Sampling Method (निदर्शन )

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Sampling Method
(निदर्शन )


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निदर्शन
[ SAMPLING ]
https://tse3.mm.bing.net/th?id=OIP.ZmxsavmO4TrCRXnOOiQ5-gHaEI&pid=Api&P=0&w=3
11&h=174
द्वारा- डॉक्टर ममता उपाध्याय
एसोसिएट प्रोफेसर- राजनीति विज्ञान
कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय
बादलपुर, गौतम बुध नगर, उत्तर प्रदेश
उद्देश्य-
●सामाजिक राजनीतिक शोध की प्रविधि के रूप में निदर्शनकी उपयोगिता एवं विशेषता का ज्ञान
●निदर्शन चयन की विधियों का ज्ञान
●निदर्शन चयन की विभिन्न विधियों के गुण -दोष का तुलनात्मकविश्लेषण
●निदर्शन विधि की सीमाओं की जानकारी
सामाजिक-राजनीतिकअनुसंधानकार्यमेंतथ्योंकासंकलनदोमुख्यपद्धतियोंकेआधारपरकियाजाताहै।
येपद्धतियांहै-संगणनापद्धति[CENSUSMETHOD]औरनिदर्शनपद्धति[SAMPLINGMETHOD].
संगणनापद्धतिकेअंतर्गतअध्ययनविषयसेसंबंधितसभीइकाइयोंकाअध्ययनकियाजाताहैऔरउन्हींके
आधारपरकिन्हीनिष्कर्षोंतकपहुंचाजाताहै।निदर्शनपद्धतिमेंसभीइकाइयोंकाअध्ययननकरसंपूर्ण
अध्ययनसमूहमेंसेकुछऐसीइकाइयोंकोचुनकरअध्ययनकियाजाताहैजोसमग्रकासमुचितप्रतिनिधित्व
करसकें।शोधकार्यमेंसमयऔरधनकीबचतकीदृष्टिसेनिदर्शनपद्धतिअत्यंतउपयोगीहै,क्योंकिइसमें

अनुसंधानकर्ताअपनाध्यानसमग्रकेअध्ययनमेंनलगाकरकुछइकाइयोंपरहीकेंद्रितकरताहैऔरविषय
का गहन अध्ययन करता है।
यद्यपिनिदर्शननयानहींहै,किंतुनिदर्शनसंबंधितसिद्धांतहालहीमेंविकसितकिएगएहैं।
लोगआमजनजीवनमेंनिदर्शनकाप्रयोगपहलेसेहीकरतेरहेहैं।जैसे-एकडॉक्टररोगीकेसंपूर्णरक्तकी
जांचनकरकेरक्तकाथोड़ासानमूनालेकरउसकीजांचकरताहैऔरशरीरमेंबहरहेसंपूर्णरक्तकेविषयमें
किसीनिष्कर्षतकपहुंचताहै।सार्वजनिकजीवनसेसंबंधितबहुतसारेनिर्णयनिदर्शनकेरूपमेंचुनीगई
इकाइयोंकाअध्ययनकरकेहीलिएजातेहैं।croxtanएवंcowdonकेअनुसार,’’किसीसांख्यिकीअध्ययन
कोसमग्ररूपमेंसंपन्नकरनाअत्यधिकसमयएवंव्ययसाध्यहोसकताहै।किसीवैधनिष्कर्षतकपहुंचनेके
लिएसंपूर्णजनसंख्याकाअध्ययनकरनाआवश्यकनहींहै।हमकिसीबड़ीजनसंख्यामेंसेचुनेगएनिदर्शनके
आधार पर अध्ययन कर सकते हैं, यदि वह जनसंख्या की विशेषताओंका पर्याप्त रूप में प्रतिनिधित्व करता है। ‘’
परिभाषाएं-
निदर्शन को प्रतिदर्श, न्यादर्श, प्रतिचयन आदि कई नामोंसे जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे सेंपलिंग कहतेहैं।
पी.वी.यंगकेअनुसार,‘’एकसांख्यिकीप्रतिदर्शसंपूर्णसमूहअथवायोगकाहीएकअतिछोटेआकारकाचित्र
है। ‘’
गुड्डे एवं हट के अनुसार, ‘’ प्रतिदर्श जैसा कि नामसे स्पष्ट है एक विस्तृत समूह का छोटा प्रतिनिधि है.‘’
चैप्लिनकेअनुसार,‘’प्रतिदर्शकिसीजनसंख्याकेऐसेअंशयाभागकोकहतेहैंजोउसजनसंख्याकाप्रतिनिधि
होता है। ‘’
बोगार्डसनेनिदर्शनकोपरिभाषितकरतेहुएलिखाहैकि‘’पूर्वनिर्धारितयोजनाकेअनुसारएकसमूहमेंसे
निश्चित प्रतिशत की इकाइयों का चुनाव ही प्रतिचयन कहलाताहै। ‘’
फेयरचाइल्डकेअनुसार,‘’निदर्शनवहप्रक्रियाअथवाविधिहैजिसकेद्वाराएकविशिष्टसमग्रमेंसेनिश्चित
संख्या में व्यक्तियों ,विषय अथवा निरीक्षण को निकालाजाता है। ‘’
निदर्शन के आधार-
शोधकार्यमेंनिदर्शनपद्धतिकाउपयोगीढंगसेप्रयोगकरनेहेतुयहआवश्यकहैकिकुछनिश्चितआधारोंया
मान्यताओं को ध्यान में रखा जाए। निदर्शन के प्रमुखआधार इस प्रकार हैं-
●समग्र की एकरूपता-
शोधकार्यमेंनिदर्शनविधितभीउपयोगीहोसकतीहैजबअध्ययनकिएजानेवालेसमग्रयाव्यक्तिसमूहमें
एकरूपतापाईजातीहो।थोड़ीबहुतभिन्नतातोचलेगीकिंतुयदिज्यादातरविभिन्नइकाइयोंमेंएकरूपताहै,
तभीचयनितइकाइयांसमग्रकासमुचितप्रतिनिधित्वकरसकेंगीऔरउनकेआधारपरकियागयाअध्ययन
विश्वसनीयएवंवैज्ञानिकहोगा।आमतौरपरयहदेखाजाताहैकिभौतिकजगतकीजड़वस्तुओंमेंजोसमानता

