sanjeevkumar1593
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Oct 01, 2017
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About This Presentation
अधिगम:व्यवहार वनाम संज्ञान
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Added: Oct 01, 2017
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Slide Content
विभिन्न अधिगम सिद्धान्त प्रचलित आधुनिक सिद्धांत को तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है----- A.व्यवहारवादियों के सिद्धांत B.संज्ञानवादी सिद्धांत C.अन्य सिद्धांत
व्यवहारवादी सिद्धांत इसे भी दो तरह से वर्गीकृत किया जाता है ---- a.संयोजनवाद (connectionism) b.अनुबंधन (conditioning) a .संयोजनद के प्रतिपादक –Throndike हैं | इनके अनुसार--- “Learning is connecting.” सिखने की क्रिया में---- मन का शरीर से ,मानसिक क्रिया का शारीरिक क्रिया से या शारीरिक क्रिया का मानसिक क्रिया से या फिर मानसिक क्रिया का मानसिक क्रिया से संयोजन( connection)होता है | ऐसी क्रिया भी बताने/कराने/सीखाने के चलते होती है |
जारी--- b .अनुबंधन (conditioning)------- इसमें सोच यह है कि व्यवहार को मनचाहा ढाला जा सकता है यानि व्यवहार को condition कर सकते हैं| यह अनुबंधन भी दो (2) तरह के होते हैं --- C lassical conditioning----इसमें उद्दीपक खास के चलते अनुक्रिया होती है operant conditioning-----इसमें उद्दीपक विशेष के बिना अनुक्रिया होती है|
Classical conditioning ( शास्त्रीय अनुबंधन )में Pavlav (पावलाव )के शास्त्रीय अनुबंध सिद्धांत का नाम आता है| अनुबंध सिद्धांत अंतर्गत स्किनर (Skinner)का नाम प्रमुखता से आता है| इस सिद्धांत को स्किनर का सक्रिय अनुबंधन सिद्धांत भी कहते हैं.
About Behaviour( व्यवहार सन्दर्भ में ) जो व्यवहार किसी उद्दीपक खास के चलते होते हैं ,उसे अनुक्रिया व्यवहार (Respondent behaviour)कहा जाता है| कुछ व्यवहार बिना किसी खास उद्दीपक के चलते होते हैं |इन्हें सक्रिय व्यवहार(opernt behaviour) कहा जाता है| अन्ततः,इनमे shaping of behaviour ही होता है| अध्येता में वांछित व्यवहार हेतु शिक्षक अपने छात्रों को अपने हिसाब से मोड़ते हैं |
Different learning theories ( विभिन्न अधिगम सिद्धांत ) 1. T hrondike Learning Theory. 2.Pavlov’s classical Theory. 3.Skinner’s operant conditioning theory. 4.Piaget’s cognitive theory. 5.Kohler’s insight theory. .
Contd ……… 6.Information processing theory . 7.Maslow’s humanistic theory. 8.Bandura’s social learning theory. 9.Vygotsky social development theory 10.Hull’s reinforcement theory. 11.kert Lewin’s field theory. 12.Tollman’s sign theory.
Throndike’s Learning Theory…… महत्वपूर्ण हैं-------- उद्दीपक-S ,अनुक्रिया-R ,उद्दीपक-अनुक्रिया अनुबंध S-R bond . व्यवहार में सुधार trial and error ( प्रयास और त्रुटि)का परिणाम है | थोर्नडाइक ने तीन नियम बनाये --- i.तत्परता का नियम ii.प्रभाव का नियम iii.उपयोग/अभ्यास का नियम
थोर्नडाइक सिद्धांत के शैक्षिक निहितार्थ SR bond (उद्दीपन-अनुक्रिया बन्ध)को मजबूत बनाना ------- विद्यार्थियों को अभ्यास कार्य ,प्रशंसा ,पुरस्कार,पुनरावृत्ति द्वारा अधिगम को ठोस बनाना| छात्रों द्वारा त्रुटियों को दूर करते हुए समस्याओं का समाधान कराया जाना| अध्येता को सीखने हेतु तैयार करना |
पावलॉव का शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत (Pavlov’s classical theory ) महत्वपूर्ण ------ प्राकृतिक उद्दीपक /मूल उद्दीपक कृत्रिम उद्दीपक/द्वित्यक उद्दीपक मूल उद्दीपक के चलते व्यवहार परिवर्तन की ओर झुकाव द्वित्यक उद्दीपक के चलते भी सिखने में शामिल रहना | कुछ प्राकृतिक उद्दीपक -----भोजन,पानी,मौसम,लैंगिक संसर्ग आदि कुछ द्वितीयक उद्दीपक---ध्वनि,प्रकाश,कोई audio,कोई videos आदि
