प्रश्न 1- साइबर अपराध क्या हैं? यह कितने प्रिार िा
होता हैं?
कम्प्यूटर के प्रयोग तथा इन्टरनेट माध्यम के कारण साइबर
अपराध भी बढ़ गया हे। साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है
जिसमें कम्प्यूटर और नेटवकक शाजमल है। कम्प्यूटर से अपराध
करना साइबर अपराध कहलाता है। कम्प्यूटर अपराध में
नेटवकक शाजमल नहीीं माना िाता। िानकारी चोरी करना,
िानकारी जमटाना, िानकारी में फे रबदल, करना िानकारी को
जकसी अन्य व्यक्ति को भेिना (गलत �प से) स्पैम- ईमेल,
हैजकीं ग जफजशींग, वायरस को डालना आजद साइबर अपराध माने
िाते है।
साइबर अपराध िा अर्थ - साधारण भाषा में हम समझना
चाहें तो साइबर अपराध का अथक होता है, कम्प्यूटर िजनत
अपराध। हम यह भी कह सकते हैं जक कम्प्यूटर और इींटरनेट
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से िुडेे़ अपराध (अपराध) को ही साइबर अपराध कहा िाता
है। ऐसा कोई भी अपराध जिसमें कम्प्यूटर इींटरनेट नेटवकक एवीं
हाडकवेयर तथा उससे सींबींजधत उपकरणोीं यथा स्कै नर, जप्रींटर,
आजद का उपयोग जकया गया हो, साइबर अपराध कहलाता हैं।
साइबर अपराध वह अवैधाजनक कायक है जिसमे कम्प्यूटर या तो
औिार की तरह या लक्ष्य की तरह प्रयोग होता है अथवा दोनोीं
ही तरह से प्रयोग होता है।
साइबर अपराध िी पररभाषा
1. यूरोकपयन साइबर अपराध टरीटी िाउंकसल िे अनुसार-
‘‘साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है िो डेटा एवीं कापीराइट
के जव�द्ध की गयी आपराजधक गजतजवजध है।
2. िम्प्यूटर कर्वज्ञानी जेकर्वयर गीज िे अनुसार- साइबर
अपराध कम्प्यूटर और इन्टरनेट के माध्यम से होने वाला
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अपराध है। जिसके अन्तगकत िालसािी, अनाजधकृ त प्रवेश,
चाइल्ड पोनोग्राफी और साइबर स्टाजकीं ग शाजमल है।’’
3. संयुक्त राष्ट्र िे िम्प्यूटर अपराध िंटरोल एण्ड कप्रर्वेंषन
मेनुअल िे अनुसार - िालसािी, ठगी और अनाजधकृ त प्रवेश
को ही साइबर अपराध की पररभाषा में शाजमल जकया गया है।
साइबर अपराध (क्राइम) िे प्रिार
साइबर क्राइम ऑनलाइन अपराधोीं का सींगजठत समूह होता है
िहााँ जवजभन प्रकार के अपराधोीं के माध्यम से इींटरनेट यूिर को
हाजन पहींचाई िाती है। यहााँ साइबर क्राइम के मुख्य प्रकारोीं की
चचाक की िा रही है।
• हैकिं ग एर्वं अनकधिृ त प्रर्वेश- हैजकीं ग एवीं अनजधकृ त
प्रवेश साइबर क्राइम की दुजनया में जकया िाने वाला सबसे
आम साइबर क्राइम है। जकसी भी व्यक्ति के जसस्टम,
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कीं यूटर या नेटवकक में जबना व्यक्ति की अनुमजत के प्रवेश
ही हैजकीं ग एवीं अनजधकृ त प्रवेश कहा िाता है। आमतौर
पर साइबर क्राइम समूहोीं के द्वारा प्रोफेशनल हैकर के
माध्यम से ही हैजकीं ग एवीं अनजधकृ त प्रवेश को अींिाम जदया
