समस्या समाधान के चरण या अवस्थाएं

RajeshVerma239 2,009 views 17 slides May 02, 2020
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About This Presentation

ऐसी संज्ञानात्मक प्रक्रिया जो कुछ समस्याओं या बाधाओं के परिणामस्वरूप शुरू होती है और किसी समाधान या लक्ष्य तक पह�...


Slide Content

समस्यासमाधानकेचरणयाअवस्थाएं
डॉराजेशवर्ाा
असिस्टेंटप्रोफेिर(र्नोसवज्ञान)
राजकीयर्हासवद्यालयआदर्पुर, सहिार, हररयाणा

पररभाषा
"समस्याओंकेसमाधानखोजनेकीप्रक्रिया"।
"ऐसीसंज्ञानात्मकप्रक्रियाजोकुछसमस्याओंयाबाधाओंके
परिणामस्वरूपशुरूहोतीहैऔिक्रकसीसमाधानयालक्ष्यतकपह ंचनेपिसमाप्तहो
जातीहै"।
समस्यासमाधानऐसीसोचहोतीहैजोएकक्रवक्रशष्टसमस्याकेसमाधान
की
ओिक्रनर्देक्रशतहोतीहै
क्रजसमेंर्दोनोंअर्ाात
प्रक्रतक्रियाओंकेगठनऔि
संभाक्रवतप्रक्रतक्रियाओंमें
सेचयनशाक्रमलहोतेहैं
(Solso,2006)।

पररचय
समस्यासमाधानमेंलक्ष्य-क्रनर्देक्रशतिचनात्मकसोचएवंर्दूसिेमनोवैज्ञाक्रनकसंसाधन
महत्वपूणाभूक्रमकाक्रनभातेहैं।जोव्यक्रिइनसंसाधनोंकासमझर्दािीऔिचतुिाईसे
उपयोगकितेहैंवेजक्रिलसमस्याओंको
आसानीसेहलकिलेतेहैं।एकसंज्ञानात्मक
प्रक्रियाहोनेकेनातेयहएकक्रनक्रितअनुिम
काअनुसिणकिताहैयाहमकहसकतेहैंक्रक
क्रकसीसमस्याकोहलकिनेकेक्रलएएक
सुव्यवक्रस्र्तस्वरूपकापालनकिनाहोताहै।
कुछमनोवैज्ञाक्रनकइसे'समस्या-समाधानचि'
भीकहतेहैं।समस्याआधीहलतभीहोजाती
हैजबमनकेपरिदृश्यमेंइसेबेहतिढंगसे
अंक्रकतकिकेसमझक्रलयाजाताहै।यहएक
पहलेसेतयअनुिमकापालनकिकेप्राप्त
जाताहैजैसाक्रकHayes(1989)द्वािासुझाया
गयाहै(Solso,2006)।

चरणयाअवस्थाएं
समस्यासमाधानकेक्रनम्नक्रलक्रखतसातचिणहोतेहैं: -
1.समस्याकीपहचानकिना(Identifyingtheproblem),
2.समस्याकाक्रनरूपणयावणानकिना(Representationofthe
problem),
3.समाधानकीयोजनाबनाना(उप-लक्ष्यक्रनधाारितकिना)(Planning
thesolution(setsubgoals)),
4.सभीसंभाक्रवत
समाधानोंका
मूलयांकनकिना
(Evaluateallpossible
solutions),

5.एकसमाधानकाचयनऔिक्रनष्पाक्रर्दतकिना(Selectonesolution
andexecuteit),
6.समाधानयापरिणामकामूलयांकनकिना(Evaluatethesolution
oroutcome),औि
7.समस्याऔिसमाधानपिपुनक्रवाचािकिकेउन्हेंपुनक्रनाधाारितकिना
(Rethinkandredefineproblemandsolutions)।

