सम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता

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About This Presentation

communication,needs of effective communication


Slide Content

Introduction to Communication Prepared by---------- Sanjeev kumar . M.Sc .( Physics ,MU ), M.Ed.(Punjab univ .) NET(Education) qualified . Faculty of Education Govt.college of Teacher Education, Turki ( Muzaffarpur )

सम्प्रेषण क्या ? ‘सम्प्रेषण’ यानि communication की उत्पत्ति ------ लैटिन भाषा के communis एवं communicare से हुई है | विचारणीय------- सम्प्रेषण में आखिर होता क्या है? सम्प्रेषण का महत्व क्या है? सम्प्रेषण में भी प्रभावी सम्प्रेषण की क्या भूमिका होती है? हमारे शैक्षिक व्ययवस्था में प्रभावी सम्प्रेषण की क्या जरुरत है?

सम्प्रेषण ------------ तो सम्प्रेषण अन्तर्गत ----- किसी सूचना/ज्ञान/आदेश व विचारों संचरण होता है | कोई स्रोत से श्रोता तक किसी माध्यम द्वारा विचारों का आदान-प्रदान होता है| कई संघटक होते हैं| सिर्फ सम्प्रेषण ही नहीं बल्कि प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता होती है | अपने शैक्षिक व्यवस्था में प्रभावी सम्प्रेषण की ही आवश्यकता होती है |

सम्प्रेषण की परिभाषा “ यह किसी सूचना/ज्ञान से अवगत कराने की प्रक्रिया है जो किसी स्रोत एवं श्रोता(प्राप्तकर्ता)के बीच संवाद को सही ढंग से समझने/समझाने के लिए होती है|” “यह मानव के विचार एवं अभिवृत्ति को प्रभावित करने का एक जरिया है जो-- ज्ञान/विचार/संवेदना / अर्थपूर्ण संदेशों को लोगों के बीच रखता है|” “यह एक कौशल है जिसके द्वारा समस्त मानवीय व्यहवार सम्पादित होते हैं|”

सम्प्रेषण के संघटक(components) किसी सम्प्रेषण के लिए आवश्यक घटक हैं----- स्रोत(source) , संवाद(message) , प्राप्तकर्ता(receiver) परन्तु,प्रभावी सम्प्रेषण हेतु जरुरी 5 संघटक होते हैं ----- 1. स्रोत ( S ource). ,2. संवाद (message). , 3. माध्यम (channel), 4. प्राप्तकर्ता (receiver), 5. प्रतिपुष्टि (feedback)

शैक्षिक व्यवस्था में सम्प्रेषण किस प्रकार स्रोत रूप में -----------शिक्षक. श्रोता रूप में -----------विद्यार्थी . माध्यम/चैनल रूप में -सभी औपचारिक/अनौपचारिक माध्यम संवाद रूप में ---प्रेषित विषयवस्तु/सलाह/विचार प्रतिपुष्टि रूप में --------संवाद शुरू और अन्त में संवादकर्ता एवं प्राप्तकर्ता में सहमति की पुष्टि या जवावी संचार .

शैक्षिक प्रशासन में सम्बन्ध किनके-किनके बीच प्रबन्धक/नियन्त्रक का सम्बन्ध कर्मचारी से शिक्षा विभाग का अन्य सम्बंधित विभाग से विद्यार्थी का प्रबंधन से /प्रधान से शिक्षक/संकाय सदस्य का अपने ही सहयोगियों से विद्यालय/संस्थानों के सदस्यों का समुदाय से

प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता सम्प्रेषण सुचारू हेतु योजना की आवश्यकता उपयुक्त संवाद चयन की आवश्यकता बिना पूर्वाग्रह के सम्प्रेषण की आवश्यकता दुसरों को सावधानी से सुनने की आवश्यकता उचित भाषा-प्रवाह की आवश्यकता प्रतिपुष्टि पर ध्यान देने की आवश्यकता प्रचुर जानकारी के संवाद प्रेषण संचार नेटवर्क से बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता

सम्प्रेषण की प्रक्रिया में शामिल 1. सम्प्रेषण प्रक्रिया हेतु सम्प्रेषण-स्तर(communication level) 2. सम्प्रेषण-प्रवाह (communication flow) 3. भाषा प्रयोग (use of language) 4. सम्प्रेषण नेटवर्क (communication network ) 5. तकनीकी उपागम (technical approach)

