एक बहुत बड़ा हरा भरा पेड़ था जिसपर बहुत सारे पंछी रहते थे। उसी पेड़ के एक बिल में एक बहुत बड़ा साँप था जो अपनी लंबाई औ...
एक बहुत बड़ा हरा भरा पेड़ था जिसपर बहुत सारे पंछी रहते थे। उसी पेड़ के एक बिल में एक बहुत बड़ा साँप था जो अपनी लंबाई और मोटाई के कारण पेड़ से जल्दी नीचे नहीं उतरता था। उसको अपना शरीर बहुत भारी लगता था। जिसके कारण कभी-कभी वह भूखे ही सो जाता था। उसी पेड़ पर एक कोयल ने भी अपने घोंसले में अंडे दिए हुए थे। एक दिन कोयल का एक अंडा गिर कर साँप के बिल में चला गया। कोयल डरते-डरते साँप के पास गई और साँप ने उसका अंडा वापस कर दिया।
उसी दिन से कोयल और साँप दोस्त बन गये जब भी कोयल बाहर से खाना लेकर आती साँप के बिल के पास भी कुछ खाने के लिए रख देती थी। एक दिन एक शिकारी कोयल के बच्चे को पकड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ा। कोयल के बच्चों की आवाज सुन साँप बिल से निकला और शिकारी के पैर में काट लिया। जिससे शिकारी पेड़ से गिर पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
जब कोयल अपने बच्चों के लिए खाना ले कर वापस घोंसले के पास आई तो उसके बच्चों ने कोयल को सारी बात सुना दी। कोयल साँप के पास जाकर उसका आभार व्यक्त किया।
नैतिक सीख:
हमें दूसरों के भले के बारे में भी सोचना चाहिए। कहते हैं कि कर भला सो हो भला।
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Added: Apr 24, 2025
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Slide Content
सााँप और कोयल की कहानी
एक बहुत बडा हरा भरा पेड था जिसपर बहुत सारे पंछी रहते थे। उसी पेड के एक
बबल में एक बहुत बडा सााँप था िो अपनी लंबाई और मोटाई के कारण पेड से िल्दी
नीचे नहीं उतरता था। उसको अपना शरीर बहुत भारी लगता था। जिसके कारण
कभी-कभी वह भूखे ही सो िाता था। उसी पेड पर एक कोयल ने भी अपने घोंसले
में अंडे ददए हुए थे। एक ददन कोयल का एक अंडा बगर कर सााँप के बबल में चला
गया। कोयल डरते-डरते सााँप के पास गई और सााँप ने उसका अंडा वापस कर ददया।
उसी ददन से कोयल और सााँप दोस्त बन गये िब भी कोयल बाहर से खाना लेकर
आती सााँप के बबल के पास भी कु छ खाने के ललए रख देती थी। एक ददन एक
लशकारी कोयल के बच्चे को पकडने के ललए पेड पर चढा। कोयल के बच्चों की
आवाि सुन सााँप बबल से बनकला और लशकारी के पैर में काट ललया। जिससे
लशकारी पेड से बगर पडा और उसकी मृत्यु हो गई।
िब कोयल अपने बच्चों के ललए खाना ले कर वापस घोंसले के पास आई तो उसके
बच्चों ने कोयल को सारी बात सुना दी। कोयल सााँप के पास िाकर उसका आभार
व्यक्त बकया।
हमें दूसरों के भले के बारे में भी सोचना चाबहए। कहते हैं बक कर भला सो हो भला।
@kahanizone.com
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