करते ह?. (१)
क1व2मव श ?वं यं देवास इ1त 1?ता. 1न म?य??वादधुः.. (२)
देवता? ने क1व कa भां1त दो ?प? (गाह?प?य और आहवनीय) म? मनु?य? म? अ7?न को
1त2त 1कया. (२)
?वं य1व दाशुषो नॄँ: पा1ह शृणुही 1गरः. र?ा तोकमुत ?मना.. (३)
हे इं! आप हमारी वाणी सु1नए. आप हम? अपनी शरण म? ली5जए. आप अपने
यजमान? कa ?तु1त पर ?यान द_5जए. आप उन कa र?ा के 3लए सचे रहने कa कृपा
कa5जए. (३)
ए? नो ग2ध 1य सा5जदगो. 1ग/रन? 1वतः पृथुः प1तHद^वः.. (४)
हे इं! आप 1वपालक, पव?त कa भां1त 1वशाल एवं ?वग?लोक के ?वामी ह?. आप
कृपया हमारे य? (पास) म? पधा/रए. (४)
अ4भ 1ह स?य सोमपा उभे बभूथ रोदसी. इ?ा3स सु?वतो वृधः प1तHद^वः.. (५)
हे इं! आप सोमरस पीने वाले व सच का पालन करने वाले ह?. आप आकाश और
पृ?वी दोन? ही लोक? म? अपनी साम?य? रखते ह?. आप ?वग?लोक के प1त ह?. आप सोमय?
करने वाल? कa बढ़ोतरी करने वाले ह?. (५)
?व 1ह शतीना2म? धता? पुराम3स. ह?ता द?योम?नोवृ?धः प1तHद^वः.. (६)
हे इं! आप ?वग?लोक के प1त एवं शात ह?. आप नगर? को धारण करने वाले, द?यु?
का नाश करने वाले व मनोबल कa बढ़ोतरी करने वाले ह?. (६)
पुरां 4भ??यु?वा क1वर2मतौजा अजायत.
इ?ो 1व?य कम?णो धता? वी पु?ुतः.. (७)
हे इं! आप (शु? के) नगर? के भेदक, क1व, युवा, व वाले, 1व के कम? के
धारक व परा?मी ह?. आप कa कई जगह शंसा होती है. आप अपने इसी ?व?प के साथ
कट ?ए ह?. (७)
?वं वल?य गोमतो ऽ पावर0वो 1बलम्.
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?वां देवा अ1ब?युष?तु?यमानास आ1वषुः.. (८)
हे इं! आप ने अपने बल से गाय? को चुराने वाले रा?स? के ज?थे को न 1कया.
रा?स? के नाश के बाद सारे देवता इकट् ठे ?ए. 1फर वे सभी देवता तब आप के साथ
संग0ठत ?ए. (८)
इ?मीशानमोजसा4भ ?तोमैरनूषत. सहं य?य रातय उत वा स7?त भूयसीः.. (९)
इं हजार? दान देने वाले, ब?त ओज?वी व ब?त ?मतावान ह?. उन कa सव? भू/रभू/र
शंसा होती है. हम सभी को इं कa ?तु1त करनी चा1हए. (९)
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दसवां अ?याय
पहला खंड
अ?ा??समुः थमे 1वधम?न् जनय?जा भुवन?य गोपाः.
वृषा प1व अ2ध सानो अे बृह?सोमो वावृधे ?वानो अ0ः.. (१)
सोम पानी बरसाने वाले, सब कa र?ा करने वाले व 0द ह?. सब से पहले आकाश म?
उ?ह?ने जा को उ?प कर के 1ता ा?त कa, 1फर पृ?वी के ऊपर ाकृ1तक छलनी से छन
कर के बढ़ोतरी ा?त कa. (१)
म9?स वायु2मये राधसे नो म9?स 2माव?णा पूयमानः.
म9?स शध? मा?तं म9?स देवा?म9?स ावापृ3थवी देव सोम.. (२)
छाना गया सोमरस 2म, व?ण तथा म?द् गण कa साम?य? बढ़ा देने वाला हो. वह इं के
भी बल को बढ़ाए. वह हम? अ, धन 0दलाने के 3लए वायु को स करे. सोमरस अनुपम
(0द) है. वह ?वग?लोक और पृ?वीलोक दोन? ही लोक? के 3लए सता बढ़ाने वाला हो.
(२)
मह??सोमो म1हषकारापां यद् गभ? ऽ वृणीत देवान्.
अदधा0द?े पवमान ओजो ऽ जनय?सूय? ?यो1त/र??ः.. (३)
सोम ने सूय? म? काश उ?प 1कया. इं म? ओज ?था1पत 1कया. ये जल के गभ? ?व?प
और महानतम ह?. सोम ने ब?त से काय? 1कए ह?. (३)
एष देवो अम?य?ः पण?वी/रव द_यते. अ4भ ोणा?यासदम्.. (४)
सोम अमर ह?. ये प?ी के उड़ने कa तरह वेग से ोणकलश म? वेश करते ह?. (४)
एष 1वैर4भुतो ऽ पो देवो 1व गाहते. दध?ना1न दाशुषे.. (५)
सोम 0द और ाण? ?ारा शं3सत ह?. ये जल म? 2मलते ह?. सोम यजमान? के 3लए
धन धारण करते ह?. (५)
एष 1वा1न वाया? शूरो य2व स?व4भः. पवमानः 3सषास1त.. (६)
शूरवीर जैसे बल योग करता है, वैसे ही सोम अपना धन देते ह?. ये बलशाली,
साम?य?वान और ऐय?शाली ह?. (६)
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एष देवो रथय?1त पवमानो 0दश?य1त. आ1व?कृणो1त व?वनुम्.. (७)
सोम प1व ह?. ये यजमान? कa इ?छा पूIत^ के 3लए य? ?थान तक जाना चाहते ह?. ये
आवाज करते ?ए य? ?थान म? जाने के 3लए रथ चाहते ह?. (७)
एष देवो 1वप?यु4भः पवमान ऋतायु4भः. ह/रवा?जाय मृ?यते.. (८)
सोम प1व ह?. पुरो1हत सोम को साफ कर के ाथ?ना? से उसी तरह सजाते ह?, जैसे
यु? म? ले जाने के 3लए घोड़? को सजाया जाता है. (८)
एष देवो 1वपा कृतो ऽ 1त रा 3स धाव1त. पवमानो अदा?यः.. (९)
सोम प1व ह? और ?वयं 1कसी से नह? दबते, पर ये ?वयं शु? को दबा देते ह?. (९)
एष 0दवं 1व धाव1त 1तरो रजा 3स धारया. पवमानः क1न?दत्.. (१०)
सोम प1व ह?. वे छन कर धारा का ?प धर कर आवाज करते ?ए शुलोक को जीतते
ह?. वे य? के भाव से ?वग?लोक कa ओर दौड़ते ह?. (१०)
एष 0दवं ासर3?रो रजा ?य?तृतः. पवमानः ?व?वरः.. (११)
सोम प1व ह?. वे अपने य? ?थान से ?वग?लोक के 3लए ?थान करते ह?. वे य? के े
साधन ह? और शु? को हरा सकने कa साम?य? रखते ह?. (११)
एष ?नेन ज?मना देवो देवे?यः सुतः. ह/रः प1वे अष?1त.. (१२)
सोम प1व और ह/रत कां1त वाले ह?. देवता? और उन कa पी0ढ़य? ?ारा ज?म से ही
प1वतापूव?क उपयोग म? लाए जाते ह?. (१२)
एष उ ?य पु?तो ज?ानो जनय2षः. धारया पवते सुतः.. (१३)
सोम पुतादायी आहार को पैदा करते ह?. वे ?फूIत^दायी काय? ?मता उ?प करने वाले
ह?. वे अपनी धारा? से झरते ?ए ?वतः ही ?व?छ (प1व) हो जाते ह?. (१३)
?सरा खंड
एष 2धया या?य?ा शूरो रथे4भराशु4भः. ग?छ2??य 1न?कृतम्.. (१)
सोम शूरवीर ह?. अंगु3लय? से इ?ह? 1नचोड़ा जाता है. ये ज?द_ चलने वाले रथ से
बु5?पूव?क इं के पास जाते ह?. (१)
एष पु? 2धयायते बृहते देवतातये. यामृतास आशत.. (२)
य? ?थान म? ब?त से देवता 1त2त ह?. ये उस य? ?थल म? बु5?पूव?क अग4णत काय?
करने कa इ?छा रखते ह?. (२)
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एतं मृज7?त म?य?मुप ोणे?वायवः. च?ाणं मही/रषः.. (३)
यजमान सोमरस को प/र?कृत कर के ोणकलश म? भरते ह?. यह रसीला व अ? को
उ?प करने वाला है. (३)
एष 1हतो 1व नीयते ऽ ?तः शु??यावता पथा. यद_ तु?7?त भूण?यः.. (४)
सोम को य? ?थान पर ले जाया जाता है. वहां पर पुरो1हत उसे शु? करते ह?, प1व
बनाते ह?, तब देवता? के ह1व के ?प म? इस का योग 1कया जाता है. (४)
एष ?.?म4भरीयते वाजी शुे4भर शु4भः. प1तः 3स?धूनां भवन्.. (५)
सोम रस? के राजा और प1व सफेद 1करण? वाले ह?. वे घोड़े कa तरह ज?द_ से
याजक? के पास जाते ह?. (५)
एष शृ?ा4ण दोधुव.?छशीते यू?यो ३ वृषा. नृ?णा दधान ओजसा.. (६)
श3?शाली बैल जैसे पशु? के झुंड म? अपना बल 0दखाता है, वैसे ही सोम अपनी
श3? कट करते ह?. सोम वैभव व बलशाली ह?. (६)
एष वसू1न 1प?दनः प?षा य1यवाँ अ1त. अव शादेषु ग?छ1त.. (७)
सोम =ह^सक? का नाश कर देते ह?. वे पीड़ा प?ंचाने के 3लए भी सताते ह?. वे उ?ह? सीमा
म? रखते ह?. वे ब?त श3?शाली और ?मतावान ह?. (७)
एतमु?यं दश 4?पो ह/र 1ह?व7?त यातवे. ?यायुधं म0द?तमम्.. (८)
सोम मदकारी, आयुध वाले, ह/रत कां1त वाले व भीतर कa श3? (अंतःकरण कa) धरते
ह?. दस? अंगु3लय? से मसल कर इ?ह? 1नचोड़ा जाता है. इ?ह? देवता? को चढ़ाया जाता है.
(८)
तीसरा खंड
एष उ ?य वृषा रथो ऽ ा वारे4भरत. ग?छ?वाज सह4णम्.. (१)
सोम हजार? घोड़? कa तरह ग1तपूव?क जाते ह?. ये रथ कa तरह ग1तमान ह?. इ?ह?
ोणकलश म? छलनी से छाना जाता है. ये अदाता ह?. (१)
एतं 1त?य योषणो ह/र 1ह?व??य04भः. इ??2म?ाय पीतये.. (२)
इं के पीने के 3लए ह/रत कां1त वाला सोमरस प?थर? से 1त (तीन कार से ?तु1तय?
के साथ प1व 1कया जाता ?आ) कूटा जा रहा है. (२)
एष ?य मानुषी?वा ?येनो न 1व?ु सीद1त. ग?छं जारो न यो1षतम्.. (३)
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यह सोमरस मनु?य? म? उसी कार ज?द_ प?ंच रहा है, जैसे बाज प?ी अपने 3शकार के
पास प?ंचता है व ेमी अपनी े2मका के पास जाता है. (३)
एष ?य मो रसो ऽ व चे 0दवः 3शशुः. य इ??वा?रमा1वशत्.. (४)
सोम ?वग?लोक के 3शशु (ब?चे), मददायी और सव?ा ह?. ये छलनी से शु? होते ह?.
(४)
एष ?य पीतये सुतो ह/ररष?1त धण?3सः. ??द?यो1नम4भ 1यम्.. (५)
सोम आवाज करते ?ए अपने अभी (1य) ?थान (ोणकलश) म? जाते ह?. इ?ह?
देवता? के पीने के 3लए तैयार 1कया जाता है. ये ह/रत कां1त वाले ह?. ये सब को धारण
करते ह?. (५)
एतं ?य ह/रतो दश ममृ??य?ते अप?युवः. या4भम?दाय शु?भते.. (६)
इं को स करने के 3लए सोमयाग 1कया जाता है. दस? अंगु3लयां मसलमसल कर
सोमरस को शु? करती ह?. (६)
चौथा खंड
एष वाजी 1हतो नृ4भIव^1व?मनस?प1तः. अं वारं 1व धाव1त.. (१)
सोम मन के राजा, संसार को जानने वाले और घोड़े के समान तेजी से दौड़ कर
ोणकलश म? जाते ह?. (१)
एष प1वे अ?र?सोमो देवे?यः सुतः. 1वा धामा?या1वशन्.. (२)
सोमरस अमर व प1व है. वह देवता? और उन कa पी0ढ़य? के 3लए झरता है. यह
छन कर उन म? (देवता? म?) ा?त हो जाता है. (२)
एष देवः शुभायते ऽ 2ध योनावम?य?ः. वृहा देववीतमः.. (३)
सोम देवता? को ब?त अ2धक भाते ह?. वे देवता? कa 0दता (दैवीभाव) को और
अ2धक बढ़ा देते ह?. वे अमर और शुनाशी ह?. य? के कलश म? सोमरस ब?त अ2धक
शो4भत होता है. (३)
एष वृषा क1न?द?श4भजा?2म4भय?तः. अ4भ ोणा1न धाव1त.. (४)
दस? अंगु3लयां मसलमसल कर सोमरस को 1नचोड़ती ह?. यह श3?शाली है. यह
आवाज करता व दौड़ता ?आ ोणकलश म? प?ंचता है. (४)
एष सूय?मरोचय?पवमानो अ2ध 1व. प1वे म?सरो मदः.. (५)
?वग?लोक प1वकारी है. सोमरस ?वग?लोक म? आनंद देने वाला है. प1व और छाना
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?आ सोमरस सूय? को का3शत करने कa साम?य? रखता है. (५)
एष सूय?ण हासते संवसानो 1वव?वता. प1तवा?चो अदा?यः.. (६)
सोम बंधनमु?, उपासना यो?य व तेज?वी ह?. सूय? देव जल, वायु आ0द पांच त?व? म?
2मलने के 3लए इसे छोड़ते ह?. (६)
पांचवां खंड
एष क1वर4भुतः प1वे अ2ध तोशते. पुनानो ?नप 1?षः.. (१)
क1व और ?ानी सोमरस कa उपासना करते ह?. यह पाप (रोग) नाशक, ?फूIत^दायी और
तृ7?तदायी है. इस का रस कूट कर 1नकाला जाता है. (१)
एष इ?ाय वायवे ?वMज^?प/र 1ष?यते. प1वे द?साधनः.. (२)
सोम इं और वायु के 3लए छन कर नीचे भूलोक पर पधारते ह?. वे प1व और ?वIग^क
सुखदाता ह?. (२)
एष नृ4भIव^ नीयते 0दवो मूधा? वृषा सुतः. सोमो वनेषु 1व1वत्.. (३)
सोम सव??ाता, श3?शाली और सव?े ह?. मनु?य (यजमान) इ?ह? वन म? वन कa
उपयोगी व?तु? और ओषध के ?प म? पाते ह?. (३)
एष गुर2च?द?पवमानो 1हर?ययुः. इ??ः सा5जद?तृतः.. (४)
सोम का ?व?प रसीला व ?फूIत^दायी ह?. वे सव??ाता ह?. मनु?य लकड़ी के बने बरतन?
से इ?ह? य? म? ले जाते ह?. (४)
एष शु??य3स?यदद?त/र?े वृषा ह/रः. पुनान इ??/र?मा.. (५)
सोम अंत/र? म? शो4भत होते ह?. ये घोड़े कa तरह बलवान और हरे ह?. ये छलनी म?
छनते ह?. ये सादर इं के पास जाते ह?. (५)
एष शु??यदा?यः सोमः पुनानो अष?1त. देवावीरघश सहा.. (६)
सोम देवता? के र?क, पा1पय? के संहारक, अ1वनाशी और 0द और वे कलश म?
1वराजते ह?. (६)
छठा खंड
स सुतः पीतये वृषा सोमः प1वे अष?1त. 1व?न?ा 3स देवयुः.. (१)
सोम 1व?न? को न करने वाले व 0द गुण? से भरपूर ह?. इ?ह? इं आ0द देव? के 3लए
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छलनी से छान कर तैयार 1कया गया है. (१)
स प1वे 1वच?णो ह/ररष?1त धण?3सः. अ4भ यो=न^ क1न?दत्.. (२)
सोमरस प1व, 1वल?ण, हरा व सब को धारण करने वाला है. वह छलनी से छनते
समय आवाज करता है. (२)
स वाजी रोचनं 0दवः पवमानो 1व धाव1त. र?ोहा वारमयम्.. (३)
सोमरस श3?मान है. ?वग?लोक को चमकाता है और ?? का नाश करता है. वह 0द
है और छनता ?आ लगातार वा1हत होता रहता है. (३)
स 1त?या2ध सान1व पवमानो अरोचयत्. जा2म4भः सूय? सह.. (४)
सोम अपने तेज से सूय? के साथ का3शत होते ह?. 1तय? (कृ1त, ाणी और आकाश
के बीच आदानदान पूण? य?) म? 1व2ध1वधान से सुशो4भत होते ह?. (४)
स वृहा वृषा सुतो व/रवो1वददा?यः. सोमो वाज2मवासरत्.. (५)
सोम शुनाशक, श3?व??क व धनदाता ह?. 1नचोड़ कर 1नकाले जाते समय ये घोड़े के
समान वेगवान हो कर घड़े म? वेश करते ह?. (५)
स देवः क1वने1षतो ३ ऽ 4भ ोणा1न धाव1त. इ??/र?ाय म हयन्.. (६)
सोम इं और अ?य देव? का मह?व बढ़ाते ह?. सोमय? करने वाले यजमान उ?ह? वेग से
कलश म? वा1हत करते ह? और ?वग?लोक म? का3शत होते ह?. (६)
सातवां खंड
यः पावमानीर?ये?यृ1ष4भः संभृत रसम्.
सव? स पूतमा1त ?व0दतं मात/रना.. (१)
जो यजमान ऋ1षय? ?ारा संक3लत जीवन कa उपयोगी बात? म? ?यान लगाता है,
प1वकारी सू?? (मं?, ?तु1तय?) का पाठ करता है वह यजमान प1व और पोषक अा0द
रस? का आनंद लेता है. (१)
पावमानीय? अ?ये?यृ1ष4भः संभृत रसम्.
त?मै सर?वती ?हे ?ीर सIप^म?धूदकम्.. (२)
ऋ1षय? ने वेद मं? कa रचना कa है. जो यजमान उन का अ?ययनमनन करता है, उस
का ?ान बढ़ाने के 3लए सर?वती सहायता करती ह?. उस यजमान के 3लए शहद, ?ध, घी
आ0द पोषक ?वयं दान करती ह?. (२)
पावमानीः ?व??ययनीः सु?घा 1ह घृत?तः.
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ऋ1ष4भः संभृतो रसो ाणे?वमृत 1हतम्.. (३)
ऋ1षय? ने जो मं रचे ह?, वे मं ाण? के 3लए अमृत सरीखे क?याणकारी, 1हतकारी
व घी से चुए ?ए ह?. वे ?नेह कa धारा? से सने ?ए और े फलदायी ह?. (३)
पावमानीद?ध?तु न इमं लोकमथो अमुम्.
कामा??समध?य?तु नो देवीद?वैः समा?ताः.. (४)
देवी और देवता? ने मं संक3लत 1कए ह?. वे मं न केवल इस लोक म? ब.?क
परलोक म? भी हमारे 3लए क?याणकारक ह?. वे हमारी सारी इ?छाएं पूरी करने वाले ह?. (४)
येन देवाः प1वेणा?मानं पुनते सदा. तेन सहधारेण पावमानीः पुन?तु नः.. (५)
देवतागण 5जन से सदा अपने को 1नम?ल (प1व) बनाते ह?, वैसी ही हजार? धारा? से
वेद? के मं हम? प1व बनाने कa कृपा कर?. (५)
पावमानीः ?व??ययनी?ता4भग??छ1त ना?दनम्.
पु?याँ भ?ा?भ?य?यमृत?वं च ग?छ1त.. (६)
जो यजमान प1वतादायी मं? से ेरणा लेता है, जो यजमान 1हतकारी मं? म? ?झान
रखता है, वह परमानंद का भागी होता है. वह पु?य अMज^त कराने वाले अ को खाता है
और अमरता का भागीदार होता है. (६)
आठवां खंड
अग?म महा नमसा य1वं यो द_दाय स2म?ः ?वे ?रोणे.
2चभानु रोदसी अ?त?व? ?वा?तं 1वतः ?य?चम्.. (१)
हे अ7?न! कौन सी ऐसी जगह है, जहां आप नह? जा सकते? आप ?वग?लोक और
पृ?वीलोक म? भलीभां1त ?व3लत (का3शत) होते ह?. आप खूब काशवान, अ?छ_
आ?1तय? वाले व युवा ह?. हम आप को नम?कार करते ह? और आप कa शरण म? ह?. (१)
स मा 1वा ?/रता1न साान7?न वे दम आ जातवेदाः.
स नो र4?ष??/रतादवाद?मा?गृणत उत नो मघोनः.. (२)
हे अ7?न! आप का काश ?ान वाला है. आप उस काश को फैलाते रहते ह?. आप
तेज?वी ह? और संसार के सभी पाप? का नाश करने म? समथ? ह?. आप ??कम? करने से हम?
रोकते ह? और हमारी र?ा करते ह?. आप हमारी आ?1तय? को हण करते ह?. आप हमारे 1त
क?याण कa भावना धारण करते ह?. (२)
?वं व?ण उत 2मो अ?ने ?वां वध?7?त म1त4भव?3साः.
?वे वसु सुषणना1न स?तु यूयं पात ?व9?त4भः सदा नः.. (३)
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हे अ7?न! व3स ऋ1ष 1वशेष बु5?पूव?क आप कa ?तु1त करते ह?. आप व?ण व 2म
?व?प ह?. आप के धन क?याणकारी ह?. आप अपनी मंगलकारी भावना? से हमारी र?ा
कa5जए. (३)
महाँ इ?ो य ओजसा पज??यो वृ1माँ इव. ?तोमैव??स?य वावृधे.. (४)
इं महान व काशमान ह?. वे अपने 1य भ?? कa ?तु1तय? से बढ़ोतरी पाते ह?. वे
बरसने वाले बादल? कa भां1त ह?. उपासक उन के पु कa तरह ह?. (४)
क?वा इ?ं यद?त ?तोमैय???य साधनम्. जा2म ुवत आयुधा.. (५)
हे इं! ऐसा कहा जाता है 1क उस समय य? कa 1नगरानी या र?ा के 3लए 1कसी भी
साधन कa ज?रत नह? रह जाती, जब क?व जैसे ऋ1ष अपनी ?तु1तय? से आप को य? का
र?क बना लेते ह?. (५)
जामृत?य 1पतः यद् भर?त वयः. 1वा ऋत?य वाहसा.. (६)
0द अ7?नयां आकाश म? भर जाती ह?. वे ती ग1त से इं को य? ?थान पर प?ंचा
देती ह?. तब ाणगण उन कa ?तु1त करते ह?. (६)
नौवां खंड
पवमान?य 5ज?नतो हरे?ा असृ?त. जीरा अ5जरशो2चषः.. (१)
हे सोम! आप हरे ह?. आप के रस कa धारा सतादायक है. वह छन कर और साफ हो
कर झरती है. आप शुनाशक ह? और सब जगह जा सकते ह?. (१)
पवमानो रथीतमः शुे4भः शुश?तमः. ह/र?ो म?द् गणः.. (२)
हे सोम! आप प1व, उ?चतम ?थान पर शो4भत, उ??वलतर से उ??वलतम, ह/रत
शोभा वाले व सब को सता देने वाले ह?. आप को पु बनाने म? म?द् गण भी आप कa
सहायता करते ह?. (२)
पवमान ु1ह र.?म4भवा?जसातमः. दध??तोे सुवीय?म्.. (३)
हे सोम! आप प1व ह?. आप घोड़े कa तरह अपनी 1करण? से सव? प?ंच जाते ह?. आप
यजमान? को अ?छा वीय? (े संतान) दान करते ह?. (३)
परीतो 1ष?चता सुत सोमो य उ?म ह1वः.
दध?वाँ यो नय? अ??व ३ ऽ ?तरा सुषाव सोमम04भः.. (४)
यजमान जल म? सोम को 2मलाते ह?. वे प?थर? से कूट कर सोमरस 1नकालते ह?. वह
देवता? के 3लए े है. यजमान उस से सब ओर स?च?. (४)
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नूनं पुनानो ऽ 1व4भः प/र वाद?धः सुर@भ^तरः.
सुते 2च?वा?सु मदामो अंधसा ीण?तो गो4भ??रम्.. (५)
हे सोम! छान कर, शु? बना कर आप को गाय? के ?ध के साथ 2मला 3लया जाता है.
इतना हो जाने पर आप को जल म? 2मलाया जाता है. तब आप अ?छ_ तरह सेवन यो?य हो
जाते ह?. आप अमर और ब?त सुगंध वाले ह?. (५)
प/र ?वान?से देवमादनः ?तु/र??Iव^च?णः.. (६)
सोमरस 1वल?ण है और देवता? के 3लए आनंददायी है, य? का मुख साधन है. सब
को देखने के 3लए सोम कलश म? .?थत रहने कa कृपा कर?. (६)
असा1व सोमो अ?षो वृषा हरी राजेव द?मो अ4भ गा अ2च?दत्.
पुनानो वारम?ये?यय ?येनो न यो=न^ घृतव?तमासदत्.. (७)
सोम हरे रंग के, श3?व??क, का3शत व राजा के समान दश?नीय ह?. इन के रस को
भेड़ के बाल? से बनी छलनी म? छाना जाता है. गाय के ?ध म? 2मल कर सोमरस और अ2धक
प1व हो जाता है. वह जल से भरे ?ए कलश? म? वैसे ही वेश करता है, जैसे वेग से उड़ता
?आ प?ी उतरता है. (७)
पज??यः 1पता म1हष?य पLण^नो नाभा पृ3था 1ग/रषु ?यं दधे.
?वसार आपो अ4भ गा उदासर??सं ाव4भव?सते वीते अ?वरे.. (८)
सोम पव?त पर 1नवास करते ह?. वे पव?त पृ?वी कa ना4भ पर .?थत ह? और उन के प?े
खूब बड़ेबड़े होते ह?. बरसने वाले बादल उन के 1पता ह?. वे गाय के ?ध, पानी और ?तु1तय? से
य? ?थल पर पधार वहां 1त2त होते ह?. (८)
क1वव?ध?या पय?1ष मा1हनम?यो न मृो अ4भ वाजमष?3स.
अपसेधन् ?/रता सोम नो मृड घृता वसानः प/र या3स 1नLण^जम्.. (९)
हे सोम! आप 1व?ान? ?ारा जाने जाते ह? और जलमय ह?. आप छलनी म? छन कर वैसे
ही ोणकलश म? वेग से जा कर .?थत रहते ह?, जैसे संाम ?थल पर जाने वाले घोड़े वेग से
वहां जा कर .?थत रहते ह?. आप हम? बुरी बात? और आदत? से ?र र6खए. हम? सब सुख
दान कa5जए. (९)
दसवां खंड
ाय?त इव सूय? 1वे0द??य भ?त.
वसू1न जातो ज1नमा?योजसा 1त भागं न द_2धमः.. (१)
हे यजमानो! इं उसी तरह चुर वैभव को बांटते ह?, जैसे सूय? 1करण? को (अपने म?)
बांटते ह?. हम उन कa कृपा से वैसे ही धन पाते ह?, जैसे 1पता कa कृपा से हम उन से संप3?
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का 1ह?सा पाते ह?. (१)
अलIष^रा=त^ वसुदामुप ?तु1ह भा इ??य रातयः.
यो अ?य कामं 1वधतो न रोष1त मनो दानाय चोदयन्.. (२)
इं स?जन? (भ) को धन दान करते ह?. उन के दान ब?त क?याणकारी ह?. यजमान
जब उन से कुछ चाहते ह? तो उन का मन उ?ह? उस दान के 3लए े/रत करता है. अतः हे
यजमानो! आप सब उन कa ?तु1त करो. (२)
यत इ? भयामहे ततो नो अभयं कृ2ध.
मघव?छ8?ध तव त ऊतये 1व 1?षो 1व मृधो ज1ह.. (३)
हे इं! आप हम? उन सब से अभय दान कa5जए, 5जन से हम? भय लगता है. आप हम
से 1व?ेष रखने वाल? को न कa5जए. आप =ह^सक? का नाश कa5जए. आप हमारी र?ा
कa5जए. आप साम?य?वान ह?. (३)
?व 1ह राधस?पते राधसो महः ?य?या3स 1वधता?.
तं ?वा वयं मघव2? 1गव?णः सुताव?तो हवामहे.. (४)
हे इं! आप धनप1त, ब?त धनधारी एवं उपा?य ह?. हम यजमान शु? और प1व
सोमरस का आनंद लेने के 3लए आप को आमं1त करते ह?. (४)
?यारहवां खंड
?व सोमा3स धारयुम?? ओ5जो अ?वरे. पव?य म हय1यः.. (१)
हे सोम! आप ब3ल व प1व ह?. आप य? म? धारा से वैभवयु? माग? बनाते ह?. आप
धनदाता व श3?दाता ह?. आप शु? हो कर कलश म? 1वरा5जए. (१)
?व सुतो म0द?तमो दध?वा?म?स/र?तमः. इ??ः सा5जद?तृतः.. (२)
हे सोम! आप मददायी, बलधारी, य? के मूलाधार, का3शत, ?फूIत^दायी और शु?
को जीतने वाले ह?. आप को जीता नह? जा सकता. (२)
?व सु?वाणो अ04भर?यष? क1न?दत्. ुम?त शु?ममा भर.. (३)
हे सोम! प?थर? से कूटकूट कर आप का रस 1नकाला व 1नचोड़ा जाता है. आप हम?
ओज और साम?य? दान करने कa कृपा कर?. आप आवाज करते ?ए कलश म? वेश करने
कa कृपा कa5जए. (३)
पव?व देववीतय इ?दो धारा4भरोजसा. आ कलशं मधुमा??सोम नः सदः.. (४)
हे सोम! आप मधुरतायु? ह?. आप देवता? कa तृ7?त के 3लए अपनी ओजयु?
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धारा? से सदैव हमारे कलश? म? आइए. (४)
तव ?सा उदुत इ?ं मदाय वावृधुः. ?वां देवासो अमृताय कं पपुः.. (५)
हे सोम! आप का रस जल से ओतोत है. आप को इं का यश और आनंद बढ़ाने के
3लए उ?ह? 1पलाया जाता है. देवगण अमरता के 3लए आप को पीते ह?. (५)
आ नः सुतास इ?दवः पुनाना धावता र1यम्. वृ1ावो री?यापः ?वIव^दः.. (६)
हे सोम! आप आ?म?ाता, रसीले और यजमान के 3लए बादल? से पानी बरसाने कa
भां1त धन बरसाने वाले ह?. आप हमारे 3लए वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
प/र ?य हय?त ह;र^ बुं पुन7?त वारेण.
