कोशिका के बारे में एक आधार भूत जानकारी बताने की कोशिश की गई है | कोशिका को समझाने के लिए सरल भाषा माकन के ईंट का उपयोग...
कोशिका के बारे में एक आधार भूत जानकारी बताने की कोशिश की गई है | कोशिका को समझाने के लिए सरल भाषा माकन के ईंट का उपयोग किया गया है |
Size: 1.08 MB
Language: none
Added: Oct 25, 2017
Slides: 15 pages
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कोशिका विज्ञान प्राणिशास्त्र
प्रस्तुतकर्ता प्रवीण कुमार शुक्ला अध्यापक माध्यमिक शाला सलैया
कोशिका कोशिका प्रोकरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिकाएं प्रकार संरचना पादप कोशिका जंतु कोशिका जंतु एवं पादप कोशिकाओं में अंतर
कोशिका विज्ञान संसार में मौजूद सभी प्रकार की वस्तुएं छोटे-छोटे भागों से मिलकर बनी होती है| माकन की दीवारों का भी निर्माण छोटी –छोटी ईटों डे माध्यम से होता है |कोशिका की भी अवधारणा इन्ही पर आधारित है यानि समस्त प्रकार के प्राणियों का शरीर भी अनेक छोटे कोष्ठे नुमा संरचना से मिलकर बना होता है जिन्हें विज्ञान की भाषा में कोशिका कहा जाता है
प्रोकरियोटिक एवं युकरियोटिक संसार में सभी प्रकार के प्राणी पाए जाते है जिनमे कुछ काफी विक्सित प्रकार के जिनमे शारीर के सभी भाग विक्सित अवस्था में पाए जाते है जबकि कुछ प्राणियों का शारीर प्राचीन प्रकार की कोशिकयों से मिलकर बना होता है जिनमे कोई भी अंगक विकसित नहीं होता है, खासकर उनमे केन्द्रक का विकास नहीं होता है जिसके कारण उनके केन्द्रक को न्यूक्लियोड कहा जाता है | जबकि विक्सित प्राणियों में केन्द्रक काफी विकसित अवस्था में पाया जाता है जिसको जीवन की आधारभूत इकाई माना जाता है |
कोशिका के प्रकार कोशिकाओं को उनकी संरचना, एवं कार्य के आधार पर कई भागों में विभाजित किया गया है | गोलाकार कोशिकाएं दंडाकर कोशिकाएं शर्पिलाकर कोशिकाएं पेशीय कोशिकाएं
कोशिका परिभाषा :- जैसा की हमने ऊपर पढ़ा की हमारे शारीर की संरचना छोटे- छोटे भागों से होती है जिनको कशिकाएं कहा जाता है| “कोशिका जीवन की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है”
कोशिका की संरचना एक पादप कोशिका की संरचना का नामांकित चित्र जिसके माध्यम से हम उनके अन्दर कोशिकांगों की स्थिति को समझा सकते हैं |
जंतु कोशिका पादप कोशिका के समान ही जंतुओं का भी शारीर भी अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जिसको हम चित्र के माध्यम से समझा सकते है
कोशिका कोशिका के अन्दर कोशिकांगों की संख्या निम्न प्रकार की होती है | कोशिका भित्ति / कोशिका झिल्ली जीवद्रव्य कोशिकाद्रव्य केन्द्रक केन्द्रक झिल्ली कोशिका का पॉवर हाउस अन्तः पद्रवी जालिका गोल्गी बॉडी लायसोसोम राइबोसोम सेंट्रोसोम
