Teaching: Meaning, Definition, Nature, Characteristics and Aims.
nishatanjum22
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Aug 24, 2021
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About This Presentation
Meaning, Definition, Nature, Characteristics and Aims of Teaching in Hindi.
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Added: Aug 24, 2021
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Slide Content
शिक्षण : अर्थ, परिभाषाएँ, प्रकृति, उद्देश्य एवं विशेषतायें। Nishat Anjum, Research Scholar, MJPRU, Bareilly.
शिक्षण का अर्थ शिक्षण शब्द अंग्रेजी के टीचिंग शब्द का हिंदी रूपांतरण है , जिसका अर्थ है सीखना| शिक्षण एक प्रक्रिया है जिसका सीधा संबंध अधिगम और विद्यार्थी के व्यवहार परिवर्तन से होता है| शिक्षण प्रक्रिया क्रम में तथा व्यवस्थित होती है, जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, पाठ्यवस्तु, संप्रेषण विधियां शिक्षण व्यूह - रचनाएं, शिक्षण सामग्री आदि अवयव सम्मिलित होते हैं| शिक्षण में विद्यार्थी और शिक्षक के मध्य अंतः क्रिया होती है| जिसके फलस्वरूप विद्यार्थी के व्यवहार में वांछित परिवर्तन लाया जाता है| इसलिए इसे एक सामाजिक प्रक्रिया भी कहा जाता है| शिक्षण का संबंध समाज में निहित दर्शन, मूल्यों ,संस्कृति और विचारधारा से होता है| जिस देश का जैसा स्वरूप होता है, उसी के अनुरूप वहां शिक्षण व्यवस्था होती है|
एकतंत्र शासन में शिक्षण का अर्थ- इस प्रकार की शासन – व्यवस्था परंपरागत व्यवस्था सिद्धांत: कार्य केंद्रित ,,पर आधारित होती है| एक तंत्र आत्मक शासन में शिक्षक का महत्व शिक्षण प्रक्रिया के अंतर्गत प्रमुख माना जाता है|और छात्र का स्थान गॉड होता है इस प्रकार के परिवेश में शिक्षकों आदर्श माना जाता है | छात्र की समस्त क्रियाओं को शिक्षक दिशा प्रदान करता है |वह क्या सोचे, क्या करें एवं कैसे करें? छात्रों को डिस्कशन लॉजिक एवं शिक्षक की आलोचना करने का अधिकार नहीं दिया जाता है| प्रजातंत्र या लोकतंत्र शासन में शिक्षण का अर्थ- प्रजातं त्रा त्मक शासन प्रणाली ''माननीय व्यवस्था सिद्धांत : संबंध केंद्रित पर आधारित होती है | इस विचारधारा में जनता का शासन, जनता के लिए तथा जनता द्वारा, के विचार का अनुसरण किया जाता है| इस प्रकार की शासन व्यवस्था में भी व्यक्तियों के विचारों को प्रधानता दी जाती है| इस व्यवस्था में इस विचार को प्रमुखता दी जाती है कि शिक्षा की व्यवस्था बालक के लिए की गई है| इसमें स्वयं अनुशासन को वरीयता दी जाती है एवं अंतः क्रिया को प्रमुखता दी जाती है|
स्वतंत्रा त्मक शासन में शिक्षण का अर्थ- इस प्रकार की शासन प्रणाली ''आधुनिक व्यवस्था सिद्धांत : कार्य तथा संबंध केंद्रित ,,पर आधारित होती है| इसमें शिक्षक की अपेक्षा छात्र अधिक सक्रिय रहते हैं| छात्रों को अपनी सृजनात्मक क्षमताओं को प्रयोग करने का पूरा अवसर प्रदान किया जाता है| शिक्षक एक मित्र की भूमिका निभाता है| इस शिक्षण में उच्च स्तर की प्राप्ति की जाती है|
शिक्षण की परिभाषाएं बार्टन- " शिक्षण अधिगम हेतु उद्दीपन ,मार्ग - दर्शन तथा दिशा बोध है। बी . ओ . स्मिथ- "शिक्षण क्रियाओं का वह समूह है जो अधिगम को उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करता है| थॉमस एवं ग्रीन- "शिक्षण ,शिक्षक का वह कार्य जैसे बालक के विकास के लिए किया जाता है|
शिक्षण की प्रकृति शिक्षण एक उद्देश्य पूर्ण प्रक्रिया है| शिक्षण एक अंत: क्रिया है| शिक्षण कला एवं विज्ञान दोनों हैं| शिक्षण एक विकासात्मक प्रक्रिया है| शिक्षण कौशल युक्त प्रक्रिया है| शिक्षण का कार्य- ज्ञान प्रदान करना है| शिक्षण एक तार्किक क्रिया है| शिक्षण के दो प्रमुख अवयव हैं- सीखने वाला एवं सिखाने वाला| Contd..
शिक्षण के दो प्रमुख पक्ष हैं- पाठ्य वस्तु एवं संप्रेषण| शिक्षण एक औपचारिक एवं अनौपचारिक प्रक्रिया है| शिक्षण 3 ध्रुवीय प्रक्रिया है| शिक्षण अधिगम को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है| शिक्षण प्रेक्षण-योग्य, मापन-योग्य और सुधार-योग्य प्रक्रिया है| शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिस का अवलोकन और विश्लेषण किया जा सकता है| Contd..
शिक्षण के उद्देश्य शिक्षा के उद्देश्य से ही शिक्षण के उद्देश्यों का निर्माण होता है| जिस प्रकार शिक्षा के उद्देश्य परिवर्तनशील है वैसे ही शिक्षण के भी उद्देश्य परिवर्तनशील है- बालक को उसके जीवन से संबंधित उपयोगी ज्ञान प्रदान कराना| शिक्षण का उद्देश्य बालक को सीखने के लिए प्रेरित करना क्योंकि छात्रों को प्रेरित ना होने पर शिक्षण अधिगम उपयुक्त नहीं होगा| बालक की मानसिक क्षमता का विकास करना| बालक के मानवीय गुणों का विकास करना| Contd..
Contd.. बालकों में क्रियाशीलता का विकास करना तथा उन्हें क्रिया करने का अवसर प्रदान करना| बालकों में संवेदनशीलता का विकास करना| बालकों में वातावरण के प्रति समायोजन की क्षमता प्रदान करना| बालकों में आत्मविश्वास तथा आत्मानुभूति करने योग्य बनाना| बालकों में सृजनात्मक क्षमता का विकास करना तथा सृजनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करना|
शिक्षण की विशेषताएं शिक्षण से शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति होती है| शिक्षण सीखने के नियमों पर आधारित होता है| शिक्षण बालक की क्रियाओं से पूर्व होता है| यह प्रेरणात्मक एवं सृजनात्मक होता है| यह व्यक्ति की विभिन्न नेताओं पर आधारित होता है| यह चयनात्मक होता है| यह सहानुभूति पूर्ण होता है और बालक के सहयोग से आगे बढ़ता है| यह पूर्ण रूप से व्यवस्थित एवं जनतांत्रिक होता है|