यो देवा7?वाँ इ?प/र मदेन सह ग?छ1त.. (७)
सोमरस आनंद के साथ सभी देवता? तक प?ंचता है. हरे सोमरस को छलनी से छान
कर साफ 1कया जाता है. सोम पाप? से रोकते ह? और मन को हरने वाले (मनोहर) ह?. (७)
1?य? प?च ?वयशस सखायो अ0स हतम्.
1य2म??य का?यं ?नापय?त ऊम?यः.. (८)
सोमरस प?थर? से कूट कर 1नकाला जाता है. इ?ह? दोन? हाथ? कa दस अंगु3लयां साफ
करती ह? और जलमय बनाती ह?. ये तरंग? कa तरह लहराते ह?. ये सभी को 1य, सभी के 2म
और इं के का?य (चाहे गए) ह?. (८)
इ?ाय सोम पातवे वृ?ने प/र 1ष?यसे. नरे च द4?णावते वीराय सदनासदे.. (९)
हे सोम! आप वृनाशक इं के 3लए ोणकलश म? .?थत र1हए. आप य? म? द4?णा
देने वाले और य?कता? यजमान के 3लए मटके म? बने र1हए व .?थर र1हए. (९)
पव?व सोम महे द?ायाो न 1न?ो वाजी धनाय.. (१०)
हे सोम! आप प1व ह?. आप शुनाशक ह?. आप धन और बल के 3लए पा म?
पधा/रए. आप घोड़े जैसे वेगवान और बलवान ह?. (१०)
ते सोतारो रसं मदाय पुन7?त सोमं महे ु?नाय.. (११)
हे सोम! पृ?वी पर यजमान आनंद पाने के 3लए आप के रस को साफ कर के छानते ह?.
(११)
3शशुं ज?ान ह;र^ मृज7?त प1वे सोमं देवे?य इ??म्.. (१२)
हे सोम! तुरंत पैदा ?ए ब?चे को नहला कर जैसे साफ 1कया जाता है, वैसे ही यजमान
आप को साफ करते ह?. आप को देव? के 3लए छलनी म? छाना जाता है. (१२)
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उपो षु जातम?तुरं गो4भभ??ं प/र?कृतम्. इ??ं देवा अया3सषुः.. (१३)
हे सोम! देवगण आप का रस पीते ह?. उसे गाय के ?ध और जल म? 2मला कर प/र?कृत
1कया गया है. वह चमकaला है. (१३)
त2मद् वध??तु नो 1गरो व?स स 3शरी/रव. य इ??य ?द स1नः.. (१४)
माता जैसे 3शशु के शरीर को अपने ?ध से बढ़ाती है, वैसे ही हमारी ?तु1तयां सोम कa
बढ़ोतरी कर?. वे इं के ?दय म? 1नवास करते ह?. (१४)
अषा? नः सोम शं गवे धु??व 1प?युषी2मषम्. वधा? समुमु??य.. (१५)
हे सोम! आप उपा?य ह? और समु कa तरह उमड़ कर े पा म? 1वरा5जए. हमारे घर
धनधा?य से भरे रह?. आप कa कृपा से हमारा गोधन भी सुखी रहे. (१५)
बारहवां खंड
आ घा ये अ7?न2म?धते ?तृण7?त बIह^रानुषक्. येषा2म?ो युवा सखा.. (१)
इं जवान व यजमान के 2म ह?. यजमान अ7?न को ?व3लत करते ह?. यजमान
देवता? के 3लए कुश के आसन 1बछाते ह?. (१)
बृह20द?म एषां भू/र शं पृथुः ?व?ः. येषा2म?ो युवा सखा.. (२)
यजमान के पास देवता? के 3लए भरपूर स2मधाएं, चुर श?, अग4णत ाथ?नाएं ह?.
इं इन यजमान? के 2म ह? और वे सदा जवान ह?. (२)
अयु? इुधा वृत शूर आज1त स?व4भः. येषा2म?ो युवा सखा.. (३)
युवा इं 5जन यजमान? के 2म ह? वे यु? म? ?2च नह? रखते ह?, 1फर भी श3?शाली
सै?य बल वाले शु को हरा सकते ह?. (३)
य एक इ1?दयते वसु मता?य दाशुषे. ईशानो अ1त?कुत इ?ो अ?.. (४)
इं संसार के ईर और यजमान? को भरपूर वैभव देने वाले ह?. वे अकेले ही शु? को
हराने के 3लए पया??त ह?. (४)
य45? ?वा ब??य आ सुतावाँ आ1ववास1त. उं त?प?यते शव इ?ो अ?.. (५)
हे इं! लाख? म? से जो कोई यजमान सोमय? से आप को भजता है, आप उसे ज?द_
ही ओज?वी बना देते ह?. (५)
कदा मत?मराधसं पदा ?ु?प2मव ?फुरत् . कदा नः शुवद् 1गर इ?ो अ?.. (६)
हे इं! आप ?तु1त न करने वाल? को मामूली पौध? कa तरह कब हटाएंगे? कब आप
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आराधना करने वाले हम लोग? कa ?तु1त सुन?गे? (६)
गाय7?त ?वा गाय1णो ऽ च??यक?मIक^णः.
ाण??वा शत?त उ? श2मव ये2मरे.. (७)
हे इं! आप सैकड़? काय? करने वाले ह?. हम यजमान मं? से आप के 3लए य? करते
ह?. हम आप कa म1हमा का गुणगान करते ह?. आप 1वद ह?. बांस कa तरह आप को ऊंची
पदवी दान करते ह?. (७)
य?सानोः सा?वा?हो भूय??प क?व?म्.
त0द?ो अथ? चेत1त यूथेन वृ.?णरेज1त.. (८)
यजमान सोमव?ली आ0द स2मधा लाने के 3लए पव?त के 3शखर पर जाते ह?. वे अनेक
कम? वाले य? करते ह?. इं यजन करने वाले यजमान के मन के उद् दे?य को जान जाते ह?.
तब वे यजमान कa इ?छा पूरी करने के 3लए अ?य देवता? के साथ य? म? जाने के 3लए
तैयार होते ह?. (८)
युं?वा 1ह के3शना हरी वृषणा क?या. अथा न इ? सोमपा 1गरामुपु=त^ चर.. (९)
हे इं! आप सोमरस पीने वाले ह?. आप के घोड़े गरदन पर अ?छे बाल वाले व मजबूत
अंग? वाले ह?. आप उन घोड़? को रथ म? जो1तए और हमारी ?तु1त सुनने के 3लए य? म?
पधा/रए. (९)
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?यारहवां अ?याय
पहला खंड
सुष2म?ो न आ वह देवाँ अ?ने ह1व?मते. होतः पावक य4? च.. (१)
हे अ7?न! आप प1व करने वाले ह?. आप यजमान के क?याण हेतु देवता? का
आान क/रए. देवता? को ह1व प?ंचाने के 3लए ह1व ?वीकार कa5जए. आप य? को
सफल बनाने कa कृपा कa5जए. (१)
मधुम?तं तनूनपा?ं देवेषु नः कवे. अा कृणु?तये.. (२)
हे अ7?न! आप 1व?ान् व ऊपर कa ओर जाने वाले ह?. आप हमारे क?याण के 3लए
तनमन के 1न2म? पोषक मधुरता से भरी ह1वय? को देवता? के 3लए ?वीकार कa5जए. उन
ह1वय? को ?वीकारने के बाद देवता? तक प?ंचाने कa कृपा भी कa5जए. (२)
नराश स2मह 1यम9?म?य? उप ये. मधु5ज ह1व?कृतम्.. (३)
हे अ7?न! आप देवता? को 1य, उन के 3लए सतादायी, मीठ` 5जा वाले व
पूजनीय ह?. हम इस य? म? अपनी ह1वय? को देव? तक प?ंचाने का अनुरोध करते ह?. (३)
अ?ने सुखतमे रथे देवाँ ई2डत आ वह. अ3स होता मनुIह^तः.. (४)
हे अ7?न! आप देवता? को साथ ले कर अपने सुखदायी रथ म? य? ?थान तक
पधा/रए. आप देवता? को बुलाने वाले व मनु?य? का 1हत साधने वाले ह?. (४)
यद सूर उ0दते ऽ नागा 2मो अय?मा. सुवा1त स1वता भगः.. (५)
सूय? के उ0दत होने पर प1व 2म, अय?मा, स1वता व भग हम? मनचाहा धन ा?त कराने
कa कृपा कर?. (५)
सुावीर?तु स ?यः नु याम??सुदानवः. ये नो अ हो ऽ 1त1प1त.. (६)
हे देवताओ! आप उ?कृ क?याण करने वाले, हमारे े र?क व य? ?थान के वासी
ह?. आप अहम्, दंभ आ0द रा?स? (बुरी वृ3?य?) से हमारी र?ा करने कa कृपा कर?. (६)
उत ?वराजो अ0द1तरद?ध?य त?य ये. महो राजान ईशते.. (७)
देवता? कa माता अ0द1त समेत सभी देवतागण हमारे त 3स? कर?. वे इ?ह? 3स?
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करने कa साम?य? रखते ह?. वे महान, राजा व ईर ह?. (७)
उ ?वा मद?तु सोमाः कृणु?व राधो अ0वः. अव 1?षो ज1ह.. (८)
हे इं! आप साम?य?वान ह?. सोमरस आप को मदम?त बना दे. आप हम? वैभव दान
कर?. आप ?ान के ?े1षय? का नाश कर?. (८)
पदा पणीनराधसो 1न बाध?व महाँ अ3स. न 1ह ?वा क न 1त.. (९)
हे इं! आप महान व ब?त ?मतावान ह?. आप 1कसी के भी 1त कृपा म? कमी नह?
रखते ह?. आप दान न देने वाल? को बाधा प?ंचाइए. (९)
?वमी3शषे सुताना2म? ?वमसुतानाम्. ?व राजा जनानाम्.. (१०)
हे इं! आप सब लोग? के राजा ह?. आप पु? के और अपु? के भी ?वामी ह?. (१०)
?सरा खंड
आ जागृ1वIव^ ऋतं मतीना सोमः पुनानो असद?चमूषु.
सप7?त यं 2मथुनासो 1नकामा अ?वय?वो र3थरासः सुह?ताः.. (१)
सोम जात ह?, ?तु1तय? को जानने वाले ह?. वे छनछन कर ोणकलश म? झरते ह?.
धनवान अ?छे हाथ? वाले संप3? पाने के इ?छुक पुरो1हत इसे इकट् ठा कर के संभाल कर
रखते ह?. (१)
स पुनान उप सूरे दधान ओभे अा रोदसी वी ष आवः.
1या 2च?य 1यसास ऊती सतो धनं का/रणे न य सत्.. (२)
सोम प1व ह?, ?वग?लोक और पृ?वीलोक को अपनी आभा से पूण? करते ह?. इन कa
रसधार ब?त 1य लगने वाली है. वह हमारी र?ा और हम? वैभव दान करती है. यह
सोमरस इं के पास प?ंचता है. (२)
स वJध^ता वध?नः पूयमानः सोमो मीढ् वां अ4भ नो ?यो1तषा1वत्.
य नः पूव? 1पतरः पद?ाः ?वIव^दो अ4भ गा अ02म?णन्.. (३)
सोम बढ़ोतरी पाने वाले, देवता? कa बढ़ोतरी करने वाले और अभी साधने वाले ह?.
छना ?आ सोमरस सब कार से हमारी र?ा करे. आ?म त?व ?ाता हमारे पूव? 1पतर अपनी
य?ीय गाय? को सोम से भरे ?ए पहाड़? के पास ले जाया करते थे. (३)
मा 2चद?य1? श सत सखायो मा /रष?यत.
इ?2म??तोता वृषण सचा सुते मु???था च श सत.. (४)
हे 2म यजमानो! इं बलवान ह?. आप सोमरस प/र?कृत कर के इं कa ही ?तु1त
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कa5जए, 1कसी ?सरे देवता कa नह?. आप बारबार और देवता? कa ?तु1त म? समय और
?मता न मत कa5जए. आप सामू1हक ?प से इं कa उपासना कa5जए. (४)
अव?4?णं वृषभं यथा जुवं गां न चष?णीसहम्.
1व?ेषण संवननमुभयङ्करं म 1हमुभया1वनम्.. (५)
इं महान ह?. वे भौ1तक और पारलौ1कक दोन? वैभव देने वाले, यजमान? के आरा?य
देव, शु? से ?ेष रखने वाले, शु? के नाशक, शी जाने वाले और बैल कa तरह
बलपूव?क संघष? करने वाले ह?. आप उ?ह? इं कa ?तु1त कa5जए. (५)
उ? ?ये मधुम?मा 1गरः ?तोमास ईरते.
सा5जतो धनसा अ4?तोतयो वाजय?तो रथा इव.. (६)
हे इं! आप वैभवदाता व 1नरंतर र?क ह?. मधुर वाणी वाली ?तु1तयां घोड़े वाले रथ के
समान ह?, यु? म? 1य लगने वाले अ?श? (उपकरण?) के समान ह?. (६)
क?वा इव भृगवः सूया? इव 1व2म?_तमाशत.
इ? ?तोमे4भम?हय?त आयवः 1यमेधासो अ?वरन्.. (७)
क?व ऋ1ष कa तरह भृगु? ने भी इं का सा?ा?कार 1कया. वे सूय? कa तरह अ6खल
1व म? ा?त ह?. भृगु इं कa म1हमा वैसे ही बखान करने लगे, जैसे यजमान (इं कa)
म1हमा का बखान करते ह?. (७)
पयू? षु ध?व वाजसातये प/र वृा4ण स?4णः. 1?ष?तर?या ऋणया न ईरसे.. (८)
हे सोम! आप कa कृपा से कजा? ख?म हो जाता है. आप ??मन? के नाश के 3लए उसी
कार े/रत होने कa कृपा कa5जए, 5जस कार परा?मी इं वृासुर का नाश करने के 3लए
े/रत ?ए थे. आप हम? अ?छे पोषक अ दान कर?. (८)
अजीजनो 1ह पवमान सूय? 1वधारे श?मना पयः.
गोजीरया र हमाणः पुर??या.. (९)
हे सोम! आप प1व ह?. आप सूय? को उ?प करने कa और सूय? जल धारण करने कa
साम?य? रखते ह?. सूय? पृ?वीलोक म? जीवन को ग1तशील बनाने म? समथ? ह?. (९)
अनु 1ह ?वा सुत सोम मदाम3स महे समय?रा?ये.
वाजाँ अ4भ पवमान गाहसे.. (१०)
हे सोम! हम आप के अनुगामी, आप के पु और आप कa कृपा से सुखपूव?क 1नवास
करते ह?. हम आप कa कृपा और ?मता से ही कोई काय? कर पाते ह?. (१०)
प/र ध?वे?ाय सोम ?वा?Jम^ाय पू?णे भगाय.. (११)
हे सोम! आप ?वा0द ह?. आप 2म, पूषा, भग और ध?व? (गो?वामी इं) के 3लए
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वा1हत होइए. (११)
एवामृताय महे ?याय स शु?ो अष? 0दः पीयूषः.. (१२)
हे सोम! आप चमकaले, 0द, अमृतमय और अमरता के 3लए पृ?वी पर ?/रत
(वा1हत) होने कa कृपा कa5जए. (१२)
इ??ते सोम सुत?य पेया???वे द?ाय 1वे च देवाः.. (१३)
हे सोम! आप अपने पु? कa ाथ?ना सुन ली5जए. य? म? इं व सभी देवता आप के
रस को पीने कa कृपा कर?. (१३)
तीसरा खंड
सूय??येव र?मयो ाव1य?नवो म?सरासः सुतः साकमीरते.
त?तुं ततं प/र सगा?स आशवो ने?ा?ते पवते धाम =क^चन.. (१)
सोम कa धाराएं 1वत होती ?ई पा म? सूय? कa 1करण? कa तरह फैल रही ह?. इं के
अलावा वे 1कसी अ?य को नह? 2मलत?. (१)
उपो म1तः पृ?यते 3स?यते मधु म?ाजनी चोदते अ?तरा स1न.
पवमानः स?त1नः सु?वता2मव मधुमान् ?सः प/र वारमष?1त.. (२)
सोम मधुर व बु5?व??क ह?. सोमरस इं को े/रत करने वाला है. यजमान सोमरस
1नचोड़ते व उसे जल म? 2मलाते ह?, उस को और प/र?कृत करते ह?. (२)
उ?ा 2ममे1त 1त य7?त धेनवो देव?य देवी?प य7?त 1न?कृतम्.
अ?य?मीदजु?नं वारमयम?कं न 1न?ं प/र सोमो अत.. (३)
1नचोड़ा जाता ?आ सोमरस आवाज करता है व 0द ?प को ा?त करता है. गाय? के
?ध से उस को शु? बनाया जाता है. वह 0द, काशमान व अय है. (३)
अ7?नं नरो द_2ध1त4भरर?योह??त?युतं जनयत श?तम्.
?रे?शं गृहप1तमथुम्.. (४)
हे नरो! अ7?न पूजनीय ह?. वे हमारा भरणपोषण करते ह?. वे गृहप1त, अ?युत और ?र से
ही दश?नीय ह?. आप सभी अर4ण मंथन से अ7?न को कट करने कa कृपा कa5जए. (४)
तम7?नम?ते वसवो ?यृ?व??सु1तच?मवसे कुत4त्.
द?ा?यो यो दम आस 1न?यः.. (५)
हे अ7?न! आप ?वलनशील काशमान ह?. आप को हम घर म? ?व3लत करते ह?. आप
सुंदर (दश?नीय) ?व?प वाले ह?. यजमान अपनी र?ा के 3लए आप को य? म? 1त2त करते
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ह?. (५)
े?ो अ?ने द_0द1ह पुरो नो ऽ जया सू?या? य1व.
?वा श?त उप य7?त वाजाः.. (६)
हे अ7?न! आप शात, श3?शाली और अज ह?. आप भलीभां1त ?व3लत होइए.
आप ?वाला? से ?व3लत होने कa कृपा कa5जए. हम आप को जौ 2म4त ह1व भ?ट करते
ह?. (६)
आयंगौः पृ4र?मीदसद?मातरं पुरः. 1पतरं च य???वः.. (७)
हे अ7?न! आप ब?रंगी, ग1तशील व (सूय? ?प म?) पूव? 0दशा म? उ0दत होते ह?. आप
1पतृलोक (अंत/र?लोक) म? 1त2त होते ह?. (७)
अ?तर1त रोचना?य ाणादपानती. ?य?म1हषो 0दवम्.. (८)
हे सूय?! आप ?वग?लोक को काश और तेज से भर देते ह?. आप का तेज आकाश और
पृ?वी के बीच चमकता रहता है. (८)
1 श?ाम 1व राज1त वा?यपत?ाय धीयते. 1त व?तोरह ु4भः.. (९)
तीस घ2ड़य? (१२ घंटे) तक अ7?न (सूय? ?प म?) अपनी तेजोमयता से काशमान रहते
ह?. उस समय ?वग?लोक ?ारा आप को यजमान? कa बु5?पूव?क कa गई ?तु1तयां ा?त होती
ह?. (९)
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बारहवां अ?याय
पहला खंड
उपय?तो अ?वरं म?ं वोचेमा?नये. आरे अ?मे च शृ?वते.. (१)
अ7?न उ?म य? करने वाले यजमान कa ाथ?ना सुनने के 3लए तैयार ह?. हम उन कa
उपासना करते ह?. (१)
यः ?नी1हतीषु पू?ः संज?मानासु कृ1षु. अर??ाशुषे गयम्.. (२)
अ7?न हमेशा का3शत रहते ह?. यजमान जब ेम भाव से 2मल कर रहते ह? तो वे उन के
वैभव कa र?ा करते ह?. (२)
स नो वेदो अमा?यम?नी र?तु श?तमः. उता?मा?पा?व हसः.. (३)
अ7?न ब?त क?याणकारी ह?. वे हम? पाप? (बुरी वृ3?य?) से ?र करने व हमारे वैभव
कa र?ा करने म? हमारी सहायता करने कa कृपा कर?. (३)
उत ुव?तु ज?तव उद7?नवृ?हाज1न. धन?यो रणेरणे.. (४)
अ7?न यु?? म? ??मन? को हराते ह? व उन का धन जीतते ह?. वे कट हो गए ह?. मं
गायक पुरो1हत को उन कa ?तु1त करनी चा1हए. (४)
अ?ने युं?वा 1ह ये तवाासो देव साधवः. अरं वह??याशवः.. (५)
हे अ7?न! आप के घोड़े शी जाने वाले ह?. आप के घोड़े भी साम?य?वान ह?. आप उन
को रथ म? जो1तए. (५)
अ?छा नो याा वहा4भ या 3स वीतये. आ देवा??सोमपीतये.. (६)
हे अ7?न! आप सोमपान व देवता? को हमारी ओर उ?मुख करने कa कृपा कa5जए.
(६)
उद?ने भारत ुमदजेण द1वुतत्. शोचा 1व भाजर.. (७)
हे अ7?न! आप जग के पालक व अ?ु?ण (कभी ?ीण न हो सकने वाले) ह?. आप भी
का3शत होइए और जग को भी का3शत कa5जए. आप ?व3लत हो कर उ?रो?र
बढ़ोतरी ा?त कa5जए. (७)
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सु?वानाया?धसो मत? न व त?चः.
अप ानमराधस हता मखं न भृगवः.. (८)
सोमरस रसीला व सेवन के यो?य है. सोम के 3लए कa गई ाथ?ना? को लालची कु?े
न सुन सक?. भृगु ऋ1ष ने जैसे मख नामक रा?स को मारा था, वैसे ही आप उन कु?? को
अपराधी कa तरह ही दं2डत कa5जए. (८)
आ जा2मर?के अत भुजे न पु ओ?योः.
सर?जारो न योषणां वरो न यो1नमासदम्.. (९)
सोम भाई जैसे 1य ह?, माता1पता कa भुजा? म? संर4?त बेटे जैसे ह? व कामी आदमी
जैसे ?ी कa ओर और वर क?या कa ओर आकIष^त होता है, वैसे ही सोम ोणकलश कa
ओर जा रहे ह?. (९)
स वीरो द?साधनो 1व य?त?त?भ रोदसी.
ह/रः प1वे अत वेधा न यो1नमासदम्.. (१०)
सोम प1व, हरे, पोषक, वीर व उ?म रसायन? से भरे ह?. वे ?वग?लोक और पृ?वीलोक
को अपने काश से भर देते ह?. ोणकलश म? यजमान के घर जाने कa तरह वेश करते ह?.
(१०)
?सरा खंड
अातृो अना ?वमना1प/र? जनुषा सनाद3स. युधेदा1प?व2म?छसे.. (१)
हे इं! आप का कोई शु नह? ज?मा और सम?त उपासक? को ही अपना बंधु
?वीकारते ह?. आप ??मन? के 1त बंधु भाव से र1हत और शु? के नाश कa इ?छा रखते ह?.
आप सब के 1नयंक ह?. (१)
न कa रेव?त स?याय 1व?दसे पीय7?त ते सुराः.
यदा कृणो1ष नदनु समूह?या0द7?पतेव ?यसे.. (२)
हे इं! आप श3?शाली ह?. धन का गव? करने वाले के आप सखा नह? होते. जो सुरा पी
कर आप को पी2ड़त करते ह?, उन के भी आप सखा नह? होते. जो ?ान, गुण संप? के साथ
2मल कर चलते ह?, उन को आप 1पता के समान ेम करते ह?. (२)
आ ?वा सहमा शतं यु?ा रथे 1हर?यये.
युजो हरय इ? के3शनो वह?तु सोमपीतये.. (३)
हे इं! आप का रथ सुनहरा है. आप के घोड़े संकेत मा से रथ म? जुत जाते ह?. आप
के वे घोड़े आप को सोमरस 1पलाने के 3लए रथ म? बैठा कर य? ?थान म? लाने कa कृपा कर?.
(३)
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आ ?वा रथे 1हर?यये हरी मयूरशे?या.
3श1तपृा वहतां म?वो अ?धसो 1वव?ण?य पीतये.. (४)
हे इं! आप के घोड़े मोर जैसे रंग और सफेद पीठ वाले ह?. वे आप को य? ?थान पर
लाने कa कृपा कर?, ता1क आप मीठा अमृत जैसा सोमरस पी सक?. (४)
1पबा ?व ३ ?य 1गव?णः सुत?य पूव?पा इव.
प/र?कृत?य र3सन इयमासु1ता?म?दाय प?यते.. (५)
हे इं! आप पूजनीय ह?. सोमरस मददायी, आनंदव??क व गुणमय है. आप सब से
पहले इस साफ छने ?ए सोमरस को पीने कa कृपा कर?. (५)
आ सोता प/र 1ष?चतां न ?तोमम?तुर रज?तुरम्. वन?मुदुतम्.. (६)
हे यजमानो! सोमरस घोड़े कa तरह वेगवान, जलमय व काश का 1व?तारक है. आप
सोमरस छान कर, जल म? 2मला कर तैयार कa5जए. (६)
सहधारं वृषभं पयो?हं 1यं देवाय ज?मने.
ऋतेन य ऋतजातो 1ववावृधे राजा देव ऋतं बृहत्.. (७)
सोमरस 0द गुण वाला, सुख बढ़ाने वाला, 1य और जल म? 2मल कर बढ़ोतरी पाता
है. हे यजमानो! आप ?ध 2मला ?आ सोमरस देवता? के 3लए तैयार कa5जए. आप
प/र?कृत सोमरस देवता? के 3लए तैयार कa5जए. (७)
तीसरा खंड
अ7?नवृ?ा4ण जङ् घनद्1वण?युIव^प?यया. स2म?ः शु? आ?तः.. (१)
हे अ7?न! आप भलीभां1त द_?त, आप काशमान, धनदाता ह?. आप ह1व से पोषण
पाते ह?. आप शु? का नाश करने कa कृपा कa5जए. (१)
गभ? मातुः 1पतुः 1पता 1व0दुतानो अ?रे. सीदृत?य यो1नमा.. (२)
हे अ7?न! आप पृ?वी माता के गभ? म? 1वशेष ?प से का3शत ह? व अंत/र? म? 1पता कa
भू2मका म? 1वराजमान ह?. अ7?न य? म? वेद_ पर 1त2त ह?. (२)
जावदा भर जातवेदो 1वचष?णे. अ?ने य?_दय0?1व.. (३)
हे अ7?न! जोजो सुख ?वग?लोक म? उपल?ध ह?, आप उन सुख? को हम? ा?त कराने कa
कृपा कa5जए. आप सव?ा व 1वल?ण ह?. आप हम? ?ान व संतान दान कa5जए. (३)
अ?य ेषा हेमना पूयमानो देवो देवे4भः समपृ? रसम्.
सुतः प1वं पय?1त रेभ9?मतेव स पशुम7?त होता.. (४)
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यजमान के पशु आ0द वाले घर म? वेश करने के समान कूट व छान कर तैयार 1कया
?आ सोमरस ोणकलश म? वेश करता है. काशमान सोमरस ?वण? के समान कां1तमान है
और काशमान वह देवता? से 2मलता है. (४)
भा वा सम?या ३ वसानो महा?क1वIन^वचना1न श सन्.
आ व?य?व च?वोः पूयमानो 1वच?णो जागृ1वद?ववीतौ.. (५)
हे सोम! आप जात, 1वल?ण, महान, क1व, अ1नवच?नीय, शं3सत एवं क?याणकारी
ह?. आप वीरता से सम7?वत (यु?) ह?. आप प1व बरतन? म? वेश कa5जए. (५)
समु 1यो मृ?यते सानो अे यश?तरो यशमां ?ैतो अ?मे.
अ4भ ?वर ध?वा पूयमानो यूयं पात ?व9?त4भः सदा नः.. (६)
हे सोम! 4?1त (पृ?वी) पर कट ह? आप यश9?वय? म? यशवान, छका देने वाले और
प1व ह?. हे यजमानो! आप सब ?व9?त वचन? से सदैव उ?च ?वर से ाथ?नाएं करते ?ए सोम
कa ?तु1त कa5जए. (६)
एतो 7?व? ?तवाम शु? शु?ेन सा?ना.
शु?ै??थैवा?वृ?वा स शु?ैराशीवा??मम?ु.. (७)
हे इं! हम शु? सामगायन से आप कa ?तु1त व शु? मदम?त बनाने वाला सोमरस
आप को भ?ट करते ह?. हम शु? वचन? वाली ?तु1तय? से आप कa बढ़ोतरी कa कामना करते
ह?. (७)
इ? शु?ो न आ ग1ह शु?ः शु?ा4भ?1त4भः.
शु?ो र=य^ 1न धारय शु?ो मम5? सो?य.. (८)
हे इं! आप शु? ह?. हम शु? वाणी से आप कa ?तु1त करते ह?. आप हम? भी शु?
बनाइए. आप मेरे ?ारा भ?ट 1कए गए इस शु? सोमरस को ?वीका/रए. आप हमारे 3लए शु?
धन धारण क/रए. (८)
इ? शु?ो 1ह नो र1य शु?ो र?ना1न दाशुषे.
शु?ो वृा4ण 5ज?नसे शु?ो वाज 3सषास3स.. (९)
हे इं! आप शु? ह?. आप हम? शु? बल द_5जए. आप शु? होइए और 1व?न बाधा?
को ?र कa5जए. हमारे ??मन? को मा/रए. आप हम? शु? धन और र?न व ऐय? आ0द
द_5जए. (९)
चौथा खंड
अ?ने ?तोमं मनामहे 3स?म 0द1व?पृशः. देव?य 1वण?यवः.. (१)
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हे अ7?न! आप ?वग?लोक का ?पश? करते ह?. हम आप से वैभव चाहते ह?. हम
क?याणदायी ?तो? से आप कa ?तु1त करते ह?, आप को मनाते ह?. (१)
अ7?नजु?षत नो 1गरो होता यो मानुषे?वा. स य??ैं जनम्.. (२)
हे अ7?न! आप मनु?य को 0दता दान कa5जए. आप य? के मुख और मनु?य? के
3लए होता (पुरो1हत कa तरह) ह?. आप हमारी वाणी सुनने कa कृपा कa5जए. (२)
?वम?ने सथा अ3स जुो होता वरे?यः. ?वया य?ं 1व त?वते.. (३)
हे अ7?न! आप वरे?य (सव?े वरण करने यो?य), होता व य? म? मुख ह?. हम आप
के ?ारा य? का 1व?तार करते ह?. (३)
अ4भ 1पृं वृषणं वयोधाम?ो1षणमवावशंत वाणीः.
वना वसानो व?णो न 3स?धुIव^ र?नधा दयते वाया?4ण.. (४)
हे सोम! आप अदाता, धनदाता और र?नदाता ह?. आप कa ओर हमारी वा4णयां
दौड़ती ह?. आप ?वयं भी वाणीमय (आवाज करने वाले), वनवासी, जलमय एवं तीन? काल?