िाता है। हैजकीं ग के माध्यम से हैकर द्वारा जवजभन प्रकार
की जनिी िानकाररयााँ एवीं महत्वपूणक सीक्रे ट डाटा को
चुराया िाता है जिसके माध्यम से यूिर को जवत्तीय एवीं
अन्य प्रकार से नुकसान पहाँचता है। वेबसाइट हैजकीं ग भी
हैजकीं ग का एक प्रकार है िहााँ हैकसक के द्वारा दूसरे व्यक्ति
की वेबसाइट पर अनजधकृ त प्रवेश करके महत्वपूणक डाटा
चोरी जकया िाता है।
• साइबर स्टॉकिं ग– वतकमान सोशल मीजडया के समय में
सभी लोग सोशल मीजडया साइट्स पर अपने समय का
अजधकााँश भाग जबताते है। ऐसे में साइबर अपराजधयोीं के
द्वारा साइबर स्टॉजकीं ग के माध्यम से जवजभन लोगोीं को खूब
परेशान जकया िाता है। इसके तहत अपराधी द्वारा पीजडत
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के सोशल-मीजडया अकाउींट के माध्यम से बार-बार
परेशान जकया िाता है जिसमे की पीजडत को फॉलो करना,
धमकी भरे सन्देश भेिना, बार-बार फ़ोन करना, अश्लील
तस्वीरें भेिना एवीं इसी प्रकार के अन्य कृ त्ोीं के माध्यम
से दूसरे व्यक्ति को परेशान जकया िाता है। बच्चे एवीं
अवयस्क यूिर प्रायः साइबर स्टॉजकीं ग का जशकार बनते
है।
• ऑनलाइन ठगी िरना- ऑनलाइन ठगी हमारे देश में
साइबर क्राइम के सबसे आम कारणोीं में शुमार है। इसके
तहत अपराजधयोीं के द्वारा हैजकीं ग के माध्यम से यूिर की
बैंजकीं ग सम्बींजधत िानकाररयाीं चुरा ली िाती है एवीं इसके
माध्यम से यूिर के बैंक अकाउींट से पूरी रकम साफ़ कर
दी िाती है। वही हमारे देश में ऑनलाइन ठगी के जलए
प्रायः फ़ोन कॉल के माध्यम से लोगो से उनके फ़ोन नींबर
पर ओटीपी, क्रे जडट-काडक या डेजबट काडक नींबर या सेंड
जकए गए सन्देश पर क्तिक करने को कहा िाता है। िैसे
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ही यूिर के द्वारा साइबर-जक्रजमनल द्वारा बताया गया कोई
भी कायक जकया िाता है तुरींत ही उनके बैंक अकाउींट से
पैसे कटने का मैसेि प्राप्त हो िाता है।
• पहचान िा अनकधिृ त इस्तेमाल- जकसी व्यक्ति की
पहचान का अनजधकृ त उपयोग भी साइबर क्राइम की
श्रेणी में शुमार है। वतकमान समय में जवजभन लोगो द्वारा
सोशल मीजडया के माध्यम से अन्य व्यक्तियोीं की फोटो
चुराकर अलग-अकाउींट बनाया िाता है और इसका
गलत इस्तेमाल जकया िाता है जिससे की यह भी साइबर
क्राइम का प्रमुख प्रकार है। मजहलाएाँ इस प्रकार के
अपराधोीं की िद में अजधक आती है।
• किकशंग- अगर आप अपने ईमेल-बॉक्स को चेक करते है
तो आप भी अकसर वहाीं स्पैम ईमेल देखते होींगे। दरअसल
जफजशींग का प्रमुख कारण स्पैम ईमेल का उपयोग है।
जफजशींग के तहत साइबर जक्रजमनल द्वारा यूिर को स्पैम
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ईमेल भेिी िाती है िहााँ जलींक पर या अटैचमेंट पर क्तिक
करके आपके जसस्टम को हैक जकया िा सकता है। साथ
