Surya Ashtakam benefits.pdf

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सूर्य अष्टकम, जिसे आदित्य हृदयम के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत�...


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SuryaAshtakamLyrics|श्रीसूर्यअष्टकम और
इसेपढ़नेकेअनोखेफायदे
सूर्यअष्टकम,जिसेआदित्यहृदयमकेनामसेभीजानाजाताहै,हिंदूधर्ममेंभगवानसूर्यकोसमर्पित
एकशक्तिशालीस्तोत्रहै।ऋषिवाल्मीकिद्वारारचित,यहयुद्धकांडमेंवाल्मीकि रामायणमेंपाया
जाताहै।सूर्यअष्टकम मेंआठछंदहोतेहैंजोभगवानसूर्यकीमहिमाऔरभव्यताकाबखानकरतेहैं।
प्रत्येकछंदमेंगहराआध्यात्मिक औरदार्शनिकमहत्व है,जोपृथ्वीपरजीवनकोबनाएरखनेमेंसूर्यके
महत्व परजोरदेताहैऔरआध्यात्मिकज्ञानऔरकल्याणकेलिएभगवानसूर्यकेआशीर्वाद का
आह्वानकरताहै।
भजन"जयजयसूर्यभगवान"वाक्यांशसेशुरूहोताहैजिसकाअर्थहै"विजय,भगवानसूर्यकीविजय।"
यहआह्वानसूर्यदेवकेप्रतिश्रद्धाऔरआराधनाव्यक्त करतेहुएपूरेभजनकेलिएस्वरनिर्धारित
करताहै।सूर्यअष्टकम मेंभगवानसूर्यकोदिव्यताकाअवतार,प्रकाश,गर्मीऔरब्रह्मांडकोजीवनदेने
वालीऊर्जाकेरूपमेंवर्णितकियागयाहै।यहसभीजीवनकेस्रोतऔरसृष्टिकेनिर्वाहक केरूपमेंसूर्य
कीभूमिकापरप्रकाशडालताहै।
सूर्यअष्टकम केपहलेश्लोकमेंभगवानसूर्यकीस्तुतिअंधकारकोदूरकरनेवाले,पापकानाशकरने
वालेऔरस्वास्थ्य औरकल्याणकेदाताकेरूपमेंकीगईहै।यहअज्ञानताकोदूरकरनेऔरज्ञानऔर
ज्ञानकोलानेकेलिएसूर्यकीशक्तिकोस्वीकारकरताहै।छंदभीभगवानसूर्यकोसभीकार्योंऔर
विचारोंकेसाक्षीकेरूपमेंपहचानताहै,जीवनमेंधर्मीआचरणऔरध्यानकेमहत्व परजोरदेताहै।
बादकेछंदभगवानसूर्यकेलौकिक महत्व मेंतल्लीन करतेहैं।वेउसेसभीप्राणियों कीआत्मा,आकाशीय
पिंडोंकेनियंत्रक औरब्रह्मांडकेशासककेरूपमेंवर्णितकरतेहैं।भजनसूर्यकोब्रह्मांडीयआदेशऔर
सद्भावकेस्रोतकेरूपमेंचित्रित करताहै,औरयहब्रह्मांडमेंसभीतत्वोंकेपरस्परसंबंधकोरेखांकित
करताहै।भगवानसूर्यकोएकऐसेव्यक्तिकेरूपमेंदर्शायागयाहैजोभौतिक औरआध्यात्मिकक्षेत्रोंके
बीचसंतुलनबनाएरखताहै,मानवताकोधार्मिकताऔरमुक्तिकीओरलेजाताहै।