म? बरसने वाले ह?. (४)
शूरामः सव?वीरः सहावान् जेता पव?व स1नता धना1न.
1त?मायुधः 4?ध?वा सम??वषाढः साा?पृतनासु शून्.. (५)
हे सोम! आप सब से शूरवीर, सहनशील, 1वजेता, धनदाता, प1व, शी ग1त वाले,
ती?ण अ?श? वाले व शु? को हराने वाले ह?. आप ोणकलश म? बर3सए. (५)
उ?गू1तरभया1न कृ?व??समीचीने आ पव?वा पुर?धी.
अपः 3सषासुषसः ?व ऽ ३ गा?ः सं 2च?दो महो अ?म?यं वाजान्.. (६)
हे सोम! आप 1व?तृत पथवान, 1नभ?य, ?वग? और पृ?वी के योजक (जोड़ने वाले,
2मलाने वाले) ह?. आप उषा और सूय? कa 1करण? से पोषण पाते ह?. आप आवाज करते ?ए
छन कर प1व होइए. आप हमारे 3लए धन द_5जए. (६)
?व2म? यशा अ?यृजीषी शवस?प1तः.
?वं वृा4ण ह ?यती?येक इ?पुव?नु?ष?णीधृ1तः.. (७)
हे इं! आप यश?वी, धैय?वान, ??मन? को मारने वाले व श3? के ?वामी ह?. आप जैसे
देवता के बारे म? हम ने पहले नह? सुना. (७)
तमु?वा नूनमसुर चेतस राधो भाग2मवेमहे.
महीव कृ3?ः शरणा त इ? ते सु?ना नो अवन्.. (८)
हे इं! बेटा जैसे 1पता से धनभाग चाहता है, वैसे ही हम 1पता तु?य आप से धन चाहते
ह?. आप धनवान, ?ानवान व शरणदाता ह?. हम? े सुख दान करने कa कृपा कa5जए. (८)
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य5जं ?वा ववृमहे देवं देवा होतारमम?य?म्. अ?य य??य सु?तुम्.. (९)
हे अ7?न! आप इस य? म? े काय? करने वाले ह?. आप भजनीय (भजन करने यो?य)
ह?. देवता? म? हम आप का वरण करते ह?. आप अमर व देवता? म? सवा?2धक 0द देव ह?.
(९)
अपां नपात सुभग सुद_0द1तम7?नमु ेशो2चषम्.
स नो 2म?य व?ण?य सो अपामा सु?नं य?ते 0द1व.. (१०)
हे अ7?न! आप सुभग (े धन वाले), सुद_?त (अ?छ_ तरह का3शत), े ?वाला?
वाले व आकाश के जल को धारते ह?. आप हम? 2म और व?ण देवता से ा?त होने वाला
सुख तथा 0दलोक का जल ा?त कराइए. (१०)
पांचवां खंड
यम?ने पृ?सु म?य?मवा वाजेषु यं जुनाः. स य?ता शती/रषः.. (१)
हे अ7?न! आप यु? म? 5जन लोग? को लगाते ह?, उ?ह? अ व बल दान करते ह? और
मृ?यु से उन कa र?ा करते ह?. (१)
न 1कर?य सह??य पय?ता कय?य 2चत्. वाजो अ9?त वा?यः.. (२)
हे अ7?न! आप ने 5जस को बल 0दया है, उस बलवान वीर को कोई भी नह? हरा सकता
है. (२)
स वाजं 1वचष?4णरव?0द्भर?तु त?ता. 1वे4भर?तु स1नता.. (३)
हे अ7?न! ाण? ?ारा आप कa शंसा कa जाती है. आप संसार के ा ह?. आप
घोड़? के ?ारा हम? यु? 5जताएं. आप क?याणकारी ह?. (३)
साकमु?ो मज?य?त ?वसारो दश धीर?य धीतयो धनुीः.
ह/रः पय?व?जाः सूय??य ोणं नन?े अ?यो न वाजी.. (४)
सोमरस 0द, प1व और ह/रत आभा वाला है. सूय? कa 1करण? से शु? हो कर वह
ोणकलश म? जाता है. वह घोड़े कa तरह वेगवान हो कर कलश म? जाता है. दस अंगु3लयां
उस को मसलमसल कर शु? बनाती ह?. (४)
सं मातृ4भन? 3शशुवा?वशानो वृषा दध?वे पु?वारो अ0द्भः.
मय? न योषाम4भ 1न?कृतं य??सं ग?छते कलश उ4या4भः.. (५)
सोमरस सव?े, देवता? को 1य व बलवान है. वह ?ध व जल म? ऐसे एकमेक हो
जाता है, जैसे पु?ष और ?ी तथा मां और ब?चा एक?सरे म? एकमेक हो जाते ह?. (५)
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उत 1प?य ऊधर??याया इ??धा?रा4भः सचते सुमेधाः.
मूधा?नं गावः पयसा चमू?व4भ ीण7?त वसु4भन? 1न?ैः.. (६)
सोम बु5?शाली ह?. वे गाय? को ?ध से भरपूर करते ह?. गाय? के ?ध को सोमरस म?
2मलाया जाता है. लोग जैसे व?? से अपने को ढकते ह?, वैसे ही गाएं सोमपा को (?ध देने
के 3लए) ढक लेती ह?. (६)
1पबा सुत?य र3सनो म??वा न इ? गोमतः.
आ1पन? बो2ध सधमाे वृधे ३ ऽ ?मां अव?तु ते 2धयः.. (७)
हे इं! आप के पु? ने रसीला सोमरस तैयार 1कया है. आप उस को पी कर म?त
होइए. आप उस से अपनी और हमारी बढ़ोतरी कa5जए. आप हम? गोम1त (सुबु5?वान)
बनाइए. आप अपनी बु5?य? से हमारी बु5? कa र?ा कa5जए. (७)
भूयाम ते सुमतौ वा5जनो वयं मा न ?तर4भमातये.
अ?मा.?चा4भरवताद4भ14भरा नः सु?नेषु यामय.. (८)
हे इं! हम आप कa सुम1त से म1तवान व आप के बल से बलवान ह?. आप अपने
अभी साधन? से हमारी र?ा कर?. आप हम? सुखी व समृ? बनाएं. हम? आप कa कृपा ा?त
हो. (८)
1र?मै स?त धेनवो ??1रे स?यामा3शरं परमे ोम1न.
च?वाय??या भुवना1न 1नLण^जे चा?4ण च?े य?तैरवध?त.. (९)
हे सोम! परम ोम म? सात से तीन गुनी अथा?त् इ?कaस गाएं े ?ध देती ह?. चार
अ?य लोक? के सुंदर जल से सोम कa बढ़ोतरी होती है. सोमरस क?याणकारी च? से (?म
से) वा1हत होता है. (९)
स भ?माणो अमृत?य चा?ण उभे ावा काेना 1व शथे.
ते5जा अपो म हना प/र त यद_ देव?य वसा सदो 1व?ः.. (१०)
सोमरस अमृत भ?ण करता है. वह ?वग? और पृ?वी दोन? लोक? को अमृत जैसे जल से
भर देता है. जब यजमान देव?थान को ह1वमय बनाते ह? तो सोम जल को अपने मह?व से
तेजोमय बना देते ह?. (१०)
ते अ?य स?तु केतवो ऽ मृ?यवो ऽ दा?यासो जनुषी उभे अनु.
ये4भनृ??णा च देा च पुनत आ0दाजानं मनना अगृ?णत.. (११)
सोम मनु?य? म? अमर, अद?य व दोपाय? और चौपाय? के संर?क ह?. वे मनु?य? और
देव? म? राजा ह?. हम उन सोम कa उपासना करते ह?. (११)
छठा खंड
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अ4भ वायुं वी?यषा? गृणानो ३ ऽ 4भ 2माव?णां पूयमानः.
अभी नरं धीजवन रथेामभी?ं वृषणं वबा?म्.. (१)
हे सोम! आप ?तु1त के बाद वायु, 2म और व?ण को ा?त होने कa कृपा कa5जए.
आप नेतृ?ववान, बु5?दाता और रथ पर सवार अ4नीकुमार? कa ओर प?ंच?. आप वबा?
इं को ा?त होइए. (१)
अ4भ वा सुवसना?यषा?4भ धेनूः सु?घाः पूयमानः.
अ4भ च?ा भत?वे नो 1हर?या?या3थनो देव सोम.. (२)
हे सोम! आप हम? उ?म व?, अ?छे ?ध वाली गाएं, सुनहरा सोना व धन द_5जए. आप
हम? रथ के 3लए उ?म घोड़े द_5जए. (२)
अभी नो अष? 0दा वसू?य4भः 1वा पाKथ^वा पूयमानः.
अ4भ येन 1वणमवामा?याष?यं जमद7?नवः.. (३)
हे सोम! आप हम? 0द धन पृ?वीलोक के सारे वैभव द_5जए. हम? े धन को े
काय? म? लगाने कa ?मता ा?त हो. हम? जमद7?न आ0द ऋ1षय? जैसी ?मता दान करने कa
कृपा कa5जए. (३)
य?जायथा अपू? मघव?वृह?याय.
त?पृ3थवीमथय?तद?त?ना उतो 0दवम्.. (४)
हे इं! शु नाश हेतु आप कट ह?. आप के कारण ?वग?लोक को .?थरता व
पृ?वीलोक को ?ढ़ता 2मली. (४)
त?े य?ो अजायत तदक? उत ह?कृ1तः.
त1?म4भभूर3स य?जातं य?च ज??वम्.. (५)
हे इं! आप के कट होने पर सूय? ?था1पत ?ए व उ?प ?ए. उस के बाद ाणी उ?प
होने शु? ?ए. आप सभी ा4णय? म? ा?त हो गए. आप ने े य? कम? को उपजाया. (५)
आमासु प?वमैरय आ सूय? रोहयो 0द1व.
घम? न साम?तपता सुवृ3?4भजु?ं 1गव?णसे बृहत्.. (६)
हे इं! आप ने ?वग?लोक म? सूय? को ?था1पत 1कया. यजमान जैसे अ7?न कट करते ह?,
वैसे ही हे यजमानो! आप बृह?साम गा कर इं म? सता कट कराइए. इं ने 3शशु कa
उ?प3? से पहले ही पु1कारी त?व (?ध) उ?प कर 0दए. (६)
म??यपा1य ते महः पा?येव ह/रवो म?सरो मदः.
वृषा ते वृ?ण इ??वा?जी सहसातमः.. (७)
हे इं! आप हरे घोड़? वाले, 1वशाल पा कa भां1त, श3?मान, हष?दायी व बलदायी ह?.
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सोमरस अन1गनत दानदाता है. आप उसे पी5जए और अपना आनंद बढ़ाइए. (७)
आ न?ते ग?तु म?सरो वृषा मदो वरे?यः
सहावाँ इ? सान3सः पृतनाषाडम?य?ः.. (८)
हे इं! सोमरस बलदायी, हष?दायी, उ?म, अमर, शु 1वजेता और मददायी ह?. आप
इस सोमरस को पीने कa कृपा कa5जए. (८)
?व 1ह शूरः स1नता चोदयो मनुषो रथम्.
सहावा?द?युमतमोषः पां न शो2चषा.. (९)
हे इं! आप शूरवीर व दानशील ह? और मनु?य? को स?माग? पर े/रत करते ह?. अ7?न
कa ?वाला जैसे तपाती है, वैसे ही आप शु? को तपाते ह?. (९)
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तेरहवां अ?याय
पहला खंड
पव?व वृ1मा सुनो ऽ पामूVम^ 0दव?प/र. अय?मा बृहती/रषः.. (१)
हे सोम! आप प1व व 0द, जल को लहराएं. आप अ?य ?वा??य दान करने कa
कृपा कa5जए. (१)
तया पव?व धारया यया गाव इहागमन्. ज?यास उप नो गृहम्.. (२)
हे सोम! आप उन 0द जलधारा? से प1व होइए, 5जन से ?धा? गाएं हमारे यहां
आ सक?, धनधा?य हमारे घर प?ंच सक?. (२)
घृतं पव?व धारया य?ेषु देववीतमः. अ?म?यं वृ1मा पव.. (३)
हे सोम! आप देवता? ?ारा चाहे गए घृत कa प1व धाराएं चुआइए. आप हमारे 3लए
मूसलाधार बरसात कa5जए. (३)
स न ऊज? ३ यं प1वं धाव धारया. देवासः शृणवन् 1ह कम्.. (४)
हे सोम! आप हम? ऊजा? दान कa5जए. आप अय व प1व धारावान ह?. आप
धारा? से दौड़ कर कलश म? वेश कa5जए. आप कa आवाज सुन कर देवतागण आनं0दत
ह?. (४)
पवमानो अ3स?यद?ा ?यपजङ् घनत्. ?नवोचयुचः.. (५)
प1व, शुनाशक, काशमान और छना ?आ सोमरस ोणकलश म? झरता है. (५)
?य?मै 1पपीषते 1वा1न 1व?षे भर. अर?माय ज?मये ऽ पाद?वने नरः.. (६)
हे यजमानो! इं य? के संचालक, 1व के ?ाता, अणी, ग1तशील व सोमरस पान
के इ?छुक ह?. आप इं के 3लए सोमरस को ोणकलश म? भर द_5जए. (६)
एमेनं ?येतन सोमे4भः सोमपातमम्.
अमे4भऋ?जी1षण2म? सुते4भ/र??4भः.. (७)
हे यजमानो! सोमरस रसीला है. आप उसे प/र?कृत कa5जए. इं ब?त अ2धक सोमरस
पीने वाले ह?. वे ब??2च से सोमरस पीते ह?. आप इं के पास जा कर ाथ?ना कa5जए. (७)
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यद_ सुते4भ/र??4भः सोमे4भः 1तभूषथ. वेदा 1व?य मे2धरो धृष?त2मदेषते.. (८)
हे यजमानो! आप चमकaला, रसीला सोमरस ले कर इं के पास जाइए. वे शरणागत
कa मनोकामना जान लेते ह?. वे उन कa इ?छा पूरी करते ह?. वे 1व?न, ?लेश ?र करते ह?. (८)
अ?माअ?मा इद?धसो ऽ ?वय? भरा सुतम्.
कु1व?सम?य जे?य?य शध?तो ऽ 4भश?तेरव?वरत्.. (९)
हे पुरो1हतो! सोमरस इं के 3लए ाणभूत है. आप उ?ह? खूब सोमरस भ?ट कa5जए. वे
जीतने यो?य शु? को न कर?गे. वे आप कa र?ा कर?गे. (९)
?सरा खंड
बवे नु ?वतवसे ऽ ?णाय 0द1व?पृशे. सोमाय गाथमच?त.. (१)
हे यजमानो! सोम ललाई वाले भूरे और श3?मान ह?. वे ?वग?लोक को ?पश? करते ह?.
आप उन 0द सोम कa उपासना कa5जए. (१)
ह?त?युते4भर04भःसुत सोमं पुनीतन. मधावा धावता मधु.. (२)
हे यजमानो! प?थर? से कूट कर सोमरस 1नकाला गया है. ?व?छ कर के छाना गया है.
आप उस सोमरस म? गाय का ?ध 2मलाइए. (२)
नमसे?प सीदत द?नेद4भ ीणीतन. इ??2म?े दधातन.. (३)
हे यजमान! आप सोमरस म? दही 2मलाइए. इस सोमरस को नम?कारपूव?क प1व
बनाइए. उस के बाद आप यह सोमरस इं को पीने के 3लए भ?ट कa5जए. (३)
अ2महा 1वचष?4णः पव?व सोम शं गवे. देवे?यो अनुकामकृत्.. (४)
हे सोम! आप प1व ह?. आप सब कुछ देखने वाले ह?. आप देवता? के 3लए उन कa
इ?छानुसार काम करने वाले ह?. आप शुहंता ह?. आप हमारी गाय? के 3लए सुखशां1त दान
कa5जए. (४)
इ?ाय सोम पातवे मदाय प/र 1ष?यसे. म4?मनस?प1तः.. (५)
इं मन के मा3लक ह?. वे मन म? रमते ह?. ऐसे इं के पीने के 3लए, मद देने के 3लए
सोमरस प/र?कृत होता है. (५)
पवमान सुवीय? र1य सोम /ररी1ह णः. इ?द1व?ेण नो युजा.. (६)
हे सोम! आप प1व व अ?छे वीय?वान ह?. आप हम? इं से जो2ड़ए. आप हम? उन से
चाहा गया धन ा?त कराने कa कृपा कa5जए. (६)
उद् घेद4भ ुतामघं वृषभं नया?पसम्. अ?तारमे1ष सूय?.. (७)
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हे इं! आप सूय? के समान काशमान ह?. आप धनवान, श3?मान, यश?वी व 1हतैषी
ह?. आप दानशील मनु?य? के पास प?ंचते ह?. (७)
नव यो नव=त^ पुरो 1बभेद बाोजसा. अ=ह^ च वृहावधीत्.. (८)
हे इं! आप अपनी भुजा? के ओज से ??मन? के 1न?यानवे 0ठकाने न करने वाले ह?.
आप वृासुर के नाशक ह?. आप हम? मनपसंद वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (८)
स न इ?ः 3शवः सखाावद् गोमवमत्. उ?धारेव दोहते.. (९)
हे इं! आप हमारा क?याण कa5जए. गाएं हमारी 2म ह?. वे हमारे 3लए जैसे अग4णत
धारा? से ?ध बरसाती ह?, वैसे ही आप भी हमारे 3लए धन बरसाइए. (९)
तीसरा खंड
1वाड् बृह7?पबतु सो?यं म?वायुद?ध?पताव1व?तम्.
वातजूतो यो अ4भर?1त ?मना जाः 1पपIत^ ब?धा 1व राज1त.. (१)
सूय? काशमान ह?. वे जा का पालन करते ह?, यजमान को 1नरोग बनाते ह?, लंबी आयु
देते ह?, हवा बहाते ह? व सब के र?क ह?. इं कई ?प? म? सुशो4भत हो रहे ह?. वे भरपूर
सोमपान कर?. (१)
1वाड् बृह?सुभृतं वाजसातमं धम? 0दवो ध?णे स?यमIप^तम्.
अ2महा वृहा द?युह?तमं ?यो1तज??े असुरहा सप?नहा.. (२)
सूय? ब?त काशमान व अ और बलदाता ह?. वे धम? से ?वग?लोक को धारण करते ह?,
अ2म? के नाशक ह?, वृहंता ह?. वे शु?, रा?स? व ?? के नाशक ह?. वे सव? अपना
काश फैलाते ह?. (२)
इद ें ?यो1तषां ?यो1त??मं 1व5ज?न5ज??यते बृहत्.
1वाड् ाजो म1ह सूय? ?श उ? पथे सह ओजो अ?युतम्.. (३)
सूय? ?यो1तमान और ?मतावान ह?. वे पूरी पृ?वी को का3शत करते ह?. वे अ?युत ह?. वे
बल के साथ रहते ह?. वे धन जीतने वाले ह?. उन कa ?यो1त 1वशाल, ?यो1तय? म? सव?े एवं
1व को जीतने वाली है. (३)
इ? ?तुं न आ भर 1पता पुे?यो यथा.
3श?ा णो अ9?म?पु??त याम1न जीवा ?यो1तरशीम1ह.. (४)
हे इं! 1पता जैसे पु? का लालनपालन करता है, वैसे ही आप हमारा पोषण कa5जए.
आप हम? य? के े फल दान कa5जए. हम जीव? को आप 0द ?यो1त द_5जए. हम और
अनेक लोग सहायता के 3लए आप को पुकारते रहते ह?. (४)
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मा नो अ?ाता वृजना ?रा?यो ३ मा3शवासो ऽ व ?मुः.
?वया वयं वतः शतीरपो ऽ 1त शूर तराम3स.. (५)
हे इं! 5जन का आनाजाना अ?ात हो, जो पापाचारी ह?, जो ?बु?5? ह? वे हमारा कुछ
न 1बगाड़ सक?. आप हमारी र?ा कa5जए. अपने संर?ण म? हम? अनेक 1व?न ?पी वाह? से
पार प?ंचाइए. (५)
अाा ः इ? ा?व परे च नः.
1वा च नो ज/रतॄ??स?पते अहा 0दवा न?ं च र4?षः.. (६)
हम? आज भी व कल भी इं संर4?त कर?. वे 0दनरात हमारी र?ा कर?. वे 1वप1त और
स?जन? के पालनहार ह?. (६)
भ?_ शूरो मघवा तुवीमघः स8?मो वीया?य कम्.
उभा ते बा? वृषणा शत?तो 1न या वं 2म2म?तुः.. (७)
हे इं! आप ?मतावान ह?. आप सैकड़? काम करते ह?. आप कa भुजाएं व धारण
करती ह?. आप शुनाशक, सव?ापक व ऐय?शाली ह?. (७)
चौथा खंड
जनीय?तो ?ववः पुीय?तः सुदानवः. सर?व?त हवामहे.. (१)
हे सर?वती! आप े काय? म? अग?या ह?. हम अ?छ_ संतान व दान के आकां?ी ह?.
हम आप को आमं1त करते ह?. (१)
उत नः 1या 1यासु स?त?वसा सुजुा. सर?वती ?तो?या भूत्.. (२)
हे सर?वती! आप हम? 1य ह?. आप कa सात बहन? ह?. आप हम? उन से जो2ड़ए. हम
आप कa ?तु1त करते ह?. (२)
त?स1वतुव?रे?यं भग? देव?य धीम1ह. 2धयो यो नः चोदयात्.. (३)
हम उन स1वता देवता का वरे?य तेज धारण करना चाहते ह?, जो हमारी बु5? को े
पथ कa ओर उ?मुख एवं े/रत करते ह?. (३)
सोमानां ?वरणं कृणु1ह ण?पते. क?ीव?तं य औ3शजः.. (४)
हे ण?प1त! आप ने जैसे उ3शज से उ?प पु क?ीवान को ?ानी, यश?वी बनाया,
उसी तरह हम सोमया1गय? को भी बनाने कa कृपा कa5जए. (४)
अ?न आयू 1ष पवस आ सुवोज?2मषं च नः. आरे बाध?व ??छुनाम्.. (५)
हे अ7?न! आप ?? को हम से ?र भगाइए. आप हम? द_घा?यु बनाएं. हम? बल व
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पु1व??क अ द_5जए. (५)
ता नः श?ं पाKथ^व?य महो रायो 0द?य. म1ह वां ?ं देवेषु.. (६)
हे व?ण! आप हम? अपनी श3? द_5जए. आप हम? धरती और आकाश म? फैला ?आ
सम?त धन और ?ा तेज दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
ऋतमृतेन सप?ते1षरं द?माशाते. अmहा देवौ वध?ते.. (७)
व?ण ोह न करने वाल? कa बढ़ोतरी करते ह?. वे स?य से स?य के पालक ह?. वे अभी
बलदायी ह?. (७)
वृ1ावा री?यापेष?पती दानुम?याः. बृह?तं गत?माशाते.. (८)
हे 2म! आप उ?म ?थान पर 1वरा5जत ह?. हम वषा? के 3लए उन कa उपासना करते ह?.
वे पृ?वी पर सब कुछ 1नयम से उपल?ध कराते ह?, दानशील व अ के ?वामी ह?. (८)
यु?7?त ?नम?षं चर?तं प/र त?थुषः. रोच?ते रोचना 0द1व.. (९)
सूय? ग1तशील 0दखाई देते ह?, पर .?थर ह?. वे अ7?न?व?प ह?. हम उन कa उपासना करते
ह?. उन कa 1करण? सम?त ?वग?लोक को का3शत कर सुशो4भत होती ह?. (९)
यु???य?य का?या हरी 1वप?सा रथे. शोणा धृ?णू नृवाहसा.. (१०)
हे इं! आप मनु?य? के र? और बु5? को स?माग? पर ले जाने के 3लए अपने मनचाहे
लाल और ौढ़ घोड़? को रथ म? जोतने कa कृपा कa5जए. (१०)
केतुं कृ?वकेतवे पेशो मया? अपेशसे. समुष5?रजायथाः.. (११)
हे सूय?! आप असुंदर को सुंदर बना देने कa साम?य? रखते ह?. आप उषाकाल म? उ0दत
होते ह?. (११)
पांचवां खंड
अय सोम इ? तु?य सु?वे तु?यं पवते ?वम?य पा1ह.
?व ह यं चकृषे ?वं ववृष इ??ं मदाय यु?याय सोमम्.. (१)
हे इं! आप के 3लए सोमरस तैयार 1कया जाता है. आप इस को पी5जए. आप ही उस
को बरसाते ह?, उपजाते ह?. आप आनंद हेतु इसे हण कa5जए. आप हम? इस से 2मलाइए.
हम आप कa शरण म? ह?. (१)
स ई रथो न भु/रषाडयो5ज महः पु?4ण सातये वसू1न.
आदb 1वा न??या4ण जाता ?वषा?ता वन ऊ?वा? नव?त.. (२)
हे इं! आप यु?? म? हमारे शु? को न कर देते ह?. रथ म? जैसे ?यादा वजन हो
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जाता है, वैसे ही आप हम? धन द_5जए. आप हम? धन देते ह?. (२)
शु?मी शध? न मा?तं पव?वान4भश?ता 0दा यथा 1वट्.
आपो न म?ू सुम1तभ?वा नः सहा?साः पृतनाषा?न य?ः.. (३)
हे सोम! आप प1व ह?. आप हम? म?द् गण? जैसा बल ा?त कराइए. आप य?वत
प1व और अनेक कार से सुशो4भत होते ह?. आप शु? को जीतने वाले और जल जैसे
प1व ह?. हम? वैसी ही प1व बु5? द_5जए. जैसे प1व जा ई?या?, ?ेष से ?र रहती है, वैसे ही
हम भी ??वृ3?य? से ?र रह?. (३)
?वम?ने य?ाना होता 1वेष 1हतः. देवे4भमा?नुषे जने.. (४)
हे अ7?न! आप को देवता? ने मनु?य के क?याण हेतु 1नयु? 1कया है. आप य?? के
होता (पुरो1हत) ह?. (४)
स नो म?ा4भर?वरे 5जा4भय?जा महः. आ देवा?व4? य4? च.. (५)
हे अ7?न! आप हमारे य? म? अपनी 5जा? (लपट?) से देवता? का यजन कa5जए.
आप देवता? को आमं1त कa5जए और देवता? तक तृ7?तकारी ह1व प?ंचाने कa कृपा
कa5जए. (५)
वे?था 1ह वेधो अ?वनः पथ देवा?सा. अ?ने य?ेषु सु?तो.. (६)
हे अ7?न! आप य?? म? पथदश?क ह?. आप ?र या पास सभी पथ? को जानते ह?. आप
सव??ाता ह?. (६)
होता देवो अम?य?ः पुर?तादे1त मायया. 1वदथा1न चोदयन्.. (७)
हे अ7?न! आप अमर व होता ह?. आप माया से स?मुख कट होते ह?. आप ेरक ह?.
(७)
वाजी वाजेषु धीयते ऽ ?वरेषु णीयते. 1वो य??य साधनः.. (८)
अ7?न बलवान ह?. यु?? म? शुनाश हेतु उ?ह? ?था1पत 1कया जाता है. ाण य? के
मुख साधन ह?. उन से य? फलीभूत होते ह?. (८)
2धया च?े वरे?यो भूतानां गभ?मा दधे. द??य 1पतरं तना.. (९)
अ7?न वरे?य (सव?े), सव?ापक व 1वपालक ह?. य? के 3लए अ7?न को द? कa
पुी (वेद_) ने धारण 1कया. (९)
छठा खंड
आ सुते 3स?चत 4य रोद?योर4भ4यम्. रसा दधीत वृषभम्.. (१)
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हे देवताओ! सोमरस चमकaला और ?2धया है. आप आकाश और पृ?वी पर उस
सोमरस को 2मलाइए. वह ?2धयापन सोमरस को अपने म? 2मला लेता है. (१)
ते जानत ?वमो?यं ३ सं व?सासो न मातृ4भः 2मथो नस?त जा2म4भः.. (२)
भीड़ म? भी जैसे बछड़े अपनी मां गाय? के पास चले जाते ह?, वैसे ही सोम
आयदाता? के पास चले जाते ह?. गाएं जैसे अपने बाड़? को जानती ह?, वैसे ही ये अपने
जाने यो?य ?थान को जानते ह?. (२)
उप ?वेषु ब?सतः कृ?वते ध?णं 0द1व. इ?े अ?ना नमः ?वः.. (३)
इं और अ7?न अपनी ?वाला से ह1व को ?वग?लोक तक प?ंचा देते ह?. उस के बाद सभी
इं और अ7?न को पोषक बनाते ह?. (३)
त0ददास भुवनेषु ?यें यतो ज? उ??वेषनृ?णः.
सो ज?ानो 1न /रणा1त शूननु यं 1वे मद??यूमाः.. (४)
सभी भुवन? म? वे सब से बड़े कहलाए, सव? उन कa द_7?त ा?त ?ई. उन के बल
से सूय? कट ?ए, 5जन के कट होने से शु समा?त हो जाते ह?. सभी ाणी उ?ह? देखते ही
खुश हो जाते ह?. (४)
वावृधानः शवसा भूय?जाः शुदा?साय 4भयसं दधा1त.
अन?च न?च स9?न सं ते नव?त भृता मदेषु.. (५)
हे इं! आप ने अपनी ?मता से बढ़ोतरी पाई. आप श3?मान, ?? के ??मन ह? और
उ?ह? य देते ह?. आप चराचर के संचालक ह?. हम उ?ह? (इं) एक साथ नमन एवं उन कa
उपासना करते ह?. हम उ?ह? सता देते ह? और ?वयं भी स होते ह?. (५)
?वे ?तुम1प वृ?7?त 1वे 1?य?देते 1भ?व??यूमाः.
?वादोः ?वाद_यः ?वा?ना सृजा समदः सु मधु मधुना4भ योधीः.. (६)
यजमान इं के 3लए य? करते ह?. हम जब दो और दो से तीन होते ह? तो हमारी 1य
संतान? को आप 1य ऐय? दान करने व उन के बाद आने वाली पीढ़_ को भी मधुरता से
यु? करने कa कृपा कa5जए. (६)
1कmकेषु म1हषो यवा3शरं तु1वशु?म?तृ?पत् सोमम1पब1??णुना सुतं यथावशम्.
स ? ममाद म1ह कम? कत?वे महामु? सैन स?ेवो देव स?य इ??ः
स?य2म?म्.. (७)
सोम सव?ापक काशमान इं को आनंद देते ह?, 5जस से वे और भी अ2धक महान
काम कर सक?. वे स?यवान और देव ?व?प ह?. तीन ुक (पा) म? 1नकाले गए जौ के साथ
2मले ?ए सोमरस को इं 1व?णु के साथ पीते ह?. (७)
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साकं जातः ?तुना साकमोजसा वव4?थ साकं वृ?ो वीय?ः सास1हमृ?धो 1वचष?4णः.
