मैं क्यों लिखता हूँ
class 10 hindi mai kyu likhata hu
kritika
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Added: Jun 02, 2015
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Chapter 5 - मैं क्यों लिखता ह ूँ? (प्रश्न अभ्यास)
Question 1:
िेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभ तत उनके िेखन
में कह ीं अधिक मदद करती है, क्यों?
लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है। तो हम घटित होते
हुए देखते हैं; परन्तु अनुभूतत, संवेदना और कल्पना के सहारे उस
सत्य को आत्मसात् कर लेते हैं, यह वास्तव में रचनाकार के साथ
घटित नह ं होता है। वह आँखों के आगे नह ं आया होता, अनुभव की
तुलना में अनुभूतत उसके हृदय के सारे भावों को बाहर तनकालने में
उसकी मदद करती है। जब तक हृदय में अनुभूतत न जागे लेखन का
कायय करना संभव नह ं है। क्योंकक यह हृदय में संवेदना जागृत
करती है और लेखन के ललए मजबूर करती है। इसललए लेखक,
लेखन के ललए अनुभूतत को अधिक महत्व देता है।
Question 2:
िेखक ने अपने आपको हहरोलिमा के ववस्फोट का भोक्ता कब और
ककस तरह महस स ककया?
लेखक ने अपनी जापान यात्रा के दौरान टहरोलिमा का दौरा ककया
था। वह उस अस्पताल में भी गया जहाँ आज भी उस भयानक
ववस्फोि से पीड़ित लोगों का ईलाज हो रहा था। इस अनुभव द्वारा
लेखक को, उसका भोक्ता बनना स्वीकारा नह ं था ।कुछ टदन
पश्चात् जब उसने उसी स्थान पर एक ब़िे से जले पत्थर पर एक
व्यक्क्त की उजल छाया देखी, ववस्फोि के समीप कोई व्यक्क्त उस
स्थान पर ख़िा रहा होगा। ववस्फोि से ववसक्जयत रेडियोिमी पदाथय
ने उस व्यक्क्त को भाप बना टदया और पत्थर को झुलसा टदया। इस
प्रत्यक्ष अनुभूतत ने लेखक के हृदय को झकझोर टदया। उसे प्रतीत
हुआ मानो ककसी ने उसे थप्प़ि मारा हो और उसके भीतर उस
ववस्फोि का भयानक दृश्य प्रज्वललत हो गया। उसे जान प़िा मानो
वह स्वयं टहरोलिमा बम का उपभोक्ता बन गया हो।
Question 3:
मैं क्यों लिखता ह ूँ? के आिार पर बताइए कक -
(क) िेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेररत करती हैं?
(ख) ककसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत ककसी द सरे को कुछ भी रचने
के लिए ककस तरह उत्साहहत कर सकते हैं?
(क) लेखक अपनी आंतररक ववविता के कारण ललखने के ललए
प्रेररत होता है। उसकी अनुभूतत उसे ललखने के ललए प्रेररत करती है
व स्वयं को जानने के ललए भी वह ललखने के ललए प्रेररत होता है।
(ख) ककसी रचनाकार को उसकी आंतररक ववविता रचना करने के
ललए प्रेररत करती है। परन्तु कई बार उसे संपादकों के दवाब व
आग्रह के कारण रचना ललखने के ललए उत्साटहत होना प़िता है।
कई बार प्रकािक का तकाजा व उसकी आधथयक ववविता भी उसे
रचना, रचने के ललए उत्साटहत करती है।
Question 4:
कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभ तत/स्वयीं के अनुभव के साथ-
साथ बाह्य दबाव भी महत्वप णण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन
से हो सकते हैं?
कोई आत्मानुभूतत/स्वयं के अनुभव, उसे हमेिा ललखने के ललए
प्रेररत करते हैं। कफर चाहे कुछ भी हो परन्तु इनके साथ-साथ बाह्य
दबाव भी महत्वपूणय होते हैं। ये दबाव संपादकों का आग्रह हो सकता
है या कफर प्रकािक का तकाजा या उसकी स्वयं की आधथयक क्स्थतत
जो उसे रचना करने के ललए दबाव िालती है।
Question 5:
क्या बाह्य दबाव के वि िेखन से जुड़े रचनाकारों को ह प्रभाववत
करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े किाकारों को भी प्रभाववत करते हैं,
कै से?
