समुद्र शास्त्र के बारे में तो आपने सुना

PremBaboo 1,539 views 31 slides Aug 15, 2015
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About This Presentation

Some point about your body part and importance of your signature


Slide Content

ज्योतिष विज्ञान ASTROLOGY प्रेम बाबू गुना ,( मध्य प्रदेश ), भारत द्वारा प्रस्तुत

समुद्र शास्त्र के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जिसके द्वारा इंसान के चेहरे-मोहरे को देखकर उसके व्यक्तित्व और मानसिकता की जड़ तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि इंसान का शरीर बेहद संवेदनशील होता है और उसके पास ऐसी ताकत है जो होने वाली घटना को पहले ही भांप ले। हो सकता है आपको यकीन ना हो लेकिन समुद्र शास्त्र की सहायता से आप इंसान के फड़कते हुए अंगों को जानकर उसके साथ भविष्य में होने वाली घटना को जान सकते हैं ।

समुद्र शास्त्र के अनुसार पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है, यानि उनके बाएं हिस्से के फड़कने में खुशखबरी और दाएं हिस्से के फड़कने पर बुरी खबर सुनाई दे सकती है।

किसी व्यक्ति के माथे पर अगर हलचल होती है तो उसे भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है वहीं कनपटी के पास फड़कन पर धन लाभ होता है।

अगर व्यक्ति की दाईं आंख फड़कती है तो यह इस बात का संकेत है कि उसकी सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं और अगर उसकी बाईं आंख में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई अच्छी खबर मिल सकती है। लेकिन अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी की तरफ इशारा करता है

अगर इंसान के दोनों गाल एक साथ फड़कते हैं तो इससे धन लाभ की संभावना बढ़ जाती है।

अगर अपने जीवन में नई दोस्ती की चाह रखते हैं तो अपने होठों के फड़कने का इंतजार कीजिए।

अगर आपका दायां कंधा फड़कता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको अत्याधिक धन लाभ होने वाला है। वहीं बाएं कंधे के फड़कने का संबंध जल्द ही मिलने वाली सफलता से है। परंतु अगर आपके दोनों कंधे एक साथ फड़कते हैं तो यह किसी के साथ आपकी बड़ी लड़ाई को दर्शाता है।

अगर आपकी हथेली में हलचल होती है तो यह यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आप जल्द ही किसी बड़ी समस्या में घिरने वाले हैं और अगर अंगुलियां फड़कती है तो यह इशारा करता है कि किसी पुराने दोस्त से आपकी मुलाकात होने वाली है।

अगर आपकी दाईं कोहनी फड़कती है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि भविष्य में आपकी किसी से साथ बड़ी लड़ाई होने वाली है। लेकिन अगर बाईं कोहनी में फड़कन होती है तो यह बताता है कि समाज में आपकी प्रतिष्ठा और ओहदा बढ़ने वाला है।

पीठ के फड़कने का अर्थ है कि आपको बहुत बड़ी समस्याओं को झेलना पड़ सकता है।

दाईं जांघ फड़कती है तो यह इस बात को दर्शाता है कि आपको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा और बाईं जांघ के फड़कने का संबंध धन लाभ से है।

दाएं पैर के तलवे के फड़कने का संबंध सामाजिक प्रतिष्ठा में हानि से और बाएं पैर के फड़कने का अर्थ निकट भविष्य में यात्रा से है।

अगर आपको अपनी भौहों के बीच हलचल महसूस होती है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि निकट भविष्य में आपको सुखदायक और खुशहाल जीवन मिलने वाला है। इसके अलावा यह इस बात का भी संकेतक है कि आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं आपको उसमें अनापेक्षित सफलता मिलने वाली है।

गले का फड़कना भी एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह आपके लिए खुशहाली, सम्मान और आराम लाने वाला है।

अगर किसी व्यक्ति की कमर का सीधा हिस्सा फड़कता है तो यह इस बात का संकेत है कि भविष्य में धन लाभ की संभावनाएं हैं।

जिस व्यक्ति की हथेली के बीचो-बीच तिल होता है वह बेहद धनवान और सामाजिक रूप में आदरणीय बनता है। इसके अलावा जिन लोगों के पैरों के तलवे पर तिल या वाहन जैसा दिखने वाला निशान होता है वह एक बेहतरीन शासक कहलाता है।

