तितली कक्षा -छठी विषय-हिंदी - (ब-पाठ्यक्रम) प्रस्तुति दिलीप कुमार बडत्या स्नातकोत्तर शिक्षक ( हिंदी ) जवाहर नवोदय विद्यालय पालझर,बौद्ध,ओड़िशा
नर्मदाप्रसाद खरे कवि परिचय नर्मदा प्रसाद खरे का जन्म जबलपुर में हुआ। इनका कर्मक्षेत्र मध्यप्रदेश रहा। ये म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री पद पर रहे। 'प्रेमा के सहायक सम्पादक तथा 'युगारंभ के सम्पादक रहे। इनके प्रमुख कविता संग्रह हैं- 'ज्योति-गंगा तथा 'स्वर-पाथेय। 'रोटियों की वर्षा इनका बहु प्रशंसित कहानी संग्रह है।
तितली रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं, कलियाँ देख तुम्हें खुश होतीं, फूल देख मुसकाते हैं! रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे सबका मन ललचाते हैं, तितली रानी, तितली रानी, यह कह सभी बुलाते हैं!
भावार्थ तितली के रंग बिरंगे पंख होते हैं । बगीचे में तितलियों के रंग बिरंगे पंख देख कर सब खुश होते हैं।रंग बिरंगे तितली सब को पसंद है। कलियाँ तितली को देख खुश होती हैं और फूल देख कर मुस्काते हैं।तितली अपने रंग बिरंगे पंखो से सब का मन ललचाता है।सब लोग तितली रानी कहकर बुलाते हैं।
तितली पास नहीं क्यों आती तितली, दूर-दूर क्यों रहती हो? फूल-फूल के कानों में जा-जाकर क्या कहती हो? सुंदर-सुंदर प्यारी तितली, आँखों को तुम भाती हो! इतनी बात बता दो हमको, हाथ नहीं क्यों आती हो? इस डाली से उस डाली पर, उड़-उड़ कर क्यों जाती हो?फूल-फूल का रस लेती हो, हमसे क्यों शरमाती हो!
शब्दार्थ भाना-अच्छा लगना ललचाना- लुभाना कानो में कहना –धीरे से कहना हाथ ना आना – पकड में ना आना
भावार्थ कवि तितली को अपने पास बुलाते हैं। कवि तितली को ये कहना चाहता है कि तुम दूर दूर क्यों रहते हो। कवि यह कहता है कि तुम फूल फूल के पास जा कर धीरे से कुछ कहते हो पर हम बुलाने से नही आते हो। तुम ये बताओ कि एक डाली से दूसरे डाली पर उड़ उड़ कर क्यों जाती हो?फूल फूल' के पास जा कर तुम सब से रस लेती हो,पर हमारे पास आने से शरमाती हो।
गृह कार्य 1. तितली के पंख कैसे होते हैं? 2.तितली उड-उड कर कहाँ जाती है? 3.कविता तितली को क्या कहकर बुलाया गया है? 4. कलियाँ और फूल तितली को देख कर क्या करते हैं?