सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ( Information and Communication Technology , ICT ) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
कारक अर्धचालक प्रौद्योगिकी : इंटीग्रेट परिपथों का लघुकरण, कम्प्यूटिंग शक्ति में वृद्धि, उन्नत क्षमता युक्त एकीकृत परिपथों का विकास सूचना भण्डारण : आंकडा भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है। नेटवर्किंग : प्रकाशीय तंतुओं (आप्टिकल फाइबर) का तकनीकी में अत्यधिक विकास होने के कारण नेटवर्किंग सस्ती, तेज और आसान हो गयी है। साफ्टवेयर तकनीकी : नित नए-नए और उपयोगी साफ्टवेयरों के आने से सूचना प्रौद्योगिकी और अधिक उपयोगी बन गयी है।
सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र ( Service Economy) का आधार है। पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक सम्यक तकनीकी ( appropriate technology) है। गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है। सूचना-संपन्नता से सशक्तिकरण ( empowerment) होता है। सूचना तकनीकी, प्रशासन और सरकार में पारदर्शिता लाती है, इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है। सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है। यह नये रोजगारों का सृजन करती है।
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह ( storage) करने वाली युक्तियाँ ( devices) आतीं हैं। कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली ( Operating System), वेब ब्राउजर , डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली ( DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं। दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक ( Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं। मानव संसाधन तंत्र प्रशासक ( System Administrator), नेटवर्क प्रशासक ( Network Administrator) आदि
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था ( Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था ( Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन ( manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था ( service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है। सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - धर्म, शिक्षा ( e-learning), स्वास्थ्य ( e-health), व्यापार ( e-commerce), प्रशासन, सरकार ( e- govermance ), उद्योग, अनुसंधान व विकास, संगठन, प्रचार आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।
हिन्दी भाषा में पूरा संगणक कंप्यूटर को पूर्ण रूप से हिंदी में बनाने के लिए 2005 में माईक्रोसॉफ्ट ने विन्डोज़ XP के लिए लीप ( Language Interface Pack) का निर्माण किया जिससे की कंप्यूटर को पूर्ण रूप से हिंदी में बनाया जा सके। 2007 में माईक्रोसॉफ्ट ने विन्डोज़ विस्टा और 2011 में विन्डोज़ 7 के लिए भी लीप का निमार्ण किया। लीप को डाउनलोड करने के लिए यहां पर जाए- विन्डोज़ एक्सपी- http://www.microsoft.com/downloads/details.aspx?displaylang=hi&FamilyID=0db2e8f9-79c4-4625-a07a-0cc1b341be7c विन्डोज़ विस्टा- http://www.microsoft.com/downloads/details.aspx?FamilyID=0e21eb7b-e01a-4fcc-b7f1-30e419da7f5b&displaylang=hi विन्डोज़ 7- http://www.microsoft.com/downloads/details.aspx?FamilyID=a1a48de1-e264-48d6-8439-ab7139c9c14d&displaylang=hi साथ ही साथ कुछ लिनक्सों (जैसे- BOSS Linux, Fedora Core, Ubuntu आदि.) में भी हिंदी इंटरफ़ेस मौजूद है।