दाता राध ?तुवते का?यं वसु चेतन सैन स?ेवो देव स?य इ??ः स?य2म?म्..
(८)
हे इं! आप अपने तेज से संसार को उठा सकते ह?. आप य? के साथ कट ?ए ह?.
आप वृ?? को वीय?वान बना सकते ह?. आप 1वशेष ?ानी, उपासक? के 3लए धनदाता और
चेतन ह?. स?य ?व?प का3शत सोमरस आप तक प?ंचता है. (८)
अध 7?वषीमाँ अ?योजसा कृ=व^ युधाभवदा रोदसी अपृणद?य म?मना वावृधे.
अध?ा?यं जठरे ेम/र?यत चेतय सैन स?ेवो देव स?य इ??ः स?य2म?म्..
(९)
हे इं! अपनी श3? से आप ने कृ1व रा?स को हराया. आप ने ?वग?लोक और
पृ?वीलोक के तेज म? बढ़ोतरी कa. आप ने सोमरस का एक भाग पेट म? प?ंचाया, ?सरा शेष
भाग देवता? के 3लए बचाया. आप अ?य देवता? को सोमपान हेतु ेरणा द_5जए. स?य
?व?प का3शत सोमरस इं तक प?ंचता है. (९)
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चौदहवां अ?याय
पहला खंड
अ4भ गोप=त^ 1गरे?मच? यथा 1वदे. सूनु स?य?य स?प1तम्.. (१)
हे यजमानो! इं स?यप1त, स?य के ?वामी, गोप1त व पव?तप1त ह?. वे यथाश3?
आराधक? का संर?ण करते ह?. आप इं कa अच?ना कa5जए. (१)
आ हरयः ससृ5रे ऽ ?षीर2ध बIह^1ष. या4भ संनवामहे.. (२)
इं के घोड़े उन को घास के उन आसन? पर 1ता1पत कर?, 5जन पर हम य? म? उ?ह?
?था1पत कर के उन कa उपासना करते ह?. (२)
इ?ाय गाव आ3शरं ??े व5णे मधु. य?सीमुपरे 1वदत्.. (३)
पास ही य? म? जब इं मधुर सोमरस का पान करते ह?, उस समय वपा4ण इं के
3लए गाएं मीठा ?ध देती ह?. (३)
आ नो 1वासु ह2म? सम?सु भूषत.
उप ा4ण सवना1न वृहन् परम?या ऋचीषम.. (४)
हे इं! हमारे य? आप कa शोभा बढ़ाते ह?. आप के 3लए गाई गई हमारी ाथ?नाएं आप
कa शोभा बढ़ाती ह?. हम यु?? म? अपनी सहायता के 3लए आप को याद करते ह?. आप
वृनाशक ह?. आप हम? मनपसंद धन दान करने कa कृपा कa5जए. (४)
?वं दाता थमो राधसाम?य3स स?य ईशानकृत्.
तु1वु?न?य यु?या वृणीमहे पु?य शवसो महः.. (५)
हे इं! आप पहले दाता ह?. आप धनदाता और स?य के ?वामी ह?. हम आप कa
काशशीलता से जुड़ने एवं आप से बलवान और उ?म संतान कa कामना करते ह?. (५)
?नं पीयूषं पू? य???यं महो गाहा0?व आ 1नरधु?त.
इ?म4भ जायमान सम?वरन्.. (६)
अमृत तु?य सोमरस अपूव? और सव?े है. यह ?वग?लोक से कट ?आ. इं के सामने
यजमान मं गागा कर सोम कa ?तु1त करते ह?. (६)
आदb के 2च?प?यमानास आ?यं वसु?चो 0दा अ?यनूषत.
0दवो न वार स1वता ूणु?ते.. (७)
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त?पात वसु?च देवगण सोम का दश?न करते ह?. अंधेरे को ?र करने वाले सूय? के उगने
से पहले पूजनीय सोम कa ?तु1त कa जाती है. यह ?तु1त ऐसे कa जाती है, जैसे आदरणीय
भाई कa कa जाती है. (७)
अध य0दमे पवमान रोदसी इमा च 1वा भुवना4भ म?मना.
यूथे न 1ना वृषभो 1व राज3स.. (८)
हे सोम! आप प/र?कृत व प1व ह?. गाय? के झुंड म? बैल के समान आप ?वग?लोक और
पृ?वीलोक के बीच सुशो4भत होते ह?. (८)
इममू षु ?वम?माक स=न^ गायं ना सम्. अ?ने देवेषु वोचः.. (९)
हे अ7?न! हमारे साम मं गायक (पुरो1हत) भलीभां1त और भाव भरे साम मं गाते ह?.
आप हमारी उन ाथ?ना? को 1नधा?/रत देवता? के पास प?ंचाने कa कृपा कa5जए. (९)
1वभ?ा3स 2चभानो 3स?धो?मा? उपाक आ. सो दाशुषे ?र3स.. (१०)
हे अ7?न! आप समु कa लहर? कa तरह ह1व देने वाले को उ?म फल देते ह?. आप
धनदाता और लपट? से सुशो4भत ह?. (१०)
आ नो भज परमे?वा वाजेषु म?यमेषु. 3श?ा व?वो अ?तम?य.. (११)
आप हम? ?ये, म?यम, क1न आ0द सभी कार कa धनसंप3? व 3श?ा धन द_5जए.
हम आप को आमं1त करते ?ए भजते ह?. (११)
अह2म5? 1पतु?प/र मेधामृत?य जह. अह सूय? इवाज1न.. (१२)
हे इं! हम जब 1पता जैसे आप कa े बु5? पाते ह?, तो हम? ऐसा लगता है मानो हम
सूय? जैसे हो गए ह?. (१२)
अहं ?नेन ज?मना 1गरः शु?भा2म क?ववत्. येने?ः शु?म2म?धे.. (१३)
हम क?व ऋ1ष कa भां1त य?नपूव?क रचे गए पुरातन वेदवाणी से मंपाठ कर के इं
कa छ1व बढ़ाते ह?. उ?ह? के भाव से वे हम पर कृपालु होते ह?. (१३)
ये ?वा2म? न तुुवुऋ?षयो ये च तुुवुः. ममे?ध??व सुुतः.. (१४)
हे इं! आप को स करने वाले और संतु ऋ1षय? म? हमारी ाथ?ना? कa शंसा
होती है. उन के भाव से आप संतु होइए, बढ़ोतरी पाइए. (१४)
?सरा खंड
अ?ने 1वे4भर7?न4भज?1ष सह?कृत.
ये देवा य आयुषु ते4भन? महया 1गरः.. (१)
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हे अ7?न! आप सभी अ7?नय? के साथ हमारी ाथ?ना? को सु1नए व ाथ?ना? कa
म1हमा बढ़ाइए. जो अ7?न ?व?प ह?, जो मनु?य? म? ह? उन सब से हमारा अनुरोध है. (१)
स 1वे4भर7?न4भर7?नः स य?य वा5जनः.
तनये तोके अ?मदा स?यङ्वाजैः परीवृतः.. (२)
य? कa अ7?न श3?शाली है. उस म? सभी ह1व भ?ट करते ह?. वे अ7?न अ?य सभी
अ7?नय? स1हत श3? से 2घर कर हमारे क?याण हेतु पधारने व हमारे स?जन? (पु?) का भी
क?याण करने कa कृपा कर?. (२)
?वं नो अ?ने अ7?न4भ? य?ं च वध?य.
?वं नो देवतातये रायो दानाय चोदय.. (३)
हे अ7?न! आप अ?य देवता? को हम? धनदान करने के 3लए े/रत करने कa कृपा
कa5जए. आप अ?य अ7?नय? स1हत हमारे आ?म ?ान व य? कa भी बढ़ोतरी करने कa कृपा
कa5जए. (३)
?वे सोम थमा वृ?बIह^षो महे वाजाय वसे 2धयं दधुः.
स ?वं नो वीर वीया?य चोदय.. (४)
हे सोम! मुख यजमान अ बल के बारे म? आप के 3लए े बु5? धारण करते ह?.
आप हम वीर? को (और अ2धक) वीरता के 3लए ो?सा1हत करने कa कृपा कa5जए. (४)
अ?य4भ 1ह वसा ततHद^थो?सं न कं 2च?जनपानम4?तम्.
शया?4भन? भरमाणो गभ??योः.. (५)
हे सोम! आप का रस छनछन कर छलनी से टपकता ?आ ोणकलश को उसी तरह
लबालब भर देता है, पीने वाले जल को चु?लू से डालडाल कर जैसे पानी के हौज को पूरा
भर देते ह?. (५)
अजीजनो अमृत म?या?य कमृत?य धम?मृत?य चा?णः.
सदासरो वाजम?छा स1न?यदत्.. (६)
हे सोम! आप अमृतमय ह?. आप मनु?य? के 3लए स?य और मंगलकारी त?व धारण
करते ह?. आप ने सूय? को कट 1कया, देवगण कa सेवा कa और सदैव यजमान? को अ, धन
देने हेतु लाला1यत रहते ह?. (६)
ए??2म?ाय 3स?चत 1पबा1त सो?यं मधु. राधा 3स चोदयते म1ह?वना.. (७)
हे यजमानो! आप इं को सोमरस से स?2चए. वे मधुर सोम रस को पीते ह?. वे अपने
मह?व से धन? को आप लोग? (के पास आने) के 3लए े/रत करते ह?. (७)
उपो हरीणां प=त^ राधः पृ?च?तमवम्. नून ु2ध ?तुवतो अ??य.. (८)
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हे इं! आप अप1त व धनप1त ह?. हम आप के 3लए ाथ?नाएं बोलते ह?. आप ?तु1त
करते ?ए अ? ऋ1ष कa ?तु1त अव?य ही सुनने कa कृपा कa5जए. (८)
न ं ३ ग पुरा च न ज?े वीरतर??वत्. न कa राया नैवथा न भ?दना.. (९)
हे इं! आप से वीरतर कोई देव व धनदाता पहले नह? ?आ है. आप से पहले न ही
कोई आप जैसा उपासना यो?य देव ?आ है. (९)
नदं व ओदतीनां नदं योयुवतीनाम्. प=त^ वो अ??यानां धेनूना2मषु?य3स.. (१०)
हे यजमानो! इं युवती उषा को उपजाने वाले ह?, चं 1करण? को उ?प करने वाले
और गोपालक ह?. वे गाय के ?ध को पोषक अ के ?प म? ा?त करने कa इ?छा रखते ह?.
इं सब कुछ करने म? समथ? ह?. (१०)
तीसरा खंड
देवो वो 1वणोदाः. पूणा? 1वव्वा3सचम्.
उ?ा 3स?च?वमुप वा पृण?वमा0द?ो देव ओहते.. (१)
हे यजमानो! धनदाता अ7?न को घी और सोमरस से स?2चए. उ?ह? पूरी ह1व द_5जए. वे
आप का पालनपोषण करने वाले ह?. (१)
त होतारम?वर?य चेतसं व>^ देवा अकृ?वत.
दधा1त र?नं 1वधते सुवीय?म7?नज?नाय दाशुषे.. (२)
देवता? ने े बु5?मान अ7?न को अपना होता बनाया है. वे ह1व से हवन करते ह?,
यजमान के 3लए र?न धारते ह?, अ?छ_ संतान देते ह?, दानदाता यजमान को श3? दान करते
ह?. (२)
अदKश^ गातु1व?मो य9?म?ता?यादधुः.
उपो षु जातमाय??य वध?नम7?नं न??तु नो 1गरः.. (३)
अ7?न म? यजमान त धारण करते ह?. अ7?न े पथदश?क ह?. वे े पथ 0दखाते ह?.
अ7?न आय? कa बढ़ोतरी चाहते ह?. अ7?न को हमारी वाणी ा?त हो. (३)
य?माेज?त कृयकृ??या1न कृ?वतः.
सहसां मेधसाता1वव ?मना7?नं धी4भन?म?यत.. (४)
हे यजमानो! आप बु5?पूव?क अ7?न को नमन कa5जए. आप हजार? बु5?पूव?क काय?
से उन कa उपासना कa5जए, 5जस से अ7?न कत?परायण यजमान? के 3लए शुप? को
ब?त पी2ड़त कर सक?. (४)
दैवोदासो अ7?नद?व इ?ो न म?मना.
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अनु मातरं पृ3थव? 1व वावृते त?थौ नाक?य शम?4ण.. (५)
अ7?न उ?कृ ?वग?लोक म? 1नवास करते ह?. वे इं जैसी साम?य? वाले ह?. वे पृ?वी माता
पर े य? काय? पूण? कराते ह?. वे ?वIग^क सुख दान करते ह?. (५)
अ?न आयू 1ष पवस आ सुवोज?2मषं च नः. आरे बाध?व ??छुनाम्.. (६)
हे अ7?न! आप हम? द_घा?यु बनाइए. आप हम? े अ, बल द_5जए. आप ?? को
बा2धत कa5जए. (६)
अ7?नऋ?1ष पवमानः पा?चज?यः पुरो1हतः. तमीमहे महागयम्.. (७)
अ7?न ऋ1ष ह?. वे प1व, पुरो1हत, पंच व सव?ा ह?. हम उन के गुण गाते ह?. (७)
अ?ने पव?व ?वपा अ?मे वच?ः सुवीय?म्. दध=य^ म1य पोषम्.. (८)
हे अ7?न! आप पोषक अ व धन धारण क/रए. आप हम? श3? व े संतान द_5जए
और प1व बनाइए. (८)
अ?ने पावक रो2चषा म?या देव 5जया. आ देवा?व4? य4? च.. (९)
हे अ7?न! आप प1व एवं देवता? को खुश रखने वाले ह?. आप अपनी 5जा?
(लपट?) से देवता? को बुलाइए और देवता? के 3लए य? कराइए. (९)
तं ?वा घृत?नवीमहे 2चभानो ?व??शम्. देवाँ आ वीतये वह.. (१०)
हे अ7?न! आप सव?ा ह?. हम आप को घी से स?चते ह?. आप अद् भुत ह?. हम आप से
देवता? का आान करने के 3लए 1नवेदन करते ह?. (१०)
वी1तहों ?वा कवे ुम?त स2मधीम1ह. अ?ने बृह?तम?वरे.. (११)
हे अ7?न! आप बु5?मान, य?ेमी ह? और ु1तमान ह?. हम 1वशाल य? म? आप को
स2मधा? से ?व3लत करते ह?. (११)
चौथा खंड
अवा नो अ?न ऊ1त4भगा?य?य भम?4ण. 1वासु धीषु व?.. (१)
हे अ7?न! आप कa सभी य?? म? बु5?पूव?क वंदना कa जाती है. आप गायी छंद म?
?तु1त गाने पर स होते ह?. आप अपने र?ा साधन? से हमारी र?ा करने कa कृपा कa5जए.
(१)
आ नो अ?ने र=य^ भर सासाहं वरे?यम्. 1वासु पृ?सु ?रम्.. (२)
हे अ7?न! आप भरपूर धन द_5जए. आप शुनाशक े साम?य? द_5जए. आप सभी
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?? को ?र कa5जए. आप सभी वैभव हम? दान कa5जए. (२)
आ नो अ?ने सुचेतुना र=य^ 1वायुपोषसम्. माड?कं धे1ह जीवसे.. (३)
हे अ7?न! आप सुचेतना संप, संपूण? पोषण (आयु पय?त) दाता व सुखदाता ह?. आप
हम? पूरे जीवन के 3लए धन द_5जए. (३)
अ7?न 1ह?व?तु नो 2धयः स7?तमाशु2मवा5जषु. तेन जे?म धनंधनम्.. (४)
हे अ7?न! हमारी बु5?यां आप को े/रत कर?. यु? म? घोड़े को े/रत करने कa भां1त हम
आप को े/रत करते ह?, 5जस से हम जीवन संाम म? सारे वैभव जीत सक?. (४)
यया गा आकरामहै सेनया?ने तवो?या. तां नो 1ह?व मघ?ये.. (५)
हे अ7?न! संर?ण श3? से हम? र4?त कa5जए. 0द ?ान हेतु हम आप को आमं1त
करते ह?. आप हम? उ?म को0ट का धन दान कa5जए. (५)
आ?ने ?यूर र=य^ भर पृथुं गोम?तम4नम्. अ2ङ्ध खं वत?या प1वम्.. (६)
हे अ7?न! आप हम? गोवान व अवान बनाइए. आप हम? चुर धन द_5जए. आकाश
आप के तेज से प1व ह?. आप ?गु?ण? को ?र भगाइए. (६)
अ?ने न?मजरमा सूय? रोहयो 0द1व. दध??यो1तज?ने?यः.. (७)
हे अ7?न! आप लोग? के 3लए ?यो1त धारण कa5जए. आप ?वग?लोक म? सूय? को
?था1पत कa5जए. जज?र न होने वाले सूय? सव? काशदाता ह?. (७)
अ?ने केतुIव^शाम3स ेः े उप?थसत्. बोधा ?तोे वया दधत्.. (८)
हे अ7?न! आप 1य, सव??म व ?ानदाता ह?. आप हमारे ?तो जगाइए. आप हमारे
3लए आयु धारण क/रए. (८)
अ7?नमू?धा? 0दवः ककु?प1तः पृ3था अयम्. अपा रेता 3स 5ज?व1त.. (९)
हे अ7?न! आप मूध??य, ?वग?लोकवासी व पृ?वी के पालनहार ह?. आप जल? को अपने म?
समा1हत 1कए रहते ह?. (९)
ई3शषे वाय??य 1ह दा?या?ने ?वः प1तः. ?तोता ?यां तव शम?4ण.. (१०)
हे अ7?न! आप वरणीय ह?. आप ?वग? के ईर ह?. आप दाता व अ2धाता ह?. हम आप
के सुख भोग?, सदैव आप के पूजक बने रह?. (१०)
उद?ने शुचय?तव शु?ा ाज?त ईरते. तव ?योती ?यच?यः.. (११)
हे अ7?न! हम ?यो1तपूव?क आप कa अच?ना करते ह?. हम आप को प1व, चमकदार
का3शत ?यो1त से भजते ह?. (११)
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पंहवां अ?याय
पहला खंड
क?ते जा2मज?नानाम?ने को दा?वरः. को ह क9?म3स 4तः.. (१)
हे अ7?न! मनु?य? म? कौन आप का सगा, पथ दश?क, य?क?ा? व आप के ?व?प का
?ाता है? आप का आय कहां है? (१)
?वं जा2मज?नानाम?ने 2मो अ3स 1यः. सखा स6ख?य ई?ः.. (२)
हे अ7?न! मनु?य? म? कौन आप का 2म है, 1य है? सखा स6खय? म? कौन आप को
सवा?2धक 1य है? (२)
यजा नो 2माव?णा यजा देवाँ ऋतं बृहत्. अ?ने य4? ?वं दमम्.. (३)
हे अ7?न! आप हमारे 3लए 2म और व?ण कa पूजा करने कa कृपा कa5जए. आप
ब?त से देवता? कa पूजा करने कa कृपा कa5जए. आप य? कa पूजा कa5जए. (३)
ईडे?यो नम?य9?तर?तमा 3स दश?तः. सम7?न/र?यते वृषा.. (४)
हे अ7?न! आप पूजनीय, नमन के यो?य, तमहारी व दश?नीय ह?. आप को स2मधा? से
भलीभां1त ?व3लत 1कया जाता है. (४)
वृषो अ7?नः स2म?यते ऽ ो न देववाहनः. त ह1व?म?त ईडते.. (५)
हे अ7?न! आप श3?शाली ह?. घोड़े जैसे वाहन को ले जाते ह?, वैसे ही आप देवता? के
वाहन को ले जाते ह?. हे ह1वमान! आप हमारी ाथ?नाएं ?वीका/रए. (५)
वृषणं ?वा वयं वृष?वृषणः स2मधीम1ह. अ?ने द_तं बृहत्.. (६)
हे अ7?न! आप श3?मान ह?. हम श3?मान आप को ा?त करने कa इ?छा रखते ह?. हम
स2मधा? से आप को ?व3लत करते ह?. आप द_7?तमान व 1वशाल ह?. (६)
उ?े बृह?तो अच?यः स2मधान?य द_0दवः. अ?ने शु?ास ईरते.. (७)
हे अ7?न! हम स2मधा? से आप को ?व3लत करते ह?. हमारी अ2धक अच?ना से आप
?वाला? से बढ़ोतरी ा?त करते ह?. (७)
उप ?वा जुो ३ मम घृताचीय??तु हय?त. अ?ने हा जुष?व नः.. (८)
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हे अ7?न! हमारी घी से भरी ?ई ह1व आप का मन हरे. वह आप तक प?ंचे. हे अ7?न!
आप हमारी उपासना को ?वीकार करने कa कृपा कa5जए. (८)
म? होतारमृ7?वजं 2चभानुं 1वभावसुम्. अ7?नमीळे स उ वत्.. (९)
हे अ7?न! आप देवता? के होता, आनंददाता, अद् भुत, वैभववान व काशमान ह?.
आप हमारी ?तु1तयां सुनने कa कृपा कa5जए. (९)
पा1ह नो अ?न एकया पा? ३ त 1?तीयया.
पा1ह गीLभ^9?तसृ4भ?जा? पते पा1ह चतसृ4भव?सो.. (१०)
हे अ7?न! आप एक ?तु1त सुन कर हमारी र?ा कa5जए. आप ?सरी ?तु1त सुन कर
हमारी र?ा कa5जए. आप तीसरी ?तु1त सुन कर हमारी र?ा कa5जए. आप चौथी ?तु1त सुन
कर हमारी र?ा कa5जए. (१०)
पा1ह 1व?मा?सो अरा?णः ?म वाजेषु नो ऽ व.
तवा2म5? ने0दं देवतातय आ=प^ न?ामहे वृधे.. (११)
हे अ7?न! आप सारी रा?सी व ?वाथ? वृ3?य? से हमारी र?ा कa5जए. आप हमारे
1हतैषी ह?. आप हमारे अभी देव ह?. हम आप कa शरण म? ह?. (११)
?सरा खंड
इनो राजर1तः स2म?ो रौो द?ाय सुषुमाँ अदKश^.
2च1क1?भा1त भासा बृहता3स?नीमे1त ?शतीमपाजन्.. (१)
हे अ7?न! आप राजा और शु? के 3लए भयानक ह?. आप यजमान? कa मनोकामना
पूरी करते ह?. आप च1कत करने वाले आप भा?कर (काशमान) व 1वशाल ह?. आप रा1 म?
हवन के 3लए चमकते ह?. (१)
कृ?णां यदेनीम4भ वप?साभू?जनय?योषां बृहतः 1पतुजा?म्.
ऊ?व? भानु सूय??य ?तभायन् 0दवो वसु4भरर1तIव^ भा1त.. (२)
हे अ7?न! आप 1पता (सूय?) के जाए ह?. आप ?ी ?प को कट करते ह?. अंधेरी रात
को अपनी ?वाला? से हटाते ह? (परा?त करते ह?). आप अपने 0द तेज से सूय? का तेज
ऊपर ?वग?लोक म? ही रोक लेते ह?. आप अपने ही तेज से तेज?वी होते ह?. (२)
भो भया सचमान आगा??वसारं जारो अ?ये1त पात्.
सुकेतैु?4भर7?नIव^1तुश0द्भव?ण?र4भ रामम?थात्.. (३)
क?याणकारी अ7?न कa क?याणका/रणी उषा सेवा करती ह?. अ7?न शुनाशक ह?. वे
अपनी 1य बहन उषा के पास प?ंचते ह?. वे अंधेरे का नाश करते ह?. वे सव? गमनशील ह?. वे
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अपनी लपट? से सव? का3शत हो रहे ह?. (३)
कया ते अ?ने अ2?र ऊज? नपा?प?तु1तम्. वराय देव म?यवे.. (४)
हे अ7?न! आप अंग? को का3शत करते ह?. आप ऊजा? बढ़ाते ह?. सब आप को
अंगीकार करते ह?. हम आप के अलावा और 1कस को े देव मान?? (४)
दाशेम क?य मनसा य??य सहसो यहो. क? वोच इदं नमः.. (५)
हे अ7?न! हम 1कस मन से आप का भजन कर?? हम कब आप को नमन कर?? कब
हमारी वा4णयां आप को ा?त कर?? (५)
अधा ?व 1ह न?करो 1वा अ?म?य सु4?तीः. वाज1वणसो 1गरः.. (६)
हे अ7?न! आप हम पर सब कृपा कa5जए. हम अपनी ाथ?ना? से आप को अपने 1त
कृपालु बनाएं. आप हम? धनधा?यमय बनाइए. (६)
अ?न आ या7?न4भह?तारं ?वा वृणीमहे.
आ ?वामन?ु यता ह1व?मती य5जं बIह^रासदे.. (७)
हे अ7?न! आप देव? को आमं1त करने वाले ह?. आप हमारी ?तु1तयां सु1नए. आप अ?य
अ7?नय? के साथ हमारे य??थान पर पधा/रए, कुश का आसन हण कa5जए. हमारी ह1व से
यु? आ?1तयां ?वीकार करने कa कृपा कa5जए. (७)
अ?छा 1ह ?वा सहसः सूनो अ2?रः ुचर??य?वरे.
ऊज? नपातं घृतकेशमीमहे ऽ 7?नं य?ेषु पू?म्.. (८)
हे अ7?न! आप सव? मणशील और बलव??क ह?. आप के यजमान पु आप के पास
ह1व प?ंचाने के 3लए आतुर ह?. आप उन कa आ?1तयां अंगीकार कa5जए. आप ऊजा? का
नाश रोकते ह?. हम आप कa य? म? सव?थम आराधना करते ह?. आप घी से बढ़ते ह?. (८)
अ?छा नः शीरशो2चषं 1गरो य?तु दश?तम्.
अ?छा य?ासो नमसा पु?वसुं पु?श?तमूतये.. (९)
हे अ7?न! आप दश?नीय व लपट? वाले ह?. हमारी वा4णयां शी आप तक प?ंच?. आप
य? म? हमारा माग? श?त कa5जए. हम य? म? आप को नमन करते ह?. आप ब?त शंसनीय
ह?. आप भलीभां1त ?व3लत ह?. (९)
अ7?न सूनु सहसो जातवेदसं दानाय वाया?णाम्.
1?ता यो भूदमृतो म?य??वा होता म?तमो 1व3श.. (१०)
हे अ7?न! आप अमर ह?. आप पृ?वी पर अमृत ?व?प ह?. आप य? को सफल बना कर
आनंददायक ह?. आप को दान देने के 3लए हम बारबार बुलाते ह?. (१०)
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तीसरा खंड
अदा?यः पु?रएता 1वशाम7?नमा?नुषीणाम्. तूण? रथः सदा नवः.. (१)
हे अ7?न! आप मनु?य? के पथदश?क, आगे चलने वाले, रथ के समान वेगवान व युवा
ह?. आप को कोई नह? दबा सकता है. (१)
अ4भ या 3स वाहसा दााँ अो1त म?य?ः. ?यं पावकशो2चषः.. (२)
हे अ7?न! आप प1व, काशमान व ह1ववाहक ह?. हम ह1वदाता मनु?य आप से अ?छा
घर मांगते ह?. (२)
साा7?वा अ4भयुजः ?तुद?वानाममृ?ः. अ7?न?तु1वव?तमः.. (३)
हे अ7?न! आप शु? कa सेना को हराने वाले, 0दगुणदाता व भरपूर अदाता ह?.
हम आप को सभी अ7?नय? स1हत आमं1त करते ह?. (३)
भो नो अ7?नरा?तो भा रा1तः सुभग भो अ?वरः. भा उत श?तयः.. (४)
हे अ7?न! हम आप को आ?1त देते ह?. आप हमारा क?याण कa5जए. आप
सौभा?यशाली ह?. आप कa कृपा हम? ा?त हो. हम क?याणकारी ?तु1तयां गा रहे ह?. आप
हमारा क?याण कa5जए. (४)
भं मनः कृणु?व वृतूय? येना सम?सु सास1हः.
अव .?थरा तनु1ह भू/र शध?तां वनेमा ते अ4भये.. (५)
हे अ7?न! आप हमारा मन क?याणकारी बनाइए, पापमय 1वचार? व बुरी वृ3?य? को
?र कa5जए. हम क?याण के 3लए आप कa ?तु1त करते ह?. आप हम? .?थर बनाइए और हम?
ब?त सा धन द_5जए. (५)
अ?ने वाज?य गोमत ईशानः सहसो यहो. अ?मे दे1ह जातवेदो म1ह वः.. (६)
हे अ7?न! आप बलवान, ईर व गाय? के ?वामी ह?. आप सब कुछ जानते ह?. आप हम?
भरपूर वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (६)
स इधानो वसु?क1वर7?नरीडे?यो 1गरा. रेवद?म?यं पुव?णीक द_0द1ह.. (७)
हे अ7?न! आप सब के 3लए आवासदाता ह?. ?ान से भरी ?तु1त से आप कa उपासना
कa जाती है. आप काशमान ह?. आप हम? काशमान संपदा द_5जए. (७)
?पो राजुत ?मना?ने व?तो?तोषसः. स 1त?मज?भ र?सो दह 1त.. (८)
हे अ7?न! आप काशमान ह?. आप 0दनरात (हर समय) ?? को पीड़ा प?ंचाइए. आप
तेज?वी ह?. आप रा?स? को जला कर भ?म कर द_5जए. (८)
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चौथा खंड
1वशो1वशो वो अ1त?थ^ वाजय?तः पु?1यम्.
अ7?नं वो ?य? वच ?तुषे शूष?य म?म4भः.. (१)
हे अ7?न! आप मेहमान कa तरह स?कार के यो?य एवं सभी को 1य ह?. आप को सभी
ह1व दान करते ह?. हम मन से और य?वेद_ म? आप को ?था1पत कर के आप कa बारबार
?तु1त करते ह?. (१)
यं जनासो ह1व?म?तो 2मं न सIप^रासु1तम्. श स7?त श9?त4भः.. (२)
हे अ7?न! हम ह1वदाता आप के 2म ह?. आप ब?त पूजनीय ह?. हम वै0दक श9?तय?
से आप कa शंसा करते ह?. (२)
प?या सं जातवेदसं यो देवता?युता. हा?यैरय0?1व.. (३)
हे अ7?न! आप सारे ?ान? से प/रपूण? ह?. आप ह1व को ?वग?लोक म? प?ंचाते ह?. हम
आप कa ?तु1त करते ह?. (३)
स2म?म7?नं स2मधा 1गरा गृणे शु>च^ पावकं पुरो अ?वरे ुवम्.
1व होतारं पु?वारमmहं क1व सु?नैरीमहे जातवेदसम्.. (४)
हे अ7?न! आप प1व ह?. आप स2मधा? से कट होते ह?. आप .?थर व य? म?
अ?थानी ह?. ाण, होता, सव??ाता, 1व?ान् आ0द सभी को आप धन देते ह?. हम ब?त
अ?छे मन से आप कa उपासना करते ह?. (४)
?वां ?तम?ने अमृतं युगेयुगे हवाहं द2धरे पायुमी?म्.