सूर्यअष्टकम भगवानसूर्यसेजुड़ीभौतिकविशेषताओंऔरप्रतीकोंकोभीस्पष्टकरताहै।यहउसे
सुनहरेअंगों,एकउज्ज्वल मुकुटऔरसातघोड़ोंद्वाराखींचेगएएकतेजोमयरथकेसाथचित्रित करता
हैजोसप्ताहकेसातदिनोंकाप्रतिनिधित्व करताहै।भजनमेंभगवानसूर्यकोदिव्यचिकित्सक केरूप
मेंदर्शायागयाहै,जोअपनेभक्तोंकोशक्ति,जीवनशक्तिऔरदीर्घायुप्रदानकरतेहैं।
भगवानसूर्यकेलौकिक औरभौतिक पहलुओंकीप्रशंसाकरनेकेअलावा,सूर्यअष्टकम भक्तिकी
परिवर्तनकारी शक्तिपरजोरदेताहै।यहईमानदारसाधकोंकोविश्वासऔरभक्तिकेसाथभगवानसूर्य
कीपूजाकरनेकेलिएप्रोत्साहित करताहै,बाधाओंकोदूरकरने,आध्यात्मिकज्ञानप्राप्तकरनेऔर
आंतरिकशांतिकाअनुभवकरनेकेलिएउनकाआशीर्वाद मांगताहै।भजनव्यक्तियों सेअपनेअहंकार
औरइच्छाओंकोसूर्यभगवानकोसमर्पितकरनेकाआग्रह करताहै,यहपहचानतेहुएकिवहअनुग्रह
औरमुक्तिकापरमस्रोतहै।
सूर्यअष्टकम सभीप्राणियों कीभलाईकेलिएप्रार्थनाकेसाथसमाप्त होताहै।यहएकधार्मिकऔरपूर्ण
जीवनकेलिएभगवानसूर्यकीसुरक्षा,आशीर्वाद औरमार्गदर्शनचाहताहै।भजनसूर्यकीपरोपकारिता
औरप्रकृतिकीताकतोंकोस्वीकारकरनेऔरउनकासम्मानकरनेकेमहत्व कीयाददिलाताहैजोहमें
बनाएरखतेहैंऔरपोषणकरतेहैं।
ऐसामानाजाताहैकिभक्तिकेसाथसूर्यअष्टकम कापाठयाश्रवणकरनेसेकईलाभमिलतेहैं।ऐसा
कहाजाताहैकियहदैवीयकृपाप्रदानकरताहै,नकारात्मकता कोदूरकरताहैऔरआध्यात्मिक उत्थान
प्रदानकरताहै।भजनअक्सरसूर्योदयकेदौरानयादैनिकआध्यात्मिकप्रथाओंकेएकभागकेरूपमें
गायाजाताहै,जोजीवनशक्ति,स्पष्टताऔरदिव्यचमककेसाथभगवानसूर्यकीऊर्जाऔरआशीर्वाद
काआह्वानकरताहै।
अंतमें,सूर्यअष्टकम एकगहरास्तोत्रहैजोभगवानसूर्य,सूर्यदेवकोश्रद्धांजलि देताहै।
1.श्रीसूर्यअष्टकमलिरिक्सहिंदीमें
आदिदेवनमस्तुभ्यंप्रसीदममभास्कर।
दिवाकरनमस्तुभ्यंप्रभाकरनमोऽस्तुते॥1॥

सप्ताश्वरथमारूढंप्रचण्डंकश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्माधरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥2॥
लोहितंरथमारूढंसर्वलोकपितामहम्।
महापापहरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥3॥
त्रैगुण्यश्चमहाशूरंब्रह्माविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥4॥
बृहितंतेजःपुञ्जचवायुआकाशमेवच।
प्रभुत्वंसर्वलोकानांतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥5॥
बन्धूकपुष्पसङ्काशंहारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥6॥
तंसूर्यंलोककर्तारंमहातेजःप्रदीपनम्।
महापापहरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥7॥
तंसूर्यंजगतांनाथंज्ञानप्रकाशमोक्षदम्।
महापापहरंदेवंतंसूर्यंप्रणमाम्यहम्॥8॥
सूर्याष्टकंपठेन्नित्यंग्रहपीडाप्रणाशनम्।
अपुत्रोलभतेपुत्रंदारिद्रोधनवान्भवेत्॥9॥
अमिषंमधुपानंचयःकरोतिरवेर्दिने।
सप्तजन्मभवेत्रोगिजन्मजन्मदरिद्रता॥10॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानियेत्यजन्तिरवेर्दिने।
नव्याधिशोकदारिद्र्यंसूर्यलोकंचगच्छति॥11॥
3.श्रीसूर्यअष्टकम पढ़नेकेफायदे
श्रीसूर्यअष्टकमकापाठयाजपकरना,जिसेश्रीसूर्यअष्टकमकापाठकरनेकेलाभकेरूपमें
भीजानाजाताहै,असंख्यहैं।हिंदूधर्ममेंभगवानसूर्यकोसमर्पितयहशक्तिशालीस्तोत्रमाना
जाताहैकियहव्यक्तियोंकेशारीरिक,मानसिकऔरआध्यात्मिककल्याणपरविभिन्न
सकारात्मकप्रभावलाताहै।श्रीसूर्यअष्टकमकापाठकरनेसेजुड़ेकुछप्रमुखलाभइसप्रकारहैं:
1.आध्यात्मिकउत्थान:श्रीसूर्यअष्टकमकोअत्यधिकपवित्रऔरदिव्यस्तोत्रमानाजाताहै।
मानाजाताहैकिइसभजनकानियमितपाठमनकोशुद्धकरताहै,आध्यात्मिकचेतनाको
बढ़ाताहैऔरपरमात्माकेसाथसंबंधकोगहराकरताहै।यहव्यक्तियोंकोउनकीआध्यात्मिक
यात्रा,भक्तिकोबढ़ावादेनेऔरउच्चस्वकीप्राप्तिमेंसहायताकरनेमेंमददकरताहै।

