NAME - NARENDRA KUMAR S/O SHRI DAYARAM SUMAN CLASS – B.Ed PART – II TEACHING SUBJECT - CHEMISTERY ROLL NO - 21 COLLEGE NAME – DEEPSHIKHA TEACHER’S TRAINING COLLEGE SITAPURA JAIPUR SESSION – 2017-18 PPT ON LESSON PLAN
पाठ योजना गेस्टाल्ट मनोविज्ञान के सिद्धांत के आधार पर पाठ योजना का विकास हुआ । पाठ योजना का अर्थ (MEANING OF LESSON PLAN) – आई॰के॰डेवीज ने पाठ योजना की रचना का विशेष महत्व बताया है । शिक्षण व्यवस्था के सभी पक्षों के व्यवहारिक रूप का आलेख ही पाठ योजना है । पाठ योजना वह आलेख है जिसमे अध्यापक एक निश्चित समय मे पाठ्य-वस्तु अपने निर्धारित लक्ष्यों के रूप मे विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत करता है पाठ योजना वह ब्लू प्रिंट है जिसमे अध्यापक एक सृजनात्मक कार्य करता है ।
पाठ योजना की परिभाषाएँ :- एन॰एल॰ बौसिंग के अनुसार “शिक्षण क्रियाओं तथा उद्देश्यों के आलेख कोण पाठ योजना कहते है । शिक्षण के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अध्यापक जिन क्रियाओं का नियोजन करता है उनके आलेख को पाठ योजना की संज्ञा दी गई है ।” रॉय बर्न के अनुसार “शिक्षा के लिए हमे पूर्व प्राप्त अनुभव का प्रयोग अपने करी के लिए करना चाहिए ।” बिनिंग व बिनिंग के अनुसार “दैनिक पाठ योजना के निर्माण मे उद्देश्यों कोण परिभांसीट करना , पाठ्य-वस्तु का चयन करना तथा उसे क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना और प्रस्तुतीकरण की विधियों तथा प्रक्रिया का निर्धारण करना है।”
पाठ योजना का महत्व पाठ योजना शिक्षक के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करती है की उसे क्या तथा किस प्रकार से शिक्षण करना है । पथ योजना द्वारा शिक्षक पथ के उद्देश्यों कोण भली-भांति समझ लेता है । नवीन पथ का पूर्व पथ के साथ उचित संबंध स्थापित हो जाता है । यह अध्यापक को सहायक सामग्री के विषय मे सोचने तथा उपयोग करने के लिए विवश करती है । पाठ्य सामग्री द्वारा पठन समय के अनुसार व्यवस्थित रहता है । यह शिक्षक को उत्तम शिक्षण विधि चुनने मे सहायता देती है ।
विषयवस्तु विश्लेषण सारांश - खिड़कियों , दरवाजो पर लगाए जाने वाले परदे , चादरे , गलीचे आदि रेशे हैं कृत्रिम रेशे हल्के , सस्ते , जल्दी सूखने के कारण कृत्रिम रेशो की मांग लगातार बढ़ रही हैं नायलोन , रेसोंन , टेरिलीन , आरलोंन आदि कृत्रिम रेशे हैं जो प्रयोगशाला में बनाये जाते हैं शीर्षक - “ कृत्रिम रेशे “ मुख्य विचार - कृत्रिम रेशे जितने फायदेदार हैं उतने ही नुकसानदायक भी हैं मुख्य तथ्य - 1. कृत्रिम रेशे हल्के , मजबूत , सस्ते होते हैं 2 . कृत्रिम रेशे प्रत्यास्थ होते हैं 3 . कृत्रिम रेशे एक प्रकार का बहुलक हैं
शिक्षण बिंदु - 1. कृत्रिम रेशो का अर्थ 2 . कृत्रिम रेशो के प्रकार 3. कृत्रिम रेशो के उपयोग शब्दावली - प्रत्यस्था ऐसे पदार्थ जिनमे खीचने का गुण हो , जो शीघ्र का टूटे , प्रत्यस्था कहलाती हैं नॉनस्टिक बर्तन - ऐसा बर्तन जिस पर कहना नही चिपकता हैं
