Bridging Disciplines: Collaborative Strategies for Communication
and Learning in Children with Special Needs
Size: 2.24 MB
Language: none
Added: Oct 03, 2025
Slides: 14 pages
Slide Content
Bridging Disciplines: Collaborative Strategies for Communication
and Learning in Children with Special Needs
Continued Rehabilitation Education
Dr. Deepak Kumar Tripathi
Department of Special Education
Nehru Gram Bhharati(Deemed To Be) University
PrayagrajUP
Introduction
यह roduc “िवषय-ntuci का सेतु: िवशेष ै ेीारक वाले ब संवाद और
सीखने हेतु सहकारी रणनीितयाँ” इस बात पर ाु:शस है :ा कैसे िविभ िवषय (जैसे
भाषा, रीखलबनकी, लषहक-षकँ, वा य-लबनकी ू:ै) के बीच सहयोग और
समवय करके िवशेष आवयकता वाले ब के िलए भावी सीखने और संवाद के
अवसर िवकिसत :ाC जा सकते िve
Conti……
िवशेष आवयकता वाले ब (ChildrenwithSpecialNeeds)का
िशा अिधकार केवल एक संवैधािनक अिधकार नह, बिक एक मानवीय
दाियव भी है। ऐसे बे िजनके िवकास, सीखने, या संवाद म कसी कार क
िभता होती है, उह िशा के पारंपरक तरीक से वांिछत परणाम नह
िमल पाते। इसिलए आवयक है क उनके िलए िशा णाली म ऐसे उपाय िमल पाते। इसिलए आवयक है क उनके िलए िशा णाली म ऐसे उपाय
कए जाएँ जो उनके िवशेष गुण, मता और आवयकता को यान म
रखते ए बनाए गए ह। इसम िविभ िवषय के िवशेष का सहयोग
अयंत महवपूण भूिमका िनभाता है। यही सहयोग “िवषय-िवभाग का सेतु”
कहलाता है।
िवषय-िवभागों का सेतु: एक ryAo(
“िवषय-िवभाग का सेतु” का तापय है )I)EP औेँ े और िवशेष का
िमलजुलकर ोेिग करना pcyt ब के सम िवकास नप सहायता िमल सके।
ंकनप िशक, मनोवैािनक, भाषा-िवशेष, ावसाियक िचकसक, पीच ंकनप िशक, मनोवैािनक, भाषा-िवशेष, ावसाियक िचकसक, पीच
थैरेिपट, समाजकम और अिभभावक एक टीम के प नप ोेिग करते ह। यह
दृिकोण बिवषयी (Multidisciplinary)और अंतवषयी
(Interdisciplinary)सहयोग पर आधारत होता है।
ेियह शव सहयोग का PEv
िवशेष आवयकता वाले ब के िलए संवाद और सीखने क या नप कई
चुनौितयाँ होती ह। उदाहरण के िलए, वण-बािधत सअब को भाषा और
विन से जुड़ी कठनाइय का सामना करना पड़ सकता है, Tsyt ऑटम विन से जुड़ी कठनाइय का सामना करना पड़ सकता है, Tsyt ऑटम
पे म वाले सअब को सामािजक संकेत को समझने नप दत हो सकती है।
ऐसे नप िशक अकेले भावी समाधान नह दे सकते। पीच थेरेिपट,
मनोवैािनक, फिज़योथेरेिपट, िवशेष िशक और अिभभावक िमलकर
येक सअब क ज़रत के अनुसार योजना बनाते ह।
िवशेष आवयकता वाले ब म संवाद क भूिमका
संवाद (Communication)सीखने ाb या का मूल आधार है। जब बे भावी
ढंग से संवाद ीिP कर पाते, तो उनके िलए नकी हण करना और सामािजक संबंध
बनाना कठन हो जाता है। िवशेष आवयकता वाले ब रु संवाद से संबंिधत
समयाएँ कई )ाकत ाb हो सकती िv, जैसे–
वण बाधा के कारण भाषा िवकास रु िवलंबवण बाधा के कारण भाषा िवकास रु िवलंब