हिन्दी कम्प्यूटरी का महत्व आज के युग में वे ही भाषाएँ बच पायेंगी जो संगणक और अन्तरजाल से जुड़ी होंगी; जिनमें विविध क्षेत्रों का ज्ञान आबलाइन उपलब्ध होगा। इसके लिये तरह-तरह के साफ्टवेयर चाहिये जो लिखने, खोजने, सहेजने, इसका रूप बदलने आदि में सुविधा प्रदान करें। इसी लिये हिन्दी कम्प्यूटरी के साफ्टवेयरों का बहुत ही महत्व है।
हिन्दी कम्प्यूटरी के मुख्य क्षेत्र भाषा सम्पादित्र - हिन्दी ( देवनागरी ) में संगणक पर लिखने का औजार हिन्दी वर्तनी जांचक फॉण्ट परिवर्तक लिपि परिवर्तक - देवनागरी को/से अन्य लिपियों में परिवर्तन अनुवादक - हिन्दी से अन्य भाषाओं में अनुवाद हिन्दी टेक्स्ट को वाक में बदलने का साफ्टवेयर (हिन्दी टीटीएस्) हिन्दी में बोली गयी बात को हिन्दी पाठ में बदलने वाला साफ्टवेयर (वाक से पाठ) देवनागरी का ओसीआर - किसी छवि में देवनागरी में लिखित सामग्री को संगणक से पढ़ने योग्य टेक्स्ट में बदलना हिन्दी के विविध प्रकार के शब्दकोश हिन्दी के विश्वकोश हिन्दी की ई-पुस्तकें हिन्दी में खोज हिन्दी में ईमेल उपयोगी साफ्टवेयरों का स्थानीकरण ( localization)
अन्य - हिन्दी कम्प्यूटरी के क्षेत्र देवनागरी का टाइप-सेटिंग तथा फाण्ट डिजाइन देवनागरी का कैरेक्टर-इनकोडिंग एवं संघनन ( compression) हिन्दी की फोनोलोजी एवं मार्फोलोजी ( Phonology and morphology) Lexical semantics and word sense Grammars, syntax, semantics and discourse Word segmentation, chunking, tagging and syntactic parsing Word sense disambiguation, semantic role labeling and semantic parsing Discourse analysis Language, linguistic and speech resource development मशीन द्वारा हिन्दी सीखना ( Machine learning for Hindi) टेक्स्ट का विश्लेषण, उसे समझना, सारांश निकालना एवं टेस्ट उत्पादन ( Text analysis, टे understanding, summarization and generation) Text mining and information extraction, summarization and retrieval Text entailment and paraphrasing Text Sentiment analysis, opinion mining and question answering मशीनी अनुवाद एवं बहुभाषी प्रसंस्करण ( Machine translation and multilingual processing) Linguistic, psychological and mathematical models of language, computational psycholinguistics, computational linguistics and mathematical linguistics Language modeling , statistical methods in natural language processing and speech processing
अन्य - हिन्दी कम्प्यूटरी के क्षेत्र Spoken language processing, understanding, generation and translation Rich transcription and spoken information retrieval वाक की पहचान एवं संश्लेषण ( Speech recognition and synthesis) कम्प्यूटर की सहायता से हिन्दी सीखना एवं सिखाना जैवचिकित्सकीय ( biomedical), रासायनिक या विधिक ( legal) क्षेत्रों में प्रयुक्त हिन्दी पाठ का प्रसंस्करण हिन्दी कम्प्यूटरी के लिये विशेष प्रकार का हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर का विकास हिन्दी के क्रासवर्ड हिन्दी के व्युत्क्रम शब्दकोश ( reverse dictionaries)
हिन्दी कम्प्यूटिंग के प्रमुख पड़ाव १९८३ - डॉस आधारित हिन्दी शब्द संसाधक अक्षर, शब्दरत्न इत्यादि का पदार्पण। १९८३ - सी-डैक द्वारा जिस्ट ( GIST - Graphics and Intelligence based Script Technology) का विकास। भारतीय लिपियों के लिये इस्की मानक जारी। १९८६ - भारतीय भाषाओं के लिये इनस्क्रिप्ट कुञ्जीपटल मानक स्वीकृत। एऍलपी (एप्रॅक्स लैंग्वेज़ प्रोसैसर) - भारत सरकार के संस्थान सी-डैक का डॉस-आधारित स्वतंत्र बहुभाषी हिन्दी शब्द संसाधक ; लगभग उतना ही शक्तिशाली और सुविधा-संपन्न जितना कि उस समय वर्डस्टार नामक अंग्रेज़ी सॉफ्टवेयर था। १९९१ में यूनिकोड का आविर्भाव। अक्टूबर १९९१ में यूनिकोड का पहला संस्करण १.