देवास मता?स जागृ=व^ 1वभुं 1व?प=त^ नमसा 1न षे0दरे.. (५)
हे अ7?न! आप अमर ह?. हम युग? से आप को अपना ?त मानते ह?. आप ह1ववाहक ह?.
आप देवता? और मनु?य? दोन? को जात करते ह?. आप संसार व धन के ?वामी ह?. हम
आप को नमन एवं आप कa ?तु1त करते ह?. (५)
1वभूष?न उभयाँ अनु ता ?तो देवाना रजसी समीयसे.
य?े धी1त सुम1त मावृणीमहे ऽ ध ?म न8?व?थः 3शवो भव.. (६)
हे अ7?न! आप देव और मनु?य दोन? कa शोभा बढ़ाते ह?. आप त1य, देव? के ?त,
ह1ववाहक व तीन? लोक? म? मणशील ह?. हम आप कa ?तु1त करते ह?. हम आप से सुख
चाहते ह?. आप क?याणकारी होइए. (६)
उप?वा जामयो 1गरो दे0दशतीह?1व?कृतः. वायोरनीके अ.?थरन्.. (७)
हे अ7?न! हमारी ?तु1तयां बहन? के समान आप का गुण गाती ह?. हम वायु कa सहायता
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से आप को ?व3लत करते ह?. हम य? ?थान म? आप कa ?थापना करते ह?. (७)
य?य 1धा?ववृतं बIह^?त?थावस5?दनम्. आप42 दधा पदम्.. (८)
हे अ7?न! आप म? जल भी 1वमान ह?. आप के चार? ओर य?कुंड के पास कुश के
आसन 1बछे ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (८)
पदं देव?य मीढुषो ऽ नाधृा4भ?1त4भः. भा सूय? इवोष?क्.. (९)
हे अ7?न! आप काशवान, सराहनीय, शुहीन और धैय?शाली ह?. आप का दश?न करना
सूय? के दश?न के समान क?याणकारी है. (९)
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सोलहवां अ?याय
पहला खंड
अ4भ ?वा पूव?पीतये इ? ?तोमे4भरायवः.
समीचीनास ऋभवः सम?वरुदा गृण?त पू?म्.. (१)
हे इं! यजमान चाहते ह? 1क आप सब से पहले सोमरस पी5जए. यजमान वै0दक मं?
से आप कa ?तु1त कर रहे ह?. आप उ2चत ?1 वाले ह?. ? और ऋभुगण आप कa गणना
सव?थम करते ह?. वे भी आप ही कa ?तु1त करते ह?. (१)
अ?ये0द?ो वावृधे वृ??य शवो मदे सुत?य 1व?ण1व.
अा तम?य म1हमानमायवो ऽ नु ुव7?त पूव?था.. (२)
हे इं! आप सोमरस पी कर स होते ह?. आप यजमान का वीय? और श3? दोन?
बढ़ाते ह?. आप म1हमावान ह?. यजमान आप कa उसी म1हमा का बखान करते ह?. (२)
वामच???यु.?थनो नीथा1वदो ज/रतारः. इ?ा?नी इष आ वृणे.. (३)
हे इं! हे अ7?न! यजमान आप कa अच?ना करते ह?. सामगायक आप के गुण गा रहे ह?.
अ धन हेतु हम भी आप को आमं1त करते ह?. (३)
इ?ा?नी नव=त^ पुरो दासप?नीरधूनुतम्. साकमेकेन कम?णा.. (४)
हे इं! हे अ7?न! आप ने एक ही बार एक साथ न?बे नगर? को कंपकंपा 0दया. (४)
इ?ा?नी अपस?पयु?प य7?त धीतयः. ऋत?य प?या ३ अनु.. (५)
हे इं! हे अ7?न! य? के होता आ0द पुरो1हत स?य के माग? से हमारे य? के पास
उप.?थत होते ह?. (५)
इ?ा?नी त1वषा4ण वा सध?था1न या 3स च. युवोर?तूय? 1हतम्.. (६)
हे इं! हे अ7?न! आप 1हत साधने वाले ह?. आप के यास सदैव शुभ काय? कa ओर
लगे रहते ह?. (६)
श??यू ३ षु शचीपत इ? 1वा4भ?1त4भः.
भगं न 1ह ?वा यशसं वसु1वदमनु शूर चराम3स.. (७)
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हे इं! आप शचीप1त, श3?मान, धनवान, सौभा?यवान और यश?वी ह?. हम आप का
अनुगमन करते ह?. (७)
पौरो अ?य पु?कृद् गवाम?यु?सो देव 1हर?ययः.
न 1कIह^ दानं प/र मJध^ष?वे या2म तदा भर.. (८)
हे इं! आप अ, गौ आ0द पशु? का पालन करते ह?. ?वण?मयी मुा से जैसे सता
होती है, वैसे ही आप को देख कर सता होती है. कोई भी आप के दान को भूल नह?
सकता. आप हम? भरपूर धन द_5जए. (८)
?व े1ह चेरवे 1वदा भगं वसु?ये.
उ?ावृष?व मघवन् ग1वय उ0द?ा2मये.. (९)
हे इं! आप हम? धन देने के 3लए पधा/रए. आप स?माग? पर चलने वाले को
सौभा?यवान बनाइए. आप हमारी गौ संबंधी इ?छा? को पूरा कa5जए. (९)
?वं पु? सहा4ण शता1न च यूथा दानाय म हसे.
आ पुरंदरं चकृम 1ववचस इ?ं गाय?तो ऽ वसे.. (१०)
हे इं! आप सैकड़?हजार? गाय? के झुंड देने व शु नग/रय? को न करने कa साम?य?
रखते ह?. यजमान अपनी र?ा के 3लए साम मं गा रहे ह?. इं ाण? के वचन? से यु? ह?.
हम उन को आमं1त करते ह?. (१०)
यो 1वा दयते वसु होता म?ो जनानाम्.
मधोन? पाा थमा?य?मै ?तोमा य??व?नये.. (११)
हे अ7?न! आप धनदाता, होता व आनंददाता ह?. सोमरस से भरे पा आप तक प?ंच?.
सव?थम हम आप कa ?तु1त करते ह?. वे ?तु1तयां भी आप तक प?ंच?. (११)
अं न गीभ? र?य सुदानवो ममृ??य?ते देवयवः.
उभे तोके तनये द?म 1व?पते पIष^ राधो मघोनाम्.. (१२)
हे अ7?न! सारथी जैसे रथ म? जोते गए घोड़? को जोश 0दलाने के 3लए बोलता रहता है,
वैसे ही यजमान आप के 3लए ?तु1तयां बोलते ह?. आप रा?स? से धन छ_न कर अपने
उपासक? को देने कa कृपा कa5जए. आप उ?म को0ट के दानदाता ह?. (१२)
?सरा खंड
इमं मे व?ण ुधी हवमा च मृडय. ?वामव?युरा चके.. (१)
हे व?ण! आप हमारी इन ?तु1तय? पर कान (?यान) द_5जए. आप हम? सुख द_5जए. हम
आप से अपनी र?ा कa ाथ?ना करते ह?. (१)
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कया ?वं न ऊ?या4भ म?दसे वृषन्. कया ?तोतृ?य आ भर.. (२)
हे इं! आप 1कन साधन? से हमारी र?ा करते ह?? आप हम? 1कस कार ब?त सता
देते ह?? आप कैसे यजमान? (?तोता?) कa इ?छापूIत^ करते ह?? (२)
इ?2म?ेवतातय इ?ं य?य?वरे.
इ? समीके व1ननो हवामह इ?ं धन?य सातये.. (३)
हे इं! हम य? म? व वीर भ?गण संाम म? आप को आमं1त करते ह?. हम धन हेतु
आप का आान करते ह?. (३)
इ?ो मा रोदसी पथ?छव इ?ः सूय?मरोचयत्.
इ?े ह 1वा भुवना1न ये2मरे इ?े ?वानास इ?दवः.. (४)
हे इं! आप महान ह?. आप ने ?वग?लोक और पृ?वीलोक का फैलाव 1कया. आप ने सूय?
को काश से चमकाया. आप ने सकल भुवन? को शरण द_. हम आप के 3लए सोमरस भ?ट
करते ह?. (४)
1वकम??ह1वषा वावृधानः ?वयं यज?व त?व ३ ?वा 1ह ते.
मु??व?ये अ4भतो जनास इहा?माकं मघवा सू/रर?तु.. (५)
हे इं! आप ह1व से बढ़ोतरी पाते ह?. आप सभी कम? साधते ह?. हम संसार के क?याण
के 3लए अपने को ?योछावर करते ह?. य? से 1वरोध रखने वाले लोग? का मनोबल टूटे. इं
हमारे हो जाएं. बु5?जीवी लोग हमारे हो जाएं. (५)
अया ?चा ह/र?या पुनानो 1वा ?ेषा 3स तर1त सयु?व4भः सूरो न सयु?व4भः
धारा पृ?य रोचते पुनानो अ?षो ह/रः.
1वा यूपा प/रया?यृ?व4भः स?ता?ये4भऋ??व4भः.. (६)
हे सोम! आप का रस ?2चपूण? है व ह/रत आभा वाला है. आप उस से ?े1षय? का वैसे
ही संहार करते ह?, जैसे सूय? अपनी 1करण? से अंधेरे का संहार करते ह?. आप का रस
काशमान है. छलनी पर आप कa धारा काशमान है. आगेपीछे सब ओर आप कa धारा
शो4भत होती है. आप अपने सात मुख? से 1नकलने वाली सात 1करण? से कह? ?यादा
काशमान व उ?म ह?. (६)
ाचीमनु 0दशं या1त चे1कत?स र.?मLभ^य?तते दश?तो रथो दैो दश?तो रथः.
अ?मु?था1न पौ ?ये?ं जैाय हष?यन्.
व य?वथो अनप?युता सम??वनप?युता.. (७)
हे सोम! आप पूव? 0दशा म? ?थान करते ह?. तब आप का रथ ब?त चमकता है. आप
का रथ 0द व दश?नीय है. यजमान मं गागा कर अपनी ?तु1तयां आप और इं तक
प?ंचाते ह?. यजमान 1वजय पाने कa इ?छा से आप को स करते ह?. वे आप से व ा?त
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करते ह?. आप दोन? 2मल कर 1कसी भी यु? म? यजमान को हारने नह? देते ह?. (७)
?व ह ?य?पणीनां 1वदो वसु सं मातृ4भम?ज?य3स ?व आ दम ऋत?य धी1त4भद?मे.
परावतो न साम ता रण7?त धीतयः.
1धातु4भर?षी4भव?यो दधे रोचमानो वयो दधे.. (८)
हे सोम! आप ने ापा/रय? से धन पाया. आप मातृ जल से प1व 1कए जाते ह?. आप
के 3लए गाए जाने वाले सामगान य? ?थान से ब?त ?र ?र तक गूंजते ह?. आप ?वग?लोक,
अंत/र?लोक एवं पृ?वीलोक तीन? ही जगह सुशो4भत होते ह?. आप हम? द_घा?यु कa5जए. (८)
तीसरा खंड
उत नो गोष@ण^ 2धयमसां वाजसामुत. नृव?कृणु?तये.. (१)
हे पूषा! आप हमारी बु5? कa र?ा कa5जए. हमारी बु5? हम? गोधन, अधन व धन
ा?त कराती है. (१)
शशमान?य वा नरः ?वेद?य स?यशवसः. 1वदाकाम?य वेनतः.. (२)
हे म?द् गण! स?य हमारा बल है. हम य? करते ?ए पसीने से तर हो गए ह?. आप ऐसे
उपासक? कa मनोकामनाएं पूरी करने कa कृपा कa5जए. (२)
उप नः सूनवो 1गरः शृ?व??वमृत?य ये. सुमृडीका भव?तु नः.. (३)
हे म?द् गण! आप जाप1त के पु ह?. आप अमर ह?. आप हम? सुखी बनाने कa कृपा
कa5जए. आप ?तु1तयां सुनने कa कृपा कa5जए. (३)
वां म1ह वी अ?युप?तु=त^ भरामहे. शुची उप श?तये.. (४)
हे ?वग?लोक! हे पृ?वीलोक! हम ?तु1तय? से आप के समीप प?ंचते ह?. हम आप दोन?
लोक? के 3लए भरपूर ?तु1तयां उचारते ह?. (४)
पुनाने त?वा 2मथः ?वेन द?ेण राजथः. ऊाथे सना?तम्.. (५)
हे देवी! आप ?वग?लोक व पृ?वीलोक को प1व करती ह?. आप काशवती ह?. आप
य? कa प/रपा0टय? का 1नवा?ह करती ह?. (५)
मही 2म?य साधथ?तर?ती 1पती ऋतम्. प;र^ य?ं 1नषेदथुः.. (६)
हे दे1वयो! हे अंत/र?लोक! यजमान आप के सखा ह?. आप यजमान कa मनोकामनाएं
पूरी करते ह?. आप य? को पूण? कराते ह?. आप य? को पूरा सहयोग देते ह?. (६)
अयमु ते समत3स कपोत इव गभ?2धम्. वच?त.?च ओहसे.. (७)
हे इं! हमारी ?तु1तयां ?नेह से आप के पास उसी तरह प?ंचती ह?, जैसे कबूतर ेम से
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कबूतरी के पास प?ंचता है. (७)
?तो राधानां पते 1गवा?हो वीर य?य ते. 1वभू1तर?तु सूनृता.. (८)
हे इं! आप धन? के ?वामी व वीर ह?. आप वाणी से ?तु1त यो?य, अ?छे ऋत (स?य)
वाले और वैभववान ह?. (८)
ऊ?व?9?ता न ऊतये ऽ 9?मन् वाजे शत?तो. सम?येषु वावहै.. (९)
हे इं! आप सैकड़? काय? करने वाले ह?. आप हमारे संर?ण के 3लए यास कa5जए.
आप उ?च ?थान पर 1त2त ह?. हम आप से कुछ अ?य बात? के बारे म? भी परामश?
(1नवेदन) करते रह?. (९)
गाव उप वदावटे मही य??य र?सुदा. उभा कणा? 1हर?यया.. (१०)
हे गौओ! य? ?थान के पास आप को बुलाया जा रहा है. आप रंभा कर आवाज
कa5जए. आप य? फल देने वाली ह?. आप के दोन? ही कान सोने के ह?. (१०)
अ?यार2मदयो 1न1ष?ं पु?करे मधु. अवट?य 1वसज?ने.. (११)
हम प?थर से कूट कर 1नकाला गया, बचा ?आ सोमरस परम वीर इं के 1वसज?न पर
भ?ट करने के 3लए ोणकलश म? ?था1पत करते ह?. (११)
3स?च7?त नमसावटमु?चाच?ं प/र?मानम्. नीचीनबारम4?तम्.. (१२)
हम यजमान उस परम श3? को नम?कार करते ह?, नमनपूव?क य? 1वधान करते ह?.
उस परम श3? का च? ऊपर (लोक) .?थत है, नीचे का ?ार चार? ओर झुका ?आ है. वह
?ार अ?त है. (१२)
चौथा खंड
मा भेम मा 2म?मो?य स?ये तव.
मह?े वृ?णो अ4भच?यं कृतं प?येम तुव?शं य?म्.. (१)
हे इं! हम आप के 2म ह?, इस कारण हम कभी भी म से थके नह?, कभी भी 1कसी
से डरे नह?. आप महान ह?. आप कa कृपा सराहनीय है. तुव?श और य? दोन? ही स
0दखाई देते ह?. (१)
सामनु 8?फ?यं वावसे वृषा न दानो अ?य रोष1त.
म?वा संपृ?ाः सारघेण धेनव?तूयमे1ह वा 1पब.. (२)
हे इं! आप ?मतावान ह?. आप बाएं हाथ से ही (आसानी से) सब को शरण दे देते ह?.
अ?यंत ?ूर भी आप का कुछ 1बगाड़ नह? सकते. मीठे ?ध वाली गाय? के समान सुखदायी
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आप कa ?तु1त हम करते ह?. आप उ?ह? के समान सुखद ह?. आप 5जतनी ज?द_ हो सके
हमारे य? ?थान पर पधा/रए व सोमपान क/रए. (२)
इमा उ?वा पु?वसो 1गरो वध??तु या मम.
पावकवणा?ः शुचयो 1वप4तो ऽ 4भ ?तोमैरनूषत.. (३)
हे इं! हमारी ?तु1तयां आप का यशवध?न कर?. हमारी ?तु1तयां े ?ानमय ह?. ?ानी
और तेज?वी यजमान आप कa ?तु1त करते ह?. (३)
अय सहमृ1ष4भः सह?कृतः समु इव पथे.
स?यः सो अ?य म1हमा गृणे शवो य?ेषु 1वरा?ये.. (४)
हे इं! आप समु कa भां1त 1व?तृत ह?. आप हजार? ऋ1षय? जैसे बलवान ह?. आप
स?यवान व श3?मान ह?. ?ानी लोग? के 1नद?शन म? आप कa ?तु1तयां गाई जाती ह?. (४)
य?यायं 1व आय? दासः शेवा2धपा अ/रः.
1तर4दय? ?शमे पवीर1व तु?ये?यो अ?यते र1यः.. (५)
हे इं! यह सारा 1व आप का है. आय? दास कa भां1त आप कa सेवा करते ह?. आप
शु? के अधीश ह?. ??म और प1व श3?मान हो कर भी आप कa पूजा करते ह?. (५)
तुर?यवो मधुम?तं घृत?तं 1वासो अक?मानृचुः.
अ?मे र1यः पथे वृ??य शवो ऽ ?मे ?वानास इ?दवः.. (६)
हे इं! हम आप कa अच?ना करते ह?. यजमान ाण य? करते ह?. वे य? म? शहद और
घी से भरी ?ई आ?1तयां व हम ह1व ?पी धन देते ह?. सोम 3स5? ा?त कर?. (६)
गोम इ?दो अव?सुतः सुद? ध1नव. शु>च^ च वण?म2ध गोषु धारय.. (७)
हे सोम! आप हम? गोवान व अवान बनाइए. आप गाय के ?ध म? 2मल कर प1व
सफेद रंग ा?त करते ह?. (७)
स नो हरीणां पत इ?दो देव?सर?तमः. सखेव स?ये नय? ?चे भव.. (८)
हे सोम! आप हरे ह?. आप देवता? ?ारा ई9?सततम (सब से ?यादा चाहे गए) ह?. आप
उसी तरह हम म? ?2च लेते ह?, जैसे एक 2म ?सरे 2म का सहयोग करने के 3लए ?2च लेता
है. (८)
सने2म ?वम?मदा अदेवं कं 2चद1णम्. सााँ इ?दो प/र बाधो अप ?युम्.. (९)
हे इं! आप ाचीन काल से चले आ रहे सुख हम? द_5जए. आप सुख म? बाधा पैदा
करने वाले शु?, दोगले वहार वाल? व ?वाKथ^य? का भी नाश कa5जए. (९)
अ?ते ?ते सम?ते ?तु /रह7?त म?वा?य?ते.
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3स?धो??छ् वासे पतय?तमु?ण 1हर?यपावाः पशुम?सु गृ?णते.. (१०)
हे सोम! सोमरस म? यजमान गाय का ?ध 2मलाते ह?. उसे पी कर स होते ह?, अनेक
कार से उसे अनेक ?प? म? तैयार करते ह?. उसे मीठे ?ध व सोने जैसे चमकते ?ए जल म?
2मलाते ह?. सोम ऊंचे ?थान से, जल के ऊंचे भाग से 1गरते ह?. वे सव?ा ह?. (१०)
1वप4ते पवमानाय गायत मही न धारा?य?धो अष?1त.
अ1हन? जूणा?म1त सप?1त ?वचम?यो न ?aडसरद् वृषा ह/रः.. (११)
हे यजमानो! आप सोम के गुण गाइए. सोम ?ानी व हरे ह?. वे 1वशाल धाराएं धारण
करते ह?. सांप के क?चुली बदलने कa तरह वे अपनी पुरानी छाल बदल देते ह?. वे घोड़े जैसे
खेलते ?ए ोणकलश म? जाते ह?. (११)
अेगो राजा?य?त1व?यते 1वमानो अां भुवने?वIप^तः.
ह/रघृ?त?नुः सु?शीको अण?वो ?योतीरथः पवते राय ओ?यः.. (१२)
सोम अगामी ह?, राजा ह?, जल म? 2मलते ह? और शंसा ा?त करते ह?. वे लोक? म? 0दन
के (समय के) मापक, सुंदर व हरे ह?. वे जलवासी, ?यो1तम?य रथ वाले व धन का भंडार ह?.
(१२)
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सहवां अ?याय
पहला खंड
1वे4भर?ने अ7?न4भ/रमं य?2मदं वचः. चनो धाः सहसो यहो.. (१)
हे अ7?न! आप सम?त अ7?नय? के साथ य? म? पधा/रए. आप इस य? म? हमारे वचन
सु1नए. आप हम? अ दान करने कa कृपा कa5जए. (१)
य.?च5? शता तना देवं देवं यजामहे. ?वे इ??यते ह1वः.. (२)
हे अ7?न! हम इं, व?ण और अ?य देवता? को ह1व दे कर भजन करते ह?. वह सब
आप तक प?ंचता है. (२)
1यो नो अ?तु 1व?प1तह?ता म?ो वरे?यः. 1याः ?व?नयो वयम्.. (३)
अ7?न हम? 1य ह?. वे 1वप1त, होता और वरे?य ह?. उ?ह? हम सब 1य ह?. (३)
इ?ं वो 1वत?प/र हवामहे जने?यः. अ?माकम?तु केवलः.. (४)
हे यजमानो! इं सभी लोक? से ऊपर ह?. लोग? के क?याण के 3लए हम उन का आान
करते ह?. आप कa कृपा से हम सब का क?याण हो. (४)
स नो वृषमुं च? सादावपा वृ2ध. अ?म?यम1त?कुतः.. (५)
हे इं! हमारे ?ारा समIप^त ह1व हण कa5जए. हमारी इ?छा? को खाली न लौटाएं.
आप ज?द_ से ज?द_ फल देने वाले ह?. (५)
वृषा यूथेव व सगः कृी/रय?य?जसा. ईशानो अ1त?कुतः.. (६)
हे इं! आप बलवान ह?. आप उसी तरह उपासक? कa इ?छा पूरी करने जाते ह?, जैसे
गाय? के झुंड म? बैल जाता है. आप ईर ह?. आप हमारे 1वरोधी नह? हो सकते. (६)
?वं न4 ऊ?या वसो राधा 3स चोदय.
अ?य राय??वम?ने रथीर3स 1वदा गाधं तुचे तु नः.. (७)
हे अ7?न! आप हम? संर?ण द_5जए. आप जो धन अपने रथ से ले जाते ह?, वह हम?
द_5जए. आप 1वल?ण ह?. हमारी पी0ढ़यां भी यश?वी ह?. (७)
पIष^ तोकं तनयं पतृ?4भ्वमद?धैरयु?व4भः
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अ?ने हेडा 3स दैा युयो2ध नो ऽ देवा1न रा 3स च.. (८)
हे अ7?न! आप सहयोगी व ?वतं ह?. आप अपने र?ा साधन? से हमारी व पी0ढ़य? कa
र?ा कa5जए. आप ाकृ1तक कोप? और ? वृ3?य? से हम? बचाइए. (८)
1क2म?े 1व?णो प/रच4? नाम य?व?े 3श1प1वो अ9?म.
मा वप? अ?मदप गूह एतद?य?पः स2मथे बभूथ.. (९)
हे 1व?णु! आप सव? ा?त ह?. आप अपना यह 1वराट् और ापक ?व?प हम से
2छपा कर (गु?त) न र6खए. आप 1कतने ही ?प ?य? न धारण कर ल? 1फर भी आप हमारी
र?ा अव?य करते ह?. (९)
त?े अ 3श1प1व हमय?ः श सा2म वयुना1न 1व?ान्.
तं ?वा गृणा2म तवसमता??य?त म?य रजसः पराके.. (१०)
हे 1व?णु! आप र.?मवान व आदरणीय ह?. म? व 1व?ान् भी आप कa शंसा करते ह?. हम
आप के 1व?णुलोक से ?र ह?, 1फर भी हम अपने लोक से आप कa वैसे ही शंसा करते ह?,
जैसे कोई छोटा भाई करता है. (१०)
वषट् ते 1व?णवास आ कृणो2म त?मे जुष?व 3श1प1व हम्.
वध??तु ?वा सुुतयो 1गरो मे यूयं पात ?व9?त4भः सदा नः.. (११)
हे 1व?णु! वषट् कार से हम आप को आमं1त करते ह?. आप र.?मवान ह?. आप हमारी
ह1व को ?वीका/रए. हमारी अ?छ_ ?तु1तयां आप कa बढ़ोतरी कर?. आप मंगलकारी
आशीवा?द? से हमारा क?याण करने कa कृपा कa5जए. (११)
?सरा खंड
वायो शु?ो अया2म ते म?वो अं 0द1व1षु.
आ या1ह सोमपीतये ?पाह? देव 1नयु?वता.. (१)
हे वायु! हम य? म? सब से पहले आप को सोमरस चढ़ाते ह?. आप आदरणीय ह?. हे
देव! आप 1नयुत नामक घोड़े के साथ सोमपान के 3लए आ जाइए. (१)
इ? वायवेषा सोमानां पी1तमह?थः.
युवा 1ह य?ती?दवो 1न?नमापो न स^यक्.. (२)
हे इं! हे वायु! आप सोमपान के यो?य ह?. जलधार जैसे नीचे कa ओर जाती है, वैसे ही
आप दोन? के 3लए सोमरस कa धारा प?ंचती है. (२)
वाय1व? शु9?मणा सरथ शवस?पती.
1नयु?व?ता न ऊतय आ यात सोमपीतये.. (३)
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हे इं! हे वायु! आप बलवान व ?मतावान ह?. आप 1नयुत घोड़े को रथ म? जोत कर
सोमपान हेतु आइए. (३)
अध ?पा प/र?कृतो वाजाँ अ4भ गाहसे.
यद_ 1वव?वतो 2धयो ह/र 1ह?व7?त यातवे.. (४)
हे सोम! आप पौ1क अ देते ह?. आधी रात के बीत जाने पर छने ?ए सोम म? जल
2मलाया जाता है. यजमान कa बु5? ह/रत सोमरस को कलश कa ओर उ?मुख करती है. (४)
तम?य मज?याम3स मदो य इ?पातमः.
यं गाव आस4भद?धुः पुरा नूनं च सूरयः.. (५)
सोमरस मददायी है. यह इं के पीने यो?य है. इसे आज भी पीया जाता है. यह पहले
भी पीया जाता था. सोम को गाएं भी खुशीखुशी खाती ह?. (५)
तं गाथया पुरा?या पुनानम?यनूषत.
उतो कृप?त धीतयो देवानां नाम 1बतीः.. (६)
यजमान पुरानी गाथा? से सोमरस कa उपासना करते ह?. य? कम? हेतु चमकता ?आ
सोम देवता? को आ?1त के ?प म? भी 0दया जाता है. (६)
अं न ?वा वारव?तं व?द?या अ7?नं नमो4भः. साज?तम?वराणाम्.. (७)
हे अ7?न! आप य? के साट् ह?. घुड़सवार जैसे घोड़े से ेम करता है, उसी तरह हम
आप से ेम व आप को नम?कार करते ह?. (७)
स घा नः सूनुः शवसा पृथुगामा सुशेवः. मीढ् वाँ अ?माकं बभूयात्.. (८)
हे अ7?न! हम आप के पु ह?. हम 1व2ध1वधान से आप कa उपासना करते ह?. आप
ब?त शीगामी ह?. आप हमारे 3लए सुखदायी ह?. (८)
स नो ?रा?चासा?च 1न म?या?दघायोः. पा1ह सद2म1?ायुः.. (९)
हे अ7?न! आप मनु?य? का भला चाहते ह?. आप ?र और पास दोन? ?1य? से शु? से
हमारी र?ा करने कa कृपा कa5जए. (९)
?व2म? तूIत^?व4भ 1वा अ3स ?पृधः.
अश9?तहा ज1नता वृतूर3स ?वं तूय? त??यतः.. (१०)
हे इं! आप यु?? म? ?पधा? करने वाले सभी शु? को ?र करते ह?. आप 1व?नहारी ह?.
(१०)
अनु ते शु?मं तुरय?तमीयतुः ?ोणी 3शशुं न मातरा.
1वा?ते ?पृधः थय?त म?यवे वृं य0द? तूव?3स.. (११)
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हे इं! अंत/र?लोक और पृ?वीलोक आप के बल का वैसे ही अनुसरण करते ह?, जैसे
माता1पता ब?चे के पीछे चलचल कर उस कa र?ा करते ह?. जब आप वृासुर से यु? करते
ह? तो आप के सामने यु? के 3लए तैयार शु के भी हौसले प?त हो जाते ह?. (११)
तीसरा खंड
य? इ?मवध?यद् भू>म^ वत?यत्. च?ाण ओपशं 0द1व.. (१)
य? इं कa बढ़ोतरी व भू2म को 1व?तृत करते ह?. वे ?वग?लोक से मेघ? को वषा? के 3लए
े/रत करते ह?. (१)
३ ?त/र?म1तर?मदे सोम?य रोचना. इ?ो यद4भन?लम्.. (२)
इं मेघ? को भेदते व अंत/र? म? 1वशेष शोभा बढ़ाते ह?. वे सोमरस से स होते ह?.
(२)
उद् गा आजद2?रो?य आ1व?कृ?व?गुहा सतीः. अवा??चं नुनुदे वलम्.. (३)
सूय? ने गुफा कa 1करण? को बाहर 1नकाल कर उसे अं1गरा? (अंगधा/रय?) तक
प?ंचाया. उन 1करण? को 2छपा कर रखने वाला रा?स भाग गया. (३)
?यमु वः सासाहं 1वासु गी?वा?यतम्. आ ?यावय?यूतये.. (४)
हे इं! आप शु? को एक साथ मारते ह?. हम अपनी र?ा के 3लए ?तु1तय? से आप
को आमं1त करते ह?. (४)
यु?म स?तमनवा?ण सोमपामनप?युतम्. नरमवाय??तुम्.. (५)
हे इं! आप यु? करते ?ए कभी नह? हारते. सोमपान के 3लए आप का मन ?ढ़ 1नय
वाला है. हम य? म? आप का सहयोग चाहते ह?. (५)
3श?ा ण इ? राय आ पु? 1व?ां ऋचीषम. अवा नः पाय? धने.. (६)
हे इं! आप सव??ाता व दश?नीय ह?. आप हमारे 3लए धन द_5जए. शु? से भी आप
को जो धन 2मले, वह हम? द_5जए. (६)
तव ?य0द5?यं बृह?व द?मुत ?तुम्. व 3शशा1त 2धषणा वरे?यम्.. (७)
हे इं! आप अपनी 1वशालता, द?ता और े बु5? से य? और व को ती?ण बनाते
ह?. (७)
तव ौ/र? पौ ?यं पृ3थवी वध?1त वः. ?वामापः पव?तास 1ह7?वरे.. (८)
हे इं! ?वग?लोक और पृ?वीलोक से आप के ?व?प का 1व?तार होता है. जल और
पव?त आप को अपना ?वामी मानते ह?. (८)
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?वां 1व?णुबृ?ह??यो 2मो गृणा1त व?णः. ?वा श?? मद?यनु मा?तम्.. (९)
हे इं! आप 1वशाल व आयदाता ह?. 1व?णु, 2म और व?ण आप कa ?तु1त गाते ह?.