पाईजातीहै,वहमानवीयजगतमेंनहींपाईजाती।सामाजिकघटनाओं,मनुष्यकीप्रवृत्तियों,आदतोंऔर
स्वभाव में समानता न होने के कारण निदर्शन का चुनावमुश्किल हो जाता है।
●प्रतिनिधित्व पूर्ण चयन-
निदर्शनपद्धतिकीउपयोगिताइसबातपरभीनिर्भरकरतीहैकिअध्ययनकेलिएजिनइकाइयोंकोचुनागया
है,वेसंपूर्णसमूहकीविशेषताओंकासमुचितप्रतिनिधित्वकरतीहो।1या2इकाइयोंकोनिदर्शनकेरूपमें
चुनकरकोईनिष्कर्षनहींनिकालाजासकता।प्रतिनिधित्वपूर्णनिदर्शनकेचयनकेलिएयहआवश्यकहैकि
समस्तसमूहकोकुछनिश्चितवर्गोंमेंबांटदियाजाएऔरप्रत्येकवर्गकीकुछइकाइयोंकोनिदर्शनकेरूपमें
चुन लिया जाए।
●अधिक परिशुद्धता की संभावना-
यद्यपिनिदर्शनपद्धतिकेमाध्यमसेशोधकार्यमेंशत-प्रतिशतशुद्धतालानामुश्किलहैफिरभीकोशिशयही
होनीचाहिएकिनिदर्शनअधिकसेअधिकप्रतिनिधित्वपूर्णहो।यदिनिदर्शनकाचुनावठीकढंगसेकरलिया
जाताहैतोउसकीसत्यताकीसंभावनाबढ़जातीहै।अर्थातयहनहींकहाजासकताकिनिदर्शनपद्धतिके
प्रयोगसेशोधकेनिष्कर्षोंमेंवैसीसत्यतानहींहोती,जैसीजनगणनापद्धतिमेंदेखनेकोमिलतीहै।जैसे-
कोविड-19महामारीकीस्थितिमेंरोगियोंकीमनःस्थितिकोज्ञातकरनेकेलिएयदिकोईशोधकर्तादेशके
सभीरोगियोंकाअध्ययनकरताहैऔरदूसराशोधकर्ताकुछचुनेहुएरोगियोंकीमनःस्थितिकाअध्ययनकरता
है,तोभीदोनोंकेनिष्कर्षोंमेंबहुतज्यादाभिन्नतानहींहोगी।निदर्शनकेरूपमेंजिनरोगियोंकाचयनकिया
जाएगा, वे कमोबेश सभी रोगियों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अच्छे निदर्शन की विशेषताएं
सामान्यतया एक अच्छे निदर्शन में निम्नांकित विशेषताएंपाई जाती है-
●जनसंख्या का समुचित प्रतिनिधित्व -
अच्छेनिदर्शनमेंप्रतिनिधित्व कागुणपायाजाताहै।निदर्शनकेप्रतिनिधित्व पूर्णहोनेका
तात्पर्यहैकिउसमेंवेसभीविशेषताएंहोनीचाहिए जोसमग्रजनसंख्या मेंपाईजातीहै।लुंडवर्गके
अनुसारनिदर्शनकेप्रतिनिधित्वप ूर्णहोनेकेलिएआवश्यक हैकिसमस्त कीसभीइकाइयों मेंसमानता
पाईजातीहोऔरदूसरेनिदर्शनकेचयनकेलिएऐसीविधिकाप्रयोगकियाजाएताकिज्यादासे
ज्यादा प्रतिनिधित्व पूर्ण निदर्शन चयनित हो सके।
●उचित आकार-
निदर्शनकीसफलताउसकेउचित आकारपरभीनिर्भरकरतीहै,अर्थातनिदर्शनकेलिएचयनित
इकाइयांनतोसंख्यामेंइतनीकमहोनीचाहिएकिसमग्रकासमुचितप्रतिनिधित्व हीनहोसकेऔर
नहीइतनीज्यादाहोनीचाहिएकिउनसेतथ्यसंकलित करनाऔरविश्लेषणकरनामुश्किल होजाए।
हालांकि यंगनेइससंबंधमेंलिखाहैकि‘’निदर्शनकाआकारउसकेप्रतिनिधित्व काआवश्यक बीमा

नहींहै।सापेक्षिकरूपसेउचितप्रकारसेचुनेगएछोटेप्रतिदर्शअनुचितप्रकारसेचुनेगएबड़ेप्रतिदर्श
की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय हो सकते हैं। ‘’
●इकाइयों के चुने जाने की समान संभावना-
अच्छेनिदर्शनकेलिएयहभीआवश्यक हैकिजिससमग्रसेनिदर्शनकाचयनकियाजानाहै,उसकी
प्रत्येकइकाईकोचुनेजानेकासमानअवसरमिलनाचाहिए। तभीकिसीतरहसेपक्षपातसेबचाजा
सकता है और निदर्शन प्रतिनिधित्व पूर्ण हो सकता है।
●निष्पक्षता -
निदर्शनकाचयनकरतेसमयशोधकर्ताकोकिसीतरहकेपूर्वाग्रह यापक्षपातसेमुक्तहोकरकार्य
करनाचाहिए। इकाइयों काचयनकरतेसमयउसकेस्वार्थ,रुचियां,अभिवृत्तियाआदिहावीनहींहोनी
चाहिए,अन्यथानिदर्शनत्रुटिपूर्णहोगाऔरउसकेआधारपरजोअध्ययन केपरिणामप्राप्तकिएजाएंगे
वे भी त्रुटिपूर्ण होंगे।
●उचित अनुपात -
समग्रकीविभिन्न इकाइयों मेंजिसअनुपातमेंसमानताऔरभिन्नता पाईजातीहै,उसीअनुपातमें
निदर्शनकाचयनकियाजानाचाहिए। जनसंख्या मेंजिसअनुपातमेंस्त्री-पुरुष,छात्र-छात्राएं,विभिन्न
आय वर्ग के लोग हैं, उसी अनुपात में निदर्शन के रूपमें भी उनका चयन होना चाहिए।
●अनुसंधान के उद्देश्यों के अनुरूप-
निदर्शनकाचयनकरतेसमयअध्ययन केउद्देश्यकोध्यानमेंरखाजानाचाहिए अन्यथावहव्यर्थ
साबित होगा।जैसे-यदिकोईशोधकर्ताछात्रोंकीसमस्याओ ंकाअध्ययन करनाचाहताहै,तोउसेछात्रों
केसमूहमेंसेहीनिदर्शनकाचयनकरनाहोगा,नौकरीप ेशावर्गकेलोगोंकाचयनउसकेलिएनिरर्थक
साबित होगा ।
● समय एवं संसाधनों की बचत करने वाला-
एकअच्छानिदर्शनसमय,श्रमतथाधनकीदृष्टिसेकमखर्चीला होनाचाहिए औरइसदृष्टिसे
निदर्शनकाछोटाहोनाआवश्यक है।फिरभीवहइतनाछोटाभीनहींहोनाचाहिएकिसमग्रकीसभी
विशेषताओं को अपने अंदर समाहित कर सकें।
मिलड्रेडपारटेनअच्छेनिदर्शनकीविशेषताओंकाउल्लेखकरतेहुएलिखाहैकि‘’एकसर्वेक्षणमेंवह
निदर्शनउत्तमहोताहैजोकुशलता,प्रतिनिधित्व ,विश्वसनीयता तथालोचशीलताकीआवश्यकताओ ं
कीपूर्तिकरताहो।अनावश्यकव्ययसेबचनेकीदृष्टिसेनिदर्शनकोपर्याप्त छोटाहोनाचाहिए तथा
असह्य त्रुटि को दूर करने के लिए इसे पर्याप्त बड़ाभी होना चाहिए। ‘’