०.० जारी जिसमें नौ भारतीय लिपियाँ देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम तथा ओड़िया शामिल की गयी। [1] विंडोज़ १.० (१९८५) तथा माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के पहले संस्करण (१९९०) के बाद १९९३ में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस प्रोफैशनल के आने के बाद ८-बिट हिन्दी फॉण्टों से विंडोज़ में हिन्दी में वर्ड प्रोसैसिंग सम्भव। आइऍसऍम ऑफिस (इसकी मदद से मौजूदा सॉफ्टवेयर पैकेज में भारतीय भाषा में काम किया जा सकता है) लीप ऑफिस २००० (सम्पूर्ण भारतीय भाषी सॉफ्टवेयर) १९९५ के आसपास इंटरनेट पर हिन्दी का पदार्पण – रोमन व इमेज फ़ाइलों के रूप में तथा बाद में डायनैमिक फॉण्टों के जरिये। १९९५ - सीडैक लीप ऑफिस, श्रीलिपि तथा अक्षर फॉर विंडोज़ आदि वर्डप्रोसैसरों का आगमन। १४ सितंबर १९९६ में हिन्दी दिवस के अवसर पर तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव ने पीसी-डॉस के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया जिसमें एक हिन्दी प्रोग्रामिंग भाषा भी शामिल थी।
हिन्दी कम्प्यूटिंग के प्रमुख पड़ाव २००० – हिन्दी समाचार पत्र इंटरनेट की ओर, यूनिकोड हिन्दी का पदार्पण। इंटरनेटी हिन्दी में क्रान्ति की शुरूआत। सीडैक के हिन्दी ऑपरेटिंग सिस्टम इंडिक्स की शुरूआत। विंडोज़ २००० और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के दक्षिण एशियाई संस्करण में हिन्दी समर्थन प्रदान किया गया। २००० बालेन्दु शर्मा दाधीच द्वारा विकसित हिंदी शब्द संसाधक 'माध्यम' निःशुल्क वितरण एवं प्रयोग के लिए जारी। २९ अप्रैल २००२, सी-डैक द्वारा हिन्दी ओसीआर सॉफ्टवेयर चित्रांकन का विमोचन किया गया। [2] २००२ - लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य प्रोग्रामों के हिन्दीकरण की शुरुआत। जुलाई, २००३ - हिन्दी विकिपीडिया आरम्भ। २००३ - हिन्दी (भारतीय बहुभाषायी) लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम मिलन जारी। हिन्दी वर्तनी जाँच सुविधा युक्त माइक्रोसॉफ्ट का ऑफिस सुइट हिन्दी में जारी। इसी वर्ष ओपनऑफिस का हिन्दी इंटरफेस युक्त संस्करण १.१ भी जारी। २००३ - श्रीलिपि, अक्षर नवीन के यूनिकोड संस्करण जारी। अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर टैली में हिन्दी समर्थन। हिन्दी के शब्दकोश, प्रोग्रामिंग औजार उपलब्ध। २००३ – इंटरनेट/डैस्कटॉप सर्च हिन्दी में उपलब्ध। हिन्दी ब्लॉगों का पदार्पण, जीमेल के जरिये हिन्दी में ईमेल की सुविधा। २००४ - रैड हैट ने पाँच भारतीय भाषाओं हेतु मुक्त स्रोत लोहित फॉण्ट जारी किये जिनका आगे जाकर अनेक लिनक्स वितरणों में प्रयोग हुआ। २००५ – माइक्रोसॉफ्ट ऍक्सपी ऑपरेटिंग सिस्टम का खास हिन्दी का स्टार्टर संस्करण जारी। तमाम लिनक्स वितरणों रैडहैट, उबुंटू के हिन्दी संस्करण जारी। २००६ – माइकोसॉफ्ट, ऍमऍसऍन और याहू हिन्दी में जारी। जनवरी २००७ में विंडोज़ विस्ता जारी, पहला विंडोज़ संस्करण जिसमें हिन्दी समर्थन अन्तर्निमित है। बाइ डिफॉल्ट समर्थन लागू रहता है, अलग से कोई सैटिंग नही करनी पड़ती, बस टाइपिंग हेतु कीबोर्ड जोड़ना पड़ता है।
