Number system part-1

babulalchoudhary2 1,216 views 16 slides May 19, 2018
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About This Presentation

An easy method to understand meths.


Slide Content

Karmja Online Classes

गत परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न 11 से बडी अभाज्य संख्यांए जिनका अन्तिम अंक इनमें से नहीं होगा- (RPSC H.M 2011) (अ) 7 (ब) 9 (स) 1 ( द) 5 2. 1से 100 तक की संख्याओं में कितनी अभाज्य संख्यांए हैं- ( 1 st grade 2013) ( अ) 24 (ब) 25 (स) 28 (द) 27 × × × में अभाज्य गुणनखंडों की संख्या ज्ञात कीजिए- ( 1 st grade 2015) ( अ) 35 (ब) 37 (स) 28 (द) इनमें से नहीं  

संख्या निरूपण - संख्या – अंकों से मिलकर संख्या बनती है । जैसे – 4 – एक अंकीय संख्या 76 – दो अंकीय संख्या 874 - तीन अंकीय संख्या एक नील तक की पूर्ण संख्याएँ लिखना – पूर्ण संख्याएँ 0 , 1 , 2 , 3 , .......... होती है । ये ऋणात्मक नहीं हो सकती । शून्य (0) भी एक पूर्ण संख्या है । नील खरब अरब करोड़ लाख हजार सैंकड़ा दहाई इकाई दस नील नील दस खरब खरब दस अरब अरब 100000000 10000000 1000000 100000 10000 1000 100 10 1 1014 1013 1012 1011 1010 109 108 107 106 105 104 103 102 101 100 पूर्ण संख्याओं को निम्न प्रकार लिखा जाता है –

एक अंक की संख्याएँ - 1 से लेकर 9 तक जैसे 1 , 2 , 3 , ... 8 , 9 कुल = 9 संख्याएँ एक अंक की सबसे छोटी संख्या = 1 एवं एक अंक की सबसे बड़ी संख्या = 9 नोट- ‘ ’ का अकेले आने पर कोई अस्तित्व नहीं होता है अर्थात् अकेला 0 (शून्य) कभी कोई संख्या नहीं बनाता है। दो अंको संख्याएँ - 10 से लेकर 99 तक की संख्याएँ जैसे 10 , 11 , ...21...99 , कुल = 90 संख्याएँ दो अंकों की सबसे छोटी संख्या = 10 तथा दो अंको की सबसे बड़ी संख्या = 99 तीन अंको की संख्याएँ = 100 से लेकर 999 तक।जैसे- 100, 101,...999 कुल = 900 संख्याएँ तीन अंकों की सबसे छोटी संख्या = 100 एवं सबसे बड़ी संख्या = 999

पाँच अंको की संख्याएँ = 1,0000 से लेकर 99999 , कुल = 90 , 000 संख्यएँ पाँच अंको की सबसे छोटी संख्या = 10000 एवं सबसे बड़ी संख्या = 99999 चार अंकों की संख्याएँ = 1000 से 9999 तक। कुल = 9000 संख्याएँ चार अंको की सबसे छोटी संख्या = 1000 एवं सबसे बड़ी संख्या = 9999

सात अंको की संख्याएँ = 10,00,000 ( दस लाख ) से 99 , 99 , 999तक कुल 90 लाख संख्याएँ सात अंको की सबसे छोटी संख्या = 10 , 00 , 000 (दस लाख) एवं सबसे बड़ी संख्या = 9999999 छः अंको की संख्याएँ = 1 , 00000 से लेकर 9 , 99 , 999तक कुल 9 , 00 , 000 संख्याएँ छः अंको की सबसे छोटी संख्या = 100000 ( एक लाख ) एवं सबसे बड़ी संख्या = 9 , 99 , 999 आठ अंको की संख्याएँ - 10000000से 99999999तक कुल 9 करोड संख्याएं