सम्प्रेषण की प्रक्रिया ( P rocess of communication) 1. LEVELS OF COMMUNICATION ( संप्रेषण स्तर) निम्न 6 स्तर होते हैं ---------- VERBAL LEVEL( शाब्दिक सम्प्रेषण स्तर ) NONVERBAL LEVEL (अशाब्दिक सम्प्रेषण स्तर) INTERPERSONAL (अन्तर्वैक्तिक सम्प्रेषण स्तर) INTRAPERSONAL (अन्त्तरावैयक्तिक सम्प्रेषण स्तर) PUBLIC COMMUNICATION (जनता सम्प्रेषण ) MASS COMMUNICATION (जन समूह सम्प्रेषण )

अर्थ /MEANING सम्प्रेषण के शाब्दिक स्तर पर के संवाद प्रेषण में किसी शब्द प्रतीकों या शब्दों को बोलकर उपयोग में लाया जाता है |यानि कि शब्द प्रतीक को बोलकर या लिखकर सम्प्रेषण में उपयोग किया जाता है जो कई जगहों पर अलग-अलग रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है(ARBITRARY NATURE) जैसे—कहीं बुक/BOOK तो कहीं किताब या पुस्तक आदि | अशाब्दिक सम्प्रेषण में सम्प्रेषण शारीरिक हाव-भाव/भाव-भंगिमा/नेत्र संपर्क के द्वारा बिना बोले ही संप्रेषण हो जाता है|

जारी---------- जब कोई व्यक्ति स्वयं से ही वार्ता करता हो जैसे कि किसी चिन्ता में या अत्यंत प्रसन्नता में,तो ऐसा सम्प्रेषण INTRAPERSONAL कहा जाता है| सामान्यतः जिस सम्प्रेषण में कोई एक किसी अन्य से संवाद आदान-प्रदान करता हो ,तो ऐसा सम्प्रेषण INTERPERSONAL कहा जाता है| जब संवादकर्ता अपनी बातों को किसी बड़े समूह के बीच रखकर सम्प्रेषण करता हो,ऐसा सम्प्रेषण जन सम्प्रेषण कहा जाता है |जैसे-नेता जी का भाषण,विभागीय प्रवक्ता द्वारा कोई जन घोषणा आदि जब कोई संप्रेषण इस प्रकार का हो कि एक ही समय में एक वृहत जन समूह तक बातें पहुँच जाये जैसे कि-TV,रेडियो,फिल्म,अख़बार,पत्रिका,जर्नल,ICT समर्थित सभी संचार सामग्री के द्वारा हुआ सम्प्रेषण,तो इस तरह का सम्प्रेषण MASS COMMUNICATION कहा जाता है |

1. LE VELS OF COMMUNICATION VERBAL( शाब्दिक ) शाब्दिक( VERBAL ) के भी दो प्रकार होते हैं--------- ORAL (मौखिक) WRITTEN (लिखित) ORAL यह दो पक्षों के बीच आमने-सामने होता है मुँह से बोलने के अतिरिक्त यांत्रिक संयंत्र के सहारे भी होता है जैसे ---टेलीफोन,सेलफोन,कंप्यूटर,विडियो कांफ्रेंसिंग, इसके दो पहलू होते हैं—सुनना व प्रस्तुति ( listening and presenting)

M ode of verbal (ORAL) communication शाब्दिक सम्प्रेषण( मौखिक )को निम्न तरीकों से संप्रेषित करते हैं----- एक सामान्य बात-चीत (dialect/discourse) मौखिक आदेश (oral order) साक्षात्कार (interview) समूह चर्चा (group discussion) तकनकी संयंत्रों के द्वारा ( through technical - device)eg.-स्मार्टफोन,इन्टरनेट,इण्टरकॉम,

Advantages & Disadvantages of verbal (ORAL) communication A dvantages of oral verbal com(मौखिक शाब्दिक सम्प्रेषण की खूबियाँ)------ कम खर्चीला स्वाभाविक मानवीय प्रकृति बोलने के हाव-भाव से अर्थ स्पष्टता अधिक कोई खास योजना के बिना भी सम्पादित इसमें अशाब्दिक संप्रेषण भी शामिल हो जाता है परिचर्चा/वाद-विवाद हेतु अनिवार्य सन्देश प्राप्तकर्ता के लिए सहज होता है तकनीकी संयत्रों के इस्तेमाल हेतु उपयुक्त

पिछला जारी----- D isadvantages of oral verbal comm.--------- दूर वाले व्यक्ति हेतु दिक्कत तकनीकी संयंत्र द्वारा रुकावट से दिक्कतें, तकनीकी संयंत्र विश्वसनीय नहीं हो सकते ,जब-तक audio-video record नहीँ रखा जाये मौखिक सम्प्रेषन में संवादकर्ता संवाद को ध्यान से नहीं लेता है व खासकर साक्षात्कार में हडबडा सा जाता है