पावलाव शास्त्रीय अनुबंध सिद्धांत के शैक्षिक निहितार्थ उद्दीपक के प्रभाव से विद्यार्थी-शिक्षक सम्बन्ध को मजबूत कर पाना| प्रेम,नफरत जैसे भाव के लिए अनुबंधन महत्वपूर्ण प्रत्यक्षीकरण (perception) हेतु प्रथम उद्दीपक की महत्ता ,तदुपरांत इसे हटा लेने के बाद भी अध्येता का उद्दीप्त होना| उचित आदतों,रुचियों,सौन्दर्यात्मक भावनाओं के समुचित विकास में अनुबंधन की प्रक्रिया अध्यापकों के लिए लाभदायक होती है |
स्किनर का सक्रिय अनुबंध सिद्धांत Skinner’s operant conditioning theory. महत्वपूर्ण ----- कुछ व्यवहार जो बिना किसी उद्दीपन के चलते होते हैं , operant behav.(सक्रिय व्यवहार) कहलाते हैं. जैसे- घूमना,लिखना,रंगना,कूदना,खाना आदि सक्रिय व्यवहार परिवर्तन हेतु व्यक्ति को पहले कुछ-न –कुछ करना होता है. इसके परिणाम ही व्यवहार को पुनर्बलन मिलता है| सक्रिय व्यवहार को सकारात्मक पुनर्बलन से मजबूती मिलती है,फलस्वरूप अधिगम अच्छी होती है|
सक्रिय अनुबंधन सिद्धांत की शैक्षिक उपयोगिता असफलता दर को कम करने हेतु | व्यवहार में अपेक्षित सुधार लाने में सहायक | व्यक्तित्व के समुचित विकास मे दण्ड/तिरष्कार की जगह वांछित व्यवहार को पुनर्बलित कर सिखने को बेहतर बना पाने में | अधिकतम शैक्षिक उपयोगिता हेतु ------ अधिगम सामग्री का प्रस्तुतीकरण इस रूप में कि असफलता कम हाथ लगे| सही अनुक्रिया /उत्तरों हेतु तेजी से पुनर्बलन प्राप्त हो| अध्येता को स्वयं उसकी अपनी गति से सीखने का मौका मिले |
सूचना प्रक्रियाकरण का सिद्धांत Information processing theory. नए अनुभव ग्रहण करने,समस्याओं का हल ढूढने और अपने व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन लेन हेतु व्यक्ति किसी विशेष प्राप्त सूचनाओं का जिस ढंग से प्रक्रियाकरण करते हैं उसी आधार पर अधिगम के जिन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को विकसित किया गया है ,उन्हें ही सूचना प्रक्रियाकरण सिद्धांत का नाम दिया गया है | महत्वपूर्ण चरण इस रूप में होते हैं---- Input---------processing----------output
3 stages information processing theory Sensory registry level. Short term memory level. Long term memory level.
सूचना प्रक्रिया सिद्धांत के शैक्षिक निहितार्थ शाब्दिक/अशाब्दिक प्रक्रियाकरण तभी संभव है जब इसे सार्थक खण्डों/इकाईयों में बाँट लिया जाये| अध्येता को इस बात में मदद की जानी चाहिए कि कौन सी सामग्री अधिक महत्वपूर्ण,कम महत्वपूर्ण है पूर्व अधिगम से नए के सम्बन्ध बताने पड़ते हैं ताकि प्रक्रियाकरण अच्छे से हो सके| अधिगम सामग्री व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध ढंग से संगठित हो| विद्यार्थी किसी सूचनाओं को बिना सोचे-समझे रटने की वजाय उन्हें अच्छे से समझते हुए प्रक्रियाकरण करने में विश्वास रखें|
मैस्लो के मानववादी सिद्धांत महत्वपूर्ण ---- मानव को मानव जैसे स्वाभाविक व्यवहार में संलिप्त होना चाहिए ,न कि यन्त्र जैसा | मानव निम्न आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अपनी उच्च आवश्यकताओं को पूरा करता है Basic needs to high needs ? Survival needs to developmental needs? सीखना इसलिए नहीं हो की इसके पीछे कोई पुरस्कार है ,बल्कि सीखना आत्मविवेचना ( self actulization ) को बढ़ावा देती हो|
मैस्लो सिद्धांत के शैक्षिक निहितार्थ सीखने की प्रक्रिया (TLP)में बाल-केन्द्रित उपागम को महत्व दिया जाना चाहिए | बच्चे को आदेशात्मक/डाँटना/डपटना मानवीय शिक्षा का आधार न हो, मानवीय क्षमता,मूल्य,विकास पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए | आत्म सम्मान/प्रतिष्ठा/रक्षा के उचित अवसर प्रदान किये जाने चाहिए |