अधिगम अर्थ और परिभाषा (Learning: Meaning and Definition)

RajeshVerma239 2,670 views 13 slides Apr 01, 2020
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About This Presentation

अनुभव या अभ्यास के कारण व्यवहार में स्थायी परिवर्तन।


Slide Content

अधिगमअर्थऔरपररभाषा
डॉराजेशवमाथ
अधिस्टेंटप्रोफेिर(मनोधवज्ञान)
राजकीयमहाधवद्यालयआदमपुर, धहिार, हररयाणा

अर्थ
अभ्यास,अनुभव,अवलोकनयाककसीसेपढ़करज्ञानया
कौशलप्राप्तकरना।
प्राप्तज्ञानजो
व्यवहारमेंस्थायी
पररवर्तनका
कारणबनर्ाहै।

पररभाषा
“व्यवहारयाव्यवहारक्षमतामेंअनुभवकेफलस्वरूपकोईअपेक्षाकृत
स्र्ायीपररवतथन”(NCERT,XI).
अनुभवकेपररणामस्वरूपमानधिकधनरूपण(representation)या
िाहचयथमेंदीर्थकाधलकपररवतथन(Ormrod,1995).
अनुभवयाअभ्यािके
कारणव्यवहारमें
स्र्ायीपररवतथन।

पररचय
अकिगमकीपररभाषाऔरअथतकेकवश्लेषणसेयहपायागयाहै
ककइसके
र्ीनघटकहोर्ेहैं
अथातर्:-
((i)अपेक्षाकृर्स्थायीपररवर्तन,
(ii)व्यवहारमेंपररवर्तन,और
(iii)अभ्यास,अनुभवएवं
अवलोकन।

(i)अपेक्षाकृर्स्थायीपररवर्तन–इसकाअथतहोर्ाहैककजबहम
अनुभव,अवलोकनयाअभ्यासकेमाध्यमसेसूचनाप्राप्तकरर्ेहैं,र्ोउस
सूचनाकाकुछकहस्सामकस्र्ष्ककेर्ंकिकापररपथ(Neuralcircuit)
मेंपररवर्तन
केपररणामस्वरूप
स्थाईरूपसेवहां
ररकॉर्तहोजार्ा
है।इसकलए,यह
कहाजासकर्ाहै
ककअकिगम
दीघतकाकलकस्मृकर्
काप्रकायतहै।

(ii)व्यवहारमेंपररवर्तन–इसकाअथतहोर्ाहैककमकस्र्ष्ककेअंदर
र्ंकिकापररपथ(NeuralCircuit)मेंजोपररवर्तनहोर्ाहै,व्यवहारभी
उसकेअनुरूपहीउत्पन्नहोनेलगर्ाहै।यहव्यवहारमकस्र्ष्कमेंहुएकाबतकनक
पररवर्तनोंसेपहलेहोनेवालेव्यवहारसेकभन्नहोगा।पररवर्तनसेपहलेके
व्यवहारऔरपररवर्तनकेबादकेव्यवहारकेबीच
अंर्रकोव्यवहारमें
पररवर्तनकेरूपमें
जानाजार्ाहै।अकिगम
कोउनव्यवहार
पररवर्तनोंसेहोर्ाहैजोन
र्ोस्थायीऔरनहीसीखे
गएहोर्ेहैं(NCERT)।

(iii)अभ्यास,अनुभवएवंअवलोकन–
अभ्यास-ककसीगकर्कवकिकीपुनरावृकि,
अनुभव-संवेगउत्पन्नकरनेवालीकोईघटनाया उद्दीपकसेरू-बरू,
एवं
अवलोकन-ऐसीघटनाकाप्रत्यक्षणजोव्यवहारमेंपररवर्तनलानेकेकलए
समथतहो।
इसकामतलबअधिगमव्यवहारमेंशारीररकपररपक्वता,
थकान,शराबयाड्रग्स,
मानससकबीमारीयामनोभ्रंश
केपररणामस्वरूपहोनेवाले
पररवततनोंकोछोड़करहोनेवाले
पररवततनोंसेहोताहै।

संकक्षप्तचचात
अकिगमदीघतकाकलकस्मृकर्काप्रकायतहोर्ाहै।अकिगममेंमनोवैज्ञाकनक
प्रकियाओंकाकाएकऐसािमशाकमलहोर्ाहैजोकनम्नकलकखर्सेकभन्नहोर्ाहै:-
(i)पररपक्वर्ा–आनुवंकशकब्लूकप्रंटकेकारणवृकिऔरकवकासकेकारणमनो-
शारीररकपररवर्तन।
(ii)अभ्यस्र्र्ा(Habituation)–उद्दीपकसेबार-बारसंपकतमेंआनेसेव्यकि
मेंएक
प्रकारकीअनैकछछककिया
केप्रकर्उन्मुखर्ाका
कवकासहोर्ाहैजोएक
र्रहकाव्यवहारहैकजसे
अभ्यस्र्र्ाकेरूपमें
जानाजार्ाहै।

(iii)कनष्पादन–कनष्पादनव्यकिकादेखागयाव्यवहार,प्रकर्कियाया
अनुयोजन(action)होर्ाहै।
अकिगमअलग-अलगर्रीकोंसेहोसकर्ाहै।सबसेसरलर्म
प्रकारकेअकिगमकोअनुबंिन(कंर्ीशकनंग)कहाजार्ाहैजोदोप्रकार
कीहोर्ीकाहोर्ाहैअथातर्प्राचीनअनुबंिनऔरकियाप्रसूर्अनुबंिन।

अकिगमकेअन्यप्रकारकनम्नकलकखर्होर्ेहैं
-अवलोकनअधिगम,
-िंज्ञानात्मकअधिगम,
-शाधददकअधिगम,
-अविारणात्मकअधिगम,और
-कौशलअधिगम।

िन्दभथ:
1.NCERT,XIPsychologyTextbook.
2.Ormrod,J.E.(2014).HumanLearning(6
th
Ed).NewJersey:Pearson.

अगलीचचाथ
अधिगमकोप्रभाधवतकरनेवालेकारक

िन्यवाद
धफरधमलेंगेअगली
वीधडयोकेिार्
[email protected]