म?द् गण आप को स करते ह?. (९)
चौथा खंड
नम?ते अ?न ओजसे गृण7?त देव कृयः. अमैर2ममद?य.. (१)
हे अ7?न! हम बल ा7?त के 3लए आप को आमं1त करते ह?. आप अ2म? का मद?न
करने कa कृपा कa5जए. (१)
कु1व?सु नो ग1वये ऽ ?ने संवे1षषो र1यम्. उ?कृ?? ण?कृ2ध.. (२)
हे अ7?न! आप महान ह?. आप से हम महानता चाहते ह?. आप हम गौ इ?छुक? को चुर
गोधन दान करने कa कृपा कa5जए. (२)
मा नो अ?ने महाधने परा व?भा?रभृथा. संवग? स र=य^ जय.. (३)
हे अ7?न! आप हम से 1वमुख मत होइए. भारवाही जैसे बोझा ढोता है, वैसे ही आप
शु समूह से जीते ?ए धन को हमारे 3लए ढोइए. (३)
सम?य म?यवे 1वशो 1वा नम?त कृयः. समुायेव 3स?धवः.. (४)
न0दयां जैसे समु कa ओर जाती ह?, वैसे ही सारे लोग आप के ?ोध के सामने नत हो
जाते ह?. (४)
1व 2चद् वृ?य दोधतः 3शरो 1बभेद वृ.?णना. ेण शतपव?णा.. (५)
इं ने अपनी श3? से सैकड़? धार वाले व से वृासुर का 3सर काट डाला. वृासुर ने
संसार को भयभीत कर रखा था. (५)
ओज?तद?य 1त7?वष उभे य?समवत?यत्. इ?ेम?व रोदसी.. (६)
इं ने अपने ओज से ?वग?लोक और भूलोक को चमड़ी कa तरह धारण कर रखा है.
(६)
सुम?मा व?वी र?ती सूनरी.. (७)
हे इं! आप अ?छे मन वाले, वैभवशाली व रमणीय ह?. (७)
स?प वृषा गहीमौ भौ धुया?व4भ. ता1वमा उप सप?तः.. (८)
हे इं! क?याणकारी सुंदर घोड़? वाले रथ को धुरी पर चढ़ा कर हमारे पास प?ं2चए.
(८)
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नीव शीषा?4ण मृढ् वं म?य आप?य 1त1त. शृ?े4भद?श4भHद^शन्.. (९)
हे यजमानो! अभी फलदायी इं हमारे य? के म?य उप.?थत ह?. हम 3सर झुका कर
उन दश?नीय इं का दश?न कर?. (९)
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अठारहवां अ?याय
पहला खंड
प?यंप?य2म?सोतार आ धावत माय. सोमं वीराय शूराय.. (१)
हे यजमानो! आप सोमरस तैयार करने म? लगे ?ए हो. आप शूरवीर इं को सोमरस भ?ट
कa5जए. सोमरस मददायी है. आप ज?द_ज?द_ दौड़ कर वह सोमरस इं को भ?ट कa5जए.
(१)
एह हरी युजा श?मा व?तः सखायम्. इ?ं गीLभ^Iग^व?णसम्.. (२)
इं के घोड़े वाणी के संकेत से ही रथ म? जुत जाते ह?. इं हमारे सखा व वाणी से
उपा?य ह?. इं के घोड़े उ?ह? ले कर य? म? आने कa कृपा कर?. (२)
पाता वृहा सुतमा घा गमारे अ?मत्. 1न यमते शतमू1तः.. (३)
हे इं! आप वृासुर हंता व सोमपायी ह?. आप ??मन? को ?र भगाने व हमारे य? म?
अव?य पधारने कa कृपा कa5जए. (३)
आ ?वा 1वश.??व?दवः समु2मव 3स?धवः. न ?वा2म?ा1त /र?यते.. (४)
हे इं! आप के अ1त/र? और कोई देव े नह? ह?. आप को सोमरस वैसे ही ा?त हो,
जैसे समु को न0दयां ा?त होती ह?. (४)
1व?थ म1हना वृष?भ? सोम?य जागृवे. य इ? जठरेषु ते.. (५)
हे इं! आप जात व श3?मान ह?. सोम के कारण आप कa ?या1त ब?त ापक है.
आप के जठर (पेट) म? प?ंचा ?आ सोम भी शंसा ा?त करता है. (५)
अरं त इ? कु?ये सोमो भवतु वृहन्. अरं धाम?य इ?दवः.. (६)
हे इं! आप ने वृासुर का हनन 1कया. हम ने आप को जो सोमरस भ?ट 1कया, वह
आप के 3लए भरपूर हो. वह सोमरस अ?य देवता? के 3लए भी भरपूर हो. (६)
जराबोध त1?1व2? 1वशे1वशे य3?याय. ?तोम ?ाय ?शीकम्.. (७)
हे अ7?न! आप को ाथ?ना? से ?व3लत 1कया जाता है. आप बारबार यजमान? के
क?याण के 3लए य? मंडप म? कट होने कa कृपा कa5जए. यजमान ? के 3लए अ?छे ?तो
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बोले. (७)
स नो महाँ अ1नमानो धूमकेतुः पु??ः. 2धये वाजाय 1ह?वतु.. (८)
हे अ7?न! आप कa ?वजा ब?त ही धूमय (धुएं वाली) है. आप महान व आनंददायी ह?.
आप हम? बौ5?क वैभव दान करने कa कृपा कa5जए. (८)
स रेवाँ इव 1व?प1तद?ः केतुः शृणोतु नः. उ?थैर7?नबृहद् भानुः.. (९)
हे अ7?न! आप 1वपालक, 0द, ?रदश? व राजा जैसे ह?. आप वाणी से कa गई हमारी
?तु1त को सुनने कa कृपा कa5जए. (९)
त?ो गाय सुते सचा पु??ताय स?वने. शं यद् गवे न शा1कने.. (१०)
हे यजमानो! आप इं के 3लए एक1त हो कर ाथ?नाएं गाइए. इं को ?तो ऐसे 1य
लगते ह?, जैसे गाय? को घास. (१०)
न घा वसुIन^ यमते दानं वाज?य गोमतः. य?सीमुपवद् 1गरः. (११)
हे इं! ?तु1त से भरी ?ई हमारी वा4णयां जब आप के समीप प?ंचती ह? तो आप
यजमान को धनवान और गोवान बनाने म? नह? चूकते ह?. (११)
कु1व?स?य 1ह जं गोम?तं द?युहा गमत्. शची4भरप नो वरत्.. (१२)
हे इं! चोर व डाकू जो गाएं चुराते ह?, आप उन गाय? को अपने अधीन कर लेते ह?.
आप उन गाय? से हम? गोवान बना देते ह?. (१२)
?सरा खंड
इदं 1व?णुIव^ च?मे ेधा 1न दधे पदम्. समूढम?य पा सुले.. (१)
1व?णु ने अपने पैर? को तीन कार से रखा. उन पैर? कa पदधू3ल म? ही सारा संसार
समा गया. (१)
ी4ण पदा 1व च?मे 1व?णुग?पा अदा?यः. अतो धमा?4ण धारयन्.. (२)
1व?णु अपने तीन पैर? म? धम? को धारण करते ?ए संसार को संचा3लत करते ह?. वे सव?
ा?त ह?. (२)
1व?णोः कमा?4ण प?यत यतो ता1न प?पशे. इ??य यु?यः सखा.. (३)
हे यजमानो! आप 1व?णु के कम? को देखने कa कृपा कa5जए. उन कम? के वे ेरक
और इं के यो?य 2म ह?. (३)
त1??णोः परमं पद सदा प?य7?त सूरयः. 0दवीव च?ुराततम्.. (४)
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?वग?लोक म? .?थत सूय? को जैसे साधारण आंख? से आसानी से देख सकते ह?, वैसे ही
बु5?मान यजमान 1व?णु के परमपद को देख लेते ह?. (४)
त1?ासो 1वप?युवो जागृवा सः स2म?धते. 1व?णोय??परमं पदम्.. (५)
जात यजमान अपने े य? कम? से 1व?णु के े पद को ा?त करते ह?. (५)
अतो देवा अव?तु नो यतो 1व?णुIव^च?मे. पृ3था अ2ध सान1व.. (६)
1व?णु ईर ह?. उ?ह?ने पृ?वी के सब से ऊंचे ?थान से अपनी 1ता ?था1पत कa है. उस
े लोक से देवता हमारी र?ा करने कa कृपा कर?. (६)
मो षु ?वा वाघत नारे अ?म2 रीरमन्.
आरा?ा?ा सधमादं न आ गहीह वा सुप ु2ध.. (७)
हे इं! आप हम से ब?त ?र ह?. 1फर भी हमारे य? म? पधारने कa कृपा कa5जए. हमारे
मन कa भावना? से ?ई ाथ?ना? पर ?यान देने कa कृपा कa5जए. 1व?ान? का ?ान भी
आप को हम से ?र न कर सके. हमारा आप से यही अनुरोध है. (७)
इमे 1ह ते कृतः सु ते सचा मधौ न म? आसते.
इ?े कामं ज/रतारो वसूयवो रथे न पादमा दधुः.. (८)
हे इं! हम आप के 3लए सोमरस तैयार कर के उसी तरह बैठे ?ए ह?, 5जस तरह शहद
पर मधुम.?खयां बैठती ह?. वीर जैसे धन कa इ?छा से रथ पर पैर रखता है, वैसे ही हम भी
धन कa इ?छा से आप पर अपनी आशाएं क?0त कर रहे ह?. (८)
अ?ता1व म?म पू? े?ाय वोचत.
पूव?ऋ?त?य बृहतीरनूषत ?तोतुम?धा असृ?त.. (९)
हे यजमानो! आप इं के 3लए ाथ?नाएं याद कa5जए, उन ाथ?ना? को गाइए. पहले
य?? म? हम ने बृहती छंद म? साम गाए. इस से यजमान? म? बु5? उपजती है और वह बु5?
मंजती है. (९)
स2म?ो रायो बृहतीरधूनुत सं ?ोणी समु सूय?म्.
स शु?ासः शुचयः सं गवा3शरः सोमा इ?मम5?दषुः.. (१०)
हे इं! गाय के ?ध म? 2मला ?आ सोमरस आप के 3लए समIप^त है. यह मददायी है.
आप इस से तृ?त होइए. आप हम? सूय? जैसी काश वाली गाएं और धन दान कa5जए.
(१०)
इ?ाय सोम पातवे वृ?ने प/र 1ष?यसे.
नरे च द4?णावते वीराय सदनासदे.. (११)
हे इं! आप ने वृासुर का नाश 1कया. आप द4?णा दाता ह?. आप को मद देने के 3लए
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ोणकलश म? .?थर 1कया जाता है. यजमान? कa मनोकामना? कa पूIत^ के 3लए सोमरस
को स?पा म? रखा जाता है. (११)
त सखायः पु??चं वयं यूयं च सूरयः.
अ?याम वाजग??य सनेम वाजप??यम्.. (१२)
हे यजमानो! तुम सब और हम सब सोमरस को ा?त कर?. वह सोमरस ?2धया
(सफेद), परा?मी, ?फूIत^दायी, सुगंधमय और ?मताशाली है. (१२)
प/र ?य हय?त ह;र^ बुं पुन7?त वारेण.
यो देवान् 1वाँ इत् प/र मदेन सह ग?छ1त.. (१३)
सोमरस हरा, भूरा व मनोहर है. वह सभी देवता? कa सता के साथ ोणकलश म?
जाता है. (१३)
क?त2म? ?वा वसवा म?य? दधष?1त.
?ा इत् ते मघवन पाय? 0द1व वाजी वाजं 3सषास1त.. (१४)
हे इं! 1कस म? इतनी साम?य? है जो आप का 1तर?कार कर दे. आप ऐय?शाली ह?.
आप के भ? आप के 1त ?ा के कारण ही ?Hद^न म? आप से श3? और साम?य? ा?त
करते ह?. (१४)
मघोनः ?म वृह?येषु चोदय ये दद1त 1या वसु.
तव णीती हय? सू/र4भIव^ा तरेम ?/रता.. (१५)
हे इं! आप ऐय?शाली और अवान ह?. आप वृासुर जैसे अ?याचा/रय? को न
करने कa श3? द_5जए. यजमान? को देने के 3लए आप 1य धन? को े/रत कa5जए. शूरवीर
और ?ानी आप कa कृपा से पाप? से छुटकारा पाएं. (१५)
तीसरा खंड
ए? मधोम?0द?तर 3स?चा?वय? अ?धसः. एवा 1ह वीर ?तवते सदावृधः.. (१)
हे यजमानो! सोमरस मधुर, सुखदायी व इं के 3लए आनंददायी है. आप इं कa ?तु1त
कa5जए. वे ही ?तु1त के यो?य ह?. आप सोमरस भी उ?ह? कa सेवा म? समIप^त कa5जए. (१)
इ? ?थातह?रीणां न 1के पू??तु1तम्. उदान श शवसा न भ?दना.. (२)
हे इं! आप अप1त ह?. ऋ1षय? ने आप के 3लए ाथ?नाएं रची ह?. उन ाथ?ना? को
(आप ?ारा द_ गई) साम?य? के अलावा और 1कसी तरह नह? ा?त 1कया जा सकता है. (२)
तं वो वाजानां प1तम?म1ह व?यवः. अायु4भय??े4भवा?वृधे?यम्.. (३)
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हे इं! आप वैभवशाली, धनप1त व फुत?ले ह?. यजमान जो य? करते ह?, उन य?? से
आप बढ़ोतरी ा?त करते ह?. हम आप का आान करते ह?. (३)
तं गूध?या ?वण?रं देवासो देवमर=त^ दध7?वरे. देवाहमू1हषे.. (४)
हे यजमानो! य? देवलोक का 1त1न2ध?व करते ह?. आप इन य?? कa पूजा कa5जए.
इन य?? के मा?यम से यजमान 0द 1वभू1तयां पाते ह? और धारण करते ह?. अ7?न हमारी
ह1वय? को देवता? तक प?ंचाने के 3लए म?य?थ कa भू2मका 1नभाते ह?. (४)
1वभूतरा=त^ 1व 2चशो2चषम7?नमी2ड?व य?तुरम्.
अ?य मेध?य सो?य?य सोभरे ेम?वराय पू?म्.. (५)
हे ाणो! आप अ7?न कa उपासना कa5जए. य? कa सफलता के 3लए आप को यह
उपासना करनी है. वे अ1तशय वैभवदाता, काशमान, े और य? के मुख ह?. (५)
आ सोम ?वानो अ04भ9?तरो वारा?यया.
जनो न पु/र च?वोIव^श?/रः सदो वनेषु द2षे.. (६)
हे सोम! प?थर? से कूट कर आप का रस 1नकाला गया है, छान कर उस रस को प1व
1कया गया है. हरा सोमरस वन कa लकड़ी के बने पा म? उसी तरह वेश कर रहा है, जैसे
शूरवीर अपनी वीरता से नगर म? वेश करने जाता है. (६)
स मामृजे 1तरो अ?वा1न मे?यो मीढ् वां?स7?तन? वाजयुः.
अनुमाः पवमानो मनी1ष4भः सोमो 1वे4भऋ??व4भः.. (७)
ाण ऋ7?वज् सोमरस को प1व कर रहे ह?. ?तो? से वे इस कa शंसा कर रहे ह?. वे
भेड़ के बाल से बनी छलनी से इसे छान रहे ह?. इसे छानने वाले ऋ7?वज् श3?मान, ?पु
और घोड़े जैसे बलवान ह?. (७)
वयमेन2मदा ो ऽ पीपेमेह व5णम्.
त?मा उ अ सवने सुतं भरा नूनं भूषत ुते.. (८)
हे यजमानो! हम वधारी इं को पहले से ही सोमरस 1पलाते रहे ह?. आज भी हम? उ?ह?
यह सोमरस 1पलाना चा1हए. वे सोमपान और ?तो वण (सुनने) हेतु हमारे य? म? पधारने
कa कृपा कर?. (८)
वृक4द?य वारण उराम3थरा वयुनेषु भूष1त.
सेमं न ?तोमं जुजुषाण आ गही? 2चया 2धया.. (९)
हे यजमानो! भे2ड़ए जैसे भयंकर शु भी इं के सामने झुक जाते ह?. वे इं हमारी
ाथ?ना ?वीकार करने कa कृपा कर?. इं हम? 1ववेक व अद् भुत बु5? दान करने कa कृपा
कर?. (९)
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इ?ा?नी रोचना 0दवः प/र वाजेषु भूषथः. त?ां चे1त वीय?म्.. (१०)
हे इं! हे अ7?न! यह 0द गुण आप दोन? के 3लए वीरता का प/रचायक है. आप गुण
?पी धन से ?वग?लोक म? शोभायमान और भू1षत होते ह?. (१०)
इ?ा?नी अपस?पयु?प य7?त धीतयः. ऋत?य प?या ३ अनु.. (११)
हे इं! हे अ7?न! होता ऋत् (स?य) के पथ का अनुगमन कर के 3स5? कa ओर समीप
जाते ह?. (११)
इ?ा?नी त1वषा4ण वां सध?था1न यां3स च. युवोर?तूय? 1हतम्.. (१२)
हे इं! हे अ7?न! आप दोन? कa श3? और 1वा 1हतकारी भाव से काय? करती है.
आप शी काय? करने कa साम?य? रखते ह?. (१२)
क ? वेद सुते सचा 1पब?तं कद् वयो दधे.
अयं यः पुरो 1व4भन?योजसा म?दानः 3श`य?धसः.. (१३)
इं और उन कa आयु को कौन जान सकता है? वे शु? के नगर को अपने ओज से
न करने वाले ह?. वे मदम?त रहते ह? और सुर?ा कवचधारी ह?. (१३)
दाना मृगो न वारणः पु?ा च रथं दधे.
न 1क्वा 1न यमदा सुते गमो महा र?योजसा.. (१४)
हे इं! आप महान, 1वचरण कता? और आदरणीय ह?. आप अपने बल स1हत य? म?
पधारने कa कृपा कa5जए. आप को रथ ले कर य? म? आने से भला कौन रोक सकता है?
आप शु को वैसे ही खोजते ह?, जैसे मतवाला हाथी अपने शु को खोजता है. (१४)
य उः स1न् टतः .?थरो रणाय स ?कृतः.
य0द ?तोतुम?घवा शृणव?वं ने?ो योष?या गमत्.. (१५)
हे इं! हमारी सं?कृत म? रची ?ई ?तु1तय? को सुन कर आप अव?य ही कह? और नह?
जाएंगे. आप हमारे ही य? म? आने कa कृपा कर?गे. वे रण (यु?) म? .?थर, अ?श? से
स.?जत व उ रहते ह?. (१५)
चौथा खंड
पवमाना असृ?त सोमाः शु?ास इ?दवः. अ4भ 1वा1न काा.. (१)
हे सोम! आप का रस प1व व चमकaला है. उसे सभी का? (वेद मं?) के साथ
सं?का/रत 1कया जाता है. (१)
पवमाना 0दव?पय??त/र?ादसृ?त. पृ3था अ2ध सान1व.. (२)
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हे सोम! आप का रस प1व और वह ?वग?लोक से धरती के उ?च 3शखर को ?पश?
करता ?आ बहता है. (२)
पवमानास आशवः शुा असृ2म?दवः. ?न?तो 1वा अप 1?षः.. (३)
हे सोम! आप का रस प1व और चमकaला है. वह (?वा??य संबंधी) सभी गड़ब2ड़य?
का नाश करता है. आप ज?द_ ोणकलश म? पधारते ह?. (३)
तोशा वृहणा ?वे स5ज?वानापरा5जता. इ?ा?नी वाजसातमा.. (४)
हे इं! हे अ7?न! आप वृनाश से संतोष करते ह?. आप को कोई परा5जत नह? कर
सकता. आप उपासक? को चुर धन देते ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (४)
वामच???यु.?थनो नीथा1वदो ज/रतारः. इ?ा?नी इष आ वृणे.. (५)
हे इं! हे अ7?न! हम मनोकामना पूIत^ के 3लए आप का वरण करते ह?. हम वै0दक मं?
से व साम गागा कर आप कa उपासना करते ह?. (५)
इ?ा?नी नव=त^ पुरो दासप?नीरधूनुतम्. साकमेकेन कम?णा.. (६)
हे इं! हे अ7?न! दास? और उन कa प8?नय? के नगर आप ने एक साथ एक काय?
(यु?) से ही कंपकंपा कर न कर 0दए. हम आप दोन? कa ?तु1त करते ह?. (६)
उप ?वा र?वसं?शं य?व?तः सह?कृत. अ?ने ससृ?महे 1गरः.. (७)
हे अ7?न! आप (अर4णय? म?) रगड़ से पैदा होते ह?. आप दश?नीय ह?. हम वाणी से आप
कa ?तु1त करते ह?. हम आप कa समीपता चाहते ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (७)
उप ?छाया2मव घृणेरग?म शम? ते वयम्. अ?ने 1हर?यसं?शः.. (८)
हे अ7?न! आप सोने कa तरह चमकaले ह?. हम आप से उसी कार सुख पाते ह?, 5जस
कार लोग गरमी म? छाया से पाते ह?. (८)
य उ इव शय?हा 1त?मशृ?ो न व सगः. अ?ने पुरो ?रो5जथ.. (९)
हे अ7?न! आप उ, वीर व धनुध?र ह?. आप कa ?वालाएं (बैल? के) तीखे स?ग कa भां1त
ह?. आप ने ??मन? के 0ठकान? को न 1कया है. (९)
ऋतावानं वैानरमृत?य ?यो1तष?प1तम्. अजं घम?मीमहे.. (१०)
हे अ7?न! आप स?यवान ह?. सभी मनु?य? के 3लए अमृत जैसे क?याणकारी ह?. आप
?यो1त के ?वामी व अज ह?. हम आप से य? कa र?ा करने का अनुरोध करते ह?. (१०)
य इदं 1तपथे य??य ?व?3?रन्. ऋतूनु?सृजे वशी.. (११)
हे अ7?न! आप स?य के माग? म? आने वाली ?कावट? को ?र हटाते ह?. संसार को
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वशीभूत रखते ह?. आप कa कृपा से संसार 1व?तृत होता है. आप ऋतु? का सृजन करते ह?.
(११)
अ7?नः 1येषु धामसु कामो भूत?य भ?य. साडेको 1वराज1त.. (१२)
हे अ7?न! आप एकमा साट् ह?. आप अपने 1य धाम? म? सुशो4भत होते ह?. आप
अतीत और भ1व?य म? चाहने वाल? कa इ?छा पूरी करते ह?. (१२)
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उीसवां अ?याय
पहला खंड
अ7?नः ?नेन ज?मना शु?भान?त?व ३ ?वाम्. क1वIव^ेण वावृधे.. (१)
हे अ7?न! आप काशमान व मेधावी ह?. पुराने ?तो? से यजमान आप को ?व3लत
कर के आप का 1व?तार करते ह?. (१)
ऊज? नपातमा ?वे ऽ 7?नं पावकशो2चषम्. अ9?म?य?े ?व?वरे.. (२)
हे अ7?न! हम अपने इस य? म? अ7?न को आमं1त करते ह?. आप प1व व काशमान
ह?. आप ऊजा? को नीचे नह? 1गरने देते ह?. (२)
स नो 2ममह??वम?ने शु?ेण शो2चषा. देवैरा स9?स बIह^1ष.. (३)
हे अ7?न! आप अपनी चमकaली लपट? से अ?य देवता? के साथ कुश के आसन पर
1वरा5जए. आप हमारे 2म ह?. (३)
उ?े शु?मासो अ?थू र?ो 4भ?द?तो अ0वः. नुद?व याः प/र?पृधः.. (४)
हे सोम! प?थर? से कूट कर आप का रस 1नकाला जाता है. आप कa उमड़ती ?ई लहर?
से रा?स? का नाश होता है. जो हम से 1त?पधा? करते ह?, आप उन शु? का नाश करने
कa कृपा कa5जए. (४)
अया 1नज8?नरोजसा रथस?े धने 1हते. ?तवा अ1ब?युषा ?दा.. (५)
हे सोम! आप साम?य?वान व शुनाशक ह?, रथ को साथ ले कर शु? को न
कa5जए. हम ?दय से आप से धन देने के 3लए अनुरोध करते ह?. (५)
अ?य ता1न नाधृषे पवमान?य ?ढ् या. ?ज य??वा पृत?य1त.. (६)
हे सोम! आप प1व ह?. आप के ?ढ़ त? से ? रा?स ग1त नह? कर सकते. जो शु
यु? करना चाहते ह?, आप उन शु? का नाश कa5जए. (६)
त 1ह?व7?त मद?युत ह;र^ नद_षु वा5जनम्. इ??2म?ाय म?सरम्.. (७)
सोमरस मद बरसाने वाला, ?फूIत^दायक व हरी कां1त वाला है. इं हेतु सोम को नद_ के
जल से े/रत 1कया जाता है. (७)
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आ म?ै/र?द ह/र4भया?1ह मयूररोम4भः.
मा ?वा के 2च2 येमु/र पा3शनो ऽ 1त ध?वेव ताँ इ1ह.. (८)
हे इं! आप के घोड़े मनोहर ह?. उन के बाल मोरपंख जैसे ह?. आप उन घोड़? स1हत य?
म? पधारने कa कृपा कa5जए. 3शकारी आप कa राह म? जाल न फैला सक?, अतः आप उ?ह?
रे1ग?तान म? प?ंचा द_5जए. (८)
वृखादो वलं ?जः पुरां दम? अपामजः.
?थाता रथ?य हय?र4भ?वर इ?ो ?ढा 2चदा?जः.. (९)
हे इं! आप घोड़? से सजे ?ए रथ म? बैठ कर बलवान शु? को भी हरा देते ह?. आप
उन कa नग/रय? का भी नाश कर देते ह?. आप रा?स? के बलनाशक ह?. आप ?? कa ?
वृ3?य? का भी नाश करते ह?. (९)
ग?भीराँ उदधी /रव ?तुं पु?य3स गा इव.
सुगोपा यवसं धेनवो यथा दं कु?या इवाशत.. (१०)
हे इं! गंभीर समु को जैसे छोटे तालाब अ2धक जल दे कर पोसते ह?, वैसे ही आप
यजमान कa मनोकामना पूरी कर के उ?ह? पोसते ह?. ?वाले जैसे गाय? को घास चारा डाल कर
पोसते ह?, वैसे ही यजमान इं को सोमरस भ?ट कर के पोसते ह?. (१०)
यथा गौरो अपा कृतं तृ?ये?यवे/रणम्.
आ1प?वे नः 1प?वे तूयमा ग1ह क?वेषु सु सचा 1पब.. (११)
हे इं! आप हमारे दो?त कa तरह आइए. आप उसी ललक से आइए, जैसे ?यास से
ाकुल 1हरण तालाब के पास जाता है. आप क?व? के 1नकट सोमपान करने कa कृपा
कa5जए. (११)
म?द?तु ?वा मघव2?े?दवो राधोदेयाय सु?वते.
आमु?या सोमम1पबमू सुतं ?यें त?2धषे सहः.. (१२)
हे इं! आप धनवान ह?. सोमरस आप को मदम?त बना दे. आप इस सोमरस को
पी5जए. आप हम? और हमारे बेट? को खूब धन द_5जए. (१२)
?वम? श 3सषो देवः श1व म?य?म्.
न ?वद?यो मघव9?त मJड^ते? वी2म ते वचः.. (१३)
हे इं! आप हमारी शंसा करते ह?. आप सब से ब0ढ़या सुख देते ह?. हम आप ही से
ाथ?ना करते ह?, ?य?1क आप के अ1त/र? कोई ?सरा उतना धनवान और सुखदायक नह?
है. (१३)
मा ते राधा 3स मा त ऊतयो वसो ऽ ?मा?कदा चना दभन्.
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1वा च न उप2ममी1ह मानुष वसू1न चष?4ण?य आ.. (१४)
हे इं! आप के धन कभी भी हमारे 3लए हा1नकारक न ह?. आप के र?ा साधन भी
कभी हम? हा1न न प?ंचाएं. आप संसार के शरणदाता ह?. आप मनु?य? को सभी धन देने कa
कृपा कa5जए. (१४)
?सरा खंड
1त ?या सूनरी जनी ु?छ?ती प/र ?वसुः. 0दवो अदKश^ ?1हता.. (१)
उषा सूय? कa बेट_ ह?. वे े नारी ह?. वे अपना काश चार? ओर फैलाती ?ई जाती ह?.
0दन के न 0दखाई देने पर वे अपना काश फैलाती ह?. (१)
अेव 2चा?षी माता गवामृतावरी. सखा भूद4नो?षाः.. (२)
उषा र.?मय? कa मां ह?. वे र.?मयां अद् भुत और चमकaली ह?. वे अ4नीकुमार? कa 2म
ह?. (२)
उत सखा?य4नो?त माता गवाम3स. उतोषो व?व ई3शषे.. (३)
उषा उपासना के यो?य ह?. वे र.?मय? कa मां ह? और अ4नीकुमार? कa 2म ह?. (३)
एषो उषा अपूा? ु?छ1त 1या 0दवः. ?तुषे वाम4ना बृहत्.. (४)
हे अ4नी! उषा अपूव?, 1य व 0दन लाती ह?. हम 1वशाल ?तो? से उन कa उपासना
करते ह?. (४)
या दा 3स?धुमातरा मनोतरा रयीणाम्. 2धया देवा वसु1वदा.. (५)
हे अ4नीकुमारो! आप बु5?मान? के धनदाता ह?. आप न0दय? को पैदा करने वाले,
मनोहर व धनवान ह?. (५)
व?य?ते वां ककुहासो जूणा?याम2ध 1व1प. य?ा रथो 1व4भ?पतात्.. (६)
जब आप दोन? अ4नीकुमार? का रथ प?ी कa भां1त उड़ कर ऊपर जाता है तब आप
दोन? के 3लए ?वग? म? भी ?तो पढ़े जाते ह?. (६)
उष?त.?चमा भरा?म?यं वा5जनीव1त. येन तोकं च तनयं च धामहे.. (७)
हे उषा! आप धनवती और य? काय? भी आरंभ करने वाली ह?. आप अद् भुत वैभव
द_5जए, 5जस से हम संतान और अपने 2म? का भरणपोषण करने म? समथ? हो सक?. (७)
उषो अेह गोम?याव1त 1वभाव/र. रेवद?मे ु?छ सूनृताव1त.. (८)
हे उषा! आप गोवती व अवती ह?. आप रा1 के बाद 0दन लाने वाली ह?. आप हम? पु
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और धन द_5जए. (८)
युं?वा 1ह वा5जनीव?याँ अा?णाँ उषः. अथा नो 1वा सौभगा?या वह.. (९)
हे उषा! आप य? काय? आरंभ कराने वाली व धनवती ह?. आप अपने रथ म? लाल घोड़?
