Stories with Moral in Hindi - बंदर और शंख की कहानी

kahanizoneinfo 38 views 1 slides Apr 25, 2025
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एक छोटा सा गाँव रामपुर था जहाँ पर सब बहुत खुशी-खुशी जीवन यापन करते थे। उस गाँव के लोग एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैय...


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बंदर और शंख की कहानी
एक छोटा सा गााँव रामपुर था जहााँ पर सब बहुत खुशी-खुशी जीवन यापन करते थे।
उस गााँव के लोग एक दूसरे की मदद के ललए हमेशा तैयार रहते थे। गााँव से दूर
चंपारण नाम का एक वन था जहााँ पर बहुत सारे पशु-पक्षी आपस में ममलकर रहते
थे। उसी जंगल में एक चीकू नाम का बंदर रहता था जो अपनी शरारत के ललए जाना
जाता था।

एक ददन चीकू बंदर रामपुर गााँव आ गया और चुपके से पंमित जी के घर से उनकी
शंख को चुरा ले गया। चीकू को एक रात शरारत सूझी, रात के बारह बजे थे, पीपल
के घने पेड़ पर चढ़ कर शंख को तेज-तेज बजाने लगा। रामपुर गााँव के सभी ननवासी
रात में जाग गये और शंख की आवाज के ललए तरह-तरह की बातें करने लगे। चीकू
उस ददन से हमेशा रात को ऐसा करता था। जजसके कारण गााँव वालों की नींद भी
खराब होती थी।

पूरे गााँव में िर का माहौल रहने लगा उस गााँव के पंमित जी एक ददन पूजा सुनाने जा
रहे थे और उनको उनकी शंख नहीं ममल रही थी। पंमित जी के ददमाग में तुरंत नवचार
आया नक रात में जो शंख की आवाज आती हैं, कही वह मेरी शंख से तो नहीं होती
ही। उसी रात पंमित जी चंपारण वन पीपल के पेड़ के पास गये और देखे की एक
बंदर शंख को बाजा रहा हैं।

अगली रात पंमित जी ने अपने साथ के ले लेकर गए, पंमित जी ने पीपल के पेड़ के
नीचे के ले रख ददए, पेड़ के ऊपर से चीकू बंदर के ले को देखते ही, शंख को छोड़ कर
नीचे भागा। पंमित जी शंख लेकर अपने गााँव चले गए और सभी ग्रामवालसयों को
चंपारण वन की घटना सुनाई। उस रात से शंख बजने की आवाज बंद हो गई और
रामपुर गााँव के लोग चैन की नीद सोने लगे।

नकसी बात की अफवाह पर नवश्वास करने से अच्छा हैं उसके पास जाकर सच्चाई को
देखना और समझना चानहए।
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