दैनिक पाठ योजना विद्यालय का नाम – दिनांक – 10/04/2018 विषय – रसायनविज्ञान कालांश – ii कक्षा - 7 th प्रकरण – कृत्रिम रेशे समयावधि – 30 मिनिट शिक्षण उद्देश्य अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन 1.ज्ञानात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो से सम्बंधित जानकारी का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे (ख) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो का प्रत्ययाभिज्ञान कर सकेंगे 2॰अवबोधात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो की स्पष्ट व्यवस्था कर सकेंगे (ख) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो के उदाहरण दे सकेंगे 3॰ज्ञानात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो के उपयोगिता के विषय में दुसरो को बता सकेंगे (ख) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो से प्राप्त ज्ञान या के विषय में प्राप्त ज्ञान का उपयोग नवीन परीस्थितयो में कर सकेंगे
विधि/प्रविधि :- व्याख्यान विधि , प्रश्नोतर व प्रदर्शन प्रविधि सहायक सामग्री :- कक्षपयोगी सामग्री । पूर्वज्ञान :- विद्यार्थी "कृत्रिम रेशो " के विषय में सामान्य जानकारी रखते है शिक्षण उद्देश्य अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन 4॰कौशलात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो की प्राप्ति स्त्रोतों की सूची बना सकेंगे (ख) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो से सबंधित चार्ट बना सकेंगे । 5॰ अभिरुच्यात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो के विषय में पत्र - पत्रिकाओ में पड़ने में रुचि ले सकेंगे (ख) विद्यार्थी कृत्रिम रेशो के विषय में विचार - विमर्श कर सकेंगे 6॰ अभिवृत्यात्मक (क) विद्यार्थी कृत्रिम रेशे के उपयोगों के विषय में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर सकेंगे
प्रस्तावना प्रश्न प्रश्न संख्या छात्राध्यापक कथन विद्यार्थी क्रिया 1 हमे गोंबर , दूध , कपास कहा से प्राप्त होता हैं ? पेड़ पोधो तथा जन्तुओ से 2 पादपों व जन्तुओ से और क्या - क्या प्राप्त होते हैं ? कपास , ऊन , रेशम , रेशे आदि 3 रेशे कितने प्रकार के होते हैं ? दो प्रकार के 4 दोनो प्रकार के रेशो के नाम बताओ ? 1. प्राकृतिक रेशे 2. कृत्रिम रेs उद्देश्य कथन : - आज हम " कृत्रिम रेशो " के विषय में विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे
पाठ प्रस्तुतीकरण शिक्षण बिन्दु छात्राध्यापक क्रिया विद्यार्थी क्रिया ( छात्राध्यापक प्रश्न पूछकर पाठ का विकास करेंगे ) विकासात्मक प्रश्न : – 1. ऐसे कपड़े जो हल्के हो , सिलवटे कम पड़े किस प्रकार के रेशे से बने होते हैं ? 2. कृत्रिम रेशे के विषय में आप और क्या जानते हैं ? कृत्रिम रेशे समस्यात्मक प्रश्न 1. कृत्रिम रेशो का अर्थ छात्राध्यापक कथन : – कृत्रिम रेशे मानव द्वारा प्रयोगशाला में बनाये जाते हैं उदाहरण - नायलॉन , टेरिलीन आदि कृत्रिम रेशे हल्के मुलायम , सस्ते , जल्दी सूकने वाले होते है। कृत्रिम रेशे बहुलक हैं क्योकि ये भी बहुलक की तरह छोटी - छोटी इकाइयो से मिलकर एक लंबी श्रंखला बनाते हैं , ये श्रंखला बनाते हैं , ये श्रंखला बहुलक हैं। कृत्रिम रेशे तेजी से आग पकड़ लेते हैं शरीर के चिपक जाते हैं अतः लाभदायक के साथ - साथ नुकशानदायक भी हैं इन रेशो के कीड़ा नही लगता हैं । विद्यार्थी ध्यानपूर्वक सुनेगे व अपनी उत्तर-पुस्तिका ए लिखेंगे बोध प्रश्न :- कृत्रिम रेशो के दो उदाहरण बताइये ? कृत्रिम रेशेको कौन बनाता हैं ? नाइलोन, टेरिलोन मानव
विधि / प्रविधि सहायक सामग्री श्यामपट्ट सार प्रश्नोत्तर प्रविधि व्याख्यान विधि प्रदर्शन प्रविधि प्रश्नोत्तर प्रविधि कृत्रिम रेशे - ऐसे रेशे जो मानव द्वारा लेब में बनाये जाते हैं कृत्रिम रेशे कहलाते हैं ये हल्के , मुलायम होते हैं नायलॉन , टेरिलीन आदि