निदर्शन पद्धति के गुण
सामाजिक वराजनीतिक शोधकार्यमेंनिदर्शनपद्धति अपनेगुणोंकेकारणलोकप्रिय होतीजारही
है।गुडेएवंहटनेइसकेगुणोंकावर्णनकरतेहुएलिखाहै,‘’निदर्शनवैज्ञानिक कार्यकर्ताकेसमयकी
बचतकरकेकार्यकोअधिक वैज्ञानिकरूपसेप्रदानकरताहै।किसीएकदृष्टिकोण सेएकत्रित सामग्री
केविश्लेषणपरअधिक घंटेव्ययकरनेकीअपेक्षावहसमग्रकोविभिन्नदृष्टिकोणों सेपरीक्षा करनेमें
प्रयोगकरसकताहै।दूसरेशब्दोंमें,वहथोड़ेसेसमयमेअधिक काअध्ययन करसकताहै।निदर्शन
पद्धति के गुण निम्नवत हैं -
1.समय और धन की बचत
-निदर्शनपद्धति कासबसेबड़ागुणयहहैकिशोधकर्ताकेसमयकीबचतकरताहैक्योंकिअध्ययन
केलिएथोड़ीसीइकाइयांचुनीजातीहैजिनसेतथ्योंकासंकलनकरउनकेविश्लेषणकेआधारपर
किसीनिष्कर्षपरपहुंचाजाताहै।जबकिसीअध्ययन केविषयमेंत्वरित परिणामप्राप्तकरनाहै,तो
यहपद्धति अत्यंतसहायकहोतीहै।थोड़ी सीइकाइयों काअध्ययन करनेकेकारणतथ्यसंकलनके
दौरान होने वाले अत्यधिक व्यय से भी बचा जा सकता है।
2.गहन अध्ययन-
अध्ययन कीइकाइयों कीसंख्याकमहोनेकेकारणइसपद्धति केद्वाराकिसीविषयकेसंबंधमें
गहनऔरविस्तृतअध्ययन करनासंभवहोताहै।यदिबहुतसारीइकाइयों काएकसाथअध्ययन
कियाजाएतोस्वाभाविकरूपसेसमयऔरसंसाधनों कीसीमाकोध्यानमेंरखतेहुएउनकाविस्तृत
अध्ययन संभव नहीं हो सकता, जबकि निदर्शन पद्धति कोअपनाने से ऐसा करना संभव हो पाता है।
3.व्यावहारिक दृष्टि से उपयोगी-
व्यावहारिकदृष्टिसेसंपूर्णजनसंख्या परआधारित अध्ययन अत्यंतकठिन होताहै।अतःजनसंख्या
केसंबंधमेंसहीसूचनाएंप्राप्तकरनेकेलिएनिदर्शनसबसेउपयुक्तहोताहै।साथहीयहपद्धति
शोधकर्ताकेलिएबहुतसेसुविधाजनक होतीहैक्योंकिउसेसीमित इकाइयों केअध्ययन परध्यान
केंद्रित करना होता है।
4.प्रयोगात्मक अध्ययनों में उपयुक्त-
सामाजिकविज्ञानमेंप्रयोगात्मक अध्ययन करनेकेलिएप्रायोगिक दशाओंमेंछोटेसमूहकोअध्ययन
के लिए चुना जाता है, ऐसी स्थिति में निदर्शन का चयनअध्ययन को सहज बना देता है।
5.जनगणना पद्धति की कठिनाइयों से मुक्ति-
जबकोईजनसंख्या भौगोलिकदृष्टिसेबड़ेक्षेत्रमेंफैलीहुईहोतीहैतोऐसीस्थितिमेंजनगणनाविधि
सेभीउसकाअध्ययन करनेमेंकठिनाई आतीहै।शोधकर्ताकोसंपूर्णजनसंख्या सेसंपर्कस्थापित

करनेमेंएकओरसमय,श्रमऔरधनकाव्ययकरनाहोताहै,तोदूसरीओरनानाकारणोंसेवास्तविक
तथ्योंकोज्ञातकरपानाउसकेलिएकठिन होजाताहै,जबकिऐसीस्थितिमेंनिदर्शनपद्धति बहुत
अधिक उपयोगी सिद्ध होती है।
6.वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक विश्वसनीय एवं बोधगम्य -
निदर्शनपद्धति केअंतर्गततथ्योंकेसंकलनकीजोविधियांअपनाईजातीहै,वेवैज्ञानिकसिद्धांतों
परआधारित होतीहैंऔरजिनकेपरिणामों कीपरीक्षा कीजासकतीहै,अतःनिदर्शनपद्धति को
वैज्ञानिक अध्ययन कीदृष्टिसेअत्यधिक उपयोगीऔरविश्वसनीय मानाजाताहैक्योंकिइसकेअंतर्गत
परिणामों कीविश्वसनीयता कीव्याख्या संभावनासिद्धांतकेआधारपरकीजासकतीहै।तार्किक
आधार पर निदर्शन का चयन करने के कारण अध्ययन के परिणामअत्यधिक शुद्ध होते हैं।
निदर्शन पद्धति के दोष-
निदर्शनपद्धतिमेंनिहितअनेकगुणोंकेसाथइसमेंकुछदोषभीहै।कुछसीमाओंकेअंतर्गत
रहते हुए ही इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके प्रमुखदोष निम्नलिखित है-
1.प्रतिनिधित्व पूर्ण निदर्शन की समस्या-
निदर्शनपद्धतिकेआधारपरअध्ययनकरनेकासबसेबड़ाअवगुणयहहैकिसमग्रका
समुचितप्रतिनिधित्वकरनेवालीइकाइयोंकानिदर्शनकेरूपमेंचयनअत्यंतकठिनहै,
क्योंकिसामाजिकऔरराजनीतिकइकाइयोंमेंभिन्नताबहुतअधिकहोतीहैऔरजितनी
ज्यादाभिन्नताहोगीउतनाहीप्रतिनिधित्वपूर्णनिदर्शनकाचुनावकरनाकठिनहोगाऔरजब
निदर्शनप्रतिनिधित्वपूर्णनहींहोगातोउसकेआधारपरनिकालेगएनिष्कर्षविश्वसनीयएवं
प्रामाणिकनहींहोंगे।प्रतिनिधित्वपूर्णनिदर्शनकेचयनकेलिएआवश्यकहैकीनिदर्शनके
चयन की पद्धति का सोच समझकर प्रयोग किया जाए।
२.पक्षपात की आशंका-
शोधकीअन्यविधियोंकेसमाननिदर्शनपद्धतिमेंभीइसबातकीसंभावनाबनीरहतीहैकि
शोधकर्ताकीरुचि,इच्छाएं,व्यक्तिगतपसंद-नापसंदउसकेद्वारानिदर्शनचयनकीप्रक्रिया
कोप्रभावितकरेंगे।पक्षपातपूर्णढंगसेकियागयानिदर्शनकाचयनउसकीप्रतिनिधित्वपूर्ण
होने की संभावना को समाप्त कर देता है।
3.आधारभूत एवं विशेष तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता-
निदर्शनविधिकाप्रयोगसामान्यशोधकर्ताओंकेद्वारानहींकियाजासकता,क्योंकिइसके
लिएसंपूर्णसमुदायकीप्रकृतिऔरउसकीआधारभूतविशेषताओंकीजानकारीशोधकर्ताके

