पाठ योजना.docx its all about lessons to be taught at school

DrVishalGOEL2 0 views 6 slides Oct 12, 2025
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About This Presentation

its all about how to structure the lessons


Slide Content

पा
ठ योजना

क्षा
: 10वीं
वि
षय
: हिं
दी
(गद्य – आ
धुनिक साहित्य
)
पा
ठ का नाम
: अब क
हाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
ले
खक
: ह
रिशंकर परसाई

मय
: 45–50 मि
नट
सं
बंधित सतत विकास लक्ष्य
(SDGs):
1.SDG 4: गु
णवत्तापूर्ण शिक्षा
(Quality Education)
2.SDG 10: अ
समानताओं में कमी
(Reduced Inequalities)
3.SDG 16: शां
ति
, न्
याय और मज़बूत संस्थाएँ
(Peace, Justice and
Strong Institutions)
1. उ
द्देश्य
(Learning Objectives):
पा
ठ के अंत में छात्र
-छा
त्राएँ—
ले
खक हरिशंकर परसाई के व्यंग्य शैली को समझ सकेंगे।
स
माज में घटती संवेदनशीलता और सहानुभूति की पहचान कर

केंगे।
य
ह जान सकेंगे कि
मा
नवता
, स
मानता और करुणा

सतत विकास
के
लिए कितनी आवश्यक हैं।
दू
सरों के दुख से जुड़ाव और सहयोग की भावना विकसित कर

केंगे।

2. शि
क्षण
-सा
मग्री
(Teaching Aids):
पा
ठ की पुस्तक
/ प्रो
जेक्टर स्लाइड्स
ब्
लैकबोर्ड
/ स्
मार्टबोर्ड
वी
डियो क्लिप
(मा
नवता और सहानुभूति पर
)
SDG चा
र्ट
(वि
शेषकर
SDG 4, 10, 16)
3. पू
र्व ज्ञान
(Previous Knowledge):
छा
त्रों को पहले से मानवता
, स
हानुभूति
, औ
र समाज में आपसी सहयोग
के
उदाहरणों का सामान्य ज्ञान है।
4. शि
क्षण प्रक्रिया
(Teaching Process):

रण
शि
क्षक की क्रिया
वि
द्यार्थी की
क्रि
या
प्र
वेश
(Introduction) (5
मि
नट
)

क कहानी या उदाहरण से

रंभ करें – जैसे किसी व्यक्ति
द्वा
रा किसी अनजान की मदद।
प्र
श्न पूछें – “क्या आजकल लोग
दू
सरों के दुख में दुखी होते हैं
?”
वि
द्यार्थी अपने
वि
चार साझा

रेंगे।
पा
ठ प्रस्तुति
(Presentation)
(15 मि
नट
)
पा
ठ का सारांश पढ़वाएँ
, मु
ख्य
अं
श समझाएँ। हरिशंकर परसाई
की
व्यंग्य शैली पर चर्चा करें।
वि
द्यार्थी पाठ

ढ़ेंगे
, क
ठिन

ब्दों के अर्थ


रण
शि
क्षक की क्रिया
वि
द्यार्थी की
क्रि
या

मझेंगे।
वि
चार
-वि
मर्श
(Discussion) (10
मि
नट
)
प्र
श्न पूछें –
1.ले
खक किस प्रवृत्ति की आलोचना कर रहे हैं
?
2.आज
के समाज में यह प्रवृत्ति कैसे दिखती है
?
3.SDG 10 औ

16 से
इसका क्या संबंध है
? | वि
द्यार्थी उत्तर देंगे

र उदाहरण देंगे।
|
| स
तत विकास से जोड़ना
(Integration with SDGs) (10
मि
नट
) | स
मझाएँ कि–
सहानुभूति और करुणा
के बिना सतत समाज नहीं बन सकता।
SDG 10 अ
समानता घटाने पर ज़ोर देता है
, औ

SDG 16 शां
ति
-
न्
याय को बढ़ावा देता है।
| वि
द्यार्थी चार्ट देखकर यह संबंध

मझेंगे।
|
| सृ
जनात्मक गतिविधि
(Activity) (5 मि
नट
) | स
मूह में “अगर मैं
दु
ख में किसी की मदद करूँ तो…” पर छोटा अनुच्छेद या पोस्टर

नवाएँ।
| स
मूह कार्य करेंगे।
|
5. मू
ल्यांकन
(Evaluation):
लि
खित
/मौ
खिक प्रश्न
:

1.इ
स पाठ में लेखक का मुख्य संदेश क्या है
?
2.ले
खक किस मानसिकता की आलोचना करते हैं
?
3.SDG 10 औ

16 से
इस पाठ का क्या संबंध है
?
4.दू
सरों के दुख से दुखी होना क्यों आवश्यक है
?
6. गृ
हकार्य
(Homework):
“आज
के समय में मानवता का महत्व” विषय पर
100 श
ब्दों में

नुच्छेद लिखिए।
(सं
दर्भ
: SDG 16 – शां
ति
, न्
याय
, औ
र संस्थाएँ
)
7. शि
क्षण निष्कर्ष
(Learning Outcome):

स पाठ के अध्ययन से विद्यार्थी—
स
माज में करुणा और संवेदनशीलता का महत्व समझेंगे।
स
तत विकास के लक्ष्यों के संदर्भ में
नै
तिकता और सामाजिक

त्तरदायित्व

की भावना विकसित करेंगे।
सा
हित्य को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम मानना सीखेंगे।

प्र
श्न
1. ले
खक किस प्रवृत्ति की आलोचना कर रहे हैं
?

त्तर
:
ले
खक हरिशंकर परसाई समाज में बढ़ती
स्
वार्थपरता
(Selfishness)


सं
वेदनहीनता
(Lack of sensitivity) की
आलोचना कर रहे हैं।
वे
दिखाते हैं कि अब लोग
दू
सरों के दुख में दुखी नहीं होते
, ब
ल्कि केवल

पने हित की चिंता करते हैं।
प्र
श्न
2. आज
के समाज में यह प्रवृत्ति कैसे दिखती है
?

त्तर
:
आज
लोग अपने काम और सुख में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें दूसरों की

रेशानी से कोई मतलब नहीं।
स
ड़क पर किसी घायल को देखकर भी कई लोग मदद नहीं करते।
सा
माजिक मीडिया पर दुःखभरी खबरें देखकर केवल “
sad” या

“RIP” लि
खकर आगे बढ़ जाते हैं।

ह संवेदना की कमी दर्शाता है।
प्र
श्न
3. SDG 10 औ

16 से
इसका क्या संबंध है
?

त्तर
:
SDG 10 (अ
समानताओं में कमी
): अग
र हम दूसरों के दुख को

मझेंगे और मदद करेंगे
, तो
समाज में असमानताएँ घटेंगी।
SDG 16 (शां
ति
, न्
याय और मज़बूत संस्थाएँ
): जब
लोग एक
-दू
सरे
के
साथ सहानुभूति और न्यायपूर्ण व्यवहार करेंगे
, त
भी समाज में

शां
ति और स्थिरता बनी रहेगी।

सलिए यह पाठ मानवता को सतत विकास का आधार मानता
है