हिन्दी कम्प्यूटिंग के प्रमुख पड़ाव मार्च २००७ - गूगल समाचार सेवा हिन्दी में शुरु। [3] जुलाई २००७ - हिन्दी का श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर (स्पीच टू टेक्स्ट) सी-डैक द्वारा विमोचित। अगस्त २००७ - गूगल ट्राँसलिट्रेशन, गूगल का डिक्शनरी आधारित ऑनलाइन फोनेटिक टाइपिंग औजार जारी। [4] अक्टूबर २००७ - गूगल ट्राँसलिट्रेशन तकनीक से गूगल सर्च में रोमन शब्द टाइप करने पर हिन्दी में सजैशन। [5] २००७ - इंटरनेट पर चीनी और अंग्रेजी भाषा के बाद हिन्दी सर्वाधिक लोकप्रिय तथा प्रयोग की जाने वाली भाषा। मई २००८ - गूगल ट्राँसलेट में हिन्दी से/को अन्य प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा। [6] १७ जून २००९, आइओऍस (तत्कालीन नाम आइफोन ओऍस) संस्करण ३ में आंशिक हिन्दी प्रदर्शन समर्थन आया। ३१ अगस्त २००९ - हिन्दी विकिपिडिया पर ४० हजार लेख पूरे हुए। ३० अक्टूबर २००९, आइकैन ( ICANN) ने सियोल में देवनागरी सहित चीनी , कोरियाई एवं हिब्रू लिपियों को यूआरएल में प्रयोग करने की अनुमति दे दी। २०१० की तीसरी तिमाही में ब्लैकबेरी ओऍस संस्करण ६ में हिन्दी प्रदर्शन समर्थन एवं हिन्दी वर्चुअल कीबोर्ड आया। ३ मई २०१०, टचस्क्रीन डिवाइसों पर हिन्दी टंकण हेतु टचनागरी नामक ऑनलाइन हिन्दी कीबोर्ड जारी। [7] २१ जून २०१०, आइओऍस ४ में पूर्ण हिन्दी प्रदर्शन समर्थन आाया। अक्टूबर २०१०, भारतीय रुपया चिह्न यूनिकोड ६.० में शामिल किया गया।
हिन्दी कम्प्यूटिंग के प्रमुख पड़ाव २०११ - गूगल बुक्स हिन्दी में उपलब्ध। अरविन्द कुमार का हिन्दी-अंग्रेजी-हिन्दी समान्तर कोश अरविन्द-लैक्सिकन ऑनलाइन जारी। अप्रैल २०११, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ने हिन्दी शब्दावलियाँ आनलाइन की। ६ जून २०११, आइओऍस ५ में हिन्दी कीबोर्ड आया। ११ जून २०११, इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट द्वारा चाणक्य , कृतिदेव आदि जैसे नॉन-यूनिकोड फॉण्टों में टाइप करने हेतु पहला इनपुट मैथड ऍडीटर ई-पण्डित आइऍमई जारी। [8] जून २०११, गूगल ट्राँसलेट में पाँच भारतीय भाषाओं बंगाली, गुजराती, कन्नड़, तमिल तथा तेलुगू शामिल। [9] ३० अगस्त २०११, हिन्दी विकिपीडिया पर एक लाख लेख से ऊपर हुये। १४ सितम्बर २०११, - ट्विटर हिन्दी दिवस के दिन हिन्दी में जारी। [10] अक्टूबर २०११, ऍण्ड्रॉइड ४.० (आइस क्रीम सैंडविच) में काफी हद तक हिन्दी, तमिल तथा बंगाली समर्थन आया। लोहित देवनागरी हिन्दी फॉण्ट शामिल किया गया। स्टॉक ऍण्ड्रॉइड ब्राउजर में हिन्दी, तमिल एवं बंगाली का पूर्ण समर्थन। मई २०१२, गार्मिन ने हिन्दी भाषा सक्षम नेवीगेशन डिवाइस जारी किये। [11] मई २०१२, फायरफॉक्स का मोबाइल ब्राउजर हिन्दी में जारी।
हिंदी के संसाधन हिन्दी समर्थन इण्डिक ऍक्सपी • हिन्दी टूलकिट • मोबाइल उपकरणों में हिन्दी समर्थन • आयरॉन्स हिन्दी सपोर्ट • इण्डिक यूनिकोड • यूनिस्क्राइब • हिन्दी में ईमेल लिप्यन्तरण आइट्राँस • अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला • मशीनी लिप्यन्तरण • गिरगिट (लिप्यन्तरण) • भोमियो • गूगल लिपि परिवर्तक मशीनी अनुवाद गूगल अनुवाद • मन्त्र-राजभाषा हिन्दी पाठ से वाक तन्त्र वाचक (पाठ से वाक) • हिन्दीवाणी • ध्वनि (पाठ से वाक) • फैस्टिवल (पाठ से वाक) • वॉजमी • शक्ति (पाठ से वाक) हिन्दी वाक से पाठ तन्त्र श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर ( श्रुतलेखन-राजभाषा • मन्त्र-राजभाषा ) • वाचान्तर-राजभाषा • हिन्दी एऍसआर हिन्दी ओसीआर टेसरैक्ट • संस्कृत ओसीआर • चित्रांकन प्रचालन तन्त्र भारत ऑपरेटिंग सिस्टम सॉल्यूशन्स • विण्डोज ऍक्सपी हिन्दी संस्करण स्थानीकरण लैंग्वेज इंटरफेस पैक • विण्डोज हिन्दी ऍलआइपी • पीओऍडिट • इण्डलिनक्स • अक्षरग्राम निपुण शब्दकोश एवं ज्ञानकोष तकनीकी शब्दावली • शब्दकोश.कॉम • ई-महाशब्दकोश • हिंदी शब्दसागर • हिन्दी विकिपीडिया • सर्वज्ञ विकि • कविताकोश • हिन्दी विश्वकोश • भारतकोश [1] संगठन सी-डैक • अक्षरग्राम नेटवर्क • ई-पण्डित लैब्स • सरोवर.ऑर्ग • पिनाक संस्था • सराय संस्था • [ शिल्पा ] इण्टरनेट हिन्दी में वेबसाइटों की एक सूची • हिन्दी चिट्ठाजगत • अक्षरग्राम नेटवर्क • हिन्दी अन्तर्जाल पत्रिकाओं की सूची अन्य वर्तनी जाँचक • इण्डिक कम्प्यूटिंग • हिन्दी समर्थन युक्त सॉफ्टवेयरों की सूची
माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज़ माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज़ सर्वाधिक लोकप्रिय डैस्कटॉप प्रचालन तन्त्र (ऑपरेटिंग सिस्टम) है। विण्डोज़ ऍक्सपी तथा विण्डोज़ ७ वर्तमान में दो सबसे प्रचलित विण्डोज़ संस्करण हैं। इनमें से विण्डोज़ ऍक्सपी में हिन्दी समर्थन है परन्तु इसे कंट्रोल पैनल में जाकर सक्षम करना पड़ता है तथा इस कार्य हेतु विण्डोज़ सीडी की आवश्यकता होती है। इस कार्य को सरल बनाने के लिये लेखक द्वारा निर्मित IndicXP नामक औजार उपलब्ध है जो यह कार्य बिना विण्डोज़ सीडी की आवश्यकता के स्वचालित रूप से कर देता है। विण्डोज़ ७ में इण्डिक सपोर्ट पहले से सक्षम होता है। आगामी विण्डोज़ ८ भी इस मामले हिन्दी टंकण के लिये विण्डोज़ में हिन्दी का मानक इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होता है जिसे कंट्रोल पैनल के रिजनल ऍण्ड लैंग्वेज ऑप्शन्स में जाकर जोड़ना होता है। फोनेटिक तथा रेमिंगटन लेआउट द्वारा टंकण के लिये आपको बाहरी औजार इंस्टाल करने पड़ते हैं। फोनेटिक के लिये Google IME तथा रेमिंगटन के लिये Indic IME प्रचलित औजार हैं। विण्डोज़ का यूजर इंटरफेस भी हिन्दी में किया जा सकता है । इसके लिये माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट पर Language Interface Pack उपलब्ध है। में हिन्दी मित्र है।
लिनक्स लिनक्स के अधिकतर नये वितरणों में हिन्दी आदि भारतीय भाषाओं के प्रदर्शन हेतु समर्थन पहले से सक्षम होता है। हालाँकि टैक्स्ट इनपुट एवं स्थानीय भाषाई इंटरफेस हेतु उस भाषा का सपोर्ट सक्षम करना पड़ता है। अधिकतर प्रचलित वितरणों जैसे उबुंटू, लिनक्स मिंट तथा रैडहैट आदि में इंस्टालेशन के समय ही वाँछित भाषा का विकल्प चुनकर इण्डिक सपोर्ट सक्षम किया जा सकता है। यदि इंस्टालेशन के समय नहीं किया गया तो बाद में इंटरनेट से कनैक्ट होकर यह सक्षम किया जा सकता है। लिनक्स में हिन्दी टंकण हेतु इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होता है। कुछ संस्करणों में बोलनागरी नामक फोनेटिक कीबोर्ड भी होता है। ये कीबोर्ड इसकी सैटिंग्स में जाकर SCIM या iBus के द्वारा जोड़े जा सकते हैं। लिनक्स का यूजर इंटरफेस लगभग पूरी तरह हिन्दी में उपलब्ध है।
मॅक ओऍस ऍपल के डैस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम मॅक ओऍस में संस्करण १० (ओऍस ऍक्स) से भारतीय भाषाई समर्थन दिया जाना शुरु हुआ था। संस्करण १०.७ में लगभग सभी भारतीय भाषाओं का समर्थन आ चुका है। हिन्दी इनपुट के लिये इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होता है जिसे सैटिंग्स में जाकर जोड़ना पड़ता है। ओऍस ऍक्स में अभी हिन्दी इंटरफेस नहीं है।
आइओऍस आइओऍस ऍपल का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि आइफोन (ऍपल का स्मार्टफोन), आइपॉड टच (ऍपल का पोर्टेबल म्यूजिक प्लेयर) तथा आइपैड (ऍपल का टैबलेट) में प्रयुक्त होता है। आइओऍस ४. x से इसमें पूर्ण हिन्दी प्रदर्शन समर्थन आ गया । आइओऍस का इंटरफेस तो हिन्दी में नहीं पर तिथि तथा समय आदि में नाम तथा अंक देवनागरी में देखे जा सकते हैं। आइओऍस के नये संस्करण ५ में हिन्दी कीबोर्ड आ गया है जिससे डिवाइस में कहीं भी सीधे हिन्दी में लिखना सम्भव हो गया है।