लिएआवश्यकहोतीहै।प्रतिनिधित्वपूर्णनिदर्शनकेचयनकेलिएधैर्य,ज्ञान,सूझबूझऔर
अनुभवकीआवश्यकताहोतीहैऔरयहगुणसभीशोधकर्ताओंमेंनहींपाएजाते,अतःअक्सर
सामाजिक-राजनीतिकक्षेत्रकेअंतर्गतगलतनिदर्शनचुनलिएजातेहैं,जिनकादुष्प्रभाव
अध्ययन के निष्कर्षों पर पड़ता है ।
४.निदर्शन की इकाइयों की अस्थिरता-
निदर्शनपद्धतिकाएकबड़ादोषयहभीहैकिजिनइकाइयोंकानिदर्शनकेरूपमेंचयनकिया
जाताहै,वहअस्थिरहोतीहै।कुछलोगमिलनेकासमयदेनेपरभीनहींमिलपाते,कुछ
अपनाआवासबदलदेतेहैंऔरकुछनानाकारणोंसेसूचनादेनेसेमनाकरदेतेहैं।क्योंकि
निदर्शनकेरूपमेंचयनितप्रत्येकइकाईमहत्वपूर्णहोतीहै,ऐसीस्थितिमेंतथ्यसंकलन
करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
५.व्यावहारिक कठिनाइयां-
अच्छेनिदर्शनकेचयनमेंशोधकर्ताकोकईव्यावहारिककठिनाइयोंकासामनाकरनापड़ता
है।जैसे-निदर्शनकितनीसंख्यामेंचुनेजाएं,निदर्शनचयनकेलिएकिसविधिकाप्रयोग
किया जाए, इत्यादि।
शोधकर्ताकादायित्वबनताहैकिवहनिदर्शनपद्धतिकेइनदोषोंकोदूरकरनेकायथासंभव
प्रयत्न करें, ताकि उपयोगी तथ्यों का संकलन उसे वैज्ञानिकनिष्कर्षों तक पहुंचा सके।
निदर्शन की विधियां या प्रकार

https://st3.depositphotos.com/1701169/13374/v/450/depositphotos_1337494
28-stock-illustration-classification-of-sampling-methods-in.jpg
निदर्शनकेचयनहेतुअनेकविधियांउपलब्धहै,जिनकाप्रयोगकरकेप्रतिनिधित्वपूर्ण
निदर्शन का चुनाव किया जा सकता है। कुछ प्रमुख विधियांइस प्रकार है-
1.दैव या संयोग निदर्शन पद्धति[ Random Sampling]
इसविधिकेअनुसारसंपूर्णअध्ययनसमूहमेंसेआवश्यकतानुसारनिदर्शनकाचुनाव
आकस्मिकढंगसेबिनाकिसीयोजनाकेकियाजाताहै।इसविधिमेंप्रत्येकइकाईकोचुने

जानेकासमानअवसरप्राप्तहोताहै,इसलिएइसेनिष्पक्षविधिकहाजाताहै।यूलतथाकेंडाल
केअनुसार,‘’जबसमग्रकीप्रत्येकइकाईकोनिदर्शनमेंसम्मिलितहोनेकेसमानअवसरहो
तबसमग्रसेइकाईकाचयनदैवनिदर्शनहै।‘’देवनिदर्शनपद्धतिकेअनुसारनिदर्शनके
चयन हेतु निम्नांकित विधियों को प्रयोग में लाया जाताहै-
1.लाटरी विधि-[ Lottery Method]
निदर्शनकेचयनकीयहसबसेसहजविधिहै।इसविधिकेअंतर्गतसमग्रकीसभीइकाइयों
कोपरिभाषितकरतेहुएइकाइयोंकेनामऔरक्रमसंख्याअलग-अलगकागजकेटुकड़ोंपर
लिखकरचिटबनालेतेहैं।सभीचिट्सकोएकडिब्बेमेंरखकरअच्छीतरहहिलातेहैंऔर
फिरआवश्यकतानुसारनिश्चितसंख्यामेंडिब्बेमेंसेचिट्सकोआंखबंदकरउठालेतेहैं।यह
विधिनिष्पक्षहोनेकेकारणअक्सरसरकारीयोजनाओंकेअंतर्गतवस्तुओंएवंसुविधाओंके
आवंटन में इसका प्रयोग किया जाता है।
२.कार्ड या टिकट प्रणाली-[Card or Ticket Method ]
लॉटरीविधिकेसमानहीइसमेंभीसमग्रकीसभीइकाइयोंकानामऔरनंबरकार्डपरलिखकर
उसेड्रममेंभरकरअच्छीतरहहिलातेहुएजितनीइकाइयांचुनीजानीहैउतनेकार्डशोधकर्ताके
द्वाराउठालिएजातेहैं।कार्डकोएक-एककरकेउठायाजाताहैऔरप्रत्येकबारड्रमकोअच्छी
तरह से हिलाया जाता है ताकि प्रत्येक इकाई को चुनेजाने की संभावना बनी रहे।
3.नियमित अंकन प्रणाली-[ Regular marking method ]
इसविधिकेअंतर्गतसमग्रकीस्थितिइकाइयोंकीक्रमसंख्याडालतेहुएउनकीएकसूचीबना
लीजातीहैऔरफिरउससूचीमेंनियमितढंगसेइकाइयोंपरनिशानलगातेहुएनिदर्शनके
रूपमेंउनकाचयनकरलियाजाताहै।जैसे-यदिसूचीमें100इकाइयांसम्मिलितहै,तो
नियमितरूपसेकिसीएकसंख्यासेप्रारंभकर,510,15याअन्यकिसीअंककोनियमितकर
अगली संख्या चुन ली जाएगी।
४.अनियमित अंकन प्रणाली - [ Irregular marking method]
इसप्रणालीमेंभीइकाइयोंकीसूचीबनाकरप्रथमऔरअंतिमअंकोकोछोड़करशेषबची
इकाइयोंकीसूचीमेंअध्ययनकरताअनियमितढंगसेउतनीनिशानलगालेताहैजितने
निदर्शन का चयन करना है। इस पद्धति में पक्षपात होनेकी संभावना रहती है।
५ ।टिप्पेट प्रणाली-[ Tippet Method]
प्रोफ़ेसरटिप्पेटनेदेवनिदर्शनप्रणालीकेप्रयोगहेतु4अंकोवाली10400संख्याओंसेयुक्त
एकसूचीबनाईथी।इनसंख्याओंकोबिनाकिसीक्रमकेकईपृष्ठोंपरलिखागयाहै।यदि

किसीशोधकर्ताकोनिदर्शनकाचयनकरनाहैतोवहइससूचीकेकिसीभीपृष्ठकोखोलेगा
औरपृष्ठपरअंकितसंख्याओंकेदाहिनीऔरवर्णितउनकोवालीसंख्याकोनिदर्शनकेरूपमें
चुनलेगा।इसमेंशोधकर्ताकोध्यानमेंरखनाहोताहैकियदिएकहीसंख्यादोबाराआतीहै,तो
उसे छोड़कर अगली संख्या का चुनाव करें।
टिप्पेट की संख्याओं की सूची का एक नमूना इस प्रकारहै-
2 ९५२ ६६४१ ३९९२ ९७९२ ७९७९ ५९११
४१६७ ९५२४ १५४५ १३९६ ७२०३ ५३५६
२३७० ७४८३ ३४०८ २७६२ ३५६३ १०८९
०५६० ५२४६ १११२ ६१०७ ६००८ ८१२६
२७५४ ९१४३ १४०५ ९०२५ ७००२ ६१११
6.ग्रिड प्रणाली [ Grid Method ]
विशालभौगोलिकक्षेत्रकेअध्ययनहेतुइसप्रणालीकाप्रयोगकियाजाताहै।जिसक्षेत्रका
अध्ययनकियाजानाहै,पहलेउसकाभौगोलिकमानचित्रतैयारकियाजाताहै।निदर्शनके
चयनहेतुपारदर्शीपदार्थकीमानचित्रकेबराबरकेआकारकीभक्तिलीजातीहैजिसपर
वर्गाकारखानेबनेहोतेहैं,प्रत्येकखानेपरएकनंबरलिखाहोताहै।जितनीसंख्यामेंनिदर्शन
चुनेजानेहैं,उतनीसंख्याओंपरनिशानलगायाजाताहै।उससंख्याकेनीचेमानचित्रपरजो
क्षेत्र है, वह निदर्शन की इकाई होता है।
दैव निदर्शन प्रणाली के दोष-
यद्यपिदैवनिदर्शनप्रणालीकोपक्षपातमुक्तमानाजाताहै,किंतुइसप्रणालीमेंभीकुछदोष
पाए जाते हैं। जैसे-
●इसविधिसेनिदर्शनकेचयनहेतुसमग्रकीसभीइकाइयोंकीसूचीतैयारकीजातीहै
,जहां सूची बनाना संभव न हो वहां इस विधि का प्रयोगनहीं किया जा सकता है।
●यदिजनसंख्यामेंबहुतविविधताहोतोवहांइसविधिकाप्रयोगनहींकियाजासकता
क्योंकि ऐसा करने से प्रतिनिधित्व पूर्ण निदर्शन काचुनाव मुश्किल हो जाता है।
●इसविधिकेअंतर्गतएकबारचुनीगईइकाइयोंमेंकोईसंशोधननहींकियाजासकता,
ऐसीस्थितिमेंयदिकिसीइकाईसेसंपर्ककरनाकिन्हीकारणोंसेसंभवनहोतो
शोधकर्ता के लिए मुश्किल हो जाती है।