ही यहााँ आपको स्पैम वेबसाइट का जलींक भी जदया िा
सकता है जिस पर आपको अपनी िानकाररयाीं भरने को
कहा िाता है। अपनी जनिी एवीं बैंजकीं ग सम्बींजधत
िानकाररयाीं भरने पर आप जफजशींग का जशकार हो सकते
है।
• र्वायरस सॉफ्टर्वेयर– हैकसक के द्वारा वायरस सॉफ्टवेयर
के माध्यम से भी साइबर क्राइम को अींिाम जदया िाता है।
दरअसल कीं यूटर वायरस एक जवशेष प्रकार के प्रोग्राम
का समूह होता है िो की जकसी अन्य यूिर के जसस्टम में
िाकर उसके डाटा को चुरा सकता है या इसे नष्ट कर
सकता है। साथ ही वायरस जसस्टम को भी जवजभन तरीको
से प्रभाजवत कर सकता है। इसे प्रायः हैकसक द्वारा अन्य
यूिर को अनजधकृ त जलींक के माध्यम से भेिा िाता है िो
की महत्वपूणक डाटा को नष्ट कर सकता है।
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साइबर बुकलंग– साइबर-बुजलींग का अथक है लोगो को सोशल
मीजडया या अन्य इींटरनेट प्लेटफामक की सहायता से परेशान
करना। इसके जलए अपराजधयोीं द्वारा जवजभन तरीके आिमाए
िाते है जिसमे सोशल मीजडया के माध्यम से दोस्ती बढाकर
अन्य व्यक्तियोीं से निदीकी बढ़ाना एवीं बाद में उन्हें जनिी
िानकाररयोीं को लेकर परेशान करना। साथ ही ऑनलाइन
ब्लैकमेल करना एवीं अन्य ऑनलाइन तरीके से जकसी व्यक्ति
को परेशान करना भी साइबर-बुजलींग के अींतगकत आता है।
इसके अजतररि सॉफ्टवेयर पायरेसी, साइबर स्पाइींग, कीं टेंट
चोरी करना, चाइल्ड पोनोग्राफी, पोनोग्राफी, सलामी अटैक,
ऑनलाइन िुआ खेलना, ऑनलाइन आतींकवाद एवीं
डॉक्यूमेंट्स फोिकरी करना भी साइबर अपराध की श्रेणी में
आता है।
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प्रश्न 2 - साइबर िानून क्या है? साइबर सुरक्षा िी
आर्वश्यिता क्यों हैं ?
साइबर कानून इींटरनेट के उपयोग के कारण साइबर क्राइम मे
भी तेिी से आ रहा है इस कानून के आने का मुख्य उद्देश्य यह
भी है जक बहत से अपराध आने वाले जदन इींटरनेट के माध्यम
से भी तेिी से बढ़ रहे हैं, और लोगोीं को रोके िाने की
आवश्यकता है। यह अपराध ब्लैकमेल से स्क्रै ची तक आए जदन
कोई न कोई व्यक्ति जशकार हो रहा है, जिसके चलते भारत में
यह साइबर कानून (साइबर कानून) बनाया गया।
यह अपराध अपने ही भारत मे ही नहीीं पूरे जवश्व में हर देश मे
बहत तेिी से बढ़ रहा है, इसके अलावा सभी देश ऐसे शेफ्ट
को रोकने के जलए कई प्रयास भी तेिी से िा रहे हैं, जिसके
पररणाम भी यह कानून सभी देशोीं में अपने -अपने होश से
बनाया है।
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सभी देश अपने-अपने कानून के जहसाब से सिा एवीं अथकदण्ड
का रोक भी करता है। इसके साथ ही ऐसे फ़ोसेट को रोकने के
जलए सरकार द्वारा कई टीमो का गठन भी जकया है, जिन्हे
साइबर सेल (Cyber Cell ) कहती है। ये ऐसे कायक करने वाले