कोशिकांग कोशिका भित्ति :- पादप कोशिकाओं की बाहरी खोल को कोशिका भित्ति कहा जाता है यह एक कठोर भाग से मिलकर बनी होती है जिसके कारण इसको भित्ति कहा जाता है | कोशिका झिल्ली :- जंतु कोशिकाओं की खोल एक प्रकार selective permeable membrane से बनी होती है जिनका स्वभाव होता है कोशिका के लिए हितकर पदार्थों को ही अपने अन्दर लाना | जीवद्रव्य :- कोशिका के अन्दर पाया जाने वाला सम्पूर्ण प्रकार का तरल पदार्थ जिसमे की समस्त प्रकार के कोशिकांग तैरती हुई अवस्था में पाए जाते है, इसके अन्दर केन्द्रक द्रव्य भी होता है | कोशिकद्रव्य :- कोशिकद्रव्य के अन्दर केन्द्रकद्रव्य को शामिल नहीं किया जाता है | केन्द्रक :- कोशिका के अन्दर पाया जाने वाला विशेष प्रकार का नियंत्रण कक्ष पाया जाता है जिसको केन्द्रक कहते है | केन्द्रक झिल्ली :- कोशिका झिल्ली की तरह केन्द्रक के चरों और एक प्रकार का आवरण पाया जता है जिसको केन्द्रक झिल्ली कहा जाता है|
कोशिका कोशिका का पॉवर हॉउस :- कोशिका के अन्दर एक प्रकार का उर्जा संरक्षण केंद्र पाया जाता है जिसको कोशिका का पावरहाउस कहा जाता है जिसके अन्दर उर्जा को संचित किया जाता है जो हमें विपरीत स्थितियों में सहायता करती है | अन्तः पद्रवी जालिका :- ये विशेष प्रकार का अंगक होता है जो की एक तरफ कोशिका झिल्ली को तथा दूसरी तरफ केन्द्रक को सहारा प्रदान करता है, इसी के ऊपर राइबोसोम पाया जाता है जो की प्रोटीन संस्लेषण में सहायता करता है | गोल्गी बॉडी :- विशेष प्रकार की संरचना जो की कई भागो से मिलकर बनी होति है जिसमे सिस्टरनी सेल वकुले कोशिकाए होती है इनका कार्य नर स्पर्म के आगरा भाग का निर्माण कराना होता है | लाइसोसोम :- कोशिका के अन्दर इनका कार्य होता है की ये कोशिका के अन्दर आने वाली बहरी पदार्थों को जला कर भस्म कर देता है, इसको कोशिका का आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है| क्योंकि जब कोई भी बाहरी पदार्थ नहीं आता तो कभी कभी ये कुछ समय बाद स्वयं फट कर कोशिकयों को नुकसान पहुचती है | राइबोसोम: - कोशिका का प्रोटीन संशेलेषण का केंद्र कहा जाता है | सेन्ट्रोसोम: - कोशिका विभाजन के समय कोशिका के दोनों ध्रुवों को अलग करने में सहायता करता है | हरितलवक :- पादप कोशिकयों में पाया जाने वाला विशेष प्रकार का भाग जिससे पादप अपना भोजन बनाते है जिसे प्रकाश संस्लेषण कहा जाता है |
कोशिका संरचना की दृष्टि से कोशिका की बाहरी एवं आतंरिक भागो को सम्मिलित किया जाता है| जिनको विज्ञान की भाषा में कोशिकांग कहा जाता है|इन्ही कोशिकांगों के द्वारा ही कोशिका की सम्पूर्ण प्रकार की क्रियाविधियों का क्रियान्वयन किया जाता है | जंतु एवं पादप कोशिकाओं में इनकी उपस्थिति के आधार पर अंतर भी होते है |
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका में अंतर पादप कोशिका इनकी खोल को कोशिका भित्ति कहा जाता है| इनके अन्दर रिक्तिका की संख्या काफी मात्र में पाई जाती है तथा आकर में छोटी होती है हरित लावक पाया जाता है जंतु कोशिका इनके बहरी आवरण को कोशिका झिल्ली कहा जाता है | रिक्तिका कम संख्या में तथा बड़ी होती है | इनमे इसकी कमी होती है यूग्लिना के अलावा