दैव निदर्शन के प्रयोग में सावधानियां
●जनसंख्या की प्रत्येक इकाई के गुण एक समान होने चाहिए।
●समग्र की इकाइयों की संख्या ज्ञात होनी चाहिए।
●प्रत्येक इकाई स्वतंत्र होनी चाहिए।
●एकइकाईकेचयनकादूसरीइकाईकेचयनपरप्रभावनहींपड़नाचाहिएअर्थातप्रत्येक
इकाई को चुने जाने का समान अवसर प्राप्त होना चाहिए।
●किसी चुनी हुई इकाई के स्थान पर दूसरी इकाई को नहींरखना चाहिए।
2.उद्देश्य पूर्ण निदर्शन -[Purposive Sampling Method]
जबशोधकर्ताकेद्वाराअध्ययनकेउद्देश्यकोध्यानमेंरखतेहुएसोचविचारकरसमग्रसमूह
मेंसेनिदर्शनकाचुनावअपनीइच्छाअनुसारकियाजाताहै,तोउसेउद्देश्यपूर्णया
सुविचारितनिदर्शनकहतेहै।जहोंदातथाकुकनेइससंबंधमेंलिखाहैकि‘’उद्देश्यपूर्ण
निदर्शनकेपीछेआधारभूतमान्यताहोतीहैकिउचितनिर्णयतथाउपयुक्तकुशलताकेसाथ
अध्ययनकर्तानिदर्शनमेंसम्मिलितकरनेहेतुउनमामलोंकोचुनसकताहैऔरइसप्रकार
ऐसेनिदर्शनोंकाविकासकरसकताहैजोउसकीआवश्यकताओंकेअनुसारसंतोषजनकहै।‘’जे
.पी.गिलफोर्डकेअनुसार,’’उद्देश्यपूर्णप्रतिदर्शएकस्वेच्छानुसारचयनकियागयाप्रतिदर्श
होताहै।इससंबंधमेंइसतथ्यकाठोसप्रमाणरहताहैकिऐसाप्रतिदर्शसंपूर्णसमग्रका
पूर्णरूपेण प्रतिनिधित्व करता है। ‘’
गुण या विशेषताएं-
●अध्ययन कर्ता के उद्देश्य के अनुरूप सार्थक निदर्शनका चुनाव होता है।
●समग्रकीसभीइकाइयोंसेअनुसंधानकर्तापहलेसेहीपरिचितहोताहै,इसलिए
प्रतिनिधित्वपूर्ण निदर्शन का चयन संभव होता है।
●निदर्शनकाआकारअपेक्षाकृतछोटाहोनेकेकारणशोधकार्यकमखर्चीलाहोताहैऔर
समय की भी बचत होती है।
●यहप्रणालीतबऔरउपयोगीहोजातीहैजबसमग्रकीकुछइकाइयांविशेषरूपसे
महत्वपूर्ण होती है।
दोष -

मात्रात्मकशोधकेपक्षधरउद्देश्यपूर्णनिदर्शनकोव्यर्थसमझतेहैं।नेमेनएवंस्नेडेकोरजैसे
विद्वान इसमें निम्नांकित दोष देखते हैं-
●इसप्रकारकेनिदर्शनकाचुनावचूँकिअध्ययनकर्तास्वतंत्ररूपसेकरताहै,इसलिए
ऐसा निदर्शन पक्षपातपूर्ण हो सकता है।
●इस प्रणाली में निदर्शन की अशुद्धियों का पता नहींलगाया जा सकता।
●इसप्रणालीमेंऐसामानाजाताहैकिअध्ययनकर्ताकोसमग्रकीसभीइकाइयोंकी
जानकारीपहलेसेहोतीहै,लेकिनव्यवहारमेंऐसासंभवनहींहोताकिशोधकर्ताको
समग्र की सभी इकाइयों के विषय में संपूर्ण जानकारी हो।
3. वर्गीय निदर्शन- [ Stratified Sampling]
निदर्शनकीइसविधिमेंसमग्रसमूहकोकईएकसमानवर्गोंमेंबांटकरप्रत्येकवर्गमेंसेएक
निश्चितसंख्यामेंइकाइयांदैवनिदर्शनकेआधारपरचुनीजातीहै।अनुसंधानकर्तासमग्रकी
सभीविशेषताओंकेबारेमेंजानकारीप्राप्तकरलेताहैऔरइसजानकारीकेआधारपरहीवह
संपूर्णमेंसमग्रकोकईवर्गोंमेंबांटताहै।किंतुप्रत्येकवर्गसेनिदर्शनकाचयनकरतेसमययह
ध्यानरखनाचाहिएकिप्रत्येकवर्गसेउतनीहीइकाईअलीजाएंजिसअनुपातमेंवर्गकीसभी
इकाइयांसंपूर्णसमूहमेंहै।जैसेयदिकिसीक्षेत्रमेंनिवासकरनेवालीजनसंख्यामें100
किसान80अध्यापक70डॉक्टरऔर40फोरमैनहैऔरयदि10प्रतिशतनिदर्शनकाचयन
करना है, तो 10 किसान, 8 अध्यापक, 7 डॉक्टर और चार फोरमैनका चुनाव करना होगा।
प्रकार-
1. समानुपातिक वर्गीय निदर्शन[Proportionate]
जबसमग्रकेप्रत्येकवर्गमेंसेनिदर्शनकाचुनावउसकीजनसंख्याकेअनुपातमेंकियाजाता
है, तो वह समानुपातिक निदर्शन कहलाता है।
2.असमानुपातिकनिदर्शन-प्रत्येकवर्गमेंसेनिदर्शनकाचुनावसमानसंख्यामेंकियाजाता
है, चाहे समग्र में उनकी जनसंख्या कितनी भी हो, तो उसेअसमानुपातिक निदर्शन कहते हैं।
3. भार युक्त वर्गीय निदर्शन-[ Weighted StratifiedSampling]
जबसमग्रकेसभीवर्गोंमेंसेनिदर्शनकाचुनावसमानसंख्यामेंकियाजाताहै,किंतुचुनेजाने
केबादअधिकसंख्यावालेवर्गोंकीइकाइयोंकोभारदेकरउनकाप्रभावबढ़ादियाजाताहै,तो
इसे भार युक्त वर्गीय निदर्शन प्रणाली कहते हैं।