को पहचानते और पकडते हैं। साइबर सेल प्रत्ेक जदन मई में
ही होती है, िहाीं हिारोीं जशकायतें जदखाई देती हैं। िहाीं ये
जवभाग ऐसे अपराध करने वाले व्यक्ति को पहचान कर पकडा
िाता है। ऐसे फ़ोसक को साइबर क्राइम (Cyber Crime) कहते
हैं।
साइबर कानून , जिसे साइबर क्राइम कानून (साइबर अपराध)
या इींटरनेट कानून (इींटरनेट कानून) के �प में भी िाना िाता
है, कानून की एक शाखा है िो इींटरनेट, कीं यूटर और अन्य
जडजिटल तकनीकोीं (जडजिटल अपराध) से सींबींजधत कानूनी
मुद्दोीं से सींबींजधत है सींबींजधत है। इसमें ऑनलाइन गोपनीयता,
डेटा सुरक्षा, ऑनलाइन दबाव, जडजिटल पायरेसी,
साइबरबुजलींग (साइबर बुजलींग ) और साइबरआतींकवाद सजहत
कई जवषयोीं को भी शाजमल जकया गया है।
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साइबर कानून में इलेक्ट्रॉजनक वाजणज्य और इलेक्ट्रॉजनक ऋण
के जलए कानूनी कायक भी शाजमल हैं, िैसे ऑनलाइन अनुबींध,
जडजिटल हस्ताक्षर और इलेक्ट्रॉजनक भुगतान प्रणाली। इसमें
जडजिटल युग में कॉपीराइट, पेटेंट और टरेडमाकक िैसे सींपदा
अजधकार भी शाजमल हैं।
साइबर सुरक्षा कानून (साइबर सुरक्षा कानून) कानूनी जलींजकीं ग
प्रौद्योजगकी का उपयोग करता है और साइबर स्पेस में डेटा की
सुरक्षा को जनयींजित करता है। इसमें साइबर अपराध, डेटा
गोपनीयता और सुरक्षा उल्लींघनोीं को सींदेश भेिने वाले कानून
और जनयम शाजमल हैं। साइबर सुरक्षा कानून और क्षेिोीं के बीच
व्यापक �प से जभन्न हो सकते हैं, क्योींजक साइबर समझौते को
जवभाजित करने के जलए प्रत्ेक क्षेिाजधकार का अपना कानूनी
ढाींचा और दृजष्टकोण है।
साइबर सुरक्षा के खतरे कई �पोीं में आ सकते हैं, जिनमें
वायरस, दुभाकवनापूणक, रैनसमवेयर, जफजशींग हमले और
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सामाजिक प्रजवजष्टयाीं शाजमल हैं। इन स्थानाींतरण से बचाव के
जलए, सींगठन और व्यक्ति फायरवॉल, फाइजलींग फाइजलींग,
टाइजपींग का पता लगाना और रोकथाम प्रणाली, और अन्य
सजहत जवजभन्न उपकरणोीं और तकनीकोीं का उपयोग कर सकते
हैं।
साइबर अपराध: ऐसे कानून िो हैजकीं ग, जफजशींग, पहचान की
चोरी और ऑनलाइन धोखाधडी के अन्य �प िैसे साइबर
समझौता को पररभाजषत करते हैं और उनका अपराधीकरण
करते हैं।
डेटा गोपनीयता : कानूनी प्राजधकरण और सींगठन व्यक्तिगत
िानकारी के सींग्रह, राज्यकरण और उपयोग को अजधकार
रखते हैं।
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सुरक्षा उल्लंघन : ऐसे कानून जिनके जलए प्राजधकरण और
सींगठन को डेटा उल्लींघन की क्तस्थजत में व्यक्तियोीं और जनदेशोीं
प्राजधकरणोीं को सूजचत करने की आवश्यकता होती है।
साइबर सुरक्षा : मानक कानून िो साइबर सुरक्षा व्यवहार
और प्रजक्रयाओीं के जलए न्यूनतम मानक स्थाजपत करते हैं,
जिसमें िोक्तखम, ऐक्सेस कीं टरोल और घटना प्रजतजक्रया योिना
