Geet ageet- Hindi -Class -IX-(poem)

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About This Presentation

रामधारी सिंह दिनकर जी की कविता -गीत अगीत -


Slide Content

प्रस्तुतत:
दिलीप कुमार बडत्या
स्नातकोत्तर शिक्षक(द िंिी)
जवा र नवोिय ववद्यालय
पालझर,बौध,ओडडिा

गीत अगीत
रामधारीश िं दिनकर

कवव पररचय
•रामधारीश िं 'दिनकर''(23श तम् बर1908-24अप्रैल
1974)द न्िीकेएकप्रमुखलेखक,कवववतनबन्धकारथे।
वेआधुतनकयुगकेश्रेष्ठवीरर केकववकेरूपमें
स्थावपत ैं।'दिनकर'स्वतन्रतापूववएकववद्रो ीकववके
रूपमेंस्थावपत ुएऔरस्वतन्रताकेबाि'राष्रकवव'के
नाम ेजानेगये।जन्म23श तिंबर1908कोश मररया
नामकस्थानपे ुआ।इनकीमृत्यु24अप्रैल,1974को
चेन्नई)में ुई।

पाठ-प्रवेि
प्रस्तुतकववता‘ गीत–अगीत’ मेंभी
प्रकृततके ौंियवकेअततररक्तजीव-जिंतुओिं
केममत्व, मानवीयरागऔरप्रेमभावका
भी जीवचचरण ै।कववकोनिीके
ब ावमेंगीतका ॄजन ोताजानपड़ता
ै, तोिुक-िुकीकेकायवकलापोंमेंभी
गीत ुनाईिेता ैऔरआल् ागाता
ग्वालबालतोगीत–गानमेंडूबा ुआ
दिखाईिेता ी ै।

तदिनी -निी, तिों के बीच ब ती ुई
वेगवती -तेज़ गतत े
उपलों -ककनारों े
ववधाता -ईश्वर
तनझवरी -झरना, निी
पािल -गुलाब
शब्दार्थ

गीत –आगीत
कौन ुिंिर ै ?

गाकरगीतववर केतदिनी
वेगवतीब तीजाती ै,
दिल लकाकरलेनेको
उपलों ेकुछक तीजाती ै।

तटपरएकगुलाबसोचता,
“ देतेस्वरयददमुझेववधाता,
अपनेपतझरकेसपनोंका
मैंभीजगकोगीतसुनाता।”

गा–गाकरब र ीतनझवरी,
पािलमूकखड़ातिपर ै।
गीत, अगीत, कौन ुन्िर ै
?

भावाथव
•कववताकेइ भागमेंनिीकेब ने ेजो ुन्िरदृश्य
दिखाईिेता ैकववनेउ काब ुत ुन्िरवणवनककया ै।
कववक ता ैककनिीकोब ता ुआिेखते ुएऐ ालगता
ैजै ेनिीकक ीकेबबछड़नेकेिुुःखमेंिुखी ोते ुएगीत
गाते ुएबड़ीतेजी ेब र ी ै।ऐ ेमेंलगता ैककव
अपनािुुःखकमकरनेकेशलएककनारों ेकुछक ती ुई
ब तीजार ी ै।कववक ता ैककककनारेकेपा में ीएक
गुलाबचुपचापय बिेखर ा ैऔरअपनेमनमें ोच
र ा ैककयदिभगवाननेउ ेभीबोलनेकीिक्क्तिी ोती
तोव भीपूरीिुतनयाकोअपने पनोंकेगीत ुनाता।
झरनाभीब -ब करगीतगार ा ैऔरगुलाबककनारेपर
चुपचापखड़ा ै।कववय बिेखकर ोचर ा ैककमेरे
द्वारागयागयागीत ुन्िर ैयाप्रकृततकेद्वारानगा
कनेवालाअगीत ुन्िर ै?

बैठािुकउ घनीडालपर
जोखोंतेपरछायािेती।
पिंखफुलानीचेखोंतेमें
िुकीबैठअिंडे ै ेती।
गातािुकजबककरणव िंती
छूतीअिंगपणव ेउमड़कर
र जाते ने में नकर।

ग ूँजरहाशुककास्वरवनमें,
फ लामग्नशुकीकापरहै।
गीत, अगीत, कौनसुन्दरहै?

भावाथव
•कववताकेइ भागमेंकववतोताऔरमािा-तोताकेप्रेमका
ुन्िरवणवनकरता ुआक ता ैककएकतोतापेड़कीउ
घनीडालीपरबैठा ुआ ैजोडालउ केघों लेंकोछाया
िेती ै।उ ीघों लेंमेंउ तोतेकीमािाअपनेपिंखोंको
फैलाकरअपनेअिंडे ेर ी ै।कववक ता ैककजब ूयव
कीककरणेंपत्तों ेछनकरआती ैंऔरतोतेकेपिंखोंका
स्पिवकरती ैंतोतोतागानागानेलगता ै।उ कागाना
ुनकरउ कीमािाभीगानाचा ती ै,लेककनउ कागीत
केवलतोतेकेप्यारमेंशलपिकरर जाता ैऔरउ केमुुँ
ेकुछन ीिंतनकलता।उधरतोतेकागीतपूरेवनमेंगूुँज
र ा ैऔरइधरउ कीमािाउ कागीत ुनकरफूलेन ीिं
मार ी ै।अथावतव ब ुतखुि ै।कववय बिेखकर
ोचर ा ैककमेरेद्वारागयागयागीत ुन्िर ैयाप्रकृतत
केद्वारानगा कनेवालाअगीत ुन्िर ै?

िोप्रेमी ैंय ाुँ, एकजब
बड़े ाुँझआल् ागाता ै,
प लास्वरउ कीराधाको
घर ेय ाुँखीिंचलाता ै।

चोरी-चोरीखड़ीनीमकी
छायामेंतछपकर ुनती ै,
‘ ुईनक्योंमैंकड़ीगीत
की
बबधना’ , योंमनमेंगुनती
ै।
व गाता, परकक ीवेग े
फूलर ाइ काअिंतर ै।
गीत, अगीत, कौन ुन्दर
है?

भावाथव
•कववताकेइ भागमेंकवविोप्रेशमयोंकावणवन
करता ुआक ता ैककवनमेंिोप्रेमीर ते ैं।
िोनोंप्रेशमयोंमें ेजबएकप्रेमीिामके मयकोई
लोकगीतगाता ैतोउ कीप्रेशमकाउ गानेको
ुननेकेशलएअपनेघर ेवनकीओरखखिंचीचली
आती ै।व चोरी ेछुप-छुपकरअपनेप्रेमीका
गाना ुनती ैऔरमनमें ोचती ैककव उ
गीतकाद स् ाक्योंन ीिंबनती।जबप्रेमीगाता ै
तोप्रेशमकाकामनप्र न्नता ेफूलेन ीिं माता ै।
कववय बिेखकर ोचर ा ैककमेरेद्वारागया
गयागीत ुन्िर ैयाप्रकृततकेद्वारानगा कने
वालाअगीत ुन्िर ै?

गृ -कायव
•प्रकृततसेसंबंधधतकववताओंका
संकलनकीजजए।
•रामधारीससंह‘ ददनकर’ की
कववताएूँपुस्तकालयसेलेकरपदिए।
•प्रकृततसेसंबंधधतकोईएककववता
सलखिए।
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