गुण -
●समग्रकेप्रत्येकवर्गकोनिदर्शनमेंस्थानप्राप्तहोपाताहै,जिससेवहप्रतिनिधित्व
पूर्ण बन जाता है।
●क्षेत्रीयआधारपरवर्गीकरणकरनेसेइकाइयोंसेसंपर्कआसानीसेस्थापितकियाजा
सकता है जिससे समय और धन की बचत होती है।
●इसप्रणालीमेंइकाईयोंमेंआवश्यकतानुसारबदलावकीसुविधारहतीहै।यदिकिसी
इकाईसेसंपर्कस्थापितनहींकियाजासकतातोउसकेस्थानपरउसीवर्गकादूसरा
व्यक्ति लिया जा सकता है। इससे परिणामों पर कोई प्रतिकूलअसर नहीं पड़ता।
दोष-
●निदर्शनचुनतेसमयसमग्रकेकिसीएकवर्गकोअत्यधिकयाकममहत्वदिएजानेसे
गैर प्रतिनिधित्वपूर्ण निदर्शन के चुनाव की समस्याआती है।
●यदिसमग्रकेविभिन्नवर्गोंमेंआकारकीदृष्टिसेअधिकभिन्नताहै,तोसमानुपातिक
वर्गीय निदर्शन के आधार पर चुनाव करना उपयुक्त नहींहोगा।
●निदर्शन को भारयुक्त बनाते समय अध्ययनकर्ता का पक्षपातसम्मिलित हो सकता है।
●कईबारसमग्रकीकुछइकाइयांऐसीहोतीहैजिन्हेंकिसीभीवर्गमेंनहींरखाजासकता
याउनकीसंख्याइतनीकमहोतीहै,किउन्हेंवर्गीकृतनहींकियाजासकता।इकाइयोंमें
स्पष्टताकेअभावमेंशोधकर्ताकोकठिनाईकासामनाकरनापड़ताहैकिकिसआधार
पर वह निदर्शन का चुनाव करें।
सावधानियां-
●अनुसंधानकर्ताकोसमग्रकेगुणोंकाज्ञानहोनाचाहिएअन्यथावहवर्गोंके
विभाजन में कई गलतियां कर सकता है।
●प्रत्येकवर्गसेउतनीहीइकाइयांचुननीचाहिएजितनाअनुपातउनकासमग्रमें
है।
●एकवर्गमेंसम्मिलितइकाइयोंमेंएकरूपताहोनीचाहिए,वर्गोंकानिर्माण
सावधानी से किया जाना चाहिए।
●वर्गोंकाविभाजनसुनिश्चितएवंस्पष्टहोनाचाहिएताकिसंपूर्णसमूहकीसभी
इकाइयां किसी न किसी वर्ग में सम्मिलित हो जाए।
4. क्षेत्रीय निदर्शन प्रणाली [ Area SamplingMethod ] -

निदर्शनकीइसविधिकेअंतर्गतअध्ययनविषयसेसंबंधितछोटे-छोटेक्षेत्रोंमेंसेकिसी
एककाचयनकरलियाजाताहैऔरउसक्षेत्रमेंरहनेवालेसभीलोगोंकासंपूर्णअध्ययनकिया
जाताहै।क्षेत्रकाचुनावशोधकर्ताअपनीइच्छाअनुसारकरताहै।जैसे-गौतमबुद्धनगर
जिलेकीदादरीतहसीलमेंकिसानोंकीसमस्याओंकाअध्ययनकरनेकेलिएदादरीतहसीलके
किसानोंकोनिदर्शनकेरूपमेंचुनाजाएगा।इसविधिमेंइकाइयोंकेएकसमूहकाअध्ययन
कियाजाताहैइसलिएइसेसंभागनिदर्शन[ClusterSampling]भीकहतेहैं।मोजरएवं
कलटनकेशब्दोंमें,जबइकाइयोंकीसंपूर्णसमूहकोहीनिदर्शनकेरूपमेंचुनलियाजाताहै,
तबयहचयनप्रक्रिया‘संभागनिदर्शन’कहलातीहै।निदर्शनकीइसविधिकाप्रयोगअक्सर
कृषि क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों एवं जनसंख्या काअध्ययन करने के लिए किया जाता है।
5. बहुस्तरीय निदर्शन प्रणाली-[ Multistage SamplingMethod]
●बहुतबड़ीजनसंख्यायाक्षेत्रसेनिदर्शनकाचुनावकरनेकेलिएइसविधिकाप्रयोग
कियाजाताहै.इसप्रणालीमेंसबसेपहलेजनसंख्याकोकईस्तरोंपरबांटाजाताहैऔर
प्रत्येकस्तरपरनिश्चितअनुपातकेअनुसारनिदर्शनकाचुनावकियाजाताहै.कई
स्तरोंपरनिदर्शनकाचुनावकरनेकेकारणइसेबहुस्तरीयनिदर्शनप्रणालीकहतेहैं.
जैसे-उत्तरप्रदेशमेंउच्चशिक्षासंबंधीअध्ययनकेलिएनिदर्शनकाचुनावकरनेहेतु
सभीउच्चशिक्षणसंस्थाओंकोनिम्नांकितस्तरोंमेंवर्गीकृतकियाजाएगाप्रत्येकस्तर
से निदर्शन का चुनाव किया जाएगा-
●उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों को कई क्षेत्रोंमें विभाजित किया जाएगा।
●प्रत्येक क्षेत्र में से कुछ विश्वविद्यालयों का चुनावकिया जाएगा।
●प्रत्येक विश्वविद्यालय से कुछ महाविद्यालयों काचुनाव किया जाएगा।
●प्रदेशमेंस्थितमहाविद्यालयोंकीश्रेणियोंमेंसेकुछकानिदर्शनकेरूपमेंचुनाव
कियाजाएगा।कुछसरकारीमहाविद्यालयोंसेलिएजाएंगे,कुछसहायताप्राप्त
महाविद्यालयों से और कुछ स्ववित्तपोषित महाविद्यालयोंसे ।
●चयनित महाविद्यालयों में कुछ छात्रों एवं अध्यापकोंको निदर्शन के रूप में चुना जाएगा।
●छात्राओंकाचयनकरतेसमयसंकायवारउन्हेंविभाजितकियाजाएगाऔरप्रत्येक
संकाय से उनका चयन निदर्शन के रूप में किया जाएगा।
●विभिन्न संकाय में से कुछ विभागों का चयन किया जाएगा।
●चयनित विभाग से कुछ छात्राओं का चयन किया जाएगा।