ऍण्ड्रॉइड ऍण्ड्रॉइड गूगल का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि विभिन्न स्मार्टफोन एवं टैबलेट निर्माताओं द्वारा अपने उपकरणों में प्रयुक्त किया जाता है। ऍण्ड्रॉइड में संस्करण २.३ (जिंजरब्रैड) तथा ३. x ( हनीकॉम्ब) तक में हिन्दी प्रदर्शन समर्थन नहीं है । कुछ स्मार्टफोन निर्माताओं ने अपने कुछ मॉडलों में अपने स्तर पर फर्मवेयर को संशोधित करके हिन्दी समर्थन उपलब्ध कराया है। ऍण्ड्रॉइड के नवीनतम संस्करण ४.० (आइस क्रीम सैंडविच) में हिन्दी, बंगाली तथा तमिल भाषाओं का समर्थन आ गया है। हिन्दी इनपुट के लिये अभी अन्तर्निर्मित कीबोर्ड नहीं है। गूगल प्ले (ऍण्ड्रॉइड का ऍप्लिकेशन स्टोर) से Go Keyboard, MultiLing Keyboard आदि हिन्दी कीबोर्ड इंस्टाल किये जा सकते हैं। इनके अतिरिक्त कुछ अन्य मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम हैं – सिम्बियन, विण्डोज़ फोन तथा ब्लैकबेरी ओऍस। सिम्बियन में आँशिक हिन्दी समर्थन है यानि कुछ संस्करणों में थोड़ा बहुत हिन्दी समर्थन है। विण्डोज़ फोन में हिन्दी समर्थन फिलहाल बिलकुल नहीं है। ब्लैकबेरी ओऍस में संस्करण ६ से हिन्दी समर्थन आया।
हिन्दी संगणन सम्बन्धी औजार हिन्दी संगणन औजारों की बात होने पर सबसे पहले टंकण औजारों की बात आती है। लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टमों में मानक इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होता है। हिन्दी टंकण के लिये सामान्य मोबाइल फोनों पर T9 इनपुट व्यवस्था तथा टचस्क्रीन फोनों पर इन्स्क्रिप्ट ऑनस्क्रीन कीबोर्ड होता है। हिन्दी एवं दूसरी भाषाओं के मध्य दूरी पाटने के लिये मशीनी लिप्यन्तरण तथा मशीनी अनुवाद सेवायें उपलब्ध हैं। मशीनी लिप्यन्तरण सेवाओं द्वारा देवनागरी एवं अन्य भारतीय लिपियों के मध्य परिवर्तन सम्भव है। इनके प्रयोग से आप किसी पंजाबी में लिखे वेबपेज को पलक झपकते ही देवनागरी में पढ़ सकते हैं। दूसरी ओर मशीनी अनुवाद सेवायें इतनी बेहतर तो नहीं पर किसी दूसरी भाषा में लिखी सामग्री का हिन्दी में अर्थ समझने में कुछ सहायता कर देती हैं। मशीनी अनुवाद के लिये गूगल ट्राँसलेट, मन्त्र-राजभाषा तथा बिंग ट्राँसलेटर आदि कुछ सेवायें हैं।
हिन्दी संगणन सम्बन्धी औजार ओसीआर तकनीक किसी इमेज में से टैक्स्ट को पहचान कर उसे सम्पादन योग्य टैक्स्ट में बदलती है। ओसीआर मुद्रित हिन्दी सामग्री के डिजिटलीकरण के लिये एक महत्वपूर्ण औजार है। अंग्रेजी के लिये जहाँ कई ओसीआर हैं वहीं हिन्दी के लिये काफी हद तक सही परिणाम देने वाला हिन्दी/संस्कृत ओसीआर नामक एक ही औजार है। इस दिशा में अभी और काम किया जाना बाकी है। इलैक्ट्रॉनिक शब्दकोष किसी शब्द का अर्थ, उच्चारण आदि ढूँढना सरल बनाते हैं। हिन्दी के लिये शब्दकोष.कॉम, ई-महाशब्दकोश, अरविन्द-लैक्सिकन, विक्शनरी आदि ऑनलाइन शब्दकोष हैं। इनके अतिरिक्त कई ऑफलाइन इलैक्ट्रॉनिक शब्दकोष भी उपलब्ध हैं। किसी दस्तावेज में टंकित हिन्दी सामग्री हेतु कई वर्तनी जाँचक (स्पैल चैकर) भी उपलब्ध हैं। यद्यपि वेब पर काफी हिन्दी सामग्री उपलब्ध है पर ईबुक्स रूप में नहीं। कुछ पुस्तकें स्कैन कर पीडीऍफ फॉर्मेट में उपलब्ध हैं पर ईबुक्स के प्रचलित फॉर्मेटों में अभी काफी कम हैं। पाठ से वाक् ऐसे सॉफ्टवेयर तन्त्र होते हैं जो टैक्स्ट को पढ़कर सुनाते हैं। इन्हें TTS (Text to Speech) भी कहा जाता है। हिन्दी के लिये ऐसे कई प्रोग्राम हैं तथा उनका प्रदर्शन भी अच्छा है। इनमें फैस्टिवल, वॉजमी, वाचक वर्ड प्लगइन, ध्वनि, शक्ति इत्यादि शामिल हैं।
