सामुदायिक सहभागिता ~ परिचय किसी भी कार्य में निःस्वार्थ भाव और समान रूप से योगदान देने को सहभागिता कहा जाता है | lkeqnkf;d lgHkkfxrk dk vFkZ ml Hkkouk ds fodkl ls gS tks jk’V ª dh fofHkUUk tkfr;ks / keksZs rFkk lewgks ds yksxks ds vkilh Hksn Hkkoks dks feVkdj lc dks losaxkRed : i ls lefUor djrs gq , lg;ksx dh Hkkouk ds lw = esa ck¡/ krh gS |
समुदाय व विद्यालय की शिक्षा के माध्यम से आशाएँ : बच्चो का शारीरिक विकास मानसिक विकास चारित्रिक विकास नैतिक विकास सामाजिक और सांस्कृतिक विकास ताकि वो किसी उद्योग अथवा उत्पादन कार्य में निपुण होकर लोकतंत्र में सबल, योग्य व सुसंस्कृत नागरिक बन सके | सामुदायिक सहभागिता ~ परिचय
1 lkekftd , oa jk’Vªh ; , drk ds fodkl es 2 leqnk ; tkx:drk 3 f”k { kk ds mRFkku esa 4 lkekftd ifjos”k dks ldkjkRed cukus esa 5 Nk = kvksa dh f”k { kk esa सामुदायिक सहभागिता ~ सहभागिता के क्षेत्र
5 सामुदायिक सहभागिता ~ अभिभावकों की भागीदारी अभिभावक- शिक्षक सम्बन्ध से ही समुदाय की समुचित भागीदारी सुनिश्चित हो सकती है | समुदाय की भागीदारी में सामूहिकता का भाव प्रकट होता है | शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चे को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और उसके अनुसार समन्वित प्रयास कर सकते हैं |
6 सामुदायिक सहभागिता ~ अभिभावकों की भागीदारी अभिभावकों के व्यक्तिगत सरोकार का सामूहिक सरोकार बनने की संभावना अधिक होती है | प्रत्येक बच्चे का पूर्ण विकाश हो पाए, इसके लिए शिक्षक और अभिभावक का साझा प्रयास ज़रूरी है |
7 सामुदायिक सहभागिता ~ अभिभावकों की भागीदारी शिक्षक, अभिभावकों को घर पर, बच्चो के सीखने को बढ़ावा देने के तरीकों से अवगत करा सकते है | इस प्रकार से बच्चे को घर पर भी सिखाने के लिए उपयुक्त अवसर/ माहोल मिल सकता है | शिक्षक- अभिभावक के सम्बन्ध से बच्चे को अच्छा लगता है, और उसका आत्मबल भी बढ़ता है, जिससे उसके नियमित स्कूल जाने की संभावना बढ़ जाती है |
8 समुदाय जागरूकता के प्रति सोचना, विभिन्न अभियानों जैसे स्वच्छ भारत अभियान, शिक्षा का अधिकार, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ आदि के संचालन के विषय में सोचना | इन कार्यक्रमों की सूचना मूलभूत स्तर तक ग्राम पंचायत, ग्राम सेवक, ग्राम प्रधान और आशा बहुओं के माध्यम से पहुँचाने का प्रबन्ध करना | सामुदायिक सहभागिता ~ कार्यान्वयन
अभिभावक-शिक्षक, बैठक विधालय में किसी भी एक चुने हुए दिन पर अनुकूल समय के अनुसार की जाती है | गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती या किसी महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस के मौके पर भी इस तरह की बैठक का आयोजन किया जा सकता है | बाल मंच के माध्यम से तथा बच्चो द्वारा इसे नाटक के माध्यम से भी प्रस्तुत कराया जा सकता है | 9 सामुदायिक सहभागिता ~ कार्यान्वयन
माताओं का विधालय में सम्मान किया जा रहा है, जिससे उन्हें विधालय के बाहर भी एक सम्मानित जीवन मिलाता है. विधार्थी के जन्मदिन पर उससे वृक्षारोपण करवाया जाता है और उसे उस पेड़ का संरक्षक बनाया जाता है, जिससे उसे प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का आभास हो. 10 सामुदायिक सहभागिता ~ कार्यान्वयन
अक्सर गाँव के अशिक्षित लोग, चमत्कार के नाम पर भ्रमित करने वाले लोगों से बिना वजह ही डरते हैं व उनके झांसे में आ जाते हैं | गतिविधियों द्वारा इन चमत्कारों का वैज्ञानिक आधार समझाकर उन्हें जागरूक किया जाता है | जैसे: “नीम्बू को काटने से रक्त रूपी पदार्थ के निकलने का कारण बताना | एक प्रतियोगिता के माध्यम छात्रों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह अशिक्षित अभिभावकों को साक्षर बनाएं | सफल छात्रों को सम्मानित भी किया जाता है | 11 सामुदायिक सहभागिता ~ कार्यान्वयन
एक जागरूक अभिभावक न केवल समाज में सकारात्मक भूमिका निभाता है, बल्कि शेष समुदाय को शिक्षा का महत्व समझा पाता है | सामाजिक विषयों में जनसमुदाय भी विधालय, ग्राम व देश के लिए सक्रिय कार्य करता है. छात्रों की प्रकृति के प्रति जागरूकता बढती है. बच्चो के शैक्षिक विकाश स्तर में वृद्धि होती है और उनमे अनुशासनबढ़ता है. इससे छात्रों में मानवीय मूल्यों का विकास होता है. और आपसी सामंजस्य भी बढ़ता है. 12 सामुदायिक सहभागिता ~ नवाचार के लाभ