मध्यमा अगुंली के ठीक नीचे मणिबधं तक फैली रेखा, जिसे भाग्य रेखा कहा जाता है, स्पष्ट और अखंडित हो तो ऐसे व्यक्ति को हर प्रकार का सांसारिक सुख, सुविधा और यश की प्राप्ति होती है।

ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव बताते हैं आपके सिग्नेचर सदियों से लोगों के चरित्र को भांपने के विचित्र तरीकों को आजमाया गया है। कौन किस प्रकार से बात करता है, उससे उसके चरित्र की झलक मिलती है। यहां तक कि व्यक्ति के चलने के तरीके, किसी से वार्तालाप करते समय हाथ-पांव को उपयोग करने का तरीका और अब तो व्यक्ति के हस्ताक्षर करने के तरीके से भी चरित्र के बारे में पता लगाया जा सकता है।

जी हां, आपके हस्ताक्षर! किसी कानूनी एवं व्यवसायिक दस्तावेज़ों पर इस्तेमाल होने वाला बनावटी सा अक्षर, जो लोगों के सामने आपकी पहचान बनाता है, वही आपका हस्ताक्षर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज़रूरत पड़ने पर आपका एक हस्ताक्षर आपको आपके चरित्र से रूबरू करा सकता है?

अपने स्वभाव के बारे में वैसे तो हर किसी को जानकारी होती है, परन्तु कुछ बातें ऐसी होती हैं जो इंसान खुद भी अपने संदर्भ में जान नहीं पाता है। उन सभी बातों के ऊपर से पर्दा उठाता है आपका हस्ताक्षर। हस्ताक्षर की मूल परिभाषा के मुताबिक इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है, हस्त+अक्षर। जिसका अर्थ है हाथों से लिखित अक्षर। स्ताक्षर एक ऐसी कला है जो हर किसी में विभिन्न प्रकार की होती है। कोई हस्ताक्षर करते समय अपना पूरा नाम लिखना पसंद करता है, तो कोई आधा-अधूरा। किसी को हस्ताक्षर के साथ आड़ी-तिरछी लाइनें खींचना पसंद है, तो कोई तरह-तरह की बिंदुओं से अपने हस्ताक्षर को सजाता है। 

कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो हस्ताक्षर करते समय हमेशा ही जल्दबाजी में होते हैं, मानो उनकी कोई ट्रेन छूट रही हो। और कुछ सहज स्वभाव से आराम से हस्ताक्षर करते हैं। परन्तु यह सभी तरीके उस इंसान के चरित्र को ही दर्शाते हैं जिसके द्वारा हस्ताक्षर किए गए हों।

नौ ग्रहों में सबसे पहला और सबसे श्रेष्ठ माना जाने वाला ग्रह है, ‘सूर्य ग्रह’। यदि आपके हस्ताक्षर सरल, सीधे एवं स्पष्ट होते हैं, तो आपका सम्बन्ध ब्रह्मांड में मौजूद सूर्य ग्रह से है। यह ग्रह आपको स्वभाव में सरल तथा विशाल हृदय वाला बनाता है।

यदि आप अपने हस्ताक्षर करते समय नाम लिखने के बाद अंत में एक बिंदु या फिर कोई खास चिन्ह लगाते हैं, तो आपके हस्ताक्षर चंद्रमा की प्रवृत्ति वाले हैं। ऐसे लोग रचनात्मक होते हैं। उन्हें सजावट से बेहद प्रेम होता है। किंतु इनके स्वभाव की अच्छी-बुरी बातें इस बात पर निर्भर करती हैं कि इनकी जन्म कुंडली का चन्द्रमा शुभ स्थिति में है या अशुभ।यदि शुभ है तो ऐसे ब्यक्ति कुशल स्वभाव के होते हैं। किसी भी कार्य को आरंभ करने के बाद बीच में छोड़ना इनकी आदत नहीं है। किंतु यदि चंद्रमा अशुभ ग्रहों के साथ उपस्थित है तो जातक हस्ताक्षर के नीचे बिंदु नहीं, बल्कि दो लाइनें खींचता है। ये चिह्न उसके मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न करते हैं। इससे उसकी सोच सकारात्मक से नकारात्मक दृष्टि में तब्दील हो जाती है।

