उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के 250 से भी ज्यादा श�...
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के 250 से भी ज्यादा शिक्षक आईपीएल सट्टेबाजी में लिप्त पाए गए हैं। यह मामला 11 अप्रैल 2025 की रात को सामने आया, जब सिविल लाइंस क्षेत्र में पीटीसी के सामने स्थित एक फ्लैट पर पुलिस ने छापा मारा और 9 लोगों को मौके पर सट्टा लगाते हुए पकड़ा। बाद में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिससे कुल 10 आरोपी जेल भेजे गए। इनमें से तीन आरोपी शिक्षक हैं।
गिरफ्तार शिक्षकों के नाम हैं – धर्मेंद्र कुमार (इब्राहिमपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक), मनोज अरोड़ा (सहायक शिक्षक) और सुशील चौधरी उर्फ सुरेंद्र सिंह (वसावनपुर के प्रधानाध्यापक)। बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार ने इन तीनों शिक्षकों को तुरंत निलंबित कर दिया है।
जांच के दौरान पुलिस को मोबाइल चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स से पता चला कि करीब 250 से ज्यादा शिक्षक सट्टेबाजी में शामिल हैं। इन चैट्स में मैच के भाव, लेन-देन और सटोरियों से बातचीत के पुख्ता सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर अन्य शिक्षकों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि ये शिक्षक अब पढ़ाई-लिखाई छोड़कर सिर्फ पैसे कमाने के लिए सट्टेबाजी जैसे अपराध में लगे हुए हैं। कुछ शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे, कुछ ने अपनी जगह प्राइवेट टीचर रख लिए हैं, और कुछ रसूख के दम पर घर बैठे हाजिरी लगवा रहे हैं।
जेल में बंद 10 आरोपियों में से 7 की जमानत याचिका सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है, जिसमें एक शिक्षक भी शामिल है। अब उन्हें हाईकोर्ट जाना होगा। पुलिस अभी भी 13 फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और हर दिन 10 से ज्यादा जगह छापेमारी की जा रही है, जिससे साफ है कि यह सट्टेबाजी रैकेट बहुत बड़ा और संगठित है।
यह घटना शिक्षा विभाग और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है। शिक्षक जो बच्चों को नैतिकता और ईमानदारी सिखाते हैं, जब वही कानून तोड़ें तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है। विभाग अब ऐसे शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। केवल निलंबन ही नहीं, बल्कि दोष साबित होने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी की जा सकती है।
पुलिस मोबाइल चैट्स, बैंक लेन-देन, व्हाट्सएप ग्रुप और डिजिटल पेमेंट ऐप्स की मदद से जांच कर रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कौन-कौन से शिक्षक स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
बीएसए कार्यालय ने सभी बीईओ को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों की हाजिरी रिपोर्ट भेजें और गायब रहने वाले शिक्षकों की जानकारी दें।
यह मामला बताता है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी अब और ज़रूरी हो गई है। ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि बाकी शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से समझें।
समाज और अभिभावकों को भी इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए क्योंकि शिक्षक बच्चों के मार्गदर्शक होते हैं। अगर वही गलत राह पर चलें तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
यह प्रकरण हमें सिखाता है कि कोई भी पेशा हो, अगर उसमें ईमानदारी नहीं होगी तो उसका बुरा असर पूरे समाज पर पड़ेगा। शिक्षक सिर्फ स्कूल में पढ़ाता नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक आदर्श होता है। उम्मीद है कि दोषी शिक्षकों को जल्द सजा मिलेगी और इस पवित्र पेशे की गरिमा फिर से बहाल होगी।
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Added: May 02, 2025
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हाईकोर्ट का फै सला: प्रभारी प्रधानाध्यापक को समान वेतन
प्रभारी प्रधानाध्यापक को समान वेतन: हाईकोर्ट का बडा फै सला
मई 2025 में उत्तर प्रदेश के स्कू ल ों के ललए एक बड़ी खबर आई। हाईक र्ट क़ी डबल बेंच ने ऐसा
फै सला लदया है लिससे हिार ों प्रभाऱी प्रधानाध्यापक खुश ह गए हैं। अब उन्हें भ़ी वह़ी वेतन लमलेगा ि
एक लनयलमत प्रधानाध्यापक क लमलता है, अगर उनके पास िरूऱी य ग्यता है।
क्या है मामला?
राज्य के कई स्कू ल ों में कु छ लशक्षक ऐसे हैं ि खुद प्रधानाध्यापक नह़ीों हैं, लेलकन प्रधानाध्यापक क़ी
तरह काम कर रहे हैं। उन्हें "प्रभाऱी प्रधानाध्यापक" कहा िाता है। ये लशक्षक स्कू ल चलाते हैं, बच् ों और
लशक्षक ों क़ी लिम्मेदाऱी सोंभालते हैं, लेलकन उन्हें उतना वेतन नह़ीों लमलता लितना एक प्रधानाध्यापक क
लमलता है।
इसललए बहुत से प्रभाऱी प्रधानाध्यापक क र्ट गए और कहा लक िब हम वह़ी काम कर रहे हैं, त हमें भ़ी
बराबर वेतन लमलना चालहए।
पहले कोर्ट का क्या फै सला था?