हिन्दी संगणन सम्बन्धी औजार दूसरी ओर वाक् से पाठ ऐसे तन्त्र होते हैं जो माइक्रोफोन में बोली गयी ध्वनि को इनपुट के तौर पर लेकर उसे टैक्स्ट में बदलते हैं। अंग्रेजी के लिये जहाँ ऐसे कई प्रोग्राम हैं वहीं हिन्दी के लिये एकमात्र प्रोग्राम सीडैक का श्रुतलेखन-राजभाषा है। सही सैटिंग करने पर यह काफी हद तक सही परिणाम देता है। प्रकाशन उद्योग द्वारा ग्राफिक्स एवं डीटीपी हेतु मुख्यतः कोरल ड्रॉ, अडॉबी फोटोशॉप तथा अडॉबी इनडिजाइन आदि पैकेजों का उपयोग किया जाता है। इनमें इण्डिक यूनिकोड का समर्थन न होने से हिन्दी में कार्य करने हेतु पुराने नॉन-यूनिकोड फॉण्टों का प्रयोग किया जाता था। अब अडॉबी के उत्पादों के CS6 संस्करण में तथा कोरल ड्रॉ X6 में हिन्दी समर्थन आने से इन पैकेजों में हिन्दी में कार्य करना सरल हो गया है। फॉण्ट कोड परिवर्तक ऐसे कन्वर्टर प्रोग्राम हैं जो पुराने ऑस्की फॉण्टों (जैसे कृतिदेव, चाणक्य आदि) में टंकित हिन्दी सामग्री को यूनिकोड में बदलते हैं। कई मुफ्त कन्वर्टर प्रोग्राम उपलब्ध हैं जिनसे आप पुरानी ऍन्कोडिंग में टंकित हिन्दी सामग्री को वेब पर प्रकाशन हेतु यूनिकोड में बदल सकते हैं। (विजुअल स्टूडियो २०१० में एक हिन्दी भाषाई ऍप्लिकेशन) वर्तमान में अधिकतर सभी नई प्रोग्रामिंग भाषाओं तथा डाटाबेस सिस्टमों में हिन्दी यूनिकोड समर्थन आ चुका है। डॉट नेट तथा जावा में हिन्दी भाषाई ऍप्लिकेशन बनायी जा सकती हैं। विभिन्न वेब प्रोग्रामिंग भाषाओं द्वारा हिन्दी भाषाई वेब अनुप्रयोग विकसित किये जा सकते हैं।
हिन्दी वेबसाइटें एवं वेब सेवायें यूनिकोड के आगमन के बाद हिन्दी वेबसाइटों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पहले जहाँ अधिकतर हिन्दी वेबसाइटें नॉन-यूनिकोड फॉण्टों में होने से आमजन तक नहीं पहुँच पाती थी वहीं अब नयी वेबसाइटों के अतिरिक्त अधिकतर पुरानी साइटें भी यूनिकोडित हो चुकी हैं। यूनिकोड में बनी वेबसाइटें बिना फॉण्ट के झमेले के पढ़ी जा सकती हैं तथा ये सर्च इंजनों द्वारा भी सूचीबद्ध की जाती हैं। आज अधिकतर हिन्दी समाचार-पत्रों की वेबसाइटें हैं। इसके अतिरिक्त अनेक मनोरंजन पोर्टल, ईकॉमर्स वेबसाइटें आदि भी हिन्दी में हैं। दूसरी ओर विकिपीडिया , विकिट्रैवल , भारतकोश आदि ज्ञानवर्धक विश्वकोष भी हैं।
हिन्दी वेबसाइटें एवं वेब सेवायें वर्तमान में अधिकतर सर्च इंजन यथा गूगल, बिंग आदि हिन्दी यूनिकोड खोज का समर्थन करते हैं। हिन्दी खोज के मामले में गूगल का प्रदर्शन अन्य सर्च इंजनों की तुलना में बेहतर है। गूगल का इंटरफेस हिन्दी एवं अन्य दूसरी भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। ईमेल की बात करें तो वैसे तो अधिकतर वर्तमान ईमेल सेवायें हिन्दी यूनिकोड का समर्थन करती हैं परन्तु गूगल की जीमेल हिन्दी के लिये सर्वोत्तम है। जीमेल में हिन्दी में मेल लिखने हेतु गूगल का ट्राँसलिट्रेशन टूल भी इनबिल्ट है। हिन्दी चिट्ठाकारी की इंटरनेट पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सन २००२ में ‘नौ दो ग्यारह’ नामक चिट्ठे से आरम्भ होकर आज हिन्दी चिट्ठों की संख्या लगभग ३०,००० तक पहुँच गयी है। यद्यपि अब भी हिन्दी चिट्ठाजगत अंग्रेजी चिट्ठाजगत जितना विस्तृत नहीं पर यह निरन्तर प्रगति कर रहा है। हिन्दी चिट्ठाकारी ने कम्प्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी में रुचि रखने वाले विभिन्न लोगों का समुदाय विकसित करने में सहायता की है। ब्लॉगर तथा वर्डप्रैस के ब्लॉग प्लेटफॉर्म हिन्दी के लिये उपयुक्त हैं।
