Sanskrit visheshan and visheshaya

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About This Presentation


Easy explanation of visheshan and visheshaya in sanskritam .


Slide Content

संस्कृत   विशेषण और विशेष्य शौर्य प्रताप सिंह हर्षल दुबे अमन पवन यादव

विशेषण और विशेष्य

विशेष्य -             जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं । जैसे - 1- रमेश : कुशल : अस्ति ।     इस वाक्य में “ रमेश :” की विशेषता “ कुशल :” शब्द से बताई जा रही है , इसलिए ‘ रमेश :’ विशेष्य है ।

विशेषण -           संज्ञा व सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं । जैसे - 1. उन्नत : वृक्ष : अस्ति ।         

विशेषण -           संज्ञा व सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं । जैसे - 2. कक्षायाम् पंचाशत् छात्रा : सन्ति

विशेषण -           संज्ञा व सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं । जैसे - 3. आम्रं मधुरं अस्ति ।    इन वाक्यों में   “ उन्नत :, पंचाशत् , मधुरं , स :”    ये शब्द “ वृक्ष :, छात्रा :, आम्रम् , बालक :” इन संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं , अत में   “ उन्नत :, पंचाशत् , मधुरं , स :”  ये सब विशेषण हैं ।

संस्कृत विशेषण और विशेष्य के कुछ नियम - 1

संस्कृत विशेषण और विशेष्य के कुछ नियम - 2.    

संस्कृत विशेषण और विशेष्य के कुछ नियम - 3-

संस्कृत विशेषण और विशेष्य के कुछ नियम - 4- यल्लिङ्गं यद्वचनं या च विभक्तिर्विशेष्यस्य ।      तल्लिङ्गं तद्वचनं सैव विभक्तिर्विशेषणस्यापि ॥

विशेषण के प्रकार - विशेषण के चार प्रकार के होते हैं - 1. गुणवाचक विशेषण 2. संख्यावाचक विशेषण 3. परिमाणवाचक विशेषण 4. सार्वनामिक विशेषण ।

1.  गुणवाचक विशेषण -         जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण का बोध होता है , उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं । ( क ) बृहत्तमं पुस्तकालयं

1.  गुणवाचक विशेषण -         जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण का बोध होता है , उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं । ( ख ) सा तु  निर्भीका कन्या  अस्ति।

1.  गुणवाचक विशेषण -         जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण का बोध होता है , उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं । ( ग ) राकेशः सर्वथा  योग्यः वरः  अस्ति।

2. संख्या वाचक विशेषण -         जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराते हैं , उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ( क ) कक्षायां विंशति : छात्रा : सन्ति ।

2. संख्या वाचक विशेषण -         जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराते हैं , उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ( ख ) उद्याने पंचविंशति : वृक्षा : सन्ति ।

3. परिमाणवाचक विशेषण -          परिमाण का सामान्य अर्थ है नाप - तोल । जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की नाप - तोल सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करे , उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं । १. एकलीटर-दुग्धम्- एक लीटर दूध । २. सप्तमीटरपरिमितं वस्त्रम्- सात मीटर कपड़ा । ३. दशग्राम-स्वर्णम्- दस ग्राम सोना ।

4 . सार्वनामिक विशेषण -         जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं , वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं । जैसे - ( क ) स : बालक : गच्छति । ( ख ) तस्य छात्रस्य नाम उमेश : अस्ति ।       यहाँ पर संज्ञा शब्दों के साथ सर्वनाम शब्द ‘ स :, तस्य , सा ’ का प्रयोग हुआ है , अत : ‘ स :, तस्य , सा ’ ये सार्वनामिक विशेषण हैं ।