को जो1तए. हम? संसार म? सौभा?यवान बनाने कa कृपा कa5जए. (९)
अ4ना वIत^र?मदा गोम?ा 1हर?यवत्. अवा?थ समनसा 1न य?छतम्.. (१०)
हे अ4नीकुमारो! आप शु? का नाश करने वाले ह?. आप हम? गोवान बनाइए. आप
अपने सुनहरे रथ को मन से हमारे य? म? लाने कa कृपा कa5जए. (१०)
एह देवा मयोभुवा दा 1हर?यवत?नी. उषबु?धो वह?तु सोमपीतये.. (११)
उषा के साथ उद् बु? (जात) सुनहरी 1करण?, इन सुखमय अ4नीकुमार? को सोमपान
करने के 3लए हमारे य? म? लाने कa कृपा कर?. (११)
या1व?था ोकमा 0दवो ?यो1तज?नाय च?थुः.
आ न ऊज? वहतम4ना युवम्.. (१२)
हे अ4नीकुमारो! आप ?वग?लोक से य? के 3लए ?यो1त ला कर लोग? का 1हत करने
कa कृपा कa5जए. आप दोन? हम? अवान व ऊजा?वान बनाने कa कृपा कa5जए. (१२)
तीसरा खंड
अ7?नं तं म?ये यो वसुर?तं यं य7?त धेनवः.
अ?तमव??त आशवो ऽ ?तं 1न?यासो वा5जन इष ?तोतृ?य आ भर.. (१)
हे अ7?न! आप सव?ापक ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. घोड़े व गाएं 5जन कa
शरण म? ह?, हम यजमान? को भी आप अपनी शरण म? ली5जए. हम 1न?य 1नयम 1नभाने वाले
और ह1व देने वाले ह?. आप हम? अदान कa5जए. हम आप कa उपासना करते ह?. (१)
अ7?नIह^ वा5जनं 1वशे ददा1त 1वचष?4णः.
अ?नी राये ?वाभुव स ीतो या1त वाय?2मष ?तोतृ?य आ भर.. (२)
हे अ7?न! आप यजमान को अवान बनाने वाले, ापक ?1 वाले और पूजनीय ह?.
आप स हो कर आसानी से यजमान? को धन देते ह?. आप उपासक? को भरपूर धन देने
कa कृपा कa5जए. (२)
सो अ7?नय? वसुगृ?णे सं यमाय7?त धेनवः.
समव??तो रघुmवः स सुजातासः सूरय इष ?तोतृ?य आ भर.. (३)
हे अ7?न! सारी गौएं तेज ग1त वाले घोड़े व 1व?ान् आप कa शरण म? ह?. आप पूजनीय
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ह?. आप यजमान? को भरपूर अ दान करने कa कृपा कa5जए. (३)
महे नो अ बोधयोषो राये 0द1व?मती.
यथा 2चो अबोधयः स?यव3स वा?ये सुजाते असूनृते.. (४)
हे उषा! आप काशवती ह?. आप हम सभी को पहले कa तरह आज भी बो2धत
(जात) करने कa कृपा कa5जए. आप हम पर भी वैसी ही कृपा कa5जए, जैसी आप ने व?य
के पु स?यवा पर कa. जैसा आप ने उ?ह? (स?यवा को) जात 1कया, वैसे ही हम? भी
जात करने कa कृपा कa5जए. (४)
या सुनीथे शौचथे ौ?छो ?1हतHद^वः.
या ु?छ सहीय3स स?यव3स वा?ये सुजाते असूनृते.. (५)
हे उषा! आप ?वग?लोक कa ?1हता (पुी) ह?. आप शुचथ के पु सुनीथ हेतु अंधेरे को
भगा कर कट ??. आपने सुनीथ पर जैसी कृपा कa, वैसी ही आप व?य के पु स?यवा
पर भी कa5जए. (५)
सा नो अाभर?सुु??छा ?1हतHद^वः.
यो ौ?छः सहीय3स स?यव3स वा?ये सुजाते असूनृते.. (६)
हे उषा! आप ?वग?लोक कa ?1हता (बेट_) ह?. आप हम? भरपूर धन देने व आज हमारे
अंधेरे (ाकृ1तक और अ?ान ?प दोन?) को न करने कa कृपा कa5जए. आप स?य?व?पा
ह?. आप व?य के पु स?यवा पर अपनी कृपा कa5जए. (६)
1त 1यतम रथं वृषणं वसुवाहनम्.
?तोता वाम4नावृ1ष ?तोमे4भभू?ष1त 1त मा?वी मम ुत हवम्.. (७)
हे अ4नीकुमारो! आप का रथ वैभव व परा?म धारण करता है. आप का रथ
उपासक? कa ाथ?ना से सुशो4भत होता है. आप हमारी ाथ?ना? को सुनने कa कृपा
कa5जए. (७)
अ?यायातम4ना 1तरो 1वा अह सना.
दा 1हर?यवत?नी सुषु?णा 3स?धुवाहसा मा?वी मम ुत हवम्.. (८)
हे अ4नीकुमारो! आप ?सर? का अ1त?मण कर के (लांघ कर) हमारे पास पधारने
कa कृपा कa5जए. आप शुनाशक ह?. आप कa कृपा से हम अपने शु पर 1वजय पा सक?.
आप सोने के रथ वाले ह?. आप धनवान ह?. आप नद_ के समान बहते ह?. आप हमारी
ाथ?ना? को सुनने कa कृपा कa5जए. (८)
आ नो र?ना1न 1बताव4ना ग?छतं युवम्.
?ा 1हर?यवत?नी जुषाणा वा5जनीवसू मा?वी मम ुत हवम्.. (९)
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हे अ4नीकुमारो! आप सोने के रथ वाले, शुनाशी, धनधारी, धनधा?य वाले व य?
ेमी ह?. आप हमारे य? म? पधा/रए और 1त2त होइए. आप हमारी ाथ?ना? को सुनने कa
कृपा कa5जए. (९)
चौथा खंड
अबो?य7?नः स2मधा जनानां 1त धेनु2मवायतीमुषासम्.
या इव वयामु.?जहानाः भानवः सते नाकम?छ.. (१)
हे अ7?न! आप लोग? (यजमान?) कa स2मधा से द_?त होते ह?. न?द से उठ कर गौएं
जैसे जात होती ह?, वैसे ही आप जात ह?. पेड़? कa शाखाएं जैसे आकाश कa ओर फैलती
ह?, वैसे ही आप कa लपट? ?वग? कa ओर फैलती ह?. (१)
अबो2ध होता यजथाय देवानू?व? अ7?नः सुमनाः ातर?थात्.
स2म??य ?शददKश^ पाजो महान् देव?तमसो 1नरमो2च.. (२)
हे अ7?न! आप य? के बल आधार ह?. देव? के 3लए (ह1व प?ंचाने हेतु) आप को
?व3लत 1कया जाता है. आप ऊ?व?गामी ह? व सुबह अ?छे मन से ऊपर कa ओर जाते ह?.
आप महान ह?. आप को हम ?य? देख सकते ह?. आप देवता? व संसार को अंधकार से
?र करते ह?. (२)
यदb गण?य रशनामजीगः शु2चरङ् ?े शु2च4भग?4भर7?नः.
आ?4?णा यु?यते वाजयं?यु?ानामू?व? अधय?जु?4भः.. (३)
हे अ7?न! आप बाधाएं व अंधेरे को ?र करते ह?. आप संसार को काशमान व यजमान
घी कa आ?1तय? से बलवान बनाते ह?. आप ऊ?व?गामी हो कर उस घी वाली आ?1तय? को
?वीकारते ह?. (३)
इद ें ?यो1तषां ?यो1तरागा.?चः केतो अज1न 1व?वा.
यथा सूता स1वतुः सवायैवा रा[युषसे यो1नमारैक्.. (४)
हे उषा! आप सभी ?यो1तय? से े ?यो1त वाली ह?. आप कa ?यो1त सव? फैलती है.
सभी व?तु? को ?यो1तम?य बना देती ह?. स1वता के अ?त होने के बाद रा1 उषा को उ?प
होने के 3लए जगह देती ह?. (४)
?श??सा ?शती े?यागादारैगु कृ?णा सदना?य?याः.
समानब?धू अमृते अनूची ावा वण? चरत आ2मनाने.. (५)
हे उषा! आप सूय? का चमकaला ?व?प ले कर पैदा ?? और रा1 काले रंग का. सूय?
दोन? के समान ?प से बंधु ह?, दोन? अमर ह?. ?वग?लोक म? एक के बाद एक आतीजाती ह?.
दोन? एक?सरे का भाव समा?त करती ह?. (५)
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समानो अ?वा ?वोरनंत?तम?या?या चरतो देव3शे.
न मेथेते न त?थतुः सुमेके न?ोषासा समनसा 1व?पे.. (६)
दोन? बहन? (उषा और रा1) कa एक ही राह है. वह राह अनंत है. उसी राह पर ये दोन?
एक?सरे के पीछे चलती ह?, भले ही इन के ?व?प एक?सरे से अलग ह? पर इन के मन समान
ह?. ये दोन? अपनेअपने काय? म? लगी रहती ह?. (६)
आ भा?य7?न?षसामनीकमु1?ाणां देवया वाचो अ?थुः.
अवा??चा नून र?येह यातं पी1पवा सम4ना घम?म?छ.. (७)
अ7?न ?व3लत हो गए ह?. उषा के कट होते ही अ7?न ?व3लत हो जाते ह?. 0द
ाथ?नाएं शु? हो गई ह?. अ4नीकुमार रथ म? 1वराज गए ह?. हम उन से सोमरस पीने के 3लए
य? म? पधारने का अनुरोध करते ह?. (७)
न स ?कृतं 2ममीतो 1गमा7?त नूनम4नोप?तुतेह.
0दवा4भ1प?वे ऽ वसाग2मा ?यव=त^ दाशुषे श?भ1वा.. (८)
हे अ4नीकुमारो! आप प/र?कृत पदाथ? को हण करने कa कृपा कa5जए. य??थान
के समीप आने वाले आप के 3लए उपासना कa जाती है. 0दन के आते ही आप 1त2त हो
जाते ह?. आप यजमान को 1ता ा?त कराने कa कृपा कa5जए. (८)
उता यात संगवे ातरो म?य5?दन उ0दता सूय??य.
0दवा न?मवसा श?तमेन नेदान? पी1तर4ना ततान.. (९)
हे अ4नीकुमारो! सूय? उगने के समय, 0दन के म?य म?, शाम और 0दन रात म? आप
पधा/रए. आप अपने र?ा साधन? स1हत पधारने कa कृपा कa5जए. आप के ये साधन
0दनरात सुखदायी ह?. अभी तक आप के 1बना सोमरस पीने का काय? शु? नह? 1कया गया है.
(९)
पांचवां खंड
एता उ ?या उषसः केतुम?त पूव? अध? रजसो भानुम?ते.
1न?कृ?वाना आयुधानीव धृ?णवः 1त गावो ऽ ?षीय?7?त मातरः.. (१)
हे उषा! आप उजाला फैलाती ह?. आप के आने से पूव? 0दशा म? काश हो जाता है. वीर
अपने आयुध? को जैसे चमकाते ह?, वैसे ही आप संसार को चमचमा देती ह?. माता उषा
1त0दन आती और जाती ह?. (१)
उदप?त?णा भानवो वृथा ?वायुजो अ?षीगा? अयु?त.
अ?ुषासो वयुना1न पूव?था ?श?तं भानुम?षीर3शयुः.. (२)
उषा के आते ही लाल 1करण? आकाश म? छा गई ह?. अपनेआप जुते ?ए रथ से वे चेतना
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फैलाती ह? तथा सूय? कa सेवा करती ह?. (२)
अच?7?त नारीरपसो न 1व14भः समानेन योजनेना परावतः.
इषं वह?तीः सुकृते सुदानवे 1वेदह यजमानाय सु?वते.. (३)
जो यजमान अच?ना करते ह?, सोमरस को प/र?कृत करते ह?, अ?छे काय? करते ह?, दान
करते ह?, उन यजमान? को उषा अ व बल देती ह? और काशमान बना देती ह?. यु? म?
स.?जत वीर कa भां1त वे आकाश कa शोभा बढ़ा देती ह?. (३)
अबो?य7?न?म? उदे1त सूय? ू ३ षा?ा मावो अJच^षा.
आयु?ाताम4ना यातवे रथं ासावी?ेवः स1वता जग?पृथक्.. (४)
अ7?न वेद_ म? ?व3लत हो गए ह?. सूय? आकाश म? उ0दत हो गए ह?. उषा महान ह?. वे
अपनी तेज9?वता से सब को स कर देती ह?. हे अ4नीकुमारो! आप अपने घोड़े रथ म?
जो1तए, यहां ?थान क/रए. सूय? सभी को अलगअलग काय? करने कa ेरणा दे रहे ह?. (४)
युु?ाथे वृषणम4ना रथं घृतेन नो मधुना ?मु?तम्.
अ?माकं पृतनासु 5ज?वतं वयं धना शूरसाता भजेम1ह.. (५)
हे अ4नीकुमारो! आप अपने रथ म? घोड़े जोत कर हमारे य? म? प?ं2चए. हम? घृत से
पु क/रए, हम? आ?म?ान द_5जए, हम? शु? को जीतने कa ?मता द_5जए. हम धन पा
सक?. हम आप को भजते ह?. (५)
अवा?ङ् 1च?ो मधुवाहनो रथो जीराो अ4नोया?तु सुुतः.
1ब?धुरो मघवा 1वसौभगः शं न आ व?1?पदे चतु?पदे.. (६)
हे अ4नीकुमारो! आप रथ पर 1वराज कर य? म? पधा/रए. आप का रथ तीन प1हय?
वाला, मधुर अमृतधारी, mतगामी, अजुत, सराहनीय व तीन लोग? के बैठने कa जगह वाला
है. वह चुर ऐय?वान और सौभा?यवान है. आप सब के 1त क?याणकारी भावना रख कर
हमारे य? ?थान म? पधारने कa कृपा कa5जए. (६)
ते धारा असतो 0दवो न य7?त वृयः. अ?छा वाज सह4णम्.. (७)
हे सोम! आप कa झरने वाली धाराएं वैसे ही बरसती ह?, जैसे ?वग?लोक से बरसात होती
है. आप कa धाराएं अ बरसाती ह?. (७)
अ4भ 1या4ण काा 1वा च?ाणो अष?1त. 1हर?तु?ान आयुधा.. (८)
हे सोम! आप सव?1य, सव?ा व ह/रताभ ह?. आप शु? पर आयुध? से हार करते
ह?. (८)
स ममृ?जान आयु4भ/रभो राजेव सुतः. ?येनो न व सु षीद1त.. (९)
हे सोम! आप ेकमा? (अ?छे काय? करने वाले) ह?. यजमान आप को प/र?कृत करते
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ह?. आप राजा के समान व अ?छे संक?प? वाले ह?. बाज प?ी जैसे वेगवान होता है, वैसे ही
आप वेगवान ह?. आप ब?त वेग से जल म? 2मल जाते ह?. (९)
स नो 1वा 0दवो वसूतो पृ3था अ2ध. पुनान इ?दवा भर.. (१०)
हे सोम! आप ?वग?लोक, पृ?वीलोक और सव? ा?त ह?. आप हम? सब कार का
क?याण दान करने कa कृपा कa5जए. (१०)
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बीसवां अ?याय
पहला खंड
ा?य धारा अ?र?वृ?णः सुत?यौजसः. देवाँ अनु भूषतः.. (१)
हे सोम! आप का रस बलव??क है. देवता? पर अनुकूल भाव डालने वाला है.
सोमरस कa धाराएं वेगवती व ोणकलश म? सुशो4भत हो रही ह?. (१)
स7?तं मृज7?त वेधसो गृण?तः कारवो 1गरा. ?यो1तज??ानमु??यम्.. (२)
हे सोम! आप काशमान, उपासना के यो?य, अ के समान वेगशाली और 1व?ान् ह?.
अ?वयु?गण (पुरो1हत) वाणीमय ाथ?ना? से सोमरस को प/र?कृत करते ह?. (२)
सुषहा सोम ता1न ते पुनानाय भूवसो. वधा? समुमु??य.. (३)
हे सोम! आप धनवान, उपासना के यो?य, प1व, ब?त श3?शाली ह? और र?क ह?.
आप समु के समान इस पा को भर देने कa कृपा कa5जए. (३)
एष ा य ऋ7?वय इ?ो नाम ुतो गृणे.. (४)
हे इं! आप मौसम के अनुसार बढ़ोतरी पाते ह?. आप य? जैसे काम? से बढ़ोतरी पाते
ह?. आप बु5?मान और ?ानी ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. (४)
?वा2म?छवस?पते य7?त 1गरो न संयतः.. (५)
हे इं! आप महान व बलवान ह?. सदाचारी पु?ष के पास जैसे क?याण हेतु जाया जाता
है, वैसे ही हमारी वाणीमय ाथ?नाएं आप के पास प?ंचती ह?. (५)
1व ुतयो यथा पथा इ? ?व?तु रातयः.. (६)
हे इं! राजपथ से जैसे ?सरे पथ 2मलते ह?, वैसे ही आप से भां1तभां1त के दान अनुदान
ा?त होते ह?. (६)
आ ?वा रथं यथोतये सु?नाय वत?याम3स.
तु1वकूJम^मृतीषह2म?ं श1वं स?प1तम्.. (७)
हे इं! आप अ?छे मन वाले ह?. आप स?प1त ह?. आप े माग?गामी ह?. हम सुख और
क?याण के 3लए उसी कार आप कa उपासना करते ह?, 5जस कार रथ कa प/र?मा कa
जाती है. (७)
तु1वशु?म तु1व?तो शचीवो 1वया मते. आ पाथ म1ह?वना.. (८)
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हे इं! आप म1हमाशाली व श3?शाली ह?. आप े कम? करने वाले और सम?त 1व
म? ा?त ह?. (८)
य?य ते म1हना महः प/र ?माय?तमीयतुः. ह?ता व 1हर?ययम्.. (९)
हे इं! आप अपने हाथ म? ?वण?मय व धारण करते ह?. आप कa म1हमा अनंत है. (९)
आ यः पुरं नाJम^णीमद_देद?यः क1वन?भ?यो ३ नावा?.
सूरो न ???वां छता?मा.. (१०)
हे अ7?न! आप सूय? के समान काशमान ह?. यजमान य?वेद_ बनाते ह?. आप उन
य?वे0दय? को ?व3लत करते ह?. आप वेगवान घोड़े कa तरह ह?. वायु कa भां1त ग1तशील ह?.
आप ?रदश? और अनेक ?प? म? सुशो4भत होते ह?. (१०)
अ4भ 1?ज?मा ी रोचना1न 1वा रजा 3स शुशुचानो अ?थात्.
होता य5जो अपा सध?थे.. (११)
हे अ7?न! आप पृ?वीलोक, अंत/र?लोक और ?वग?लोक तीन? को का3शत करते ह?.
आप देवता? को बुलाने वाले ह?. आप जल म? बड़वानल के ?प म? 1वराजमान रहते ह?. आप
य??थान म? य?ा7?न के ?प म? सुशो4भत होते ह?. (११)
अय स होता यो 1?ज?मा 1वा दधे वाया?4ण व?या.
मत? यो अ?मै सुतुको ददाश.. (१२)
हे अ7?न! जो 1?ज?मा है (ाण), जो वीर ह?, जो जग के धारक ह?, वे यजमान अ7?न
का आान करने वाले ह?. अ7?न यजमान? को े संतान दान करते ह?. (१२)
अ?ने तमां न ?तोमैः ?तुं न भं ?0द?पृशम्. ऋ?यामा त ओहैः.. (१३)
हे अ7?न! आप इं को उसी तरह ह1व प?ंचाते ह? जैसे उन के घोड़े उ?ह? 1नधा?/रत ?थान
पर प?ंचाते ह?. आप वैसे ही हमारा क?याण करते ह?, जैसे य? हमारा क?याण करते ह?. आप
?दयाही ह?. हम उपासना और ाथ?ना? से आप को भजते ह?. (१३)
अधा ?ने ?तोभ??य द??य साधोः. रथीऋ?त?य बृहतो बभूथ.. (१४)
हे अ7?न! आप बल कa बढ़ोतरी करने वाले, क?याणकारी, मनोकामना पूरक ह? और
ऋत् (स?य) ?व?प ह?. आप य? के मु?य कता?धता? ह?. (१४)
ए4भन? अक?भ?वा नो अवा?ङ्?व ३ ण? ?यो1तः.
अ?ने 1वे4भः सुमना अनीकैः.. (१५)
हे अ7?न! आप सुमन (अ?छे मन वाले) और सूय? कa तरह ?यो1तमान ह?. आप सभी
पूजनीय देव? के साथ हमारे य? म? पधारने कa कृपा कa5जए. (१५)
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?सरा खंड
अ?ने 1वव?व?षस4 राधो अम?य?.
आ दाशुषे जातवेदो वहा ?वमा देवाँ उषबु?धः.. (१)
हे अ7?न! आप अमर, सव??ाता और सव?ा ह?. आप उषा से अनेक कार का धन
ा?त कa5जए. उस धन को आप यजमान को दान करने व 1वशेष ?प से जात देव? को
य? म? लाने कa कृपा कa5जए. (१)
जुो 1ह ?तो अ3स हवाहनो ऽ ?ने रथीर?वराणाम्.
सजूर4?यामुषसा सुवीय?म?मे धे1ह वो बृहत्.. (२)
हे अ7?न! आप देव?त, हवाहक व माग? के रथी ह?. आप उषा और अ4नीकुमार?
स1हत हम? श3?शाली और यश?वी बनाने कa कृपा कa5जए. (२)
1वधुं दाण समने ब?नां युवान स?तं प3लतो जगार.
देव?य प?य कां म1ह?वाा ममार स ः समान.. (३)
हे यजमानो! भले ही कोई कई काय? करने कa ?मता रखता हो, भले ही कोई 1कतना
ही अ2धक शुनाशक हो, =क^तु ऐसे युवा को भी वृ?ाव?था 3सत कर लेती है. वृ?ाव?था के
बाद मृ?यु पाने वाला पुनः ज?म पा लेता है. यह सब इं कa कृपा से ही संभव है. हम? उन के
इस महान काय? को बारबार ?मरण करना चा1हए. (३)
शा?मना शाको अ?णः सुपण? आ यो महः शूरः सनादनीडः.
य.?चकेत स?य2म? मोघं वसु ?पाह?मुत् जेतोत दाता.. (४)
हे इं! आप ?ढ़मन, सव?श3?मान व सुपण? प?ी के समान ह?. आप जो ठान लेते ह?,
वही करते ह?. आप श3?पूव?क जो वैभव ा?त करते ह?, उसे अपने उपासक? को दे देते ह?.
(४)
ऐ4भद?दे वृ??या पौ ?या1न ये4भरौ?द् वृह?याय वी.
ये कम?णः 1?यमाण?य म ऋते कम?मुदजाय?त देवाः.. (५)
हे इं! आप म?द् गण? के सहयोग से पु?षाथ?पूण? काम करते ह?. आप वधारी व
वृनाशक ह?. आप शुनाश हेतु जलवृ1 करते ह?. महान काय? करने वाले अ?य देवता भी उन
का सहयोग करते ह?. (५)
अ9?त सोमो अय सुतः 1पब??य?य म?तः. उत ?वराजो अ4ना.. (६)
हे सोम! सोमरस को म?द् गण? के 3लए 1नचोड़ा गया है. इसे म?द् गण और
अ4नीकुमार सु?2च से पीते ह?. (६)
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1पब7?त 2मो अय?मा तना पूत?य व?णः. 1षध?थ?य जावतः.. (७)
हे सोम! प/र?कृत 1कया ?आ सोमरस तीन बरतन? म? रखा ?आ है. 2म, अय?मा और
व?ण उस को पीने कa कृपा कर?. (७)
उतो ?व?य जोषमा इ?ः सुत?य गोमतः. ातह?तेव म?स1त.. (८)
हे इं! ातः जैसे होता य? म? उपासना करने कa इ?छा रखते ह?, वैसे ही आप ातः
सोमरस को पीने कa इ?छा रखते ह?. वह प/र?कृत और गाय के ?ध म? 2मला ?आ रहता है.
(८)
ब?महाँ अ3स सूय? बडा0द?य महाँ अ3स.
मह?ते सतो म1हमा प1नम मा देव महाँ अ3स.. (९)
हे सूय?! आप महान ह?. हे काशकता?! आप महान ह?. हे ?तु?य! आप महान ह?. हम
आप कa महानता कa उपासना करते ह?. आप कa म1हमा महान है. (९)
बट् सूय? वसा महाँ अ3स सा देव महाँ अ3स.
मा देवानामसुय?ः पुरो1हतो 1वभु ?यो1तरदा?यम्.. (१०)
हे सूय?! आप का यश महान है. देव? म? आप 1वशेष महान ह?. आप तम नाशक,
देवता? के नेता ह?. आप कa ?यो1त अमर व सव?ापक है. (१०)
तीसरा खंड
उप नो ह/र4भः सुतं या1ह मदानां पते. उप नो ह/र4भः सुतम्.. (१)
हे इं! आप सोम के ?वामी ह?. आप के घोड़े मनोहर ह?. आप उन घोड़? के ?ारा इस
य? म? अव?य ही पधारने कa कृपा कa5जए. (१)
1?ता यो वृह?तमो 1वद इ?ः शत?तुः. उप नो ह/र4भः सुतम्.. (२)
हे इं! आप सैकड़? कम? करने वाले ह?. आप वृहंता ह?. आप अपने घोड़? से इस य?
म? अव?य ही पधारने कa कृपा कर?. (२)
?व 1ह वृहेषां पाता सोमानाम3स. उप नो ह/र4भः सुतम्.. (३)
हे इं! आप वृहंता एवं सोमरस पीने के इ?छुक ह?. आप अपने घोड़? से हमारे य? म?
पधारने कa कृपा कa5जए. (३)
वो महे महेवृधे भर?वं चेतसे सुम=त^ कृणु?वम्.
1वशः पूव?ः चर चष?4णाः.. (४)
हे इं! मनु?य अपने धन कa बढ़ोतरी के 3लए आप को सोमरस समIप^त करते ह?. =क^तु
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ऐसी े ाथ?ना? से आप कa उपासना करते ह?. आप जापालक ह?. आप ह1व देने वाले
यजमान? के पास पधारने कa कृपा कa5जए. (४)
उ?चसे म1हने सुवृ3?2म?ाय जनय?त 1वाः.
त?य ता1न न 2मन7?त धीराः.. (५)
हे इं! आप 1वशाल और महान ह?. यजमान आप कa ?तु1त व ह1व अIप^त करते ह?.
धीर पु?ष इं के त? को डगमगाने नह? देते ह?. (५)
इ?ं वाणीरनु?म?युमेव सा राजानं द2धरे सह?यै. हय?ाय बह?या समापीन्.. (६)
हे इं! आप सब के राजा ह?. आप के गु?से के आगे कोई नह? 0टक सकता. आप कa
उपासना करने से शु हारते ह?. हम अपने बंधुबांधव? को भी उन कa उपासना के 3लए े/रत
करते ह?. (६)
य0द? यावत??वमेतावदहमीशीय.
?तोतारम0?2धषे रदावसो न पाप?वाय र 3सषम्.. (७)
हे इं! हम भी आप के समान धनप1त होने कa इ?छा रखते ह?. आप हम यजमान? को
पोषक धन द_5जए. आप पा1पय? को धन मत द_5जए. हम उपासक आप से यही ाथ?ना
करते ह?. (७)
3श?ेय2म?महयते 0दवे0दवे राय आ कुह2च1?दे.
न 1ह ?वद?यमघव आ?यं व?यो अ9?त 1पता च न.. (८)
हे इं! हम कह? भी रह? पर आप के 3लए य? करने के 3लए समय व धन 1नकालते ह?.
आप के अलावा हमारा कोई घ1न नह? है, कोई 1पता के समान सहायक भी (पालक) नह?
है. (८)
ुधी हवं 1व1पपान?याेब?धा 1व?याच?तो मनीषाम्.
कृ?वा ?वा ?य?तमा सचेमा.. (९)
हे इं! आप हमारे आमंण को ?यान से सुनने कa कृपा कa5जए. आप ाण? व
मनी1षय? कa ाथ?ना पर ?यान द_5जए. आप हम? समान 2च? वाला मान कर हमारे अनुरोध
पर ?यान देने कa कृपा कa5जए. (९)
न ते 1गरो अ1प मृ?ये तुर?य न सुु1तमसुय??य 1व?ान्.
सदा ते नाम ?वयशो 1वव.?म.. (१०)
हे इं! हम आप का नाम (यश) बढ़ाने वाली ाथ?नाएं करते ह? (?तो गाते ह?). आप
1व?ान् ह?. आप कa शूरवीरता को हम जानते ह?. हम आप कa उपासना करना नह? छोड़
सकते. (१०)
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भू/र 1ह ते सवना मानुषेषु भू/र मनीषी हवते ?वा2मत्.
मारे अ?म?मघवं ?यो?कः.. (११)
हे इं! मनु?य आप के 3लए सोमय? करते रहे ह?. मनीषी आप के 3लए हवन भी करते
रहे ह?. य? करने वाल? को आप अपनेआप से कभी ?र मत कa5जए. (११)
चौथा खंड
ो ?व?मै पुरोरथ2म?ाय शूषमच?त.
अभीके 2च? लोककृ?स?े सम?सु वृहा.
अ?माकं बो2ध चो0दता नभ?ताम?यकेषां ?याका अ2ध ध?वसु.. (१)
हे यजमानो! आप इं के रथ के सामने उपासना क/रए. आप श3? कa उपासना
कa5जए. इं संसार के पालक, वृहंता व ेरक ह?. हमारी हाHद^क इ?छा है 1क हमारे शु?
के धनुष कa ?यंचा टूट जाए. (१)
?व ?स^धू रवासृजो ऽ धराचो अह1हम्.
अशु/र? ज3?षे 1वं पु?य3स वाय?म्.
तं ?वा प/र ?वजामहे नभ?ताम?यकेषां ?याका अ2ध ध?वसु.. (२)
हे इं! आप मेघ? को भेदते ह?. आप न0दय? के बहाव म? आने वाली ?कावट? को ?र
करते ह?. हम आप को ह1व भ?ट करते ?ए स होते ह?. हमारी इ?छा है 1क हमारे शु? के
धनुष कa ?यंचा टूट जाए. (२)
1व षु 1वा अरातयो ऽ य? नश?त नो 2धयः.
अ?ता3स शवे वधं यो न इ? 5जघा स1त.
या ते रा1तद?0दव?सु नभ?ताम?यकेषां ?याका अ2ध ध?वसु.. (३)
हे इं! हम पर आ?मण करने वाले को आप ?वयं अपने श?? से मार डालते ह?.