डिजिटल हिन्दी का भविष्य कम्प्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन तथा टैबलेट आदि डिजिटल उपकरण हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। आजकल लगभग इन सभी उपकरणों में हिन्दी में काम करना सम्भव है। भाषाई समर्थन ने तकनीकी विभाजन की दूरी को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। यूनिकोड सिस्टम ने हिन्दी को सभी कम्प्यूटिंग डिवाइसों तक पहुँचा दिया है। यूनिकोड सिस्टम के कारण कम्प्यूटर पर हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में काम करना अंग्रेजी जैसा ही सरल हो गया है। इसी कारण अब इंटरनेट पर हिन्दी चिट्ठों तथा वेबसाइटों की भरमार है। ऑपरेटिंग सिस्टमों की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज़, लिनक्स तथा ऍपल के मॅक ओऍस आदि डैस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टमों के अतिरिक्त आइओऍस तथा ऍण्ड्रॉइड जैसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टमों में भी इण्डिक यूनिकोड का समर्थन आ गया है। कम्प्यूटर पर ऑफिस सुइट जैसे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, लिब्रेऑफिस इत्यादि में भारतीय भाषाओं में ठीक उसी तरह काम किया जा सकता है जैसे अंग्रेजी में। फलस्वरूप कम्प्यूटर पर भारतीय भाषायें अब केवल टाइपिंग तक सीमित न रहकर शॉर्टिंग, इंडैक्सिंग, सर्च, मेल मर्ज, हैडर-फुटर, फुटनोट्स, टिप्पणियाँ (कमेंट) आदि सब कम्प्यूटरी कार्यों में सक्षम हो गयी हैं। यहाँ तक कि आप फाइलों के नाम भी हिन्दी (या किसी अन्य भारतीय भाषा) में दे सकते हैं।
डिजिटल हिन्दी का भविष्य वर्तमान में विण्डोज़ युक्त कम्प्यूटरों में विण्डोज़ ऍक्सपी और विण्डोज़ ७ की लगभग बराबर हिस्सेदारी है तथा आगामी लगभग पाँच वर्षों में विण्डोज़ ७ विण्डोज़ ऍक्सपी का स्थान ले लेगी। अर्थात आने वाले वर्षों में लगभग सभी कम्प्यूटरों में हिन्दी समर्थन पूरी तरह अन्तर्निर्मित होगा। प्रकाशन उद्योग द्वारा अत्यधिक उपयोग किये जाने वाले ग्राफिक्स तथा डीटीपी पैकेजों फोटोशॉप, कोरलड्रॉ तथा इनडिजाइन आदि में हिन्दी यूनिकोड समर्थन आने से भविष्य में प्रकाशन उद्योग भी यूनिकोड को अपनायेगा। यूनिकोड के प्रति बढ़ती जागरुकता और प्रकाशन के सॉफ्टवेयर पैकेजों के यूनिकोड मित्र संस्करण आने के मद्देनजर इस दशक के अन्त तक कम्प्यूटर और इंटरनेट पर सारा कार्य यूनिकोड हिन्दी में होने लगेगा। इंटरनेट पर भी अब अन्तर्राष्ट्रीय वर्ण-कूट मानक यूनिकोड खूब लोकप्रिय हो रहा है और सभी प्रमुख वेबसाइटें जैसे गूगल, विकिपीडिया आदि इसे अपना चुकी हैं। यूनिकोड आधारित वेबसाइटों को देखने के लिये पाठक के पास सम्बन्धित फॉण्ट होने की अनिवार्यता भी नहीं है। अगर कोई वेबसाइट यूनिकोड में है तो उसे किसी भी यूनिकोड सक्षम कम्प्यूटर पर देखा जा सकता है। यूनिकोड की लोकप्रियता संसार भर में दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ती जा रही है तथा इसके साथ ही हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में भी वेबसाइट, ब्लॉग, ऑनलाइन वेब आधारित औजारों/उपकरणों/सुविधाओं का प्रयोग धड़ाधड़ बढ़ता जा रहा है। ईमेल में सीधे हिन्दी में सम्प्रेषण किया जा रहा है। मोबाइल फोन पर भी हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में संक्षिप्त सन्देश ( SMS) तथा इंटरनेट संचार किया जाने लगा है।
डिजिटल हिन्दी का भविष्य हिन्दी संगणन सम्बन्धी सॉफ्टवेयर औजारों की बात करें तो हिन्दी टंकण, मशीनी लिप्यन्तरण, मशीनी अनुवाद, शब्दकोष, वर्तनी जाँच, पाठ से वाक् तथा फॉण्ट परिवर्तक आदि तन्त्र लगभग पूरी तरह सुलभ हो चुके हैं। ओसीआर तथा श्रुतलेखन (वाक् से पाठ) के क्षेत्र में और विकास की आवश्यकता है। ये हिन्दी सामग्री के डिजिटलीकरण हेतु दो सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर हैं। विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषायें और डाटाबेस भी हिन्दी समर्थन युक्त हैं। मॅक ओऍस को छोड़कर अधिकतर ऑपरेटिंग सिस्टमों का हिन्दीकरण हो चुका है। मोबाइल प्लेटफॉर्मों तथा उपकरणों पर भी हिन्दी सुलभ होती जा रही है। कुल मिलाकर हिन्दी कम्प्यूटिंग का अब तक का विकास सन्तोषपूर्ण है तथा भविष्य सही दिशा में है।