Stress management 224

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About This Presentation

stress management in hindi


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Stress Management ( Tanav Prabhandhan )

दोस्तों , तनाव ( Stress) और चिंता ( Anxiety) ज्यादातर लोगों के लिए एक Common Problem बन चुकी है। प्रायः तनाव , स्ट्रेस का कारण काम का बोझ , समय की कमी , अनुचित खान-पान , खराब जीवन शैली एवं पारिवारिक समस्याएं होती हैं। अगर समय पर तनाव प्रबंधन ( Stress Management) नहीं किया जाये तो तनाव कई रोगों का कारण बन जाता है। इसलिए आज आप यहाँ तनाव (स्ट्रेस) को दूर करने के कुछ बेहतरीन उपायों के बारे में जानेंगे जिसकी मदत से आप तनाव को काफी हद तक   कम कर सकते हैं। INTRODUCTION

न चाहते हुए भी तनाव हमारी Life का अहम हिस्सा बन जाता है और समय के साथ यह चिंता का विषय बनता जाता है। हालाँकि तनाव के सामान्य प्राकृतिक क्रिया है लेकिन दिन प्रतिदिन से जुडी   समस्याएं जब हमारे ऊपर हावी होने लगती हैं और हम इसका या तो हल नहीं निकाल पाते या यह हम पर हावी होने लगती हैं तब यह तनाव का रूप ले लेती हैं। चिकित्सा मनोविज्ञान के अनुसार   जब शारीरिक और मानसिक कार्यप्रणाली   गड़बड़ ( Disturb) होने लगती है तब एड्रेनालिन तथा नॉन एड्रेनालिन द्रव्य प्रवाहित होने लगता है। जिससे तनाव बढ़ जाता है और व्यक्ति    डिप्रेशन में चले जाता है।   तनाव क्या है और तनाव प्रबंधन की जरूरत क्यों है ?

काम का ज्यादा बोझ   होना   समय का आभाव उच्च जीवन स्तर /   बदलती जीवनशैली   आर्थिक परेशानी   नींद की कमी   अनुचित दिनचर्यां   बीमारी   वातावरण का प्रभाव   रिश्तों   में उलझन   शारारिक अयोग्यता आदि।   तनाव के कुछ प्रमुख कारण

व्यक्ति धूम्रपान एवं शराब का सेवन अधिक करने लगता है।   चाय और काफी ज्यादा पीना   अपने बालों को नोचना   ज्यादा घुटने हिलना   हर काम में हड़बड़ाना   अकेले रहना पसंद करना   अंधाधुन्द गाड़ी चलना   नकारात्मक बाते ज्यादा करना   समाज से अलग अलग रहना   हमेशा सोचते रहना   हंसी मज़ाक पसंद न करना   डरा डरा रहना   ज्यादा गुस्सा होना    ज्यादातर हाँथ पैर ठंडे बने रहना   तनाव के कुछ लक्षण

याददाश्त कमज़ोर हो जाना नींद न आना चिड़चिड़ाहट मुँह का सूखना भूख न लगना रक्त संचार का ठीक न होना कमजोर हो जाना सनकी हो जाना उदास रहना अचानक दिल की धड़कर बढ़ जाना ज्यादातर हाँथ पैर ठंडे बने रहना मन में उल्टे सीधे विचार आना तनाव के कुछ दुष्प्रभाव

दिल की किसी बीमारी का खतरा दमा मोटापा। मधुमेह सिर दर्द अवसाद और चिंता गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं अल्जाइमर रोग समय से पहले बूढा होना अकाल मृत्यु तनाव से सम्बंधित रोग

जीवन में एक क्रूर सच्चाई है जिसे कुछ लोग स्वीकार करने से इंकार करते हैं: आपके जीवन में होने वाली कई चीजों पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। कुछ लोग   प्राकृतिक आपदाओं से लेकर घातक बीमारियों तक हर चीज के बारे में सोचते हैं। उनकी चिंताएँ उन्हें व्याप्त रखती हैं , लेकिन अंततः वे अपना समय और ऊर्जा बर्बाद करते हैं , क्योंकि चिंता करना कोई अच्छा काम नहीं करता है। तनाव प्रबंधन ; तनाव को दूर करने के बेहतरीन तरीके

योग के जरिए आप तनाव (स्ट्रेस) और टेंशन को दूर भगा सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें। फिट रहने पर आपका शरीर तनाव से बेहतर तरीके से लड़ सकता है । ध्यान और योग से तनाव को दूर करें

थोड़ा खाएं , लेकिन स्वच्छ और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन ही करें। स्वस्थ , संतुलित भोजन करें।

अधिक पाने की चाह में हम काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी पसंद के काम , अपनी रूचि यहाँ तक ठीक से विश्राम भी नहीं कर पाते। यदि आपको तनाव से मुक्त होना है तो अपने परिवार , अपने रूचि के लिए भी समय निकालें और काम के बीच में थोड़ा रेस्ट भी लें। यदि तनाव में हैं तो   पर्याप्त आराम करें और सोएं। तनावपूर्ण घटनाओं से उबरने के लिए आपके शरीर को समय और ऊर्जा   की आवश्यकता होती है। शौक , रुचि , और विश्राम के लिए समय बनाएं।

बेहतर टाइम मैनेजमेंट के बहुत फायदे हैं। यह हमें फोकस रखता है , प्राथमिकताओं का बोध कराता है और तनाव को भी कम करता है। टाइम मैनेजमेंट को सुधारने का एक बहुत ही बेहतरीन तरीका यह है कि जरूरत से ज्यादा उम्मीद न पालें , रोजाना अपनी तरक्की पर चिंतन करें , रूटीन बनाकर चलें , ताकि प्राथमिकता के हिसाब से सारा काम समय रहते पूरा कर सकें। अपने प्लानिंग में कुछ रिजर्व समय भी रखें । समय का उचित प्रबंधन

अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। नकारात्मक लोगों के साथ उठने-बैठने से बचें। खुशमिजाज और सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहें। किसी से भी बेवजह की बातों पर सोच-विचार या बहस न करें। सोने और सुबह उठने का एक समय निश्चित करें । अपनी परेशानियों को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें । संगीत सुने – जो भी आपको पसंद हो। हर वक्त मोबाइल , टीवी और लैपटॉप जैसे गैजेट से चिपके न रहें। छुट्टियों में किसी प्राकृतिक खूबसूरत जगह पर घूमने जाएँ। इसके आलावा आप इन उपायों को भी अपनाएं जैसे –
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