बबल्कुल! ये दवाब ककसी भी क्षेत्र के कलाकार हो, सबको समान रुप
से प्रभाववत करते हैं। कलाकार अपनी अनुभूतत या अपनी खुिी के
ललए अवश्य अपनी कला का प्रदियन करता हो, परन्तु उसके क्षेत्र की
ववविता एक रंचनाकार से अलग नह ं है। जैसे एक अलभनेता, मंच
कलाकार या नृत्यकार हो सबको उनके तनमायता या तनदेिकों के
दबाव पर प्रदियन करना प़िता है। जनता के सम्मुख अपनी कला
का श्रेष्ठ प्रदियन करें, इसललए जनता का दबाव भी उन्हें प्रभाववत
करता है। उनकी आधथयक क्स्थतत तो प्रभाववत करती ह है क्योंकक
यटद आधथयक दृक्ष्ि से वह सबल नह ं है तो वह अपनी जरुरतों का
तनवायह करने में असमथय महसूस करेगा। यह सब दबाव हर क्षेत्र के
कलाकार को प्रभाववत करते हैं।
Question 6:
हहरोलिमा पर लिखी कववता िेखक के अींत: व बाह्य दोनों दबाव का
पररणाम है यह आप कै से कह सकते हैं?
यद्यवप जब लेखक जापान घूमने गया था तो टहरोलिमा में उस
ववस्फोि से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थो़िी पी़िा हुई परन्तु
उसका मन ललखने के ललए उसे प्रेररत नह ं कर पा रहा था। पर जले
पत्थर पर ककसी व्यक्क्त की उजल छाया को देखकर उसको
टहरोलिमा में ववस्फोि से प्रभाववत लोगों के ददय की अनुभूतत कराई।
टहरोलिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ह अनुभव हो
चुका था परन्तु इस ज्वलंत उदाहरण ने उसके हृदय में वो अनुभूतत
जगाई कक लेखक को ललखने के ललए प्रेररत ककया। ये अनुभव
उसका बाह्य दबाव था और अनुभूतत उसका आंतररक दबाव जो
उसके प्रेरणा सूत्र बने और उस प्रेरणा ने एक कववता ललखने के ललए
लेखक को प्रेररत ककया।
Question 7:
हहरोलिमा की घटना ववज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी
दृष्टट में ववज्ञान का दुरुपयोग कहाूँ-कहाूँ और ककस तरह से हो रहा
है।
टहरोलिमा तो ववज्ञान के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है ह पर हम
मनुष्यों द्वारा ववज्ञान का और भी दुरुपयोग ककया जा रहा है। आज
हर देि परमाणु अस्त्रों को बनाने में लगा हुआ है जो आने वाले
भववष्य के ललए सबसे ब़िा खतरा है। इस ववज्ञान की देन के द्वारा
आज हम अंगप्रत्यारोपण कर सकते हैं। एक व्यक्क्त के खराब अंग
के स्थान पर दूसरे व्यक्क्त के द्वारा दान में टदए गए अंगों का
प्रत्यारोपण ककया जाता है। परन्तु आज इस देन का दुरुपयोग कर
हम मानव अंगो का व्यापार करने लगे हैं। ववज्ञान ने कंप्यूिर का
आववष्कार ककया उसके पश्चात् उसने इंिरनेि का आववष्कार ककया
ये उसने मानव के कायों के बोझ को कम करने के ललए ककया। हम
मनुष्यों ने इन दोनों का दुरुपयोग कर वायरस व साइबर क्राइम को
जन्म टदया है। ववज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के ललए हवाई
जहाज, गाड़ियों आटद का तनमायण ककया परन्तु हमने इनसे अपने ह
वातावरण को प्रदूवित कर टदया है। ऐसे ककतने ह अनधगनत
उदाहरण हैं क्जससे हम ववज्ञान का दुरुपयोग कर महाववनाि की
ओर बढ़ रहे हैं।
Question 8:
एक सींवेदनिीि युवा नागररक की हैलसयत से ववज्ञान का दुरुपयोग
रोकने में आपकी क्या भ लमका है?
हमार भूलमका बहुत ह महत्वपूणय है। ये कहना कक ववज्ञान का
दुरुपयोग हो रहा है - सह है! परन्तु हर व्यक्क्त इसका दुरुपयोग कर
रहा है। यह कहना सवयथा गलत होगा। क्योंकक कुछ लोग इसके
दुरुपयोग को रोकने के ललए कायय करते रहते हैं।
(1) आज हमारे अथक प्रयासों के द्वारा ह परमाणु हधथयारों का
इस्तेमाल नह ं हो रहा है। क्योंकक हधथयार लगभग सभी देिों के
पास है परन्तु परमाणु संधियों द्वारा इनके प्रयोगों में रोक लगा द
गई है। हमें चाटहए हम इनका समथयन करें।
(2) प्रदूिण के प्रतत जनता में जागरुकता लाने के ललए अनेकों
काययक्रमों व सभा का आयोजन ककया जा रहा है। क्जससे प्रदूिण के
प्रतत रोकथाम की जा सके । इन समारोहों में जाकर व लोगों को
बताकर हम अपनी भूलमका अदा कर सकते हैं।
(3) अंग प्रत्यारोपण पर मीडिया के अथक प्रयास से ह अंकुि
लगना संभव हो पाया है। हमें चाटहए कक उसके इस प्रयास में उसका
साथ दे व जहाँ पर भी ऐसी कोई गततववधि चल रह हो उससे
मीडिया व कानून को जानकार देकर उनका सहयोग करें।