आइएइनचरणोंकोएककाल्पसनकिर्स्यायाचुनौतीकेर्ाध्यर्िेिर्झतेहैं।
"आपकावोक्रर्दनक्रजसकाआपकोकईक्रर्दनसेइंतजािर्ा,क्रनक्रितरूपसेशार्दी
काक्रर्दन,तेजीसेनजर्दीकआताजािहाहैऔिआपकोबह तसािेकामकिनेहैं!"
1.समस्याकीपहचानकिना(Identifyingtheproblem)–सबसे
महत्वपूणाकर्दमसमस्याकीपहचानकिनाहोताहै।इससेपहलेव्यक्रिकोतथ्योंऔि
मान्यताओंकेमध्यअंतिकोसमझनाआनाचाक्रहए।इसप्रक्रियामेंसमस्याकेसभी
संभाक्रवतकािणोंकीपहचानकीजातीहै,परिभाक्रितक्रकयाजाताहैऔिउन्हेंअच्छीतिह
सेसमझाजाताहै।
"आपकीशादीहोनेर्ेंकेवल9सदन
बचेहैंऔरआपकोबहुतकुछकरने
कीज़�रतहै"

2.समस्याकाक्रनरूपणयावणानकिना(Representationofthe
problem)–क्रनरूपणकाअर्ाहैसंज्ञानात्मकक्षेत्रकेभीतिसमस्याकेएकीकिणऔि
अनुवार्दसेहोताहै।यहााँपिसमस्यासमस्याकेप्रत्येकघिककोध्यानमेंिखकिउसका
एककायाशीलमानक्रसकमॉडलकाक्रनमााणक्रकयाजाताहै(eduhk.hk)।समस्याका
क्रनरूपणउतनाहीमहत्वपूणाहोताहैक्रजतनासमस्याकासमाधानखोजना।
"शादीिम्बन्धीज�रतोंकोपूराकरनेकेसलएउनज�रतोंकोिर्झनेकी
आवश्यकताहोतीहैसजिकेसलएिर्य
िीर्ाकेभीतरलक्ष्यको
प्राप्तकरनेकेसलएएक
िंज्ञानात्र्कख़ाका
तैयारसकयाजाताहै"।

3.समाधानकीयोजनाबनाना(उप-लक्ष्यक्रनधाारितकिना)(Planningthe
solution(setsubgoals))–यहक्रनणायलेनेकाचिणहोताहैजहांपिसभी
संभवसमाधानसूचीबद्धहोतेहैं।समाधानछोिेलक्ष्योंमेंक्रवभाक्रजतहोतेहैंजोक्रवकलप
बनानेमेंमर्दर्दगािहोतेहैं।एकव्यापकक्रवचािप्रक्रियाक्रजसेआमतौिपिगहनक्रवचाि-मंर्न
(Brainstroming)केरूपमेंजानाजाताहै,जोइनसंभाक्रवतसमाधानोंऔिउप-
समाधानोंपिलागूहोतीहै।
“शादीर्ेंकार्आनेवालेज�रीिार्ानकोखरीदनेकेसलएिंभासवतदुकानों
कोसचसन्हतसकयाजाता
हैतथासववाहस्थल,
कैटरिाऔरगासियोंकी
अंसतर्बुसकंगआसदके
सलएपहचानकी
जातीहै”।

4.सभीसंभाक्रवतसमाधानोंकामूलयांकनकिना(Evaluateall
possiblesolutions)–इसचिणमेंसभीसंभाक्रवतसमाधानोंकीपहचानकी
जातीहै,क्रजनकासमस्याकेपरिपेक्ष्यमेंउनकीर्दक्षताकामूलयांकनक्रकयाजाताहै।
मूलयांकनकेबार्दचयक्रनतक्रवकलपकोस्पष्टरूपसेवक्रणातऔिउसकीव्याख्याकी
जातीहै।
“सफरिभी
चयसनतदुकानों,
स्थानोंऔरअन्य
िेवाप्रदाताओंका
र्ूल्यांकनउसचत
दरोंपरतयिर्य
र्ेंिवोत्तर्िेवाएं
प्रदानकरनेकेसलए
सकयाजाताहै”।

5.समाधानकाचयनऔिक्रनष्पार्दन(Selectonesolutionand
executeit)–इसस्तिपिमूलयांकनक्रकएगएसभीसमाधानोंमेंसेसंभाक्रवतसवोत्तम
समाधानकायाान्वयनकेक्रलएचुनाजाताहै।कायाान्वयनप्रक्रिया,समस्यासमाधानका
अहम्चिणहोताहैक्योंक्रकपरिणामपिइसकाबह तगहिाप्रभावपड़ताहै।
“अबअपनीशादीकीपोशाकऔरअन्यर्हत्वपूणाकपिोंकेसलएपिंदीदा
दुकान,िबिेअच्छेस्थानऔरअन्यिेवाप्रदाताजोउसचतदरोंपरिर्य
परिवाश्रेष्ठिेवाप्रदान
करिकेंकोसनधााररत
करें।अबसदलऔरपिा
खोलकरखरीदारीर्ें
जुटजाएँ!”