तीसरा ग्रह है ‘मंगल ग्रह’। यदि जातक हस्ताक्षर करते समय पूरा नाम लिखने के बाद नीचे एक लम्बी लाइन खींचता है, तो उसका हस्ताक्षर मंगल ग्रह से सम्बन्ध रखता है। मंगल ग्रह ऐसे लोगों के स्वभाव पर गहरा असर करता है।

यदि हस्ताक्षर स्पष्ट एवं गोलाकार बिंदु के रूप में हों तो ऐसे जातक बुध ग्रह से सम्बन्धित होते हैं। ऐसे लोग अच्छे चिंतक, विचारक, लेखक एवं सम्पादक होते हैं। इनमें ज्ञान हासिल करने एवं साथ ही लोगों में बांटने का अति उल्लास देखा जाता है।यह लोग भावनात्मक होते हैं। त्याग एवं परोपकार की भावना इनमें कूट-कूट कर भरी रहती है। जीवन में यदि सबसे ज्यादा इनके लिए कुछ महत्वपूर्ण है तो वह है लक्ष्य प्राप्ति, और इसमें सफल होने के लिए यह कुछ भी कर सकते हैं।

यदि हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति अपने नाम का पहला अक्षर बड़ा और फिर बाकी उससे छोटे-छोटे बनाता है तो वह गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। ऐसे लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर करते हैं, यानी कि एक तिरछी लाइन में, लेकिन किसी भी प्रकार की लाइन का इस्तेमाल नहीं करते।इनके हस्ताक्षर के मुताबिक यह लोग बुद्धिमान एवं दार्शनिक होते हैं। ईश्वर में इनकी आस्था की कोई सीमा नहीं होती, किंतु अगर इनकी जन्म कुंडली में गुरु ग्रह का नकारात्मक प्रभाव चल रहा है तो यह उनमें पनप रही ईश्वरीय भावना को भी काटता है।

सुंदर, कलात्मक एवं हस्ताक्षर के नीचे एक गोलाकार स्वरूप लिए हुए एक छोटी पंक्ति बनाने वाले जातक शुक्र ग्रह से जुड़े होते हैं। ग्रहों के अनुसार ऐसे व्यक्ति मीडिया, फिल्मी दुनिया, वस्त्र उद्योग एवं इसी प्रकार के कलात्मक क्षेत्रों में अत्यंत रुचि रखते हैं। शुक्र ग्रह ऐसे लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है, किंतु हमेशा सकारात्मक तरीके से ही। ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन भी पूर्ण रूप से सुखी होता है। इन्हें अपने जीवन में बहुत कम समय पर मुश्किलें देखनी पड़ती हैं। यह लोग प्रत्येक प्रकार की सुख-सुविधा एवं भोग-विलास से युक्त होते हैं।

शनि ग्रह से सम्बन्ध रखने वाले जातक अपने हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे दो रेखाएं जरूर खींचते हैं। ऐसे लोग बेहद परिश्रमी होते हैं। किसी भी कार्य की गहराई में जाना इन्हें अत्यंत भाता है। विभिन्न प्रकार के शोध करने में भी रुचि रखते हैं ऐसे जातक।

कुछ लोगों को हस्ताक्षर करने के बाद अंत में किसी भी प्रकार का चिन्ह (-) लगाने की आदत होती है। इसके फलस्वरूप ऐसे जातकों पर राहु-केतु ग्रहों का पूर्ण प्रभाव होता है। ऐसे हस्ताक्षरों में लयबद्धता की कमी होती है। ऐसे जातकों के संदर्भ में एक बात और भी देखी गई है कि यह हस्ताक्षर काफी तेजी से खत्म करते हैं।

अपने हाथ में पेन पकड़ने के बाद एक पल में ही यह हवा की गति से अपना हस्ताक्षर समाप्त कर लेते हैं। इनका यह स्वभाव इनकी मानसिक तीव्रता को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु ग्रह से प्रभावित जातकों को अपने रहस्यों को अपने तक सीमित रखना चाहिए। अन्यथा यह उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
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