हमारी बु5? को आप ेरणा द_5जए. आप हम? धना0द दान कa5जए. हमारी हाHद^क इ?छा है
1क हमारे शु? के धनुष कa ?यंचा टूट जाए. (३)
रेवाँ इेवत ?तोता ?या?वावतो मघोनः े? ह/रवः सुत?य.. (४)
हे इं! आप धनवान ह?. आप के उपासक भी धनवान हो जाते ह?. आप के उपासक? को
सब कार का धन ा?त होता है. (४)
उ?थं च न श?यमानं नागो र1यरा 2चकेत. न गायं गीयमानम्.. (५)
हे इं! आप वाणी से ?तु1त न करने वाले अ?ानी के भी मन कa भावना जानते ह?.
?तु1त करने वाल? के मन कa भावना को भी जानते ह?. आप गाया जाता ?आ साम गायन भी
जानते ह?. (५)
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मा न इ? पीय?नवे मा शध?ते परा दाः. 3श?ा शचीवः शची4भः.. (६)
हे इं! आप हम? ?? और अपमान करने वाल? के भरोसे मत छो2ड़ए. आप प1व
3श?ा के ?ारा शची कa तरह प1व धन दान कa5जए. (६)
ए? या1ह ह/र4भ?प क?व?य सुु1तम्.
0दवो अमु?य शासतो 0दवं यय 0दवावसो.. (७)
हे इं! आप घोड़? के ?ारा पधा/रए. आप क?व कa ?तु1त सु1नए. हे ?वग?लोकवासी!
हम आप के राज म? सुखी ह?. (७)
अा 1व ने2मरेषामुरां न धूनुते वृकः.
0दवो अमु?य शासतो 0दवं यय 0दवावसो.. (८)
हे इं! सोम को कूटने वाले प?थर भी मानो बोलते ?ए आप को बुला रहे ह?. हे
?वग?लोकवासी! हम आप के राज म? सुखी ह?. (८)
आ ?वा ावा वद2ह सोमी घोषेण व?तु.
0दवो अमु?य शासतो 0दवं यय 0दवावसो.. (९)
हे सोम! कूटने वाला प?थर आवाज करता ?आ सोमरस 1नकाल रहा है. उस से
1नकलने वाली सोम कa धारा वैसे ही कांप रही है, जैसे भे2ड़ए के डर से भेड़ कांपती है. हम
?वग?लोकवासी इं के राज म? सुखी ह?. आप पधा/रए. (९)
पव?व सोम म?दय2?ाय मधुम?मः.. (१०)
हे सोम! आप प1व ह?. आप मदमाते ?ए इं के 3लए े रस झरने कa कृपा कa5जए.
(१०)
ते सुतासो 1वप4तः शु?ा वायुमसृ?त.. (११)
हे सोम! आप काशमान व बु5?व??क ह?. आप को वायु देव के 3लए प/र?कृत 1कया
जाता है. (११)
असृं देववीतये वाजय?तो रथा इव.. (१२)
हे सोम! आप को अ धन के इ?छुक यजमान ऐसे तैयार करते ह?, जैसे रथ को तैयार
1कया जाता है. (१२)
पांचवां खंड
अ7?न होतारं म?ये दा?व?तं वसोः सूनु सहसो जातवेदसं 1वं न जातवेदसम्.
य ऊ?व?या ?व?वरो देवो देवा?या कृपा.
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घृत?य 1वा1मनु शु?शो2चष आजुान?य सIप^षः.. (१)
हे अ7?न! आप को हम होता, धनवान, सव??ाता और ाण (य?वे?ा) मानते ह?. आप
ऊंचाई कa ओर ?वयं अपना माग? बनाते ह?. आप घी कa आ?1तय? से चमकaले हो जाते ह?.
हम आप कa उपासना करते ह?. (१)
य5जं ?वा यजमाना ?वेम ?येम2?रसां 1व म?म4भIव^े4भः शु? म?म4भः.
प/र?मान2मव ा होतारं चष?णीनाम्.
शो2च?केशं वृषणं य2ममा 1वशः ाव?तु जूतये 1वशः.. (२)
हे अ7?न! आप मनीषी ह?. ाण? ?ारा रचे गए मं? से हम य? म? आप का आान
करते ह?. आप होता, सव?ा व ऊंची लपट? वाले ह?. हम अपनी र?ा के 3लए आप कa र?ा
करते ह?. (२)
स 1ह पु? 2चदोजसा 1व??मता द_ानो भव1त mह?तरः परशुन? mह?तरः.
वीडु 2च?य समृतौ ुव?नेव य.??थरम्.
1न?षहमाणो यमते नायते ध?वासहा नायते.. (३)
हे अ7?न! परशु (फरसे) से जैसे शु? का नाश 1कया जाता है, वैसे ही आप कa
साम?य? से शु? म? भय फैल जाता है, उन का नाश हो जाता है. आप कa कृपा से 1कतना
ही बलशाली शु ?य? न हो, वह आप के वशीभूत हो जाता है. आप धनुषधारी वीर जैसे ह?.
आप प?थर जैसे कठोर शु? का भी नाश कर देते ह?. (३)
अ?ने तव वो वयो म1ह ाज?ते अच?यो 1वभावसो.
बृहद् भानो शवसा वाजमु??यां ३ दधा3स दाशुषे कवे.. (४)
हे अ7?न! आप कa ह1व सराहनीय है. आप क1व (1व?ान्) और काशमान ह?. आप कa
1वशाल लपट? सुशो4भत होती ह?. आप यजमान? को धन देते ह?. (४)
पावकवचा?ः शु?वचा? अनूनवचा? उ0दयIष^ भानुना.
पुो मातरा 1वचरुपाव3स पृण4? रोदसी उभे.. (५)
हे अ7?न! आप कa 1करण? प1व, चमकaली व खर ह?. आप सूय? जैसे उदय होते ह?,
1फर आकाश म? पूण? काशमय हो जाते ह?. माता के साथ घूमते ?ए पु कa तरह आप
यजमान? के साथ रहते ह?. (५)
ऊज? नपा?जातवेदः सुश9?त4भम??द?व धी1त4भIह^तः.
?वे इषः सं दधुभू?/रवप?स4ोतयो वामजाताः.. (६)
हे अ7?न! आप श3?मान व सव??ाता ह?. आप हमारी श9?तय? को सु1नए, हमारी सेवा
से संतु होइए. आप 1वल?ण व असं?य ?पधारी ह?. आप यजमान? ?ारा द_ गई ह1व को
हण करने कa कृपा कa5जए. (६)
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इर?य?ने थय?व ज?तु4भर?मे रायो अम?य?.
स दश?त?य वपुषो 1व राज3स पृण4? दश?तं ?तुम्.. (७)
हे अ7?न! आप अमर ह?. आप ?व3लत होइए. आप हमारे धन कa बढ़ोतरी कa5जए.
आप य? म? तेज?वी ?व?प धारण करते ह?. आप हमारे य? पर पूण? ?1 रखते ?ए सुशो4भत
होते ह?. (७)
इ?कता?रम?वर?य चेतसं ?य?त राधसो महः.
रा=त^ वाम?य सुभगां मही2मषं दधा3स सान3स र1यम्.. (८)
हे अ7?न! आप य? के कता?धता? ह?. आप 1व3श चेतना से संप ह?. आप अपार धन के
?वामी ह?. हम आप कa उपासना करते ह?. आप हम? म1हमा, सौभा?य, अ व धन दान करने
कa कृपा कa5जए. (८)
ऋतावानं म1हषं 1वदश?तम7?न सु?नाय द2धरे पुरो जनाः.
ु?कण? सथ?तमं ?वा 1गरा दैं मानुषा युगा.. (९)
हे अ7?न! आप स?यवान व 1वा ह?. आप हमारी ?तु1त सुनने वाले ह?. सु?यात व
आप 0द ह?. हम वाणी से आप कa ाथ?ना करते ह?. यजमान सुखवृ5? के 3लए आप को
1त2त करते ह?. (९)
छठा खंड
सो अ?ने तवो1त4भः सुवीरा4भ?तर1त वाजकम?4भः.
य?य ?व स?यमा1वथ.. (१)
हे अ7?न! जो आप को मैी भाव से पा लेता है, वह यजमान े वीर और े
कम?वान हो जाता है. आप कa र?ा (आशीवा?द) से उस का बेड़ा पार हो जाता है. (१)
तव ?सो नीलवा?वाश ऋ7?वय इ?धानः 3स?णवा ददे.
?वं महीनामुषसाम3स 1यः ?पो व?तुषु राज3स.. (२)
हे अ7?न! आप को सोमरस से स?चा जाता है. वह वहमान, इ.?छत व काशमान है.
उस को आप के 3लए तैयार 1कया जाता है. आप म1हमा वाली उषा दे1वय? के 1य ह?. आप
रात को व?तु? म? शो4भत होते ह?. (२)
तमोषधीद?2धरे गभ?मृ7?वयं तमापो अ7?नं जनय?त मातरः.
त2म?समानं व1नन वी?धो ऽ ?तव?ती सुवते च 1वहा.. (३)
हे अ7?न! जलधाराएं मां कa तरह आप को मानती ह?. आप को ओष2धयां गभ? म? धारण
करती ह?. वन?प1तयां आप को गभ? म? धारण करती ह? और संसार के स?मुख कट करती ह?.
(३)
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अ7?न/र?ाय पवते 0द1व शु?ो 1व राज1त। म1हषीव 1व जायते.. (४)
अ7?न इं के 3लए ?व3लत होती है. वह ?वग?लोक म? 1वशेष ?प से चमकती ?ई
शो4भत होती है. वह महारानी के समान 0दखाई देती है. (४)
यो जागार तमृचः कामय?ते यो जागार तमु सामा1न य7?त.
यो जागार तमय सोम आह तवाहम9?म स?ये ?योकाः.. (५)
जो जात ह?, ऋचाएं उन कa कामना करती ह?. जो जात ह?, उ?ह? ही सोम ा?त होते
ह?. जो जात ह?, उ?ह? से सोम कहते ह? 1क म? तु?हारा 2म ?ं. (५)
अ7?नजा?गार तमृचः कामय?ते ऽ 7?नजा?गार तमु सामा1न य7?त.
अ7?नजा?गार तमय सोम आह तवाहम9?म स?ये ?योकाः.. (६)
अ7?न जात ह?, अतः ऋचाएं उन कa कामना करती ह?, सोम उ?ह? ा?त होते ह?. अ7?न
जात ह?, अतः उ?ह? से सोम कहते ह? 1क म? तु?हारा 2म ?ं. (६)
नमः स6ख?यः पूव?सद्?यो नमः साकं1नषे?यः. यु?े वाच शतपद_म्.. (७)
य? म? शु? से 1त2त देवता? को हमारा नम?कार. 2म देवता? को नम?कार.
सैकड़? पद? वाली ऋचाएं देवता? तक प?ंचने कa कृपा कर?. (७)
यु?े वाच शतपदb गाये सहवत?1न. गायं ैुभं जगत्.. (८)
गायी, 1ुप् एवं जगती छंद म? साम? को हजार? कार से गाते ह?. सैकड़? पद? वाली
ऋचाएं देवता? के 3लए गाई जाती ह?. (८)
गायं ैुभं जग1?ा ?पा4ण स?भृता. देवा ओका 3स च1?रे.. (९)
हे अ7?न! गायी, 1ुप् और जगती छंद म? 1नब? साम? को अनेक ?प? म? (अनेक
कार से) आप के 3लए गाया जाता है. (९)
अ7?न?य?1त?य?1तर7?न/र?ो ?यो1त?य?1त/र?ः. सूय? ?यो1त?य?1तः सूय?ः.. (१०)
हे अ7?न! अ7?न ?यो1त है, ?यो1त अ7?न है. इं ?यो1त है, ?यो1त इं है. सूय? ?यो1त है,
?यो1त ही सूय? है. (१०)
पुन?जा? 1न वत??व पुनर?न इषायुषा. पुनन?ः पा हंसः.. (११)
हे अ7?न! आप ऊजा? ?प म? पधा/रए. आप हम? अ दान कa5जए. आप हम? द_घा?यु
द_5जए. आप बारबार पाप? से हम? बचाइए. (११)
सह र?या 1न वत??वा?ने 1प?व?य धारया. 1व???या 1वत?प/र.. (१२)
हे अ7?न! आप सभी धन? को साथ ले कर पधारने कa कृपा कa5जए. संसार म? आनंद
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कa धारा से हम? स?चने कa कृपा कa5जए. (१२)
सातवां खंड
य0द?ाहं यथा ?वमीशीय व?व एक इत्. ?तोता मे गोसखा ?यात्.. (१)
हे इं! आप धन के एकमा ईर ह?. हम भी आप जैसे हो जाएं तो हमारे उपासक
गाय? के साथ हमारी शंसा कर?गे. (१)
3श?ेयम?मै 0द?सेय शचीपते मनी1षणे. यदहं गोप1तः ?याम्.. (२)
हे शचीप1त (इं)! य0द हम गोप1त हो जाएं तो अपने इन मनीषी उपासक? को धन देने
कa इ?छा कर? और उ?ह? धन भी द?. (२)
धेनु इ? सूनृता यजमानाय सु?वते. गामं 1प?युषी ?हे.. (३)
हे इं! आप अपने पु यजमान? को इ पदाथ? गाय, घोड़े आ0द दान करने कa कृपा
कa5जए. (३)
आपो 1ह ा मयोभुव?ता न ऊज? दधातन. महे रणाय च?से.. (४)
हे जल! आप ऊजा? धारक व सुखदायी ह?. आप हम? संाम के 3लए बल दान करने
कa कृपा कa5जए. (४)
यो वः 3शवतमो रस?त?य भाजयतेह नः. उशती/रव मातरः.. (५)
हे जल! मां जैसे बालक को ?ध (रस) से पोसती है, उसी तरह आप अपने
क?याणकारी रस से हम? पोसने कa कृपा कa5जए. (५)
त?मा अरं गमाम वो य?य ?याय 5ज?वथ. आपो जनयथा च नः.. (६)
हे जल! आप हम? पुपौ स1हत ?यकारी रोग? को जीतने कa श3? उपजाने कa कृपा
कa5जए. (६)
वात आ वातु भेषज श?भु मयोभु नो ?दे. न आयू 1ष ता/रषत्.. (७)
हे वायु! आप पधा/रए. आप हमारे ?दय को 6खलाइए (खुश र6खए). आप हमारे 3लए
क?याणकारी ओष2धयां ले कर आइए. आप हम? द_घा?यु दान कa5जए. (७)
उत वात 1पता3स न उत ातोत नः सखा. स नो जीवातवे कृ2ध.. (८)
हे वायु! आप के 3सवाय कोई हमारा 1पता, भाई व 2म नह? है. आप हमारे जीवन को
साम?य?वान बनाने कa कृपा कa5जए. (८)
यददो वात ते गृहे ३ ऽ मृतं 1न1हतं गुहा. त?य नो धे1ह जीवसे.. (९)
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हे वायु! आप के पास गु?त ?प से अमृत है. आप हम? जीने के 3लए 2छपा कर रखा
?आ वह गु?त अमृत दान करने कa कृपा कa5जए. (९)
अ4भ वाजी 1व?पो ज1न 1हर?ययं 1बद?क सुपण?ः.
सूय??य भानुमृतुथा वसानः प/र ?वयं मेधमृो जजान.. (१०)
हे अ7?न! आप 1व?प व सुपण? (ग?ड़) जैसे वेगवान ह?. आप उ?प3? ?थान
(य?वेद_) को सोने सा चमका देते ह?. आप ऋतु के अनुकूल सूय? व मेघ को धारण करते ह?.
(१०)
अ?सु रेतः 3श4ये 1व?पं तेजः पृ3थाम2ध य?संबभूव.
अ?त/र?े ?वं म1हमानं 2ममानः क1न?7?त वृ?णो अ?य रेतः.. (११)
हे अ7?न! आप का वीय? घोड़े के वीय? कa तरह है, 1व?प है, तेजोमय है, जल म?
(बादल ?प म?) आय पाता है, पृ?वी पर जीवन श3? के ?प म? है. अंत/र? म? अपनी
ापक म1हमा को फैलाए ?ए है. वह सव? अपनी ापकता 3लए ?ए है. (११)
अय सहा प/र यु?ा वसानः सूय??य भानुं य?ो दाधार.
सहदाः शतदा भू/रदावा धता? 0दवो भुवन?य 1व?प1तः.. (१२)
हे यजमानो! अ7?न हजार? 1करण? वाले सूय? के तेज को धारण करते ह?. वे य? का मूल
आधार है. वे ?वग?लोक व पृ?वीलोक को धारण करते ह?. वे सैकड़?हजार? कार के
ऐय?दाता व 1वप1त ह?. (१२)
नाके सुपण?मुप य?पत?त ?दा वेन?तो अ?यच?त ?वा.
1हर?यप?ं व?ण?य ?तं यम?य योनौ शकुनं भुर?युम्.. (१३)
हे वेन! उपासक आप को ?दय से पाने कa इ?छा करते ह?. इस इ?छा से वे ऊपर देखते
ह?. तब वे आप को अंत/र?लोक म? अ7?न (1वुत् ?पधारी) के पास पाते ह?. आप व?ण के
?त ह?, सोने के पंख? वाले ह?, यम कa यो1न म? ह? व 1व का भरणपोषण करने वाले ह?. (१३)
ऊ?व? ग?धव? अ2ध नाके अ?था??यङ् 2चा 1बद?यायुधा1न.
वसानो अ?क सुर@भ^ ?शे क ?वा ३ ण? नाम जनत 1या4ण.. (१४)
हे वेन! आप ऊंचे ?वग?लोक के पास रहते ह?. आप अद् भुत आयुध धारण कर के
सुशो4भत होते ह?. आप सूय? कa तरह ा4णय? के 3लए जल धारण कर के उसे बरसाते ह?.
(१४)
?सः समुम4भ य.?जगा1त प?यन् गृ?य च?सा 1वधम?न्.
भानुः शु?ेण शो2चषा चकान?तृतीये च?े रज3स 1या4ण.. (१५)
हे वेन! जब आप समु के जल को ले कर 1ग? जैसी ?1 से देखते ?ए मेघ? के पास
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प?ंचते ह? तब सूय? कa तरह चमकते ?ए तीसरे लोक से ाण जल बरसाते ह?. (१५)
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इ?कeसवां अ?याय
आशुः 3शशानो वृषभो न भीमो घनाघनः ?ोभणष?णीनाम्.
सङ्??दनो ऽ 1न2मष एकवीरः शत सेना अजय?साक2म?ः.. (१)
हे इं! आप बैल कa तरह भीमकाय, ?नाशक, वै/रय? के 3लए ?ोभदायी, ?फूIत^वान
व आल?यर1हत ह?. अकेले आप ही ऐसे वीर ह?, जो सारी शु कa सेना को परा5जत कर देते
ह?. (१)
सङ्??दनेना1न2मषेण 5ज?णुना यु?कारेण ?यवनेन धृ?णुना.
त0द?ेण जयत त?सह?वं युधो नर इषुह?तेन वृ?णा.. (२)
हे इं! आप शु? को ?ंदन करा (?ला) देने वाले ह?. आप आल?यर1हत ह?. आप
1वजेता व 1नपुण ह?. यो?ा इं कa सहायता से यु? जीत कर शु? को भगाते ह?. (२)
स इषुह?तैः स 1नष2?4भव?शी स ा स युध इ?ो गणेन.
स सृ5ज?सोमपा बा?श?यू? ३ ध?वा 1त1हता4भर?ता.. (३)
इं यु? (1वा) म? द? ह?. वे सृ1 के 1वजेता, सोमरस पीने वाले, बा?बली, धनुधा?री व
शु? के नाशक ह?. वे तलवार और बाण धारण करने वाले यो?ा? के सहयोग से शु?
को वशीभूत कर लेते ह?. (३)
बृह?पते प/र द_या रथेन र?ोहा2माँ अपबाधमानः.
भ???सेनाः मृणो युधा जय?माकमे?य1वता रथानाम्.. (४)
हे इं! आप सब के पालनहार, रा?स? के नाशक, शु? के बाधक, सेना के 1व?वंसक
व हमारे रथ? के र?क ह?. यु? म? हम 1वजयी ह?. (४)
बल1व?ायः ?थ1वरः वीरः सह?वा?वाजी सहमान उः.
अ4भवीरो अ4भस?वा सहोजा जै2म? रथमा 1त गो1वत्.. (५)
हे इं! आप सब के बल को जानते ह?. आप अ?यंत वीर, ?थ1वर और उता सहन करने
वाले ह?. आप बल स1हत ही पैदा ?ए ह?. आप महावीर व गोपालक ह?. आप 1वजयी रथ म?
बैठने कa कृपा कa5जए. (५)
गो4भदं गो1वदं वबा?ं जय?तम?म मृण?तमोजसा.
इम सजाता अनु वीरय?व2म? सखायो अनु स रभ?वम्.. (६)
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हे इं! आप ??मन? के गढ़ भेद देते ह?. आप वबा?, शुनाशक, 1वजेता, गोपालक,
नेता और परा?मशील ह?. शु पर ?ोध करने म? आप इं का अनुगमन कa5जए. (६)
अ4भ गोा4ण सहसा गाहमानो ऽ दयो वीरः शतम?यु/र?ः.
?यवनः पृतनाषाडयु?यो ३ ?माक सेना अवतु यु?सु.. (७)
हे इं! आप हमारी व सेना? कa र?ा कa5जए. आप अद् भुत यु?वीर, शु5जत्, .?थर,
वीर, अनी1त के 1त ?ोधी व शु पर दया न करने वाले ह?. आप शु के गढ़ भेदने वाले ह?.
(७)
इ? आसां नेता बृह?प1तद?4?णा य?ः पुर एतु सोमः.
देवसेनानाम4भभ?तीनां जय?तीनां म?तो य??वम्.. (८)
हे इं! आप हमारे नेता होइए. बृह?प1त सब से आगे होने कa कृपा कर?. सोम द4?ण
य? के संचालक ह?. वे भी अगामी ह?. म?द् गण शुनाशक ह?. वे देवता? कa सेना म? सब
से आगे होने कa कृपा कर?. (८)
इ??य वृ?णो व?ण?य रा? आ0द?यानां म?ता शध? उम्.
महामनसां भुवन?यवानां घोषो देवानां जयतामुद?थात्.. (९)
हे इं! आप श3?मान ह?. व?ण राजा ह?. म?द् गण ती बल वाले ह?. आप शु के डेर?
के नाशक, महान मन वाले व 1वजयशील ह?. देवता? का जयघोष सव? ा?त हो, सव?
गूंजे. सभी देवता? का हम? सहयोग ा?त हो. (९)
उद् वृष?य मघवायुधा?यु?स?वनां मामकानां मना 3स.
उद् वृह?वा5जनां वा5जना?युथानां जयतां य?तु घोषाः.. (१०)
हे इं! आप ?मतावान ह?. आप अ?श?धारी यु?वीर? के मन म? उ?साह भर?. आप
हमारे मन म? भी जोश भर?. आप हमारे यु?रथ के घोड़? को वेगवान बनाइए. 1वजयी हो कर
आते ?ए हमारे रथ? के जयघोष गूंज?. (१०)
अ?माक2म?ः समृतेषु ?वजे?व?माकं या इषव?ता जय?तु.
अ?माकं वीरा उ?रे भव??व?माँ उ देवा अवता हवेषु.. (११)
हे इं! आप यु?? म? हमारी सेना के र?क होइए. हमारे बाण शु1वजय कर?. हमारे वीर
यु?? म? 1वजय ा?त कर?. य? म? देवता हमारी र?ा कर?. हमारे ?वज? पर 1वजय अं1कत हो.
(११)
असौ या सेना म?तः परेषाम?ये1त न ओजसा ?पध?माना.
तां गूहत तमसापतेन यथैतेषाम?यो अ?यं न जानात्.. (१२)
हे म?द् गणो! बल से ?पधा? करती ?ई शुसेना हम पर आ?मण करे तो आप उस सेना
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को घने अंधकार से घेर ली5जए, 5जस से वे एक?सरे को पहचान तक न सक? और अपनी ही
सेना का संहार कर द?. (१२)
अमीषां 2च?ं 1तलोभय?ती गृहाणा?ा?य?वे परे1ह.
अ4भ े1ह 1नद?ह ??सु शोकैर?धेना2मा?तमसा सच?ताम्.. (१३)
हे पाप के देवता! आप शु? के 2च? 1त लोभी बनाइए. आप शु? के अंग? को
भी कस ली5जए. आप शोक? कa ?वाला? से शु? का ?दय दहलाइए. आप घनघोर
अंधेरा कर के शु को अचेत (बेहोश) बना द_5जए. (१३)
ेता जयता नर इ?ो वः शम? य?छतु.
उा वः स?तु बाहवो ऽ नाधृ?या यथासथ.. (१४)
हे वीर मनु?यो! इं आप को सुखशां1तमय बनाने कa कृपा कर?. आप के बा? उ ह?.
आप को शु अधीन न बना सके. आप उन पर आ?मण कर के 1वजय ा?त कa5जए. (१४)
अवसृा परा पत शरे स 3शते.
ग?छा2मा? प?व मामीषां कं च नो.?छषः.. (१५)
हमारे बाण वेदमं? और ?तु1तय? से े/रत 1कए गए ह?. वे बाण जब हम छोड़? तो शु
1कतना ही ?र ?य? न हो, उस पर जा कर 1गर?. उन शु? म? से कोई भी बच न पाए. (१५)
कङ्काः सुपणा? अनु य??वेनान् गृाणाममसाव?तु सेना.
मैषां मो?यघहार ने? वया ?येनाननुसंय?तु सवा?न्.. (१६)
हे इं! बाण मांसाहारी बाज कa तरह शु? का अनुगमन (पीछा) कर?. शु? कa
सेना 1गद् ध? का भोजन हो जाए. उन का कोई अवशेष न रह पाए. पाप म? लगे पापी भी बच
न पाएं. मांसाहारी प?ी उन का भी अनुगमन (पीछा) कर?. (१६)
अ2मसेनां मघव?मां छुयतीम4भ. उभौ ता2म? वृह7?न दहतं 1त.. (१७)
हे इं! आप अ2म? कa सेना का नाश कa5जए. आप वृहंता व धनवान ह?. आप और
अ7?न 2मल कर शु? कa सेना को भ?म करने कa कृपा कर?. (१७)
य बाणाः संपत7?त कुमा? 1व3शखा इव.
त नो ण?प1तर0द1तः शम? य?छतु 1वाहा शम? य?छतु.. (१८)
जहां बाण इस तरह 1गरते ह?, जैसे 1बना चोट_ वाले चंचल बालक 1गर रहे ह?, वहां
अ0द1त और ण?प1त हम? सुख देने कa कृपा कर?. वे सदैव हमारा क?याण करने कa कृपा
कर?. (१८)
1व र?ो 1व मृधो ज1ह 1व वृ?य हनू ?ज.
1व म?यु2म? वृह2म?या4भदासतः.. (१९)
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हे इं! आप रा?स? व =ह^सक? का 1वनाश करने कa कृपा कa5जए. आप वृासुर जैसे
रा?स? कa ठोड़ी तोड़ द_5जए. आप अ2म? का ?ोध और घमंड ?र करने कa कृपा कa5जए.
(१९)
1व न इ? मृधो ज1ह नीचा य?छ पृत?यतः.
यो अ?माँ अ4भदास?यधरं गमया तमः.. (२०)
हे इं! हमारी सेना यु?? म? शु? को परा5जत कर दे. हमारे शु मुंह नीचा कर के
हमारे सामने आएं. आप उन शु? को पतन के गत? म? डाल द_5जए, जो हम? अपने अधीन
(वश म?) करना चाहते ह?. (२०)
इ??य बा? ?थ1वरौ युवानावनाधृ?यौ सुतीकावसौ.
तौ यु?ीत थमौ योग आगते या?यां 5जतमसुराणा सहो महत्.. (२१)
इं के बा? हाथी कa सूंड़ कa तरह ह?. आप सव?थम उन भुजा? को यु? म? े/रत
करने कa कृपा कa5जए. आप बल5जत्, .?थर व जवान ह?. आप पर 1कसी का वश नह? चल
सकता. (२१)
ममा?4ण ते वम?णा ?छादया2म सोम??वा राजामृतेनानु व?ताम्.
उरोव?रीयो व?ण?ते कृणोतु जय?तं ?वानु देवा मद?तु.. (२२)
हे इं! हम आप के मम? ?थान? को कवच से ढकते ह?. राजा सोम आप को अमृतमय
बनाने कa कृपा कर?. व?ण आप को सुख दान करने कa कृपा कर?. देवता आप को सता
दान कर?. (२२)
अ?धा अ2मा भवताशीषा?णो ऽ हय इव.
तेषां वो अ7?ननुाना2म?ो ह?तु वरंवरम्.. (२३)
हे इं! 3सर र1हत सांप जैसे अंधा होता है, वैसे ही हमारे अ2म हो जाएं. उन म? से जो
अ7?न कa ?वाला से बच जाएं, उन बचे ?ए शु? को आप ?वयं न करने कa कृपा
कa5जए. (२३)
यो नः ?वो ऽ रणो य 1न??ो 5जघा स1त.
देवा?त सव? धूव??तु वम? ममा?तरं शम? वम? ममा?तरम्.. (२४)
जो हमारे अपने हो कर 1वासपूव?क छल से हम? मारना चाहते ह?, देवगण उन सभी
धूत? को न करने कa कृपा कर?. वेद? के मं हमारे मम??थान के कवच ह?. वे हम? सुख दान
करने कa कृपा कर?. (२४)
मृगो न भीमः कुचरो 1ग/राः परावत आ जग?था पर?याः.
सृक स शाय प1व2म? 1त?मं 1व शूं ता0ढ 1वमृधो नुद?व.. (२५)
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हे इं! आप पव?त म? रहने वाले शेर के समान भयंकर ह?. ?र से यहां आ कर ?र तक
मारक तीखे व से शु? का नाश करने कa कृपा कa5जए. आप लड़ाकू शु? को ?र
करने कa कृपा कa5जए. (२५)
भं कण?4भः शृणुयाम देवा भं प?येमा?4भय?जाः.
.?थरैरंगै?तुुवा स?तनू4भ?शेम1ह देव1हतं यदायुः.. (२६)
हे देवगणो! आप कa कृपा से कान? से क?याणकारी वचन सुन?, आंख? से मंगलमय
??य देखने को 2मल?. हम ?व?थ हाथपैर और अंग? से आप कa ?तु1त कर सक?. आप
देवता? कa कृपा से हम? जो भी आयु ा?त ?ई है, उस का हम ?तु1तपूव?क स?पयोग कर
सक?. (२६)
?व9?त न इ?ो वृ?वाः ?व9?त नः पूषा 1ववेदाः.
?व9?त न?ता?य? अ/रने2मः ?व9?त नो बृह?प1तद?धातु.. (२७)
इं हमारा क?याण करने कa कृपा कर?. सव??ाता पूषा हमारा क?याण करने कa कृपा
कर?. अ=ह^सक अ?श? वाले ग?ड़ व ?ान धारण करने वाले बृह?प1त हमारा क?याण करने
कa कृपा कर?. (२७)
(सामवेद पूण?)
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