6.समाधानयापरिणामकामूलयांकनकिना(Evaluatethesolutionor
outcome)–यहवहचिणहोताहैजहााँसंभाक्रवतसमाधानकेपरिणामकामूलयांकन
क्रकयाजाताहै।परिणामकेप्रत्येकपहलूकोबड़ेध्यानसेक्रबनाक्रकसीपूवााग्रहयापक्षपात
केतौलाजाताहै।यक्रर्दआवश्यकहोतोसभीसंबंक्रधतव्यक्रियोंसेप्रक्रतपुक्रष्ट
(Feedback)मांगीजासकतीहै,यहप्रक्रियास्पष्टमूलयांकनमेंकाफीमर्दर्दगािसाक्रबत
होतीहै।
“खरीदारीसकएजानेकेबाद,प्रत्येकआइटर्कोउिकेरंग-सर्लान,लागत,सफसटंग
आसदके
सलएअपनीपिंदकीकिौटीप
रिावधानीिेजांचेऔरपरखें।
सवश्लेषणर्ेंदूिरोंकीर्ददलें
औरउन्हेंस्वतंत्र�पिेअपने
सवचाररखनेकेसलएकहें।सचंता
र्तकीसजयेपिंदनआनेवाले
आइटम्िकोबदलनेकेसलए
अभीपयााप्तिर्यहै!”

7.समस्याऔिउसकेसमाधानोंपिपुनक्रवाचािकिकेउन्हेंपुनक्रनाधाारितकिना
(Rethinkandredefineproblemandsolutions)–यहसमीक्षा
चिणहोताहैजहांपरिणामोंकीसमीक्षाकीजातीहै।यक्रर्दसमाधानसवोत्तमक्रसद्धहो
जातेहैंतोऔिइससेअच्छीबातक्याहोगी।औिअगिक्रपछलेचिणमेंक्रकयागया
क्रवश्लेिण
समाधानमेंसुधािऔि
परिवतानकीमांगकिता
हैतोइसपिखुलेमन
सेक्रवचािकिेंऔि
आगेबढ़ें।

यहचरणअसतर्हत्वपूणाहोताहैक्योंसक:
(i)यहचिणबताताहैक्रकसमस्यासमाधानमेंक्रकस-क्रकसपहलूनेवास्तवमें
योगर्दानक्रर्दया।
(ii)यहयेभीबताताहैकीक्रकसपहलूनेयोगर्दाननहींक्रर्दया।
(iii)यहसमाधान
केप्रभावपिप्रक्रतपुक्रष्ट
(Feedback)भी
प्रर्दानकिताहै।

(iv)यहसंशोधनकेक्रलएगुंजाइशभीप्रर्दानकिताहैतर्ासफलताऔिक्रवफलता
केकािणोंपिक्रनक्रितरूपसेप्रकाशभीडालताहै।
“बहुतबसिया।आपकोशादी
कीभव्यिफलताकेसलएबहुत
बधाई।इिप्रोग्रार्र्ेंज�रकुछ
कसर्यांरहगईहोंगीसजनर्ेंिुधार
कीिम्भावनाहोगी,आपइन्हे
अपनीछोटीबहनयाभाईके
शादीिर्ारोहर्ेंदूरकरिकतेहैं।
आपकाअनुभवउनकेसलए
र्ूल्यवानहोगा”।

सन्दर्भ:
1. NCERT,XIPsychologyTextbook.
2. Solso,R.S.(2006).CognitivePsychology.NewDelhi:
Pearson.
3.Ciccarelli,S.K.&Meyer,G.E.(2016).Psychology.New
Delhi:Pearson.
4. https://www.eduhk.hk/apfslt/v8_issue2/joan/joan3.htm.

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