वाक् एवं भाषा िवकार
ऑटम या बौिक tहरसक के कारण सामािजक संवाद रु कठनाई
इन समया से िनपटने के िलए िवशेष ारा सहकारी रणनीितयाँ अपनाई जाती
िv, जैसे– दाह)चा एवं संवधत संेषण (AAC)उपकरण का उपयोग, िच-संवाद
बोड, साइन ल वेज, और साीयाb साधन।
संवाद के िलए सहकारी रणनीितयाँ
सहायक तकनीक (AssistiveTechnology):वण यं, ेल िलिप, ”ेयप
जनरेटग िडवाइस, टैबलेट ूEकLतस ऐस जैसे साधन से सअब अपनी बात
बेहतर ढंग से कर सकते िve
दाह)चा और संवधत संेषण (AAC):i(cav, िच काड, तीक और
संकेत के मायम से संवाद को ोसािहत yt-c जाता है।संकेत के मायम से संवाद को ोसािहत yt-c जाता है।
भाषा-wt ो गितिविधयाँ: गीत, कहािनयाँ, संवाद खेल और भूिमका-ना
से ब ाb भाषा और सामािजक कौशल को िवकिसत yt-c जा सकता है।
सीखने के िलए सहकारी रणनीितयाँ
Sहpइर िशा योजना (IEP): येक सअब ाb ूनते, िच और कठनाइय
के अनुसार अलग िशण योजना बनाई जाती है।
सहयोगामक अिधगम (CollaborativeLearning):केनेजि ब और
िवशेष आवयकता वाले ब को िमलाकर समूह गितिविधयाँ करवाई जाती
िv, िजससे समावेशन और आपसी समझ बढ़ती है।
म Oँ-ससरी िशण: ` a, वण, टुयग, गित जैसे कई इं य का उपयोग
कर सीखने को रोचक और भावी बनाया जाता है।
ryA uA और समुदाय की भूिमका
केवल िवालय टतए पर ही नह, घर और समुदाय नप भी
सहयोग ज़री है। माता-िपता को िशित yt-c जाना चािहए
pcyt वे ब के संवाद और सीखने को दैिनक जीवन नप सश pcyt वे ब के संवाद और सीखने को दैिनक जीवन नप सश
बना सक। समुदाय को जागक कर सहायक वातावरण तैयार
yt-c जाए, िजससे भेदभाव और सामािजक दूरी कम हो।
सहकारी रणनीितयाँ: सीखने को भावी बनाने के उपाय
h)- :(I टीम ओिंरथज (Multidisciplinary Approach):
िवषय, भाग ोंकंिसे, pnaryAo-n( और माता-िपता िमलकर EPve) िवषच योजना (IEP) तैयार
करते नँख
गत िशा योजना (IEP):
ेक बे की िपिवट मताओं, कमजोरयों और िचयों को ान तश रखकर िवषज धचतआा और ीअ
तय िकए जाते नँख
सहायक तकनीक (Assistive Technology):
संवाद और सीखने तश मदद के िलए टैबलेट, सॉवेयर, संवाद उपकरण और िवशेष ए के शन का
औलएद िकया जाता है।
खेल एवं गितिविध आधारत अिधगम:
सीखने को सहज और रोचक बनाने के िलए खेल, संगीत, कला, ना और कहानी-कथन का औलएद
िकया जाता है।
लाभ और -ीषह
संवाद कौशल नप सुधार से सामािजक समावेशन बढ़ता है।
आमिवास और आमिनभरता का िवकास होता है।
शैिक उपलिधय नप वृि होती है।
परवार और समाज के साथ बेहतर संबंध थािपत होते ह।परवार और समाज के साथ बेहतर संबंध थािपत होते ह।
“रCव)
िवशेष आवयकता वाले ब के िलए संवाद और सीखने का सफर चुनौतीपूण
हो सकता है, लेकन िवषय-वषगोंक का सेतु बनाकर इन चुनौितय को
अवसर नप बदला जा सकता है। जब लषहक, तकनीक, वा य और अवसर नप बदला जा सकता है। जब लषहक, तकनीक, वा य और
कनेलयेउ जैसे िविभ ह Y िमलकर काम करते िv, तब ब को न केवल
बेहतर लषहक िमलती है स Iो वे आमिनभर, आमिवासी और समाज के
स य सदय बन पाते िve