Unity in diversity for the better of all .docx

nileshmca03 10 views 1 slides Dec 18, 2024
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Unity in diversity for the better of all


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नेकता
में एक
ता
ईश्वर ने जब इस सं
सार
की रच
ना
की तो धर
ती
पर वि
भिन्न
प्र
कार
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क्ष
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और जी

जं
तुओं
को

नाया।
अलग अलग के मौ
सम

नाए
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बसूरत

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ले
जा
एं
,
वि
विधताओं
के द
र्शन
हो
ते
हैं


ही
वि
विधता

मारे
श्रृ
ष्टि
को म
नभावन

नाती
है

जि

प्र
कार

रह

रह
के
फू
लों
से बा

की शो
भा
हो
ती
है, वि
भिन्न
प्र
कार
के भो
जन
से जि
ह्वा
तृ
प्त
हो
ती
है उ
सी
प्र
कार
से अलग अलग
वि
चारों
वा
ले
और भि
न्न
भि
न्न
सं
स्कृतियों
वा
ले
लो

जब मि
लजुल
कर रह
ते
हैं एक खू
बसूरत

माज
का नि
र्माण
हो
ता
है

यूं तो दे
खा
जा

तो पू
रा
वि
श्व
ही एक प
रिवार
है और ह
मारा
दे

भा
रत
तो स
दियों
से अ
नेकता
में
एक
ता
की मि
साल

ना
हुआ है


मारे
दे

में अलग अलग जा
ति

र्म
जा
ति

र्म
के लो

भा
ईचारे
के सा

रह
ते
हैं


नके

रिधान
अलग हैं, भा
षाएं
अलग है, खा

पा

अलग है और ध
र्म
अलग हैं ले
किन
सब भा
रतीय
एक हैं
और य
ही

नेकता
में एक
ता
की सं
कृति
ने भा
रत
को वि
श्वगुरु
का स्
थान
दि
लाया
है

 
                                        ना

अर
णी
नं
दन
                                       क्र
मांक
16
                                       क
क्षा
2 E
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