इसप्रकारनिदर्शनकीइसविधिमेंस्तरितनिदर्शनप्रणालीऔरदैवनिदर्शनप्रणाली
दोनों का ही प्रयोग किया जाता है।
6.सुविधाजनक निदर्शन प्रणाली-[
इसप्रणालीकेअनुसारअध्ययनकरतानिदर्शनोंकाचुनावअपनीसुविधानुसारकरताहै
इसलिएइसेसुविधाजनकनिदर्शनप्रणालीकहतेहैं।वैज्ञानिकनहींहै,फिरभीसामाजिक
राजनीतिकअनुसंधानमेंइसकाप्रयोगकियाजारहाहै।इसअपनानेकाप्रमुखआधारधनऔर
समयकीबचतकरनाहैऔरकईबारशोधकर्ताकीरुचिएवंयोग्यतासंबंधीसीमाइसप्रकारके
निदर्शनकेचुनावकेलिएप्रेरितकरतीहै।इससेअवसरवादीनिदर्शनप्रणालीभीकहतेहैं।इस
विधिकाप्रयोगकबकियाजाताहैजबसमग्रजनसमुदायकोस्पष्टरूपसेपरिभाषितनकिया
जा सके, निदर्शन की इकाइयां स्पष्ट न हो और जब समग्रकी संपूर्ण सूची प्राप्त न हो।
7.स्वयं चयनित निदर्शन प्रणाली-
कईबारनिदर्शनकाचुनावनहींकियाजाता,बल्किविषयसेसंबंधितव्यक्तिअपनीपहलपर
अपनीइच्छाअनुसारअध्ययनकाअंगबनजातेहैं।ऐसेनिदर्शनकोस्वयंचयनितनिदर्शन
प्रणाली कहते हैं।
8.पुनरावृति निदर्शन प्रणाली- [ Repetitive SamplingMethod]
इसप्रणालीमेंनिदर्शनकाचयनएकबारनहोकरबार-बारकियाजाताहै,ताकिनिदर्शनके
चयनमेंहुईत्रुटियोंकोदूरकियाजासके।शोधकर्ताएकबारनिदर्शनकाचयनकरलेताहै
,तत्पश्चातचयनितनिदर्शनसेउपयुक्ततथ्यप्राप्तकरनासंभवनहोनेपरपूर्वनिदर्शनके
स्थान पर नए निदर्शन का चयन करता है।
9.कोटा निदर्शन प्रणाली[ Quota Sampling Method]
इसविधिकेआधारपरनिदर्शनकाचयनकरनेकेलिएसबसेपहलेसमग्रसमुदायकोकईवर्गों
मेंबांटदियाजाताहैतत्पश्चातप्रत्येकवर्गसेचुनीजानेवालीइकाइयोंकीसंख्यानिश्चितकर
दीजातीहैजिससेकोटाकहतेहैं।कोटाकेअनुरूपनिदर्शनकाचयनप्रत्येकवर्गसेशोधकर्ताकी
इच्छाकेअनुसारकियाजाताहै।इश्कविधिकेआधारपरचयनकरनेसेधनकीबचतहोतीहै,
इकाइयोंकाप्रशासनसरलहोताहैऔरक्षेत्रीयकार्योंकीगतितीव्रहोतीहै।किंतुयहपद्धति
बहुतवैज्ञानिकनहींहैक्योंकिइसमेंअनुसंधानकर्ताअपनीसुविधाकेअनुसारइकाइयोंकाचयन

करताहै।इसपद्धतिमेंसमग्रकावास्तविकप्रतिनिधित्वहोनेकीकोईगारंटीनहींरहतीऔर
त्रुटियों को ढूंढना आसान नहीं होता।
निदर्शन की समस्याएंऔर समाधान
सामाजिकराजनीतिकशोधमेंनिदर्शनप्रणालीकोअपनानेमेशोधकर्ताकोअनेकसमस्याओं
का सामना करना पड़ता है। कुछ समस्याएं इस प्रकार हैं-
●आकार की समस्या-
अध्ययनसेसंबंधितसंपूर्णसमुदायमेंसेकितनीसंख्यामेंनिर्देशनकाचुनावकियाजाए,यह
एकगंभीरसमस्याहै।यदिनिदर्शनबड़ीसंख्यामेंचुनाजाताहैतोउसकासंगठनकठिनहोता
हैसमयऔरधनज्यादाखर्चहोताहै,वहींदूसरीओरछोटेनिदर्शनमेंसमग्रकाप्रतिनिधित्वन
करनेकादोषपायाजाताहै,ऐसीस्थितिमेंयहनिर्धारितकरनाअत्यंतकठिनहैकिनिदर्शन
काआकारक्याहो?इससंबंधमेंकोईनिश्चितसिद्धांतहैबल्किपरिस्थितियांहीयहतय
करतेहैंकिकिसीअध्ययनविषयकेलिएनिदर्शनकाआकारक्याहोगा।परटेनकाइससंबंध
मेंसुझावहैकि‘’अनावश्यकखर्चेसेबचनेकेलिएनिदर्शनकोकाफीछोटाऔरअसहनीय
अशुद्धिसेबचनेकेलिएउसेपर्याप्तबड़ाहोनाचाहिए।‘’सामान्यरूपसेनिदर्शनकेआकारको
निर्धारित करने वाले प्रमुख तत्व इस प्रकार हैं-
1. समग्र की प्रकृति-
यदिअध्ययनकासमग्रसमुदायसमानइकाइयोंसेयुक्तहैअर्थातइकाइयोंकीविशेषताएंएक
समानहैतोवहांछोटेनिदर्शनसेहीकामचलसकताहै,किंतुयदिसमग्रकीइकाइयां
विशेषताओंकीदृष्टिसेएकदूसरेसेनितांतभिन्नहै,तोवहांबड़ेनिदर्शनकाचयनकरना
आवश्यक हो जाता है।
2. अध्ययन की प्रकृति
यदिशोधकार्यकेलिएगहनअध्ययनकीआवश्यकताहैऔरउसकेलिएसमयकमहैतो
छोटेनिदर्शनकोअपनानाउपयुक्तहोगा।यदिअध्ययनविस्तृतहोऔरउसकेलिएपर्याप्त
समय हो तो वहां बड़ा निदर्शन चुनना होगा।
3. वर्गों की संख्या-

यदिसमग्रमेंमौजूदइकाइयोंकावर्गीकरणछोटीसंख्यामेंवर्गोंकागठनकरकेकियाजाताहै
तोछोटानिदर्शनउपयुक्तहोगा,किंतुयदिसमग्रकीइकाइयोंमेंभिन्नताहोनेकेकारणवर्गों
की संख्या बढ़ जाती है तो वहां निदर्शन का आकार की उसीअनुपात में बड़ा हो जाएगा।
4. निदर्शन चयन की विधि-
निदर्शनकाआकारइसबातपरभीनिर्भरकरताहैकिशोधकर्तानेनिदर्शनकेचुनावकेलिए
किसविधिकाप्रयोगकियाहै।यदिदैवनिदर्शनप्रणालीकाप्रयोगकरनाहैतोनिदर्शनका
आकारबड़ाहोनाचाहिएताकिअधिकसंख्यामेंविभिन्नगुणोंवालीइकाइयोंकोचुनेजानेका
अवसरप्राप्तहोसके।उद्देश्यपूर्णएवंवर्गीकृतनिदर्शनमेंकमइकाइयोंकाचुनावभीपर्याप्त
प्रतिनिधित्व कर सकता है।
5. चयनित इकाइयों की प्रकृति-
निदर्शनकाआकारबहुतकुछसमग्रकीइकाइयोंकीविशेषताओंपरभीनिर्भरकरताहै।यदि
इकाइयांविभिन्नभौगोलिकक्षेत्रोंमेंबिखरीहुईहैतोउनसेसंपर्कस्थापितकरनेमेंकठिनाईके
अलावासमयऔरधनकाभीअत्यधिकव्ययहोताहैऐसीस्थितिमेंनिदर्शनकाआकारछोटा
होने पर उत्तम होता है।
6. तथ्य संकलन की विधियां-
शोधकर्तातथ्यसंकलनकेलिएकिनविधियोंकाप्रयोगकरेगा,यहभीनिदर्शनकेआकारको
निर्धारितकरनेमेंनिर्णायकभूमिकानिभाताहै।यदिशोधकर्ताकोअनुसूचीप्रणालीकेमाध्यम
सेप्रत्येकउत्तरदातासेखुदप्रत्यक्षसंपर्कस्थापितकरनाहैतोवहांछोटानिदर्शनउपयुक्त
होगा,किंतुयदिप्रश्नावलीडाकसेभेजनीहोतोबड़ानिदर्शनकीउपयुक्तहोसकताहै।प्रश्नों
कीसंख्या,आकारऔरउनकीप्रकृतिभीनिदर्शनकेआकारकोनिर्धारितकरतीहैयदिप्रश्न
छोटे,संख्यामेंकमऔरसहजहैतोबड़ानिदर्शनउपयुक्तहोताहैअथवाछोटानिदर्शनचुनना
चाहिए।
●पक्षपात पूर्ण निदर्शन की समस्या-
निदर्शनकाचुनावपक्षपातपूर्णढंगसेकिएजानेसेवहसमग्रकासमुचितप्रतिनिधित्व
नहींकरपाता।पक्षपातपूर्णनिदर्शनकेचुनावकीसंभावनानिदर्शनकाआकारछोटाहोने,
उद्देश्यपूर्णनिदर्शनपद्धतिकोअपनाने,दोषपूर्णवर्गीकरण,सुविधानुसारनिदर्शनकाचयन
एवंदोषपूर्णदेवनिदर्शनपद्धतिकोअपनानेकेकारणहोतीहैयदिअनुसंधानकाविषय
सजातीयसम्मानऔरसरलनहींहैतोपूर्णप्रतिनिधिनिदर्शनकाचुनावकठिनहोजाताहै।
इस समस्या को दूर करने के लिए निम्नांकित सुझाव दिएजाते हैं-

