mumthazmaharoof
2,443 views
18 slides
Mar 13, 2018
Slide 1 of 18
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
About This Presentation
presentation on teaching of prose in Hindi-teaching of prose
Size: 810.26 KB
Language: none
Added: Mar 13, 2018
Slides: 18 pages
Slide Content
गद्य-शिक्षण
गद्य-शिक्षण
गद्य के विशिन्न विधाओं जैसे कहानी,ननबंध
आलोचना ,नाटक ,संिाद आदद पढ़ाने को
गद्य -शिक्षण कहा जाता है। दहंदी शिक्षण में
गद्य -शिक्षण का अननिायय स्थान है। गद्य
इतना सरल नहीं होता जजतना पद्य। गद्य
जीिन के विशिन्न क्षेत्रों का ज्ञान प्रदान करने
का स्रोत है।इसके द्िारा ही बच्चो के िब्द
िंडार में िृद्धध की जाती है। िाचन तथा
मौखिक अशिव्यजतत का आरंि गद्य -शिक्षण
से होता है। गद्य -शिक्षण के बबना दहंदी
शिक्षण का आरंि ही संिि नहीं है।
गद्य -शिक्षण के उधेश्य
•सामान्य उधेश्य
•विशिष्ट उधेश्य
सामान्य उधेश्य
िुद्ध उच्चारण ,देिनागरी शलवप का
ज्ञान ,अथय ग्रहण ,िब्द िंडार में
िृद्धध ,सूजतत -िंडार में िृद्धध
विशिन्न गद्य िैशलयों से पररचय
बोध तथा वििेचन िजतत मेंविकास
व्यािहाररक ज्ञान में िृद्धधआदद/
विशिष्ट उधेश्य
गद्य के विशिन्न विधाओं के
विशिन्न विषय होते है,जैसे-
सामाजजक,पाररिाररक,प्राकृनतक
राजनैनतक,नैनतकआदद। इन्हीविषयों
के अनुसार विशिष्ट उधेश्य ननधायररत
ककये जाते है।
गद्य-शिक्षण के
शिक्षण-सोपानएिं
शिक्षण-विधधयां
शिक्षा-विचारक हबयटयस्पेंसर
के शिक्षण-सोपान
१. प्रस्तािना
२. विषय प्रिेि
३. तुलना एिं व्यिस्था
४. ननयमीकरण
५. अभ्यास
गद्य-शिक्षण के ननयशमत
सोपान
•१. प्रस्तािना
•२. प्रस्तुतीकरण या िाचन
•३. व्याख्या
•४. विचार-विश्लेषण
•५. आिृवि
•६. गृह-कायय
१.प्रस्तािना
•इस सोपान मे प्रशसद्ध शिक्षण
सूत्र "ज्ञात से अज्ञात की ओर" का
अनुकरण करते हुए विद्याधथययों के
पूियज्ञान का परीक्षण करता है।
विद्याधथययों में पढ़ने केशलए रूधच
उतपन्न करता है तथा शिक्षण
केशलए प्रेरक िातािरण का ननमायण
करता है।
२.प्रस्तुतीकरण या
िाचन
अध्यापक द्ििारा आदिय पाठ
विद्याधथययों द्िारा अनुकरण
पाठ या सस्िर िाचन
विद्याधथययों द्िारा मौन पाठ
३.व्याख्या
इसमें कुछ शिक्षण विधधयों का प्रयोग
ककया जाताहै
१. उद्बोधन विधध
२. प्रिचन विधध
३. स्पष्टीकरण विधध
उद्बोधन विधध
•इसके द्िारा अध्यापक कदठन िबदो
का अथय स्ियं नहीं बताता विशिन्न
साधनों से उद्बोधधत करता है।
अध्यापक िास्तविक िस्तु का प्रत्यक्ष
दियन करा कर अथय बता देती है।
४.विचार-विश्लेषण
•इस सोपान द्िारा विद्याधथययों
की विचार िजतत का विकास
होते है। विचार-विश्लेषण
केशलए प्रश्नोिर ,उदाहरण
,तुलना ,स्पष्टीकरण आदद
विशिन्न विधधयों का प्रयोग कर
सकता है।
५.आिृवि
•पदित गध्याम्ि की संक्षक्षप्त
दोहराई केशलए आिृवि करती
रहधथ है। इससे अध्यापक को
ज्ञात हो जाता है कक विद्याधथययों
के िाषा-ज्ञान में कहााँ तक िृद्धध
हुई है तथा विचार एिं िाषाको
उन्होंने कहां तक समझा है।
६.गृह-कायय
यह गद्य-शिक्षण का अंनतम
सोपान है। इसमें विद्याधथययों
को घर में करने केशलए काम
ददया जाता है। इसमें
विद्याधथययों को स्ितन्त्रतापूियक
अभ्यास करने का अिसर
शमलता है।