पहले लसोंगल बेंच (एक िि क़ी अदालत) ने कहा था लक लिन प्रभाऱी प्रधानाध्यापक ों के पास
प्रधानाध्यापक बनने क़ी य ग्यता है, उन्हें बराबर वेतन लमलना चालहए। लेलकन सरकार इस फै सले से खुश
नह़ीों थ़ी, इसललए उन्ह ोंने डबल बेंच (द िि ों वाल़ी अदालत) में अप़ील क़ी।
मई 2025 में डबल बेंच का फै सला क्या आया?
डबल बेंच ने सरकार क़ी अप़ील खाररि कर द़ी। अदालत ने लफर से कहा लक:
• अगर क ई लशक्षक प्रधानाध्यापक क़ी तरह काम कर रहा है और उसके पास य ग्यता है, त उसे
भ़ी वह़ी वेतन लमलना चालहए।
• यह लनयम छ र्े स्कू ल ों पर भ़ी लागू ह गा, िहााँ छात्र सोंख्या 150 से कम है।
• लिन लशक्षक ों ने समय पर यालचका द़ी है, उन्हें त़ीन साल पहले से बकाया वेतन लमलेगा।
• ऐसे प्रभाऱी प्रधानाध्यापक लिनके पास य ग्यता नह़ीों है, उनके ललए कु छ स़ीमाएाँ रख़ी गई हैं, लिन
पर आगे फै सला आएगा।
क्या होगा अब?
अब लिन प्रभाऱी प्रधानाध्यापक ों ने क र्ट में यालचका लगाई थ़ी और लिनके पास प्रधानाध्यापक बनने क़ी
य ग्यता है, उन्हें त़ीन साल पहले से बकाया वेतन लमलेगा। साथ ह़ी, िब तक उन्हें प्रम शन नह़ीों लमलता, वे
समान वेतन पर ह़ी काम करते रहेंगे।
कोर्ट ने सरकार की बात क्योों नहीों मानी?
सरकार ने कहा था लक छ र्े स्कू ल ों के प्रभाऱी प्रधानाध्यापक ों क यह लाभ नह़ीों लमलना चालहए। लेलकन
क र्ट ने यह तकट नह़ीों माना। क र्ट ने कहा लक अगर क ई लशक्षक प्रधानाध्यापक का काम कर रहा है
और उसके पास य ग्यता है, त उसे पूरा हक लमलना चालहए, चाहे स्कू ल छ र्ा ह या बडा।
क्या सभी प्रभारी प्रधानाध्यापकोों को लाभ ममलेगा?
नह़ीों। यह लाभ लसफट उन्ह़ीों लशक्षक ों क लमलेगा:
• ि क र्ट में समय पर यालचका लेकर आए थे।
• लिनके पास प्रधानाध्यापक क़ी न्यूनतम य ग्यता है।
बाक़ी लशक्षक ों के ललए क र्ट ने कु छ शतें रख़ी हैं, लिन पर पूरा आदेश आने के बाद ह़ी स्थथलत साफ
ह ग़ी।
वकीलोों और मिक्षकोों की मेहनत रोंग लाई
लशक्षक ों क़ी ल़ीगल ऱ्ीम ने शुरू से ह़ी कहा था लक वे पूऱी ताकत से यह लडाई लडेंगे। वे लसफट आध़ी
ि़ीत नह़ीों, पूऱी ि़ीत चाहते थे। अगर िरूरत पड़ी त वे सुप्ऱीम क र्ट भ़ी िाने क तैयार थे। आस्खरकार,
उनक़ी मेहनत रोंग लाई और हाईक र्ट ने लशक्षक ों के हक में फै सला सुनाया।
अब क्या करना होगा?
ल़ीगल ऱ्ीम ने कहा है लक िब तक क र्ट का पूरा आलधकाररक आदेश नह़ीों आ िाता, तब तक सभ़ी
लशक्षक धैयट रखें। आदेश आने के बाद ह़ी आगे क़ी रणऩीलत बनाई िाएग़ी।
मनष्कर्ट
यह फै सला हिार ों प्रभाऱी प्रधानाध्यापक ों के ललए बहुत बड़ी राहत है। अब उन्हें भ़ी वह सम्मान और
वेतन लमलेगा ि वे लोंबे समय से माोंग रहे थे। यह लसफट वेतन क़ी बात नह़ीों है, यह न्याय और बराबऱी क़ी
बात है।
इससे सभ़ी स्कू ल ों में काम करने वाले लशक्षक ों का मन बल बढेगा और लशक्षा व्यवथथा और बेहतर ह ग़ी।
यह फै सला बताता है लक अगर हम सच और हक के ललए डर्े रहें, त ि़ीत ज़रूर लमलत़ी है।