Seasons of India:-
1) Spring Season
2) Summer
3) Monsoon
4) Autumn
5) Pre-winter
6) Winter
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Added: May 30, 2022
Slides: 7 pages
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भारत की ऋतुएँ https://thehindi.in/
वसंत ऋतु जिस तरह इस मौसम में प्रकृति में परिवर्तन होता है उसी तरह हमारे शरीर और मन-मस्तिष्क में भी परिवर्तन होता है। और जिस तरह प्रकृति के तत्व जैसे वृक्ष-पहाड़, पशु-पक्षी आदि सभी इस दौरान प्रकृति के नियमों का पालन करते हुए उससे होने वाली हानि से बचने का प्रयास करते हैं उसी तरह मानव को भी ऐसा करने की ऋषियों ने सलाह दी है। इस ऋतु में होली, धुलेंडी, रंगपंचमी, बसंत पंचमी, नवरात्रि, रामनवमी, नव-संवत्सर, हनुमान जयंती और गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाए जाते हैं। इनमें से रंगपंचमी और बसंत पंचमी जहां मौसम परिवर्तन की सूचना देते हैं वहीं नव-संवत्सर से नए वर्ष की शुरुआत होती है। https://thehindi.in/
ग्रीष्म ऋतु वसंत के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है जो कि वसंत और वर्षा ऋतु से बिल्कुल विपरीत होती है। इस ऋतु में सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ता है। इस दौरान दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती है। इस ऋतु में वातावरण का तापमान भी बहुत अधिक रहता है। ग्रीष्म ऋतु मूल रूप से फल वाला समय भी है, इस ऋतु में ताजे और मौसमी फलों के सेवन से हमारा स्वास्थ्य भी काफी अच्छा रहता है। https://thehindi.in/
वर्षा ऋतु गर्मी के बाद वर्षा का मौसम आता है। वर्षा के कारण गर्मी के दिनों में राहत मिलती है। वर्षा को ‘ऋतुओं की रानी’ भी कहा जाता है। इस ऋतु के आते ही पूरी प्रकृति का आँचल फिर से हरा-भरा हो जाता है। यह ऋतु हिन्दू माह ‘सावन और भाद्रपद’ में आती है। बारिश की बूंदों से भीगता सावन का महीना निराले रंगों को साथ लेकर आता हैै। हिन्दू इस समय रक्षा बंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, तीज, गणेश चतुर्थी, ओणम आदि त्योहार मनाते हैं। वर्षा ऋतु में बारिश होने की वजह से लोग ज्यादातर घर में ही रहते है। इस समय मौसम हल्का ठंडा रहता है, जिस वजह से लोग गरम चीजें खाते हैं। https://thehindi.in/
शरद ऋतु वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है। इस ऋतु को ‘ठंड’ का एवं ‘पतझड़’ का मौसम भी कहा जाता है। इस समय वायु की आर्द्रता इतनी अधिक बढ़ जाती है कि लोगों को असहनीय उमस का सामना करना पड़ता है। भारत में यह स्थिति ‘क्वार की उमस’ या ‘अक्टूबर की गर्मी’ के रूप में भी जानी जाती है। इस ऋतु की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, इस ऋतु में भूख अधिक लगती है और जो भी खाया जाता है वह जल्दी पच जाता है। इसीलिए इस ऋतु को ‘शक्ति संचयन’ का काल भी माना जाता है। https://thehindi.in/
हेमंत ऋतु हेमंत ऋतु शरद और शीत के बीच की ऋतु है। शरद पूर्णिमा से हेमंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस ऋतु में सर्दी अपने अंतिम चरम पर होती है, दिन और रात का तापमान इस ऋतु में काफी निचले स्तर पर पहुँच जाता है। हेमंत ऋतु में शरीर प्रायः स्वस्थ रहता है। पाचन शक्ति बढ़ जाती है। इस ऋतु में कई शुभ तिथि और त्यौहार भी आते हैं। बारह मासों में से तीन मास कार्तिक, अगहन और पौष हेमंत ऋतु में आते हैं। कार्तिक मास में करवा चौथ, धनतेरस, रूप चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे बड़े त्योहार आते हैं। इस मास की पूर्णिमा का भी अपना एक अलग ही महत्व होता है। https://thehindi.in/
शीत ऋतु शीत या शिशिर ऋतु वर्ष की एक ऋतु है, जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः निम्न रहता है। शीत ऋतु को दो भागों में बाँटा गया है- हल्के गुलाबी जाड़े को ‘हेमंत ऋतु’ का नाम दिया गया है तथा तीव्र और तीखे जाड़े को ‘शीत’। भारत में शीत ऋतु सबसे महत्वपूर्ण ऋतु है। शीत ऋतु स्वास्थ्य का निर्माण करने की ऋतु है। इस ऋतु में पाचन शक्ति प्रबल होती है, लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। इसलिए लोग इस मौसम में अधिक ऊर्जावान और क्रियाशील भी महसूस करते हैं। इस मौसम में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। https://thehindi.in/