weed management short note by mr. bhajan lal choudhary, m.sc. agronomy
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Language: none
Added: May 23, 2024
Slides: 10 pages
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Wel - come Weeds
Prepared By :- Bhajan lal choudhary Student of lords university Alwar (Raj.) Chikani
खरपतवार विज्ञान (Weed Science )- खरपतवारों की पहचान , विशेषता व वर्गीकरण - खरपतवार (Weeds ) ये वे अनैच्छिक पौधे होते है जो किसी स्थान पर बिना बौये उगते है।जिनकी उपस्थिति से फसलों को लाभ की अपेक्षा अधिक हानि होती है खरपतवार कहलाते है ।
खरपतवारों का वर्गीकरण 1 जीवन चक के आधार पर वर्गीकरण – ( अ) एकवर्षीय खरपतवार (Annual weeds )- वे खरपतवार जो अपना जीवन चक्र (life cycle) एक वर्ष या इससे कम अवधि में पूरा करते है एकवर्षीय खरपतवार कहलाते है।ये खरपतवार अधिकतर बीजों द्वारा उत्पन्न होते है । इनको दो वर्षों में बांटा गया है-खरीफ के खरपतवार - इस वर्ग के खरपतवार वर्षा के प्रारम्भ ( जून जुलाई में है औरखत्म होने ( सितम्बर - अक्टूम्बर ) तक अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं । रबी के खरपतवार :- इस वर्ग के खरपतवार रबी की फसलों के साथ सितम्बर या अक्टूबर माह में उगते है एवं अपना जीवन चक्र मार्च - अप्रैल तक पूर्ण कर लेते है।
(ब) द्विवर्षीय खरपतवार ( Binneal weeds )- इस वर्ग के खरपतवार अपना जीवन चक्र दो वर्ष में पूरा करते है प्रथम वांमें वानस्पतिक वृद्धि करते है तथा दूसरे वर्ष में बीजोत्पादन करते है।जैसे जगली गाजर ( डॉकस स्पेशीज ), जगली गोभी ( लुनिया एस्प्लेनिफोलिया ), जंगली प्याज एंव कांसनीकासनी यह एकवर्षीय , द्विवर्षीय एव बहुवर्षीय खरपतवार का उदाहण है । ( स) बहुवर्षीय खरपतवार ( Perinneal weeds ) वे खरपतवार जो अपना जीवन चक्र दो से अधिक वर्षों से पूरा करते।तथा जिनका प्रसारण वानस्पतक भागों द्वारा होता है । जैसे - जड़,तना आदि से जैसे - मोथा , हिरंखुरी आदि
2. फसल बन्च्य खरपतवार (crop bound weeds) या परजीवी खरपतवार तना परजीवी (Stem Parasite weeds): - ऐसे खरपतवार मुख्य फसल के तने से पानी , पोषण एव भोजन के लिए जुड़ेरहते है । 1 पूर्ण तना परजीवी (Total stem parasite weeds):- . अमरबेल / डोडर ( कस्कुटा रिफलेक्सा ) व इसकी पोषी फसल रिजकारनिर्घ , मूंगफली , प्याज दाले एवं सोयाबीन।इसके नियंत्रण के लिए पेराक्वाट , ग्लाइफोसेट काम में लेते ह II. अर्द्ध या अल्प तना परजीवी (Semi stem parasite weeds):- लोरेन्धस ( वैन्ड्रोष्धी )- इसकी पोषी फसल आम एवं बागानी फसले जैसे - चाव , टीक ।
2. जड परजीवी (Root Parasite weeds ):- पूर्ण जड़ परजीवी (Total root parasite weeds ):- ):- ऐसे परजीवी खरपतवार पोषी फसल की जड़ों से जुड़े रहते है । अर्द्ध या अल्प जड़ परजीवी ( Semi root parasite weed: - रुखडी / विच वीड (स्ट्राइगा) इसकी पोषी फसल ज्वार, बाजरामक्का गन्ना व सूरजमुखी है।* आत्मघाती अंकुरण ( Suicidal germination):- स्ट्राइगा के नियंत्रण के लिए अपोषी फसल कपास उगाते है जिसकी जड़ों से स्ट्राइगोल नामक रसायन स्त्रावित होता है जो उगते हुए स्ट्राइगा को मार देता है
खरपतवार नियंत्रण की विधियां यांत्रिक विधि या कृषक क्रियायें (Tillage operations ) हाथ से उखाड़ना , निराई गुड़ाई , जलाना , मोअर का प्रयोग तथा नहरी क्षेत्रों में पानी भर कर खरपतवारों को नष्ट करना।स्टाल सीड बेड ( Stale seed bed) - फसल की बुआई करने से पूर्व खेत में पानी देने पर जो खरपतवार उगते है उन्हे जुताई कर या खरपतवारनाशीयों द्वारा नष्ट करना ही स्टाल सीड वेड कहलाता है । जैविक विधि द्वारा (Biological weed control )- सुक्ष्म जीवों का प्रयोग (Use of microbes/pathogens)- इन्हे बायो हर्बिसाइड या माइको हर्बीसाइड भी कहते है।माइको हर्बीसाइड - खरपवारनाशी जो फफूंदों के बीजाणुओं से बने होते है
रसायनिक नियंत्रण – इसमे खरपतवारों का नियंत्रण शाकनाशी रसायनों द्वारा किया जाता है । विश्व का पहला कार्बनिक शाकनाशी 2,4-D था जो 1941 में पादप हार्मोन के.रूप में खोजा गया । इसका शाकनाशी के रूप में व्यावसायिक प्रयोग 1945 से शुरू हुआ।2.4-D का प्रयोग गेंहू व अन्य फसलों में चोड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए किया जाता है