शिक्षण बिन्दु छात्राध्यापक क्रिया विद्यार्थी क्रिया ( छात्राध्यापक प्रश्न पूछकर पाठ का विकास करेंगे ) विकासात्मक प्रश्न : – 1. किसी एक मानव निर्मित रेशे का नाम बताइये ? 2. नाइलोन के अतिरिक्त और कौन - कौन से निर्मित रेशे हैं ? नाइलोन समस्यात्मक प्रश्न 2. कृत्रिम रेशो के प्रकार छात्राध्यापक कथन : – 1. रेयॉन - रेयॉन सेलुलोज से रा . अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता हैं इससे चादरे , गलीचे बनाये जाते हैं 2. नॉयलोन - एडिपिक अम्ल व् हेक्सामथिलीन डाइएमीन से नॉयलोन बनाया जाता हैं नॉयलॉन रेशा प्रबल , प्रत्यास्थ , हल्का , चमकीला , मजबूत पैराशूट चट्टानो पर चढ़ने हेतु रस्से बनाये जाते हैं 3. आरलॉन - एसीटोनाइट्राइल के बहुलीकरण से ऐसे प्राप्त किया जाता हैं । 4. डेकरोंन / टेरीलीन - इसे एथिनीन ग्लाइकोल व् टेरिपेथेलिक Acid के बहुलीकरण से प्राप्त किया जाता हैं इसे पॉलिएस्टर भी कहते हैं टेरीलीन के कपड़े आसानी से धूल जाते हैं , सिलवटे नही पड़ते हैं , मुलायम होते हैं 5. टेपलॉन - नॉनस्टिक बर्तन बनाने में उपयोगी हैं बहुलक निर्माण की प्रक्रिया बहुलीकरण कहलाती हैं विद्यार्थी ध्यानपूर्वक सुनेगे व अपनी उत्तर-पुस्तिका ए लिखेंगे बोध प्रश्न :- आरलॉन किससे प्राप्त होता हैं ? दो कृत्रिम रेशो के उदाहरण बताओ ? एसीटोनाइट्राइल से नाइलोन और टेफ़्लोन
विधि / प्रविधि सहायक सामग्री श्यामपट्ट सार प्रश्नोत्तर प्रविधि व्याख्यान विधि प्रदर्शन प्रविधि प्रश्नोत्तर प्रविधि 1. नाइलॉन - एडीपीक अम्ल व हेक्सामेथिलिन डाइएमीन से बनता हैं 2. हेरिलीन - एथिलीन ग्लाइकोल व हेरीफ्थेलिक अम्ल से बनता हैं 3. टेफ्लॉन - नॉनस्टिक बर्तन बनाने में उपयोगी हैं ।
शिक्षण बिन्दु छात्राध्यापक क्रिया विद्यार्थी क्रिया ( छात्राध्यापक प्रश्न पूछकर पाठ का विकास करेंगे ) विकासात्मक प्रश्न : – 1. हल्के तथा मुलायम कपड़े किस्से बनाये जाते हैं ? 2. कृत्रिम रेशो के क्या-क्या उपयोग हैं? कृत्रिम रेशो से समस्यात्मक प्रश्न 2. कृत्रिम रेशो के उपयोग छात्राध्यापक कथन : – 1. टेफ्लॉन का उपयोग नॉनस्टिक बर्तन बनाने में किया जाता हैं .2. हल्के ,मुलायम ,चमकीले वस्त्र बनाने में नाइलॉन का उपयोग किया जाता हैं 3. गलीचे , चादर बनाने में 4. पैराशूट व् चट्टानों पर चढ़ने हेतु रस्से बनाये जाते है नाइलॉन से 5. विधुत स्विच बेकैलाइट के बने होते हैं विद्यार्थी ध्यानपूर्वक सुनेगे व अपनी उत्तर-पुस्तिका मे लिखेंगे
विधि / प्रविधि सहायक सामग्री श्यामपट्ट सार प्रश्नोत्तर प्रविधि व्याख्यान विधि प्रदर्शन प्रविधि 1. टेफ्लॉन का उपयोग नॉनस्टिक बर्तन बनाने में किया जाता हैं .2. हल्के , मुलायम , चमकीले वस्त्र बनाने में नाइलॉन का उपयोग किया जाता हैं 3. गलीचे , चादर बनाने में
मूल्यांकन प्रश्न वस्तुनिष्ट प्रश्न :- 1. नॉनस्टिक बर्तन बनाने में कौनसा कृत्रिम रेशा उपयोग में लिया जाता हैं ? ( अ ) टेफ्लॉन ( ब ) टेरिलिन ( स ) आरलॉन ( द ) रेशम। ( ) 2. रसोई के बर्तनों के हैंडल बनने में कोनसे रेशे का उपयोग करते हैं ? ( अ ) पॉलीथिन ( ब ) ऊन ( स ) रेशम ( द ) बेकेलाइट ( ) अतिलघुरात्मक प्रश्न :- 1. कृत्रिम रेशे किसे कहते हैं ? 2. नाइलॉन किससे प्राप्त होता हैं ? लघुरात्मक प्रश्न 1. कृत्रिम रेशो के चार उपयोग बताइये ? 2. टेरीलिन रेशो की तीन विशेषता बताइये ? गृहकार्य – अपने घर पायी जाने वाली कृत्रिम रेशों से बनी वस्तुओ और कपड़ो को सारणी मे लिखिये ।
पर्यवेक्षक टिप्पणी :- 1. आत्मविश्वास अच्छा है । 2. सहायक सामाग्री आकर्षक है । 3. शिक्षण प्रभावशाली रहा । पर्यवेक्षक हस्ताक्षर