2.स्वास्थ्यऔरजीवनशक्ति:भगवानसूर्यस्वास्थ्यऔरजीवनशक्तिकेदाताकेरूपमें
पूजनीयहैं।मानाजाताहैकिश्रीसूर्यअष्टकमकापाठभगवानसूर्यकेआशीर्वादकाआह्वान
करताहै,जिससेशारीरिककल्याणऔरउपचारकोबढ़ावामिलताहै।यहविभिन्नस्वास्थ्य
समस्याओंकोकमकरने,प्रतिरक्षाप्रणालीकोबढ़ावादेनेऔरसमग्रजीवनशक्तिऔरऊर्जाके
स्तरकोबढ़ानेकेलिएकहाजाताहै।
3.आंतरिकशक्तिऔरसाहसभगवानसूर्यकोआंतरिकशक्तिऔरसाहसकास्रोतमानाजाता
है।मानाजाताहैकिश्रीसूर्यअष्टकमकानियमितपाठकरनेसेलोगोंमेंनिडरता,आत्मविश्वास
औरदृढ़संकल्पपैदाहोताहै।यहउन्हेंबाधाओंकोदूरकरने,चुनौतियोंकासामनाकरनेऔर
सकारात्मकमानसिकताविकसितकरनेमेंमददकरताहै,जिससेव्यक्तिगतविकासऔर
सफलताप्राप्तहोतीहै।
4.मानसिकस्पष्टताऔरध्यान:श्रीसूर्यअष्टकमकापाठमानसिकस्पष्टता,एकाग्रताऔर
ध्यानकोबढ़ानेकेलिएकहाजाताहै।यहमनकोशांतकरने,विकर्षणोंकोदूरकरनेऔर
संज्ञानात्मकक्षमताओंमेंसुधारकरनेमेंमददकरताहै।इसभजनकोअक्सरबौद्धिकखोज,
अध्ययन,याकिसीभीगतिविधिमेंशामिलहोनेसेपहलेसुनायाजाताहैजिसमेंमानसिक
तीक्ष्णताकीआवश्यकताहोतीहै।
5.नकारात्मकताकोदूरकरताहैभगवानसूर्यकोअंधकारऔरनकारात्मकताकानाशकरने
वालामानाजाताहै।मानाजाताहैकिश्रीसूर्यअष्टकमनकारात्मकऊर्जाओं,विचारोंऔरप्रभावों
केमनऔरपरिवेशकोशुद्धकरताहै।यहसद्भाव,शांतिऔरभावनात्मककल्याणकोबढ़ावा
देतेहुएएकसकारात्मकऔरउत्थानशीलवातावरणबनाताहै।
6.समृद्धिऔरसफलता:भगवानसूर्यबहुतायत,समृद्धिऔरसफलतासेजुड़ेहैं।मानाजाताहै
किश्रीसूर्यअष्टकमकानियमितपाठवित्तीयस्थिरता,व्यावसायिकविकासऔरजीवनमेंसमग्र
सफलताकेलिएदैवीयआशीर्वादआकर्षितकरताहै।यहव्यक्तियोंकोउनकेप्रयासोंमेंमदद
करताहैऔरअवसरोंकेद्वारखोलताहै।
7.सुरक्षाऔरमार्गदर्शन:श्रीसूर्यअष्टकमकापाठभगवानसूर्यकीसुरक्षात्मकऔरमार्गदर्शक
उपस्थितिकाआह्वानकरनेकेलिएकहाजाताहै।ऐसामानाजाताहैकियहलोगोंको
नकारात्मकशक्तियों,दुर्घटनाओंऔरनुकसानसेबचाताहै।यहभजनढालकेरूपमेंकार्यकरता
है,दिव्यमार्गदर्शनप्रदानकरताहैऔरजीवनकेमाध्यमसेएकसुरक्षितऔरशुभयात्रा
सुनिश्चितकरताहै।
8.शांतिऔरसद्भाव:भगवानसूर्यएकताऔरसद्भावकेप्रतीकहैं।श्रीसूर्यअष्टकमकापाठ
करनेसेरिश्तोंमेंशांति,सहयोगऔरसमझकोबढ़ावामिलताहै।यहसंघर्षोंकोसुलझानेमें