प्राकृत संख्या ( Natural Numbers ) – जिन संख्याओं से गिनती की जाती है उन्हें प्राकृत संख्या कहते है या गिनती की सभी संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ कहलाती है । यह एक से लेकर अनन्त तक जाती है , जैसे - 1 , 2 , 3 , 4 , ... दूसरे शब्दों में कहे तो प्राकृत संख्याएँ वे संख्याएँ होती है । जिन्हें सरलतम रूप में बदलने पर उनका हर हमेशा ‘ 1 ’ होता है । जैसे- 6 / 3 को सरलतम रूप में बदलनें पर ‘2’ प्राप्त होता है जो एक प्राकृत संख्या है । नोट – शून्य को प्राकृत संख्या नहीं माना जाता है । (2) पूर्ण संख्या ( Whole Numbers ) प्राकृत संख्याओं के समूह में शून्य (0) को भी शामिल कर लेने से प्राप्त संख्याओं का समूह पूर्ण संख्याएँ कहलाती है । जैसे – 0 , 1 , 2 , 3 , 4 , ... आदि । नोट सबसे छोटी प्राकृत संख्या एक है । सबसे बड़ी प्राकृत संख्या अज्ञात है । सबसे छोटी पूर्ण संख्या ‘ ’ है । और सबसे बड़ी पूर्ण संख्या अज्ञात है । संख्याओं के प्रकार

(3) पूर्णांक संख्या ( Integer Numbers ) - जब पूर्ण संख्याओं को धनात्मक तथा ऋणात्मक चिन्ह के साथ व्यक्त किया जाता है तब वे संख्याएँ पूर्णांक संख्याएँ कहलाती है । जैसे – 3 , -2 , -1 , 1 , 2 , 3 , ... आदि । ( 4 ) परिमेय संख्या ( Rational Numbers ) - वे संख्याएँ जो p/q के रूप में लिखी जाती हो , जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो तथा ( q ≠ o ) q कभी शून्य न हो परिमेय संख्या कहलाती है । जैसे – 3 /7 ,13/5,0,5,- 2/3 आदि ।

(5) अपरिमेय संख्या ( Irrational Numbers ) - वे वास्तविक संख्याएँ जो परिमेय नहीं है , अपरिमेय संख्या कहलाती है , अर्थात् वे संख्याएँ जो p/q के रूप में नहीं लिखी जाती है । अपरिमेय संख्याएँ कहलाती है । जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो तथा q कभी शून्य नहीं हो । ( q ≠ ) जैसे – , 2+ नोट – ‘ में पूर्ण संख्या के अलावा अन्य सभी संख्याएँ आने पर , वे अपरिमेय संख्याएं होती है । (6) वास्तविक संख्याएँ ( Real Numbers ) - परिमेय और अपरिमेय संख्याओं को सम्मलित रूप से वास्तविक संख्याएँ कहते है ।जैसे – 5 , आदि । (7) सम्मिश्र संख्या ( complex numbers ) – सम्मिश्र संख्याएँ संख्याओं का सबसे बड़ा समूह है । जिसमें वास्तविक एवं अवास्तविक संख्याएं सम्मिलित होती है। सम्मिश्र संख्याओं को संख्याओं का पिता परमेश्वर कहे , तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं है। जैसे– 2+3 i आदि  

8. सम एवं विषम संख्यांए- वे संख्यांए जिनका इकाई का अंक 0 , 2 , 4 , 6 , 8 हो तो वे सम संख्यांए कहलाती हैं। इसी प्रकार जिन संख्याओं का इकाई का अंक 1 , 3 , 5 , 7 , 9 हो तो वे विषम संख्यांए कहलाती हैं।   9. भाज्य और अभाज्य संख्यांए- भाज्य संख्यांए वे संख्यांए होती है जिनमें स्वयं के अलावा अन्य संख्या का भाग जाता है एवं अभाज्य संख्या में स्वयं के अलावा अन्य संख्या का भाग नहीं जाता है। जैसे – 4 , 6 , 8 , 9 , 10 , ... आदि भाज्य संख्यांए हैं एवं 2 , 3 , 5 , 7 , 11 , ... आदि अभाज्य संख्यांए हैं।

