ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के कई हिस्सों को प्रभावित कर रही है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे स�...
ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के कई हिस्सों को प्रभावित कर रही है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। जब समुद्र का स्तर ऊपर उठता है तो यह निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन जाता है।'
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Added: Jan 05, 2023
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ग्लोबल वार्मिंग के कारण
POST HIGHLIGHT यह बात तो हम सब जानते हैं कि पृथ्वी का बढ़ता तापमान जानवर, प्रत्येक मनुष्य और वन्य जीवन यानी कि पृथ्वी के हर जीवित जीव को प्रभावित करता है। कहीं ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं तो कहीं पानी नहीं है, कहीं बाढ़ की समस्या है तो कहीं सूखे की समस्या है और ऐसा नहीं है कि हम सब इससे अंजान हैं। हम सब ये बात अच्छे से जानते हैं कि यह सब ग्लोबल वार्मिंग global warming की वजह से हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से आज कोई भी अनजान नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी कोई इसके कारणों के बारे में जानने की कोशिश नहीं करता है आज हमारी पृथ्वी पर तापमान लगातार बढ़ रहा है। इस समस्या से सम्पूर्ण विश्व परेशान है और चिंतित भी। हम सबको मिलकर इस समस्या को दूर करने के लिए कदम उठाना होगा। इसके लिए हमें सबसे पहले ग्लोबल वार्मिंग के कारणों को जानना व समझना होगा। ग्लोबल वार्मिंग धरती के साथ-साथ इंसानों के लिए भी बेहद हानिकारक है। अगर समय रहते हम लोग सचेत नहीं हुए तो फिर इसके घातक परिणाम हम सबको झेलने पड़ेंगे इसलिए ग्लोबल वार्मिंग के कारणों reasons of global warming के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक हो गया है। CONTINUE READING .. ग्लोबल वार्मिंग global-warming एक ऐसा शब्द है जिससे लगभग हर कोई परिचित है। लेकिन इसका अर्थ अभी भी हममें से ज्यादातर लोगों के लिए स्पष्ट नहीं है। हम लोग अभी भी इस शब्द की अनदेखी कर रहे हैं। हम इसके घातक परिणामों से अनजान हैं। क्योंकि अगर इसी तरह चलता रहा तो एक दिन मनुष्य को इसका भारी नुकसान झेलने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
अब समय आ गया है कि हम सब लोग ग्लोबल वार्मिंग के कारणों reasons of global warming के बारे में जानें और इसका समाधान करने की कोशिश करें। ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करना काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन असंभव नहीं। यदि हम सब मिलकर एक छोटी सी पहल करना शुरू कर दें तो हम ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मदद कर सकते हैं और इस धरती को जीने लायक बना सकते हैं। यह बात तो हम सब जानते हैं कि पृथ्वी का बढ़ता तापमान जानवर, प्रत्येक मनुष्य और वन्य जीवन यानी कि पृथ्वी के हर जीवित जीव को प्रभावित करता है। कहीं ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं तो कहीं पानी नहीं है, कहीं बाढ़ की समस्या है तो कहीं सूखे की समस्या है और ऐसा नहीं है कि हम सब इससे अंजान हैं। हम सब ये बात अच्छे से जानते हैं कि यह सब ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है। भले ही हम सब इसे कितना भी इग्नोर कर लें लेकिन हम सब जानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए हम इंसानों को छोड़कर किसी और को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। परिवहन, वनों की कटाई deforestation, बिजली संयंत्रों से निकलने वाली जहरीली गैसें, और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड carbon dioxide, सीएफ़सी और अन्य प्रदूषकों जैसी गैसों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। ऐसा हो सकता है कि इसमें आपका ज्यादा योगदान ना हो लेकिन ग्लोबल वार्मिंग जैसी चीजों की शुरुआत पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के छोटे-छोटे कदमों से ही होती है। हम सब खुद की लाइफ को एंजॉय करने में इतने व्यस्त हो गए कि हमें ये भी ख्याल नहीं रहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर कल का निर्माण करना है।
