LIST OF WORDS उभयतः (दोनों तरफ), सर्वतः (सब तरफ), धिक् (धिक्कार),उपर्युपरि (ऊपर), अधोऽधः (नीचे), अध्यधि (ऊपर-ऊपर),अभितः (दोनों तरफ), परितः (चारों तरफ), समया (पास),निकषा (पास), हा, प्रति, अन्तरा, अन्तरेण के योग में द्वितीयाविभक्ति होती है। कर्मप्रवचनीय (अनु, अति, अभ, उप, परि) के योग में द्वितीया विभक्ति आती है . दक्षिणेन तथा उत्तरेण आदि 'एनप्' प्रत्ययान्त शब्दों के साथ द्वितीया व षष्ठी विभक्ति होती है। पृथक्, विना और नाना के योग में द्वितीया, तृतीया और पंचमी विभक्ति होती है। अलम् के योग में तथा अपि, किम् कार्यम्, प्रयोजनम्, अर्थ, गुण, हीन इत्यादि शब्दों के योग में तृतीया विभक्ति होती है। सह, साकम्, सार्धम्, समम् के साथ अप्रधान में भी तृतीया विभक्ति होती है। पृथक्, विना, नाना के योग में द्वितीया, तृतीया व पंचमी विभक्ति होती है। अन्य (भिन्न, अतिरिक्त) आरात् (समीप या दूर), इतर, (दूसरा), ऋते (विना), प्राक्, प्रत्यक् आदि अन्य दिशावाची शब्द बहिः, अनन्तर, परं, ऊर्ध्वम् आदि के योग में पंचमी विभक्ति होती है। दूर और अन्तिक शब्दों में द्वितीया, तृतीया व पंचमी विभक्ति होती है। प्रतिनिधि व प्रतिदान (बदलना) के योग में पंचमी विभक्ति होती है।