1. अनुसंधानकर्ता को अध्ययन समस्या का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।
2. अध्ययन में वस्तुनिष्ठता पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
3.निदर्शनकीइसआधारपरजांचकीजानीचाहिएकिउसनेप्रतिनिधिपूर्णहोनेकागुणहैया
नहीं।
4.पक्षपातकेकारणोंकोजाननेकेबादअध्ययनकर्ताकोइसकेदुष्परिणामोंसेदूररहनेका
प्रयास करना चाहिए।
References And Suggested Readings
●Pros and Cons of Different Sampling Methods
http//www.cloudresearch.com
●PrabhatKumarPani,ResearchMethodology;Principlesand
Practices,S.K. Book Agency, Ansari Road , Daryaganj,New Delhi
मुख्य शब्द-
निदर्शन, दैव निदर्शन, वर्गीकृत निदर्शन , निष्पक्षता,वस्तुनिष्ठता
प्रश्न-
निबंधात्मक-
1. निदर्शन को परिभाषित कीजिए और उसके प्रमुख विशेषताओंका उल्लेख कीजिए।
2.अच्छेनिदर्शनकीप्रमुखविशेषताओंकाउल्लेखकरतेहुएनिदर्शनपद्धतिकीसीमाओंका
वर्णन कीजिए।
3. निदर्शन के चयन की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिए।
4. देव निदर्शन क्या है। इसके चयन की प्रमुख विधियांकौन सी है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.निदर्शन पद्धति शोध की किस पद्धति के विपरीत है।

[अ]सांख्यिकीपद्धति[ब]जनगणनापद्धति[स]प्रयोगात्मकपद्धति[द]उपर्युक्तमें
से कोई नहीं।
2. निदर्शन पद्धति के अंतर्गत जनसंख्या के किस समूहका अध्ययन किया जाता है?
[अ]संपूर्णजनसंख्याका[ब]जनसंख्याकेचयनितसमूहका[स]सांस्कृतिकसमूहका[द
] उपर्युक्त सभी का
3. निदर्शन के चयन हेतु किस विधि का प्रयोग किया जाताहै।
[अ]दैवनिदर्शन[ब]उद्देश्यपूर्णनिदर्शन[स]वर्गीकृतनिदर्शन[द]उपर्युक्तमेंसे
कोई भी
4. निदर्शन की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है।
[ अ ] समग्र की सभी इकाईयों का समुचित प्रतिनिधित्वकरना
[ ब ] निदर्शन का छोटा आकार
[ स ] गुणात्मक निदर्शन का चयन
[ द ] गणना आत्मक निदर्शन का चयन
5 . देव निदर्शन का चुनाव किस आधार पर किया जाता है।
[ अ ] लॉटरी प्रणाली [ ब ] कार्ड या टिकट प्रणाली[ स ] उपर्युक्त दोनों [द ] मिश्रित प्रणाली
6. दैव निदर्शन का सबसे बड़ा लाभ क्या है।
[ अ ] समुचित संख्या में इकाइयों का चुनाव
[ ब ] पक्षपात की संभावना न होना
[ स ] शोधकर्ता की पसंद के अनुसार निदर्शन का चुनाव
[ द ] निदर्शन में समयानुसार परिवर्तन का होना
7. निदर्शन चयन की कौन सी पद्धति को वैज्ञानिक नहींमाना जाता है।
[अ]उद्देश्यपूर्णनिदर्शन[ब]सुविधाजनकनिदर्शन[स]वर्गीकृतनिदर्शन[द]दैव
निदर्शन
8. कोटा निदर्शन निदर्शन की किस प्रणाली से मिलता जुलताहै।
[अ]दैवनिदर्शन[ब]वर्गीकृतनिदर्शन[स]सुविचारितनिदर्शन[द]सुविधाजनक
निदर्शन
9 . क्रमानुसार इकाइयों का चयन करना निदर्शन की किसविधि के अंतर्गत आता है।
[ अ ] सुविचारित निदर्शन [ ब ] स्तरीकृत निदर्शन [स ] दैव निदर्शन [ द ] क्षेत्रीय नि दर्शन
10 . किसी छोटे भौगोलिक क्षेत्र के अध्ययन हेतु कौनसीनिदर्शन विधि अपनाई जाती है।

[ अ ] देव निदर्शन [ ब ] ग्रिड प्रणाली [ स ] क्षेत्रीय निदर्शन [ द ] उपर्युक्त सभी
11 . टिप्पेट प्रणाली का संबंध किससे है।
[ अ ] दैव निदर्शन [ ब ] वर्गीकृत निदर्शन [ स ] स्तरीकृतनिदर्शन [ द ] मिश्रित निदर्शन
12. निदर्शन से संबंधित प्रमुख समस्या क्या है।
[ अ ] समुचित आकार की समस्या
[ ब ] प्रतिनिधित्व पूर्णता की समस्या
[ स ] निष्पक्षता की समस्या
[ द ] उपर्युक्त सभी
13. निदर्शन के आकार का निर्धारण किन तत्वों के आधारपर होता है।
[ अ ] अध्ययन विषय की प्रकृति
[ ब ] अध्ययन की इकाइयों की प्रकृति
[ स ] तथ्य संकलन की विधियां
[ द ] उपर्युक्त सभी
14 . निदर्शन चयन को निष्पक्ष बनाने के लिए क्या आवश्यकहै।
[ अ ] शोधकर्ता को विषय का पूर्ण ज्ञान
[ ब ] वस्तुनिष्ठता पर ध्यान दिया जाना
[ स ] पक्षपातपूर्ण चयन के कारणों को जानने के बाद उनसेदूर रहने का प्रयास
[ द ] उपर्युक्त सभी
उत्तर-1.ब2.ब3.द4.अ5.अ6.ब7.ब8.ब9.ब10.स11.अ12.द
13. द 14. द