मददकरताहै,एकताकीभावनाकोबढ़ावादेताहै,औरबड़ेपैमानेपरपरिवारों,समुदायोंऔर
समाजमेंएकसामंजस्यपूर्णवातावरणबनाताहै।
यहध्यानरखनामहत्वपूर्णहैकिश्रीसूर्यअष्टकमकापाठकरतेसमय,इसेईमानदारी,भक्ति
औरइसकेअर्थकोसमझनेकेसाथकरनाचाहिए।भगवानसूर्यकीदिव्यउपस्थितिकोस्वीकार
करतेहुएऔरउनकाआशीर्वादमांगतेहुए,भजनकोश्रद्धाऔरविश्वासकेसाथसंपर्ककिया
जानाचाहिए।अनुशासितजीवनशैलीऔरसकारात्मकदृष्टिकोणकेसाथश्रीसूर्यअष्टकमका
पाठकरनेकानियमितअभ्यास,लाभोंकोबढ़ासकताहैऔरअधिकपूर्णऔरआध्यात्मिकरूप
सेसमृद्धजीवनकीओरलेजासकताहै।
अंतमें,श्रीसूर्यअष्टकमकापाठशारीरिकस्वास्थ्य,मानसिककल्याण,आध्यात्मिकविकास,
सफलताऔरसुरक्षासहितकईलाभप्रदानकरताहै।यहएकपवित्रअभ्यासहैजोव्यक्तियोंको
भगवानसूर्यकीदिव्यऊर्जासेजोड़ताहै,जिससेजीवनकेविभिन्नपहलुओंमेंसकारात्मक
परिवर्तनऔरआशीर्वादआताहै।
4.श्रीसूर्यअष्टकमलिरिक्स Englishमें
AdidevaNamasthubhyam,
PraseedamamaBhaskara,
Divakaranamasthubhyam,
PrabhakaraNamosthuthey.
Sapthaaswaradharoodam,
Prachandam,Kasypathmajam,
Swethapadmadharmadevam,
ThamSuryampranamamyaham
LohithamRadhamaroodam,
Sarvalokapithamaham,
Mahapapaharamdevam,
ThamSuryampranamamyaham
Trigunyamchamahasooram,
BrahmaVishnuMaheswaram,
Mahapapaharamdevam,
ThamSuryampranamamyaham
Bramhithamtejapunjamcha,
Vayumakasamevacha,

Prubhustwamsarvalokaanam,
ThamSuryampranamamyaham
Bandhookapushpasankaasam,
Harakundalabhooshitham,
Ekachakradharmadevam,
ThamSuryampranamamyaham
ViswesamViswakarthaaram,
MahaThejapradheepanam,
Mahapapaharamdevam,
ThamSuryampranamamyaham
SriVishnumjagathaamnadam,
JnanaVijnanamokshadham,
Mahapapaharamdevam,
ThamSuryampranamamyaham
Suryashtakamidhamnithyam,
Gruhapeedapranasanam,
Aputhrolabhatheputhram,
DaridhrodhanavanBhaveth.
Aamishammadhupanamcha,
Yakarothiraverdhine,
Sapthajanmabhavedrogi,
Janmajanmadharidhratha.
Sthreethailsmadhumaamsani.,
Yasthyejathuraverdhine,
Navyadhisokadharidhryam,
Suryalokamsagachathi.
दोस्तोंआशाकरताहुकीआपलोगोंकोश्रीसूर्यअष्टकमकालिरिक्सअच्छालगाहोगा।अगर
आपऔरभीभक्तिकेभजनलउरिक्सचाहतेहैतोनिचेदिएगएलिस्टपरक्लिककरे।