एक जंगल में एक बकरी अपने बच्चे के साथ रहती थी। उसका नाम गोलू था। वह बहुत शरारती था। उसे सारा दिन बाहर खेलना अच्छा लग�...
एक जंगल में एक बकरी अपने बच्चे के साथ रहती थी। उसका नाम गोलू था। वह बहुत शरारती था। उसे सारा दिन बाहर खेलना अच्छा लगता था। एक दिन वह खेलते-खेलते जंगल की ओर निकल गया। बकरी ने गोलू को बाहर नहीं देखा तो वह परेशान हो गई। वह फटाफट जंगल की ओर भागी।
उसे डर था कि गोलू कहीं घने जंगल में न चला जाए। क्योंकि, वहाँ हर वक्त जंगली जानवर शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं। तभी गोलू की नजर उसकी माँ पर पड़ी। गोलू बोलता हैं- माँ, माँ आपने मुझे खोज ही लिया। जब बकरी उसके पास गई तो देखा कि गोलू पेड़ों की झुंड में छिपा हुआ था।
गोलू अपनी माँ को पास देखकर खुशी से उछल पड़ा। उसकी माँ उसे गुस्से से फटकार लगाते हुए बोली- “गोलू! तुम्हें कितनी बार मना किया हैं इस तरफ मत आया करो। लेकिन, तुम हो कि समझते नहीं हो। किसी दिन तुम खुद मुसीबत में फँसोगे और मुझे भी फंसा दोगे।
लेकिन, शरारती गोलू को चैन कहाँ। वह अगले ही दिन अपनी माँ को सोते देख फिर उसी घने जंगल की तरफ निकल पड़ा। गोलू ने जैसे ही जंगल में प्रवेश किया ही था कि एक भेड़िए की नजर गोलू के ऊपर पड़ गई। उसके लिए मानो आज का भोजन हो गया और उसके मुंह से पानी टपकने लगा।
वह गोलू को अकेला देखकर झट से उसके पास पहुँचा। गोलू ने जैसे ही भेड़िए को अपने पास आते देखा। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर उसकी माँ अपने दोस्त जंगली कुत्ते को अपने साथ लेकर उसके पास पहुँची। इतने में शिकारी कुत्ता तेजी से भेड़िए की तरफ छलांग लगाते हुए उसके पीछे पड़ गया और दूर तक उसका पीछा किया।
गोलू, भेड़िए को देखकर सहम गया था। उसने अपनी माँ से वादा किया कि वह बिना बताए अकेले कही नहीं जाएगा।
नैतिक शिक्षा:
हमें अपने बड़े बुजुर्गों की बात माननी चाहिए।
Size: 559.26 KB
Language: none
Added: Apr 19, 2025
Slides: 1 pages
Slide Content
भेड़िया बकरीऔर कुत्ते की कहानी
एक जंगल में एक बकरी अपने बच्चे के साथ रहती थी। उसका नाम गोलू था।
वह बहुत शरारती था। उसे सारा दिन बाहर खेलना अच्छा लगता था। एक दिन
वह खेलते-खेलते जंगल की ओर ननकल गया। बकरी ने गोलू को बाहर नहीं
िेखा तो वह परेशान हो गई। वह फटाफट जंगल की ओर भागी।
उसे डर था नक गोलू कहीं घने जंगल में न चला जाए। क्योंनक, वहााँ हर वक्त
जंगली जानवर शशकार की तलाश में घूमते रहते हैं। तभी गोलू की नजर उसकी
मााँ पर पिी। गोलू बोलता हैं- मााँ, मााँ आपने मुझे खोज ही शलया। जब बकरी
उसके पास गई तो िेखा नक गोलू पेिों की झुंड में शछपा हुआ था।
गोलू अपनी मााँ को पास िेखकर खुशी से उछल पिा। उसकी मााँ उसे गुस्से से
फटकार लगाते हुए बोली- “गोलू! तुम्हें नकतनी बार मना नकया हैं इस तरफ मत
आया करो। लेनकन, तुम हो नक समझते नहीं हो। नकसी दिन तुम खुि मुसीबत
में फाँ सोगे और मुझे भी फं सा िोगे।
लेनकन, शरारती गोलू को चैन कहााँ। वह अगले ही दिन अपनी मााँ को सोते िेख
नफर उसी घने जंगल की तरफ ननकल पिा। गोलू ने जैसे ही जंगल में प्रवेश
नकया ही था नक एक भेड़िए की नजर गोलू के ऊपर पि गई। उसके शलए मानो
आज का भोजन हो गया और उसके मुंह से पानी टपकने लगा।
वह गोलू को अके ला िेखकर झट से उसके पास पहुाँचा। गोलू ने जैसे ही भेड़िए
को अपने पास आते िेखा। वह जोर-जोर से ड़चल्लाने लगा। उसकी आवाज
सुनकर उसकी मााँ अपने िोस्त जंगली कु त्ते को अपने साथ लेकर उसके पास
पहुाँची। इतने में शशकारी कु त्ता तेजी से भेड़िए की तरफ छलांग लगाते हुए
उसके पीछे पि गया और दूर तक उसका पीछा नकया।
गोलू, भेड़िए को िेखकर सहम गया था। उसने अपनी मााँ से वािा नकया नक वह
नबना बताए अके ले कही नहीं जाएगा।
हमें अपने बिे बुजुगों की बात माननी चानहए।
@kahanizone.com
@kahanizone.com