शाजमल हैं।
अंतराथष्ट्रीय सहयोग : कानून िो साइबर अपराध और अन्य
साइबर सींबींध से जनपटने में अींतराकष्टरीय सहयोग की सुजवधा
प्रदान करते
साइबर सुरक्षा िी जरूरत क्यों है-
हमको साइबर सुरक्षा की ि�रत जिींदगी के प्रत्ेक क्षेि में
पडती है। जिींदगी में साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को जनम्न
जबींदुओीं से समझते हैं।
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किसी व्यक्तक्त िे कलए:
सोशल नेटवजकिं ग साइट्स पर जकसी व्यक्ति द्वारा साझा की गई
तस्वीरें, वीजडयो और अन्य व्यक्तिगत िानकारी दूसरोीं द्वारा
अनुपयुि �प से उपयोग की िा सकती है, जिससे गींभीर और
यहाीं तक जक िान माल की घटनाएीं भी हो सकती हैं।
सरिार िे कलए:
स्थानीय, राज्य या कें द्र सरकार देश (भौगोजलक, सैन्य
रणनीजतक सींपजत्त आजद) और नागररकोीं से सींबींजधत बडी मािा
में गोपनीय डेटा रखती है। ग्राहकोीं और िनता के डेटा तक
अनजधकृ त पहींच से जकसी देश की प्राइवेसी और सुरक्षा पर
गींभीर खतरा हो सकता है।
किसी व्यापार िे कलए:
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कीं पजनयोीं के पास अपने जसस्टम पर बहत सारा डेटा और
िानकारी होती है। साइबर हमले से प्रजतस्पधी िानकारी (िैसे
पेटेंट या मूल कायक) का नुकसान हो सकता है, कमकचाररयोीं और
ग्राहकोीं का जनिी डेटा चोरी हो सकता है जिससे जकसी जवशेष
सींगठन अथवा एिेंसी की प्राइवेसी पर िनता का जवश्वास पूरी
तरह से समाप्त हो सकता है।
प्रश्न 3- सूचना प्रोद्योकगिी िानून, 2000 िे अंतगथत
साइबर अपराध से कनपटने हेतु िानूनी प्रार्वधान क्या है ?
सूचना तकनीक अजधजनयम (Information Technology Act
2000) भारतीय सींसद द्वारा पाररत एक अजधजनयम है िो 17
अक्ट्ूबर 2000 को लागू हआ। 27 अक्ट्ूबर 2009 को एक
घोषणा द्वारा इसे सींशोजधत जकया गया। सींयुि राष्टर सींकल्प के
बाद भारत ने मई 2000 में सूचना प्रौद्योजगकी अजधजनयम, 2000
पाररत कर जदया और 17 अक्ट्ूबर 2000 को अजधसूचना िारी
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कर इसे लागू कर जदया। सूचना प्रौद्योजगकी अजधजनयम, 2000
को सूचना प्रौद्योजगकी सींशोधन अजधजनयम, 2008 के माध्यम से
काफी सींशोजधत जकया गया है, जिसे 23 जदसम्बर को भारतीय
सींसद के दोनोीं सदनोीं द्वारा पाररत जकया गया था।
अकधकनयम िे उद्देश्य-
सूचना प्रौद्योजगकी अजधजनयम 2000 जनम्नजलक्तखत मुद्दोीं को को
सींबोजधत करता है:-
• इलेक्ट्रॉजनक दस्तावेिोीं को कानूनी मान्यता
• जडजिटल हस्ताक्षर को कानूनी मान्यता
• अपराध और उल्लींघन
• साइबर अपराधोीं के जलए न्याय व्यवस्था
सूचना तिनीि कानून, 2000 िे अंतगथत साइबरस्पेस में
क्षेत्राकधिार संबंधी प्रार्वधान
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मानव समाि के जवकास के नज़ररए से सूचना और सींचार