Also Read : Environmental Impact Assessment क्या है? क्या है ग्लोबल वार्मिंग What is global warming जिस तरह प्राक्रतिक आपदा natural disaster से काफी नुकसान होता है और काफी जन-धन की हानि होती है। बिल्कुल उसी तरह, ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी आपदा है, जिसका प्रभाव बहुत धीरे-धीरे होता है। ग्लोबल वार्मिंग का नुकसान एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई शायद कभी नहीं हो सकती है। ग्लोबल वार्मिंग को सामान्य भाषा में जानने की कोशिश करें तो, भूमंडलीय तापमान global temperature मे वृद्धि होना ही ग्लोबल वार्मिंग है। ऐसी कई गतिविधियां हैं जिससे तापमान बढ़ रहा है। प्रदूषण के कारण ओजोन पर्त मे एक छेद hole in the ozone layer हो चुका है। greenhouse gases के असंतुलन के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। पराबैगनी किरणें ultraviolet rays सीधे पृथ्वी पर आती है। इस कारण से अत्यधिक गर्मी बढ़ने लगी है और ग्लोबल वार्मिंग हमारे हिम ग्लेशियरों को तेजी से पिघला रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के समाधान के लिए हमें पर्यावरण को बचाना होगा तभी हमारी पृथ्वी सुरक्षित रह सकती है। इसके लिए हमें जरुरत के हिसाब से बिजली का उपयोग करना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना चाहिए एवं वनों की कटाई deforestation को रोकना चाहिए। सार्वजनिक परिवहन public transport का उपयोग करें, रीसाइक्लिंग recycling की ओर भी ध्यान दें और जल की बर्बादी न करें।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण Reasons Of Global Warming यह तो हम सब जानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। अब इस पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने की जरुरत है। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग का एक कारण नहीं बल्कि अनेक कारण हैं। हमें इन कारणों को भलीभांति समझना होगा। तभी जाकर हम इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके मुख्य दो कारण हैं – 1. प्राकृतिक कारण Natural Causes प्राकृतिक कारणों में ग्रीनहाउस गैस greenhouse-gases, ज्वालामुखी विस्फोट, मीथेन गैस और बहुत कुछ शामिल हैं। जंगल की आग प्रकृति द्वारा वनों की कटाई ग्लोबल वार्मिंग का एक अन्य प्रमुख कारण है। प्राकृतिक जंगल की आग को आम तौर पर समाचारों पर प्रसारित किया जाता है, जो पहाड़ के घरों और समुदायों की तबाही को दर्शाता है। जबकि यह नुकसान दुखद है, इन प्राकृतिक रूप से होने वाली जंगल की आग के प्रभाव पृथ्वी की हवा के लिए एक समस्या पैदा करते हैं। पर्माफ्रॉस permafrost जब जमी हुई मिट्टी, जो उत्तरी गोलार्ध का लगभग 25% हिस्सा है, बढ़ जाती है, तो यह कार्बन और मीथेन गैसों में रहती है। इसलिए, जब आप सोच रहे होंगे कि यह ग्लोबल वार्मिंग कैसे हो सकता है जब आप अभी भी तिब्बत में ठंड में हैं, पर्माफ्रॉस्ट वास्तव में कार्बन को पृथ्वी के वायुमंडल में लीक कर रहा है।
सनस्पॉट पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के अनुसार, सनस्पॉट वैश्विक तापमान बढ़ा रहे हैं। सनस्पॉट सौर प्लाज्मा के पारित होने को प्रतिबंधित करते हैं, जो बदले में विकिरण छोड़ते हैं। विकिरण एक बुरी चीज है। वे पृथ्वी के वायुमंडल में जाने वाली ऊर्जा को बदल सकते हैं और इस प्रकार जलवायु के तापमान में वृद्धि कर सकते हैं। हालाँकि, सौर फ्लेयर्स लाखों वर्षों से स्वाभाविक रूप से घटित होने वाली घटना है। यदि इसके लिए केवल सौर धब्बे और सौर ज्वालाएँ ही जिम्मेदार होतीं, तो दुनिया का हाल ही में बढ़ा हुआ तापमान मुश्किल से ही बढ़ता। 2. मानव निर्मित कारण Manmade Cause इसके अलावा मानव निर्मित man made कारणों में वनों की कटाई, खनन, मवेशी पालन, जीवाश्म ईंधन जलाना आदि हैं। यही खनन और पशु पालन जैसी गतिविधियाँ भी पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक हैं। ग्रीनहाउस गैसों greenhouse gas के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है। ग्रीनहाउस गैसों से बना एक आवरण cover है जो कि, पृथ्वी पर सुरक्षा पर्त protection layer की तरह काम करता है और इसके असंतुलित होते ही ग्लोबल वार्मिंग समस्या हो जाती है। ज्वालामुखी विस्फोट volcanic eruptions भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि ज्वालामुखी विस्फोट volcanic eruptions में बहुत मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड Carbon dioxide निकलती है, जिससे ये भी एक ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। ठीक इसी तरह, मीथेन methane भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल automobile और जीवाश्म ईंधन fossil fuel का अत्यधिक उपयोग भी ग्लोबल वार्मिंग का कारण है।
आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग का जो सबसे बड़ा कारण है वह यह है कि निरंतर वनों की कटाई हो रही है और इस वजह से कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण का स्रोत भी खत्म हो जायेगा। आधुनिकीकरण modernization के कारण, पेड़ो की कटाई से गावों का शहरीकरण मे बदलाव हो रहा है जो कि बहुत ही चिंताजनक कारण है। इसके अलावा ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण pollution भी है। प्रदूषण बढ़ने के कारण कार्बनडाईआक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। हम खुली हवा में भी साँस नहीं ले पा रहे हैं। इसका असर हम सबको आज दिख भी रहा है। अभी सरकार ने प्रदूषण के चलते स्कूल और अन्य कई चीज़ों को बंद कर रखा है। पर ये इसका समाधान नहीं है। इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। इस तरह से ऐसे बहुत से कारण हैं ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के। पृथ्वी में हर चीज एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है। अगर हम इस प्रकृति से छेड़छाड़ करते हैं तो पृथ्वी का पूरा संतुलन तहस-नहस हो जाता है। इस असंतुलन के कारण अधिक वर्षा, गर्मी, व ठण्ड पड़ने लगी है या सुखा रहने लगा है। हमें शुद्ध आक्सीजन oxygen नहीं मिलता है और इस तरह से ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान होता है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव Effects of global warming तापमान में वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी के तापमान में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सन 1880 से लेकर अब तक करीब 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ चुका है और इसी तरह अगर पृथ्वी का तापमान बढ़ता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ग्लेशियर पिघलने लगेंगे और समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगेगा।
खैर, ये सब आज भी हो रहा है लेकिन इतनी धीमी गति से कि हमें लगता है कि सब कुछ ठीक तो है तो हमें बदलने की क्या आवश्यकता है। अगर पृथ्वी पर रहने वाले हर मानव ने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए ज़रूरी कदम नहीं उठाए तो वो दिन दूर नहीं जब तटीय क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण हमें विनाशकारी प्रभाव देखने को मिलेंगे। 2. जलवायु परिवर्तन आए दिन हम ऐसी कोई ना कोई खबर सुनते हैं कि कहीं सूखा है तो कहीं बाढ़ आई है, कहीं भूकंप आया है तो कहीं समुद्र का जलस्तर बढ़ा है, ये सब कुछ ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है। जलवायु परिस्थितियों में बदलाव ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही हो रहे हैं। आज अगर दुनिया में कुछ देश कुछ गंभीर आपदाओं का सामना कर रहे हैं तो यह ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ही हो रहा है। Climate imbalance is the result of global warming. 3. मृत्यु दर में वृद्धि जिस प्रकार आए दिनों बाढ़, सूखा और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं, इन्हीं के साथ-साथ औसतन मृत्यु दर भी बढ़ रही है। ऐसी कई जानलेवा बीमारियां भी बढ़ रही हैं, जिससे मृत्यु दर में बढ़ोतरी भी हो रही है। 4. कृषि पर बुरा प्रभाव ग्लोबल वार्मिंग कृषि को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। हालांकि, अभी तक हमने इसके परिणाम देखे नहीं हैं लेकिन वो वक्त दूर नहीं जब वैश्विक तापमान बढ़ेगा और पौधों के लिए जीवित रहना मुश्किल होगा। पेड़ और पौधे हमारे भोजन का मुख्य श्रोत हैं इसीलिए ग्लोबल वार्मिंग की वजह से आने वाले समय में भोजन की कमी भी हो सकती है।