ध्यान रखें- 1 एकमात्र ऐसी संख्या है जो न तो भाज्य है न ही अभाज्य है। 2 एक मात्र सम अभाज्य संख्या है। भाज्य संख्या को यौगिक संख्या एवं अभाज्य संख्या को रूढ संख्या भी कहते हैं। 100 तक की अभाज्य संख्याएं – 2 , 3 , 5 , 7 , 11 , 13 , 17 , 19 , 23 , 29 , 31 , 37 , 41 , 43 , 47 , 53 , 59 , 61 , 67 , 71 , 73 , 79 , 83 , 89 , 97 अतः स्पष्ट है कि 1 से 100 तक की संख्याओं में कुल अभाज्य संख्याएं 25 एवं भाज्य संख्यांए 74 है।

सांत संख्याएं जिसमें दशमलव के बाद आने वाली संख्याएं निश्चित है । अर्थात् दशमलव के बाद आने वाले अंकों का प्रसार परिमित हो । उदाहरण - 8942.08767 79869.0879234 80467.0894762   10. सांत व असांत संख्यांए

असांत वे दशमलव संख्याएं है । जिनका दशमलव के बाद संख्याएं प्रसार अपरिमित होता है । उदाहरण – 98976 .123123123123123……… 8076498 .08960087608976007983 …  

असांत संख्याएं आवृति अनावृति 11.आवृति एवं अनावृति संख्यांए- असांत संख्याए के समूह में वे संख्याएं जिनका दशमलव के बाद आने वाला भाग एक निश्चित क्रम में रिपीट होता है । उन्हें आवृति संख्याएं कहते है एवं जो रिपीट नहीं होती है , उन्हें अनावृति संख्या कहते है । नोट - , भिन्न नहीं है ।   12. भिन्न संख्याएं – भिन्न वे संख्याएं होती है जिनमें आने वाले अंश और हर प्राकृत संख्याएं होती है । उदाहरण – 23, 78, 94,

1 3 .दशमलव संख्या दशमलव संख्याएं वे संख्याएं होती है । जिनमें दशमलव के बाद आने वाले भाग का अस्तित्व होता है जैसे - ( i ) 789.00817 (ii)608.9763 1 4 .पूर्ण धनात्मक वास्तविक संख्याएं - वास्तविक संख्याओं का वह समूह जिसमें ऋणात्मक वास्तविक संख्याएं एवं शून्य को शामिल नहीं किया जाता है । उन्हें धनात्मक वास्तविक संख्याएं कहते है । जैसे - R + इसी प्रकार पूर्ण ऋणात्मक संख्याएं वे संख्याएं होती है जिनमें धनात्मक वास्तविक संख्यांए एवं शून्य सामिल नहीं होता है।जैसे - R-

1 6 . सह-अभाज्य संख्यांए सह-अभाज्य संख्यांए वे संख्यांए होती है जिनका HCF 1 होता है। 1 7 . रामानुज संख्या 1729 को रामानुज संख्या कहते है । ऐसी लघुतम प्राकृत संख्या जिसे दो संख्याओं के घनों को योग के रूप में दो विभिन्न तरीकों से लिखा जा सके । नोट – ‘0’ एक ऐसा अंक है जो न के धनात्मक होता है , न ही ऋणात्मक । जैसे +0 = - 0 = 0 1 5 .सम्पूर्ण संख्या वह प्राकृत संख्या जिसके सभी अपवर्तको का योग संख्या मान से दुगुना हो , सम्पूर्ण संख्या कहलाती है । 1 से 100 के बीच दो ही सम्पूर्ण संख्याएं है , जो 6 और 28 हैं।