तकनीकोीं की खोि को बीसवीीं शताब्दी का सबसे महत्वपूणक
अजवष्कार माना िा सकता है। सामाजिक जवकास के जवजभन्न
क्षेिोीं, खासकर न्याजयक प्रजक्रया में इसके इस्तेमाल की महत्ता
को कम करके नहीीं आींका िा सकता, क्योींजक इसकी तेज़ गजत,
कई छोटी-मोटी जदे़क्क़तोीं से छुटकारा, मानवीय गलजतयोीं की
कमी, कम खचीला होना िैसे गुणोीं के चलते यह न्याजयक
प्रजक्रया को जवश्वसनीय बनाने में अहम भूजमका जनभा सकती है।
इतना ही नहीीं, ऐसे मामलोीं के जनष्पादन में, िहाीं सभी सींबद्ध
पक्षोीं की शारीररक उपक्तस्थजत अजनवायक न हो, यह सवकश्रेष्ठ
जवकल्प जसद्ध हो सकता है। सूचना तकनीक ़ानून के अींतगकत
उक्तल्लक्तखत आरोपोीं की सूची जनम्नवत हैः-
• कीं यूटर सींसाधनोीं से छेडछाड की कोजशश- धारा 65
• कीं यूटर में सींग्रजहत डाटा के साथ छेडछाड कर उसे हैक
करने की कोजशश- धारा 66
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• सींवाद सेवाओीं के माध्यम से प्रजतबींजधत सूचनाएीं भेिने के
जलए दींड का प्रावधान- धारा 66 ए
• कीं यूटर या अन्य जकसी इलेक्ट्रॉजनक गैिेट से चोरी की गई
सूचनाओीं को ग़लत तरीके से हाजसल करने के जलए दींड
का प्रावधान-धारा 66 बी
• जकसी की पहचान चोरी करने के जलए दींड का प्रावधान-
धारा 66 सी
• अपनी पहचान छुपाकर कीं यूटर की मदद से जकसी के
व्यक्तिगत डाटा तक पहींच बनाने के जलए दींड का
प्रावधान- धारा 66 डी
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• जकसी की जनिता भींग करने के जलए दींड का प्रावधान-
धारा 66 इ
• साइबर आतींकवाद के जलए दींड का प्रावधान-धारा 66 एफ
• आपजत्तिनक सूचनाओीं के प्रकाशन से िुडे प्रावधान-धारा
67
• इलेक्ट्रॉजनक माध्यमोीं से अश्लील सूचनाओीं को प्रकाजशत
या प्रसाररत करने के जलए दींड का प्रावधान-धारा 67 ए
• इलेक्ट्रॉजनक माध्यमोीं से ऐसी आपजत्तिनक सामग्री का
प्रकाशन या प्रसारण, जिसमें बच्चोीं को अश्लील अवस्था में
जदखाया गया हो- धारा 67 बी
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• मध्यस्थोीं द्वारा सूचनाओीं को बाजधत करने या रोकने के
जलए दींड का प्रावधान-धारा 67 सी
• सुरजक्षत कीं यूटर तक अनाजधकार पहींच बनाने से सींबींजधत
प्रावधान-धारा 70
• डाटा या आींकडोीं को ग़लत तरी़े से पेश करना-धारा 71
• आपसी जवश्वास और जनिता को भींग करने से सींबींजधत
प्रावधान-धारा 72 ए
• कॉन्टरैक्ट् की शतों का उल्लींघन कर सूचनाओीं को
सावकिजनक करने से सींबींजधत प्रावधान-धारा 72 ए
• फज़ी जडजिटल हस्ताक्षर का प्रकाशन-धारा 73
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• सूचना तकनीक ़ानून की धारा 78 में इींस्पेक्ट्र स्तर के
पुजलस अजधकारी को इन मामलोीं में िाींच का अजधकार
हाजसल है।