V erbal(written) communication शाब्दिक (लिखित )संप्रेषण M ode of verbal (WRITTEN) communication----- Any letter ( कोई पत्र ) reminder ( स्मारपत्र ) report ( प्रतिवेदन ) bulletin ( बुलेटिन ) book/magazine/ journa ( किताब/पत्रिका/शोधपत्र ) manual ( संदर्शिका ) Hand notes ( हस्तपुस्तिका ) E.mail/ई.मेल ,सोशल मीडिया

Advantages & Disadvantages of verbal (WRITTEN) c ommunication A dvantages of verbal written comm.(मौखिक लिखित सम्प्रेषण की खूबियाँ)------ दूर अवस्थित सन्देश प्राप्तकर्ता हेतु उत्तम जरिया ज्यादा जिम्मेवारी सौपने वाला जरिया आदेश निर्गत एवं उसके फैलाव का जरिया प्रमाणित/विश्वशनीय (रिकॉर्ड संधारण)का जरिया आधुनिक माध्यम द्वारा गोपनीय सूचना संधारण में मददगार अभिव्यक्ति को बेझिझक प्रकटीकरण का अच्छा जरिया

पिछला जारी --------- D isadvantages of written verbal comm.--------- खर्चीला है ज्यादा समय लेने वाला है अर्थ समझने में दिक्कत हो सकती है (यदि drafting गलत हो )

शाब्दिक सम्प्रेषण प्रभावी कैसे हो ? ( How the verbal communication be effective?) KISS factor (keep it short and simple ) यानि कि सम्प्रेषण में सरलता व संक्षिप्तता का ध्यान हो | विषयवस्तु स्प्ष्ट हो | भाषायी शुद्धता का पूरा ख्याल हो | ज्यादा लच्छेदार व क्लिष्ट न हो \ क्रमबद्ध होना चाहिए | श्रोता/पाठक को अच्छा लगे | उचित प्रवाह के साथ सम्प्रेषण होता हो| चैनल /माध्यम अच्छा हो | उचित नेटवर्क का हिस्सा हो|

Difference between ORAL & WRITTEN Verbal communication ORAL बोलकर होता है कम समय लगता है संक्षिप्त /असंक्षिप्त दोनों (प्रायः बड़ा ही ) प्रायः INFORMAL ही परन्तु,फॉर्मल भी होता है सामान्यतः हल्कापन रहता है कोई भी अपने संवाद से मुकर सकता है यदि रिकॉर्डिंग न हो इसे अविश्वसनीय मन जाता है संवाद का भाव/अर्थ प्रायः दिख जाता है WRITTEN लिखकर होता है ज्यादा समय लगता है यथासम्भव संक्षिप्त रखने का प्रयास होता है प्रायः FORMAL प्रकृति का होता है इसमें गंभीरता होती है लिखित अपने-आप में एक प्रमाण ही होता है इसे विश्वसनीय मना जाता है कभी-कभी भाव अस्पष्ट रह जाते हैं

NONVERBAL/GESTURAL COMMUNICATION अशाब्दिक/शारीरिक हाव-भाव वाला सम्प्रेषण सम्प्रेषण जो शारीरिक हाव-भाव/भंगिमा /प्रतीकों/संकेतों के आधार पर होता हो यह शाब्दिक सम्प्रेषण का न्युन्शेष पूरा करने वाला (SUPPLEMENT)होता है भाव,अभिवृत्ति,संवेग,आदि के परखने में सहायक है यह अभिप्रेरणा हेतु मददगार है हाथ मिलाना,गले लगा लेना,मुस्कुरा कर/गुस्सा प्रकट का भाव चेहरे पे लाना,नजरे मिलाना,शरीर घूमना,बुदबुदाना,आदि |

TYPES OF GESTURES Enumerative gesture( संख्या प्रतीक शारीरिक हाव-भाव ) ----जैसे दो या तीन हेतु अंगुली संकेत Descriptive gesture ( विवरणात्मक शारीरिक हाव-भाव)----जैसे मात्रा दिखाने हेतु चुटकी से बताना आदि Symbolic gesture ( सांकेतिक शारीरिक हाव-भाव ) ----जैसे v विजय चिन्ह हेतु,ट्रैफिक सिग्नल Locative gesture ( निर्धारित शारीरिक हाव-भाव ) Emphatic gesture ( जोर देनेवाला शारीरिक हाव-भाव ) ----किसी पर खास रूप से इंगित करना जैसे नक़्शे पर पॉइंटर से भूकंप प्रभावित क्षेत्र को बताना